नजरिया जीने का: स्वयं पर विश्वास करें, आपके भीतर की क्षमता, सामने समस्या से ज्यादा ताकतवर है

नजरिया जीने का:  प्रकृति ने हम सभी को अपने आप में बहुत ज्यादा ताकत, सूझबूझ और अपार संभावनाएं दी हैं। विश्वास करें, प्रत्येक व्यक्ति के अंदर ऊर्जा का भण्डार छुपा है और हमें सिर्फ  इस पर विश्वास करना है कि  हमारे अंदर की क्षमता और शक्ति के सामने समस्या और बाधा कुछ भी नहीं है। एक बार अगर हम खुद पर और अपनी अंदर छुपे सामर्थ्य पर विश्वास करना अगर सीख लें तो फिर हम सब कुछ कर सकते हैं। इस लेख के माध्यम से आप सीखेंगे कि कैसे अपनी क्षमता और ऊर्जा पर विश्वास किया जाए ताकि हम जीवन के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकें।

अपनी क्षमता पर विश्वास करना स्वयं से बात करने की प्रक्रिया है जो आत्म संदेह को दूर करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आवश्यक शर्त है।

 हम पड़ाव को समझे मंज़िल

 लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल

 वतर्मान के मोहजाल में-

आने वाला कल न भुलाएँ।

 आओ फिर से दिया जलाएँ।

-अटल बिहारी वाजपेयी


 हम समस्याओं और बाधाओं को और  भी विकराल बनाकर देखने लगते है जो  खुद को कम  आंकने की प्रक्रिआ का आरम्भ हो जाता है..जबकि जरुरी यह है कि  उसके बदले में, अपने भीतर छिपी संभावनाओं और संभावनाओं को देखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए  जो इन बाधाओं को कुचलने में  आपका व्यापक हथियार हैं।

Inspiring  Thoughts: आपकी प्रसन्ता में छिपा  है जीवन की सफलता का रहस्य.... 

इस संदर्भ में रॉय टी. बेनेट के सुंदर उद्धरण को याद रखें "अपने आप पर विश्वास करें। आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक बहादुर हैं, आप जितना जानते हैं उससे कहीं अधिक प्रतिभाशाली हैं, और आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक सक्षम हैं। ”

धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता

कहने की जरूरत नहीं है कि मनुष्य इस अजीब सच से पीड़ित है कि वह जानता तो सही है लेकिन करता गलत है.... आप खुद पर और अपने  आस  पास के लोगों पर नजर डालें तो शायद यही पाएंगे....  और इसलिए हम बाधाओं से पहले अपनी क्षमता को अनदेखा कर देते हैं।

हमें अनंत क्षमता प्रदान करने में प्रकृति ने हमारे बीच कोई पक्षपात नहीं किया है। हम सभी के पास ऊर्जा और संभावनाओं के साथ महान क्षमता है और यह केवल हम ही हैं जो हमारी क्षमता और ऊर्जा की सीमा निर्धारित करते हैं। हां, बाधाओं और कठिनाइयों का महिमामंडन करना और कुछ नहीं बल्कि हमारी क्षमता की सीमा तय करना है।

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,

तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।

किसने तुमको रोका है,

तुम्ही ने तुम को रोका है।

भर साहस और दम, बढ़ा कदम,

अब इससे अच्छा कोई न मौका है।

-नरेंद्र वर्मा


Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...


इस तथ्य पर विश्वास करें कि जैसे ही आप अपने मन में यह तथ्य पैदा करते हैं कि आपके पास किसी समस्या का समाधान है या आप किसी भी कठिन परिस्थिति को संभाल सकते हैं, न केवल आपका दिमाग बल्कि पर्यावरण और प्रकृति भी आपके समाधान के तरीके प्रदान करना शुरू कर देती है। बस आपको किसी समस्या के समाधान के बारे में सोचना है, आपको समस्या का समाधान अपने संसाधनों के भीतर और निश्चित समय सीमा के साथ मिल जाएगा।

Inspiring Thoughts: डिप्रेशन और फ़्रस्ट्रेशन पर काबू पाने के लिए पाएं नेगेटिव माइंडसेट से छुटकारा

No comments:

Post a Comment