प्रगति मैदान में हुआ 23वां इंडियासॉफ्ट का उद्घाटन: Facts in Brief


केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडियासॉफ्ट के 23वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 80 देशों के 650 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। 1500 से अधिक भारतीय प्रदर्शक इस कार्यक्रम तथा इससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों में अपने उत्पादों तथा समाधानों का प्रदर्शन कर रहे हैं।

सुश्री पटेल ने कहा कि अभी से लेकर 2047 तक, जिसे हम प्यार से अमृत काल कहते हैं, की अवधि के दौरान भारत हर प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है - यह हमारा साझा विजन है, सामूहिक लक्ष्य है और हमारे गौरवशाली इतिहास में एक रूपांतरकारी मोड़ है।

2047 तक भारत 32 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ एक विकसित देश बन जाएगा जो भारत और वैश्विक समुदाय के लिए भी समान रूप से एक निर्णायक क्षण होगा। विकास का यह परिमाण आईसीटी सेक्टर में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अत्यधिक प्रभावित होगा।

 इंडियासॉफ्ट के अगले तीन दिनों के दौरान 70 से अधिक नए उत्पाद लांच किए जा रहे हैं, जिन्हें भारत के अनुसंधान एवं विकास के अत्यधिक प्रतिभाशाली लोगों की टीम के प्रयासों के माध्यम से विकसित और परिपूर्ण किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह उस प्रकार की उपलब्धियों को दर्शाता है जो भारत ने डिजिटल क्षेत्र में अर्जित किया है और ये 2047 तक एक विकसित देश बनने के भारत के संकल्प को और भी मजबूत बनाती हैं।

भारत का निर्यात, वस्तु एवं सेवा निर्यात दोनों ही, वित्त वर्ष 2021-22 के 650 बिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 तक 750 बिलियन की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। 

आज से आरंभ हुए इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 80 देशों के 650 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। 1500 से अधिक भारतीय प्रदर्शक इस कार्यक्रम तथा इससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों में अपने उत्पादों तथा समाधानों का प्रदर्शन कर रहे हैं। क्यूबा के उप संचार मंत्री सुश्री ग्रिसेल ईयूलालिया, चिली के अरुकानिया के रीजनल गर्वनर श्री रिवास स्टेपके लुसियानो अलेजैंद्रो ने भी अपने शिष्टमंडलों के साथ उद्घाटन समारोह में भाग लिया।

इससे पूर्व, शिष्टमंडलों का स्वागत करते हुए ईएससी के अध्यक्ष श्री संदीप नरुला ने कहा कि 2030 तक भारत का आईसीटी सक्टर 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा जो देश द्वारा अनुसंधान एवं विकास, नवोन्मेषण और व्यवधानों को दूर करने पर दिए जाने वाले ध्यान के कारण संभव हो पाएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत निर्यात की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब हमने 80 के दशक के आखिर में आईटी और आईटीईएस का निर्यात करना आरंभ किया था, तो यह केवल 50 मिलियन डॉलर था, जो अब बढ़ कर 200 बिलियन डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने विभिन्न स्कीमों को लागू करने के द्वारा सार्वजनिक सेवाओं को डिजिटाइज किया है जो नागरिकों को सरकारी डिलीवरी प्रणाली से सेवाओं तक सहजता से पहुंच बनाने में सक्षम बनाती है। 

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘बहुत से देश भारत की सफल स्कीमों का अनुकरण कर सकते हैं और हम उनके डिजिटल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के इच्छुक हैं। ‘‘ श्री नरुला ने कहा कि इंडियासॉफ्ट और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, जिनमें ईएससी नियमित रूप से भाग लेता है, भारतीय आईसीटी सेक्टर के लिए बहुत सारे व्यावसायिक अवसर जेनेरेट हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयत्न जारी रहेंगे।

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