Born on Sunday: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों का सीधा संबंध सूर्य से होता है और इस दिन पैदा होने वाले लोगों में सूर्य सा तेज होने के मान्यता है। सूर्य के तरह ऐसे लोग खुद को स्टार मानते हैं और ये लोग बहुत ही क्रिएटिव प्रवृति के होते हैं चाहे वह जीवन के किसी भी प्रफेशन मे होते हैं।रविवार को जन्मे बच्चे सूर्य के समान तेजस्वी, आत्मविश्वासी और करिश्माई होते हैं. सूर्य के कारण इनमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता जैसे गुण पाए जाते हैं। ये लोग ऊर्जावान, उत्साही और महत्वाकांक्षी होते हैं जिनमें स्वाभाविक रूप से नेतृत्व करने की क्षमता होती है. वे रचनात्मक, आशावादी और दृढ़ निश्चयी भी माने जाते हैं. रविवार का दिन सूर्य से जुड़ा हुआ है, जो जीवन शक्ति और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य को रविवार का शासक माना जाता है, और इस दिन जन्मे लोगों को आत्मविश्वासी, करिश्माई और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला माना जाता है, जिसमें नेतृत्व करने की स्वाभाविक क्षमता होती है।
रविवार को जन्मे लोग: होते हैं सूर्य के समान तेजस्वी,नेतृत्व और आत्मविश्वास की जीती-जागती मिसाल
Born on Sunday: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों का सीधा संबंध सूर्य से होता है और इस दिन पैदा होने वाले लोगों में सूर्य सा तेज होने के मान्यता है। सूर्य के तरह ऐसे लोग खुद को स्टार मानते हैं और ये लोग बहुत ही क्रिएटिव प्रवृति के होते हैं चाहे वह जीवन के किसी भी प्रफेशन मे होते हैं।रविवार को जन्मे बच्चे सूर्य के समान तेजस्वी, आत्मविश्वासी और करिश्माई होते हैं. सूर्य के कारण इनमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता जैसे गुण पाए जाते हैं। ये लोग ऊर्जावान, उत्साही और महत्वाकांक्षी होते हैं जिनमें स्वाभाविक रूप से नेतृत्व करने की क्षमता होती है. वे रचनात्मक, आशावादी और दृढ़ निश्चयी भी माने जाते हैं. रविवार का दिन सूर्य से जुड़ा हुआ है, जो जीवन शक्ति और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य को रविवार का शासक माना जाता है, और इस दिन जन्मे लोगों को आत्मविश्वासी, करिश्माई और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला माना जाता है, जिसमें नेतृत्व करने की स्वाभाविक क्षमता होती है।
Point Of View: बुद्ध दर्शन-सत्य के मार्ग पर चलने वाले को किन दो भूलों से बचना चाहिए
बुद्ध से सीखने के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:
वर्तमान पर ध्यान दें: बुद्ध हमें वर्तमान क्षण में जीने का महत्व सिखाते हैं। अतीत के पछतावे या भविष्य की चिंता में फंसने के बजाय, हमें वर्तमान क्षण की सुंदरता और संभावनाओं को स्वीकार करना चाहिए। भूतकाल पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो।
अपने विचारों को संभालें: "आपके सबसे बड़े दुश्मन को भी उतना नुकसान नहीं पहुँचा सकता जितना कि आपके अपने असुरक्षित विचार।
करुणा और दया: बुद्ध की शिक्षाओं का केंद्र करुणा और दया है। हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों। घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है जो की एक प्राकृतिक सत्य है.
क्रोध से बचें: गौतम बुद्ध का कहना है कि क्रोध एक दण्ड है साथ हीं क्रोध एक जहर और आग है जो तुम्हें जला देगी। उनका कहना है कि क्रोध को हर प्रकार शमन किया जाना जरूरी है अगर जीवन मे शांति कि तलाश है। "किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं."
मन को वश में करें: गौतम बुद्ध ने कहा है कि जिसने अपने मन को वश में कर लिया उसने शांति को प्राप्त कर लिया। इसके लिए सबसे जरूरी इस बात की हैं कि हम अपने मन को अपने वश मे करें जो कि संतोष के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है।
अपने कार्यों के प्रति जागरूक रहें: "हम वही हैं जो बार-बार करते हैं। उत्कृष्टता तब एक क्रिया नहीं बल्कि एक आदत बन जाती है।"
खुद को जानो: बुद्ध ने हमें अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के बारे में जागरूक होने का महत्व सिखाया। उनका कहना है ki आत्म-जागरूकता से ही हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं। स्वयं की विजय सबसे बड़ी विजय है। आप चाहें जितनी किताबें पढ़ लें, कितने भी अच्छे प्रवचन सुन लें, उनका कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते.
सीखने की यात्रा पर रहें: सीखने की कभी समाप्ति नहीं होती और यह जीवन का सतत प्रक्रिया है। उनका कहना है कि अज्ञानी व्यक्ति एक बैल के समान है वह ज्ञान में नहीं बल्कि आकार में बढ़ता है।
शांति का मार्ग अपनाएं: शांति अपने आप में नहीं आती है; यह उपलब्धि है जिसे बुद्धि, करुणा और साहस से प्राप्त किया जाना चाहिए। नफरत से नफरत कभी खत्म नहीं हो सकती. नफरत को केवल प्यार द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है. यह एक प्राकृतिक सत्य है.
बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे लागू करें:
- ध्यान: ध्यान एकाग्रता और आत्म-जागरूकता विकसित करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
- सचेतता: अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के प्रति सचेत रहने का प्रयास करें।
- करुणा: दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनें।
- मध्यम मार्ग: चरम सीमाओं से बचें और संतुलित जीवन जीने का प्रयास करें।
- नैतिकता: सदाचारी जीवन जीने का प्रयास करें।
- गौतम बुद्ध की शिक्षाएं हमें एक अधिक शांतिपूर्ण, खुशहाल और सार्थक जीवन जीने में मदद कर सकती हैं।
- भविष्य के सपनों में मत खोओ और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो। -गौतम बुद्ध
- शत्रुओं से बदला लेना चाहिए, न कि शत्रुओं को बदल देना चाहिए। - गौतम बुद्ध
- क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है।
- अपने विचारों का मालिक बनो, न कि अपने विचारों के गुलाम। - गौतम बुद्ध
- स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।गौतम बुद्ध
- घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है। गौतम बुद्ध
- विवेकी पुरुष विचारों के परिणामों के आधार पर अपने कार्य को निर्णय करता है, और फिर कार्य करता है।-गौतम बुद्ध
- बुद्धिमान व्यक्ति अपने मन को शांत करता है, जैसे एक झील में पानी को शांत किया जा सकता है, ताकि अन्यत्र मछलियाँ तस्वीरें देख सकें।" - गौतम बुद्ध
- वहीं जीत है, जो दूसरों को जीतता है।-
- किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। -गौतम बुद्ध
People Born On Sunday: जानें स्वभाव और पाएं यूनिक वैदिक नामों की लिस्ट
- भानु
- प्रभाकर
- कवीर
- चिति
- भास्कर
- आक
- आदित्य,
- दिनेश,
- मिहिर
- सनीश
- रोहित
- पुष्ण
- मित्र
- ओमकार
- सूरज
- दिनकर
रविवार को जन्मे बच्चे आमतौर पर नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण होते हैं और उन्हे जो भी कार्य असाइन किया जाए, उसे वे तल्लीनता और संपूर्णता के साथ अंजाम देते हैं। ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरपूर और स्वाभाविक नेता होते हैं। इनमें दूसरों को प्रेरित करने और उनका नेतृत्व करने की स्वाभाविक क्षमता होती है। अक्सर यह किसी भी समूह में अग्रणी की भूमिका निभाते हैं और दूसरों को अपना अनुसरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
रचनात्मकता और बुद्धि:
रविवार को जन्मे बच्चों मे रचनात्मकता और कल्पनाशीलता कूट-कूट कर भरी होती है। कल्पनाशीलता और इमैजनैशन पावर इन्हे जीवन मे सफलता के लिए प्रेरित करती है और ऐसे लोग कला, संगीत, लेखन या अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं। साथ ही, ये शांत और प्रखर बुद्धि वाले होते हैं। सीखने कि क्षमता इनमे गजब कि होती है और ऐसे लोग चीजों के काफी जल्दी और आसानी से सीखते हैं।
उदारता और दया:
रविवार को जन्मे लोग काफी उदार और दयालु प्रवृति के होते हैं। ऐसे लोग बहुत जल्द किसी के परेशानी से व्यथित हो जाते हैं और उन्मे सेवा और मदद करने कि भावना प्रबल होती है। यह दूसरों की मदद करने और ज़रूरतमंदों की सहायता करने में हमेशा आगे रहते हैं। रविवार को जन्मे लोग सम्मानजनक और मिलनसार होते हैं। यह सभी के साथ अच्छे संबंध बनाते हैं और समाज में सम्मान प्राप्त करते हैं।
ऊर्जावान और उत्साही:
यह लोग ऊर्जावान और उत्साही होते हैं। यह जीवन का भरपूर आनंद लेते हैं और हर काम को पूरे उत्साह के साथ करते हैं। यह लोग स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होते हैं। यह अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीना पसंद करते हैं और दूसरों पर निर्भर नहीं रहते हैं।
Tag
सोमवार को जन्मे लोगों की विशेषता
रविवार को जन्मे लोगों के यूनिक और वैदिक नामों की लिस्ट
==============
अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
Born On Sunday: होते हैं करिश्माई व्यक्तित्व के स्वामी - यहां पाएं रविवार को जन्मे बच्चों के नाम की लिस्ट
रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण
यहां कुछ लोकप्रिय रविवार के बच्चे के नाम दिए गए हैं:
लड़कों के लिए:
- दिनकर,
- भानु
- रविमंत्री
- आकाशगंगा,
- दिनेश्वर,
- जगदीश,
- रविनंदन,
- दिनानाथ,
- दिवाकर,
- भानु,
- चिति
- भास्कर,
- आक,
- आदित्य,
- दिनेश,
- मित्र,
- मार्तण्ड,
- मन्दार,
- पतंग,
- विहंगम,
- ज्ञान
- सत्ता
- विवस्वान
- प्रभाकर
- ज्योतिर्मय
- सूरजमंडल
- भावना
- ध्यान
- अनन्त
- रवि,
- भाव्या
- प्रभाकर,
- अरुण,
- अंशुमाली
- सूरज भगत।
- सुरज,
- रविनंदन,
- प्रकाश
- रवि
- आदित्य
- इशान
- सूर्य
- अग्नि
- दीपक
- प्रकाश
- उज्ज्वल
- अभिजीत
लड़कियों के लिए:
- अर्चना
- दीप्ति
- ज्योति
- प्रभा
- उषा
- सुधा
- सुभ्रा
- सुमन
- सविता
- सुशीला
इनके अलावा, आप अपने बच्चे के लिए कोई भी नाम चुन सकते हैं जिसका अर्थ आपको पसंद हो। यह महत्वपूर्ण है कि नाम आपके बच्चे के लिए उपयुक्त हो और उसका व्यक्तित्व दर्शाता हो।
रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी
आप कह सकते हैं कि ऐसे लोग किसी भी पार्टी की जान होते हैं और साथ ही वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं।
यहां कुछ अन्य विचार दिए गए हैं:
यदि आप अपने बच्चे के लिए एक मजबूत और शक्तिशाली नाम चाहते हैं, तो आप शक्ति, वीर, बलवीर, या अरिहंत जैसे नाम चुन सकते हैं।
यदि आप अपने बच्चे के लिए एक सुंदर और आकर्षक नाम चाहते हैं, तो आप सौंदर्य, प्रेम, मृदुला, या रुचिरा जैसे नाम चुन सकते हैं।
यदि आप अपने बच्चे के लिए एक धार्मिक या आध्यात्मिक नाम चाहते हैं, तो आप भगवान, ईश्वर, परमेश्वर, या संत जैसे नाम चुन सकते हैं।
अंततः, बच्चे का नाम चुनना एक व्यक्तिगत निर्णय है। माता-पिता को अपने बच्चे के लिए उपयुक्त नाम चुनने के लिए समय और विचार देना चाहिए।
Tag
शनिवार को जन्मे लोगों की विशेषता
मंगलवार को जन्म लेने वाले होते हैं साहसी
रविवार को जन्मे लोगों के यूनिक और वैदिक नामों की लिस्ट
===============
अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
स्वामी विवेकानंद: प्रेरणादायक जीवन, शिक्षाएं और महान उपलब्धियां
युवाओं के प्रेरणास्त्रोत माने जाते हैं, इसलिए भारत में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने साहित्य, दर्शन और धर्म का भी अध्ययन किया, और इस क्षेत्र में माता-पिता तथा शिक्षकों से सहायता मिली। विवेकानंद (1863-1902) विवेकानंद का चरित्र उनके गुरु से बिलकुल अलग था।हालाँकि, वे केवल आध्यात्मिकता से संतुष्ट नहीं थे। जिस सवाल ने उन्हें लगातार परेशान किया, वह था उनकी मातृभूमि की पतित स्थिति। अखिल भारतीय दौरे के बाद उन्होंने पाया कि "गरीबी, गंदगी, मानसिक शक्ति की कमी और भविष्य के लिए कोई उम्मीद नहीं थी।
अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए ब्रह्म समाज और साधु संतों के पास भटकने के बाद, नरेन्द्रनाथ रामकृष्ण परमहंस के शरण में पहुंचे। उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर 1881 में उन्होंने रामकृष्ण को गुरु माना और संन्यास जीवन की शुरुआत की।
उनका उद्देश्य था भारतीय संस्कृति, वेदांत और योग के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाना।आत्मनिर्भरता, आत्मबल और मानव सेवा के वे प्रबल समर्थक थे और इसलिए उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "हम ही अपने सभी दुखों और अपने सभी पतन के लिए जिम्मेदार हैं"।
उन्होंने अपने देशवासियों से अपने उद्धार के लिए काम करने का आग्रह किया। इसलिए उन्होंने अपने देशवासियों को जगाने और उनकी कमजोरियों को याद दिलाने का काम अपने ऊपर ले लिया। उन्होंने उन्हें "गरीबों के लिए सहानुभूति, उनके भूखे मुँह को रोटी और बड़े पैमाने पर लोगों को ज्ञान देने के लिए जीवन और मृत्यु तक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।"
1893 में विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में अखिल विश्व धर्म सम्मेलन (धर्म संसद) में भाग लिया। वहाँ उनके भाषण ने अन्य देशों के लोगों पर गहरी छाप छोड़ी और इस तरह दुनिया की नज़र में भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद की।
रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद के दर्शन धर्मों के सामंजस्य के इर्द-गिर्द घूमते थे। और यह सामंजस्य व्यक्ति की ईश्वर चेतना को गहन करने से इसकी अनुभूति होती है।
स्वामी विवेकानंद का शिक्षा में योगदान
स्वामी विवेकानंद का शिक्षा में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने शिक्षा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न मानकर, व्यक्तित्व विकास, नैतिक मूल्यों और समाज सेवा से जोड़ने का प्रयास किया। उनका मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य "व्यक्ति में पहले से निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना" होना चाहिए।स्वामी विवेकानंद की नजरों में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्माण होना चाहिए क्योंकि उनका मानना था कि चरित्र निर्माण के मजबूती के बगैर जीवन व्यर्थ है.
स्वामी विवेकानंद शिक्षा को केवल मानसिक रूप से मजबूती नहीं नहीं बल्कि युवाओं के लिए शारीरिक रूप से स्ट्रांग होने भी उनके लिए काफी जरुरी था. उन्होंने कहा था की युवाओं को गीता पढ़ने से अच्छा है कि वो जाकर फूटबाल खेलें क्योंकि उनका मानना था की मजबूत कन्धों और भुजाओं से वो गीता कीशिक्षा को अच्छे से ग्रहण कर सकेंगे.
दूसरों पर निर्भर रहने को वो हमेशा गलत मानते थे क्योंकि उनका मानना था कि इंसान स्वावलम्बी होना चाहिए.
Born On Tuesday: मंगलवार को जन्म लेने वाले होते हैं साहसी, जुझारू और जल्दी हार नही मानने वाले
स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता:
मंगल को मंगलवार के साथ जोड़ा जाता है, और इसलिए इस दिन जन्मे लोग नेतृत्व की क्षमता और अग्रसरता रखते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है और वे लोगों को प्रेरित करने में माहिर होते हैं। वे समाज में अच्छी गाइडेंस कर सकते हैं और सामरिक परिस्थितियों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से, मंगलवार को जन्मे लोग अक्सर साहसी, ऊर्जावान और शक्तिशाली होते हैं।
उच्च ऊर्जा स्तर:
मंगल का प्रतीक्षित ज्वालामुखी तत्व होने के कारण, जो उच्च ऊर्जा स्तर को संकेत करता है, मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग उच्च ऊर्जा स्तर वाले हो सकते हैं। वे सक्रिय और उत्साही हो सकते हैं और अपने काम में प्रभावी हो सकते हैं। मंगलवार को जन्मे लोग जीवन के प्रति उत्साही होते हैं और नए अनुभवों के लिए तैयार रहते हैं।
क्रोधप्रवृत्ति:
मंगलवार को जन्मे लोगों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होती और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। मंगल ग्रह आपातकालीन स्थितियों का प्रतीक होता है और इसलिए मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के पास अधिक क्रोधप्रवृत्ति हो सकती है। वे छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा हो सकते हैं और उन्हें अपने क्रोध को नियंत्रित करना सीखना चाहिए।
जानें चार धामों के बारे में: बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम और द्वारका
रिस्क और साहस करने की क्षमता
ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं. ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को शौर्य, साहस, निर्णायक और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं.
मंगल वार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की यह सामान्य लक्षण हैं जिसे समान्यता: ज्योतिष और कुंडली की जानकारी पर दी गई है. हालाँकि यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति अद्वितीय होता है, इसलिए यह सुनिश्चित नहीं है कि सभी मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग इन लक्षणों से पूरी तरह से मेल खाते होंगे।
===
नोट: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
वडुवूर पक्षी अभयारण्य: साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल जैसे पक्षियों का स्थल
इन जलाशयों में निवासी और सर्दियों के पानी के पक्षियों की अच्छी आबादी को शरण देने की क्षमता है लेकिन इसकी पुष्टि के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
सर्वेक्षण किए गए अधिकांश जलाशयों में भारतीय जलाशय बगुला अर्देओला ग्रेई पाया गया। यूरेशियन विजोन अनस पेनेलोप, नॉर्दर्न पिंटेल अनस एक्यूटा, गार्गनी अनस क्वेरक्वेडुला जैसे सर्दियों के जलपक्षी की बड़ी उपस्थिति जलाशयों में दर्ज की गई थी।
कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु
वडुवूर पक्षी अभ्यारण्य में विविध निवास स्थान हैं जिनमें कई इनलेट और आसपास के सिंचित कृषि क्षेत्र शामिल हैं जो पक्षियों के लिए अच्छा घोंसला बनाने और चारागाह प्रदान करते हैं। इस प्रकार, यह स्थल उपर्युक्त सूचीबद्ध प्रजातियों को उनके जीवन-चक्र के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान सहायता प्रदान करती है।
पक्षी प्रजातियाँ
प्रवासी पक्षी: साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल, फ्लेमिंगो, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट।
शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व-जम्मू और कश्मीर
स्थानीय पक्षी: भारतीय बगुला, किंगफिशर, कॉर्मोरेंट, डार्टर्स, एग्रेट आदि।
History Quiz with Answers: जानें भारत के बारे में यूनिक जानकारी
भारत का राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?
a) रवीन्द्रनाथ टैगोर
b) पिंगली वेंकैया
c) बाल गंगाधर तिलक
d) लाला लाजपत राय
उत्तर: b) पिंगली वेंकैया
भारत का स्वतंत्रता दिवस किस दिन मनाया जाता है?
a) 26 जनवरी
b) 2 अक्टूबर
c) 15 अगस्त
d) 14 नवंबर
उत्तर: c) 15 अगस्त
भारत को स्वतंत्रता किस वर्ष मिली थी?
a) 1945
b) 1947
c) 1950
d) 1952
उत्तर: b) 1947
‘वंदे मातरम्’ गीत किसकी रचना है?
a) रवीन्द्रनाथ टैगोर
b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
c) महात्मा गांधी
d) पिंगली वेंकैया
उत्तर: b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
स्वतंत्र भारत में पहली डाक सेवा की शुरुआत कब हुई?
a) 1947
b) 1948
c) 1950
d) 1952
उत्तर: a) 1947
भारतीय ध्वज में हरे रंग का क्या अर्थ है?
a) साहस
b) शांति
c) विकास और उर्वरता
d) न्याय
उत्तर: c) विकास और उर्वरता
स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार लाल किले पर भाषण देने वाले प्रधानमंत्री कौन थे?
a) पंडित नेहरू
b) लाल बहादुर शास्त्री
c) इंदिरा गांधी
d) मोरारजी देसाई
उत्तर: a) पंडित नेहरू
किस देश ने 15 अगस्त 1947 को भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की?
a) श्रीलंका
b) पाकिस्तान
c) बांग्लादेश
d) म्यांमार
उत्तर: b) पाकिस्तान
स्वतंत्रता दिवस पर कौन सा राष्ट्रीय प्रतीक फहराया जाता है?
a) अशोक स्तंभ
b) राष्ट्रीय ध्वज
c) राष्ट्रीय पक्षी
d) राष्ट्रीय चिन्ह
उत्तर: b) राष्ट्रीय ध्वज
15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन बने?
a) महात्मा गांधी
b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
c) जवाहरलाल नेहरू
d) सरदार पटेल
उत्तर: c) जवाहरलाल नेहरू
भारत का राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?
a) रवीन्द्रनाथ टैगोर
b) पिंगली वेंकैया
c) बाल गंगाधर तिलक
d) लाला लाजपत राय
उत्तर: b) पिंगली वेंकैया
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ था?
a) 1940
b) 1941
c) 1942
d) 1943
उत्तर: c) 1942
भारतीय राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के रचयिता कौन हैं?
a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
b) रवीन्द्रनाथ टैगोर
c) पंडित नेहरू
d) महात्मा गांधी
उत्तर: b) रवीन्द्रनाथ टैगोर
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कहाँ से भाषण देते हैं?
a) संसद भवन
b) इंडिया गेट
c) लाल किला
d) राष्ट्रपति भवन
उत्तर: c) लाल किला
15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन बने?
a) महात्मा गांधी
b) जवाहरलाल नेहरू
c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
d) सरदार पटेल
उत्तर: b) जवाहरलाल नेहरू
भारतीय राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के रचयिता कौन हैं?
a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
b) रवीन्द्रनाथ टैगोर
c) पंडित नेहरू
d) महात्मा गांधी
उत्तर: b) रवीन्द्रनाथ टैगोर
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ था?
a) 1940
b) 1941
c) 1942
d) 1943
उत्तर: c) 1942
स्वतंत्र भारत में पहले राष्ट्रपति के रूप में किसने शपथ ली?
a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
b) पंडित नेहरू
c) सी. राजगोपालाचारी
d) मौलाना आज़ाद
उत्तर: a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
स्वतंत्रता के समय भारत का राष्ट्रगान आधिकारिक रूप से कब अपनाया गया?
a) 15 अगस्त 1947
b) 26 जनवरी 1950
c) 24 जनवरी 1950
d) 2 अक्टूबर 1947
उत्तर: c) 24 जनवरी 1950
15 अगस्त 1947 को भारत का पहला डाक टिकट किस विषय पर था?
a) राष्ट्रीय ध्वज
b) अशोक स्तंभ
c) महात्मा गांधी
d) इंडिया पोस्ट
उत्तर: a) राष्ट्रीय ध्वज
15 अगस्त 1947 को पहली बार राष्ट्रीय ध्वज किसने फहराया था?
a) महात्मा गांधी
b) पंडित नेहरू
c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: b) पंडित नेहरू
स्वतंत्रता के समय भारत का विभाजन किस अधिनियम के तहत हुआ था?
a) भारत शासन अधिनियम 1935
b) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
c) भारतीय परिषद अधिनियम 1909
d) मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919
उत्तर: b) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
स्वतंत्र भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे?
a) बलदेव सिंह
b) सरदार पटेल
c) बी. आर. अंबेडकर
d) मौलाना आज़ाद
उत्तर: a) बलदेव सिंह
15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री का पहला भाषण किस नाम से प्रसिद्ध है?
a) “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी”
b) “भारत के नाम संदेश”
c) “सपनों का भारत”
d) “आजादी का संकल्प”
उत्तर: a) “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी”
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री कहाँ से भाषण देते हैं?
a) संसद भवन
b) इंडिया गेट
c) लाल किला
d) राष्ट्रपति भवन
उत्तर: c) लाल किला
‘वंदे मातरम्’ गीत किसकी रचना है?
a) रवीन्द्रनाथ टैगोर
b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
c) महात्मा गांधी
d) पिंगली वेंकैया
उत्तर: b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
किस देश ने 15 अगस्त 1947 को भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की?
a) श्रीलंका
b) पाकिस्तान
c) बांग्लादेश
d) म्यांमार
उत्तर: b) पाकिस्तान
राष्ट्रीय ध्वज में सफेद रंग का क्या अर्थ है?
a) शांति और सत्य
b) साहस और बलिदान
c) समृद्धि और विकास
d) दृढ़ संकल्प
उत्तर: a) शांति और सत्य
स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?
a) लॉर्ड माउंटबैटन
b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
c) सी. राजगोपालाचारी
d) सरदार पटेल
उत्तर: a) लॉर्ड माउंटबैटन
‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव कब पारित हुआ था?
a) 1928
b) 1929
c) 1930
d) 1931
उत्तर: b) 1929
‘करो या मरो’ का नारा किस आंदोलन में दिया गया था?
a) असहयोग आंदोलन
b) स्वदेशी आंदोलन
c) भारत छोड़ो आंदोलन
d) नमक सत्याग्रह
उत्तर: c) भारत छोड़ो आंदोलन
15 अगस्त 1947 को राष्ट्रीय ध्वज पहली बार कहाँ फहराया गया था?
a) संसद भवन
b) लाल किला
c) किंग्सवे कैंप, दिल्ली
d) राष्ट्रपति भवन
उत्तर: b) लाल किला
स्वतंत्रता दिवस का पहला मुख्य समारोह किसने आयोजित किया था?
a) राष्ट्रपति
b) प्रधानमंत्री
c) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
d) संविधान सभा
उत्तर: b) प्रधानमंत्री
अशोक चक्र में कितनी तीलियां होती हैं?
a) 22
b) 24
c) 26
d) 28
उत्तर: b) 24
भारत के अंतिम वायसराय कौन थे?
a) लॉर्ड वेवेल
b) लॉर्ड माउंटबैटन
c) सी. राजगोपालाचारी
d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
उत्तर: b) लॉर्ड माउंटबैटन
भारत की स्वतंत्रता के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था?
a) विंस्टन चर्चिल
b) क्लेमेंट एटली
c) नेविल चेम्बरलिन
d) हेरॉल्ड मैकमिलन
उत्तर: b) क्लेमेंट एटली
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति का मुख्य कार्य क्या होता है?
a) ध्वजारोहण
b) राष्ट्र को संबोधित करना
c) भाषण देना
d) परेड निरीक्षण
उत्तर: b) राष्ट्र को संबोधित करना
स्वतंत्रता दिवस 2025 कौन सा होगा?
a) 77वां
b) 78वां
c) 79वां
d) 80वां
उत्तर: b) 78वां
15 अगस्त 1947 को भारत का पहला ध्वजारोहण किस समय हुआ था?
a) 12:00 मध्य रात्रि
b) सुबह 8:00 बजे
c) सुबह 9:00 बजे
d) 12:00 दोपहर
उत्तर: a) 12:00 मध्य रात्रि
स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल कौन बने?
a) सी. राजगोपालाचारी
b) लॉर्ड माउंटबैटन
c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
d) पंडित नेहरू
उत्तर: a) सी. राजगोपालाचारी
15 अगस्त को किस देश का स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाता है?
a) सिंगापुर
b) कोरिया
c) बहरीन
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली गार्ड ऑफ ऑनर में कितनी बंदूकें सलामी देती हैं?
a) 17
b) 21
c) 24
d) 31
उत्तर: b) 21
भारत में पहली बार “स्वतंत्रता दिवस” (ब्रिटिश शासन के खिलाफ) कब मनाया गया था?
a) 1929
b) 1930
c) 1931
d) 1932
उत्तर: b) 1930
स्वतंत्रता दिवस के दौरान लाल किले पर होने वाली परेड में कौन-सा दस्ते की अगुवाई करता है?
a) सेना
b) नौसेना
c) वायुसेना
d) तीनों सेनाओं का संयुक्त दस्ता
उत्तर: d) तीनों सेनाओं का संयुक्त दस्ता
स्वतंत्र भारत में पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री कौन थे?
a) बी.वी. केसकर
b) पंडित नेहरू
c) सरदार पटेल
d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
स्वतंत्रता के समय भारत में कुल कितने प्रांत थे?
a) 11
b) 14
c) 17
d) 21
उत्तर: c) 17
स्वतंत्र भारत का पहला गणतंत्र दिवस किस तारीख को मनाया गया?
a) 15 अगस्त 1947
b) 26 जनवरी 1950
c) 26 नवंबर 1949
d) 2 अक्टूबर 1950
उत्तर: b) 26 जनवरी 1950
स्वतंत्रता के समय भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन थे?
a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
b) डॉ. भीमराव अंबेडकर
c) पंडित नेहरू
d) के.एम. मुंशी
उत्तर: b) डॉ. भीमराव अंबेडकर
स्वतंत्र भारत के पहले विदेश मंत्री कौन थे?
a) पंडित नेहरू
b) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
c) वी.के. कृष्ण मेनन
d) सरदार पटेल
उत्तर: a) पंडित नेहरू
भारत की आज़ादी का निर्णय लेने वाला ब्रिटिश प्रधानमंत्री कौन था?
a) विंस्टन चर्चिल
b) क्लेमेंट एटली
c) स्टेनली बॉल्डविन
d) नेविल चेम्बरलिन
उत्तर: b) क्लेमेंट एटली
15 अगस्त 1947 को रेडियो पर पहला आधिकारिक संदेश किसने दिया था?
a) महात्मा गांधी
b) पंडित नेहरू
c) लॉर्ड माउंटबैटन
d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
उत्तर: b) पंडित नेहरू
स्वतंत्रता दिवस पर अशोक चक्र का रंग कौन सा होता है?
a) लाल
b) नीला
c) हरा
d) काला
उत्तर: b) नीला
स्वतंत्र भारत के पहले रेल मंत्री कौन थे?
a) जॉन मथाई
b) लाल बहादुर शास्त्री
c) सी. राजगोपालाचारी
d) के.एम. मुंशी
उत्तर: a) जॉन मथाई
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
a) 1875
b) 1885
c) 1890
d) 1901
उत्तर: b) 1885
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा फहराए जाने वाला ध्वज किस आकार का होता है?
a) 3:2
b) 2:3
c) 4:3
d) 5:3
उत्तर: a) 3:2
भारत छोड़ो आंदोलन के समय भारत के वायसराय कौन थे?
a) लॉर्ड लिनलिथगो
b) लॉर्ड माउंटबैटन
c) लॉर्ड वेवेल
d) लॉर्ड इरविन
उत्तर: a) लॉर्ड लिनलिथगो
स्वतंत्र भारत का पहला बजट किसने प्रस्तुत किया था?
a) आर.के. शनमुखम चेट्टी
b) सी.डी. देशमुख
c) मोरारजी देसाई
d) पंडित नेहरू
उत्तर: a) आर.के. शनमुखम चेट्टी
“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” नारा किसने दिया?
a) महात्मा गांधी
b) बाल गंगाधर तिलक
c) भगत सिंह
d) सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: b) बाल गंगाधर तिलक
‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना किसने की?
a) भगत सिंह
b) सुभाष चंद्र बोस
c) चंद्रशेखर आज़ाद
d) रास बिहारी बोस
उत्तर: d) रास बिहारी बोस
भारतीय ध्वज में केसरिया रंग का क्या अर्थ है?
a) त्याग और साहस
b) शांति और एकता
c) बलिदान और वीरता
d) विकास और समृद्धि
उत्तर: a) त्याग और साहस
स्वतंत्रता दिवस 1947 के अवसर पर किस शहर में सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था?
a) दिल्ली
b) कोलकाता
c) मुंबई
d) इलाहाबाद
उत्तर: b) कोलकाता
स्वतंत्रता दिवस पर गार्ड ऑफ ऑनर में शामिल जवान किस यूनिफॉर्म में होते हैं?
a) खाकी
b) सफेद
c) नीली
d) कैमोफ्लाज
उत्तर: b) सफेद
कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु: साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल पक्षियों का स्थल
प्रवासी जलपक्षियों की प्रजनन आबादी अक्टूबर और फरवरी के बीच यहां आती है और इसमें चित्रित सारस, सफेद आइबिस, ब्लैक आइबिस, लिटिल एग्रेट, ग्रेट एग्रेट शामिल हैं। यह स्थल आईबीए के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां स्पॉट-बिल पेलिकन पेलेकैनस फिलिपेन्सिस नस्लों उपस्थिति दर्ज की गई है।
कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु
जैव विविधता और पक्षी प्रजातियाँ
प्रवासी पक्षी:
साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल, फ्लेमिंगो, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट
स्थानीय पक्षी:
भारतीय बगुला, किंगफिशर, कॉर्मोरेंट, डार्टर्स, एग्रेट
आर्द्रभूमि समृद्ध जैव विविधता प्रदर्शित करती है जिसमें स्पॉट-बिल पेलिकन, ओरिएंटल डार्टर, ओरिएंटल व्हाइट आईबिस और पेंटेड स्टॉर्क जैसी कई विश्व स्तर पर निकट-खतरे वाली प्रजातियां शामिल हैं और आमतौर पर किनारे और पानी के भीतर रहने वाले पक्षी जैसे ग्रीनशंक, प्लोवर, स्टिल्ट और मधुमक्खी खाने वाली बुलबुल, कोयल, स्टारलिंग, बारबेट्स जैसे वन पक्षी भी शामिल हैं।
सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स-तमिलनाडु
Watch Video-सुनहरी चिकन बॉल्स की रेसिपी – हर बाइट में स्वाद का धमाका!
चिकन बॉल्स बाहर से कुरकुरे और अंदर से नरम, रसीले होते हैं और सही सामग्री और विधि अपनाकर आप घर पर ही रेस्टोरेंट जैसा टेस्ट पा सकते हैं।
आइए जानें इसकी पूरी रेसिपी:
गर्म, कुरकुरी, सुनहरी चिकन बॉल्स बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप इसे समय देकर बनाएं ताकि यह स्वादिष्ट और खास प्रकार का रेसिपी बन जाए। इसके लिए जरूरी सामग्री निम्न है-
ज़रूरी सामग्री (Ingredients)
चिकन कीमा – 500 ग्राम
प्याज़ – 1 (बारीक कटा हुआ)
अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 टेबलस्पून
हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)
हरा धनिया – 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)
काली मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून
लाल मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून
गरम मसाला – ½ टीस्पून
नमक – स्वादानुसार
ब्रेड क्रम्ब्स – ½ कप
अंडा – 1 (फेंट लें)
कॉर्नफ्लोर – 2 टेबलस्पून
तेल – तलने के लिए
बनाने की विधि (Step-by-step Recipe)
1. तैयारी करें
इस को बनाने के लिए चिकन को ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें और एक बड़े कटोरे में रख दें। दूसरी तरफ, ओवन को गरम करें और अब एक बड़े बर्तन में चिकन कीमा, बारीक कटा प्याज़, हरी मिर्च, हरा धनिया, अदरक-लहसुन पेस्ट, काली मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें।
2. मिश्रण बनाएं
अब इस मिश्रण में ब्रेड क्रम्ब्स, अंडा और कॉर्नफ्लोर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब प्याज़ को चॉपिंग बोर्ड पर रखें और अच्छे से काट लें। फिर पनीर लें और उसे अच्छे से काट लें और चिकन को पीस लें। पनीर और चिकन को अलग-अलग कटोरी में रखें। इसके बाद लहसुन लें और उसे अच्छे से काट लें। मिश्रण को 15-20 मिनट के लिए फ्रिज में रखें ताकि वह सेट हो जाए।
3. बॉल्स बनाएं
अब इस मिश्रण से छोटे-छोटे गोल बॉल्स बनाएं। अगर मिश्रण चिपक रहा हो तो हाथों पर हल्का तेल लगाएं। चिकन बिल्कुल बारीक कीमा होना चाहिए, तब ही बॉल्स अच्छे बनेंगे। आप चाहें तो ब्रेड क्रम्ब्स की जगह सूजी (रवा) भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. तलना (Frying)
एक कड़ाही में तेल गरम करें और गरम तेल में मध्यम आंच पर चिकन बॉल्स को गोल्डन ब्राउन और क्रिस्पी होने तक तलें। इसमें कटा हुआ प्याज डालें और पारदर्शी होने तक भूनें। अब एक बड़ा कटोरा लें और उसमें तले हुए प्याज, पिसा हुआ चिकन, बिस्किट मिक्स, कसा हुआ पनीर, कटा हुआ लहसुन और मिर्च के गुच्छे को एक साथ मिलाएँ। इन चिकन बॉल्स को तब तक बेक करें जब तक कि वे भूरे रंग के न हो जाएँ। तेल से निकालकर पेपर नैपकिन पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।
इन चिकन बॉल्स को आप ग्रीन चटनी, मयोनीज़ या टमैटो सॉस के साथ गरमा गरम परोस सकते हैं। चाहें तो इन्हें नूडल्स या फ्राइड राइस के साथ भी परोसा जा सकता है।