Showing posts with label Election 24. Show all posts
Showing posts with label Election 24. Show all posts

Najariya jine ka: भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा से मिली पहचान पर अब भ्रष्टाचार के आरोप का संकट

Arvind Kejriwal AAP Crisis

अरविंद केजरीवाल तब अक्सर कहा करते थे कि वे भारत कि राजनीति मे कुछ नया करने आए हैं। और इसमे संदेह भी नहीं है कि उन्होंने भारतीय राजनीति मे एक नए प्रयोग का जन्म दिया। यह केजरीवाल के सोच और  स्ट्रैटिजी का हीं नतीजा था  जिसके कारण  यह संभव हुआ कि भारतीय राजनीति मे जहां कितनी क्षेत्रीय पार्टियां  सिर्फ एक राज्य मे शासन करते हुए रह गई, केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी को दिल्ली से बाहर पंजाब मे शासन मे लाए और राष्ट्रीय दल का तमगा भी हासिल करवाने मे सफलता पाई। 

दल के जरूरत और भविष्य को लेकर अरविन्द केजरीवाल ने तब कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार से ग्रस्त भारतीय राजनीति के खिलाफ 'हमारे' संघर्ष का परिणाम है और इसे उन्होंने साबित भी किया। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं, नवंबर 2012 में, अरविंद केजरीवाल,जो सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान सुर्खियों में रहे थे - ने एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने का फैसला किया  और आज वही आम आदमी पार्टी  राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल कर चुकी है और विपक्षी गठबंधन का एक प्रमुख घटक है। 

हालांकि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है. उल्लेखनीय है कि केजरीवाल से पहले पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है

हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिक साजिश करार दिया है। गिरफ़्तारी के बाद विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं जैसे राहुल गांधी, अखिलेश सिंह सहित अन्य नेताओं ने केजरीवाल  कि गिरफ़्तारी का विरोध करते हैं इसे सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। 

केजरीवाल की गिरफ्तारी का समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ हफ्ते पहले हो रहा है। य हालांकि इतना तो तय  है कि अरविन्द केजरीवाल कि गिरफ़्तारी  आगामी लोक सभा चुनाव मे  एक प्रमुख फैक्टर बन सकता है।

सबसे ज्यादा यह आम आदमी पार्टी के लिए काफी यहां है क्योंकि केजरीवाल के नहीं होने से पार्टी के लोक सभा चुनाव मे उसके प्रदर्शन पर बुरा असर  पड़ेगा। जाहीर है कि I.N.D.I.A. गठबंधन को भी इसका खामियाजा भुगतना पद सकता हैं क्योंकि केजरीवाल इस गठबंधन के सबसे प्रभावशाली चेहरों मे से एक हैं। 

Assembly Election Result 2023 Live: तेलंगाना में केसीआर की हार का क्षेत्रीय पार्टियों के लिए कई सबक


तेलंगाना में केसीआर को मिली व्यापक हार ने साबित  दिया है कि क्षेत्रीय पार्टियों को दिवास्वप्न दिखना छोड़कर अब अपने राज्यों पर फोकस करनी चाहिए न की राज्य की जनता की उपेक्षा कर मोदी मोदी का माला जपना चाहिए. केसीआर की पार्टी को 36 सीटों पर बढ़त और लगभग 52 सीटों पर उनके उम्मीदवारों का पीछे चलना यह साबित करता है की तेलंगाना की जनता ने उन्हें ठुकरा दिया है. मोदी के विकल्प के रुप में देखने वाले अन्य नेताओं जो रीजनल पार्टी के मुख्यमंत्री हैं के लिए यह साफ संकेत है की केंद्र में मोदी का विकल्प बनने के लिए उन्हें काफी वक्त लगेंगे क्योंकि मोदी को आज भी देश की जनता सर्वमान्य नेता मानती है. 

भाजपा को तीनों राज्यों में मिली बढ़त इस बात का साफ संकेत दे रहा  है कि क्षेत्रीय पार्टियों की शक्ति कम हो रही है। केसीआर ने तेलंगाना में 2014 में एक नए राज्य के गठन के बाद से सत्ता में कब्जा किया हुआ था। उनकी हार से यह संकेत मिल सकता है कि क्षेत्रीय पार्टियां अब भीड़ को आकर्षित करने में उतनी सक्षम नहीं हैं जितनी पहले थीं।

दूसरी तरफ, क्षेत्रीय पार्टियों के लिए, केसीआर की हार से यह सबक निकलता है कि उन्हें अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। उन्हें लोगों की चिंताओं को समझने और उनसे जुड़ने की जरूरत है। उन्हें नए विचारों और दृष्टिकोणों को भी अपनाने की जरूरत है।

यहां कुछ विशिष्ट कदम दिए गए हैं जो क्षेत्रीय पार्टियां केसीआर की हार से सीख सकती हैं:

अपने संगठनों को मजबूत करें। क्षेत्रीय पार्टियों को अपने संगठनों को मजबूत करने और लोगों के साथ मजबूत संबंध बनाने की जरूरत है। उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें लोगों के बीच जाकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

अपनी नीतियों को अपडेट करें। क्षेत्रीय पार्टियों को अपनी नीतियों को अपडेट करने और लोगों की बदलती जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है। उन्हें नए विचारों और दृष्टिकोणों को अपनाने के लिए खुले रहने की