Showing posts with label Five Facts. Show all posts
Showing posts with label Five Facts. Show all posts

स्वतंत्रता दिवस 2023: जानें खास बातें

15 August Independence Day Essay Discussion

15 अगस्त 1947 सिर्फ हमारे लिए स्वतत्रता दिवस नहीं है बल्कि यह हमारे हतिहास में इसकी खातिर दिए गए वीरों की कुर्बानी की गाथा भी है.जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत का स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है जो कि  यह भारत के लिए एक राष्ट्रीय पर्व भी है.इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है और इस दिन को मनाने के अलग-अलग तरीके हैं जिसमें शामिल है  झंडा फहराना, परेड देखना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना और मिठाई बांटना.आदि. 

स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते हैं। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं. वे अपने भाषण में देश के लोगों को स्वतंत्रता के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें देश के विकास और समृद्धि के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते हैं.

स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. यह दिन भारत के लोगों को अपने देश के इतिहास और संस्कृति के बारे में याद दिलाता है और उन्हें देश के लिए गर्व और प्रेम की भावना पैदा करता है.

यहां भारत के स्वतंत्रता दिवस के बारे में कुछ खास बातें दी गई हैं:

  • भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी.
  • भारत का स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए एक राष्ट्रीय पर्व है.
  • स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के सभी नागरिकों को गर्व और उत्साह का अनुभव होता है.
  • स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं.
  • स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
  • स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के लोग मिठाई बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं.

स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. यह दिन भारत के लोगों को अपने देश के इतिहास और संस्कृति के बारे में याद दिलाता है और उन्हें देश के लिए गर्व और प्रेम की भावना पैदा करता है.

Asia Cup 2023 महत्वपूर्ण तथ्य। प्रारूप, भाग लेने वाले देश : Facts in Brief

Asia Cup 2023 Schedule Facts in Brief

Asia Cup 2023: एशिया कप 2023 कप की मेजबानी दो देशों यानी पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा की जाएगी। एशिया कप 2023 में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें हिस्सा लेंगी।  पाकिस्तान में टूर्नामेंट के 4 मुकाबले खेले जाएंगे. जबकि श्रीलंका 9 मैचों की मेजबानी करेगा. भारतीय टीम अपने मुकाबले पाकिस्तान में नहीं खेलेगी, यानि पाकिस्तान में टीम इंडिया के मुकाबले नहीं होंगे.

एशिया कप:  इतिहास

एशिया कप 2023 एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट है जो 31 अगस्त से 17 सितंबर 2023 तक पाकिस्तान और श्रीलंका में आयोजित किया जाएगा. यह एशिया कप का 16वां संस्करण होगा, जो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) प्रारूप में खेला जाएगा.

टूर्नामेंट में छह टीमें भाग लेंगी: भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल. टीमों को दो समूहों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक समूह में तीन टीमें होंगी. प्रत्येक समूह की शीर्ष दो टीमें सुपर चार में पहुंचेंगी, जहां वे एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी. सुपर चार की शीर्ष दो टीमें फाइनल में पहुंचेंगी.

एशिया कप 2023: प्रारूप 

एशिया कप में भारत और पाकिस्तान समेत कुल 6 टीमों के बीच 13 मैच खेले जाएंगे. इसमें फाइनल भी शामिल है, जो संभवतः श्रीलंका में ही खेला जाएगा. सभी 6 टीमों के दो ग्रुप में बांटा जाएगा (Asia Cup 2023 Teams), जिसमें पाकिस्तान, भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और नेपाल शामिल है.

भारत एशिया कप का सबसे सफल टीम है, जिसने टूर्नामेंट को सात बार जीता है. पाकिस्तान ने चार बार, श्रीलंका ने तीन बार, बांग्लादेश ने एक बार और अफगानिस्तान ने एक बार टूर्नामेंट जीता है.

एशिया कप एक लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट है और इसे दुनिया भर में लाखों लोग देखते हैं. यह टूर्नामेंट एशिया के सबसे अच्छे क्रिकेटरों को एक साथ लाता है और यह क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है.

यहां एशिया कप 2023: Facts In Brief

  1. टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान और श्रीलंका संयुक्त रूप से कर रहे हैं.
  2. टूर्नामेंट में छह टीमें भाग लेंगी: भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल.
  3. टीमों को दो समूहों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक समूह में तीन टीमें होंगी.
  4. प्रत्येक समूह की शीर्ष दो टीमें सुपर चार में पहुंचेंगी, जहां वे एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी.
  5. सुपर चार की शीर्ष दो टीमें फाइनल में पहुंचेंगी.
  6. भारत एशिया कप का सबसे सफल टीम है, जिसने टूर्नामेंट को सात बार जीता है.
  7. पाकिस्तान ने चार बार, श्रीलंका ने तीन बार, बांग्लादेश ने एक बार और अफगानिस्तान ने एक बार टूर्नामेंट जीता है.
  8. एशिया कप एक लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट है और इसे दुनिया भर में लाखों लोग देखते हैं.
  9. यह टूर्नामेंट एशिया के सबसे अच्छे क्रिकेटरों को एक साथ लाता है और यह क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है.

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (IYOM) – 2023: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के भोजन में 30% मिलेट को शामिल किया गया

Year of Millets introduced Millets in the meals of  CAPFs and NDRF

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष -2023 को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) कर्मियों के भोजन में मिलेट (श्री अन्न) को शामिल करने का एक अभूतपूर्व निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के आह्वान पर सभी बलों के साथ गहन चर्चा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के भोजन में 30% मिलेट (श्री अन्न) शामिल किया गया है।

उल्लेखनीय है कि मिलेट के महत्व को स्वीकार करते हुए और इसके लिए घरेलू व वैश्विक माँग उत्पन्न करने के साथ साथ लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का श्री अन्न को बढ़ावा देने का अभियान करोड़ों देशवासियों के पोषण की पूर्ति का आधार बनेगा।

श्री अन्न स्वास्थ्य के लिए अच्छा, किसानों के लिए फायदेमंद और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। श्री अन्न ऊर्जा से भरपूर, सूखा प्रतिरोधी, कम पानी की आवश्यकता वाली शुष्क मिट्टी एवं पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से उपजायी जा सकती है और यह कीट आदि के प्रकोप से भी तुलनात्मक रूप से  सुरक्षित है। श्री अन्न - प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत, ग्लूटेन मुक्त, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस आदि सहित सूक्ष्म पोषक तत्वों और फाइटो-केमिकल्स से भरपूर होता है  जिससे यह सैनिकों और सुरक्षा बल कर्मियों के लिए समग्र पौष्टिक आहार का काम करता है।

गृह मंत्रालय ने सभी बलों को श्री अन्न पर आधारित मेन्यू की शुरुआत करने की प्रक्रिया शुरु करने का निर्देश दिया है और बलों ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के विभिन्न अवसरों और समारोहों आदि में भी श्री अन्न का व्यापक उपयोग किया जाएगा।

श्री अन्न के उपयोग को बढ़ाने के लिये इसकी उपलब्धता केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार, बलों के परिसर की किराना दुकानों और राशन स्टोर में अलग काउंटर के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही बलों द्वारा मिलेट व्यंजन बनाने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से श्री अन्न आधारित व्यंजन तैयार करने के लिए रसोइयों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

श्री अन्न के उपयोग के लिए बलों के कर्मियों और उनके परिवार के बीच जागरूकता पैदा करने के लिये आहार विशेषज्ञों और विशेषज्ञ एजेंसियों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, 'अपने श्री अन्न को जानें' विषय पर जागरूकता के लिये विभिन्न कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, सेमिनार, वेबिनार, कार्यशालाएं और संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जायेगा ।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (IYOM) – 2023, श्री अन्न के वैश्विक उत्पादन, कुशल प्रसंस्करण और फसलों के रोटेशन एवं बेहतर उपयोग को बढ़ाने के साथ साथ मानव खाद्य के एक प्रमुख घटक के रूप में बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।

रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को प्राप्त हुआ नवरत्न का दर्जा: Facts in Brief

Rail Vikas Nigam Limited (RVNL) granted Navratna Status

आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में रेल मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल हो गया है।  कंपनी को सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपये है, जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है।

आरवीएनएल को 24 जनवरी, 2003 को पीएसयू के रूप में निगमित किया गया था, जिसका उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं का कार्यान्वयन और एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना था। निदेशक मंडल की नियुक्ति के साथ 2005 में कंपनी का परिचालन शुरू हुआ था। कंपनी को सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपये है, जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है।

आरवीएनएल को निम्नलिखित काम सौंपे गए हैं :

  1. पूर्ण परियोजना जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास और कार्यों का निष्पादन करना।
  2. यदि आवश्यक हो, तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए परियोजना केंद्रित एसपीवी बनाना।
  3. आरवीएनएल द्वारा एक रेलवे परियोजना पूरी किए जाने पर, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे इसका संचालन और रखरखाव करेगा।

आरवीएनएल को “नवरत्न” का दर्जा मिलने से उसके अधिकार, परिचालन स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता में बढ़ोतरी हो गई है, जिससे आरवीएनएल की प्रगति को पर्याप्त प्रोत्साहन मिलेगा। 

यह विशेष रूप से इसलिए भी अहम है, क्योंकि आरवीएनएल रेलवे से परे और यहां तक कि विदेश स्थित परियोजनाओं में भी अपना विस्तार कर रही है।

टिम साउदी, न्यूजीलैंड ने छोड़ा हेडली-विटोरी को पीछे

 Tim Southee facts five you need to know

न्यूजीलैंड के गेंदबाज टिम साउदी ने एक नया इतिहास रचते हुए न्यूजीलैंड की और से क्रिकट के सभी फॉर्मेट में सर्वाधिक विकेट लेने का कीर्तिमान बनाया है. टिम साउदी 700 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले इतिहास के पहले गेंदबाज बन गए है. इस मामले में साउदी ने महान कीवी गेंदबाज सर रिचर्ड हेडली और डेनियल विटोरी को पीछे छोड़ दिया।

उन्होंने यह कीर्तिमान वेलिंगटन में दूसरे टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट को आउट करने के बाद यह उपलब्धि हासिल की। 

साउथी द्वारा अब तकक्रिकेट का सभी फॉर्मेट में लिए गए विकेट का आंकड़ा निम्न है. 

  • टेस्ट क्रिकेट में 356, 
  • वनडे में 210 
  • टी20 क्रिकेट में 134 विकेट

न्यूजीलैंड: एक नजर अब तक के विश्व के टॉप विकेट लेने  वाले गेंदबाज पर 

  • टिम साउदी-700
  • डेनियल विटोरी-696
  • सर रिचर्ड हेडली-589

हालाँकि क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट मिलाकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों पर एक नजर 

  • मुथैया मुरलीधरन- 1347 विकेट 
  • शेन वॉर्न- 1001 
  • जेम्स एंडरसन 969
  • अनिल कुंबले- 956 

Lunar New Year 2023: दीर्घायु, शांति और समृद्धि का प्रतीक खरगोश का वर्ष है चाइनीज चंद्र नव वर्ष

 

Lunar New Year Facts in Brief

Lunar New Year 2023:
चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023) आधिकारिक तौर पर आज अर्थात 22 जनवरी 2022 से आरंभ हुआ है.  आपको यह जानकारी हैरानी होती कि Lunar New Year 2023 अर्थात चीनी नव वर्ष केवल एक दिन का उत्सव नहीं है जैसे कि हम सामान्यत: 1 जनवरी की आधी रात को नए साल की शुरुआत करते हैं और एक दिन के दिन के उत्सव के  रूप में मनाते हैं।

चीनी नव वर्ष चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023) को आरम्भ होकर यह त्योहार 5 फरवरी तक चलेगा, कुल मिलाकर लगभग 15 दिन। उल्लेखनीय है कि 2023 चीनी राशि के अनुसार खरगोश का वर्ष है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर के ठीक विपरीत, चंद्र कैलेंडर आमतौर पर जनवरी के अंत में पहली अमावस्या से शुरू होता है जो कि इस वर्ष 22 जनवरी 2022 को  मनाया जा रहा है। सामान्यत: चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023)  को मनाने के लिए लोग एक-दूसरे के लिए जीवन में उनके , परिवार, स्वास्थ्य, धन और बहु-पीढ़ी की परंपराओं का जश्न मनाने का समय होता है।

जहाँ तक चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023)  मनाने का प्रश्न होता है इसके अनुसार लोग प्रत्येक दिन राशि चक्र के जानवरों के जन्मदिन की तरह कुछ अलग ढंग से मनाते हैं. साथ ही ऐसा मान्यता होती है कि  प्रत्येक दिन की अपनी परंपराएं होती हैं जो भोजन, धन, परिवार और स्मरण से भरी होती हैं।

ऐसी मान्यता है कि चाइनीज चंद्र नव वर्ष (Lunar New Year 2023) चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक वर्ष 12 राशियों में से एक जानवर द्वारा दर्शाया जाता है, और यह वर्ष दीर्घायु, शांति और समृद्धि का प्रतीक खरगोश का वर्ष होगा।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चाइनीज  चंद्र नव वर्ष  आने वाले सालों में निम्न तिथिओं को पड़ेगा और एनिमल की सूची जो सम्बंधित वर्ष का प्रतीक  होगा. 


2024:10  फरवरी 10  (शनिवार)- ड्रैगन

2025: 29, जनवरी  2025 (बुधवार) -सर्प

2026: 17 फरवरी  2026 (मंगलवार)- घोड़ा

2027:  6 फरवरी  2027 (शनिवार)- भेड़

2028: 26 जनवरी 2028 (बुधवार)- बंदर

2029 -13 फरवरी 2029 (मंगलवार)- मुर्गा

2030-3 फरवरी 2030 (रविवार)- कुत्ता

मिलेट महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश के मंडला में: जाने मोटा अनाज से सम्बंधित खास तथ्य

Millets Conclave Five facts

मध्य प्रदेश के मंडला में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने मिलेट महोत्सव का  उद्घाटन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को मोटा अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित करने के मद्देनजर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय मोटा अनाज के खपत और निर्यात क्षमता, पोषण लाभ और मूल्यवर्धन के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से देश के 20 राज्यों और 30 जिलों में मोटा अनाज महोत्सव की मेजबानी कर रहा है। 

 इन जिलों में मंडला (मध्य प्रदेश), विजयनगरम (आंध्र प्रदेश), भोजपुर (बिहार), महबूबनगर (तेलंगाना), धर्मपुरी (तमिलनाडु), आगरा (उत्तर प्रदेश), कार्बी आंगलोंग (असम), विरुधुनगर (तमिलनाडु), डांग (गुजरात), पार्वतीपुरम मान्यम (आंध्र प्रदेश), कोमाराम भीम (तेलंगाना), अल्मोड़ा (उत्तराखंड), नुआपाड़ा (ओडिशा), बठिंडा (पंजाब), पलक्कड़ (केरल), दावणगेरे (कर्नाटक), तापी (गुजरात), बाड़मेर (राजस्थान) ), कुल्लू (हिमाचल प्रदेश), तुमकुर (कर्नाटक), भिंड (मध्य प्रदेश), नंदुरबार (महाराष्ट्र), जोधपुर (राजस्थान), सुकमा (छत्तीसगढ़), महेंद्रगढ़ (हरियाणा), अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), कलिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) , खूंटी (झारखंड) और जमुई (बिहार) शामिल हैं।

मंडला कोदो और कुटकी मोटा अनाज के उत्पादन का केंद्र है, जिसे भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना के अंतर्गत के तहत वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के औपचारिककरण के रूप में भी पहचाना गया है।  

Millets Conclave Five facts 

  1. मंत्रालय द्वारा मोटा अनाज महोत्सव के अलावा, 3 से 5 नवंबर 2023 तक नई दिल्ली में एक मेगा-फूड कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है, 
  2. मोटा अनाज 130 से अधिक देशों में उगाए जाने के कारण पूरे एशिया और अफ्रीका में आधे अरब से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन माना जाता है। 
  3. वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मोटा अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। 
  4. मोटा अनाज की विशाल क्षमता को पहचानते हुए, जो संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ भी मेल खाती है, भारत सरकार (जीओआई) ने मोटा अनाज को प्राथमिकता दी है।
  5. माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत सरकार के अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईओएम) 2023 के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा स्वीकार किया गया था। यह घोषणा भारत सरकार के लिए आईवाईओएम को मनाने में सबसे आगे रहने के लिए सहायक रही है।

पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों का अखिल भारतीय सम्मेलन में दिल्ली में, जाने 20 14 से किन शहरों में ही हुई आयोजित

Conference of Director Generals/ Inspector Generals of Police Brief Facts

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21-22 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन 2022 में शामिल होंगे। 20 से 22 जनवरी 2023 तक आयोजित होने वाला यह तीन दिवसीय सम्मेलन हाईब्रिड प्रारूप में होगा। 

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों सहित लगभग 100 आमंत्रित व्यक्ति इस सम्मेलन में भौतिक रूप से भाग लेंगे, जबकि शेष आमंत्रित व्यक्ति इस सम्मेलन में देश भर से वर्चुअल रूप से भाग लेंगे। 

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 से ही पूरे देश में वार्षिक डीजीपी सम्मेलनों का आयोजन किए जाने को भी प्रोत्साहित किया है। 

पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन: Brief Facts

  1. यह सम्मेलन वर्ष 2014 में गुवाहाटी में; 
  2. वर्ष 2015 में धोरडो, कच्छ का रण में;
  3. वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में; 
  4. वर्ष 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर में; 
  5. वर्ष 2018 में केवड़िया में; और 
  6. वर्ष 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में और
  7.  वर्ष 2021 में पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में आयोजित किया गया था।   

रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित: Facts in Brief

Ramagundam Fertilizer Plant

प्रधानमंत्री ने रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया जिसकी रामागुंडम परियोजना की आधारशिला भी 7 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी। इस उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार के पीछे की प्रेरक शक्ति दरअसल प्रधानमंत्री का विजन है कि यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करनी है। रामागुंडम संयंत्र स्वदेशी नीम-कोटेड यूरिया का 12.7 एलएमटी उत्पादन प्रति वर्ष उपलब्ध कराएगा।

ये परियोजना रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के तत्वावधान में स्थापित की गई है, जो कि नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। 

आरएफसीएल को 6300 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से नया अमोनिया-यूरिया संयंत्र स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आरएफसीएल संयंत्र को गैस की आपूर्ति जगदीशपुर-फूलपुर-हल्दिया पाइपलाइन के माध्यम से की जाएगी।

ये संयंत्र तेलंगाना राज्य के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में किसानों को यूरिया उर्वरक की पर्याप्त और समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

 ये संयंत्र न सिर्फ उर्वरक की उपलब्धता में सुधार करेगा बल्कि इससे इस क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा जिसमें सड़क, रेलवे, सहायक उद्योगों जैसे बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। इसके अलावा, इस कारखाने के लिए विभिन्न सामानों की आपूर्ति से एमएसएमई विक्रेताओं का विकास होगा जिससे इस क्षेत्र को लाभ होगा।

 आरएफसीएल का 'भारत यूरिया' न केवल आयात को कम करेगा बल्कि उर्वरकों और विस्तार सेवाओं की समय पर आपूर्ति के जरिए स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देकर अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री ने लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भद्राचलम रोड-सत्तुपल्ली रेल लाइन भी राष्ट्र को समर्पित की। 

उन्होंने 2200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। ये परियोजनाएं हैं: - एनएच-765डीजी का मेडक-सिद्दीपेट-एलकाठुर्ति खंड; एनएच-161बीबी का बोधन-बसर-भैंसा खंड; एनएच-353सी का सिरोंचा से महादेवपुर खंड।


 

प्रोजेक्ट चीता- नामीबिया से लाए गए चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया : Facts in Brief

Project Cheetah from  Namibia to Kuno Park Facts in Brief

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत से विलुप्त हो चुके जंगली चीतों को कुनो नेशनल पार्क  में छोड़ा। लाये गए इन आठ चीतों में से पांच मादा और तीन नर हैं। नामीबिया से लाए गए इन चीतों को ‘प्रोजेक्ट चीता’, जोकि मांसाहारी बड़े जंगली जानवरों के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण की दुनिया की पहली परियोजना है, के तहत भारत में पेश किया जा रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कुनो नेशनल पार्क में दो रिलीज पॉइंट पर इन चीतों को छोड़ा। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर चीता मित्रों, चीता पुनर्वास प्रबंधन समूह और छात्रों के साथ बातचीत भी की। इस ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री द्वारा कुनो नेशनल पार्क में जंगली चीतों को छोड़े जाने का कदम भारत के वन्य जीवन एवं प्राकृतिक वास को पुनर्जीवित करने व उनमें विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है।

 चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। जिन चीतों को छोड़ा गया है, वे नामीबिया के हैं और उन्हें इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत भारत लाया गया है। भारत में चीता को ‘प्रोजेक्ट चीता’, जोकि मांसाहारी बड़े जंगली जानवरों के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण की दुनिया की पहली परियोजना है, के तहत लाया जा रहा है।

ये चीता भारत में खुले जंगल और चरागाहों के इकोसिस्टम को बहाल करने में मदद करेंगे। इससे जैव विविधता के संरक्षण में मदद मिलेगी और यह जल सुरक्षा, कार्बन पृथक्करण और मृदा की नमी के संरक्षण जैसी इकोसिस्टम से जुड़ी सेवाओं को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर समाज को लाभ होगा। यह प्रयास पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और यह पर्यावरण के अनुकूल विकास एवं इकोटूरिज्म की गतिविधियों के जरिए स्थानीय समुदाय की आजीविका के अवसरों में वृद्धि करेगा।

प्रोजेक्ट चीता:  Facts In Brief 

 चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। 

भारत की धरती पर चीतों को फिर से लौटाने का यह ऐतिहासिक कदम पिछले आठ वर्षों में स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के विभिन्न उपायों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं। वर्ष 2014 में संरक्षित क्षेत्रों का जो कवरेज देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 4.90 प्रतिशत था, वह अब बढ़कर 5.03 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2014 में देश में जहां कुल 1,61,081.62 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ 740 संरक्षित क्षेत्र थे, वहीं अब कुल 1,71,921 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ 981 संरक्षित क्षेत्र हो गए हैं।

पिछले चार वर्षों में वन और वृक्षों के कवरेज में 16,000 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल है जहां वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है।

कम्युनिटी रिजर्व की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में जहां सिर्फ 43 कम्युनिटी रिजर्व थे, 2019 में उनकी संख्या बढ़कर 100 से भी अधिक हो गई है।

भारत में 52 टाइगर रिजर्व हैं, जोकि 18 राज्यों के लगभग 75,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। यहां दुनिया के लगभग 75 प्रतिशत जंगली बाघ बसते हैं। भारत ने लक्षित वर्ष 2022 से चार साल पहले 2018 में ही बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत में बाघों की संख्या 2014 में 2,226 से बढ़कर 2018 में 2,967 हो गई है।

बाघों के संरक्षण के लिए बजटीय आवंटन 2014 में 185 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 300 करोड़ रुपये हो गया है।

एशियाई शेरों की संख्या में 28.87 प्रतिशत की वृद्धि दर (अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दरों में से एक) के साथ निरंतर वृद्धि हुई है। एशियाई शेरों की संख्या 2015 में 523 से बढ़कर 674 हो गई है।

भारत में अब (2020) तेन्दुओं की संख्या 12,852 है, जबकि 2014 के पिछले अनुमानों के अनुसार यह संख्या 7910 ही थी। तेन्दुओं की संख्या में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

जानें दिल्ली स्थित अज़ीमगंज सराय के बारें में जिसका सौंदर्यीकरण करवा रही है केजरीवाल सरकार

Five facts about Azimgang Sarai New Delhi

दिल्ली की ऐतिहासिक पहचान को बरक़रार रखने के क्रम में केजरीवाल सरकार दिल्ली में अपने अंतर्गत आने वाली ऐतिहासिक स्मारकों, इमारतों के संरक्षण व उनके पुर्नोद्धार का काम कर रही है| इसी क्रम में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ सुंदर नगर,निज़ामुद्दीन स्थित अजीमगंज सराय के पुर्नोद्धार के लिए किए जा रहे संरक्षण कार्यों के प्रगति की समीक्षा की|  
अजीमगंज सराय:
अजीमगंज सराय 16वीं सदी का मुगल सराय था, जो मूल रूप से पुराना किला और हुमायूं के मकबरे के महत्वपूर्ण मुगल स्मारकों को जोड़ने वाले ग्रांड ट्रंक रोड पर खड़ा था। सरायों को 'कारवां सराय' के रूप में भी जाना जाता है, जो यात्रियों, व्यापारियों और शिल्पकारों के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए व्यापार मार्गों के साथ बनाए गए थे। इसके विशाल आँगन के चारो ओर 108 मेहराबदार कमरे बने हुए है जो बेहद ख़राब हालत में है और दिल्ली सरकार द्वारा इसके संरक्षण का कार्य किया जा रहा है| 

कनेक्टिविटी के नुकसान और रखरखाव के अभाव के कारण अजीमगंज सराय में पिछले पचास सालों में स्थापत्य जैसे कक्षों, मेहराबों और चिनाई वाली दीवारों में बहुत नुकसान हुआ है। यह ऐतिहासिक महत्त्व की इमारत है ऐसे में केजरीवाल सरकार इसके संरक्षण कार्य में पारंपरिक सामग्रियों और शिल्प तकनीकों का उपयोग करवा रही है जिससे इसकी पुरानी स्थापत्य बरक़रार रहे| अजीमगंज सराय के संरक्षण का पूरा प्रोजेक्ट कामगारों के लिए प्रशिक्षण तथा बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर तैयार करेगा|

World Statistics Day 29 जून: जानें क्यों मनाते है और क्या है इस वर्ष का थीम


प्रत्येक वर्ष 29 जून को "सांख्यिकी दिवस" ​​के रूप में मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महलनोबिस के किए गए महत्वपूर्ण योगदानों के सम्मान में सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष मनाई जाने वाले कार्यक्रम का थीम है "सतत विकास के लिए डेटा."

भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 29 जून को "सांख्यिकी दिवस" ​​के रूप में नामित किया है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिवसों की श्रेणी में रखा गया है। 

इस दिवस का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक योजना और नीति निर्धारण में सांख्यिकी की भूमिका और इसके महत्व के बारे में प्रोफेसर (दिवंगत) महलनोबिस से प्रेरणा लेने के लिए विशेष रूप से युवा पीढ़ी में जन जागरूकता पैदा करना है।

इस वर्ष सांख्यिकी दिवस, 2022 का मुख्य कार्यक्रम सशरीर मौजूदगी-सह-आभासी मोड के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन (एमओएसपीआई) और योजना राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह हैं। 

सांख्यिकी दिवस हर साल समकालीन राष्ट्रीय महत्व के विषय के साथ मनाया जाता है। सांख्यिकी दिवस, 2022 का विषय 'सतत विकास के लिए डेटा' है।


एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक पहला उड़ान परीक्षण: Facts in Brief


रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने ओडिशा के समुद्र तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर से नौसेना हेलीकॉप्टर के जरिए स्वदेशी रूप से विकसित नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक पहला उड़ान परीक्षण किया। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने पहले विकासात्मक उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और परीक्षण से संबंधित टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल कर ली है।

मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी रूप से विकसित हवा से लॉन्च की जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है।

इस एंटी-शिप मिसाइल ने वांछित समुद्री स्किमिंग प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया और नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंच गया। सभी उप-प्रणालियों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। परीक्षण रेंज और निकट प्रभाव बिंदु पर तैनात सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक किया और सभी घटनाओं को कैद किया।

इस मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नौसंचालन प्रणाली और एकीकृत वैमानिकी शामिल हैं। उड़ान परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने गौर से देखा।

राजा राम मोहन राय की 250 वीं जयंती: Facts in Brief

राजा राम मोहन राय की 250 वीं जयंती:  Facts in Brief

राजा राम मोहन राय की 250 वीं जयंती मनाई जा रही है। एक तरफ जहां देश आजादी का अमृत महोत्सव’ मन रहा है, ऐसे समय देश के विख्यात समाज सुधारक और विद्वान राजा राम मोहन राय की जान की 250वीं जयंती खास आयोजन है।

इसी क्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय 22 मई, 2022 से 22  मई, 2023 तक राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती मना रहा है। 

उद्घाटन समारोह राजा राम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान, सॉल्ट लेक, कोलकाता और विज्ञान नगरी प्रेक्षागृह, कोलकाता में आयोजित किया जायेगा। संस्कृति, पर्यटन और उत्तरी पूर्वी क्षेत्र मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी तथा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनकड़ 22 मई, 2022 को समारोह की शोभा बढ़ायेंगे।

संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, 11 बजे पूर्वाह्न राजा राम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान, कोलकाता में वर्चुअल माध्यम से राजा राम मोहन राय की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

सॉल्ट लेक, विज्ञान नगरी प्रेक्षागृह, कोलकाता में कई अन्य कार्यक्रम भी होंगे। बच्चों के लिये एक संगोष्ठी और क्विज कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा। श्री राजा राम मोहन राय के जीवन के विभिन्न पक्षों पर एक मल्टी-मीडिया प्रस्तुतिकरण भी पेश किया जायेगा।