मकर संक्रांति 2025: जानें महत्त्व, मनाने की विधि और क्या है इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण?

Makar sankranti 2024 Significance date how to celebrate

मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार नई शुरुआत, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।
हिन्दू पंचांग के अनुआर पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब इसे हीं मकर संक्रांत के नाम से पुकारा जाता है। पंचांग के अनुसार Makar Sankrati 2025 जनवरी 14, 2025  को हर्षोलास के साथ मनाया जाएगा। देश के विभिन्न हिस्सों मे यह अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है. 

इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मानना है। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है. नए साल का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांति होता है. मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है. वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन साल 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. 

इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मानना है। मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे मकर संक्रांति, मकर संक्रांति, उत्तरायण, खिचड़ी, तिल संक्रांति आदि।

मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे मकर संक्रांति, मकर संक्रांति, उत्तरायण, खिचड़ी, तिल संक्रांति आदि। हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति। आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्‍कर उत्‍तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है। 

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति? 

यह पर्व हिन्दू पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय होता है, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात का समय कम होता है। इससे बर्फीली सर्दीयों में गर्मी और ऊँची रातों का अंत होता है, जिससे लोगों में खुशी और उत्साह की भावना होती है।

मकर संक्रांति के दिन लोग तिल, गुड़, खीर, मूंगफली, रेवड़ी, खिचड़ी आदि का त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे को बधाईयां देते हैं। इस दिन लोग मकर स्नान करने, दान करने और मन्दिरों में पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व देते हैं। इसे भारत भर में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और यह समृद्धि, खुशी, और उत्साह का प्रतीक माना जाता है।

यह पर्व हिन्दू पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय होता है, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात का समय कम होता है। इससे बर्फीली सर्दीयों में गर्मी और ऊँची रातों का अंत होता है, जिससे लोगों में खुशी और उत्साह की भावना होती है।

कैसे मनाते हैं मकर संक्रांति?

मकर संक्रांति के दिन लोग तिल, गुड़, खीर, मूंगफली, रेवड़ी, खिचड़ी आदि का त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे को बधाईयां देते हैं। इस दिन लोग मकर स्नान करने, दान करने और मन्दिरों में पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व देते हैं। इसे भारत भर में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और यह समृद्धि, खुशी, और उत्साह का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति को मनाने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ धार्मिक और कुछ वैज्ञानिक हैं।

धार्मिक कारण

मकर संक्रांति को सूर्य देवता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। सूर्य देवता को हिंदू धर्म में जीवनदाता माना जाता है। इसलिए, उनकी पूजा करने से नई शुरुआत, समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है।

मकर संक्रांति को उत्तरायण की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। उत्तरायण काल को शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इस काल में दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।

वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसलिए, इस दिन को नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति के दिन मौसम में बदलाव होता है। इस दिन से ठंड का मौसम खत्म हो जाता है और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इसलिए, इस दिन को नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति के परंपरागत आयोजन

मकर संक्रांति के दिन कई तरह के परंपरागत आयोजन होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख आयोजन हैं:

स्नान: मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य प्राप्त होता है।

सूर्य पूजा: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। सूर्य देवता को अमृत कलश, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित किए जाते हैं।

पतंग उड़ाना: मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना एक लोकप्रिय परंपरा है। पतंग उड़ाने से खुशहाली और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

खिचड़ी: मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का भी विशेष महत्व है। खिचड़ी को शुभ और मंगलकारी माना जाता है।


12 ज्योतिर्लिंग: जानें शिव पुराण मे वर्णित भगवान शंकर के ज्योतिर्लिंग रूपी शिवलिंग के बारे में


हिन्दू देवताओं में भगवान शिव को सर्वोच्च भगवान माना जाता है भगवान सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से भी एक है. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार यह मान्यता है कि सावन के पावन महीने में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने और उनके निमित्त व्रत रखने से वे अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का भी भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। 

भगवान शिव के रहस्य को समझना आसान नहीं है  और सच तो यह है कि यह एक निरंतर खोज है जो भक्तों को आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाती है। शिव पुराण और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव स्वयंभू है जिनका न कोई आदि है और न ही कोई अंत। उन्हीं के होने से ये समस्त संसार गतिमान है। जबकि विष्णु पुराण में भगवान शिव का जन्म भगवान विष्णु के द्वारा हुआ है। भगवान शिव के निराकार रूप की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम नर्मदेश्वर शिवलिंग (Narmadeshwar Shivling) माना जाता है। 

शिव पुराण में 12 ज्योतिर्लिंग:-

यह मान्यता है कि ये 12 इन  प्राचीन 12 ज्योतिर्लिंग रूपी शिवलिंग में साक्षात भगवान शिव का वास है और हिन्दू धर्म मे इन ज्योतिर्लिंग रूपी शिवलिंग पूजन का विशेष महत्व रहा है। शिव पुराण में 12 ज्योतिर्लिंग का चर्चा है जो निम्न हैं-

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र स्थित यह ज्योतिर्लिंग सबसे प्राचीन और पृथ्वी का प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव द्वारा की गई है। भारत में बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से पहला प्रकट हुआ था  जहाँ शिव प्रकाश के एक ज्वलंत स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। यह मंदिर कपिला, हिरन और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है और अरब सागर की लहरें उस तट को छूती हुई बहती हैं जिस पर यह बना है।

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर बिराजमान है।

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन नगरी में स्थित है। यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है।

4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में इंदौर के पास मालवा क्षेत्र में स्थित है। नर्मदा नदी के मध्य ओमकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदुओं की चरम आस्था का केंद्र है जो कि  12 ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है और यहां पर मां नर्मदा स्वयं ॐ के आकार में बहती है। 

5.  केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिल्ले में हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है।

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे के पास सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है।

7 . काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग को विश्वेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

8 . त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग के निकट ब्रह्मागिरि नाम क पर्वत है। ब्रह्मागिरि पर्वत से गोदावरी नदी उद्गम स्थान है।

9.  वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग झारखण्ड राज्य के संथाल परगना के पास स्थित है। भगवान शिव के इस वैद्यनाथ धाम को चिताभूमि कहा गया है।

10.  नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारिका क्षेत्र में स्थित है।

11.  रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग स्वयं भगवान श्रीराम ने अपने हाथों से बनाया था।

12.  घृष्णेश्वर मन्दिर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद के पास स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है।

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Point of View: इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

Point of View: इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

Point Of View:
भय, क्रोध, गुस्सा, भावनात्मक स्थिति, दुःख या विरह की घड़ी, ख़ुशी के क्षण  आदि जीवन के कुछ ऐसे पल होते हैं जो हमारे रोज के जीवन का अभिन्न अंग है.  हमारा जीवन इन्ही मनोभाओं और इस प्रकार के अनगिनत रंगों से परिपूर्ण होता है इसमें किसी को संदेह नहीं होनी चाहिए क्योंकि जीवन की परिपूर्णता के लिए यही तो उसके रूप रंग होते हैं जो अलग-अलग रूपों में हमारे सामने आते हैं. 

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि भले हैं उपरोक्त वर्णित अवस्थाएं हमारी जीवन कई हिस्सा हैं लेकिन क्या इन परिस्थितियों का सामना करते हुए क्या हमें ठोस निर्णय लेनी चाहिए? क्या किसी कारण से हम अगर क्रोध और गुस्सा से भरे हुए हैं तो उस समय जीवन से कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना नुद्धिमानी होगी? प्रेम  या समर्पण जैसे क्षणिक आवेश में आकर या किसी तात्कालिक भावनात्मक लगाव के तहत कोई वादा करना न्यायपूर्ण कदम कही जा सकती है? 


कहने की जरुरत नहीं है दोस्तों कि भले ही भय, क्रोध, गुस्सा, भावनात्मक स्थिति, दुःख या विरह की घड़ी, ख़ुशी के क्षण  आदि स्थितियां हमारे जीवन का हिस्सा है और हमें इनसे दो-चार होना है पड़ता है अपने रोज के जीवन में लेकिन क्या इन परिस्थितयों के रुबरु होते हुए क्या जीवन से जुडी महत्वपूर्ण निर्णय लेना न्यायोचित कही जा सकती है. 

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क्रोध की स्थिति में संयम रखें 

अगर आप जीवन में किसी कारण से काफी  क्रोध और  गुस्सा की स्थिति में है तो ऐसे स्थिति में भला आपका विवेक आपके पास कहाँ रहता है. अगर आपके विवेक आपके साथ होगा तो कदाचित आप गुस्सा हीं करेंगे और शांति और संयम से मामले को देखकर उसे हल करने का प्रयास करेंगे। लेकिन अगर आप गुस्से में लाल-पीले हो रहें हैं तो आपके लिए यह जरुरी है कि आप संयम का परिचय दें और तत्काल उसे परिस्थिति को वेट एंड वाच की तर्ज पर गुजरने का इंतजार करें. 

विश्वास करें, क्रोध और गुस्से की स्थिति में लिया गया निर्णय कभी भी आपके लिए उचित नहीं होती और यह आपके लिए हमेशा प्रतिकूल परिस्थिति का निर्माण करेगी और आपको परेशानी में दाल सकती है. 

सुख और दुःख के दिन 

कहते हैं न, " सुख के दिन कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता ये तो दुःख और विरह के दिन होते हैं जो काटे नहीं कटती.... " हाँ ये सच है कि जीवन में दुःख और सुख का आना-जाना लगा रहता है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या घोर विपन्नता और दुःख की स्थिति में हमें जीवन से जुडी महत्वपूर्ण निर्णय लेनी चाहिए? 

मुंशी प्रेमचद की उस कथन को याद रखें-" गले पर पड़े पैर को सहलाना   श्रेयस्कर होता है... " जाहिर है, अगर किसी के पैरों के नीचे आपका गला दबा हो तो फिर आपके लिए चुप रहने और उस संकट की स्थिति से बाहर आने के लिए शांति और समझदारी का रास्ता ही चुनना बेहतर होगी. 

भावना और सहानुभूति में वादा नहीं करें 

जीवन में भावनात्मक लगाव और सहानुभूति के शब्दों से हमें आमना-सामना होना पड़ता है और जाहिर है कि क्षणिक आवेंग में आकर हमें जल्दबाजी में कोई वादा नहीं करनी चाहिए। खासकर अगर पुरुष या महिला हों लेकिन युवावस्था के दौर में हैं तो आपको विशेष रूप से सावधान रहने की जरुरत है. 


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती


Happy New Year 2025: अपनों को भेजें नए साल पर यह महापुरुषों का कोट्स, संदेश, ग्रीटिंग्स

Happy New Year 2025: अपनों को भेजें नए साल पर यह महापुरुषों का कोट्स, संदेश, ग्रीटिंग्स

बस अब हम 2025 में प्रवेश करने से चंद घंटे दूर हैं, यह खुशी, उम्मीद और सकारात्मकता फैलाने का समय है। नए साल का जश्न दोस्तों, परिवार और प्रियजनों को हार्दिक शुभकामनाओं और संदेशों के बिना अधूरा है और सच तो यह है कि नए साल के अवसर पर अपने मित्रों और संबंधियों के बधाई और उनके शुभकामनाओं के बगैर नए साल का इंतजार अधूरा ही रहेगा। तो फिर देर किस बात कि है, अगर आप नए साल की शुभकामनाओं को बेहतरीन तरीके से लिखने के लिए प्रेरणा की तलाश कर रहे हैं, तो हमने आपके संदेशों को अलग बनाने के लिए आइडिया संकलित किए हैं।

नया साल मुबारक हो!

ये साल आपकी ज़िंदगी में नई खुशियाँ, नई आशाएँ और नई उपलब्धियाँ लेकर आए। आपको और आपके परिवार को ढेर सारी शुभकामनाएँ! 

साल बदल रहा है, सपने नहीं!

आपके सपने इस साल नई ऊंचाइयों को छुएं। आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। हैप्पी न्यू ईयर! 

नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!

ये साल आपको ढेर सारी खुशियाँ, अच्छा स्वास्थ्य और अपार सफलता दे। आप हमेशा मुस्कुराते रहें! 

नया साल नई शुरुआत का संकेत है।

इस साल हर दिन आपके लिए खुशियाँ और प्यार लेकर आए। आपके जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे। हैप्पी न्यू ईयर!

नए साल में आपका हर दिन शुभ हो।

इस साल आपके सभी सपने पूरे हों और आपकी मेहनत रंग लाए। आपको और आपके अपनों को नए साल की शुभकामनाएँ! 

"Write it on your heart that every day is the best day in the year."

– Ralph Waldo Emerson

(अपने दिल पर लिख लें कि हर दिन साल का सबसे अच्छा दिन है।)

"Cheers to a new year and another chance for us to get it right."

– Oprah Winfrey

(नए साल की जय हो और हमें इसे सही करने का एक और मौका मिले।)

"The magic in new beginnings is truly the most powerful of them all."

– Josiyah Martin

(नई शुरुआत में जादू सचमुच सबसे शक्तिशाली होता है।)

"Tomorrow is the first blank page of a 365-page book. Write a good one."

– Brad Paisley

(कल 365 पन्नों की किताब का पहला खाली पन्ना है। इसे अच्छा लिखें।)

"New year—a new chapter, new verse, or just the same old story? Ultimately, we write it. The choice is ours."

– Alex Morritt

(नया साल—एक नया अध्याय, नई पंक्ति, या वही पुरानी कहानी? अंततः, इसे हम लिखते हैं। चुनाव हमारा है।)

"Be at war with your vices, at peace with your neighbors, and let every new year find you a better person."

– Benjamin Franklin

(अपनी बुराइयों से युद्ध करो, अपने पड़ोसियों से शांति रखो, और हर नया साल तुम्हें एक बेहतर व्यक्ति बनाए।)

"Celebrate endings—for they precede new beginnings."

– Jonathan Lockwood Huie



जानें क्या है KTB जिसका चर्चा प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात मे किया है


बच्चों की पसंदीदा animation series और उसका नाम है KTB – भारत हैं हम। KTB यानी कृष, तृष और बाल्टीबॉय. आपको शायद पता होगा कि ये बच्चों की पसंदीदा animation series है और इसका नाम है KTB– भारत हैं हम.

अब इसका दूसरा season भी आ गया है। ये तीन animation character हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में बताते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। हाल ही में इसका season-2 बड़े ही खास अंदाज में Iinternational Film Festival of India, Goa में launch हुआ। सबसे शानदार बात ये है कि ये series न सिर्फ भारत की कई भाषाओं में बल्कि विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित होती है। इसे दूरदर्शन के साथ-साथ अन्य OTT platform पर भी देखा जा सकता है।

यह एनिमेटेड सीरीज़ दो सीज़न की है, जिसका निर्माण केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और ग्राफिटी स्टूडियो ने किया है। 

इस सीरीज़ में  1500 के दशक से लेकर 1947 तक के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कहानियाँ हैं। इस सीरीज़ को प्रतिष्ठित एनिमेटेड किरदार कृष, त्रिश और बाल्टी बॉय होस्ट कर रहे हैं। इस सीरीज़ को ग्राफिटी स्टूडियो के मुंजाल श्रॉफ और तिलकराज शेट्टी की क्रिएटर जोड़ी ने बनाया है।

यह श्रृंखला युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में कम ज्ञात लेकिन महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों के बारे में शिक्षित करने का एक प्रयास है, जिन्हें अतीत की शिक्षा प्रणाली द्वारा भुला दिया गया था, और जिनका पर्याप्त उल्लेख नहीं किया गया है। इस सीरीज़ का एक प्रमुख केंद्र बिंदु विदेशी उपनिवेशवादियों के खिलाफ़ संघर्ष में महिलाओं और आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत के बच्चों के बीच हमारे गौरवशाली स्वतंत्रता संग्राम और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले असंख्य नायकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया।

प्रत्येक एपिसोड में लोकप्रिय पात्र कृष, ट्रिश और बाल्टीबॉय होंगे - जो पहले प्रशंसित केटीबी मूवी श्रृंखला से प्रसिद्ध थे, और उनके संवाद इन गुमनाम नायकों की कहानियों पर आधारित होंगे।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम की विविधता को समेटते हुए, यह श्रृंखला विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा करेगी, जिसमें हिमाचल प्रदेश, बंगाल, पंजाब, केरल और अन्य जगहों से आए स्वतंत्रता सेनानियों को दिखाया जाएगा। केंद्रीय संचार ब्यूरो और ग्राफिटी स्टूडियो द्वारा निर्मित यह श्रृंखला धार्मिक बाधाओं को पार करते हुए आस्था और एकता की एक ऐसी कहानी है जो देश की आस्थाओं और विश्वासों को एक करती है।

रानी अब्बक्का, तिलका मांझी, तिरोत सिंह, पीर अली, तात्या टोपे, कोतवाल धन सिंह, कुंवर सिंह (80 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी), रानी चेन्नम्मा, टिकेन्द्र जीत सिंह आदि जैसे अनगिनत वीर व्यक्तित्व अंततः इस एनिमेटेड उत्कृष्ट कृति के माध्यम से इतिहास में अपना उचित स्थान लेंगे।

यह श्रृंखला निम्नलिखित 12 भाषाओं में निर्मित  है :

Hindi (Master), Tamil, Telugu, Kannada, Malayalam, Marathi, Gujarati, Punjabi, Bengali, Assamese, Odia and English.

श्रृंखला को निम्नलिखित अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में भी डब किया जाएगा :

फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी, अरबी, चीनी, जापानी और कोरियाई।


सूर्य किरण: भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास-Facts in Brief

 

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भारत और नेपाल के बीच संयुक्त अभ्यास सूर्य किरण के 18 वें संस्करण का आयोजन 31 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक नेपाल के सलझंडी में किया जाएगा। यह एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। अभ्यास सूर्य किरण भारत और नेपाल के बीच मौजूद मित्रता, विश्वास और साझा सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन को दर्शाता है।

भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व 11वीं गोरखा राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जाएगा। नेपाली सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व श्रीजंग बटालियन द्वारा किया जाएगा।

सूर्य किरण अभ्यास: उद्देश्य

सूर्य किरण अभ्यास का उद्देश्य जंगल में युद्ध, पहाड़ों में आतंकवाद विरोधी अभियानों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अंर्तगत मानवीय सहायता और आपदा राहत में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है। अभ्यास में परिचालन तैयारियों, विमानन पहलुओं, चिकित्सा प्रशिक्षण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन गतिविधियों के माध्यम से, सैनिक अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएंगे, अपने युद्ध कौशल को निखारेंगे और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में एक साथ काम करने के लिए अपने समन्वय को मजबूत करेंगे।

Highlights

  • अभ्यास सूर्य किरण का यह संस्करण नेपाल के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की सफल यात्राओं और नेपाली सेना के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल की भारत यात्रा के बाद आयोजित किया जा रहा है ।
  •  यह अभ्यास भारत और नेपाल के सैनिकों को विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने, सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को साझा करने और एक-दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
  • अभ्यास सूर्य किरण भारत और नेपाल के बीच मौजूद मित्रता, विश्वास और साझा सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन को दर्शाता है।
  •  यह एक सृजनात्मक और पेशेवर जुड़ाव के लिए मंच तैयार करता है जो व्यापक रक्षा सहयोग के प्रति दोनों देशों की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 
  • यह अभ्यास साझा सुरक्षा उद्देश्यों को भी प्राप्त करेगा और दो मित्रवत पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा।


Born on Sunday: होते हैं महत्वाकांक्षी ,आत्मविश्वासी, प्रभावशाली, सकारात्मक, नेतृत्वकर्ता, मेहनती और संवेदनशील

Born on Sunday: जानें क्या होती है खासियत- व्यवहार, सफलता, करिअर और भी बहुत कुछ

 रविवार को जन्मे लोग लीक से हटकर सोचने के आदी होते हैं और वे अपने अंदर सर्वोत्तम विचारों की कल्पना करते हैं। ऐसे व्यक्तित्व विशेष रूप से अपने जीवन में कठिनाई की आवश्यकता पर उपयुक्त विचार और समाधान उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। रविवार को जन्मे लोगों की महत्वाकांक्षाएं बहुत अधिक होती हैं और उनके जीवन में आत्मविश्वास भी चरम पर होता है।वास्तव में, आप कह सकते हैं कि जिन लोगों को किसी भी गंभीर स्थिति के लिए विचारों या समाधान के संदर्भ में किसी भी मदद की आवश्यकता है, आप उनसे संपर्क कर सकते हैं, निश्चित रूप से आपको सर्वोत्तम विचार मिलेंगे। रविवार को जन्मे लोग अपने व्यक्तित्व से प्रभावशाली, सकारात्मक, प्रसिद्ध, नेतृत्वकारी, मेहनती और थोड़े संवेदनशील भी होते हैं।  आइये जानते हैं रविवार को जन्म लेने वाले लोगों की खासियत, उनके लिए रखे जाने वाले नाम तथा अन्य विशेषताएं विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा.


रविवार को जन्मे लोगों का व्यक्तित्व सूर्य द्वारा शासित होने के कारण, ये लोग हमेशा आकर्षण का केंद्र बने रहना चाहते हैं और अपने घरेलू और सामाजिक मोर्चे पर राज करना चाहते हैं। अक्सर लोगों के जहाँ मे यह सवाल होता है कि आखिर रविवार को जन्म का क्या मतलब है और ऐसे लोगों कि क्या खासियत होती है। दोस्तों, रविवार को जन्म लेने वाले लोगों कि सबसे बड़ी विशेषता होती है कि ऐसे लोग अक्सर रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी होते हैं जो सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं।

परिवार के लिए खास

ऐसे लोग अपने परिवार के लिए खास होता हैं और भरपूर मौज-मस्ती और उद्देश्यपूर्ण जीवन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। हालाँकि वे अधिकांश समय आश्वस्त दिखाई देते हैं, लेकिन परेशानियों और चुनौतियों का सामना करते समय वे गंभीर रूप से व्यथित हो सकते हैं। वे केवल उन्हीं लोगों से मित्रता करेंगे जो उन्हें केंद्र में रहने की अनुमति देंगे। 
  • वे आत्मविश्वासी और दृढ़निश्चयी होते हैं।
  • वे नेतृत्व क्षमताओं से भरपूर होते हैं।
  • वे साहसी और जोखिम लेने वाले होते हैं।
  • वे मिलनसार और सामाजिक होते हैं।
  • वे सफलता के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।

 रविवार का दिन अद्भुत और खास

विश्व की लगभग अधिकांश हिस्सों में रविवार का दिन अद्भुत और खास होता है जिसे परंपराओं में सप्ताह का पहला दिन माना जाता है। लोग रविवार का उपयोग आने वाले सप्ताह की तैयारी, आराम के साथ ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ देता पसंद करते हैं। कुल मिलाकर रविवार का दिन खास दिन होता है जिसका  इन्तजार परिवार के सभी सदस्यों को रहता है. और ज्योतिष के अनुसार ऐसा मान्यता है कि इस अद्भुत दिन का स्वामी सूर्य है और दिन को जन्मे लोग सचमुच सूर्य की तरह चमकते सितारे होते हैं।

आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी 

रविवार का दिन सूर्य ग्रह से विशेष रूप से प्रभावित होता है और आप जानते हैं कि सूर्य हमेशा के हमारी सौर्य मंडल का केंद्र रहा है. ठीक उसी प्रकार से रविवार को जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व भी आकर्षक होता है. इसके साथ ही sunday को जन्म लोगों का कद, लम्बा, चौड़ी छाती, चेहरे का रंग साफ होता है. ऐसे व्यक्ति साहसी, धर्मात्मा, दानी, मेधावी, हंसमुख और महत्वाकांक्षी होते हैं. ऐसे व्यक्ति बल पूर्वक न्याय हासिल करना चाहतें हैं. कोई इन पर रहम करें यह उन्हें पसंद नहीं होता. इस दिन उत्पन्न व्यक्ति अपनी बातों के पक्के होते हैं. इनके पास पैसों की कमी नहीं रहती है, ये अपने बल पर पैसे कमाने की क्षमता रखते हैं.

रविवार को जन्मे लोग करियर: 

रविवार को जन्मे लोग अपने करियर में भी हमेशा स्वतंत्रता और स्वतंत्रता पसंद करते हैं। सामान्यत: ऐसे  लोग उन व्यवसायों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं जिसे वे अकेले करते हैं. अर्थात आप कह सकते हैं कि ऐसे लोग  समझौता नहीं करना चाहते हैं. नेतृत्व की भूमिकाएँ आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेंगी। आपकी चतुराई और आत्म-प्रेरणा आपको अपने करियर के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। हालाँकि, किसी संगठन के लिए काम करते समय यह आवश्यक है कि आप एक टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होने के लिए दूसरों के प्रति सहिष्णुता विकसित करें।

 स्वतंत्रता पसंद

रविवार को जन्मे लोग प्यार में रविवार को जन्मे व्यक्ति के रूप में आप हमेशा स्वतंत्रता पसंद करते हैं। अंतर्मुखी एवं शर्मीले स्वाभाव के होने के इनके मित्रों की संख्या सीमित हो सकती है. धोखा मिलने के डर से आप आसानी से दूसरों पर भरोसा नहीं करते और इसका असर आपके लाइफ पार्टनर के चुनाव पर भी पड़ सकती है  हालाँकि, एक बार जब आपको सही व्यक्ति मिल जाए जिस पर आप भरोसा कर सकें, तो आप उनसे बिना शर्त प्यार करना शुरू कर देंगे। 

जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव 

ऐसे लोग सामान्यता: जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव और जल्दी हार नहीं मानने वाले होते हैं. इस स्वाभाव का असर आपको पर्सनल जीवन से लेकिन प्रोफेशनल और अन्य जगहों पर भी देखने को मिल सकती है. ऑफिस में, स्कूल या कॉलेज या अपने दोस्तों के साथ भी आपको इस स्वाभाव के कारण परेशानियों को झेलना पड़ेगा इसलिए यह अच्छा होगा की समझौतावादी होना सीखें और हर जगह अपनी बातों को ऊपर रखने से बच्चें भले हीं वह पर्सनल मैटर हो या प्रोफेशनल. 

 घरेलू और सामाजिक जीवन में संतुलन जरुरी 

रविवार को जन्मे जातकों के दांपत्य जीवन और सामाजिक में मिश्रित संभावनाएं रहेंगी। आप एक मिलनसार व्यक्ति हैं और जीवन में अपनी प्राथमिकताओं का आनंद लेने के लिए अपना व्यक्तिगत स्थान और स्वतंत्रता चाहेंगे। आपको अपने घरेलू और सामाजिक जीवन में संतुलन बनाना मुश्किल होगा। एक अच्छी समझ विकसित करने और अपने साथी की भावनात्मक जरूरतों पर विचार करने से एक सफल वैवाहिक जीवन सुनिश्चित होगा. 


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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।






SLINEX 24: श्रीलंका-भारत नौसेनिक अभ्यास-Facts in Brief

SLINEX 24: श्रीलंका-भारत नौसेनिक अभ्यास-Facts in Brief

एसएलआईएनईएक्स 24 (श्रीलंका-भारत अभ्यास 2024) जो भारत और श्रीलंका के बीच का नौसेनिक अभ्यास है  जिसका आयोजन 17 से 20 दिसंबर तक विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान के तत्वावधान में दो चरणों में हुआ। बंदरगाह चरण 17 से 18 दिसंबर तक और समुद्री चरण 19 से 20 दिसंबर तक आयोजित किया गया।

भारत की ओर से पूर्वी बेड़े के आईएनएस सुमित्रा ने विशेष बल टीम के साथ इसमें भागीदारी की, जबकि श्रीलंका नौसेना की ओर से अपतटीय गश्ती पोत एसएलएनएस सयूरा ने विशेष बल टीम के साथ भाग लिया ।

अभ्यास का उद्घाटन समारोह 17 दिसंबर को हुआ और उसके बाद हार्बर चरण हुआ, जिसके दौरान प्रतिभागियों ने पेशेवर और सामाजिक आदान-प्रदान किया। 19 दिसंबर को शुरू हुए समुद्री चरण में दोनों नौसेनाओं के विशेष बलों द्वारा संयुक्त अभ्यास, गन फायरिंग, संचार प्रक्रियाएं, नाविक कौशल के साथ-साथ नेविगेशन विकास और हेलीकॉप्टर संचालन सम्मिलित थे।

दोनो देशों के मध्य द्विपक्षीय अभ्यासों की एसएलआईएनईएक्स श्रृंखला वर्ष 2005 में प्रारंभ की गई थी और तब से नियमित अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। अभ्यास के वर्तमान संस्करण ने दोनों समुद्री पड़ोसियों के बीच संबंधों को और सशक्त किया है और एक सुरक्षित और नियम-आधारित समुद्री डोमेन बनाने में योगदान दिया है, जिससे भारत सरकार के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के संकल्प और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके ।

Year Ender 2024 : साल 2024 के करेंट अफेयर्स का कम्प्लीट कलेक्शन सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए जरूरी

Year Ender 2024 : साल 2024 के करेंट अफेयर्स का कम्प्लीट कलेक्शन सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए जरूरी

(संकलन-पी. शिवम द्वारा) 

अगर आप विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा अर्थात सरकारी नौकरियों, CUET, बैंक, रैलवे,  SSC, UPSC,  एन्ट्रन्स इग्ज़ैम आदि की तैयारी कर रहे हैं तो परीक्षा मे  करंट अफेयर्स के महत्व को जानते होंगे। आप जानते हैं कि करंट अफेयर्स प्रतियोगी परीक्षाओं के सिलेबस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि आप कम समय मे अच्छा स्कोरिन्ग कर सकते हैं। करंट अफेयर्स में अपडेट रहने के ढेरों लाभ है जिनमे शामिल है हाल की घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होने से सामान्य ज्ञान (GK) सेगमेंट में आपका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। 
करंट अफेयर्स को समझने से आपकी आलोचनात्मक सोच और विश्लेषणात्मक क्षमताएँ बढ़ती हैं, जो निबंध लेखन और साक्षात्कार प्रश्नों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 साल 2024 बीतने को है और इस साल के महत्व टोपिक्स जो  सामान्य ज्ञान और सामान्य जानकारी अर्थात करेंट अफेयर्स के लिए जरूरी है उनपर नजर रखना जरूरी है क्योंकि अगले साल के सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं मे उनसे प्रश्न पूछे जाएंगे। तो यहाँ प्रस्तुत है साल 2024 मे घटित महत्वपूर्ण घटनाओं का संकलन  जो आपके परीक्षा के लिए अत्यंत हीं जरूरी है-


करंट अफेयर्स क्यों है जरूरी 

प्रमुख बैंक परीक्षाओं में, करंट अफेयर्स पर अधिकांश प्रश्न पिछले 12 महीनों के करंट अफेयर्स से लिए जाएँगे। इसलिए, IBPS, UPSC, SBI, SSC, आदि जैसी आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवार इस आर्टिकल  का उपयोग कर सकते हैं।

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2024 के करंट अफेयर्स महत्वपूर्ण टॉपिक्स 

हमने साल 2024 के सभी महत्व पूर्णत टोपिक्स को आपके लिये कलेक्शन करके लाए हैं जिनमे  शामिल है-

गगनयान कार्यक्रम

  • सरकार द्वारा गगनयान कार्यक्रम की शुरुआत पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए की गई थी.
  • इसके अंतर्गत  एक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को 5 से 7 दिनों के कक्षीय मिशन के लिए LEO में सुरक्षित रूप से लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से पुनः प्रवेश और पुनर्प्राप्ति की जाएगी। 
  • प्रधानमंत्री ने फरवरी 2024 में चार IAF अंतरिक्ष यात्रियों के नाम राष्ट्र के सामने प्रकट किए और उन्हें ‘स्पेस विंग्स’ से सम्मानित किया। 
  • चार IAF अंतरिक्ष यात्री हैं: ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला। 
  • वर्तमान में, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर 2025 में निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए Axiom-4 मिशन के लिए NASA में अंतरिक्ष प्रशिक्षण ले रहे हैं।

Persons/Places in News

  • विभाग के प्लेटिनम जुबली वर्ष समारोह के अंतर्गत लद्दाख के हानले में स्वदेश निर्मित प्रमुख वायुमंडलीय चेरेनकोव प्रयोग (एमएसीई) वेधशाला का उद्घाटन 4 अक्टूबर 2024 को किया गया। 
  • एमएसीई एशिया का सबसे बड़ा इमेजिंग चेरेनकोव टेलीस्कोप है जो दुनिया में लगभग 4300 मीटर की उच्चतम ऊंचाई पर स्थित है।

  • टीआईएफआर मुंबई परिसर में स्वदेशी रूप से एक निकट-क्षेत्र स्कैनिंग टेराहर्ट्ज माइक्रोस्कोप विकसित किया गया है।
  •  यह भारत में अपनी तरह का एकमात्र माइक्रोस्कोप है। यह उपकरण 0.01 मिमी परिशुद्धता के साथ निकट-क्षेत्र टेराहर्ट्ज विकिरण का पता लगाने में सक्षम है, जो उपयोग किए गए प्रकाश की तरंगदैर्ध्य का 1/30वां हिस्सा है।
  • कृषि क्षेत्र में, दो नई उच्च उपज देने वाली और बहु ​​रोग प्रतिरोधी उड़द की फसल किस्मों (ट्रॉम्बे जवाहर उड़द 339 (TJU-339) और ट्रॉम्बे जवाहर उड़द 130 (TJU-130)) को भारत सरकार द्वारा वाणिज्यिक खेती के लिए अधिसूचित किया गया है और चावल के दो नए किस्मों को राज्य किस्म विमोचन समितियों द्वारा अनुमोदित किया गया है। 
  • आज तक BARC द्वारा कुल 70 किस्में जारी की गई हैं।
  • हरीश-चंद्र शोध संस्थान (एचआरआई), इलाहाबाद की प्रोफेसर अदिति सेन डे को जीडी बिड़ला पुरस्कार मिला। वह यह पुरस्कार पाने वाली वह प्रथम महिला भौतिक विज्ञानी हैं।
भारत-आसियान
  • 21वीं आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की बैठक 20 सितंबर 2024 को वियनतियाने, लाओ पीडीआर में आयोजित की गई थी।
  • सदस्य देश: 10 आसियान देश इसके सदस्य है- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।  
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) -

  • विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 13वीं मंत्रिस्तरीय कॉन्फ्रेंस (एमसी13) 26 फरवरी से 2 मार्च, 2024 तक अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित की गई थी। 
  • सम्मेलन के दौरान, कोमोरोस और पूर्वी तिमोर को औपचारिक रूप से डब्ल्यूटीओ में शामिल किया गया, जिससे सदस्यता संख्या बढ़कर 166 हो गई।
Places In News 
  • इंडस-एक्स (भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र) शिखर सम्मेलन का तीसरा संस्करण सितंबर 2024 में कैलिफोर्निया में आयोजित किया गया।
  • एयरो इंडिया का 15वां संस्करण 10-14 फरवरी, 2025 तक कर्नाटक के बेंगलुरु में वायु सेना स्टेशन, येलहंका में आयोजित किया जाएगा।
  •  भारत-मिस्र संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) का छठा सत्र 16 से 17 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
  •  भारत-नाइजीरिया के साथ एक संयुक्त व्यापार समिति की बैठक 29 और 30 अप्रैल, 2024 के दौरान आयोजित की गई। 
  • 19वां सीआईआई भारत अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव 20 से 22 अगस्त, 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित की गई। 
  • भारत-म्यांमार संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की 8वीं बैठक भारत की ओर से 27 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में आयोजित की गई। 

विदेशी नौसेनाओं के साथ अभ्यास

मालाबार:
भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के बीच बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मालाबार का 28वां संस्करण, भारतीय नौसेना द्वारा 08 से 18 अक्टूबर, 2024 तक विशाखापत्तनम में/के पास आयोजित किया गया।

रिमपैक: 
आईएन शिप शिवालिक, पी8आई विमान और मरीन कमांडो की टीम को 27 जून से 02 अगस्त, 2024 तक पर्ल हार्बर, हवाई में/के पास बहुराष्ट्रीय अभ्यास रिमपैक के 29वें संस्करण में भाग लेने के लिए मई से अगस्त 2024 तक दक्षिण चीन सागर और प्रशांत महासागर में तैनात किया गया था।

जिमेक्स 24:
भारतीय नौसेना और जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का आठवां संस्करण, जिमेक्स 24, 11 से 14 जून, 2024 तक दो चरणों में जापान के योकोसुका में आयोजित किया गया।

Ex-इंद्र: 
आईएन शिप तबर ने अभ्यास इंद्र में भाग लिया 25 जुलाई से 01 अगस्त, 2024 तक रूसी संघ की नौसेना के साथ। जहाज ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना दिवस समारोह में भी भाग लिया। वरुण अभ्यास: अभ्यास वरुण का 22वां संस्करण 01 से 04 सितंबर, 2024 तक भूमध्य सागर में आयोजित किया गया, जिसमें वरुण अभ्यास 24 में भाग लेने के लिए पहली P8I यूरोपीय टुकड़ी को इस्ट्रेस, फ्रांस में ले जाया गया।
आईबीएसएएमएआर VIII: 
आईएन शिप तलवार ने 10 से 16 अक्टूबर, 2024 तक दक्षिण अफ्रीका के साइमन टाउन में भारत-दक्षिण अफ्रीका-ब्राजील त्रिपक्षीय अभ्यास आईबीएसएएमएआर VIII में भाग लिया।

टाइगर ट्रायम्फ: 
भारत और अमेरिका के बीच स्थापित साझेदारी के अनुरूप, दोनों देशों के बीच एक उन्नत बड़े पैमाने पर संयुक्त उभयचर त्रि-सेवा मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास, टाइगर ट्रायम्फ 24, 18 मार्च से 31 मार्च, 2024 तक भारत के पूर्वी समुद्र तट पर आयोजित किया गया। 22 जनवरी, 2024 तक।
Ex सी ड्रैगन: 
आईएन पी8आई विमान 08 से 22 जनवरी, 2024 तक बहुपक्षीय अभ्यास सी ड्रैगन के लिए एंडरसन एयर फोर्स बेस, गुआम से संचालित हुआ। भारतीय पी8आई चालक दल को टोनल की पहचान में प्रथम चुना गया।
अभ्यास पूर्वी लहर: भारतीय नौसेना ने मार्च 2024 में पूर्वी तट पर कई चरणों में अभ्यास पूर्वी लहर का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना की तैयारियों के आकलन की दिशा में प्रक्रियाओं का सत्यापन करना था।

अखिल भारतीय वायुसेना अभ्यास:

Ex-वायुशक्ति-24:
 17 फरवरी 2024 को पोखरण रेंज में Ex- वायुशक्ति-24 का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में दिखाया गया कि भारतीय वायुसेना दुश्मन पर किस तरह से प्रहार करने में सक्षम है
Ex- गगन शक्ति-24:
 तीनों सेनाओं का पूर्व गगन शक्ति-24 01 से 10 अप्रैल 2024 के बीच आयोजित किया गया, जिसमें सभी क्षेत्रों में संचालन के पूर्ण स्पेक्ट्रम का अभ्यास किया गया। लाइव अभ्यास से पहले, एक टेबलटॉप, युद्ध-खेल आयोजित किया गया, जहाँ सभी आकस्मिकताओं के लिए परिचालन योजनाओं पर चर्चा की गई।

बोर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा निर्मित सुरंग/एयरफील्ड/सड़क 

सेला सुरंग: 
  • प्रधानमंत्री ने मार्च 2024 में अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में विकसित भारत विकसित उत्तर पूर्व कार्यक्रम के दौरान सेला सुरंग परियोजना को राष्ट्र को वर्चुअली समर्पित किया। 
  • इस सुरंग का निर्माण असम के तेजपुर को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के तवांग से जोड़ने वाली सड़क पर 13,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया है। 
  • कुल 825 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह सुरंग बालीपारा-चारिद्वार-तवांग रोड पर सेला दर्रे के पार तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सशस्त्र बलों की तैयारियों को बढ़ावा मिलेगा और सीमा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

 शिंकुन ला सुरंग:
  • प्रधानमंत्री ने जुलाई 2024 में 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम से लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग परियोजना के पहले विस्फोट को वर्चुअली देखा। 
  • इस परियोजना में लेह को हर मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जाना है। 
  • पूरा होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। 
  • शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

मुध-न्योमा एयरफील्ड:

  •  न्योमा-मुध एयरफील्ड परियोजना (2.7 किमी) एलएसी से 46 किमी दूर, 13700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे लड़ाकू ठिकानों में से एक होगा। 
  • इसकी आधारशिला सितंबर 2023 में रक्षा मंत्री द्वारा रखी गई थी। 
  • पूरी परियोजना नवंबर 2025 तक पूरी हो जाएगी।

निम्मू-पदुम-दारचा सड़क: 
  • मनाली से लेह के लिए एक वैकल्पिक मार्ग, 298 किलोमीटर लंबी निम्मू-पदम-दारचा सड़क पर कनेक्टिविटी मार्च 2024 में स्थापित की गई थी
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना

  • भारतीय सेना ने दस संयुक्त राष्ट्र मिशनों में स्टाफ अधिकारियों/सैन्य पर्यवेक्षकों के अलावा पांच पैदल सेना बटालियनों और 11 गठित इकाइयों में लगभग 5200 सैन्य कर्मियों को तैनात किया है।
  • जिन देशों मे ये सैन्य कर्मी तैनात हैं-कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, दक्षिण सूडान, अबेई, पश्चिमी सहारा, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, अदीस अबाबा, लेबनान, सीरिया, इजरायल और साइप्रस। 


भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 जारी: Facts in Brief

India Forest Report 2023 Facts in Brief

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023’ का विमोचन किया। उल्लेखनीय है कि 1987 से भारतीय वन सर्वेक्षण द्वारा द्विवार्षिक आधार पर भारत वन स्थिति रिपोर्ट को प्रकाशित किया जा रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण (भा.व.स.) सुदूर संवेदन उपग्रह आंकड़ों और फील्ड आधारित राष्ट्रीय वन इन्वेंट्री (रा.व.इ) के निर्वचन के आधार पर देश के वन और वृक्ष संसाधनों का गहन आकलन करता है और इसके परिणाम भारत वन स्थिति रिपोर्ट (भा.व.स्थि.रि.) में प्रकाशित किए जाते हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 इस श्रृंखला की 18वीं रिपोर्ट है।

भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 Facts in Brief 

  • वर्तमान आकलन के अनुसार, कुल वन और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग कि.मी. है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत है। 
  • वनावरण का क्षेत्रफल लगभग 7,15,343 वर्ग कि.मी. (21.76 प्रतिशत) है जबकि वृक्ष आवरण का क्षेत्रफल 1,12,014 वर्ग कि.मी. (3.41 प्रतिशत) है।
  • 2021 की तुलना में देश के कुल वन और वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृ‌द्धि हुई है।
  • देश का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,367 वर्ग कि.मी. है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत है, जिसमें 7,15,343 वर्ग कि.मी. (21.76 प्रतिशत) बनावरण और 1,12,014 वर्ग कि.मी. (3.41 प्रतिशत) वृक्ष आवरण है।
  • वर्ष 2021 की तुलना में, देश के वन और वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग कि.मी. की वृद्धि हुई है, जिसमें वनावरण में 156 वर्ग कि.मी. और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग कि.मी. की वृद्धि शामिल है।
  • वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृ‌द्धि दर्शाने वाले शीर्ष चार राज्य हैं- छत्तीसगढ़ (684) वर्ग कि.मी.), उत्तर प्रदेश (559 वर्ग कि.मी.), ओडिशा (559 वर्ग कि.मी.) तथा राजस्थान (394 वर्ग कि.मी.) हैं।
  • वनावरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- मिजोरम (242 वर्ग कि.मी.), गुजरात (180 वर्ग कि.मी.) और ओडिशा (152 वर्ग कि.मी.) हैं।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे अधिक वन एवं वृक्ष आवरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- मध्य प्रदेश (85,724 वर्ग कि.मी.), अरुणाचल प्रदेश (67,083 वर्ग कि.मी.) और महाराष्ट्र (65,383 वर्ग कि.मी.) है।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वनावरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- मध्य प्रदेश (77,073 वर्ग कि.मी.), अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग कि.मी.) और छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग कि.मी.) हैं।
  • कुल भौगोलिक क्षेत्रफल की तुलना में वन आवरण के प्रतिशत की दृष्टि से, लक्ष‌द्वीप (91.33 प्रतिशत) में सबसे अधिक वन आवरण है, जिसके बाद मिजोरम (85.34 प्रतिशत) और अंडमान एवं निकोबार द्वीप (81.62 प्रतिशत) का स्थान है।
  • वर्तमान आकलन से यह भी जात होता है कि 19 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वनावरण के अंतर्गत हैं। इनमें से आठ राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों, जैसे मिजोरम, लक्ष‌द्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर में 75 प्रतिशत से अधिक वनावरण है।
  • कुल कच्छ वनस्पति आवरण 4,992 वर्ग कि.मी. है।
  • भारत के वन और वाह्य वन वृक्षों की कुल निधि 6430 मिलियन घन मीटर अनुमानित की गई है, जिसमें से 4479 मिलियन घन मीटर वनों के भीतर और 1951 मिलियन घन मीटर वन क्षेत्र के बाहर है। पिछले आकलन की तुलना में कुल निधि में 262 मिलियन घन मीटर की वृद्धि हुई है, जिसमें 91 मिलियन घन मीटर वनों के भीतर और 171 मिलियन घन मीटर वन क्षेत्र के बाहर की वृद्धि शामिल है।
  • देश में बांस धारित क्षेत्र का विस्तार 1,54,670 वर्ग किलोमीटर अनुमानित किया गया है। 
  • वर्ष 2021 में किए गए पिछले आकलन की तुलना में बांस क्षेत्र में 5,227 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
  • वाह्य वन वृक्षों से औ‌द्योगिक काष्ठ का कुल वार्षिक संभावित उत्पादन 91.51 मिलियन घन मीटर अनुमानित किया गया है।
  • वर्तमान आकलन में देश के वनों में कुल कार्बन स्टॉक 7,285.5 मिलियन टन अनुमानित किया गया है। पिछले आकलन की तुलना में देश के कार्बन स्टॉक में 81.5 मिलियन टन की वृद्धि हुई है।
  • भारत का कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO₂ के समतुल्य तक पहुंच गया है, जो दर्शाता है कि 2005 के आधार वर्ष की तुलना में, भारत पहले ही 2.29 बिलियन टन अतिरिक्त कार्बन सिंक तक पहुंच चुका है, जबकि 2030 तक 2.5 से 3.0 बिलियन टन का लक्ष्य रखा गया है।

प्रधानमंत्री मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार: ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय पीएम


कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को कुवैत के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल-कबीर’’ से सम्‍मानित किया है। इसके साथ ही प्रधान मंत्री को अब तक 20 देश अपने यहाँ के प्रमुख और शीर्ष सम्मनों से सम्मानित कर चुके हैं जिनमे शामिल है-फ्रांस ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ ऑनर, मिस्र में ऑर्डर ऑफ द नाइल सम्मान, अमेरिका ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ मेरिट सम्मान, रूस ने ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू पुरस्कार, सउदी अरब द्वारा ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद तथा अन्य। 

इस मौके पर कुवैत के प्रधानमंत्री शेख अहमद अल-अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबाह भी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस पुरस्कार को भारत और कुवैत के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्‍ती को, कुवैत में भारतीय समुदाय को और भारत के 1.4 अरब लोगों को समर्पित किया है। 

उल्लेखनीय है कि 43 वर्षों के बाद भारत के किसी प्रधानमंत्री की कुवैत की इस ऐतिहासिक यात्रा पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।

Facts In Brief 

  • इस पुरस्कार की शुरुआत 1974 में की गई थी और तब से चुनिंदा वैश्विक नेताओं को यह पुरस्‍कार दिया गया है।
  • इसे पहले बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को प्रदान किया जा चुका है।


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को मिले विदेशी सम्मानों की सूची

  •  पीएम मोदी को लीजन ऑफ ऑनर -फ्रांस 
  • ऑर्डर ऑफ द नाइल सम्मान मिस्र 
  • कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू -पापुआ न्यू गिनी 
  •  मोदी कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी -फिजी
  •  एबाकल पुरस्कार -पलाऊ गणराज्य
  •  ड्रुक ग्यालपो -भूटान
  • लीजन ऑफ मेरिट सम्मान -अमेरिका
  • किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां- बहरीन
  • ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन -मालदीव
  • ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू पुरस्कार -रूस
  • ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड -यूएई 
  • ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड -फिलिस्तीन
  • स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार-अफगानिस्तान 
  • ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद -सउदी अरब 

महाकुंभ मेला 2025: क्विज़ और वन लाइनर सामान्य ज्ञान-Facts in Brief

महाकुंभ मेला 2025: क्विज़ और वन लाइनर सामान्य ज्ञान-Facts in Brief

2025 का महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2024 तक उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक प्रयागराज में आयोजित होने वाला है। महाकुंभ मेला 2025 आस्था, संस्कृति और इतिहास का एक असाधारण उत्सव है, जो दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप गवर्नमेंट जॉब्स या किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा या क्विज़ की  तैयारी करते हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं, महाकुंभ पर आधारित ये खास क्विज और वन लाइनर सामान्य ज्ञान के लिए जानकारी जो आपको महाकुंभ 2025 के लिए अपडेट रखेगा।  


  • उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किस नदी के तट पर होता है-गंगा 
  • मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन किस नदी के तट पर होता है-शिप्रा 
  • महाराष्ट्र के नासिक में महाकुंभ का आयोजन किस नदी के तट पर होता है-गोदावरी
  • उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किस नदी के तट पर होता है गंगा, यमुना और पौराणिक अदृश्य सरस्वती के संगम पर

  • महाकुंभ प्रथम स्नान तिथि : पौष शुक्ल एकादशी 10 जनवरी 2025 
  • महाकुंभ द्वितीया स्नान तिथि : पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025
  • महाकुंभ चतुर्थ स्नान तिथि : माघ कृष्ण एकादशी 25 जनवरी, 2025
  • महाकुंभ पंचम स्नान तिथि : माघ कृष्ण त्रयोदशी 27 जनवरी, 2025
  • महाकुंभ अष्टम स्नान तिथि : माघ शुक्ल सप्तमी -4 फरवरी, 2025 
  • महाकुंभ नवम स्नान तिथि : माघ शुक्ल अष्टमी  -5 फरवरी, 2025 
  • महाकुंभ दशम स्नान तिथि : माघ शुक्ल एकादशी  -8 फरवरी, 2025 
  • महाकुंभ एकादश स्नान तिथि : माघ शुक्ल त्रयोदशी  - 10 फरवरी, 2025
  • महाकुंभ द्वादश स्नान तिथि : माघ पूर्णिमा, 12 फरवरी, 2025
  • महाकुंभ त्रयोदश स्नान तिथि : फाल्गुन कृष्ण एकादशी, 24 फरवरी, 2025
  • महाकुंभ चतुर्दश स्नान पर्व : महाशिवरात्रि, 26 फरवरी, 2025

राष्ट्रपति निलयम में शुरू होगा उद्यान उत्सव: जानें डेट और कैसे करें ऑनलाइन अपना स्लॉट बुक


राष्ट्रपति निलयम  का शाब्दिक अर्थ "राष्ट्रपति भवन" है जो  हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित है। इसे पहले रेजीडेंसी हाउस के नाम से जाना जाता था वर्तमान मे यह भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक शीतकालीन आवास है।

बोलारम, सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम में 29 दिसंबर, 2024 से पुष्प और बागवानी से संबंधित 15 दिनों का उद्यान उत्सव आयोजित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के दक्षिण प्रवास के समय को छोड़कर राष्ट्रपति निलयम वर्ष भर लोगों के लिए खुला रहता है।  29 दिसंबर, 2024 से पुष्प और बागवानी से संबंधित 15 दिनों का उद्यान उत्सव को देखने के लिए आगंतुक https://rashtrapatibhavan.gov.in पर ऑनलाइन अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) हैदराबाद और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से आयोजित उद्यान उत्सव का उद्देश्य जन भागीदारी द्वारा प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण और संधारणीयता को बढ़ावा देना है। विषयगत स्टाल और कार्यशालाओं में भाग लेकर लोग कृषि और बागवानी के क्षेत्र में नवीन और तकनीकी ज्ञान हासिल कर सकते हैं।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (18 दिसंबर, 2024) उद्यान उत्सव आरंभ करने की  तैयारियों और आने वाले लोगों के लिए सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने राष्ट्रपति निलयम के आगंतुक सुविधा केंद्र में मिट्टी कैफे के एक भोजनालय और एक स्मारिका विक्रय केंद्र का उद्घाटन किया। परिसर में खाद बनाने की प्रक्रिया देखने के लिए राष्‍ट्रपति ने खाद इकाई का भी दौरा किया। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि इस इकाई में बाग के कचरे से जैविक खाद बनाकर एक उदाहरण प्रस्‍तुत किया जाएगा।

राष्ट्रपति के दक्षिण प्रवास के समय को छोड़कर राष्ट्रपति निलयम वर्ष भर लोगों के लिए खुला रहता है। आगंतुक https://rashtrapatibhavan.gov.in पर वहां के भ्रमण के लिए ऑनलाइन अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं।

राष्ट्रपति निलयम एक पर्यटन स्थल से कहीं अधिक एक समृद्ध अनुभव है जो पीढ़ियों को जोड़ता है, सभी को एकता, शिक्षा और सुंदरता की विरासत में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है। यह ऐतिहासिक स्थल, जो अब आम जनता के लिए खुला है, परिवारों, इतिहास के प्रति उत्साही लोगों और भारत के शाही अतीत और जीवंत वर्तमान की एक अनूठी झलक पाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए एक आकर्षक प्रकाशस्तंभ बन गया है। चाहे आप एक शैक्षिक सैर की तलाश कर रहे परिवार हों या भारत के अतीत की कहानियों में तल्लीन होने के लिए उत्सुक इतिहास के शौकीन हों, राष्ट्रपति निलयम भारतीय परंपरा और भव्यता के दिल में एक अद्वितीय यात्रा प्रदान करता है।