Lunar New Year 2023: दीर्घायु, शांति और समृद्धि का प्रतीक खरगोश का वर्ष है चाइनीज चंद्र नव वर्ष

 

Lunar New Year Facts in Brief

Lunar New Year 2023:
चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023) आधिकारिक तौर पर आज अर्थात 22 जनवरी 2022 से आरंभ हुआ है.  आपको यह जानकारी हैरानी होती कि Lunar New Year 2023 अर्थात चीनी नव वर्ष केवल एक दिन का उत्सव नहीं है जैसे कि हम सामान्यत: 1 जनवरी की आधी रात को नए साल की शुरुआत करते हैं और एक दिन के दिन के उत्सव के  रूप में मनाते हैं।

चीनी नव वर्ष चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023) को आरम्भ होकर यह त्योहार 5 फरवरी तक चलेगा, कुल मिलाकर लगभग 15 दिन। उल्लेखनीय है कि 2023 चीनी राशि के अनुसार खरगोश का वर्ष है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर के ठीक विपरीत, चंद्र कैलेंडर आमतौर पर जनवरी के अंत में पहली अमावस्या से शुरू होता है जो कि इस वर्ष 22 जनवरी 2022 को  मनाया जा रहा है। सामान्यत: चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023)  को मनाने के लिए लोग एक-दूसरे के लिए जीवन में उनके , परिवार, स्वास्थ्य, धन और बहु-पीढ़ी की परंपराओं का जश्न मनाने का समय होता है।

जहाँ तक चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023)  मनाने का प्रश्न होता है इसके अनुसार लोग प्रत्येक दिन राशि चक्र के जानवरों के जन्मदिन की तरह कुछ अलग ढंग से मनाते हैं. साथ ही ऐसा मान्यता होती है कि  प्रत्येक दिन की अपनी परंपराएं होती हैं जो भोजन, धन, परिवार और स्मरण से भरी होती हैं।

ऐसी मान्यता है कि चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023) चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक वर्ष 12 राशियों में से एक जानवर द्वारा दर्शाया जाता है, और यह वर्ष दीर्घायु, शांति और समृद्धि का प्रतीक खरगोश का वर्ष होगा।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चाइनीज  चंद्र नव वर्ष  आने वाले सालों में निम्न तिथिओं को पड़ेगा और एनिमल की सूची जो सम्बंधित वर्ष का प्रतीक  होगा. 


2024:10  फरवरी 10  (शनिवार)- ड्रैगन

2025: 29, जनवरी  2025 (बुधवार) -सर्प

2026: 17 फरवरी  2026 (मंगलवार)- घोड़ा

2027:  6 फरवरी  2027 (शनिवार)- भेड़

2028: 26 जनवरी 2028 (बुधवार)- बंदर

2029 -13 फरवरी 2029 (मंगलवार)- मुर्गा

2030-3 फरवरी 2030 (रविवार)- कुत्ता

मिलेट महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश के मंडला में: जाने मोटा अनाज से सम्बंधित खास तथ्य

Millets Conclave Five facts

मध्य प्रदेश के मंडला में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने मिलेट महोत्सव का  उद्घाटन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को मोटा अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित करने के मद्देनजर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय मोटा अनाज के खपत और निर्यात क्षमता, पोषण लाभ और मूल्यवर्धन के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से देश के 20 राज्यों और 30 जिलों में मोटा अनाज महोत्सव की मेजबानी कर रहा है। 

 इन जिलों में मंडला (मध्य प्रदेश), विजयनगरम (आंध्र प्रदेश), भोजपुर (बिहार), महबूबनगर (तेलंगाना), धर्मपुरी (तमिलनाडु), आगरा (उत्तर प्रदेश), कार्बी आंगलोंग (असम), विरुधुनगर (तमिलनाडु), डांग (गुजरात), पार्वतीपुरम मान्यम (आंध्र प्रदेश), कोमाराम भीम (तेलंगाना), अल्मोड़ा (उत्तराखंड), नुआपाड़ा (ओडिशा), बठिंडा (पंजाब), पलक्कड़ (केरल), दावणगेरे (कर्नाटक), तापी (गुजरात), बाड़मेर (राजस्थान) ), कुल्लू (हिमाचल प्रदेश), तुमकुर (कर्नाटक), भिंड (मध्य प्रदेश), नंदुरबार (महाराष्ट्र), जोधपुर (राजस्थान), सुकमा (छत्तीसगढ़), महेंद्रगढ़ (हरियाणा), अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), कलिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) , खूंटी (झारखंड) और जमुई (बिहार) शामिल हैं।

मंडला कोदो और कुटकी मोटा अनाज के उत्पादन का केंद्र है, जिसे भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना के अंतर्गत के तहत वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के औपचारिककरण के रूप में भी पहचाना गया है।  

Millets Conclave Five facts 

  1. मंत्रालय द्वारा मोटा अनाज महोत्सव के अलावा, 3 से 5 नवंबर 2023 तक नई दिल्ली में एक मेगा-फूड कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है, 
  2. मोटा अनाज 130 से अधिक देशों में उगाए जाने के कारण पूरे एशिया और अफ्रीका में आधे अरब से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन माना जाता है। 
  3. वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मोटा अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। 
  4. मोटा अनाज की विशाल क्षमता को पहचानते हुए, जो संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ भी मेल खाती है, भारत सरकार (जीओआई) ने मोटा अनाज को प्राथमिकता दी है।
  5. माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत सरकार के अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईओएम) 2023 के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा स्वीकार किया गया था। यह घोषणा भारत सरकार के लिए आईवाईओएम को मनाने में सबसे आगे रहने के लिए सहायक रही है।

पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों का अखिल भारतीय सम्मेलन में दिल्ली में, जाने 20 14 से किन शहरों में ही हुई आयोजित

Conference of Director Generals/ Inspector Generals of Police Brief Facts

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21-22 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन 2022 में शामिल होंगे। 20 से 22 जनवरी 2023 तक आयोजित होने वाला यह तीन दिवसीय सम्मेलन हाईब्रिड प्रारूप में होगा। 

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों सहित लगभग 100 आमंत्रित व्यक्ति इस सम्मेलन में भौतिक रूप से भाग लेंगे, जबकि शेष आमंत्रित व्यक्ति इस सम्मेलन में देश भर से वर्चुअल रूप से भाग लेंगे। 

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 से ही पूरे देश में वार्षिक डीजीपी सम्मेलनों का आयोजन किए जाने को भी प्रोत्साहित किया है। 

पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन: Brief Facts

  1. यह सम्मेलन वर्ष 2014 में गुवाहाटी में; 
  2. वर्ष 2015 में धोरडो, कच्छ का रण में;
  3. वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में; 
  4. वर्ष 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर में; 
  5. वर्ष 2018 में केवड़िया में; और 
  6. वर्ष 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में और
  7.  वर्ष 2021 में पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में आयोजित किया गया था।