बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों से निर्मित है यह वर्टिकल गार्डन; जानें खास बातें

vertical Garden Made With Plastic Bottles

प्लास्टिक कचरे से निपटने और हरित स्थलों के निर्माण की चिंताओं को दूर करने हुए एक अद्भुत कल्पना को साकार करते हुए प्लास्टिक की बेकार पड़ी खाली बोतलों का इस्तेमाल करके वर्टिकल गार्डन का निर्माण किया गया है। आय कर विभाग के अंतर्गत आईआरएस अधिकारी श्री रोहित मेहरा इसका अगुआई कर रहे हैं।

उन्होंने सरकारी भवनों की दीवारों पर वर्टिकल गार्डन बनाने के लिए बेकार प्लास्टिक की बोतलों को कंटेनर के रूप में उपयोग करके इस शानदार सुझाव को क्रियान्वित किया है। इस पहल के तहत अपशिष्ट प्लास्टिक का पुनर्चक्रण किया जा रहा है और पर्यावरण के प्रति सकारात्मक कार्य के लिए इसका पुन: उपयोग भी हो रहा है, जो एक तरह से दो चिंताओं को एक साथ दूर करने का प्रयास करता है।

इस विचार के द्वारा न केवल प्लास्टिक का पुन: उपयोग किया जाता है बल्कि इससे इमारतों का सौंदर्यीकरण भी होता है। इतना ही नहीं, इस अनूठी पहल से आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलती है। 

अब तक, इस अवधारणा के अनुसार 7 लाख से अधिक बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों का पुन: उपयोग हुआ है और 7 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। 

भारत के 17 राज्यों और देश भर के 50 से अधिक जिलों में ऐसे 900 वर्टिकल गार्डन बनाए जा चुके हैं।

इसके कारण 70 टन (लगभग) सिंगल-यूज वाले अपशिष्ट प्लास्टिक का पुन: उपयोग किया गया है, अन्यथा इसे लैंडफिल में पहुंचा दिया जाता।

किसी आयकर कार्यालय में बेकार की प्लास्टिक बोतलों से बना देश का सबसे बड़ा वर्टिकल गार्डन लुधियाना में स्थित है।

 यह 10,135 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला है और इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी स्थान दिया गया है।

No comments:

Post a Comment