28 नए नवोदय विद्यालय स्थापित करने को मिली मंजूरी: देखें लिस्ट

 


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नवोदय विद्यालय योजना (केन्द्रीय क्षेत्र की योजना) के अंतर्गत देश के उन जिलों में 28 नवोदय विद्यालय (एनवी) स्थापित करने को मंजूरी दे दी है जहां ये नहीं हैं। इसके अंतर्गत अरुणाचल प्रदेश मे 08 , असम मे 06, मणिपुर मे 03, कर्नाटक और महाराष्ट्र  मे 01-01, तेलंगाना मे 07 और पश्चिम बंगाल मे 02 जिले शामिल हैं। 

इस परियोजना को लागू करने के लिए 560 छात्रों की क्षमता वाले एक पूर्ण विकसित नवोदय विद्यालय को चलाने के लिए समिति द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप प्रशासनिक ढांचे में पदों के सृजन की आवश्यकता होगी। इस प्रकार 560 x 28 = 15680 छात्र लाभान्वित होंगे। 

प्रचलित मानदंडों के अनुसार एक पूर्ण नवोदय विद्यालय 47 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है और तदनुसार स्वीकृत 28 नवोदय विद्यालय 1316 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार प्रदान करेंगे। 

नवोदय विद्यालय के बारे मे 

नवोदय विद्यालय पूरी तरह से आवासीय, सह-शिक्षा विद्यालय हैं जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना कक्षा VI से XII तक अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करते हैं। इन विद्यालयों में प्रवेश चयन परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। लगभग 49,640 छात्र हर साल कक्षा VI में नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेते हैं।

अब तक, देश भर में 661 स्वीकृत नवोदय विद्यालय हैं [जिनमें एससी/एसटी आबादी की बड़ी संख्या वाले 20 जिलों में दूसरा नवोदय विद्यालय और 3 विशेष नवोदय विद्यालय शामिल हैं]। इनमें से 653 नवोदय विद्यालय चल रहे हैं।


राज्य का नाम
जिले का नाम जहां नवोदय विद्यालय स्वीकृत किया गया
अरूणाचल प्रदेश
ऊपरी सुबनसिरी
क्रदाडी
लेपा राडा
निचला सियांग
लोहित
पक्के-केसांग
शी-योमी
सियांग
असम
सोनितपुर
चराईदेओ
होजाई
मजूली
दक्षिण सलमारा मनाकाचर
पश्चिम कार्बिआंगलोंग
मणिपुर
थऊबल
कांगपोकी
नोनी
कर्नाटकबेल्लारी
महाराष्ट्रठाणे
तेलंगाना
जगतियाल
निजामाबाद
कोठागुडेम भद्राद्री
मेडचल मलकाजगिरी
महबूबनगर
संगरेड्डी
सूर्यपेट
पश्चिम बंगाल
पूर्व बर्धमान
झारग्राम

हरिमाऊ शक्ति: भारत-मलेशिया का संयुक्त सैन्य अभ्यास-Facts in Brief

HARIMAU SHAKTI JOINT MILITARY EXERCISE

यह संयुक्त अभ्यास हरिमाऊ शक्ति एक वार्षिक युद्धाभ्यास कार्यक्रम है जो भारत और मलेशिया के बीच आयोजित की जाती है। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पिछला संस्करण नवंबर 2023 में भारत के मेघालय में उमरोई छावनी में आयोजित किया गया था।

भारत-मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास हरिमाऊ शक्ति का चौथा संस्करण मलेशिया के पहांग जिले के बेंटोंग कैंप में शुरू हुआ। 15 दिसंबर 2024 तक चलने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास मे  78 कर्मियों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व महार रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है। 

हरिमाऊ शक्ति: Facts in Brief

  • भारत-मलेशिया के बीच का संयुक्त सैन्य अभ्यास है
  • मलेशिया के पहांग जिले के बेंटोंग कैंप में शुरू हुआ
  • भारत और मलेशिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है
  • नवंबर 2023 में भारत के मेघालय में उमरोई छावनी में आयोजित किया गया था

रॉयल मलेशियाई रेजिमेंट के द्वारा 123 कर्मियों वाली मलेशियाई टुकड़ी का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है । संयुक्त अभ्यास हरिमाऊ शक्ति एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो भारत और मलेशिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पिछला संस्करण नवंबर 2023 में भारत के मेघालय में उमरोई छावनी में आयोजित किया गया था।

संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के अध्याय VII के तहत जंगल क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह अभ्यास जंगल के वातावरण में अभियानों पर केंद्रित होगा।

अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में दोनों सेनाओं के बीच क्रॉस ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें व्याख्यान, प्रदर्शन और जंगल के इलाकों में विभिन्न अभ्यास शामिल हैं। अंतिम चरण में दोनों सेनाएं एक मॉक अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लेंगी, जिसमें सैनिक एंटी-एमटी एंबुश, बंदरगाह पर कब्जा, टोही गश्त, एंबुश और आतंकवादियों द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र पर हमला सहित विभिन्न अभ्यास करेंगे।

हरिमाऊ शक्ति अभ्यास से दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम अभ्यास साझा करने का अवसर मिलेगा। इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन और सौहार्द विकसित करने में मदद मिलेगी। संयुक्त अभ्यास से रक्षा सहयोग भी बढ़ेगा, जिससे दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और वृद्धि होगी।


जानें कौन बन सकता है-पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी-पर्यटन मंत्रालय की खास पहल


केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मित्र/पर्यटन दीदी के नाम से एक राष्ट्रीय जिम्मेदार पर्यटन पहल शुरू की थी। इस पहल के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय का लक्ष्य गंतव्यों में पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है, ताकि उन्हें 'पर्यटक-अनुकूल' लोगों से मिलवाया जा सके। साथ ही ये ऐसे लोग और व्यक्ति हैं  जो उस गंतव्य पर गर्व करने वाले राजदूत और कहानीकार हैं। 

प्रारंभ मे यह पहल पूरे भारत के 6 पर्यटन स्थलों - ओरछा (मध्य प्रदेश), गांदीकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार), आइजोल (मिजोरम), जोधपुर (राजस्थान) और श्री विजया पुरम (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) में शुरू की गई थी।

इस पहल के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय का लक्ष्य गंतव्यों में पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है, ताकि उन्हें 'पर्यटक-अनुकूल' लोगों से मिलवाया जा सके जो उस गंतव्य पर गर्व करने वाले राजदूत और कहानीकार हैं। यह उन सभी लोगों को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करके किया जा रहा है जो किसी गंतव्य पर पर्यटकों के साथ बातचीत करते हैं और जुड़ाव रखते हैं।

'अतिथि देवो भव' से प्रेरित होने वालों में कैब ड्राइवर, ऑटो चालक, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, बस स्टेशन के कर्मचारी, होटल कर्मचारी, रेस्तरां कर्मचारी, होमस्टे मालिक, टूर गाइड, पुलिस कर्मी, सड़क विक्रेता, दुकानदार, छात्र और कई अन्य लोग शामिल थे, जिन्हें पर्यटन के महत्व, सामान्य स्वच्छता, सुरक्षा, स्थिरता और पर्यटकों को आतिथ्य और देखभाल के उच्चतम मानक प्रदान करने के महत्व पर प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान की गई।

इस वर्ष 15 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरूआत के बाद से, इस पहल के अंतर्गत 3,500 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।

विश्व पर्यटन दिवस 2024 पर, पर्यटन मंत्रालय ने देश के 50 पर्यटन स्थलों पर पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी का विस्तार किया। (श्रोत-पीआईबी )


पाएं राज्यवार देश में संरक्षित स्मारक/क्षेत्रों की सूची: यू पी में सबसे अधिक 743 स्मारक


देश में 3697 प्राचीन स्मारकों तथा पुरातत्व स्थलों एवं अवशेषों को प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है। सबसे अधिक संरक्षित स्मारक/ क्षेत्र उत्तर प्रदेश मे स्थित है जिनकी संख्या है 743। संरक्षित स्मारक/ क्षेत्र की संख्या के स्थान पर दूसरा स्थान कर्नाटक का है जिनकी संख्या है 506। 

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर, जो 2013 में बादल फटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, का एएसआई द्वारा नवीकरण कर दिया गया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) राष्ट्रीय महत्व के घोषित इन स्मारकों और स्थलों का रखरखाव उनकी आवश्यकता के आधार पर करता है, ताकि उन्हें उनकी मौलिकता में संरक्षित किया जा सके और उन्हें भावी पीढ़ियों को सौंपा जा सके।

राज्यवार  प्राचीन स्मारकों तथा पुरातत्व स्थलों एवं अवशेषों  का विवरण यहाँ आप प्राप्त कर सकते हैं। 


राज्यसंरक्षित स्मारक/ क्षेत्र
आंध्र प्रदेश135
अरुणाचल प्रदेश3
असम55
बिहार70
छत्तीसगढ46
दमन एवं दीव (यूटी)11
गोवा21
गुजरात205
हरियाणा91
हिमाचल प्रदेश40
जम्मू एवं कश्मीर (यूटी)56
झारखंड13
कर्नाटक506
केरल29
लद्दाख (यूटी)15
मध्य प्रदेश291
महाराष्ट्र286
मणिपुर1
मेघालय8
मिजोरम1
नागालैंड4
एन.सी.टी. दिल्ली173
ओडिशा81
पुडुचेरी (यूटी)7
पंजाब33
राजस्थान163
सिक्किम3
तेलंगाना8
तमिलनाडु412
त्रिपुरा8
उत्तर प्रदेश743
उत्तराखंड44
पश्चिम बंगाल135
कुल3697
(Source PIB)

UNESCO: भारत में मौजूद 43 विश्व धरोहर स्थलों की पाएं पूरी लिस्ट


 भारत ने 2024 में भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य के क्रमिक नामांकन के लिए नामांकन डोजियर प्रस्तुत किया है। नामांकित संपत्ति में 12 घटक शामिल हैं, जो महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों में विभिन्न भौगोलिक और भौगोलिक क्षेत्रों में स्थित हैं। इन घटकों में सलहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी किला शामिल हैं।

उलेखनीय है कि वर्तमान मे वर्तमान में भारत में 43 विश्व धरोहर संपत्तियां हैं। विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक 21 जुलाई से 31 जुलाई तक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी ।  इस बैठक में, असम के चाराइदेव में “मोइदम्स-अहोम राजवंश की टीले वाली दफन प्रणाली, को भारत की 43वीं विश्व धरोहर संपत्ति के रूप में अंकित किया गया है।

भारत में मौजूद  43 विश्व धरोहर संपतियों की सूची निम्न हैं-


क्रम सं.साइटराज्यवर्ष
1.आगरा किलाउत्तर प्रदेश1983
2.अजंता गुफाएँमहाराष्ट्र1983
3एलोरा गुफाएँमहाराष्ट्र1983
4ताज महलउत्तर प्रदेश1983
5महाबलीपुरम में स्मारकों का समूहतमिलनाडु1984
6सूर्य मंदिर, कोणार्कओडिशा1984
7काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यानअसम1985
8केवलादेव राष्ट्रीय उद्यानराजस्थान1985
9मानस वन्यजीव अभयारण्यअसम1985
10चर्च और कॉन्वेंटगोवा1986
11फतेहपुर सीकरीउत्तर प्रदेश1986
12हम्पी में स्मारकों का समूहकर्नाटक1986
13खजुराहो स्मारकों का समूहमध्य प्रदेश1986
14एलीफेंटा गुफाएँमहाराष्ट्र1987
15तंजावुर, गंगईकोंडाचोलापुरन और दारासुरम में महान जीवित चोल मंदिरतमिलनाडु1987 & 2004
16पट्टाकल में स्मारकों का समूहकर्नाटक1987
17सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यानपश्चिम बंगाल1987
18नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यानउत्तराखंड1988 & 2005
19सांची में बौद्ध स्मारकमध्य प्रदेश1989
20हुमायूं का मकबरादिल्ली1993
21कुतुब मीनार और उसके स्मारकदिल्ली1993
2222a माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया (दार्जिलिंग)
22b नीलगिरि
22सी कालका - शिमला
पश्चिम बंगाल
तमिलनाडु
हिमाचल प्रदेश
1999
2005
2008
23बोधगया महाबोधि मंदिर परिसरबोबिहार2002
24भीमबेटका के रॉक शेल्टरमध्य प्रदेश2003
25चंपानेर - पावागढ़ पुरातत्व पार्कगुजरात2004
26छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
(पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस)
महाराष्ट्र2004
27लाल किला परिसरदिल्ली2007
28.जंतर मंतर, जयपुरराजस्थान2010
29.पश्चिमी घाटकर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु2012
30.राजस्थान के पहाड़ी किले
30ए चित्तौड़गढ़
30बी कुंभलगढ़
30सी जैसलमेर
30डी रणथंभौर
30ई अंबर
30एफ गागरोन
राजस्थान2013
31.पाटन में रानी-की-वाव (रानी की बावड़ी)गुजरात2014
32.ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्रहिमाचल प्रदेश2014
33.नालंदा में नालंदा महाविहार का पुरातात्विक स्थलबिहार2016
34.ले कोर्बुसिए का वास्तुशिल्प कार्य, आधुनिक आंदोलन में एक उत्कृष्ट योगदानचंडीगढ़2016
35.खांगचेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यानसिक्किम2016
36.ऐतिहासिक शहर अहमदाबादगुजरात2017
37.मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको समूहमहाराष्ट्र2018
38.जयपुर शहरराजस्थान2019
39.धोलावीरा: एक हड़प्पा शहरगुजरात2021
40.काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिरतेलंगाना2021
41.शांतिनिकेतन, भारतपश्चिम बंगाल2023
42.होयसल का पवित्र समूहकर्नाटक2023
43.मोइदम - अहोम राजवंश की टीले-दफ़नाने की व्यवस्थाअसम2024

झुग्गी नारी शक्ति वंदन समारोह में उमड़ा नारी शक्ति का उत्साह


कार्यक्रम संयोजक मनोज खण्डेलवाल  के अनुसार अय्यप्पा पार्क LIG फ्लैट हस्तसाल उत्तम नगर में भारतीय जनता पार्टी की ओर से झुग्गी नारी शक्ति वंदन समारोह में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महामंत्री श्री विष्णु मित्तल ने दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में ओर व्याप्त गंदगी , सुविधाओं के जबरदस्त अभाव के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। 

आम आदमी पार्टी द्वारा सांसद स्वाति मालीवाल सहित महिलाओं का लगातार अपमान किए जाने की चर्चा करते हुए श्री मित्तल ने भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति में नारी सम्मान सर्वोपरि है इसलिए भाजपा की सरकार बनते ही झुग्गियों की सभी समस्याओं का समाधान करने का संकल्प दोहराया।  

इस अवसर पर पश्चिम दिल्ली की लोकप्रिय सांसद श्रीमती कमलजीत सहरावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की जनहित की अनेक योजनाओं को दिल्ली में लागू न कर जनता को लाभ लेने से रोकने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना की। विकासपुरी विधानसभा के सभी नागरिकों विशेष रूप से झुग्गी बस्ती की नारी शक्ति से इस बार गलती से भी गलती न करने का आह्वान करते हुए भाजपा को अपना सहयोग और आशीर्वाद देकर इस क्षेत्र को श्रेष्ठ बनने में अपना योगदान सुनिश्चित करने की अपील की । 

कार्यक्रम  में क्षेत्र की एक झुग्गी बस्ती में निवास करने वाली बैडमिंटन की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी और उसके कोच को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम संयोजक मनोज खण्डेलवाल ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी नजफगढ़ जिला के अध्यक्ष श्री रमेश शोखंदा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में जिला के  सहप्रभारी श्री भूपेंद्र गोठवाल सहित जिले तथा  सभी मंडलों के पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।