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नजरिया जीने का@पैरेंटिंग टिप्स: प्रशंसा करें, यह आपके बच्चे के आत्मविश्वास और आत्म-बोध को बढ़ाती है

Parent tips Najariya jine ka Praise increases Confidence

पैरेंटिंग टिप्स
: आप अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छे पेरन्ट बनना चाहते हैं तो उनके साथ फ़्रेंडली होने के साथ हीं उनके एफर्ट और गुड वर्क को प्रोत्साहन और प्रशंसा करना सीखें, याद रखें, आपके प्रोत्साहन और प्रशंसा के शब्दों मे वह ताकत हैं जिनकी मदद से आपके बच्चे सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने कि कोशिश करते रहने के साथ आशावादी होने की अधिक संभावना रखते हैं।

कुछ बच्चों, खासकर जो दूसरों की तुलना में कम आत्मविश्वासी होते हैं, उन्हें दूसरों की तुलना में ज़्यादा प्रोत्साहन की ज़रूरत होती है। जब प्रशंसा प्रयास पर केंद्रित होती है, तो बच्चे कड़ी मेहनत को अपने आप में अच्छा मानते हैं। 

विश्वास करें, प्रशंसा आपके बच्चे के आत्मविश्वास और आत्म-बोध को बढ़ाती है। प्रशंसा का उपयोग करके, आप अपने बच्चे को दिखा रहे हैं कि खुद के बारे में सकारात्मक तरीके से कैसे सोचना और बात करना है। आप अपने बच्चे को यह सीखने में मदद कर रहे हैं कि जब वे अच्छा करते हैं तो उन्हें कैसे पहचानना है और खुद पर गर्व महसूस करना है।

बच्चों के अंदर मानसिक रूप से क्या चल रहा है इसकी समझ भी पैरेंट को पता होना जरूरी है खासकर तब जब बच्चे किसी कुंठा या किसी दूसरे अपने सहपाठी से किए गए तुलना से परेशान होते हैं। याद रखें, बच्चों कि किसी अन्य बच्चे के साथ कि गई अनावश्यक तुलना उनको मानसिक रूप से अधिक परेशान कर सकती है।

 इसके लिए जरूरी है कि आप फ़्रेंडली बनकर उसे प्रोत्साहित करें कि नेक्स्ट टाइम वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। यह बात और है कि वह प्रदर्शन हम पैरेंट कि ही जिम्मेदारी है लेकिन उसमें आप चुनौतीपूर्ण और सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशंसा और प्रोत्साहन का उपयोग कर सकते हैं।

बच्चे के अंदर चल रहे छोटे बदलावों और परिवर्तनों को नजरंदाज नहीं करें और हमेशा उन पर ध्यान दें। उसके द्वारा किए गए किसी भी प्रयास या सुधार की प्रशंसा करें भले हीं वह छोटी से सफलता हो या लघु उपलब्धि हो, बजाय इसके कि जब तक आपका बच्चा कुछ बढ़िया न कर ले, तब तक प्रतीक्षा करें।

अपने बच्चे की खूबियों की प्रशंसा करें और अपने बच्चे को उसकी खुद की रुचियों के बारे में उत्साहित महसूस करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे आपके बच्चे में गर्व और आत्मविश्वास की भावना विकसित करने में मदद मिलेगी।


नजरिया जीने का: मुफ्त की चीजों का एक बार अवश्य मूल्याङ्कन करें क्योंकि इसकी महँगी कीमत चुकानी होगी

najariya jine ka avoid free gifts it cost more

मुफ्त की चीजें देखने में अच्छी लगती हैं, लेकिन यह एक आम विश्वास है कि "मुफ्त की चीजें हमें अक्सर महँगी पड़ती हैं" आप  इसके लिए मुफ्त में पाए जाने वाले सुविधाओं और मिले रेवरियों का अध्ययन कर यह देख हैं.  अध्ययन पर अगर आप गौर करेंगे तो मुफ्त के मिलने वाले इन सेवाओं के बदले में आपको भविष्य में ज्यादा पे करने पड़ते हैं यह तथ्य आपको सोचने पर मजबूर करता है कि इन चीजों को लेने से पहले उनकी मूल्यांकन करना चाहिए.

 दुनियाँ के दांव पेंच से रखना न वास्ता 
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता 
 भटका न दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के
-प्रदीप 

मुफ्त की चीजें अक्सर ऐसी होती हैं जिनका कोई निर्धारित मूल्य नहीं होता है या जिन्हें किसी अन्य उत्पाद के साथ सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है, जैसे सरकारी योजनाएं या नमक के मुफ्त बाटे। लेकिन यह भी सच है कि इन चीजों को सब्सिडी के रूप में प्रदान करने के लिए सामान्यतः किसी अन्य स्रोत से धनराशि उठाई जाती है, जिसे फिर सामरिक या आर्थिक रूप से भुगतान करना पड़ता है.

यह ध्यान में रखें कि यदि कोई चीज़ मुफ्त है, तो उसे अपने उत्पादन, प्रदान और वितरण के लिए कोई मूल्यांकन या मानक नहीं होता है, जिससे उसका गुणवत्ता और मान्यता बाढ़ सके. इसलिए, मुफ्त की चीजों का उपयोग करते समय हमें अपने निर्णयों को सावधानीपूर्वक चुनना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें कोई अनुमति प्राप्त है और हम इसकी वास्तविक मूल्य को समझते हैं.

व्यापार की दृष्टि से भी, यदि कोई व्यक्ति निरंतर मुफ्त चीजें प्राप्त करने का आदान-प्रदान करता है, तो वह उस व्यक्ति के लिए लाभदायक नहीं होगा क्योंकि व्यापारिक मानकों में इन चीजों का मूल्य होता है और उनका उपयोग करने के लिए समय, ऊर्जा और संसाधन की आवश्यकता होती है. इसलिए, सामान्यतः, मुफ्त चीजें संभावित हैं कि उन्हें बहिष्कार करने के बजाय, उसकी वास्तविक मूल्य का मान्यांकन करना और उसे उचित मानदंडों के अनुसार खरीदना और उपयोग करना उचित होगा.

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,

तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।

किसने तुमको रोका है,

तुम्ही ने तुम को रोका है।

भर साहस और दम, बढ़ा कदम,

अब इससे अच्छा कोई न मौका है।

-नरेंद्र वर्मा

संक्षेप में कहें तो, मुफ्त की चीजों को बहिष्कार करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि उनकी मूल्यांकन करने और संभावित नुकसानों को समझने की आवश्यकता होती है और उन्हें उचित रूप से उपयोग करने के फायदों और नुकसानों को विचार में रखना चाहिए।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

नजरिया जीने का: विपत्तियां यह अहसास दिलाती हैं कि आप किस मिटटी के बने हैं, घबराएं नहीं सामना करें

Opportunity in Adversity
नजरिया जीने का: जब हम मुश्किलों का सामना करते हैं, तभी हमारी तैयारियां और अपने शक्ति का एहसास होती है। जीवन का यथार्थ भी यही है कि यह मुश्किल समय हीं है जो हमें सिखाता है कि हम कितने मजबूत और लचीले हैं। निसंदेह विपत्तियां दर्दनाक और चुनौतीपूर्ण होती हैं, लेकिन वे हमें सिखाने और विकसित करने के लिए भी अमूल्य अवसर प्रदान करती हैं। अगर हम इन अनुभवों से सीखने और बढ़ने के लिए तैयार रहें, तो हम मजबूत और अधिक पूर्ण जीवन जी सकते हैं। नजरिया जीने का एक ऐसा हीं मंच है जो आपके अंदर की आग को जलाने की कोशिश करती है जो क्योंकि आपके अंदर की आग सबसे बड़ी चीज है। 


"कठिनाई ही असली परीक्षा है जिससे मजबूत आत्माएं विकसित होती हैं।" - महात्मा गांधी

विश्वास करें, विपतियों या मुसीबतों के सामना करने के समय हमारे पास दो विकल्प होते हैं- या तो हम उनके सामने समर्पण कर लें या उनका सामना करने का हिम्मत पैदा करें। जो लोग विपत्तियों का सामना सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ करते हैं, वे अक्सर अधिक लचीले, दृढ़निश्चयी और आत्मविश्वासी बन जाते हैं। उनका सामना करने कि यह शक्ति हमें अपनी कमजोरियों को खत्म करने और उन पर विजय प्राप्त करने का अवसर देता है। विपत्तियां हमें दूसरों के प्रति करुणा और सहानुभूति विकसित करने में भी मदद करती हैं।

अंधेरे में ही तारे चमकते हैं। - मार्टिन लूथर किंग जूनियर

विपत्तियां जीवन का एक हिस्सा हैं और वास्तव में विपत्तियां हमारे ज्जीवन की वह आकस्मिक घटनाएं होती हैं जो हमारे जीवन में परेशानी और दुःख लाती हैं। विपत्तियाँ अक्सर नकारात्मक मानी जाती हैं, क्योकि इसके आगमन के साथ ही हमारे जीवन में उथल पुथल आ जाती ही यही हमारा सामान्य जीवन को ब्रेक सा लग जाता है. विपत्तियाँ अक्सर नकारात्मक मानी जाती हैं, लेकिन, यदि हम उनका सामना सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ करते हैं, तो वे हमें बेहतर इंसान बनने में मदद कर सकती हैं. हालांकि, विपत्तियाँ अक्सर नकारात्मक मानी जाती हैं, लेकिन वे हमारे जीवन में सकारात्मक भूमिका भी निभा सकती हैं। 

सच तो है है कि यह हमारे जीवन में आने वाली विपत्तियां हीं होती है जो हमारे साहस और धैर्य और दूसरों की मदद करने की भावना का अहसास दिलाती है. विपत्तियां के केवल हमें यह बताती है कि हम किस मिट्टी के बने हैं बल्कि यह हमें समस्याओं को सुलझाने की क्षमता और जीवन के मूल्यों को समझने की क्षमता भी विकसित करने में मदद करता है. 
"जो तुम्हें नहीं मारता वो तुम्हें मजबूत बनाता है।" - फ्रेडरिक नीत्शे

आपदा या विपरीत परिस्थितियों में माध्यम से नेचर या प्रकृति भी हमारी परीक्षा लेती है..... जीवन में जिसको जितना आगे जाना होता है उसके  रास्ते में प्रकृति उतना ही शूल और  कांटे बिछा के रखती है....... 
अगर आप उन कांटों के डर से वापस लौट जाएंगे तो आपकी यात्रा वहीँ  जायेगी....लेकिन याद रखें जिसे जीवन में जितना आगे जाना होता है उसे प्रकृति अपनी ओर से उतना ही ऊर्जा प्रदान कर उसे सकारात्मक ऊर्जाओं से पूर्ण कर भेजती है ताकि वे लोग लाइफ में मिलने वाले तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वह अपने सफलता के कीर्तिमान स्थापित करते हैं.


विपत्तियों से निकलने के लिए सबसे जरुरी 

विपत्तियों से निबटना यह सच है की आसान नहीं होता लेकिन इंसान अगर ठान ले तो यह इतना मुश्किल भी नहीं होती. विपत्तियों का आना तो अपने हाथ में नहीं होती लेकिन आपकी मानसिक स्थिति, आपकी सोच और आपकी सकारात्मक सोच अवश्य ही इससे बाहर निकलने में मदद कर सकती है. विपत्तियों से निकलने के लिए सबसे जरुरी है कि सकारात्मक रहें। मुश्किल परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहने की कोशिश करें। इससे आपको अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय से मदद मांगने से न डरें। दूसरों की मदद से आप मुश्किल समय में बेहतर तरीके से निपट पाएंगे। अपने अनुभव से सीखें। विपत्तियों से सीखने से आपको भविष्य में बेहतर तरीके से तैयार रहने में मदद मिलेगी।
"हर मुसीबत अपने साथ एक उपहार लाती है, बस हमें उसे ढूंढना होता है।" - चीनी कहावत

आपदा में भी अवसर 

सच्चाई तो यह है कि इस आपदा में भी हमें अवसर की तलाश करनी होती है क्योंकि आपदा या विपरीत परिस्थितियां हमारे लिए एक अवश्यंभावी प्रहार  होती है जो हमारे वश में नहीं हो सकते.
क्या आपदा या बुरा समय हमसे पूछ कर आती है, नहीं ना. आपदा का आना हमारे लिए नियति है लेकिन यह हमारी सूझ- बुझ और इच्छाशक्ति होती है कि  हम  आगे टूट जाते हैं या उस आपदा में भी अवसर तलाश कर उससे निकलने का प्रयास करते हैं. 
"विपत्तियों से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम उनका सामना करें।" - अल्बर्ट आइंस्टीन

अगर आप देखेंगे तो पिछले कुछ सालों से कोविड-19 नामक एक नए आपदा ने पूरी दुनिया को अस्त-व्यस्त करने के साथ ही कई देशों के विकास दर को न जाने कई साल  पीछे कर दिया है. कितने जानों को असामायिक काल के ग्रास में जाने को मजबूर होना पड़ा और कई परिवार तो छिन्न-भिन्न हो गए.
यह कहानी काफी लम्बी हो सकती है, न केवल हिंदुस्तान बल्कि दुनिया के सभी देशों में आपदा की स्थिति बन  चुकी थी  तो क्या हमें इस आपदा के भरोसे खुद को छोड़ देनी चाहिए थी ? 

आप अगर देखेंगे तो इस दौरान कई लोगों के व्यापार को जहां बंद तक करना पड़ा, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिन्हे इस आपदा ने भी रोगजार के अवसर प्रदान किये. वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन पढ़ाई व्ययस्था, ऑनलाइन ट्यूशन  जैसे कई व्यवसाय थे जो कोरोना के कारण आज फल-फूल  रहे हैं. 
"विपत्तियां जीवन का हिस्सा हैं। उनसे बचना असंभव है। लेकिन हम उनसे कैसे निपटते हैं, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है।" - डेल कार्नेगी

 याद रखें दोस्तों वह चाहे कोई भी विपरीत परिस्थिति  या आपदा हो आपको इस से निकलना होगा इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि हमारे अंदर यह जिजीविषा पैदा करनी होगी हम इसे झेल  सकते हैं....

इस आपदा को एक अवसर  के रूप में देखकर जो इसका उपयोग कर लेगा लाइफ में आगे जाएगा इसमें कोई संदेह नहीं है. इसके लिए जरूरी है कि आप अपने एटीट्यूड और अपने माइंडसेट को बदलें क्योंकि यह आपका माइंडसेट  और एटीट्यूड ही है जो आपको इस आपदा में अवसर तलाश करने में मदद करेगा...

 याद रखें दोस्तों आपको इस आपदा से निकलने के लिए अपने अंदर साहस का संचार खुद करना होगा आपको अपने आसपास निराशावादी या नकारात्मक सोच के लोगों से खुद को दूर रखना होगा और इसके लिए यह जरूरी है कि सबसे पहले अपने अंदर सकारात्मक और पॉजिटिव ऊर्जा को कम नहीं होने दिया जाए.

"विपत्तियां हमें मजबूत बनाती हैं।" - नेल्सन मंडेला

याद रखें आपके जीवन में आपदाएं और विपत्तियां या  विपरीत परिस्थिति सभी परेशानियों के साथ ही आपके लिए एक नया सवेरा के रूप में  कई सारे अवसर भी लेकर आती है.

लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस आपदा में अवसर की तलाश कर उसे पाने के लिए होम कर देते हैं या एक निराशावादी की तरह बस इस आपदा के भरोसे खुद को छोड़ देते हैं.







नजरिया जीने का: सेल्फ डिसप्लिन जीवनशैली अपनाएं, आजमाएं ये टिप्स

najariya jine ka tips for self discipline daily routine

नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखने के लिए आपको अपने भीतर के प्रेरक और प्रेरणादायी विचारों का पालन करना होगा। अनुशासित जीवनशैली और गलत विचारों और कार्यों से दूर रहने का इरादा आपके आत्मविश्वास को बेहतर बनाने का मापदंड है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको बेहतर समय प्रबंधन और आत्मविश्वास बनाने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें

अनुशासित जीवनशैली की नींव के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना सबसे महत्वपूर्ण है। याद रखें कि आपको अपने लक्ष्यों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करना होगा। अल्पकालिक लक्ष्यों के तहत, आपको दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों से शुरुआत करनी चाहिए जो प्राप्त करने योग्य हों। वह दृष्टि और सपना जिसे आप अगले कुछ महीनों या वर्षों में प्राप्त करना चाहते हैं, उसे दीर्घकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है।

2. दैनिक दिनचर्या बनाएं

अपनी दैनिक दिनचर्या को न्यायिक और पारदर्शी तरीके से विभाजित करें ताकि आप अपने तरीके से उसका पालन कर सकें। आप अपनी दिनचर्या को इस तरह से विभाजित कर सकते हैं-

सुबह की दिनचर्या: अपने दिन की शुरुआत ऐसी गतिविधियों से करें जो आपको ऊर्जा प्रदान करें। इसमें व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ नाश्ता और अपने दिन की योजना बनाना शामिल हो सकता है।

काम/अध्ययन कार्यक्रम: काम, अध्ययन और ब्रेक के लिए विशिष्ट समय ब्लॉक आवंटित करें। अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्लानर, कैलेंडर या ऐप जैसे टूल का उपयोग करें।

शाम की दिनचर्या: ऐसी गतिविधियों के साथ आराम करें जो आपको आराम दें, जैसे पढ़ना, हल्का व्यायाम या दिन के बारे में सोचना।

3. कार्यों को प्राथमिकता दें

हमेशा अपने कार्यों को समय पर और समय सीमा में पूरा करने की आवश्यकता और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें।

अपने कार्यों को ज़रूरी/महत्वपूर्ण, ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण, ज़रूरी/महत्वपूर्ण नहीं और ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण नहीं में वर्गीकृत करें।

हमेशा एक स्टिकी नोट तैयार करें और "टू-डू लिस्ट" के रूप में चिह्नित करें जो आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

4. शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें

नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, दिन में कम से कम 30 मिनट का लक्ष्य रखें।

संतुलित भोजन करें: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न पोषक तत्व शामिल हों।

अच्छी नींद लें: समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।

4. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अपने आत्मविश्वास के स्तर को प्रोत्साहित करने और अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों से बचने की रणनीति पर भी ध्यान दें। नकारात्मक व्यक्तियों और ऐसे लोगों से बचें जिनकी टिप्पणियाँ और सुझाव हमारे दिमाग में नकारात्मक विचारों के निर्माण के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों का पालन करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

ध्यान और माइंडफुलनेस: तनाव को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए रोजाना ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।

सकारात्मक पुष्टि: सकारात्मक मानसिकता बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पुष्टि का उपयोग करें।

सहायता लें: अगर आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं तो दोस्तों, परिवार या पेशेवरों से संपर्क करने में संकोच न करें।

5. लगातार सीखते रहें

चुनौतियों से निपटने और प्रतिकूल स्थिति का विश्लेषण करने की आपकी सारी शक्ति और क्षमता आपके आत्म-संदेह चिह्न से ठीक हो सकती है और यह आपके करियर और जीवन के लिए विनाशकारी होगा। याद रखें, प्रकृति ने हमें अपने जीवन में हर विषम परिस्थिति और परिस्थितियों से निपटने और उनका सामना करने की अपार शक्ति प्रदान की है। हमारे समग्र विकास में हमारे ज्ञान और पूर्णता को बढ़ाने के लिए हमारे जीवन में निरंतर सीखने की आवश्यकता है।

पढ़ें: अपने ज्ञान और दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए पढ़ने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ। पढ़ना और उचित अध्ययन ज्ञान और दृष्टिकोण को बढ़ाने का अंतिम तरीका है

पाठ्यक्रम लें: उन पाठ्यक्रमों या कार्यशालाओं में दाखिला लें जिनमें आपकी रुचि हो या जो आपके कौशल को बढ़ाएँ।

चिंतन करें: आपने जो सीखा है और आप इसे कैसे लागू कर सकते हैं, इस पर चिंतन करने में समय बिताएँ।

7. आत्म-अनुशासन का अभ्यास करें

प्रतिदिन दोहराए जाने वाले नियमित कार्य आपको अपने भीतर आत्मविश्वास बनाने का तरीका प्रदान करेंगे और निश्चित रूप से यह नकारात्मक विचारों को आपसे दूर रखेगा, किसी से भी अपनी तुलना करने से बचें क्योंकि प्रकृति ने आपको विशेष क्षमताओं के साथ और आपके लिए विशेष कार्यकाल के लिए बनाया है। उन आत्मविश्वास निर्माण अभ्यासों का पालन करें ताकि यह नकारात्मक मानसिकता को आपसे दूर रख सके। याद रखें कि यह केवल आप ही हैं जो आपके दिमाग में नकारात्मक विचारों को जन्म देते हैं जो आपके जीवन की सभी क्रियाओं और रणनीति में बाधा डालते हैं। टालमटोल से बचें: कार्यों को टालने के बजाय तुरंत निपटाएँ। सीमाएँ निर्धारित करें: विकर्षणों को सीमित करें और उत्पादकता के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। खुद को पुरस्कृत करें: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें, जो सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करता है। 

8. प्रगति की निगरानी करें: 

अपनी प्रगति को ट्रैक करने, अपनी उपलब्धियों पर विचार करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक जर्नल रखें। नियमित समीक्षा: यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप हैं, समय-समय पर अपने लक्ष्यों और दिनचर्या की समीक्षा करें। 

9. मोटिवेटेड  रहें

 जीवन में कुछ सीखने पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत से बचें, यह आपके आत्मविश्वास के स्तर को कम करने में सबसे बड़ी बाधा है। एक बार जब आप अपने दृष्टिकोण, क्षमता और अन्य योग्यताओं की तुलना दूसरों से करना शुरू कर देते हैं, तो आप अपनी दक्षता को कम आंकने लगते हैं और अपने आप को सीमित कर लेते हैं।


नजरिया जीने का: हम काम की अधिकता से नहीं, उसे बोझ समझने से थकते हैं, बदलें इस माइंडसेट को

नजरिया जीने का: मानव का मन भी बहुत हीं विचित्र और रहस्यपूर्ण है. जब कभी हमें कोई कार्य करने की जरुरत होती है हम पहले उस  कार्य की गंभीरता और जरुरत की अपेक्षा गैर जरुरी और अनावश्यक विचारों के आधार पर उस कार्य को तौलने की कोशिश करते हैं. नजरिया जीने का एक ऐसा हीं मंच है जो आपके अंदर की आग को जलाने की कोशिश करती है जो क्योंकि आपके अंदर की आग सबसे बड़ी चीज है। 


हमारी यह सबसे बड़ी कमजोरी है कि हम काम को जीवन और कर्त्तव्य समझने से पहले हम काम को एक ऐसी चीज़ के रूप में देखना शुरू कर देते हैं जिससे हमें छुटकारा पाना है. जबकि हकीकत यह है की इसके बजाय हमें काम को ऐसे चीज़ के रूप में लेने की जरुरत है जो हमारे जीवन में मूल्य जोड़ती है साथ ही  यह हमें पैसा कमाने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, अपने कौशल और क्षमताओं को विकसित करने, और दूसरों से जुड़ने में मदद करता है। काम को बोझ समझने से बचने के लिए, हमें यह याद रखना चाहिए कि काम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  अपने काम को एक चुनौती के रूप में देखें अपने काम में से कुछ आनंद लें। जब आप काम को एक अवसर के रूप में देखते हैं, तो आप इसे बोझ नहीं समझेंगे। आप इसे अपने जीवन में एक सकारात्मक और मूल्यवान योगदान के रूप में देखेंगे।

निगेटिव माइंडसेट हमारी सफलता के लिए सबसे बड़ी बाधक है इसमें हम में से किसी को शायद हीं संदेह हो. इसके साथ ही यह भी उतना हीं बड़ा सच है कि हम सभी इस सत्य को जानने के बावजूद खुद पर शायद हीं इम्प्लीमेंट करते हों.

अगर कोई कार्य और लक्ष्य हमारी जरुरत है तो उसके लिए हर दुर्गम रास्तों को भी अपनाये जाने पर विचार किया जाना चाहिए, लेकिन अगर अगर कोई खास कार्य हमारे लिए जरुरी नहीं है तो बेहिचक उससे किनारा कर लिया जाना चाहिए.  

देखें वीडियो: नजरिया-जीने का-जीवन में स्व-अनुशासन का महत्त्व 


लेकिन हमारी विडम्बना है कि हम कार्यों की अधिकता या अमाउंट ऑफ़ वर्क से नहीं बल्कि उसे पहले ही बोझ समझ लेते हैं और यही कारण है कि हम पहले ही थक जाते हैं, ऐसे स्थिंति में कार्य पूरा होने के सम्भावना की कल्पना सहज ही की जा सकती है.

आप काम की अमाउंट और अपने नेचर के एडॉप्शन का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि अगर आप सकारात्मकता से सराबोर हैं तो जटिल से जटिल काम भी आप कर लेते हैं लेकिन एक छोटा और अत्यंत साधारण सा कार्य भी आपको पहाड़ सा प्रतीत होता है अगर आप पहले ही मान लेते हैं की बहुत भारी और उबाऊ सा काम है.

फिर क्या इसमें संदेह बचता है कि हमारा माइंडसेट यह निर्धारित करता है कि काम भारी है या आसान.
देखें वीडियो-नजरिया जीने का: सकारात्मक सोचें, सकारात्मक देखें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें



दोस्तों यह सामान्य सी प्रवृति है जिसके गिरफ्त में हम हमेशा से रहे हैं और विडम्बना यह है कि हम उससे निकलना नहीं चाहते.

जैसे  ही हमें कोई काम असाइन  किया जाता है,  हम उसे पूरा करने की बजाय उसके नकारात्मक और असंभव सा लगने वाले प्रकृति को ही पहले  देखते हैंहम यह नहीं सोचते हैं कि हममें उस कार्य को पूरा करने की क्षमता और सामर्थ्य है या नहीं. 

जब तक हम दिए गए काम पूर्ण रूप से समाप्त करने का विश्वास  खुद के अंदर नहीं लाएंगे, उस असंभव से कार्य के पूर्ण होने की तो बात ही छोड़िये,  किसी  साधारण से काम को आरम्भ नहीं करने के लिए भी हमें सैकड़ों बहाने मिल जाएंगेआश्चर्य है कि हम काम की अधिकता और उसे उबाऊ प्रकृति को दोष देते है
दोस्तों अगर, हम अपनी ऊर्जा के साथ उस काम को खत्म करने की कोशिश करेंगे तो वह काम समाप्त हो सकता है लेकिन हमारा नकारात्मकता है कि हम पहले ही उसे बोझ  समझ लेते हैं
सबसे पहले यह जरूरी है किसी भी काम को शुरू करने के लिए हम अपने अंदर सकारात्मक या पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करें.




 जब तक आपके अंदर पॉजिटिव उर्जा नहीं होगा आप किसी भी काम को उसके पूरी ईमानदारी और सफाई के साथ पूर्ण नहीं कर सकते और आपके अंदर सकारात्मकता तब आएगी जब आप खुद में भरोसा करना सीखें.

इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आसपास वैसे लोगों को हमेशा रखें जो आपके और आपके सपने में विश्वास करते हैं आप जब तक अपने ऊपर विश्वास नहीं करेंगे कोई भी काम जो आपको करना है उसे आप संपूर्ण ईमानदारी के साथ नहीं करें इसके लिए यह जरूरी है कि आप अपने अंदर स्थित ऊर्जा  को पहचाने.


विश्वास करें दोस्तों आप जितना अपने बारे में सोचते हैं उससे कहीं बहुत ज्यादा साहसी है आप. अपने अंदर के साहस को पहचाने क्योंकि आपके अंदर का यह साहस हीं है जो आपको सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर रखेगा. 

किसी भी काम को करने के लिए आपको आप अपने ऊपर कभी भी अविश्वास नहीं करें क्योंकि आपमें न टैलेंट की कमी है और न हीं योग्यता की और ना दूरदर्शिता की कमी है अगर कमी है तो सिर्फ इस प्रवृति कि जिसमे आप नकारात्मक माइंडसेट से खुद का मूल्यांकन करने का आदत बना चुके हैं.

दोस्तों विश्वास करें किसी भी काम को सफाई के साथ करने में सबसे बड़ी बाधा यह है कि हम अपनी ऊर्जा का समुचित रूप से उपयोग नहीं कर पाते.

विश्वास करें दोस्तों ऐसा कोई भी असंभव कार्य नहीं है जिससे आप पूरा नहीं कर सकते हैं क्योंकि आपके अंदर ऊर्जा का विशाल भण्डार स्थित है. ... आशा और उम्मीद नहीं छोड़े दोस्तों क्योंकि बिना उम्मीद के आप जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते और उम्मीद के लिए यह जरूरी है कि आप अपने ऊपर सबसे पहले विश्वास करना सीखें.

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में

नजरिया जीने का: बेहतर कल के लिए नहीं छोड़िए आशावाद का दामन

Inspiring Thoughts: बेहतर कल के लिए नहीं छोड़िए आशावाद का दामन

नजरिया जीने का: आशावाद एक शक्तिशाली शक्ति है. यह हमें मुश्किल समय में आगे बढ़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है. जब हम आशावाद रखते हैं, तो हम मुश्किलों को स्वीकार करने और उनसे निपटने के लिए अधिक तैयार होते हैं. हम अधिक रचनात्मक होते हैं और नए समाधान खोजने में सक्षम होते हैं. हम अधिक दृढ़ होते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करते हैं. नजरिया जीने का एक ऐसा हीं मंच है जो आपके अंदर की आग को जलाने की कोशिश करती है जो क्योंकि आपके अंदर की आग सबसे बड़ी चीज है। 


आशावाद एक चमत्कार नहीं है. यह एक दृष्टिकोण है. यह एक विश्वास है कि चीजें बेहतर होंगी. यह एक विश्वास है कि हम अपने सपनों को प्राप्त कर सकते हैं. जब हम आशावाद रखते हैं, तो हम अपने जीवन को बेहतर बनाते हैं. हम अपने जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं. हम अपने जीवन को अधिक आनंददायक बनाते हैं.

तो, आइए हम बेहतर कल के लिए आशावाद का दामन न छोड़ें. आइए हम अपने सपनों के लिए लड़ें और कभी भी हार न मानें. आइए हम अपने जीवन को बेहतर बनाएं.

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,
तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।
किसने तुमको रोका है,
तुम्ही ने तुम को रोका है।
भर साहस और दम, बढ़ा कदम,
अब इससे अच्छा कोई न मौका है।
-नरेंद्र वर्मा


जाहिर है, अगर जीवन है तो बाधाओं का आना स्वाभाविक है और इससे हम इनकार नहीं कर सकते।लेकिन क्या इन बाधाओं और परेशानियों से घबराकर हमें अपनी हार स्वीकार लेनी चाहिए।हाफिज नहीं। सच तो यह है कि जिंधिवमें कितनी भी विषम परिस्थितियों से हमें सामना करना पड़े, हमें आशा और उम्मीद कभी नहीबखिनी चाहिए।

विश्वास कीजिए, आशावादी होना मानव का सबसे अनुपम और प्रभावी लक्षण है जो न केवल आपके परिस्थितियों से लड़ने के लिए शक्ति प्रदान करता है बल्कि एक अपेक्षाकृत अच्छे सुबह किबुम्मिद भी जगाती है।

आप इतिहास को पलट कर देख लीजिए, विपरीत और विषम परिस्थितियों से किसका सामना नहीं हुआ है। लेकिन इतिहास के पन्नों में स्थान उन्हें ही मिली है जिन्होंने अपने कर्मठता से उन परिस्थितियों से भी निकलने का रास्ता बनाया है।

किसी कवि ने क्या खूब कहा है।।
" जो कहे नही करता भी हो 
विश्वास उसी का होता है
जो युग को कर्मठता से मोडे
इतिहास उसी का होता है।"

कहने का आशय यह है कि आशावादी बने रहने में वर्तमान की परिस्थितियों से निकलने की एक उम्मीद तो जिंदा रहती है। लेकिन अगर हम निराशावाद का दामन थाम भी लेते हैं तोवक्या इससे हम स्थिति से निकल जायेंगे।।हरगिज नही।

निराशा मन में आते हीं आपकी शरीर के तमाम अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव का कभी अध्ययन किया है। आंखों के आगे अंधेरा छाना, मस्तिष्क में अनावश्यक दर्द, अंदरूनी अंगों के कार्य पद्धति पर अनावश्यक दबाव।।।ऐसी स्थिति में जब बाहर की परिस्थितियों का सामना करने केलिए हमें अंदर से स्ट्रॉन्ग रहने की जरूरत है, हम अंदर के फ्रंट पर ही अगर खुद को निराशावादी बनाकर कमजोर हो जायेंगे तो फिर उस स्थिति से कैसे निकल पाएंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाई जा सकती है।।

वही अगर उसी प्रकार की विषम परिस्थितियों के सामने खुद को आशावादी रखते हुए उनका सामना करने की कोशिश करो, आप खुद ही बदलाव को महसूस कर सकते हैं.

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
-अटल बिहारी वाजपेयी


सच तो यह है कि आशावादी बने रहने पर हमारी मस्तिष्क भी व्यवहारिक और प्रभावी उपाय सुझाती है साथ ही स्थितियों से निकलने के लिए स्ट्रेटजी और उनके कार्यानयन में भी हमारी मदद करती है।



नजरिया जीने का: स्वयं पर विश्वास करना सीखें, आपके भीतर की क्षमता, सामने की समस्या से ज्यादा ताकतवर है

नजरिया जीने का:  प्रकृति ने हम सभी को अपने आप में बहुत ज्यादा ताकत, सूझबूझ और अपार संभावनाएं दी हैं। विश्वास करें, प्रत्येक व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का भण्डार छुपा है और हमें सिर्फ इस पर विश्वास करना है कि  हमारे अंदर की क्षमता और शक्ति के सामने समस्या और बाधा कुछ भी नहीं है। नजरिया जीने का एक ऐसा हीं मंच है जो आपके अंदर की आग को जलाने की कोशिश करती है जो क्योंकि आपके अंदर की आग सबसे बड़ी चीज है। 

एक बार अगर हम खुद पर और अपनी अंदर छुपे सामर्थ्य पर विश्वास करना अगर सीख लें तो फिर हम सब कुछ कर सकते हैं। इस लेख के माध्यम से आप सीखेंगे कि कैसे अपनी क्षमता और ऊर्जा पर विश्वास किया जाए ताकि हम जीवन के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकें।

अपनी क्षमता पर विश्वास करना स्वयं से बात करने की प्रक्रिया है जो आत्म संदेह को दूर करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आवश्यक शर्त है।

 हम पड़ाव को समझे मंज़िल

 लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल

 वतर्मान के मोहजाल में-

आने वाला कल न भुलाएँ।

 आओ फिर से दिया जलाएँ।

-अटल बिहारी वाजपेयी


हम समस्याओं और बाधाओं को और  भी विकराल बनाकर देखने लगते है जो  खुद को कम  आंकने की प्रक्रिआ का आरम्भ हो जाता है, जबकि जरुरी यह है कि उसके बदले में, अपने भीतर छिपी संभावनाओं और संभावनाओं को देखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए  जो इन बाधाओं को कुचलने में  आपका व्यापक हथियार हैं।

Inspiring  Thoughts: आपकी प्रसन्ता में छिपा  है जीवन की सफलता का रहस्य.... 

इस संदर्भ में रॉय टी. बेनेट के सुंदर उद्धरण को याद रखें "अपने आप पर विश्वास करें। आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक बहादुर हैं, आप जितना जानते हैं उससे कहीं अधिक प्रतिभाशाली हैं, और आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक सक्षम हैं। ”

धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता

कहने की जरूरत नहीं है कि मनुष्य इस अजीब सच से पीड़ित है कि वह जानता तो सही है लेकिन करता गलत है.... आप खुद पर और अपने  आस  पास के लोगों पर नजर डालें तो शायद यही पाएंगे....  और इसलिए हम बाधाओं से पहले अपनी क्षमता को अनदेखा कर देते हैं।

हमें अनंत क्षमता प्रदान करने में प्रकृति ने हमारे बीच कोई पक्षपात नहीं किया है। हम सभी के पास ऊर्जा और संभावनाओं के साथ महान क्षमता है और यह केवल हम ही हैं जो हमारी क्षमता और ऊर्जा की सीमा निर्धारित करते हैं। हां, बाधाओं और कठिनाइयों का महिमामंडन करना और कुछ नहीं बल्कि हमारी क्षमता की सीमा तय करना है।

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,

तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।

किसने तुमको रोका है,

तुम्ही ने तुम को रोका है।

भर साहस और दम, बढ़ा कदम,

अब इससे अच्छा कोई न मौका है।

-नरेंद्र वर्मा


Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...


इस तथ्य पर विश्वास करें कि जैसे ही आप अपने मन में यह तथ्य पैदा करते हैं कि आपके पास किसी समस्या का समाधान है या आप किसी भी कठिन परिस्थिति को संभाल सकते हैं, न केवल आपका दिमाग बल्कि पर्यावरण और प्रकृति भी आपके समाधान के तरीके प्रदान करना शुरू कर देती है। बस आपको किसी समस्या के समाधान के बारे में सोचना है, आपको समस्या का समाधान अपने संसाधनों के भीतर और निश्चित समय सीमा के साथ मिल जाएगा।

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नजरिया जीने का: असीमित सोच और विचारों को किसी सीमा से नहीं बांधे, ऊँचा सोचें और बड़ा लक्ष्य हासिल करें

najariya jine ka thinking ha no limit think high achieve big

अगर आप असीमित शब्द के सार्थकता को समझेंगे तो पाएंगे कि यह शब्द बहुत ही उपयोगी है क्योंकि यह आपको  विश्वास दिलाता है कि आप वह सब कुछ कर सकता हूं जो आप चाहते हैं। सच तो यही है कि यह आपकी असीमित सोच है जो आपके अंदर के विचारों को जागृत करता है और  संभावनाओं की याद दिलाता है, तब भी जब सारी परिस्थितियाँ मेरे विरुद्ध हों। असीमित सोच और असीमित विचारों पर विश्वास करके, आप असीमित चीजें हासिल कर सकते हैं हाँ इसके लिए पहल आपको हीं करनी होगी। नजरिया जीने का एक ऐसा हीं मंच है जो आपके अंदर की आग को जलाने की कोशिश करती है जो क्योंकि आपके अंदर की आग सबसे बड़ी चीज है। 



सोचने की कोई सीमा नहीं है, इसलिए बड़ा सोचें और अपने जीवन में बड़ा हासिल करें क्योंकि हर व्यक्ति के अंदर अपार शक्ति है और हमें बस उसे प्रज्वलित करना है। प्रकृति ने हमें अपने जीवन में चमत्कार करने की अपार शक्ति और क्षमता प्रदान की है, लेकिन त्रासदी यह है कि हम दर्शक दीर्घा के बीच में फिट होने का आनंद लेते हैं। 
विडम्बना यह हैं कि प्रकृति ने तो हमें कोई भेदभाव नहीं किया हमें शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करने में, लेकिन यह केवल हम ही हैं जो अपनी सोच को सीमा प्रदान करते हैं, इस तथ्य के बावजूद कि आपके पास इसे हासिल करने के लिए पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा है।

आपके आस-पास होने वाली हर घटना को कुछ न कुछ सीमा प्रदान की गई है। चाहे वह सड़क हो, क्रेडिट/डेबिट कार्ड हो, आपका शरीर हो, आपके शरीर के अंग हों और यहां तक कि सभी अत्यधिक परिष्कृत और नवीनतम उपकरण हों, उनके उपयुक्त और मानक प्रदर्शन की अपनी सीमाएं हैं। 

यह केवल आपकी सोच है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत ऊपर तक जा सकती है क्योंकि आपके पास वास्तविक तर्क है और आपके संसाधन और दृष्टिकोण इसकी अनुमति देते हैं।

असीमित सोच:

हमारा दिमाग शारीरिक बाधाओं से बंधा नहीं है और हम चाहें तो हम वर्तमान और सीमाओं से परे कल्पना कर सकते हैं, अन्वेषण कर सकते हैं और सपने देख सकते हैं। यह केवल आपकी सोच है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत ऊपर तक जा सकती है क्योंकि आपके पास वास्तविक तर्क है और आपके संसाधन और दृष्टिकोण इसकी अनुमति देते हैं।

यह केवल हम ही हैं जो इस तथ्य के बावजूद कि आपके पास इसे हासिल करने के लिए पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा है, अपनी सोच को सीमा प्रदान करते हैं। यह असीमित सोच हमें उन संभावनाओं पर विचार करने की अनुमति देती है जो पहली नज़र में संभव नहीं लगती हैं।

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

बड़ी सोच का महत्व:

प्रकृति ने हमें अपने जीवन में चमत्कार करने की अपार शक्ति और क्षमता प्रदान की है, लेकिन त्रासदी यह है कि हम दर्शक दीर्घा के बीच में फिट होने का आनंद लेते हैं। महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने से प्रेरणा मिलती है और हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

बड़ी सोच चुनौतियों का सामना करने में नवीनता, रचनात्मकता और लचीलेपन को बढ़ावा देती है। हमें ऊंचा सोचना चाहिए और अपनी सोच को नई ऊंचाइयां प्रदान करनी चाहिए, आश्चर्यजनक रूप से हम अखबारों और टीवी समाचारों में ऐसे चमत्कार रचने वालों से गुजरते रहते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि ऐसे लोगों ने अपनी सोच को नई ऊंचाई प्रदान की है और अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल किया है.

असीमित सोच और विचारों को किसी सीमा से नहीं बांधे, ऊँचा सोचें 

संतुलन महत्वपूर्ण है-

जबकि बड़ा सोचना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ हीं सुनिश्चित करना भी जरुरी है कि आपके लक्ष्य भी यथार्थवादी हों और आपके मूल्यों और संसाधनों के अनुरूप हों। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, सीखने, बढ़ने और उनके साथ तालमेल बिठाने की प्रक्रिया अत्यधिक मूल्यवान है। 

दुनिया में हर सफल शख्सियत ने तभी बड़ा हासिल किया है, जब उसने बड़ा सोचने का साहस किया। हमें एक मुर्ख और लापरवाह इंसान बनने की मानसिकता को बदलने के लिए तैयार रहना होगा न कि यह सोचना होगा कि प्रकृति ने हमें चमत्कार करने की सारी शक्ति और विचारों से सुसज्जित किया है।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें


नजरिया जीने का: सकारात्मक सोचें, सकारात्मक पक्षों को देखें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें

Inspiring Thoughts Positive Attitude and its Importance in Life
नजरिया जीने का:  
क्या कभी आपने  इस विषय पर  विचार किया है कि आखिर आज के भाग-दौड़ के निवान मे सकारात्मक रहना और पाज़िटिव सोच क्यों महत्वपूर्ण है? आपको भले ही या अविसविश्वानीय लगे लेकिन यह सच है कि सकारात्मक सोच महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर लाभकारी प्रभाव डालती  है। जो लोग जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, वे तनाव से बेहतर तरीके से निपटते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और समय से पहले मृत्यु का जोखिम कम होता है।इस सच्चाई से भला किसे इनकार हो सकता है कि जीवन में मुश्किलें आती रहती हैं और जीवन कभी भी फूलों का सेज नहीं रहा। आप इतिहास उठाकर देख लें, जिसकों जीवन मे जितना ऊपर जाना होता है, उसके रास्ते मे प्रकृति ने उतने ही बाधाओं एयर काँटों को बिछाकर उनका परीक्षा लेती है। कहते हैं न,
" वही पथ क्या  पथिक परीक्षा क्या,  जिस पथ मे बिखरे शुल न हो। 
नाविक कि धैर्य परीक्षा क्या,  यदि धाराएं प्रतिकूल न हो। 
सकारात्मक दृष्टिकोण हमें सकारात्मक सोचने में आसान बनाता है और यह हमें चिंताओं और नकारात्मक सोच से बचने की कला भी सिखाता है.

लेकिन याद रखें, जीवन मे इन बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए हमें सकारात्मक सोच रखना बहुत ज़रूरी है। सकारात्मक सोच एक विकल्प है।  यह हमेशा आसान नहीं होता है, लेकिन यह अभ्यास के साथ बेहतर होता जाता है। आपको हमेशा इसका ध्यान रखना होगा कि जिन लोगों के साथ आप समय बिताते हैं, उनका आपके मूड पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए हमेशा हीं सकारात्मक और उत्साही लोगों के साथ समय बिताने कि कोशिश करें।  

जीवन में सफलता के लिए यह जरुरी है कि हम नकारात्मक सोच और ऐसी प्रवृति वाले लोगों से एक खास दुरी बनाकर अपने प्रयासों पर फोकस करें। यह सकारात्मक दृष्टिकोण का अभ्यास हीं है जो आपके जीवन में आशावाद और आशावादी दृष्टिकोण लाता है। 


बेशक अगर सकारात्मक और आशा के अनुरूप घटने वाली घटनाओं का हम स्वागत  करते हैं लेकिन थोड़ी से कुछ अप्रिय घटनाएं  हमारे  जीवन में दस्तक  देती  हैं कि हम अपने जीवन और परिस्थितियों को कोसना आरम्भ कर देते हैं.....



 .... लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि केवल सकारात्मक दृष्टिकोण ही हमें जीवन के दैनिक जटिल और अप्रिय मामलों से अधिक आसानी से निपटने में मदद करता है।

धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता

... यह सकारात्मक दृष्टिकोण का अभ्यास है जो आपके जीवन में आशावाद और आशावादी दृष्टिकोण लाता है। सकारात्मक दृष्टिकोण हमें सकारात्मक सोचने में आसान बनाता है और यह हमें चिंताओं और नकारात्मक सोच से बचने की कला भी सिखाता है...


 अपने जीवन में सफल होने के लिए, यदि कोई आपके जीवन में कुछ रचनात्मक परिवर्तन की उम्मीद कर रहा है, तो सकारात्मक दृष्टिकोण को जीवन के तरीके के रूप में अपनाने की आवश्यकता है।


Inspiring  Thoughts: आपकी प्रसन्ता में छिपा है जीवन की सफलता का रहस्य.... 

Attitude  भले एक छोटी से चीज सही लेकिन सच यह है कि जीवन के इसी बड़े और महत्वपूर्ण फर्क लाने के लिए यह बहुत प्रभावी भूमिका निभाती है....


 सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण  की मदद से कई लोगों यहाँ तक की कई प्रसिद्ध हस्तियों ने कई बड़ी बीमारियों या संघर्षों के साथ अपनी लड़ाई जीत ली है.... वावजूद इस तथ्य के कि जीतना मुश्किल था….वास्तव में केवल एटीट्यूड ही काफी नहीं है..लेकिन जीवन में हमारी सफलता के लिए सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण की आवश्यकता है...


 ..... मनोवृत्ति मूल रूप से वह तरीका है जिसमें हम किसी चीज़ के प्रति व्यवहार करते हैं या सोचते हैं या महसूस करते हैं ... आम तौर पर हम अपनी सोच, भावनाओं तथा  अन्य पहलुओं के संदर्भ में अपना दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हैं। वास्तव में आपकी सोच गठन के पीछे मूल कारण है किसी चीज के प्रति आपका नजरिया...

यदि आप सकारात्मक सोचने के आदि  हैं और किसी भी घटना का केवल सकारात्मक पक्ष देखते हैं तो आप अपने जीवन के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं ... आप जिस मुद्दे से निपट रहे हैं, उसके बारे में बात करें ...और इसके लिए नेगेटिव विचारों को अपने मन में घर नहीं करने दें...

याद रखें... प्रकृति भी   आपके अंदर उत्पन्न विचारों को हीं सशक्त करने और उसे पूरा करने की लिए बल देती है... और इसलिए हैं हमें बचपन से यह पढ़ाया जाता है कि -" हमें अपने मन में बुरे विचारों को  लाने से बचना चाहिए..... "

आपका Attitude  आपके आस-पास हो रही घटनाओं के बारे में आपकी राय बनाने में आपकी मदद करता है... सोचने के तरीके ने आपके विचारों को तय किया और निश्चित रूप से यह आपके कार्यों में दिखाई देता है। जिस वातावरण में आप रह रहे हैं, वह भी आपके दृष्टिकोण के प्रभाव  प्रदर्शित करता है...

दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपनी मामूली चोटों और जीवन की कठिनाइयों के कारण जीवन के निराशावादी और नकारात्मक रवैये के कारण दम तोड़ दिया है….

बदल सकते हैं आपदा को अवसर में…जानें कैसे 

अपने जीवन में हर असफलता के लिए अपने आस-पास की परिस्थितियों को दोष न दें… आपके जीवन में कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी मानसिकता और दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है…।

आपके सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण में आपके जीवन में आपकी हर सफलता/असफलता का कारण प्रदान करने की शक्ति है और इसलिए अपने सोचने के तरीके को नज़रअंदाज़ न करें… निश्चित रूप से यह आपके जीवन में कठिन परिस्थितियों से निपटने का मूल तरीका है…

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आपको अपने जीवन में आने वाली हर घटना के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत…। यह एक भावनात्मक स्थिति हो सकती है जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है… सभी घटनाओं से निपटने के लिए आपको सकारात्मक और आशावादी रवैया रखना होगा। मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक सहित ....



विश्वास करें….आपमें परिस्थितियों को बदलने के लिए एटीट्यूड की शक्ति है क्योंकि आप अपनी खुद की परिस्थितियों के निर्माता हैं… अपने सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण के साथ।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।

नजरिया जीने का: धैर्य और आत्मविश्वास का समझें महत्व- प्रेरित करना, हार न मानना, क्षमताओं पर विश्वास, जोखिम लेना और अंत मे सफलता दिलाना


नजरिया जीने का: जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम के अलावा भी हमें धैर्य और आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आपका इस तथ्य को समझना होगा कि आजकल के कठिन और कम्पेटिटिव माहौल मे जहां सफलता आसान नहीं रहा गया है, हमें धैर्य और आत्मविश्वास को अपनाने कि नितांत जरूरत हैं।

धैर्य वह है जो हमें चुनौतियों का सामना करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है, भले ही परिणाम तुरंत न मिलें। यह हमें हार न मानने और प्रयास करते रहने की शक्ति प्रदान करता है। वहीं आत्मविश्वास हमें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने में मदद करता है। यह हमें जोखिम लेने और नए अवसरों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।


 याद रखें तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम अपने लाइफ में सफल हो सकते हैं और इसके लिए सबसे जरुरी फैक्टर हैं  आपके अंदर आत्मविश्वास और धैर्य का होना.

आप विश्वास कीजिए जिनके पास आत्मविश्वास है वह इन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सफलता का मार्ग लेते हैं और इसके लिए सबसे जरूरी है  सकारात्मक और पॉजिटिविटी का होना.

दोस्तों विपरीत परिस्थितियों में सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य  का होना बहुत जरूरी है पर यह याद रखें यह आपको अपने अंदर ही विकसित करनी होगी.  

किसी कवि की ये पंक्तियाँ आप को विपरीत परिस्थितियों में लड़ने में सार्थंक हो सकती है. 
वह पथ क्या पथिक परीक्षा क्या
जिस पथ में बिखरे शूल ना हो
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या 
यदि धाराएं प्रतिकूल ना हो. 


आप इतिहास के तमाम महापुरुषों की जीवन वृतांत को देखें तो यह साबित हो जाएगा की रातों-रात सफलता किसी को नहीं मिलती और यह भी उतना ही बड़ा सच है कि जिसने जितनी बड़ी सफलता हासिल किया है उसके मार्ग पर प्रकृति ने उतने ही कांटे और फूल बिछा कर रखे थे ऐसा नहीं है कि वे महापुरुषों और उन बाधाओं को देख अपने कदम वापस खींच लिए. 

तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा,
लोगों के भरम को तोड़ दे।
-नरेंद्र वर्मा

किसी भी कार्य को करने के बहुत सारे तरीके हो सकते हैं. और आपको भी अपने लिए तरीकों को चुनने की पूरी आजादी है. लेकिन यह याद रहें दोस्तों . अपने चुने गए तरीकों को जस्टिफाई करना भी आपको ही होगा. हाँ इसके लिए आप सफल महापुरुषों के अनुभवो और बताये गए रास्तों को आधार बना सकते हैं. 

विख्यात कवि/ साहित्यकार की उस कथन को याद करों दोस्तों..."महाशक्तियों के वेग में रोड़े अटकाने से उनके वेग कम नहीं होता बल्कि वो दुगुने वेग से आगे बढ़ती है." दोस्तों अब फैसला आपको करना है कि आप खुद का तुलना किसी मामूली शक्ति करते हैं या किसी महाशक्ति. अगर उत्तर महाशक्ति में है तो फिर याद रखें.आप इन बाधाओं को पार करने और निकलने के लिए दुगुने वेग से प्रयास करने वालों में से हैं. 
अक्सर ऐसा होता है कि अपनी राहों में मिलने वाले थोड़ी से चुनौतियों को हम बाधा का नाम देकर उससे परेशान हो जाते हैं कि हम खुद को परिस्थति के आगे विवश और लाचार समझने लगते हैं. पता नहीं हमें ऐसा क्यों लगता है कि परिस्थितियों का हमेशा हमारे पक्ष में हीं होनी चाहिए.

लेकिन क्या यह सच नहीं है दोस्तों कि परिस्थितियों हमेशा हमारे अनुकूल रहे हैं ऐसा नहीं करना चाहिए आखिर यह संसार सिर्फ हमारे लिए हीं तो नहीं बनी है. 

दोस्तों आपको आश्चर्य होगा के हम जिन बाधाओं और परिस्थितियों को अपनी सफलता के मार्ग का सबसे बाड़ा बाधा बताते हैं. सच्चाई तो यह है कि हम अपनी सफलता के मार्ग का बाधा खुद होते हैं. 

हमारी नेगेटिव सोच और खुद का अंदर पैदा किया गया नकारात्मक माइंडसेट प्रमुख बाधा होती है हमारी असफलता के पीछे….लेकिन हम दोष देते हैं उन परिस्थितियों और बाधाओं को. 
प्रमुख कोट्स:
  • "धैर्य ही शक्ति है। शांत रहकर आप किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।" - महात्मा गांधी
  • "आत्मविश्वास सफलता की पहली कुंजी है।" - स्वामी विवेकानंद
  • "अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।" - अननोद मॉरिल
  • "धैर्यवान व्यक्ति ही विजेता होता है।" - विलियम आर्थर वॉर्ड
  • "हार मत मानो। हारने वाले ही हारते हैं।" - विनस्टन चर्चिल

नजरिया-जीने का: सेल्फ डिसिप्लिन के महत्त्व को समझे, विकसित करने के टिप्स, महत्वपूर्ण कोट्स

  Point of View Point of View najariya importance of self discipline in life


Point of View: सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन एक शक्तिशाली कौशल है जो आपको अपने जीवन में न केवल महत्वपूर्ण लक्ष्य  हासिल करने आपको मदद करता है बल्कि यह आपके जीवनशैली को एक परफेक्ट लाइफस्टाइल में बदल देता है. सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन ठीक वैसे ही हैं जैसे हम खुद के लिए नियमों को बनाने वाले होते हैं और उसे पालन करने में खुद को मजबूर भी करते हैं. आप कह सकते हैं यह अपने आप में ठीक वैसे ही है जैसे आप नियम निर्माता भी हैं, पालन करने वाले भी हैं और उन्हें मॉनिटरिंग करने वाले भी खुद है. यह आपको सिखाती है कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कैसे अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाता है. यदि आप स्व-अनुशासन विकसित करना चाहते हैं, तो भले हीं  शुरू में आपक्को कुछ परेशानी हो लेकिन यह असंभव भी नहीं है. आप इन टिप्स की मदद से इसे लागु कर सकते हैं.

सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन हमारे जीवन में इतना महत्वपूर्ण है जिसके माध्यम से हम बिना किसी अतिरिक्त मोटिवेशनल डोज़ लिए हम अपने जीवन की सार्थकता को साबित कर सकते हैं. सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन का महत्त्व हमारे जीवन में ठीक ऐसा ही है जैसे कि हमारे शरीर के लिए हवा की जरुरत होती है वैसे ही हमें इस अपने जीवन का अभिन्न अंग की तरह बनाकर अपने साथ रखना होगा. 

आत्म-अनुशासन जीवन का अभ्यास आपको वह करने की क्षमता प्रदान करता है जो आपके जीवन की सार्थकता और सम्पूर्णता को प्राप्त करने में सहायता करती है. क्योंकि आप जानते हैं कि आप अपने मन में किसी भी सपने को प्राप्त करना सीख सकते हैं ... इसलिए जीवन में आत्म अनुशासन के लिए जरुरी पांच स्तंभों को हमेशा याद रखें जो आपको जीवन के किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने और जीवन की सम्पूर्णता की और ले जाती है -स्वीकृति, इच्छाशक्ति, कठोर परिश्रम, मेहनती और दृढ़ता।

स्व-अनुशासन को  विकसित करने के टिप्स 

  • अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं.
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और समर्पण रखें.
  • अपने आप को नियमित रूप से प्रेरित करें और प्रोत्साहित करें.
  • अपने आप को छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत करें.
  • स्व-अनुशासन एक जीवन भर की यात्रा है, लेकिन यह एक यात्रा है जो आपको अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करने में मदद कर सकती है. इसलिए, आज ही स्व-अनुशासन विकसित करना शुरू करें और अपने सपनों को पूरा करें.


सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन: महत्वपूर्ण कोट्स 

  • "सफलता का रहस्य स्व-अनुशासन है." - एलेन वार्क
  • "स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है." - लाओ त्ज़ू
  • "स्व-अनुशासन ही वह कौशल है जो आपको अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है." - ब्रूस ली
  • "स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो आपको अपने जीवन को नियंत्रित करने और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाती है." - नेपोलियन हिल
  • "स्व-अनुशासन ही वह नींव है जिस पर आप अपने जीवन का निर्माण कर सकते हैं." - विलियम जेम्स

आत्म-अनुशासन आपके जीवन के हर प्रयास में बनने वाला अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण कारक है..जो न केवल आपके जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है..बल्कि यह भ्रम की स्थिति में भी आपके जीवन को हमेशा सही रास्ते पर लाता है और यह हमारे जीवन में क्या करना है और क्या नहीं करना है के बीच की रेखा का सीमांकन करता है।



 दैनिक जीवन ... आत्म-अनुशासन वह कारक है जो आपको अपने आवेगों, भावनाओं, प्रतिक्रियाओं और व्यवहारों को नियंत्रित करने के लिए प्रदान करता है। अपने जीवन में आत्म-अनुशासन के महत्व को नियंत्रित करें और समझें... यह आपको अल्पकालिक संतुष्टि के बदले दीर्घकालिक संतुष्टि और लाभ के बारे में सोचने के लिए परिपूर्ण बनाएगा।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती



संकटमोचन भगवान हनुमान के बारे में जानें खास बातें


भगवान  हनुमान सबसे प्रसिद्ध देवताओं में से एक हैं और ऐसी 
मान्यता है कि वह आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। कहा जाता है कि प्रभु हनुमान इस घोर कलयुग मे एक मात्र देवता हैं जो अपने भक्तों के द्वारा कम पूजन पर भी आसानी से उनका कल्याण करते हैं।

संकट मोचन भगवान हनुमान के बारे में जानें खास बातें
यह सच है कि हमें अपने लक्ष्य को पाने की खातिर हर संभव प्रयासों को अपनाने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। निरंतर प्रयास करते करते अगर आपको लगता है कि कुछ ब्रेक की जरूरत है तो इंस्पायर होने के लिए आप किसी भी अन्य महापुरुषों और व्यक्तित्व का अध्ययन कर सकते हैं क्योंकि यह न केवल मोटिवेट करेगा बल्कि आपको नई आज से सराबोर भी करेगा।

विशेषताएं
बल और बुद्धि:
हनुमान जी अपार बल और बुद्धि के धनी हैं। उन्हें असाधारण शक्ति और बुद्धिमानी का प्रतीक माना जाता है।
अजर-अमर:
वे अजर-अमर हैं, अर्थात उनका न तो कोई जन्म है और न ही कोई मृत्यु।
रामभक्ति:
 वे भगवान राम के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं और उन्होंने रामायण के दौरान उनकी सेवा की थी।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान हनुमान अपने गुरु रामचंद्र के चरण कमलों के प्रति काफी समर्पित रहते हैं और इसलिए प्रभु राम को प्रसन्न करके भी लोग भगवान हनुमान को खुश और प्रसन्न करने के लिए मंदिरों और घरों मे पूजन आयोजित करते हैं।
 भगवान हनुमान की पूजा करने के दो तरीके हैं; पारंपरिक पूजा और हनुमान के गुणों का ध्यान।  

प्रमुख घटनाएं
लंकादहन: 
जब रावण ने माता सीता का अपहरण किया था, तब हनुमान जी ने लंका जाकर उसे जलाया था।
संजिवनी बूटी: 
लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लाए थे।
सुंदरकांड: 
रामायण के सुंदरकांड में हनुमान जी की वीरता और भक्ति का वर्णन है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान इस लोक मे तब तक  तक गुप्त रूप से पृथ्वी पर रहेंगे जब तक भगवान राम का नाम गाया जाएगा , महिमामंडित और स्मरण और पूजा किया जाएगा।
विशेष गुण
संकटमोचन: 
हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है क्योंकि वे भक्तों के सभी संकटों का निवारण करते हैं।
अष्टसिद्धि और नव निधि: 
उन्हें अष्टसिद्धि (आठ प्रकार की सिद्धियाँ) और नव निधि (नौ प्रकार की धन) का वरदान प्राप्त है।

लेकिन याद रखें दोस्तों, अपने लक्ष्य को पाने के लिए जिस डिटरमिनेशन या इच्छा शक्ति की जरूरत है, उसे आपको अपने अंदर ही तलाश करनी होगी। इच्छा शक्ति अगर महबूत है तो फिर आपको इंस्पायर होने की जरूरत काम पड़ेगी, क्योंकि यह आपको थकने नही देगा।

प्रसिद्ध कवि जय शंकर प्रसाद की इन पंक्तियों को अपने जीवन का मूल मंत्र बना लें " महाशक्तियों के बेग में रोड़े अटकाने से उनका बेग काम नहीभोता बल्कि वे दुगुने बेग से आगे बढ़ती हैं"

अपने इच्छाशक्ति को मजबूत बनाकर खुद को एक महाशक्ति के समान कठोर बना लें, फिर आपके और आपके लक्ष्य की बीच कोई बाधा टिक नहीं पाएगी।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।