पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा-नैरोबी: 175 देशों ने प्लास्टिक प्रदूषण पर ऐतिहासिक संकल्प अपनाया

कहने  की जरुरत नहीं है कि  आज प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्‍त करना एक वैश्विक पर्यावरण चुनौती के रूप में पहचाना जाता है।  नैरोबी में 28 फरवरी 2022 से 2 मार्च 2022 तक आयोजित पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए 5.2) के फिर से शुरू होने वाले सत्र में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए तीन मसौदा प्रस्तावों पर विचार किया गया था। भारत द्वारा प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव में देशों द्वारा तत्काल सामूहिक स्वैच्छिक कार्रवाई का आह्वान किया गया।

भारत ने कानूनी रूप से बाध्यकारी एक नई अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए एक अंतर-सरकारी वार्ता समिति की स्थापना करके प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक कार्रवाई करने के संकल्प पर आम सहमति विकसित करने के लिए यूएनईए 5.2 में सभी सदस्य देशों के साथ रचनात्मक रूप से काम किया।

लंबी बातचीत के बाद, भारत के मसौदा प्रस्ताव के प्रमुख उद्देश्यों को "प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें: एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी जरिये की ओर" पर संकल्प में पर्याप्त रूप से बताया गया था, जिसे यूएनईए के फिर से शुरू हुए पांचवें सत्र में अपनाया गया, जो 2 मार्च 2022 को संपन्न हुआ। यूएनईए 5.2 राष्ट्रीय परिस्थितियों और क्षमताओं का सम्मान करते हुए सामूहिक वैश्विक कार्रवाई के लिए सहमत होने के लिए याद किया जाएगा।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने 175 देशों द्वारा अपनाने को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्लास्टिक पैकेजिंग पर ईपीआर के माध्यम से उपाय करने के साथ-साथ कम उपयोगिता और उच्च कूड़े की क्षमता वाली एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने मजबूती और प्रभावी ढंग से प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने की यात्रा शुरू की है। 

इससे पहले, भारत ने 2019 में आयोजित चौथी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) में एकल उपयोग प्लास्टिक उत्पाद प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जिससे इस मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकर्षित हुआ।

घरेलू मोर्चे पर, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पहचान की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनकी कम उपयोगिता और उच्च कूड़े की क्षमता है। प्लास्टिक पैकेजिंग पर विस्तारित उत्पादकों की जिम्मेदारी पर दिशानिर्देश भी अधिसूचित किए गए हैं। विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी दिशानिर्देशों के साथ प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।


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