करवा चौथ: क्या होता है सरगी, इसे कौन देता है, क्या और कब खाना चाहिए- जानें सब कुछ

Importance of sargi in Karwa chauth

करवा चौथ एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो खासतौर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए मनाती हैं। करवा चौथ का सामान्यत: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है  इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला रहती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इस व्रत का एक प्रमुख पड़ाव होता है जिसे सरगी के नाम से जाना जाता है. क्योंकि करवाचौथ वाले दिन एक स्त्री पूरा दिन निर्जला व्रत रखना पड़ता है इसलिए सरगी से व्रत का आरम्भ होता है. सरगी क्या चीज होती है, करवा चौथ की सरगी कौन देता है, सरगी खाने के बाद क्या करना चाहिए, और करवा चौथ के दिन सरगी में क्या क्या खाना चाहिए आदि सभी सवालों के जवाब आप यहाँ प्राप्त कर सकते हैं.

सामान्यत: ऐसा माना जाता है की सरगी सास के द्वारा दी जाती है. लेकिन कई परिवारों में जब सास न हो तो घर की दूसरी बड़ी महिलाएं जैसे बड़ी ननद या जेठानी भी सरगी देती है.क्योकि करवा चौथ  दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती है इसलिए सरगी लेने का सही समय करवा चौथ के दिन सूरज निकलने से पहले सुबह तीन से चार बजे के आस-पास महिलाएं सरगी लेती हैं.

करवा चौथ के व्रत में सरगी का विशेष महत्व होता है। सरगी एक प्रकार की रस्म होती है जिसमें सास अपनी बहू को सुहाग का सामान, फल, ड्राय फ्रूट्स और मिठाई देखकर सुखी वैवाहिक जीवन जीने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। परंपरा के अनुसार, सरगी में रखे व्यंजनों को ग्रहण करके ही इस व्रत का शुभारंभ किया जाता है। यदि किसी महिला की सास ना हो तो यह रसम उसकी जेठानी या फिर बहन भी कर सकती है।

सरगी का महत्व निम्नलिखित है:

  • यह व्रत की शुरुआत का संकेत है। सरगी खाने के बाद ही महिलाएं व्रत शुरू करती हैं।
  • यह व्रत के लिए ऊर्जा प्रदान करती है। सरगी में पौष्टिक और आसानी से पचने वाले व्यंजन होते हैं जो व्रतियों को पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखते हैं।
  • यह सुहाग का प्रतीक है। सरगी में सुहाग का सामान होता है जो व्रतियों को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देता है।

करवा चौथ की सरगी में आमतौर पर निम्नलिखित चीजें शामिल होती हैं:

  • फल और सब्जियां: आम, केला, जामुन, अंगूर, सेब, गाजर, मूली, खीरा, आदि।
  • ड्रायफ्रूट्स: बादाम, काजू, किशमिश, अंजीर, आदि।
  • मिठाइयां: गुलाब जामुन, लड्डू, मिठाई, आदि।
  • सुहाग का सामान: चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, सिंदूर, इत्र, आदि।

करवा चौथ की सरगी को सूर्योदय से पहले ग्रहण करना चाहिए। इसे ग्रहण करने के लिए महिलाएं हाथों में पानी लेकर सरगी की थाली को अपने सिर पर रखती हैं और सास से आशीर्वाद लेती हैं। फिर, वे थाली में रखे व्यंजनों को ग्रहण करती हैं।

FAQs

करवा चौथ की सरगी कौन देता है?

सामान्यत: ऐसा माना जाता है की सरगी सास के द्वारा दी जाती है. लेकिन कई परिवारों में जब सास न हो तो घर की दूसरी बड़ी महिलाएं जैसे बड़ी ननद या जेठानी भी सरगी देती है

सरगी क्या चीज होती है?

यह व्रत की शुरुआत का संकेत है। सरगी खाने के बाद ही महिलाएं व्रत शुरू करती हैं।

करवा चौथ के दिन सरगी में क्या क्या खाना चाहिए?

आप इन चीजों का सरगी के रूप में ले सकते हैं जैसे फल और सब्जियां-आम, केला, जामुन, अंगूर, सेब, गाजर, मूली, खीरा, बादाम, काजू, किशमिश, अंजीर, गुलाब जामुन, लड्डू, मिठाई, आदि।


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