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नजरिया जीने का: पॉजिटिव लाइफ के लिए है जरुरी "खुद पर भरोसा क्योंकि, कुछ भी असंभव नहीं "


नजरिया जीने का: पॉजिटिव सोचने के लिए सबसे जरुरी है कि आप अपने मन को मजबूत बनाइये क्योंकि यह आपका मन ही है जो नकारात्मकता और नेगेटिव थॉट्स को आप पर हावी होने का मौका प्रदान करती है. आप हमेशा सिर्फ यह सोचे कि जिसे अन्य लोग असंभव समझते हैं आपके लिए वह संभव हो सकता है और इसके लिए आप खुद को यह समझाएं कि - “हाँ मैं कर सकता हूँ”।

नकारात्मक मानसिकता और कुछ नहीं बल्कि भ्रमित विचारों का एक संग्रह है जो हमें जीवन की वास्तविकता से बहुत दूर ले जाती है. मानव मन अपने आप में एक विविधताओं से भरा हुआ है और उतना ही पेचीदगियों का सम्मिश्रण है जिसके साथ सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि हम सही जानते तो हैं लेकिन जब करने का समय आता है तो हम अपने आप को नासमझ के समान बना कर अपना आचरण करते हैं. 

 कहने का आशय यह है कि हम जानते हैं कि नेगेटिव माइंडसेट के साथ जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते है और अपने जीवन को नकारात्मक सोच के साथ बोझ हीं बना सकते हैं. फिर भी, हम सकारात्मक और पॉजिटिव माइंडसेट को अपनाने में किसी दूसरे पर निर्भर होना ज्यादा पसंद करते हैं. 

सकारात्मक दिमाग में हमारे जीवन में आने वाली परीक्षाओं का जवाब देने का अंतिम तरीका प्रदान करने की शक्ति होती है। जीवन कड़वी सुखद सहित अप्रत्याशित घटनाओं की श्रृंखला से भरा है। लेकिन, इस तथ्य के बावजूद, हमें जीने की कला सीखनी होगी।

जीवन में उतार-चढाव का होना लगा रहता है और इससे हम बच नहीं सकते हैं. लेकिन  हम इन घटनाओं को बिना किसी नकारात्मक मानसिकता के स्वीकार करें और उन्हें पॉजिटिव एटीट्यूड से लेकर उनका समाधान ढूंढते हैं, तो कम से कम हमारा यह प्रयास यह हमें बेहतर जीवन की आशा प्रदान कर सकता है।


नजरिया जीने का: ख़ामोशी आपकी कमजोरी नहीं, भविष्य की सफलता वाले धमाका का बुनियाद है ये

Inspiring Thoughts How Silence Speaks

नजरिया जीने का:  आपकी चुप्पी, शांत नेचर और गंभीर व्यक्तित्व जिसे दुनिया ख़ामोशी कहती है वास्तव में यह आपकी सकारात्मक ऊर्जा है जो एक दिन सफलता का धमाका करने वाली शक्ति का काम करेगी.  आपके अंदर अगर उपरोक्त वर्णित खूबियां है तो फिर आप इसे अपनी कमजोरी नहीं समझे क्योंकि आपकी सफलता और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह सबसे सुन्दर और प्रभावी हथियार है जो एक दिन धमाका करके आपकी प्रयासों को नया आयाम देगी. हाँ,  ये सच है कि  इस भाग-दौड़ के जीवन में शांति और स्थिरता की तलाश मुश्किल है लेकिन क्या यह भी सच नहीं है कि इसी शांति अर्थात मौन और स्थिरता के आभाव में हम अपना आज और कल भी बर्बाद कर रहे हैं. 

व्यस्तता जरुरी है क्योंकि आज की जीवन में भाग दौड़ और आराम का नहीं होना प्रगति और आगे बढ़ते रहते का पैमाना बना दिया गया है. जो आज जितना व्यस्त है, उसका कल उतना हीं सुरक्षित है. लेकिन क्या, खुद से बात करने के लिए अगर हमारे पास 24 घंटे में 10 मिनट भी नहीं है, तो क्या हम इस जीवन की बदौलत ही आज और कल सुरक्षित रख सकेंगे? 

याद रखना दोस्तों... अगर 24 घंटे में 10 मिनट खुद से बात करने के लिए आपके पास नहीं हैं तो तो फिर आप संसार के सबसे सुन्दर व्यक्तित्व से रुबरु होने के मौके को गंवा रहे है.... 

आप एक बार अपने तमाम व्यस्तता से प्रति दिन 10 मिनट निकल कर खुद के लिए सोच कर तो देखिये...ये 10 मिनट की साइलेंस ये शांति और चुप्पी की महत्ता को आप तब समझेंगे जब एक बार स्थिर रह कर खुद से बात करने का वक्त निकलना शुरू करेंगे...

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…

जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…

संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…

कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…

-हरिवंश राय बच्चन


उम्र बीत जाती है खुद से बात किये और तब आप खुद से बात करके ही क्या करेंगे जब शरीर पर खुद का नियंत्रण हीं नहीं होगा... तब तो आप खुद से बात करने को मजबूर होंगे...क्योकि तब दुनिया भी आपको आउटडेटेड समझ चुकी होंगी और आप असहाय होकर खुद से बात करने को मजबूर होंगे... 

विश्वास करें,,, जिस व्यस्त जीवन में खोकर आप आज खुद के लिए 10 मिनट नहीं निकल पा रहे हैं, इस जीवन की असलियत भी यही है...आखिर हम काटेंगे तो वही न जिसे आज बो रहे है... 

आप खुद से बात करना शुरू तो कीजिये...यह आपके न केवल आज बल्कि आपके सुन्दर और सुरक्षित भविष्य के लिए भी जरुरी है... आपके परिवार के उन सदस्यों के सुरक्षित भविष्य के लिए भी जरुरी है जिनके सुख सुविधा के इंतजाम के लिए आज आप व्यस्त होने को जीवन की सफलता का पैरामीटर बना चुके हैं... 

नर हो, न निराश करो मन को

 कुछ काम करो, कुछ काम करो

 जग में रहकर कुछ नाम करो

-मैथिलीशरण गुप्त



एक बार आप खुद के अलावा अपने परिवार के उन सदस्यों के साथ..खास तौर पर बुजुर्ग माता पिता के साथ बैठकर उनके संघर्ष वाले दिनों की चर्चा को हीं  सुन लीजिये,. बस इस बारे में सोचें कि आपके जीवन में आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है... विश्वास कीजिये, उनके चेहरा पर मिलने वाले संतोष और आनंद आपके व्यस्तता के लाइफ को और भी उत्साह से भर देगा... आप अपने भविष्य के लिए और भी दुगुना लगन और उत्साह के साथ जुट जायेगें... 


नजरिया जीने का: डिप्रेशन और फ़्रस्ट्रेशन पर काबू पाने के लिए पाएं नेगेटिव माइंडसेट से छुटकारा

Inspiring Thoughts How To Control Frustration And Depression

नजरिया जीने का: 
मानसिक अवसाद और मेन्टल तनाव को हम हमेशा से जीवन का सामान्य घटना समझने की भूल करते हैं. अक्सर हम इसे अपने दैनिक जीवन और आधुनिक भागदौड़ वाले जीवन की रेस का परिणति मानने की गलती करते हैं. लेकिन सच्चाई यह नहीं है दोस्तों. मानसिक अवसाद और मेन्टल टेंशन का अगर समय रहते समुचित इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता हैं.

सफलता के लिए संघर्ष और मिलने वाले बाधाओं से निबटने के लिए  खुद के अंदर  सकारात्मकता ऊर्जाओं  को बढ़ाना बहुत ही जरुरी है. इस दौरान केवल आपकी पॉजिटिव मानसिकता और स्वय के अंदर सकारात्मक  विचारों का सृजन करें. बाहरी दुनिया से लगभग कर जाने और सोशल डिस्टेंस के दौर में यह जरुरी है कि  आप अपने आपको हमेशा सक्रिय रखें और इस  अवधि के दौरान आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिए खुद्द को मानसिक  रूप से मजबूत बनाये  रखें. 

सच तो यह है कि यह आपके सकारात्मक विचार और मजबूत मानसिकता है जो सीधे आपके व्यक्तित्व और दृढ़ संकल्प शक्ति को तय करनेमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं.  दोस्तों आप हमेशा याद रखें कि प्रकृति ने हम सभी के व्यक्तित्व  को एक आइरन मैन की तरह स्ट्रांग क्वालिटी से नवाजकर धरती पर भेजा है.


अब यह हम पर निर्भर करता है कि  हम  अपने आपको अपने   पॉजिटिव विचारों और स्वस्थ मानसिकता को किस हद तक खुद को स्ट्रांग और शक्तिशाली बनाकर रख पाते हैं. 

यह आश्चर्यजनक है कि उन तथ्यों के बावजूद कि हमारे पास अपने विचारों को निर्देशित करने की शक्ति है, हमने अपने दिमाग में सभी नकारात्मक विचारों को उकेरा है. हम मानव ब्रह्मांड के सबसे बुद्धिमान प्राणी होने का दावा करते हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से  सच्चाई यह है कि-We Know the Right but do the Wrong .

हम में से हर कोई इस तथ्य को जानता है कि यह हमारी मानसिकता हीं  जो हमारे कार्यों पर हावी है और हमारे कर्मों के परिणाम में परिलक्षित होती है. 

प्रसिद्ध व्यक्तित्व रतन टाटा का उद्धरण  यहां उल्लेख करना उपयुक्त होगा कि-कोई भी लोहे को नष्ट नहीं कर सकता है,बल्कि यह जंग हीं है जो इसे खा सकता है और बर्बाद कर सकता है.  इसी तरह, एक व्यक्ति को अगर कोई नष्ट कर सकता है तो सिर्फ और सिर्फ उसकी सोच और नकारात्मक मानसिकता हो सकती है.

आपके आसपास के नकारात्मक विचार और कुछ नहीं बल्कि आपकी खुद के अंदर उत्पन्न नकारात्मक मानसिकता की देन  है. आप इस तरह के विचारों के निर्माता आप खुद होते हैं और आपने अपने मन में जिस प्रकार के सोच और मानसिकता को पालते हैं, भविष्य में वही आपकी व्यक्तित्व बन जाती है. 

याद रखें, आप अपनी परिस्थितियों के निर्माता हैं और निश्चित रूप से आपकी सहमति के बिना, नकारात्मक विचार आपकी मानसिकता को भला कैसे बदल सकते हैं ...यदि आप केवल सकारात्मक विचारों और प्रेरक मानसिकता से लैस हैं, तो आपके स्पर्श में आया ऐसा निराशावादी व्यक्ति आशावादी व्यक्ति में बदल जाएगा ...निश्चित रूप से, शुरू में इसे लागू करना मुश्किल होगा, लेकिन याद रखें, यह असंभव नहीं है.

याद रखें, एक बार ऐसा समय आएगा जब लोग आपके सकारात्मक दृष्टिकोण और आपकी मानसिकता को लोग अनुसारण करेंगे और अपनी खुद की नकारात्मक मानसिकता को भूल जाएं साथ ही आप आयरन मैन के साथ स्ट्रांग माइंडसेट के लिए रोल मॉडल बन जाएंगे.

नजरिया जीने का: Sardar Vallabhbhai Patel-जानें लौह महत्वूर्ण Quotes


नजरिया जीने का: सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) जिन्हे लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है वह भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री थे. सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) पेशे से एक वकील थे और उनका जिनका जन्म 31 अक्टूबर को हुआ था। सरदार पटेल ने अपने कुशलता और अपने सामर्थ्य के बल पर लगभग हर रियासत को भारत में विलय के लिए राजी कर लिया था । पटेल का अहिंसा के वारे में कहना था कि -"जिनके पास शस्त्र चलाने का हुनर हैं लेकिन फिर भी वे उसे अपनी म्यान में रखते हैं असल में वे अहिंसा के पुजारी हैं. कायर अगर अहिंसा की बात करे तो वह व्यर्थ हैं"

सरदार पटेल कहा करते थे कि " भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए।"

देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत रहा है पटेल का जीवन और उनके जीवन का इतिहास और लिए गए ऐतिहासिक निर्णय यह साबित करते हैं।।

भारतीयता और देश को एक सूत्र में पिरोने के अपने सिद्धांतो को प्राथमिकता देते हुए सरदार पटेल कहा करते थे कि "हर भारतीय को अब भूल जाना चाहिए कि वह राजपूत, एक सिख या जाट है। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसके पास अपने देश में हर अधिकार है लेकिन कुछ कर्तव्यों के साथ।"

सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel): प्रमुख कोट्स 
  1. आम प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं, जबकि एकता की कमी हमें नयी आपदाओं में डाल देगी।
  2. जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
  3. अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।
  4. इस मिट्टी में कुछ खास बात है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास बना रहा है।
  5. "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।"
  6. मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
  7. हर भारतीय को अब भूल जाना चाहिए कि वह राजपूत, एक सिख या जाट है। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसके पास अपने देश में हर अधिकार है लेकिन कुछ कर्तव्यों के साथ।
  8. कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं तो वहीं, बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते है।
  9. अहिंसा को विचार, शब्द और कर्म में देखा जाना चाहिए। हमारी अहिंसा का स्तर हमारी सफलता का मापक होगा।
  10. बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।


नजरिया जीने का: कंफर्ट जोन से ग्रोथ जोन में जाना है लक्ष्य तो बढ़ाए अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस

नजरिया जीने का:  जीवन में कम्फर्ट जोन में रहना भला कौन नहीं चाहता है. आखिरकार जीवन अनिश्चितताओं से भरा पड़ा है जहाँ हमें रोज हीं कदम-कदम पर  धन, करियर परिवार, स्वास्थ्य और बहुत कुछ सहित विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए बाध्य होते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कम्फर्ट ज़ोन से ग्रोथ ज़ोन की ओर जाने के  लिए हमें खुद के  सेल्फ कॉन्फिडेंस अर्थात आत्म विश्वास की जरुरत होती है जो इस दौरान के ट्रांजीशन फेज से निकलने में हमारी सहायता करता है.  और सेल्फ कॉन्फिडेंस के लिए जो सबसे जरुरी है वह है खुद को और दूसरों को सम्मान देना, अपने क्षमता पर विश्वास करना और स्थिति से निकलने का हिम्मत पैदा करना. 

वास्तव में, कम्फर्ट ज़ोन से ग्रोथ ज़ोन तक की हमारी यात्रा में, यह केवल हमारा कॉन्फिडेंस है जो मायने रखता है और यही वह फैक्टर है  जो आपके जीवन में हर लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी सफलता को तय करता है. इसलिए आपको यह कला सीखनी होगी कि हमारे जीवन में हर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास कैसे उत्पन्न करें। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे कि कैसे हम खुद के अंदर आत्म-विश्वास पैदा करें क्योंकि आत्मविश्वास का सीधा संबंध हमारी मानसिक स्थिति और मजबूत मानसिक स्थिति के अभाव में हम कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते हैं. 

सराहने और सम्मान करने की कला सीखें 

सबसे पहले सेल्फ कॉन्फिडेंस हासिल करने के लिए, खुद को और दूसरों को भी सराहने और सम्मान करने की कला को जानें... अपने खुद के फैसले और कर्मों की सराहना और सम्मान किए बिना, आप अपने आप में सेल्फ कॉन्फिडेंस की भावना को विकसित नहीं कर सकते।

 चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए¸

विपत्ति विप्र जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।

 घटे न हेल मेल हाँ¸ बढ़े न भिन्नता कभी¸

अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।

 तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

-मैथिलीशरण गुप्त


आपको अपने स्वयं के निर्णय की आलोचना करने के लिए उदार और विवेकपूर्ण होना होगा...मैं जानता हूं कि स्वयं कानून बनाना बहुत कठिन है और न केवल इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना...बल्कि किसी भी गलत कार्य या उल्लंघन के लिए खुद को दंडित करना भी... लेकिन याद रखें... यह आपको विवेकपूर्ण होने के लिए आत्मविश्वास और उदार होने की शक्ति प्रदान करेगा और आप अपनी पूर्णता के प्रति अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण को सही ठहरा सकते हैं...

अपनी क्षमता पर विश्वास करें

प्रकृति ने हम सभी को अद्वितीय और अपार क्षमता प्रदान की है और केवल हम ही हैं जिन्होंने इन गुणों की सीमाएं तय की हैं ... मेरा विश्वास करें ... वे लोग जिन्होंने अपनी क्षमता और विचारों की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है, उन्होंने अपने परम को प्राप्त किया है। जीवन में लक्ष्य …… और उन्होंने किसी रॉकेट साइंस का उपयोग करके इन चीजों को नहीं किया है …. उन्होंने अपनी क्षमता को पहचाना है और उसी को प्राप्त करने में अपने आत्मविश्वास का उपयोग किया है ….

जड़ता की स्थिति से निकलने का हिम्मत पैदा करें 

जीवन में कम्फर्ट जोन की चाहत और कुछ नहीं बल्कि भौतिकी के जड़त्व के नियम का पालन करना है जिसने हमें उसी स्थिति में रहने के लिए मजबूर किया... जिस स्थिति में हम वर्तमान में हैं... लेकिन हम यहां भीड़ का हिस्सा बनने के लिए नहीं हैं। जीवन और हमें अपने जीवन की नई ऊंचाई देनी है…। हमारे पास प्रकृति द्वारा उपहार में दी गई कुछ विशेष क्षमताएं हैं और इसलिए हमें विकास क्षेत्र की अपनी यात्रा के लिए सीमाएं क्यों निर्धारित करनी चाहिए।

नजरिया जीने का: गलतियों को दुहराने से बचें, दूसरों की गलतियों से सबक लें


नजरिया जीने का: समस्याओं का होना जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और हम इसे रोक नही सकते। हो सकता है कि आप हर कदम फूंक फूंक कर चलने का अभ्यस्त हैं और गलतियों से परहेज करते करना आपकी आदत का हिस्सा है, फिर भी आप इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकते की जीवन में कुछ नया करने और सीखने के दौरान गलतियों का होना स्वाभाविक है और यह जीवन का हिस्सा हैं। 

लेकिन दोस्तों हमें इस तथ्य को भी याद रखना होगा कि जीवन में गलतियों को रिपीट या दुहराना आत्मघाती कदम है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।

गलतियाँ करने से अगर आप डरेंगे तो फिर जीवन में कुछ नया करने का जोखिम नही ले पाएंगे जो कदापि उचित नही  कही जा सकती। आखिर जीवन में कुछ नया करने और सोचने वाले महान व्यक्तित्व भी जोखिम लेकर ही जीवन को सार्थक किए हैं। जाहिर है आप भी कुछ नया करने और सोचने के लिए बने हैं फिर सिर्फ इसलिए की गलती नही की जानी चाहिए, आप जीवन में कुछ नया और विशिष्ट करने से कैसे रोक सकते हैं?

जीवन में रिस्क या जोखिम लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि इस दौरान होने वाली गलतियां  आपके लिए सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है, हां इतना हमें ध्यान रखनी होगी की उसे दोहराया न जाए|

महान कूटनीतिक और विद्वान चाणक्य की इस कथन को हमेशा याद रखें " दूसरों द्वारा की जाने वाले गलतियों से सीखने का प्रयास करो क्योंकि अपनी गलतियों sell सीखने में हमारी उम्र छोटी पड़ जायेगी"

वैसे भी अंग्रेजी में एक कहावत है "To Err is human" स्पष्ट है कि गलतियों का नही होना आपकी विद्वता ही सकती है लेकिन कुछ नया करना भी जरूरी है। 

इसलिए जीवन में गलतियों से डरने के नही बल्कि कुछ नया करने पर फोकस करें क्योंकि प्रकृति हम सभी को विशेष गुण और विलक्षण प्रतिभा के साथ उत्पन्न किया  फिर सिर्फ कुछ गलतियों के नहीं करने की जिद के लिए उसे सीमा में बांधने वाले हम कौन होते हैं?

जहाँ तक बात गलतियों की है, आपने उस पुरानी कहावत तो सुनी होती- "गलती भी उसी से होती है, जो कुछ ना कुछ करते है, जो कुछ करेंगे ही नहीं   भला उनसे  किसी  प्रकार की गलती  की अपेक्षा भला कैसे की जा सकती है.... "

नजरिया जीने का: संघर्ष नहीं निष्फल होगा, बेशक आज नही तो कल होगा


नजरिया जीने का: जीवन में सफलता के लिए ढेरों टिप्स ही सकते हैं और इनमें कई तो इतने शॉर्टकट होते हैं जो आपको गुमराह भी कर सकते हैं। लेकिन आपका हार्ड वर्क अर्थात कठिन परिश्रम और धैर्य आपका कभी भी साथ नहीं छोड़ सकता और इसमें हमें किसी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होनी चाहिए। दोस्तो, इतना तो हम सभी जानते हैं कि अगर हमें सूरज बनना है तो मार्ग में हमें जलना होगा और अगर शाम होते अपने घर पहुंचना है तो तपते रेगिस्तान पर हमें हर हाल में चलना होगा।

आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत कितने सामान्य से इंसान अपने सीमित संसाधनों की बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है।

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…
-हरिवंश राय बच्चन


बिल गेट्स की वह कथन तो आपको याद हीं होगा जिसमें वह अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के बारे में लिखते हैं कि " अगर आप गरीब घर में पैदा होते हैं तो इसमें आपका कोई दोष नही है लेकिन अगर आप गरीब होकर मर जाते हैं तो इसके लिए आप और सिर्फ आप दोषी हैं"

मतलब साफ है कि सफल होने के लिए आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और माता पिता के हालात की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नही है बल्कि उससे जरूरी है आपका सोच, परिश्रम और धैर्य।

चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए¸

विपत्ति विप्र जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।

 घटे न हेल मेल हाँ¸ बढ़े न भिन्नता कभी¸

अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।

 तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

-मैथिलीशरण गुप्त


नजरिया जीने का: "इच्छा" और "निर्णय" से थोडा कुछ लेकिन एक "निश्चय" से सब कुछ बदल सकता है.. जाने कैसे

Pillar of Success Will Decision Determination
नजरिया जीने का: जीवन में सफलता के लिए इच्छा और निर्णय की अहमियत से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए  इच्छा और निर्णय काफी अहम फैक्टर होते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि निश्चय वह अल्टीमेट फैक्टर है जो आपके जीवन किसी भी लक्ष्य और मंजिल को पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। Inspiring Thoughts के इस लेख में आप जानेंगे कि  जीवन में लक्ष्य को पाने के लिए इच्छा शक्ति, निर्णय और निश्चय को कैसे और किस प्रकार से सदुपयोग कर सकते हैं. 

मानव जीवन बहुत हीं सुंदर और अनुपम भेंट है जिसे प्रकृति ने हमें दिया है। इस जीवन को सार्थक बनाना हमारे हाथ में है और इसके लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर एक मिसाल कायम करते हुए दूसरों के लिए आदर्श स्थापित करें।लेकिन याद रखें दोस्तों, जीवन को सार्थक बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना जरूरी है और यह तभी संभव होगा जब हम एक अनुशासन युक्त जीवन के साथ तीन सूत्रों को अपने जीवन का हिस्सा बनाए।।। इच्छा, निर्णय और लक्ष्य को पाने का निश्चय

याद रखे जीवन में सफलता के लिए तीनों हीं का होना नितांत आवश्यक है। इनमें से किसी भी एक फैक्टर की अनुपस्थिति से आपके लक्ष्य को सफलता से हासिल करने की आपकी उम्मीदों को ग्रहण लग सकता है। 

जी हां, लक्ष्य को पाने के लिए सबसे पहले इच्छा का होना जरूरी है क्योंकि यह इच्छा ही हैं जो बीज के रूप में अंकुरित होकर आपके सपनों का फलदार वृक्ष का रूप लेती है। ये सच है कि जैसे सिर्फ बीज को धरती में बोना ही काफी नहीं होता बल्कि उसे तैयार समय पर सिंचाई और केयर की जरूरत होती है।।।

उसी प्रकार से सिर्फ इच्छा होना ही काफी नहीं है बल्कि उसे मूर्त रूप देने और अंजाम तक पहुंचाने के लिए उचित और विवेकपूर्ण निर्णय भी उतना ही जरूरी है। निर्णय लेते वक्त हमेशा इसका ध्यान रखें कि पक्षपातपूर्ण और तनाव की स्थिति में गंभीर निर्णय लेने से हमेशा बचें। 

जल्दबाजी में लिया गया निर्णय तभी सही है जब आपका विवेक आपके साथ है, अन्यथा वेट एंड वॉच का पालन करते हुए सही वक्त का इंतजार करना ज्यादा सही होगा। 

सही निश्चय आपके लिए उचित स्ट्रेटजी बनाने में आपको सहायता प्रदान करतीं है और लक्ष्य को पाने के लिए उचित स्ट्रेटजी का होना उतना जरूरी है जितना कि उसे प्राप्त करने के लिए निश्चय और संकल्पशक्ति का होना। 

यह संकल्प शक्ति और आपका निश्चय ही है जो आपके इच्छा और न्यायोचित निर्णय को सफलता पूर्वक उसके अंजाम तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करता है। 

कहने का आशय यह है कि किसी भी वस्तु या लक्ष्य को हासिल करने की इच्छा कर लेने के बाद आपका निर्णय थोड़ा कुछ तो बदलता है लेकिन यह आपका निश्चय है जो किसी भी असंभव लगने वाले लक्ष्य को भी सुलभ और आसान बना देता है।

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्ता में छिपा है जीवन की सफलता का रहस्य....

Inspiring  Thoughts: Happiness..Ultimate weapon for success in life
नजरिया जीने का:  
भले ही यह आपको कुछ विचित्र और अस्वाभाविक लगे... लेकिन व्यावहारिक रूप से यह जीवन का यथार्थ  है कि हमारी सफलता का रहस्य खुशी की स्थिति में है ... चिंता या दुखी होना जीवन में किसी परिस्थ्ति का एक हिस्सा हो सकता है लेकिन  यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो प्रसन्न रहने की कला सीखना नितांत आवश्यक है. 

आप खुद इस बात का अनुभव करेंगे कि अगरा आपका चित प्रसन्न है तो आप बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं और आखिर जीवन में सफल होने के लिए आपके बेहतर प्रदर्शन के अतिरिक्त और क्या चाहिए....  

प्रसन्नता : एक यात्रा है... एक गंतव्य  नहीं है... आप अपने दैनिक जीवन में  अपने जीवन के लिए खुशी की स्थिति पर विचार करें  तो पाएंगे कि  प्रसन्न रहने की कला आपके द्वारा घटनाओं को देखने की दृष्टिकोण और मन की स्थिति में निहित है..... 

धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता

 आपको अपने हर एक उस परिवेश  में खुश होने का एक कारण खोजने की कोशिश करनी होगी जिसमें हम रहते हैं........ बावजूद इसके कि  आपके आस-पास  आपको दुखी रखने के लिए पर्याप्त कारक मौजूद हैः... ... 

हमारे जीवन का अंतिम गंतव्य तो वह टारगेट है जिसके लिए हम अपने जीवन को एक कारण बनाते हैं....  लेकिन प्रसन्नता  सिर्फ एक यात्रा है और हमारे प्रदर्शन और हमारे जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने का साधन है.

बदल सकते हैं आपदा को अवसर में…जानें कैसे 

जीवन में प्रसन्नता प्रदान करने वाले कारणों को  नोट करें 

आपको खुश रखने और अपने लक्ष्य को हासिल  अभिप्रेरक बनने वाले कारणों को  अपने  डायरी में लिखें....  आपको प्रसन्न रखने वाले आपके जीवन  में तब आपके लिए खास भूमिका निभाएंगे जब आपके दिमाग में निराशावादी और नकारात्मक दृष्टिकोण का विचार आएगा।

गगन पर दो सितारे: एक तुम हो,

धरा पर दो चरण हैं: एक तुम हो,

‘त्रिवेणी’ दो नदी हैं! एक तुम हो,

हिमालय दो शिखर है: एक तुम हो,

 इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के

-माखनलाल चतुर्वेदी


कहने की जरूरत नहीं है, यदि आप दुखी मनोदशा की स्थिति में आप कोई कार्य कर रहे होते हैं तो  आप देखेंगे कि आपके काम की दर बहुत धीमी है साथ हीं आपसे अक्सर गलतियां भी काफी होती है.  जाहिर है कि  अप्रसन्नता की स्थिति में आप  प्रदर्शन सही नहीं रख पाते हैं साथ ही अंत में  आप  मानसिक तनाव के से भी पीड़ित होते हैं.... 

Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...

 लेकिन अगर आप प्रसन्नता की स्थिति में कोई मुश्किल कार्य को भी  करने का बीड़ा  उठाते हैं तो काम को एन्जॉय  गलतियों  की सम्भावना भी कम  होती है साथ ही आपका काम निर्धारित समय के भीतर पूरा भी हो जाता है... 

जाहिर है...प्रसन्नता की स्थिति में आप अपने प्रदर्शन को अच्छे से दुहरा पाते हैं. पाते हैं.... 


किसी के रोके न रुक जाना तू,

लकीरें किस्मत की खुद बनाना तू,

कर मंजिल अपनी तू फतह,

कामयाबी के निशान छोड़ दे,

घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,

-नरेंद्र वर्मा


सभी के पास खुश होने या दुखी होने का कारण मौजूद है क्योंकि यह आपके मन की स्थिति पर निर्भर करता है....  बस आप कल्पना करें ... आपको किसी भी प्रतीक्षित यात्रा के लिए अपना दिन शुरू करना है तो क्या अप्रसन्नता  और नकारात्मक मन की स्थिति के साथ हमारी उस बहुप्रतीक्षित यात्रा को शुरू करना उचित है ... 

Inspiring Thoughts: डिप्रेशन और फ़्रस्ट्रेशन पर काबू पाने के लिए पाएं नेगेटिव माइंडसेट से छुटकारा

क्या आप इस तरह के आधे-अधूरे प्रयासों में यात्रा के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं ... . निश्चित रूप से आपकी अंतरात्मा भी आपको अपनी यात्रा के दौरान खुश रहने की सलाह देगी और अपनी यात्रा के बेहतर परिणाम के लिए प्रसन्न रहने के अतिरिक्त और कोई भी बढ़िया  इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपको अपने जीवन की बेहतरी के लिए दुखी और नकारात्मक मानसिकता को नजरअंदाज करना होगा।

लॉकडाउन और ऑनलाइन पढ़ाई: बच्चों से अधिक है पेरेंट्स की भूमिका, अपनाएँ ये टिप्स

नजरिया जीने का: अरविंद केजरीवाल- अलग सोच और राजनीति का अलग अंदाज़

 


नजरिया जीने का: 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक और जहाँ कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों में मोदी को पराजित करने के लिए नेतृत्व को लेकर होड़ मची है, वही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि अब उन्हें कोई हलके में लेने की गलती नहीं कर सकता. केजरीवाल ने अपनी सूझबूझ और आप को दिलाई सफलता से यह बता दिया है कि भाजपा को पराजित करने में उनके बिना बना मोर्चा सफलता की गारंटी नहीं हो सकती और यही कारन है कि बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार से लेकर सभी विपक्षी पार्टियां केजरीवाल के साथ मोर्चा की सम्भावना को लेकर चल रहे है. 

दिल्ली निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी की ताजा जीत ने एक बार फिर दिखा दिया कि लोगों के दिमाग से अरविंद केजरीवाल का जादू खत्म नहीं हुआ है. प्रचार के दौरान तमाम बाधाओं और आरोपों के बावजूद केजरीवाल ने उन चुनौतियों का सामना किया और एमसीडी चुनाव में जीत सुनिश्चित की। बेशक आप राजनीतिक मुद्दों पर केजरीवाल से असहमत हो सकते हैं, लेकिन विरोधियों से अकेले लड़ने के लिए आपको उनके व्यक्तित्व की सराहना करनी होगी।

अनूठी सोच

केजरीवाल के पास एक विशेष प्रकार की ऊर्जा है जिसने उन्हें अनोखे तरीके से सोचने और विशिष्ट तरीके से उस पर अमल करने की क्षमता प्रदान की है। यहां तक कि उनके प्रतिद्वंद्वी भी उनकी अगली चाल के बारे में उम्मीद नहीं कर सकते थे और उन्होंने अपने कदमों से उन्हें चकित कर दिया।

राजनीति के अनोखे तरीके

उनके विरोधी भी खामोशी से स्वीकार करते थे कि अरविन्द केजरीवाल ने राजनीति के पारंपरिक तौर-तरीकों को दरकिनार करते हुए राजनीति का एक अनोखा तरीका स्थापित किया है.

जवाब देने का अनोखा तरीका

अरविंद केजरीवाल विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों का सीधा जवाब देने से बचते हैं। वह अपनी पार्टी या नेताओं से संबंधित मुद्दों से बचने के लिए अलग-अलग मुद्दों पर प्रतिद्वंद्वी पर हमला करता था।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

नजरिया : मीडिया के प्राइम टाइम से फ्रंट बनना हो तो ठीक वरना मोदी वर्सेस कौन-आज भी यक्ष प्रश्न


2024 के आम चुनाव में भले ही I.N.D.I.A.  गठबंधन बनाकर विपक्षी दलों ने एन डी ए  पर प्रारंभिक बढ़त बनाने का ग़लतफ़हमी पाल लिया है लेकिन यह उन नेताओं को भी पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनितिक सूझबूझ इतनी कमजोर नहीं है कि वे आसानी से हार मान जायेंगे. अगर मोदी को हराना इतना आसान होता तो फिर विपक्ष को एक मंच पर आने की जरुरत क्यों पड़ती। 
एक बार फिर से 2024 के आम चुनाव को लेकर गहमा गहमी का दौर शुरू हो गया है। पी एम की दौर में नहीं होने का दंभ भरने वाले ढपोरशंखी नेताओं की दबी महत्वकांक्षा फिर से जागने लगी है। वैसे तो सदैव अपने साथ चापलूसों से घिरे रहने वाले इन नेताओं को अपना औकाद अच्छी तरह पता है लेकिन उन्हें आज भी यही लगता है कि पूर्व की  भांति आज भी वे किसी झटके से अब भी वह देवेगौड़ा या गुजराल के तरह प्रधान मंत्री की गद्दी प्राप्त कर लेंगे।

2024 वर्सेज 2014 खेला
ऐसे नेतागण आज भी यही मुगालता पालकर जी रहे हैं कि देश में गठबंधन की सरकार के दिन वापस आयेंगे। हालांकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सूझबूझ से विपक्षी नेता गण भी अच्छी तरह परिचित हैं और उन्हें भी यह मालूम है कि जिस सपने को पालकर वह 2024 में प्रधान मंत्री का ख्वाब पल रहे हैं, मोदी ने 2014 में ही उस ख्याल को जमींदोज कर दिया।

मिशन 272
मतलब साफ है कि मोदी ने मिशन 272 को ध्यान में रख कर चुनाव लडा था क्योंकि वह जानते थे कि सांप्रदायिक शक्तियों को बाहर करने के नाम पर सत्तालोभी गठबंधन बनेगा और इसलिए मोदी जी ने खुद के दाम पर बहुमत लाने के स्ट्रेटजी को आगे रखा।

गठबंधन राजनीति पर पूर्णविराम
गठबंधन की राजनीति की मजबूरी यहीं है कि एक निर्दलीय भी झारखंड जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बन सकता है और देवेगौड़ा और गुजराल जैसे लोग देश का प्रधानमंत्री बन सकते हैं बावजूद इसके कि न तो वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में होते हैं और नहीं उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी होती है। मोदी युग ने गठबंधन बनाकर सत्ता सुख पाने वाले दिन को इतिहास बनाकर रख दिया है और यह बात प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी के साथ खड़ा होने वाले नेताओं को अवश्य हीं समझ लेनी चाहिए।

मोदी के सामने विपक्षी नेताओं का बौना कद 
विपक्षी पार्टियों के नेता भले ही चुनावीं रैली या उनके प्रवक्ता टेलीविजन के स्क्रीन पर गला फाड् कर मोदी के बड़े कद को झुठलाते रहें, लेकिन  सच तो यह है कि विपक्षी पार्टियों में कोई भी नेता मोदी को टक्कर देने के लिए काफी नहीं है. 

विकास पुरुष का दंभ भरने वाले विपक्षी नेताओं का कद कभी भी उतना बड़ा नही ही पाया जितने उनके चापलूस नेतागण उन्हें बताते हैं। सच  तो यह है कि मोदी की गिनती आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर  के नेताओं में शुमार हो चूका है और वह दुनिया की राजनीती में भी अपनी छाप छोड़ते नजर आते हैं. जाहिर है कि इसमें किसी प्रायोजित मीडिया की भूमिका  नहीं है  जैसा कि उनके आलोचक बताते हैं. 



नजरिया जीने का: नेल्सन मंडेला-जीवन परिचय, संघर्ष महत्वपूर्ण कोट्स

Nelson Mandela life struggle facts in brief

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela): 
नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है जिन्होंने अपने देश की जनता के लिए रंगभेद के खिलाफ अपने लड़ाई को अंतिम समय तक जारी रखा. रंगभेद के खिलाफ अपने जीवन के बहुमूल्य 27 साल कैद में बिताने के बाद लोग लगभग टूट जाते होंगे लेकिन यह नेल्सन मंडेला की इच्छा शक्ति और जुझारूपन ही हैं जिसके कारन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 

नेल्सन मंडेला एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपार संघर्ष और सामरिकता के माध्यम से रंगभेद के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में अपना अद्वितीय योगदान दिया। उनके सामरिक जीवन की कठिनाइयों और परिवर्तनों से युक्त उद्दीपक क्षणों ने विश्वभर के लोगों को प्रेरित किया है। यहां उनके जीवन परिचय और कुछ महत्वपूर्ण कोट्स हैं:

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका के मध्य खंड में हुआ। वे एक माध्यमवर्गीय किसान परिवार से संबंध रखते थे।


उन्होंने वाकई अपार संघर्ष देखा है। उनकी एक प्रमुख संघर्षी कार्यक्रम में से एक थी अपार्थाइड (जातिवाद) व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई। अपार्थाइड ने दक्षिण अफ्रीका में विभाजन और अलगाव की अस्वतंत्रता नीति को प्रचारित किया था।

उन्होंने 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) की स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाई। यह संगठन नेल्सन मंडेला के जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन गया और उन्होंने बाहरी जगहों पर अपार्थाइड व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व किया।

अपने अपार संघर्ष के बावजूद, नेल्सन मंडेला का धैर्य, सद्भाव, और कर्मठता उन्हें एक ऐसे महान नेता के रूप में प्रशंसा प्राप्त करते हैं जिन्होंने अपार्थाइड के खिलाफ अविरत लड़ाई लड़ी।

महत्वपूर्ण कोट्स:

  1. "शिक्षा सबसे शक्तिशाली वापसी है जिसे आप अपने देश को दे सकते हैं।"
  2. "आप अकेले ज्यादा अच्छी तरह से आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन साथ में आप सबको मिलकर दूसरे का काम आसान बना सकते हैं।"
  3. "सफलता नहीं है, मैंने अकेले सामरिकता की यात्रा की है, यह वेरियस कंडिशंस में अपना एकल यात्रा है जो अपार्थाइड के खिलाफ जोड़ती है।"
  4. "जब हम अपने डरों को अंदर रखते हैं, तो हम खुद को बदल देते हैं।"
  5. "मैं अपने जीवन में एक ही गलती दोहराने की अनुमति नहीं देता हूं, यह जो गलती होती है, वह सीखने की अवसर हो जाती ह

नजरिया जीने का: जानें कैसे रखे खुद को करें मोटीवेट खासकर आज के तनाव भरे जीवन में

Najariya jine ka how to motivate self in troubles motivation

नजरिया जीने का
: दोस्तों, आज कल के भाग दौड़ वाले जीवन में तनाव और परेशानियों का होना एक सामान्य सी बात है और इससे अलग हटकर जीवन की कल्पना बिल्कुल ही बेमानी है.जीवन में घर से लेकर बाहर तक अर्थात आपके व्यक्तिगत, पारिवारिक और प्रोफेशनल फ्रंट पर समस्याओं का होना स्वाभाविक प्रक्रिया है और आप जीवन में आगे बढ़ने के लिए इससे दो-चार होना पड़ेगा.  जाहिर है कि  हमारे व्यक्तिगत, पारिवारिक और प्रोफेशनल लाइफ अक्सर हमें निराश और अकेला  महसूस करा सकते हैं, लेकिन यहां कुछ कदम हैं जिन्हें आप अपने आजीवनिक रुटीन में शामिल करके खुद को मोटीवेट कर सकते हैं:

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
-अटल बिहारी वाजपेयी

अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें

अपने लंबे और छोटे मस्तिष्कियों के लक्ष्य सेट करें। अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में क्या प्राप्त करना चाहते हैं और अपने लक्ष्यों को वास्तविक, मापनीय और संभवानुभवी बनाएं।

छोटे उद्दीपनों का आनंद लें: 


छोटी-छोटी सफलताएं दिखाने वाले कार्यों को संगठित करें और उन्हें पूरा करने पर खुद को प्रोत्साहित करें। इससे आपकी मनोदशा और मोटिवेशन बढ़ेगा।

इम्तिहान होगा हर मोड़ पर,

हार कर मत बैठ जाना किसी मोड़ पर,

तकदीर बदल जाएगी अगले मोड़ पर,

तुम अपने मन की आवाज सुनो।

-नरेंद्र वर्मा

जाने भगवान शिव ने प्रमुख अवतारों के बारे में: Facts in Brief

सकारात्मक सोच बनाएं: 

अपने दिमाग में सकारात्मक विचारों को प्रोत्साहित करें और नकारात्मक सोच को छोड़ें। सकारात्मक मंत्र या वाक्यों का उपयोग करें, जैसे कि "मैं समर्थ हूँ" या "मैं यह कर सकता हूँ"।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें:

 ध्यान दें कि आप अपने शरीर की देखभाल कर रहे हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ खानपान का ध्यान रखें और पर्याप्त नींद लें। एक स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क खुद को मोटीवेट करने में मदद करेगा।

स्वतंत्रता और उत्साह का समर्थन करें: 

अपने स्वतंत्रता को बनाए रखें और जो कुछ आपको खुश और संतुष्ट बनाता है, उसे करने का प्रयास करें। आपके लिए प्रासंगिक गतिविधियों, रुचियों और उत्साहजनक कार्यों के समर्थन में दोस्तों और परिवार का सहयोग लें।

याद रखें, मोटिवेशन एक नियमित प्रक्रिया है और अवश्यंभावी रूप से बदलती रहती है। आपके जीवन में तनाव के दौर से गुजरने के दौरान धैर्य रखें और अपनी प्रतियोगिता को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए संघर्ष करें।

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नजरिया: पार्टियों की अंतर्कलह और परिवारवाद कहीं डूबा न दे विपक्षी एकता का प्रयोग, निसंदेह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की राह होगी आसान

najariya jine ka why Modi is victorious on opposition in india

पिछले दिनों  जिस प्रकार से महाराष्ट्र के राजनीति ने करवट ली है और शिव सेना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने विखंडन का दंश झेला है, इतना तो स्पष्ट है कि आने वाले दिन विपक्षी दलों के हित में अच्छी नहीं है हालाँकि, नरेंद्र मोदी के खिलाफ आम चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन के भविष्य की निश्चित रूप से भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी, खासकर विशिष्ट राजनीतिक घटनाओं या चुनाव परिणामों के संबंध में।  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हाल ही में पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक ने सभी राजनीतिक दलों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ एक उम्मीद जगा दी है.

2024 में आम चुनाव के मद्देनजर नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष द्वारा शुरू किए गए सभी प्रयासों के बावजूद इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि वे एक मुश्किल लक्ष्य को पाने की कोशिश कर रहे हैं. हालाँकि प्रयास करना और स्वप्न देखने सबका अधिकार है और इसे किसी को इससे वंचित नहीं किया जा सकता लेकिन अलग-अलग विचारधाराओं और निजी स्वार्थों के चलते उनके भविष्य के बारे में निष्कर्ष निकालना मुश्किल भी नहीं है। 

राजनीतिक दलों का अवसरवादी रवैया

विभिन्न राजनीतिक दलों का अवसरवादी रवैया एकजुट रहने की मुख्य चिंता है और हाल ही में पटना में हुई बैठक का समापन किसकी पुष्टि भी करता हैं जहाँ सामान लक्ष्य को पाने की एकजुटता के बावजूद आपसी मतभेदों का उभारना भी सामने आया. । मोदी को हराने के लिए पार्टियों और नेताओं के पास एक छतरी के नीचे रहने की मज़बूरी तो है, हालांकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि राह इतनी आसान नहीं है।

नरेंद्र मोदी:  निस्वार्थ प्रतिबद्धता

न केवल भारत के लोग, बल्कि बाकी दुनिया भी इस तथ्य को जानती है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत विशेषताएं राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता हैं, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। विपक्षी नेता भी तथ्यों से परिचित हैं, लेकिन खुले तौर पर स्वीकार करने में रुचि नहीं रखते, क्योंकि यह उनके विपक्षी धर्म की मजबूरी है।

नरेंद्र मोदी: निडर दृष्टिकोण

 राष्ट्रीय हित में किसी भी चीज़ के प्रति मोदी का निडर दृष्टिकोण और भारत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को किसी सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। देश की जनता ने इस बात को आत्मसात कर लिया है कि एक नेता के तौर पर वह हमेशा अपने विरोधियों से कई कदम आगे रहते हैं और यही वजह है जो उन्हें बाकी राजनेताओं से अलग करती है।

2024 के आम चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी भी विपक्षी गठबंधन की सफलता या भविष्य राजनीतिक गतिशीलता, क्षेत्रीय गतिशीलता, सार्वजनिक भावना, पार्टी रणनीतियों और प्रत्येक पार्टी द्वारा मैदान में उतारे गए विशिष्ट उम्मीदवारों जैसे कई कारकों पर निर्भर करेगा।

विपक्षी गठबंधन महत्वपूर्ण भूमिका

चुनाव में सत्तारूढ़ दल के प्रभुत्व को चुनौती देने में विपक्षी गठबंधन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे अपने समर्थन आधार को मजबूत करने, संसाधनों को एकत्रित करने और मौजूदा पार्टी के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के उद्देश्य से विभिन्न राजनीतिक दलों को एकजुट करने की कोशिश कर सकते हैं।

ऐसे गठबंधन संभावित रूप से अपनी चुनावी ताकत को मिलाकर विपक्ष की सफलता की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

हालाँकि, विपक्षी गठबंधन की सफलता विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। इनमें गठबंधन के भीतर एकता बनाए रखने की क्षमता, भाग लेने वाले दलों के बीच परस्पर विरोधी विचारधाराओं या हितों को संबोधित करना, मतदाताओं तक अपने एजेंडे और नीतियों को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करना और जमीन पर समर्थन जुटाना शामिल है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक परिदृश्य गतिशील है, और नए घटनाक्रम चुनावी परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। आर्थिक स्थिति, सार्वजनिक भावना, क्षेत्रीय गतिशीलता और विशिष्ट अभियान रणनीति जैसे कारक चुनाव के नतीजे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

हालाँकि, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए इंतजार करना और देखना उचित होगा.

नजरिया जीने का: आचार्य चाणक्य की ये महत्वपूर्ण 25 कोट्स जो बदल देंगी आपके सोचने और जीने का ढंग

Chanakya Kautilya important quotes to change life

चाणक्य (Chanakya), जिन्हें विशेष रूप से कौटिल्य (Kautilya) और विष्णुगुप्त (Vishnugupta) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे। वे एक ब्राह्मण विचारक, नीति शास्त्रकार, राजनीतिज्ञ, आचार्य, और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता  हैं उनका मूल्याङ्कन  करना इतना सहज और आसान नहीं है. 

चाणक्य दुनिया के सबसे बड़े समाज सुधारकों और विद्वानों में से एक हैं जिन्होंने मगध वंश पर शासन करने वाले मौर्य वंश को स्थापित किया था. वह अक्सर कहा करते थे कि  वह दुनिया का वास्तविक राजा देंगे और उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप से इसे साबित भी किया. इतिहास के मुताबिक चंद्रगप्त मौर्य को राजा बनाकर चाणक्य ने सब्से शक्तिशाली मौर्य वंश का स्थापना किया थे जिसने अशोक सहित कई प्रतापी राजा दिया था. चाणक्य के सिद्धांत उन्हें अर्थशास्त्र पुरतक में वर्णित है. 

चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चाणक्य एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और राजनेता साथ ही वे चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे. चाणक्य को भारत के सबसे महान बुद्धिजीवियों और राजनेताओं में से एक माना जाता है.

चाणक्य का जन्म 370 ईसा पूर्व में भारत के बिहार राज्य के पाटलिपुत्र में हुआ था. उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन और धर्मशास्त्र के क्षेत्रों में व्यापक ज्ञान प्राप्त किया. 

चाणक्य एक कुशल राजनेता भी थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को एक शक्तिशाली राजा बनाने में मदद की और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को दक्षिण भारत तक विस्तारित करने में मदद की.

चाणक्य एक महान बुद्धिजीवी और राजनेता थे और उन्होंने भारत के इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला. वे आज भी भारत के सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों में से एक हैं.
चाणक्य के विचार आज भी अपनी प्रासंगिकता और महत्वपूर्णता के कारण प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण चाणक्य कोट्स (quotes) हैं:

महत्वपूर्ण कोट्स

  1. अहंकार एकमात्र शत्रु है, यह व्यक्ति को स्वयं ही नष्ट कर देता है। 
  2. कोई काम शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रशन कीजिये - मै ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या मै सफल होऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन प्रशनो के संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी आगे बढ़िए | 
  3. व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए बाधाओं को विनाश करना चाहिए, न कि बाधाएं अपने उद्देश्य को। 
  4. सबसे बड़ा गुरु मंत्र - अपने राज़ किसी को भी मत बताओ ये तुम्हे ख़त्म कर देगा |
  5. यदि तुम किसी को नियंत्रित करना चाहते हो, तो उसका ख्याल रखो कि तुम स्वयं नियंत्रित नहीं हो रहे हो।" 
  6. कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिए जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हो, ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी | 
  7. स्व-अनुशासन रखो, दूसरों की बजाय अपनी गलतियों से सीखो।
  8. आपकी बुद्धि आपकी शक्ति है। यह आपकी सबसे अच्छी दोस्त और नेमिश है। 
  9. जीवन के तीन मंत्र - आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उतर मत दीजिये, दुःख में निर्णय मत लीजिए |
  10. सेवक को तब परखे जब वह काम न कर रहा हो, रिस्तेदार को किसी कठिनाइ में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में 
  11. जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे अच्छे से उपयोग करो। जो कुछ तुम्हारे पास नहीं है, उसे प्राप्त करने के लिए काम करो।
  12. जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारे जिंदगी  के फैसले कोई और लेता रहेगा 
  13. सत्य, क्षमा, सम्मान, स्वाधीनता, न्याय - ये आदर्श एक समान्य व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं। 
  14. शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखे |
  15. आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान होता है 
  16. व्यक्ति को हमेशा धीमे आदेश दो, क्योंकि वह उन्हें अच्छी तरह से पालन करेगा। 
  17. निरंतर प्रयास करो और उद्यमिता बरतो। इसे नशा कहो, नहीं तो इसमें नष्ट हो जाओगे। 
  18. मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परन्तु मन से हरा हुआ कभीजीत नहीं सकता | आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेश्ठ पूंजी है | 
  19. अगर शत्रु में भी गुण दिखे तो उन्हें अपना लेना चाहिए |
  20. मुर्ख लोगो से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है | 
  21. दुर्गुण से चाहने वाला सदैव दुर्गुणों में ही रहता है। 
  22. "एक अच्छे राजा का सबसे बड़ा गुण उसकी बुद्धि है."
  23. "एक देश की शक्ति उसकी सेना में नहीं, बल्कि उसकी जनता में होती है."
  24. "एक मजबूत अर्थव्यवस्था एक मजबूत राष्ट्र की नींव है."
  25. "शिक्षा एक राष्ट्र के विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक है."
  26. "सच्चाई और न्याय ही एक अच्छे समाज की नींव है."

ये केवल कुछ चाणक्य के प्रसिद्ध कोट्स हैं। उनके कार्य और नीति शास्त्र के विचार अनेकों विषयों पर व्यापक रूप से प्रभावशाली हैं।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में

नजरिया जीने का: भगवान राम के व्यक्तित्व में पाएं उदारता,त्याग, निष्ठा, पितृभक्ति, वत्सलता और भी बहुत कुछ

najariya jine ka Lord Rama Life filled with Sacrifice Love

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का चरित्र अपने आप में अतुलनीय है जहाँ माता-पिता,गुरु,पत्नी,बंधु,सेवक,शत्रु-सभी अन्य कई सम्बन्धो की विशालता समाहित है और अनुकरणीय हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामउनके जीवन कथाएं उदाहरण स्वरूप के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। भगवान राम ने अपने जीवन और परिवार में सम्बन्धों के बीच विभिन्न आदर्शों को स्थापित करते हुए एक उदाहरण सेतु प्रस्थान किया है। इन भावनाओं को कुशलता से पालन करने के लिए, निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं:

निष्ठा (Faithfulness): भगवान राम ने अपने पत्नी सीता में निष्ठा और वचनबद्धता दिखाई। वे उनके प्रति पूर्ण समर्पण और सम्मान रखते थे।

त्याग (Sacrifice): भगवान राम ने राज्य के लिए अपनी सुखद और आरामदायक जीवनस्था को त्याग करके वनवास ग्रहण किया। इससे वे अपने परिवार के प्रति कर्तव्यपरायणता का प्रतीक बने।

बंधुत्व (Brotherhood): भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के प्रति गहरी प्रेम और बंधुत्व दिखाया। वे उन्हें सहायता और समर्थन प्रदान करते थे।

शालीन स्नेहभाव (Gentle Affection): भगवान राम ने अपने परिवार और सभी लोगों के प्रति शालीन स्नेहभाव रखा। वे मित्रता, प्यार और सम्मान के साथ सभी के साथ व्यवहार करते थे।

उदारता (Generosity): भगवान राम ने अपनी उदारता का प्रदर्शन किया और अन्य लोगों की मदद करने में आनंद लिया। वे दान और सेवा के माध्यम से समाज के प्रति अपना समर्पण दिखाते थे।

वत्सलता (Parental Love): भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ के प्रति वत्सलता और सम्मान दिखाया। वे उनकी आज्ञाओं का पालन करते थे और पितृभक्ति में प्रमुख थे।

ये उदाहरण भगवान राम के चरित्र में प्रमुख भावों की झलक दिखाते हैं और यह बताते हैं कि उन्होंने अपने सभी सम्बन्धों में उच्च आदर्शों को स्थापित करते हुए अपने सभी कर्तव्यों का पालन किया। इसके अलावा, उनका जीवन और उपदेश धार्मिक साहित्य में महत्वपूर्ण माने जाते हैं और लोगों के बीच सद्भाव, न्याय, और धार्मिक आदर्शों को प्रचारित करते हैं।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

नजरिया जीने का: बाहरी बाधाओं से शक्तिशाली आपके खुद के अंदर का वजूद है, पहचानें तो सही

जीवन में सफलता के लिए सबसे पहली  यह जरूरी है कि आप खुद में भरोसा जगाइए कि आप इस दुनिया में सबसे खास हैं।  दुनिया के द्वारा दिए गए सभी बाधाओं को आप झेल सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले  आप खुद की किलर इंस्टिंक्ट को पहचाने।

विश्वास करें दोस्तों, आपके खुद के अंदर कुछ खास है जो आपके बाहर की किसी भी समस्या से ज्यादा सशक्त और मजबूत है। 

हमारी विडंबना यही है कि हम बाहर की समस्या रूपी दुश्मन के इतने कायल हैं कि हमारे खुद की स्किल, शक्ति और बुद्धिमानी को हीं अक्षम और लाचार बना लेते हैं।।

यह ठीक है की दुश्मन की शक्ति को कमतर नहीं आंकी जानी चाहिए, लेकिन यह खुद को कमजोर और असहाय बनाकर दुश्मनों से मुकाबला करने की स्ट्रेटजी को कैसे जस्टिफाई किया जा सकता है।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती


नजरिया: जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में


अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, सीखो की सह संस्थापक दिव्या जैन, भारतीय मुक्केबाज और 2 बार की विश्व चैम्पियन निखत जरीन, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित शांति टेरेसा लकड़ा, बायोकॉन लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन और संस्थापक किरण मजूमदार शॉ, भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैक कैफ्री ने सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों ने पिछले नौ वर्षों के दौरान समावेशी विकास में योगदान में अपने विचार रखें। “जन जन का विश्वास” नाम के सत्र में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि इस बात पर विचार करने के लिए एकजुट हुए कि कैसे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों ने पिछले नौ वर्षों के दौरान समावेशी विकास में योगदान दिया है। 

खेलो इंडिया ने भारतीय खेल प्रतिभाओं को वैश्विक पटल पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाया हैः निखत जरीन

भारतीय मुक्केबाज और 2 बार की विश्व चैम्पियन निखत जरीन ने श्रोताओं को बताया कि सरकार की प्रमुख योजना खेलो इंडिया ने भारतीय खेल प्रतिभाओं को पंख दिए हैं और अधिक युवा और प्रतिभाशाली भारतीयों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने अपनी जैसी लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में भी बताया।

“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के कारण अब लड़कियों के प्रति लोगों के नजरिये में बदलाव हुआ हैः नवाजुद्दीन सिद्दीकी

अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने याद करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में परिवहन बहुत आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी युवा जो कुछ बड़ा करना चाहता है, उसके पास आज अपने सपनों को साकार करने के लिए बहुत सारी सहायता प्रणालियां हैं। “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के बारे में बोलते हुए, अभिनेता ने कहा कि लड़कियों के प्रति सोच और मानसिकता अब बदल गई है, जो लड़कियों के प्रति माता-पिता के बदले हुए नजरिए और महिलाओं की उपलब्धियों में परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा कि आत्म-साक्षात्कार के लिए महिलाओं की दबाई गई आवाज अब बाहर आ गई है और समाज भी इसे स्वीकार कर रहा है।

“सरकार ने वैश्विक पटल पर भारत को प्रासंगिक बनाने के लिए शानदार काम किया है”

सीखो की सह संस्थापक दिव्या जैन ने श्रोताओं को बताया कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास एक बड़े बदलाव के रूप सामने आया है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में 7 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। सरकारी योजनाओं को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे महिलाएं आगे आ सकें। उन्होंने कहा, “पहले महिलाओं को आगे आने में झिझक होती थी, अब महिलाओं के आगे आने से पूरा समाज आगे आता है और पूरा समाज बदल जाता है। यह परिवर्तन गांवों में जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है।”

एक स्टार्टअप उद्यमी के रूप में बोलते हुए दिव्या जैन ने कहा कि भारत ने पिछले एक साल में एफडीआई का सबसे ज्यादा प्रवाह देखा। उन्होंने कहा, “आज, भारत वैश्विक मंच पर प्रासंगिक है। सरकार ने हमें प्रासंगिक बनाने में शानदार काम किया है, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें अपने उद्यमियों और अपने युवाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, हम ही भविष्य को परिभाषित करेंगे।”

“आयुष्मान भारत ने दूरदराज के इलाकों के नागरिकों को सशक्त बनाया है”

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की चिकित्सा नर्स, स्वास्थ्य सेवा पेशेवर और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित शांति टेरेसा लकड़ा ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत स्थापित वेलनेस सेंटर लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता विशेष रूप से ऐसे अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सहायक है जो दुर्गम इलाकों और आंतरिक जंगलों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों तक पहुंचना मुश्किल है, लेकिन डिजिटल इंडिया के तहत प्रगति और आउटरीच पहलों ने इन लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद की है। उदाहरण के लिए, यह संस्थागत प्रसव में वृद्धि से परिलक्षित होता है। उन्होंने यह भी कहा कि समुद्र पर पुल के निर्माण से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सड़क संपर्क में सुधार हुआ है।

“सरकार इंडिया को आगे बढ़ाने के बजाय, गांव के विकास यानी भारत के विकास पर जोर दे रही है”

पर्यावरणविद् अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि राष्ट्र अब समावेशी और पारिस्थितिक रूप से जागरूक रहते हुए समृद्धि लाने के संदर्भ में सोच रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में गांव के विकास को शामिल करना और विकसित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए पारिस्थितिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कैच द रेन और सॉइल हेल्थ जैसी पहलों की सराहना की और कहा कि सरकार सिर्फ तभी टिकाऊ है, अगर यह भागीदारी पूर्ण है। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास पर जोर के साथ, अब इंडिया की जगह भारत आगे बढ़ रहा है।

“स्टार्टअप इंडिया ने हमारे युवा और गतिशील उद्यमियों को आगे बढ़ने में मदद की है”

बायोकॉन लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन और संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने एक रिकॉर्डेड वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि सरकार द्वारा ऐसी कई परिवर्तनकारी पहल की गई हैं, जिनका लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु और कोविन ऐप दोनों ही नवीन प्रौद्योगिकियां थीं, जिन्होंने हमें कोविड-19 महामारी से निपटने में सक्षम बनाया। इनसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर टीकाकरण को सक्षम हुआ है। आयुष्मान भारत पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने बड़े स्तर पर लोगों तक जीवनरक्षक दवाओं की पहुंच में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि अब हमारे पास कई युवा और गतिशील उद्यमी हैं, स्टार्टअप इंडिया और सरकार द्वारा उन्हें दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद।

 “राष्ट्रीय शिक्षा नीति समग्र शिक्षा में सहायता कर रही है”

भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैक कैफ्री ने कहा कि भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण आयोजित किया, जिसने यह समझने के लिए प्रणाली को देखा कि बच्चे क्या सीख रहे हैं और भारतीय छात्र वास्तव में क्या जानते हैं। उन्होंने कहा, “इसके आधार पर, सरकार ने व्यक्तिगत छात्रों तक पहुंच कायम करने और शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के क्रम में नीतियां तैयार की हैं। इससे यह पता चलता है कि भारत ने मूलभूत शिक्षा में निवेश किया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि हम बच्चों को सुरक्षित वातावरण में स्कूलों में रखें। स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत आदि सभी कार्यक्रम एक बच्चे के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने और सीखने में योगदान करने के लिए एक साथ आए हैं। आपके पास स्वच्छता और पोषण सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं एक साथ आती हैं। सरकार ने एक नवीन दृष्टिकोण के साथ मूलभूत शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है, साथ ही कई तरीकों से कौशल के साथ बच्चों के स्वस्थ विकास और उन्हें 21 वीं सदी का कौशल हासिल करने में सक्षम बनाने में मदद कर रही है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मूलभूत शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और उद्यमशीलता सीखने पर जोर दिया गया है, जिससे बच्चे समग्र शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। (Source PIB)


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