मिलेट महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश के मंडला में: जाने मोटा अनाज से सम्बंधित खास तथ्य

Millets Conclave Five facts

मध्य प्रदेश के मंडला में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने मिलेट महोत्सव का  उद्घाटन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को मोटा अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित करने के मद्देनजर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय मोटा अनाज के खपत और निर्यात क्षमता, पोषण लाभ और मूल्यवर्धन के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से देश के 20 राज्यों और 30 जिलों में मोटा अनाज महोत्सव की मेजबानी कर रहा है। 

 इन जिलों में मंडला (मध्य प्रदेश), विजयनगरम (आंध्र प्रदेश), भोजपुर (बिहार), महबूबनगर (तेलंगाना), धर्मपुरी (तमिलनाडु), आगरा (उत्तर प्रदेश), कार्बी आंगलोंग (असम), विरुधुनगर (तमिलनाडु), डांग (गुजरात), पार्वतीपुरम मान्यम (आंध्र प्रदेश), कोमाराम भीम (तेलंगाना), अल्मोड़ा (उत्तराखंड), नुआपाड़ा (ओडिशा), बठिंडा (पंजाब), पलक्कड़ (केरल), दावणगेरे (कर्नाटक), तापी (गुजरात), बाड़मेर (राजस्थान) ), कुल्लू (हिमाचल प्रदेश), तुमकुर (कर्नाटक), भिंड (मध्य प्रदेश), नंदुरबार (महाराष्ट्र), जोधपुर (राजस्थान), सुकमा (छत्तीसगढ़), महेंद्रगढ़ (हरियाणा), अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), कलिम्पोंग (पश्चिम बंगाल) , खूंटी (झारखंड) और जमुई (बिहार) शामिल हैं।

मंडला कोदो और कुटकी मोटा अनाज के उत्पादन का केंद्र है, जिसे भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना के अंतर्गत के तहत वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के औपचारिककरण के रूप में भी पहचाना गया है।  

Millets Conclave Five facts 

  1. मंत्रालय द्वारा मोटा अनाज महोत्सव के अलावा, 3 से 5 नवंबर 2023 तक नई दिल्ली में एक मेगा-फूड कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है, 
  2. मोटा अनाज 130 से अधिक देशों में उगाए जाने के कारण पूरे एशिया और अफ्रीका में आधे अरब से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन माना जाता है। 
  3. वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मोटा अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। 
  4. मोटा अनाज की विशाल क्षमता को पहचानते हुए, जो संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ भी मेल खाती है, भारत सरकार (जीओआई) ने मोटा अनाज को प्राथमिकता दी है।
  5. माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत सरकार के अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईओएम) 2023 के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा स्वीकार किया गया था। यह घोषणा भारत सरकार के लिए आईवाईओएम को मनाने में सबसे आगे रहने के लिए सहायक रही है।

Point Of View: जानें भगवान राम के चरित्र के कौन-कौन से हैं 16 गुण


Point Of View:  भगवान राम के जीवन में मर्यादा का विशेष महत्व रहा है और शायद प्रभु राम एकमात्र देव हैं जिनके साथ मर्यादा पुरुषोत्तम विशेषण जुड़ा हुआ है। भगवान राम ने मर्यादा को अपने से कभी अलग नहीं होने दिया भले हीं चाहे वह पारिवारिक संबंध की बात हो, सहकर्मियों की बात हो या दुश्मनों की बात हो। सच्चाई तो यह है कि प्रभु राम के मर्यादा और विशेष गुणों को लेकर जो छवि प्रत्येक हिंदुओं में बसी है वह किसी लेखनी की मोहताज नहीं है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान राम  को भगवान विष्णु का 7वां अवतार माना जाता है जिन्होंने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया. "मर्यादा पुरुषोत्तम" श्रीराम भगवान हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक व्यक्तित्व हैं, जो "रामायण" के मुख्य पात्र में प्रस्तुत होते हैं। "मर्यादा पुरुषोत्तम" का अर्थ होता है "मर्यादा में सर्वोत्तम पुरुष" या "मर्यादा के परम आदमी"।

"मर्यादा पुरुषोत्तम" का उपनाम भगवान राम के श्रद्धायुक्त और न्यायप्रिय व्यक्तित्व को संकेत करता है, जो उन्हें भक्तों के लिए एक आदर्श पुरुष बनाता है।

 भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में मर्यादाओं का हमेशा पालन किया। वे एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श राजा और आदर्श मित्र थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी इन मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया.

सच तो यह है कि इस उपनाम के माध्यम से भगवान राम की विशेषता और उनके जीवन में अनुसरण करने लायक आदर्शों को दर्शाने का प्रयास किया जाता है।  भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम उनकी महानता के लिए दिया गया उपाधि है जिसमे पारिवारिक संबंधो की मर्यादा के साथ ही राजकीय और दोस्तों और यहाँ तक कि दुश्मनों के साथ भी मर्यादा के निर्वाह के लिए दिया जाता है. और यही वजह है कि भगवन राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से पुकारा जाता है.

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, जिनका सभी सम्बन्धो के लिए अनुकरणीय व्यक्तित्व

भगवान राम को "मर्यादा पुरुषोत्तम" कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में धर्म, नैतिकता, और श्रेष्ठता की मर्यादा बनाए रखी। उन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया, अपनी पतिव्रता पत्नी सीता के प्रति वफादारी दिखाई, और अपने भक्तों के प्रति सत्य, न्याय, और करुणा का प्रदर्शन किया।  

भगवान राम को आदर्श पुत्र क्यों कहते हैं

अगर आप रामायण और रामचरित मानस का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि भगवन राम ने अपने पिता दशरथ के आदेश का पालन करने के लिए 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार किया। वे जानते थे कि पिता का आदेश सदैव मानना चाहिए, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। इस प्रकार की मिसाल शायद हीं कहीं और मिलती है. 

भगवान राम की चरित्र की पांच विशेषताएं जो मर्यादा पुरुषोत्तम बनाती है

भगवान राम को आदर्श भाई क्यों कहते हैं?

भारत मिलाप और अपने भाइयों के प्रति प्रेम और अनुराग भगवन राम की अलग विशेषता है जो उन्हें सबसे अलग रखता है. भगवन राम ने अपने भाई भरत के प्रति कभी भी ईर्ष्या या घृणा का भाव नहीं रखा। वे भरत को अपना सच्चा भाई मानते थे और उनका हमेशा सम्मान करते थे। 

भगवान राम को आदर्श पति क्यों कहते हैं?

मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी संबंधों को पूर्ण एवं उत्तम रूप से निभाने की शिक्षा देने वाला प्रभु रामचंद्र के चरित्र के समान दूसरा कोई चरित्र नहीं है।  और जहाँ तक आदर्श पति का सवाल है, राम ने अपनी पत्नी सीता के प्रति हमेशा प्रेम और सम्मान का भाव रखा। वे सीता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार थे।

भगवान राम को आदर्श राजा क्यों कहते हैं?

राम के राज्य में राजनीति स्वार्थ से प्रेरित ना होकर प्रजा की भलाई के लिए थी। इसमें अधिनायकवाद की छाया मात्र भी नहीं थी। राम ने अपने राज्य में हमेशा न्याय और धर्म का पालन किया। वे प्रजा के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। 

 भगवान राम आदर्श मित्र कैसे हैं?

श्री रामचंद्र जी निष्काम और अनासक्त भाव से राज्य करते थे। उनमें कर्तव्य परायणता थी और वे मर्यादा के अनुरूप आचरण करते थे।  राम ने अपने दोस्तों सुग्रीव, हनुमान, विभीषण आदि के प्रति हमेशा निष्ठा और समर्पण का भाव रखा। उन्होंने अपने दोस्तों की हर समय मदद की। 

भगवान राम की विशेषता हैं ये खास 16 गुण

भगवान राम के मर्यादा और उनके विशेष गुणों को लेकर जो छवि प्रत्येक हिंदुओं में बसी है वह किसी लेखनी की मोहताज नहीं है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान राम  को भगवान विष्णु का 7वां अवतार माना जाता है जिन्होंने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया. 

भगवान राम जी के चरित्र की कई ऐसी विशेषताएं हैं जो उन्हें लोगों का आदर्श बनाती हैं.  हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रभु राम 16 गुणों से युक्त थे जो उनको मर्यादा पुरुषोतम बनाते हैं और हम सभी उनके इन गुणों को अपनाकर अपना जीवन बना सकते हैं-

जानते हैं भगवान राम के चरित्र मे कौन-कौन से 16 गुण हैं जो हमें अपनानी चाहिए .

  • गुणवान (योग्य और कुशल)
  • किसी की निंदा न करने वाला (प्रशंसक, सकारात्मक)
  • धर्मज्ञ (धर्म का ज्ञान रखने वाला)
  • कृतज्ञ (आभारी या आभार जताने वाला विनम्रता)
  • सत्य (सत्य बोलने वाला और सच्चा)
  • दृढ़प्रतिज्ञ (प्रतिज्ञा पर अटल रहने वाला, दृढ़ निश्‍चयी )
  • सदाचारी (धर्मात्मा, पुण्यात्मा और अच्छे आचरण वाला, आदर्श चरित्र)
  • सभी प्राणियों का रक्षक (सहयोगी)
  • विद्वान (बुद्धिमान और विवेक शील)
  •  सामर्थशाली (सभी का विश्वास और समर्थन पाने वाला समर्थवान)
  • प्रियदर्शन (सुंदर मुख वाला)
  • मन पर अधिकार रखने वाला (जितेंद्रीय)
  • क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज)
  • कांतिमान (चमकदार शरीर वाला और अच्छा व्यक्तित्व)
  • वीर्यवान (स्वस्थ्य, संयमी और हष्ट-पुष्ट)
  • युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें : (वीर, साहसी, धनुर्धारि, असत्य का विरोधी)


वेज मोमोज़ रेसिपी-घर पर बनाएं स्ट्रीट फूड जैसा स्वाद: बच्चों के लिए परफेक्ट स्नैक

वेज मोमोज़ रेसिपी-घर पर बनाएं स्ट्रीट फूड जैसा स्वाद


आजकल जब बरसात और मानसून का मौसम है, ऐसे में बाहर का खाना खासकर स्ट्रीटफूड आपके परिवार को बीमार कर सकता है। आप स्ट्रीट फूड लवर्स हैं  तो फिर यह डिश खासतौर पर आपके लिए है। वेज मोमोज़ एक ऐसा स्नैक है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी का फेवरेट होता है। जी हाँ, हम आपको बताएंगे कि वेज मोमोज़  घर पर आसानी से कैसे बनाएं। खास तौर पर सेहत के पॉइंट ऑफ व्यू से जहां बाहर और स्ट्रीट फूड का सेवन जहां सेहत के लिए काफी हानिकारक है, ऐसे में बच्चों को समझाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह अच्छा होगा कि आप बाज़ार जैसा स्वाद वाले मोमोज घर पर बनाएं। जो न केवल बाजार से अच्छा स्वाद भी होगा बल्कि यह  हाइजीन और हेल्थ से भरपूर भी होगा।  तो चलिए सीखते हैं स्टेप बाय स्टेप वेज मोमोज़ बनाना।



वेजिटेबल मोमोज बनाने के लिए सामग्री

सामग्री (Ingredients) स्टफिंग के लिए:

ध्यान  दें कि यहाँ  हमने सामान्य मोमोज मे प्रयोग होने वाले सामग्री को हीं लिया है। आप इसमे अपने टेस्ट के अनुआर चेंज कर सकते हैं और सेहत को लिहाज से इसमें परिवर्तन भी कर सकते हैं। चाहें तो इसमें पनीर, स्वीट कॉर्न या स्प्राउट्स भी मिला सकते हैं। यहाँ यह ध्यान देना जरूरी है कि कृपया सब्ज़ियों को ज़्यादा पकाएं नहीं वरना स्टफिंग नरम हो जाएगी। 

बारीक कटा हुआ पत्ता गोभी – 1 कप

बारीक कटी हुई गाजर – ½ कप

बारीक कटी हुई शिमला मिर्च – ¼ कप

बारीक कटी हुई प्याज – ¼ कप

लहसुन की कली – 3-4 (कद्दूकस की हुई)

अदरक – 1 इंच (कद्दूकस किया हुआ)

सोया सॉस – 1 छोटा चम्मच

सिरका – ½ छोटा चम्मच

काली मिर्च पाउडर – ¼ छोटा चम्मच

नमक – स्वादानुसार

तेल – 1 बड़ा चम्मच

सामग्री (Ingredients) आटा गूंथने के लिए: इसके लिए आप अपने सुविधानुसार परिवर्तन कर सकते हैं। 

मैदा – 1 कप

नमक – 1 चुटकी

तेल – 1 छोटा चम्मच

पानी – आवश्यकतानुसार

 वेजिटेबल मोमोज़ बनाने की वि​धि (Step-by-Step Process):

स्टेप 1: आटा गूंथना 

एक बाउल में मैदा, नमक और तेल डालें।

धीरे-धीरे पानी मिलाकर सख्त आटा गूंथ लें।

आटे को ढककर 15-20 मिनट के लिए रख दें।

स्टेप 2: स्टफिंग तैयार करना: इसके लिए जरूरी है कि आप अपने विवेक के अनुसार और बताए गए नियम के अनुसार सामग्री का प्रयोग करें और नियम का पालन करें। 

एक कढ़ाही में तेल गरम करें।

सबसे पहले अदरक, लहसुन और प्याज को हल्का भूनें।

अब इसमें गोभी, गाजर और शिमला मिर्च डालें और तेज़ आंच पर 2-3 मिनट भूनें।

फिर नमक, काली मिर्च, सोया सॉस और सिरका डालकर अच्छे से मिलाएं।

स्टफिंग को ठंडा होने के लिए रख दें।

 स्टेप 3: मोमोज़ बनाना (शेप देना)

ध्यान दें कि मोमोज का आरार काफी छोटा होता है ताकि यह जल्दी फ्राई हो सके इसके लिए अपक्कों आटे की छोटी-छोटी लोइयां लेना याचा होगा। उसके बाद लोई को सावधानी से  पतली बेलकर  गोल पूड़ियाँ बना लें।

हर पूड़ी में 1 चम्मच स्टफिंग रखें और उसे अच्छा सेप दें। किनारों को उठाकर मोड़ते हुए मोमोज़ को बंद करें। आप चाहें तो गोल, हाफ-मून या ट्विस्ट स्टाइल भी बना सकते हैं।

स्टेप 4: स्टीम करना

स्टीमर में पानी उबालें लेकिन सावधानी के साथ क्योंकि ज्यादा स्टीम होने पर मोमोज हार्ड नहीं रह पाएगा। 

एक थाली या मोमोज़ ट्रे को हल्का सा तेल लगाकर मोमोज़ रखें।

स्टीमर में 10-12 मिनट तक मोमोज़ स्टीम करें जब तक वो पारदर्शी और पक जाएं।

गरमागरम मोमोज़ को रेड चटनी (spicy schezwan) या मयोनीज़ डिप के साथ परोसें। साथ में नींबू का एक टुकड़ा और कुछ हरे धनिया से गार्निश कर सकते हैं। अगर आप चायना स्टाइल लुक देना चाहें तो स्टीम बास्केट में सर्व करें।

Tag: खरबूजा आइसक्रीम   ढाबा स्टाइल राजमा  बंगाल की फेमस संदेश मिठाई 





मैंगो फेस्टिवल: 500 क़िस्मों के आमों का उठायें लुत्फ़,अंगूर से लेकर पपीते के आकार तक-एक झलक

राजधानी दिल्ली में  32वें आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिस  लोग आम के विभिन्न क़िस्मों से रूबरू होने के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आम से जुड़ी प्रतियोगिताओं का लुत्फ़ उठा सकेंगे। शुक्रवार को पर्यटन मंत्री आतिशी ने इसका उद्घाटन किया। महोत्सव में 500 क़िस्मों के आमों का प्रदर्शन,अंगूर से लेकर पपीते के आकर के आम, सहित विभिन्न प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे आकर्षन का केंद्र। 

केजरीवाल सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा दिल्ली हाट, जनकपुरी में 7 से 9 जुलाई तक आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 



तीन दिवसीय इस महोत्सव में लोग दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक आम की विभिन्न क़िस्मों  के साथ शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ़ उठा सकेंगे। महोत्सव के लिए कोई एंट्री फ़ीस नहीं होगी और लोगों की सुगम आवाजाही के लिए तिलक नगर मेट्रो स्टेशन से फ्री शटल सेवा की भी व्यवस्था की गई है।

बता दें कि आम उत्सव में अंगूर के आकार से लेकर पपीते के आकार तक के आम प्रदर्शित किए जाएँगे।यहाँ विभिन्न दुर्लभ क़िस्म के आम जिसमें- लंगड़ा, चौसा, फ़ज़री, रतौल,रामकेला, हुसैन आरा, केसर, मल्लिका, आम्रपाली आदि शामिल है। केजरीवाल सरकार के इस आम महोत्सव में पारंपरिक आम बागवानों के अतिरिक्त विभिन्न सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाएँ भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रही है।



इस मौक़े पर पर्यटन मंत्री आतिशी ने कहा कि, पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा 'आम महोत्सव' शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने, जनसाधारण को आम की विभिन्न क़िस्मों से अवगत करवाने, छोटे-बड़े आम उत्पादकों को अपना व्यापार आगे बढ़ाने के लिए मंच प्रदान करने सहित किसानों को आम की विभिन्न प्रजातिओं के पैदावार के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में केजरीवाल सरकार की अनूठी पहल है। 

उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार समृद्ध कला-संस्कृति और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से ऐसे आयोजन करती है।

पर्यटन मंत्री आतिशी ने कहा कि, "आम महोत्सव, दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किये जाने वाले सबसे अनूठे उत्सवों में से एक है| उन्होंने कहा कि, आम हर किसी का पसंदीदा फल है और देश में हर बच्चे और बड़े के दिल में बसता है| ये हमारे बचपन की यादों को ताजा करता है जब हर बच्चा आम खाने का कम्पटीशन जरुर करता था| उन्होंने कहा कि  हमने अपने समय मे आम के बगीचों को देखा है लेकिन दिल्ली जैसे महानगरीय शहरों में बड़े हो रहे बच्चे शायद इन अनुभवों को मिस करते हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार की यह अनूठी पहल उन्हें आमों के बागों से लेकर थाली तक के सफर का अनुभव करने और फलों के राजाओं के बारे में और अधिक जानने का अवसर प्रदान करेगी।" उन्होंने दिल्ली के सभी लोगों से उत्सव में आने और देश भर के आमों का आनंद लेने का आग्रह किया।













आम महोत्सव मुख्य आकर्षण

  • -विभिन्न क़िस्मों और आकारों के आम का प्रदर्शन 
  • -आम व आम से बने उत्पादों की बिक्री
  • -आम खाओ प्रतियोगिता
  • -बच्चों के लिए आम पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएँ
  • -हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों की बिक्री
  • -सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

EPFO: ऑटो-सेटलमेंट सीमा 1 लाख रु से बढ़कर हुई 5 लाख, लोगों को मौजा हीं मौजा


ईपीएफओ सदस्यों के लिए पहुँच को आसान बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सरकार ने व्यापक फैसला लेते हुए अग्रिम दावों के लिए ऑटो-सेटलमेंट सीमा को मौजूदा 1 लाख रु से बढ़ाकर 5 लाख रु कर दिया है। इस कदम से लाखों ईपीएफओ सदस्यों को खासकर तत्काल ज़रूरत के समय में, जल्दी धन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 

वित्तीय वर्ष 2024-25 में, ईपीएफओ ​​ने ऑटो-सेटलमेंट के माध्यम से रिकॉर्ड 2.34 करोड़ अग्रिम दावों को सफलतापूर्वक संसाधित करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 161% की वृद्धि को दर्शाता है। उल्लेखनीय रूप से, 2024-25 में सभी अग्रिम दावों में से 59% का निपटान ऑटो मोड के माध्यम से किया गया।

इस वृद्धि को जारी रखते हुए, वित्त वर्ष 2025-26 के पहले ढाई महीनों में, ईपीएफओ ​​ने पहले ही 76.52 लाख दावों का स्वतः निपटान कर दिया है, जो अब तक निपटाए गए सभी अग्रिम दावों का लगभग 70% है। यह वृद्धि ईपीएफओ ​​के स्वचालन पर मजबूत फोकस और अपने सदस्यों को तेज़, अधिक कुशल सेवाएँ प्रदान करने पर प्रकाश डालती है।

5 लाख रुपये की बढ़ी हुई सीमा के साथ, अतिरिक्त अग्रिम दावे अब स्वतः निपटान के लिए स्वीकार होंगे, जिससे जमा करने के तीन दिनों के भीतर उनका निपटान हो जाएगा। यह बढ़ी हुई सीमा और धन तक जल्दी पहुँच सदस्यों को जब उन्हें धन की सबसे अधिक आवश्यकता होगी तब समय पर वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद करेगी।

यह कदम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सेवा वितरण में सुधार करने के लिए ईपीएफओ के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। ईपीएफओ सदस्यों के लिए पहुँच को आसान बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, यह रेखांकित किया गया है कि संगठन निर्बाध और कुशल सेवा अनुभव सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी और प्रक्रिया सरलीकरण का लाभ आगे भी उठाएगा। इन सुधारों ने न केवल दावा निपटान प्रक्रिया को तेज किया है, बल्कि सदस्यों की शिकायतों को कम करने में भी योगदान दिया है, जिससे सदस्यों का जीवन आसान हुआ है। (source PIB)


इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक डिजिटल भुगतान पुरस्कार से सम्मानित: पाएं विस्तृत जानकारी

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक डिजिटल भुगतान पुरस्कार से सम्मानित

अपने मजबूत क्षमताओं और उद्देश्यपूर्ण समावेशी, प्रौद्योगिकी-आधारित, नागरिक-केंद्रित बैंकिंग समाधान प्रदान करने की अटूट प्रतिबद्धता के बल पर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने  प्रतिष्ठित डिजिटल भुगतान पुरस्कार 2024-25 प्राप्त किया है। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन और पंकज चौधरी, राज्य मंत्री (वित्त) ने आईपीपीबी के एमडी एवं सीईओ श्री आर. विश्वेश्वरन और आईपीपीबी के सीजीएम एवं सीएसएमओ श्री गुरशरण राय बंसल को सम्मानित किया। 

संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत 100 प्रतिशत भारत सरकार के स्वामित्व वाली इकाई इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने यह पुरस्कार डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन के विस्तार में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्राप्त किया है। 

महत्वपूर्ण उपलब्धि: 

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदर्शन सूचकांक में भारत में भुगतान बैंकों में पहला स्थान प्राप्त किया और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ‘विशेष उल्लेख’ पुरस्कार प्राप्त किया। यह छलांग आईपीपीबी की मजबूत क्षमताओं और उद्देश्यपूर्ण समावेशी, प्रौद्योगिकी-आधारित, नागरिक-केंद्रित बैंकिंग समाधान प्रदान करने की इसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

वित्तीय समावेशन को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने के लक्ष्य से स्थापित, आईपीपीबी भारत में डिजिटल बैंकिंग के लिए सबसे बड़े प्लेटफार्मों में से एक के रूप में सामने आया है, जो डाक विभाग के नेटवर्क की बेजोड़ पहुंच का लाभ उठाता है। एक मजबूत तकनीक-संचालित वास्तुकला और 2 लाख से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा संचालित डोरस्टेप बैंकिंग मॉडल के साथ, आईपीपीबी देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के एमडी एवं सीईओ- श्री आर. विश्वेश्वरन 

यह मान्यता बैंकिंग में शहरी-ग्रामीण अंतर को कम करने के आईपीपीबी के मिशन को रेखांकित करती है और नकदी-मुक्त, डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था के सरकार के दृष्टिकोण में एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में इसकी भूमिका की पुष्टि करती है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना डाक विभाग, संचार मंत्रालय के अंतर्गत की गई है, जिसकी 100 प्रतिशत इक्विटी भारत सरकार के स्वामित्व में है। आईपीपीबी की शुरुआत 1 सितंबर, 2018 को हुई थी। बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने के उद्देश्य से की गई है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के लिए परेशानियों को दूर करना और डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम छोर तक पहुंचना है, जिसमें ~1,65,000 डाकघर (ग्रामीण क्षेत्रों में ~140,000) और ~3,00,000 डाक कर्मचारी शामिल हैं।

 आईपीपीबी की पहुंच और इसका संचालन मॉडल इंडिया स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर आधारित है- सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ग्राहकों के दरवाजे पर सरल और सुरक्षित तरीके से पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-रहित बैंकिंग को सक्षम करना। किफायती नवाचार का लाभ उठाते हुए और आमजन के लिए बैंकिंग की आसानी पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए, आईपीपीबी भारत के 5.57 लाख गांवों और कस्बों में 11 करोड़ ग्राहकों को 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से आसान और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।

Tatkal Ticket Rules 2025: 1 जुलाई से आईआरसीटीसी और ऐप पर तत्काल टिकट सिर्फ यही लोग बुक कर सकेंगे

 

Tatkal Ticket Rules 2025

Tatkal Ticket Rules 2025: तत्काल बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने और यात्रियों को तत्काल टिकट निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सुलभ कराने के लिए भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण संशोधनों की घोषणा की है। इनका उद्देश्य उपयोगकर्ता सत्‍यापन बढ़ाना और योजना का दुरुपयोग रोकना है।

यात्रियों को तत्काल टिकट निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सुलभ कराने और उनके हितों की रक्षा के लिए भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण संशोधनों की घोषणा की है। इनका उद्देश्य उपयोगकर्ता सत्‍यापन बढ़ाना और योजना का दुरुपयोग रोकना है।

नए प्रावधान में निम्‍नलिखित व्‍यवस्‍था की गई है:

1. ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार सत्‍यापन:

एक जुलाई 2025 से, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप द्वारा तत्काल टिकट बुकिंग केवल आधार सत्‍यापित उपयोगकर्ताओं के लिए ही उपलब्ध होंगे।

इसके अलावा, 15 जुलाई 2025 से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार ओटीपी सत्‍यापन अनिवार्य हो जाएगा।

2. यात्री आरक्षण प्रणाली काउंटर (पीआरएस काउंटर) और एजेंटों द्वारा बुकिंग में सिस्टम-आधारित ओटीपी सत्‍यापन:

कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटरों और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से तत्काल टिकटों की बुकिंग के दौरान उपयोगकर्ता के मोबाइल नंबर पर ओटीपी सत्‍यापन की आवश्यकता होगी।

यह प्रावधान भी 15 जुलाई 2025 से लागू होगा।

3. अधिकृत एजेंटों के लिए बुकिंग समय की पाबंदी:

रेल आरक्षण के शुरूआती समय में बल्क (एक साथ बहुत सारे) बुकिंग रोकने के लिए, भारतीय रेलवे के अधिकृत टिकटिंग एजेंटों को बुकिंग विंडो के पहले 30 मिनट के दौरान तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

एसी क्लासों के लिए, यह प्रतिबंध सुबह 10 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक और गैर-एसी क्लास के लिए, सुबह 11 बजे से 11 बजकर 30 मिनट तक लागू होगा।

ये बदलाव तत्काल बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए लागू किए जा रहे हैं कि योजना का लाभ वास्तविक उपयोगकर्ताओं को मिले।

रेलवे सूचना प्रणाली केन्‍द्र (सीआरआईएस) और आईआरसीटीसी को इस बारे में आवश्यक प्रणालीगत संशोधन करने और सभी रेलवे जोन और संबंधित विभागों को सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं।

जी-7: जानें इतिहास, वनलाइनर फैक्ट्स, तथा अन्य रोचक तथ्य


जी-7 समूह देशों का 45वां शिखर सम्मेलन फ्रांस में हो रहा है खास बात यह है कि जी-7 समूह देशों का पहला बैठक भी फ्रांस के रामबोएलेट में हुई थी. इस सम्मेलन में भारत को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने फ्रांस मे होंगे। 

वैश्विक आर्थिक संकटों का समाधान निकालना और विकसित देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना हमेशा से दुनिया के लिए जरूरत रही है और यह आवश्यकता काफी पहले से अनुभव किया जा रहा था। इसी जरूरत को देखते हुए  विश्व की तात्कालिक सबसे विकसित और औद्योगीकृत लोकतांत्रिक शक्तियों ने मिलकर G7 यानी "ग्रुप ऑफ सेवन" को जन्म दिया। हालांकि शुरुआत मे यह सिर्फ 6 देशों का संगठन था जिसमे शामिल थे अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK), फ्रांस (France), जर्मनी (Germany) और  इटली (Italy)। बाद मे   कनाडा (Canada) को इसमें शामिल किया गया जिसके साथ इसके सदस्यों की संख्या 7 हो गई।  इसका स्थापना 1975 मे की गई थी और प्रथम बैठक फ्रांस के रामबोएलेट में हुई थी।

दुनिया के रंगमंच पर G7 एक प्रमुख  आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक नीतियों को प्रभावित करने की दिशा मे प्रमुख भूमिका निभा रहा है। 

हालांकि भारत G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन कई बार G7 शिखर सम्मेलनों में अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। 


  • स्थापना वर्ष-1975
  • पहली बैठक-फ्रांस (रामबोएलेट)

  • G7 के पास दुनिया की केवल 10% जनसंख्या है लेकिन ये देश वैश्विक GDP का लगभग 43% साझा करते हैं।
  • साल 1998 में इस समूह में रूस भी शामिल हो गया था और यह जी-7 से जी-8 बन गया था. 
  • 2024 में G7 Summit 13 से 15 जून 2024 तक इटली के अपुलिया के फसानो शहर के बोर्गो एग्नाज़िया में आयोजित किया  गया था
  • 9 वां G7 शिखर सम्मेलन जापान के हिरोशिमा में आयोजित किया गया था। 


Point Of View : इन टिप्स से करें एक्जाम स्ट्रेस को गायब

Avoid Exam Stress, Tips For Exam Stress Controlling

Point Of View : देश में एक बार फ़िर बोर्ड और बारहवीं की परीक्षा की घोषणा हो चुकी है। राज्यों के बोर्ड का शेड्यूल जारी  हो चुकी है और सच तो यह है कि आने वाले कुछ महीने परीक्षा के माहौल से गुलजार रहने वाला है. जाहिर है की परीक्षार्थी अपने एक्जाम की तैयारी को लेकर तनाव में रहते हैं लेकिन जरूरत इस बात की हैं कि वे एक्जाम स्ट्रेस को खुद पर हावी नहीं होने दें. उच्च तनाव का स्तर छात्रों की दक्षता में बाधा डाल सकता है जिसके परिणामस्वरूप बोर्ड परीक्षाओं के दौरान उनका प्रदर्शन ख़राब हो सकता है। कहने की जरुरत नहीं है कि परीक्षा की तैयारी एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है और इसमें कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण की आवश्यकता होती है। 

हालांकि, कभी-कभी परीक्षा की तैयारी के दौरान निराशा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कहते हैं ना कि " परिस्थितियां  हमेशा तुम्हारे अनुकूल रहे ऐसी आशा नहीं करो क्योंकि आखिर संसार सिर्फ तुम्हारे लिए तो नहीं बना है।" क्या आप जानते हैं कि आखिर इस निराशा के क्या कारण हो सकते हैं?

याद रखें दोस्तों, निराशा एक सामान्य भावना है। हालांकि, यदि आप निराशा से ग्रस्त हो जाते हैं, तो यह आपकी परीक्षा की तैयारी में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, निराशा पर काबू पाने के लिए निम्न टिप्स की मदद ले सकते हैं जो आपको परीक्षा की तैयारी में निराशा पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं:

परीक्षा की तैयारी में निराशा पर काबू पाने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

सकारात्मक सोच रखें। निराशा का सबसे अच्छा इलाज सकारात्मक सोच है। जब आप सकारात्मक सोच रखते हैं, तो आप किसी भी बाधा को पार करने के लिए तैयार रहते हैं।
अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखें। परीक्षा की तैयारी करते समय, अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखें। यह आपको प्रेरित रहने में मदद करेगा।
अपनी प्रगति का मूल्यांकन करें। अपनी प्रगति का मूल्यांकन करके, आप यह देख पाएंगे कि आप कितनी दूर आ चुके हैं। यह आपको आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।
अपनी रणनीति में बदलाव करें। यदि आप लगातार निराशा महसूस कर रहे हैं, तो अपनी रणनीति में बदलाव करने का प्रयास करें। हो सकता है कि आप अपनी तैयारी का तरीका बदलकर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।
अपने दोस्तों और परिवार से बात करें। अपने दोस्तों और परिवार से बात करके, आप अपनी भावनाओं को बाहर निकाल सकते हैं और उन्हें समर्थन प्राप्त कर सकते हैं।

तैयारी के लिए एक विशिष्ट योजना बनाएं। यह आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक दिशा प्रदान करेगा।  पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, व्यायाम, आराम और मनोरंजन के लिए भी समय निकालें।

अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने से न डरें। नई चीजें सीखने और चुनौतियों का सामना करने से आपको अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

फिट इंडिया संडेज: राष्ट्रव्यापी अभियान में ओलंपियन, अभिनेता और फिटनेस आइकन सहित प्रतिष्ठित हस्तियां हुईं शामिल


अभिनेता और फिटनेस आइकन सुनील शेट्टी ने फिट इंडिया मूवमेंट द्वारा सीबीआईसी-जीएसटी के सहयोग से आयोजित राष्ट्रव्यापी संडे ऑन साइकिल कार्यक्रम में निरंतर स्वस्थ रहने का जोरदार आह्वान करते हुए कहा, "सम्‍पूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य बीमारी से कहीं सस्ता है। फिटनेस एक दिन की चीज नहीं होनी चाहिए, जैसे कि आज ही साइकिल चलाना, बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए हर दिन इसका अभ्यास किया जाना चाहिए। तभी कोई फर्क दिखाई पड़ता है।" शेट्टी मुंबई में जीएसटी कमीश्‍नरेट में प्रतिभागियों के साथ शामिल हुए, इसमें अभिनेता की शक्ति और एक ऐसी पहल शामिल हो गइ्र जो तेजी से जन आंदोलन बन रही है।

नई दिल्ली में साइकिल चलाना इस अभियान का सिर्फ़ एक हिस्सा था। बुडापेस्ट में 2024 शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीतने वाली शतरंज ग्रैंडमास्टर तानिया सचदेव भी इस अभियान में शामिल हुईं और फिटनेस को बढ़ावा देने वाले संदेश के साथ लोगों में जोश भर दिया। उन्होंने कहा, "फिटनेस के लिए किसी शानदार उपकरण या जिम की ज़रूरत नहीं होती - बस इच्छाशक्ति और अनुशासन की ज़रूरत होती है।" "शतरंज में भी सहनशक्ति बहुत ज़रूरी है। साइकिल चलाना अब मेरी फिटनेस के तरीके का एक बड़ा हिस्सा बन गया है।"

राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में जुम्बा, रस्सी कूद और योग सत्र शामिल थे, जिसने रविवार को शारीरिक गतिविधि और मानसिक सम्‍पूर्ण स्वास्थ्य के उत्सव में बदल दिया। यह कार्यक्रम देश भर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया, जिसमें एसएआई आरसी, एसटीसी एनसीओई, खेलो इंडिया सेंटर और सभी प्रमुख सीबीआईसी-जीएसटी केन्‍द्र शामिल थे।

शंकर महादेवन ने अपने वीडियो संदेश में कहा, "भारत साइकिल चलाकर फिटनेस की दिशा में एक कदम बढ़ाने के लिए एकजुट हो रहा है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे इस रविवार को हमारे अधिकारियों के साथ जुड़ें और इसे एक यादगार कार्यक्रम बनाएं।" मिलिंद सोमन ने कहा, "फिट हम, तो फिट इंडिया।"

मदर्स डे 2025: माँ को खुश करने के दिल छू लेने वाले तरीके


मां एक ऐसा शब्‍द है, जिसमें पूरी दुनिया  दुनिया समाई है और इसके बगैर भला हमारी हैसियत कहाँ है? हमारा वजूद और हमारा व्यक्तित्व तो बहुत बाद का है, जब हम इन शब्दों का मतलब समझने लगते हैं, माँ तो वह होती है जो हमें दुनिया मे लाती है और हमें सांस और भूख और प्यास का अर्थ और उनकी अहमियत समझाती है। जब हमें सही गलत कर फरक नहीं मालूम होता और कुछ भी उठाकर अपने मुंह मे डाल लेने वाले नादानी कर रहे होते हैं, तो वह माँ हीं तो होती है जो हमें बचाती है। बच्‍चों को किसी चीज की कमी न रहे, इसलिए वे कभी काम से छुट्टी नहीं लेती और खुद को भूखा रखकर भी हमें भरपेट भोजन कराती है। न तो कभी वह अपने किसी कि शिकायत करती है और न ही अपना दर्द सुनाती है। ऐसे में बच्‍चों का भी फर्ज है कि उन्‍हें धन्‍यवाद दें और स्‍पेशल फील कराएं।

मदर्स डे पर माँ को खुश कैसे करें:

भावनाएं व्यक्त करें

माँ वह होती है जो अपने हर सपने को पीछे रखकर हमारे सपनों को उड़ान देती है और हमारे सपनों और लक्ष्यों को पाने के लिए वह अपने  खुद की नींदें कुर्बान कर देती है ताकि हम अपनी रातें चैन से गुजार सकें। इसके लिए यह जरूरी है कि हम  अपनी भावनाएं इस प्रकार से व्यक्त करें कि उन्हे यह फ़ील हो सके कि हमारे बच्चे उनके कठिनाइयों को समझ तो रहे हैं।

एक दिन खाना खुद बनाएं

माँ को कभी भी आराम नहीं मिलती और यह वास्तविकता है कि छुट्टियों के दिन जहां हम स्कूल और ऑफिस से वीकेंड पर घर मे होते हैं, माँ जो हमारे साथ स्कूल और ऑफिस के लिए हमारे साथ लंच और ब्रेआकफ़ास्ट तैयार करने मे लगी रहती है, वीकेंड के दिन उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि हम कुछ अच्छा और खास खाने कि उम्मीद पाले होते हैं। जाहिर है कि माँ कि परेशानी इन  वीकेंड पर बढ़ जाती है और फिर उनके वीकेंड कहाँ गया? उन्हे छुट्टी कब मिली। इसलिए यह जरूरी है कि कभी कभी आप कहना खुद बनाकर माँ को खिलाएं।

उनके चेहरे पर हंसी और संतोष लाएं

सच्चाई तो यही है कि हम माँ द्वारा किए गए त्याग और उनके ममता कि कीमत नहीं चुका सकते लेकिन कम से कम उनके चेहरे पर कम से कम मुस्कान और संतोष तो दे ही सकते हैं। उन्हे यह एहसास दिलाए कि उन्होंने जो हमारे लिए किया है उसका ऋण तो चुकाना संभव नहीं है, हाँ उन्हे हम कम से कम याद करके उनका आभार तो व्यक्त कर ही सकते हैं।

माँ के पुरानी यादों की एलबम बनाएं

माँ के त्याग और उनके ममता को कभी लौटाया तो नहीं जा सकता लेकिन उनके इन गुणों को अगर एक एलबम के रूप मे बनाकर उन्हे भेंट किया जाए तो शायद निश्चित हीं यह माँ के चेहरे पर मुस्कान कि वजह हो सकती है। आप इसे ऐसे भी व्यक्त कर सकते हैं कि एक दिल से लिखा हुआ पत्र माँ को दें जिसमें आप उनके किए गए त्याग और ममता को याद करते हुए उसके लिए अपनी भावनाएं व्यक्त करें।

माँ को आराम दें

जन्म से लेकर हमें पढ़ाने और एक अच्छा इंसान बनाने में माँ का खास योगदान होता है क्योंकि आप जानते हैं कि माँ हीं हमारे प्रथम पाठशाला होती है। फिर माँ हमारे लिए जन्म से लेकर हमारे बड़े होने तक माँ हमेशा काम करते रही है और फिर माँ को आराम भला कब मिल सकती थी। तो फिर आप एक दिन कम से कम माँ को आराम दें और अधिकांश काम खुद से अंजाम दें ताकि माँ को आराम फिल हो सके।


 


 




 


 


 

घर पर बनाएं ठंडी ठंडी खरबूजा आइसक्रीम | टेस्ट के साथ पोषण भी, बच्चे भी मांग- मांग कर खाएंगे

घर पर बनाएं ठंडी ठंडी खरबूजा आइसक्रीम | टेस्ट के साथ पोषण भी, बच्चे भी मांग- मांग कर खाएंगे
Melon (खरबूजा) खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं खास तौर पर यह गर्मियों में हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। अक्सर बच्चे खरबूज खाने से मना करते हैं क्योंकि उन्हे इससे शायद टेस्ट को लेकर परेशानी होती है।  वैसे तो बच्चे फ्रूट के नाम से हीं भागते हैं लेकिन क्योंकि खरबूज एक ऋतु फल है और इसलिए भी वे इसे नहीं कहना चाहते हैं। लेकिन गर्मियों को देखते हुए यह हमारे शरीर कि जरूरत है एक तो यह 

शरीर को ठंडक प्रदान करता है, पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है साथ हीं यह  शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। खरबूजे में विटामिन ए, विटामिन सी, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। 

मेलन आइसक्रीम खाने के फायदे (Benefits):

मेलन हाइड्रेशन में मददगार होता है क्योंकि  खरबूजा 90% तक पानी से भरपूर होता है, जो शरीर को गर्मियों में हाइड्रेट रखता है।

इसके अतिरिक्त यह  लो कैलोरी स्वीट ट्रीट भी है क्योंकि  चीनी की जगह कंडेन्स्ड मिल्क और फल का मीठापन यूज़ करने से ये हेल्दी डिज़र्ट बनता है। इसके साथ हीं मेलोईं विटामिन्स से भरपूर होता है जिसमें  विटामिन A, C और पोटैशियम होता है, जो स्किन और इम्यून सिस्टम के लिए अच्छा है। बच्चों को पोषण के साथ स्वाद बच्चे अक्सर फल नहीं खाते – यह आइसक्रीम उनके लिए एक स्वादिष्ट तरीका है पोषण देने का।

तो फिर हम आपको बता रहे हैं Melon Ice Cream (खरबूजा आइसक्रीम) बनाने कि विधि जिसे बच्चे न नहीं कहेंगे और साथ मे व खरबूजा का सेवन भी कर सकेंगे। 

 मेलन आइसक्रीम बनाने की विधि

Melon Ice Cream (खरबूजा आइसक्रीम)  बनाने के लिए आपको बहुत ज्यादा तैयारी नहीं करनी है क्योंकि इसे आप कुछ स्टेप मे हीं बना लेंगे। हाँ, क्योंकि आइसक्रीम है तो आपको फ्रीजिंग के लिए कुछ समय देना पड़ेगा। तो आइए बनाते हैं Melon Ice Cream (खरबूजा आइसक्रीम) 

 सामग्री (Ingredients):

खरबूजा (Melon) – 2 कप (छोटे टुकड़ों में काटा हुआ, बीज हटाकर)

फ्रेश क्रीम – 1 कप

कंडेन्स्ड मिल्क (Condensed Milk) – ½ कप (स्वादानुसार कम-ज्यादा कर सकते हैं)

दूध (Milk) – ½ कप (उबला और ठंडा)

वेनिला एसेंस – ½ टीस्पून (ऑप्शनल)

बनाने की विधि (Recipe Method):

खरबूजा पीसें: सबसे पहले कटे हुए खरबूजे को मिक्सी में डालकर स्मूद प्यूरी बना लें।

मिक्स करें: इसके बाद अब आप कैट हुए खरबूजे को अब एक बड़े बाउल में खरबूजा प्यूरी, फ्रेश क्रीम, कंडेन्स्ड मिल्क और दूध डालें। अच्छी तरह फेंटें या मिक्सी में हल्का चला लें।

फ्लेवर ऐड करें: इसके लिए ध्यान दें की जो फ्लेवर बच्चे चाहते हैं आप उसे हीं प्राथमिकता दें ताकि बच्चे उसे खा सकें। हम यहाँ पर वेनिला एसेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

फ्रीज़ करें: इस मिक्सचर को एक एयरटाइट कंटेनर में डालें और 6–8 घंटे या ओवरनाइट फ्रीज़र में रख दें।

स्कूप करें और परोसें: एक बार जम जाने के बाद स्कूप निकालें और ठंडी-ठंडी मेलन आइसक्रीम सर्व करें।


Tag: 

हैदराबादी चिकन मसाला  

चॉकलेट आइसक्रीम 

सुनहरी चिकन बॉल्स  




SSC, Railway, UPSC, CUET जैसे परीक्षाओं मे पूछे गए पुस्तकों का कलेक्शन

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें और उनके लेखक एक महत्वपूर्ण टॉपिक हैं जिसमें से हर परीक्षा मे सवाल पूछे जाते हैं। हमने यहाँ पर प्रमुख लेखकों के पुस्तकों का संग्रह प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जिनमें आजादी के समय से लेकर एतिहासिक  और अन्य दुनिया के दूसरे नेताओं के लेखकों के पुस्तकों का नाम और उनके लेखकों का नाम भी शामिल हैं जो विभिन्न परीक्षाओं मे पूछे गए हैं। 

  • India Divided : Rajendra Prasad 
  • In the Company of Women : Khushwant Singh 
  • In Search of Gandhi : Richard Attenborough
  • Gita Rahasya : Bal Gangadhar Tilak 
  • Hungry Stones : Rabindranath Tagore 
  • Ideology and Social Science : Andre Beteille 
  • India We Left : Hymphry Trevelyan 
  • Fury : Salman Rushdie 
  • I Too Had A Dream : Dr. Verghese Kurien
  • Great Tragedy : Z. A. Bhutto 
  • In Search of Identity : Anwar el-Sadat 
  • I Follow the Mahatma : K. M. Munshi 
  • Hind Swaraj : M. K. Gandhi
  • If I Am Assassinated : Z. A. Bhutto 
  • Freedom in Exile : Dalai Lama 
  • Gitanjali : Rabindranath Tagore 
  • Frozen Assets : P. G. Wodehouse
  • Hamlet : William Shakespeare
  • Flight to Parliament : Rajesh Pilot
  • Fortynine Days : Amrita Pritam 
  • Geet Govinda : Jaya Dev
  • Heir Apparent : Dr. Karan Singh 
  • Friends and Foes : Sheikh Mujibur Rehman
  • Gathering Storm : Winston Churchill  
  • Glass Palace : Amitabha Ghosh
  • Humour : Ben Johnson 
  • 100 Best Parliamentary Speeches–1947-97 : Dr. Subhash C. Kashyap 
  • Husband of a Fanatic : Amitava Kumar
  • I Muse; Therefore I Am : V. N. Narayanan
  • Indian Home Rule : M. K. Gandhi
  • India-Pakistan–History of Unsolved Conflicts : Lars Blinkenberg
  • From Rajpath to Lokpath : Vijaya Raje Scindia
  • Inside the CBI : Joginder Singh
  • Indomitable Spirit : Dr. A.P.J. Abdul Kalam
  • Gladiators : Arthur Koestler  
  •  The Sepoy Mutiny and revolt of 1857 - R.C Majumdar
  • 1857- The great Rebellion- Ashok Mehta
  • Civil Rebellion in the Indian Mutinies – 1857 -59-S.B Chaudhery
  • The Indian war of Independence-V.D Sawarkar