रविवार को जन्मे लोग: होते हैं सूर्य के समान तेजस्वी,नेतृत्व और आत्मविश्वास की जीती-जागती मिसाल

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Born on Sunday:
 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों का सीधा संबंध सूर्य से होता है और इस दिन पैदा होने वाले लोगों में सूर्य सा तेज होने के मान्यता है। सूर्य के तरह ऐसे लोग खुद को स्टार मानते हैं और ये लोग बहुत ही क्रिएटिव प्रवृति के होते हैं चाहे वह जीवन के किसी भी प्रफेशन मे  होते हैं।रविवार को जन्मे बच्चे सूर्य के समान तेजस्वी, आत्मविश्वासी और करिश्माई होते हैं. सूर्य के कारण इनमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता जैसे गुण पाए जाते हैं। ये लोग ऊर्जावान, उत्साही और महत्वाकांक्षी होते हैं जिनमें स्वाभाविक रूप से नेतृत्व करने की क्षमता होती है. वे रचनात्मक, आशावादी और दृढ़ निश्चयी भी माने जाते हैं. रविवार का दिन सूर्य से जुड़ा हुआ है, जो जीवन शक्ति और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य को रविवार का शासक माना जाता है, और इस दिन जन्मे लोगों को आत्मविश्वासी, करिश्माई और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला माना जाता है, जिसमें नेतृत्व करने की स्वाभाविक क्षमता होती है। 

ये लोग आस्थावान होते हैं. इसके अलावा इनके परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों से अच्छे संबंध होते हैं.  रविवार को जन्मे ऐसे शानदार व्यक्तित्व वाले लोग हैं बराक ओबामा, बिल क्लिंटन, ड्वेन जॉनसन, मेरिल स्ट्रीप, एम्मा वाटसन, केट ब्लैंचेट, एंजेलिना जोली और जूलिया रॉबर्ट्स। 


रविवार को  जन्मे लड़की के नाम के लिए आप इन नामों पर विचार कर सकते हैं-
आध्या - पहली शक्ति, देवी दुर्गा का नाम
आलिया - ऊंचा, उच्चतम सामाजिक प्रतिष्ठा
आराध्या - पूजा
आरती - प्रार्थना, दिव्य ज्योति
आरोही - एक संगीतमय स्वर, एक राग
आशना - प्रियतम, मित्र
अदिति - देवताओं की माता, स्वतंत्रता, सुरक्षा
अद्विका - अद्वितीय, एक-सी



होते हैं महफिलों की जान

रविवार को जन्मे लोगों को सबसे बड़ी विशेषता होती है कि उनमें व्यक्तित्व मे एक स्वाभाविक करिश्मा होता है जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है और शायद यही वजह होता है कि ऐसे लोग अक्सर पार्टियों और महफिलों की जान होते हैं। अपनी इसी खासियत के कारण वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं।

सूर्य की तरह चमकते सितारे 
रविवार को जन्मे लोग सचमुच सूर्य की तरह चमकते सितारे होते हैं। ज्योतिष के अनुसर अलग-अलग दिन के अनुसार जन्‍में लोगों का व्यक्तित्व भी अलग ही होता है और इस प्रकार से तरह रविवार को जन्‍में लोगों की भी कुछ स्पेशल विशेषताएं होती है. ऐसे लोगों पर भगवान सूर्य की कृपा हमेशा बनी रहती है और यही कारण है कि इसलिये इनके जीवन पर सूर्यदेव काफी गहरा असर छोड़ते हैं। 

रविवार को जन्मे बच्चे का नाम क्या रखें
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तित्व का जीवन सूर्य के समान चमकीला होता है क्योकि आप जानते हैं कि सूर्य रविवार का स्वामी होते हैं. ऐसे लोग जीवन में थोड़े से संतुष्ट कभी नहीं होना चाहते भले ही वह सफलता हीं क्यों नहीं हो.

रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण और उनको उपयुक्त नाम रखने के लिए अक्सर माता पिता उत्सुक और परेशान रहते हैं. हालाँकि नामकरण के पीछे भी सामान्यत:कुंडली और जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और घर के अनुसार रखने की परंपरा होती है और सच तो यह है कि बच्चे का नाम रखने में ज्योतिष और परंपरागत फैक्टर की भूमिका महत्पूर्ण होती है. 

इसके साथ हीं  परिवार की पसंद और आपकी खुद की राय भी जरुरी होत्ती है. हालाँकि  जन्म के दिन के आधार पर नाम रखने की परंपरा के अनुसार बच्चे के नाम का चयन भी हो सकता है। आप चाहें तो रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों के लिए निम्न नामों को एक सुझाव के तौर पर ले सकते हैं. 

रविवार को जन्मे बच्चे के लिए कुछ नाम 

सूरज: सूरज रविवार का प्रतीक होता है और यह एक पॉवरफुल नाम हो सकता है।
आदित्य: आदित्य भी सूरज के देवता का नाम है और यह एक प्रसिद्ध हिन्दू नाम है।
दिनेश: दिनेश भी सूरज का एक अन्य नाम हो सकता है, जो रविवार के साथ जुड़ा होता है।
आर्यम: यह एक पॉप्युलर हिन्दू नाम है जो सूर्य के रूप में जाना जाता है।

याद रखें कि नाम चुनते समय व्यक्तिगत पसंद और परंपराओं का महत्वपूर्ण होता है, इसलिए यह आपके परिवार और आपके स्वयं के मूड और समर्थन के आधार पर आधारित होना चाहिए।

रविवार को जन्म लेने वाले लोग दूसरों को प्रेरित करते हैं और अपने जीवम वे बहुत सफल होते हैं तथा काफी सफलताएं  हासिल करते हैं. रविवार को जन्म लेने वाले लोगों का जीवन बहुत खुशहाल और सफल होता है. वे दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं. वे अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करते हैं और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाते हैं.

Sunday को जन्म लेने वाले लोग अपने क्रिएटिव के बदौलत काफी नाम कमाते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफल होते हैं. 


नेतृत्व की क्षमता 
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सूर्य के गुणों से युक्त होते हैं और वे भीड़ का हिस्सा शायद ही बनकर रहें. वे हमेशा नेतृत्व करने का हौसला रखते है. ऐसे जातक जातक किसी की अधीनता स्वीकार नहीं करना चाहते हैं और न हीं किसी के अंदर  कार्य करना पसन्द करते हैं. ये अपना रास्ता खुद बनाना चाहते हैं और इसमें अक्सर सफल भी होते हैं. ये अच्छे व्यवस्थापक और कठोर नियम कानून में रहने के अभ्यस्त होते हैं. 

सुन्दर नेत्र और आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी 
रविवार को जन्मे व्यक्ति सुन्दर नेत्रों वाले तथा आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक होते हैं. अपने इष्ट देव भगवान् सूर्य के तरह गंभीर व्यक्तित्व वाले होते हैं. अपने आकर्षक छवि जिसमे इनके व्यक्तित्व और बोलने की कला और दूसरे खूबियों  के कारण अन्य लोगों को शीघ्र ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते है.

स्वाभिमानी अपमान स्वीकार नहीं 
रविवार को जन्मे लोगों के लिए स्वाभिमान और आत्म सम्मान की भूख अधिक होती है. यह अपने आत्म-सम्मान और अपने सम्मान के लिए हर प्रकार की कुर्बानी  के लिए तैयार रहते हैं. अपने रिश्तों के साथ हीं साथ अपने वातावरण के प्रति जहाँ ये रहते हैं, बेहद संवेदनशील होते है. किसी की अप्रिय या कड़वी बातों को भूलना इनके लिए आसान नहीं होता है और ये उसे अक्सर काफी दिनों तक भूल नहीं पाते हैं. 

घूमने का शौक़ीन 
रविवार को जन्मे जातक घूमने-फिरने के शौक़ीन होते हैं और एक जगह शायद ही स्थिर रहना चाहें. मजबूरी  के कारण उन्हें ऐसा करना पड़े तो और बात है लेकिन स्वाभाव से ये घूमने के काफी शौक़ीन होते हैं और उसे पूरा भी करते हैं. 

स्पष्ट बोलने वाले और निश्चल 
रविवार को जन्मे व्यक्ति सामान्यत स्पष्ट बोलने वाले होते हैं और स्टेट फॉरवर्ड संबंधों में विश्वास करते हैं. न्यायप्रिय होते हैं लेकिन  बल पूर्वक न्याय हासिल करना अपना धर्म समझते हैं. हालाँकि ये स्वभाव से  निश्छल होते हैं और दूसरों का अहित सोच नहीं सकते हैं. 

अनुशासन युक्त जीवन 
रविवार को जन्मे जातकों में अनुशासन की भावना सर्वोपरि होती है और ये लोग खुद पर भी अनुशासन लागु करने में आगे रहते हैं. सफलता कहाँ तक मिलती है ये दूसरे बातों पर भी निर्भर करती है लेकिन अपनी ओर से अनुशासन में रहने इनकी प्राथमिकता और स्वाभाव होती है. 

महत्वकाँक्षी एवं दृढ इच्छा शक्ति के धनी 
रविवार को जन्में लोग काफी महत्वाकांक्षी होते हैं. जीवन में  ये बड़े-बड़े सपने देखते हैं और उसे पूरा करने के लिए अपनी ओर  से पूर्ण कोशिश भी करते हैं. इनके पास  दृढ इच्छा शक्ति होती है और इसकी मदद से ऐसे जातक अपने उदेश्यों को पूरा करने में जी जान लगा देते हैं और उसे पूरा भी करते है. 

रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों के बारे में
आम तौर पर ऐसा माना  जाता है कि रविवार को जन्मे लेने वाला बच्चा आकर्षक,प्रसन्न रहने वाला और बुद्धिमान होता है।  सकारात्मक गुणों से भरपूर होने क्व साथ ही रविवार को पैदा होने बच्चा भाग्यशाली और खुश माना जाता है। 

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

Point Of View: बुद्ध दर्शन-सत्य के मार्ग पर चलने वाले को किन दो भूलों से बचना चाहिए

 

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Point Of View : गौतम बुद्ध, जिन्हें "शांत" और "ज्ञानोदय" के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, जीवन जीने का एक अनूठा और गहन नजरिया प्रदान करते हैं।गौतम बुद्ध  कहते हैं, अगर आप जीवन में शांति और खुशी चाहते हैं तो कभी भी भूतकाल और भविष्य काल में न उलझें। वह कहते हाँ कि सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य जीवन में दो ही गलतियां कर सकता है- पहला या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता और दूसरा कि वह शुरुआत ही नहीं करता।

 बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने जीवन में हमेशा लोगों को अहिंसा और करुणा की शिक्षा दी और आज भी यह सच है कि साथ ही गौतम बुद्ध के विचार और उपदेश हमें जीवन की हकीकत से रूबरू कराते हैं,उनकी शिक्षाएं, जिन्हें "धर्म" कहा जाता है, आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि 2500 साल पहले थीं।

बुद्ध से सीखने के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:

वर्तमान पर ध्यान दें: बुद्ध हमें वर्तमान क्षण में जीने का महत्व सिखाते हैं। अतीत के पछतावे या भविष्य की चिंता में फंसने के बजाय, हमें वर्तमान क्षण की सुंदरता और संभावनाओं को स्वीकार करना चाहिए। भूतकाल पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो। 

अपने विचारों को संभालें: "आपके सबसे बड़े दुश्मन को भी उतना नुकसान नहीं पहुँचा सकता जितना कि आपके अपने असुरक्षित विचार।

करुणा और दया: बुद्ध की शिक्षाओं का केंद्र करुणा और दया है। हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों। घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है जो की एक प्राकृतिक सत्य है.

क्रोध से बचें: गौतम बुद्ध का कहना है कि क्रोध एक दण्ड है साथ  हीं क्रोध एक जहर  और आग है जो तुम्हें जला देगी। उनका कहना है कि क्रोध को हर प्रकार शमन किया जाना जरूरी है अगर जीवन मे शांति कि तलाश है। "किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं."

मन को वश में करें: गौतम बुद्ध  ने कहा है कि जिसने अपने मन को वश में कर लिया उसने शांति को प्राप्त कर लिया। इसके लिए सबसे जरूरी इस बात की  हैं कि  हम अपने मन को अपने वश मे करें जो कि संतोष के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है। 

अपने कार्यों के प्रति जागरूक रहें:  "हम वही हैं जो बार-बार करते हैं। उत्कृष्टता तब एक क्रिया नहीं बल्कि एक आदत बन जाती है।"

खुद को जानो: बुद्ध ने हमें अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के बारे में जागरूक होने का महत्व सिखाया। उनका कहना है ki आत्म-जागरूकता से ही हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं। स्वयं की विजय सबसे बड़ी विजय है। आप चाहें जितनी किताबें पढ़ लें, कितने भी अच्छे प्रवचन सुन लें, उनका कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते.

सीखने की यात्रा पर रहें:  सीखने की कभी समाप्ति नहीं होती और यह जीवन का सतत प्रक्रिया है। उनका  कहना है कि  अज्ञानी व्यक्ति एक बैल के समान है वह ज्ञान में नहीं बल्कि आकार में बढ़ता है।

शांति का मार्ग अपनाएं: शांति अपने आप में नहीं आती है; यह उपलब्धि है जिसे बुद्धि, करुणा और साहस से प्राप्त किया जाना चाहिए। नफरत से नफरत कभी खत्म नहीं हो सकती. नफरत को केवल प्यार द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है. यह एक प्राकृतिक सत्य है.

बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे लागू करें:

  • ध्यान: ध्यान एकाग्रता और आत्म-जागरूकता विकसित करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
  • सचेतता: अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के प्रति सचेत रहने का प्रयास करें।
  • करुणा: दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनें।
  • मध्यम मार्ग: चरम सीमाओं से बचें और संतुलित जीवन जीने का प्रयास करें।
  • नैतिकता: सदाचारी जीवन जीने का प्रयास करें।
  • गौतम बुद्ध की शिक्षाएं हमें एक अधिक शांतिपूर्ण, खुशहाल और सार्थक जीवन जीने में मदद कर सकती हैं।
गौतम बुद्ध Quotes 

  • भविष्य के सपनों में मत खोओ और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो। -गौतम बुद्ध
  • शत्रुओं से बदला लेना चाहिए, न कि शत्रुओं को बदल देना चाहिए। - गौतम बुद्ध
  • क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है।
  • अपने विचारों का मालिक बनो, न कि अपने विचारों के गुलाम। - गौतम बुद्ध
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।गौतम बुद्ध
  • घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है। गौतम बुद्ध
  • विवेकी पुरुष विचारों के परिणामों के आधार पर अपने कार्य को निर्णय करता है, और फिर कार्य करता है।-गौतम बुद्ध
  • बुद्धिमान व्यक्ति अपने मन को शांत करता है, जैसे एक झील में पानी को शांत किया जा सकता है, ताकि अन्यत्र मछलियाँ तस्वीरें देख सकें।" - गौतम बुद्ध
  • वहीं जीत है, जो दूसरों को जीतता है।- 
  • किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। -गौतम बुद्ध


People Born On Sunday: जानें स्वभाव और पाएं यूनिक वैदिक नामों की लिस्ट

 

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People Born On Sunday: रविवार जो कि सप्ताह के लिए सबसे खास दिन होता है, इसका हमारे जीवन पर खास  प्रभाव पड़ता है. रविवार को जन्मे लोगों की सबसे बड़ी विशेषता होती है कि वे अपने भाग्य का निर्माता खुद होते हैं और कड़ी मेहनत और लगन से जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं. ज्योतिष और अस्ट्रालजी के अनुसार सभी नौ ग्रहों मे सूर्य को देवताओं का राजा माना जाता है और ऐसा इसलिए भी कि सौरमंडल का केंद्र सूर्य हैं और सभी ग्रह इसका चक्कर लगाते हैं। रविवार को भगवान सूर्य का दिवस माना जाता है और यदि आप रविवार जो जन्मे बच्चों के लिए नए नाम की तलाश कर रहे हैं तो अपने नामों की लिस्ट में आप भगवान सूर्य देव  के नामों को रख सकते हैं। ईश्वर वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति को चाहे  वह किसी भी दिन जन्म लेता है, उसके अंदर ऊर्जा कि अपार संभावना प्रदान करता है। सच्चाई तो यह भी है कि हर व्यक्ति अपने भाग्य का निर्माता खुद होता है और कड़ी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त कर सकता है। हालांकि सच यह भी है कि हमारे जीवन मे अस्ट्रालजी और ज्योतिष विज्ञान के प्रभाव से भी पूर्णत: इनकार नहीं किया जा सकता।

 कुंडली विज्ञान,एस्ट्रोलॉजी के अनुसार यह कहा जाता है कि रविवार को जन्मे बच्चे विशेष प्रतिभाओं और सकारात्मक गुणों के साथ धन्य होते हैं और  जीवन में सफलता और खुशी प्राप्त करने की प्रबल संभावना रखते हैं। रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों कि सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वे सूर्य के अनुसार गाइड होते हैं क्योंकि ज्योतिष का अनुसार रविवार को सूर्य का दिवस माना जाता है। आइये जानते हैं रविवार को जन्म लेने वाले लोगों की खासियत, विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा.

भगवान सूर्य पर बच्चों का नाम रखने के लिए अनेक नामों मे से आप  इन  यूनिक और वैदिक नामों को भी अपनी लिस्ट मे शामिल कर सकते हैं जो खास होने के साथ विशेष और मीनिंगफूल भी है। 

  • भानु
  • प्रभाकर
  • कवीर 
  • चिति
  • भास्कर 
  • आक 
  • आदित्य, 
  • दिनेश,
  • मिहिर
  • सनीश
  • रोहित
  • पुष्ण
  • मित्र
  • ओमकार
  • सूरज
  • दिनकर
रविवार को  जन्मे लड़की के नाम के लिए आप इन नामों पर विचार कर सकते हैं-
आध्या - पहली शक्ति, देवी दुर्गा का नाम
छवि (प्रतिबिंब)
आलिया - ऊंचा, उच्चतम सामाजिक प्रतिष्ठा
आराध्या - पूजा
जीविका (पानी)
आरती - प्रार्थना, दिव्य ज्योति
चारू (सुखद)
आरोही - एक संगीतमय स्वर, एक राग
जामिनी (रात)
दमयंति (सुंदर)
झलक (चमक)
छाया (परछाई)
आशना - प्रियतम, मित्र
अदिति - देवताओं की माता, स्वतंत्रता, सुरक्षा
अद्विका - अद्वितीय, एक-सी
जयश्री (विजय)
जान्हवी (गंगा नदी)
रविवार को जन्मे लडकी के नाम
जया
आद्य
सुधा
स्वरूपिणी
अनन्ता
अपर्णा
वैष्णवी
सुन्दरी
शाम्भवी
सत्या
चित्रा
भवप्रीता
रत्नप्रिया
आर्या
भाविनी
भाव्या
 
 आत्मविश्वास और नेतृत्व: 

रविवार को जन्मे बच्चे आमतौर पर नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण होते हैं और उन्हे जो भी कार्य असाइन किया जाए, उसे वे तल्लीनता और संपूर्णता के साथ अंजाम देते हैं। ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरपूर और स्वाभाविक नेता होते हैं। इनमें दूसरों को प्रेरित करने और उनका नेतृत्व करने की स्वाभाविक क्षमता होती है। अक्सर यह किसी भी समूह में अग्रणी की भूमिका निभाते हैं और दूसरों को अपना अनुसरण करने के लिए प्रेरित करते हैं

रचनात्मकता और बुद्धि:

रविवार को जन्मे बच्चों मे रचनात्मकता और कल्पनाशीलता कूट-कूट कर भरी होती है। कल्पनाशीलता और इमैजनैशन पावर इन्हे जीवन मे सफलता के लिए प्रेरित करती है और ऐसे लोग कला, संगीत, लेखन या अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं। साथ ही, ये शांत और प्रखर बुद्धि वाले होते हैं। सीखने कि क्षमता इनमे गजब कि होती है और ऐसे लोग चीजों के काफी जल्दी और आसानी से सीखते हैं।

उदारता और दया:

 रविवार को जन्मे लोग काफी उदार और दयालु प्रवृति के होते हैं। ऐसे लोग बहुत जल्द किसी के परेशानी से व्यथित हो जाते हैं और उन्मे सेवा और मदद करने कि भावना प्रबल होती है। यह दूसरों की मदद करने और ज़रूरतमंदों की सहायता करने में हमेशा आगे रहते हैं। रविवार को जन्मे लोग सम्मानजनक और मिलनसार होते हैं। यह सभी के साथ अच्छे संबंध बनाते हैं और समाज में सम्मान प्राप्त करते हैं।

ऊर्जावान और उत्साही:

 यह लोग ऊर्जावान और उत्साही होते हैं। यह जीवन का भरपूर आनंद लेते हैं और हर काम को पूरे उत्साह के साथ करते हैं।  यह लोग स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होते हैं। यह अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीना पसंद करते हैं और दूसरों पर निर्भर नहीं रहते हैं।

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सोमवार को जन्मे लोगों की विशेषता

रविवार को जन्मे लोगों के यूनिक और वैदिक नामों की लिस्ट

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

Born On Sunday: होते हैं करिश्माई व्यक्तित्व के स्वामी - यहां पाएं रविवार को जन्मे बच्चों के नाम की लिस्ट

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रविवार को जन्मे व्यक्तित्व: ज्योतिष और अस्ट्रालजी के अनुसार सभी नौ ग्रहों मे सूर्य को देवताओं का राजा माना जाता है और ऐसा इसलिए भी कि सौरमंडल का केंद्र सूर्य हैं और सभी ग्रह इसका चक्कर लगाते हैं। रविवार को भगवान सूर्य का दिवस माना जाता है और यदि आप रविवार जो जन्मे बच्चों के लिए नए नाम की तलाश कर रहे हैं तो अपने नामों की लिस्ट में आप भगवान सूर्य देव  के नामों को रख सकते हैं। भगवान सूर्य पर बच्चों का नाम रखने के लिए अनेक नामों मे से आप  इन  यूनिक और वैदिक नामों को भी अपनी लिस्ट मे शामिल कर सकते हैं जो खास होने के साथ विशेष और मीनिंगफूल भी है। 
अगर आपका जन्म  संडे अर्थात रविवार को हुआ है तो फिर आप एक खास और विशिष्ट व्यक्तित्व के मालिक हैं। रविवार जो जन्मे लोगों कि सबसे बड़ी खासियत होती है कि ऐसे लोग अक्सर रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी होने के साथ ही उनके अंदर  प्राकृतिक रूप से एक प्रकार के करिश्माई व्यक्तित्व के स्वामी होता है जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है। रविवार को जन्मे ऐसे शानदार व्यक्तित्व वाले लोग हैं बराक ओबामा, बिल क्लिंटन, ड्वेन जॉनसन, मेरिल स्ट्रीप, एम्मा वाटसन, केट ब्लैंचेट, एंजेलिना जोली और जूलिया रॉबर्ट्स।
 रविवार को जन्मे लोग अपने व्यक्तित्व से प्रभावशाली, सकारात्मक, प्रसिद्ध, नेतृत्वकारी, मेहनती और थोड़े संवेदनशील भी होते हैं। आइये जानते हैं रविवार को जन्म लेने वाले लोगों की खासियत, उनके लिए रखे जाने वाले नाम तथा अन्य विशेषताएं विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा.

रविवार को जन्मे व्यक्ति विशेष रूप से अपने जीवन में किसी भी विषम परिस्थिति मे  उपयुक्त विचार और समाधान उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। वास्तव में, आप कह सकते हैं कि जिन लोगों को किसी भी गंभीर स्थिति के लिए विचारों या समाधान के संदर्भ में किसी भी मदद की आवश्यकता है, तो  आप उनसे संपर्क कर सकते हैं, निश्चित रूप से आपको सर्वोत्तम विचार मिलेंगे। 

रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण

रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण करते समय, माता-पिता अक्सर ऐसे नाम चुनते हैं जो आनंद, खुशी, और सकारात्मकता का प्रतीक हों। इसके अलावा, रविवार को जन्म लेने वाले बच्चे को भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त माना जाता है, इसलिए उनके नाम में सूर्य से संबंधित शब्दों का उपयोग करना भी प्रचलित है।रविवार को जन्मे बच्चों का नामकरण के लिए अक्सर सूर्य भगवन का नाम दिया जाता है जाहिर है कि इसके पीछे हमारी सोच होती है कि हमारा बच्चा भी सूर्य के सामान तेज और तेजस्वी हो और संसार में नाम करें. 

 यहां कुछ लोकप्रिय रविवार के बच्चे के नाम दिए गए हैं:

लड़कों के लिए:

  • दिनकर, 
  • भानु
  • रविमंत्री
  • आकाशगंगा,
  • दिनेश्वर, 
  • जगदीश, 
  • रविनंदन,
  •  दिनानाथ, 
  • दिवाकर, 
  • भानु, 
  • चिति
  • भास्कर, 
  • आक, 
  • आदित्य, 
  • दिनेश,
  •  मित्र, 
  • मार्तण्ड, 
  • मन्दार,
  •  पतंग, 
  • विहंगम, 
  • ज्ञान
  • सत्ता
  • विवस्वान
  • प्रभाकर
  • ज्योतिर्मय
  • सूरजमंडल
  • भावना
  • ध्यान
  • अनन्त
  • रवि, 
  • भाव्या
  • प्रभाकर, 
  • अरुण, 
  • अंशुमाली
  •  सूरज भगत।
  • सुरज, 
  • रविनंदन, 
  • प्रकाश
  • रवि
  • आदित्य
  • इशान
  • सूर्य
  • अग्नि
  • दीपक
  • प्रकाश
  • उज्ज्वल
  • अभिजीत

लड़कियों के लिए:

  • अर्चना
  • दीप्ति
  • ज्योति
  • प्रभा
  • उषा
  • सुधा
  • सुभ्रा
  • सुमन
  • सविता
  • सुशीला

इनके अलावा, आप अपने बच्चे के लिए कोई भी नाम चुन सकते हैं जिसका अर्थ आपको पसंद हो। यह महत्वपूर्ण है कि नाम आपके बच्चे के लिए उपयुक्त हो और उसका व्यक्तित्व दर्शाता हो।

रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी

रविवार को जन्मे लोगों के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ऐसे लोग अक्सर रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी होने के साथ ही मिलनसार और मददगार होते हैं। ऐसे लोगों में नेतृत्व की क्षमता  कूट-कूट कर भरी होती है और स्वाभिमानी होने के साथ ही भ्रमणशील और घूमने के शौक़ीन होते हैं. हिन्दू पंचांग एवं ज्योतिष के अनुसार रविवार को जन्म लेने वाले लोगों पर भगवन सूर्य का प्रभाव होता है और यही वजह है कि उनमें एक प्राकृतिक करिश्मा होती जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है.  

आप कह सकते हैं कि ऐसे लोग किसी भी पार्टी  की जान होते हैं और साथ ही वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं।

यहां कुछ अन्य विचार दिए गए हैं:

यदि आप अपने बच्चे के लिए एक मजबूत और शक्तिशाली नाम चाहते हैं, तो आप शक्ति, वीर, बलवीर, या अरिहंत जैसे नाम चुन सकते हैं।

यदि आप अपने बच्चे के लिए एक सुंदर और आकर्षक नाम चाहते हैं, तो आप सौंदर्य, प्रेम, मृदुला, या रुचिरा जैसे नाम चुन सकते हैं।

यदि आप अपने बच्चे के लिए एक धार्मिक या आध्यात्मिक नाम चाहते हैं, तो आप भगवान, ईश्वर, परमेश्वर, या संत जैसे नाम चुन सकते हैं।

अंततः, बच्चे का नाम चुनना एक व्यक्तिगत निर्णय है। माता-पिता को अपने बच्चे के लिए उपयुक्त नाम चुनने के लिए समय और विचार देना चाहिए।

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शनिवार को जन्मे लोगों की विशेषता

मंगलवार को जन्म लेने वाले होते हैं साहसी

रविवार को जन्मे लोगों के यूनिक और वैदिक नामों की लिस्ट

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।








स्वामी विवेकानंद: प्रेरणादायक जीवन, शिक्षाएं और महान उपलब्धियां

 


स्वामी विवेकानंद एक महान हिन्दू संत और नेता थे जिन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जिससे आज विश्व के अनेकों लोग ज्ञान की प्राप्ति कर रहे हैं। स्वामी विवेकानंद के विचार हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।  उन्होंने भारतीय और पश्चिमी दर्शन का अध्ययन किया, लेकिन रामकृष्ण से मिलने तक उन्हें मानसिक शांति नहीं मिली। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 कोलकाता मे हुआ था।  सन्यास से पहले उनका नाम “नरेन्द्र नाथ दत्त” था। ऐसा कहा जाता है कि उनकी माताजी उन्हें बचपन में “बिलेह” कहकर बुलाती थी।  स्वामी विवेकनंद का जन्म  वीरेश्वर महादेव की बहुत पूजा-पाठ के बाद पुत्र प्राप्त हुआ था इसलिए वे इसे वीरेश्वर महादेव की कृपा ही मानती थी।


युवाओं के प्रेरणास्त्रोत माने जाते हैं, इसलिए भारत में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने साहित्य, दर्शन और धर्म का भी अध्ययन किया, और इस क्षेत्र में माता-पिता तथा शिक्षकों से सहायता मिली। विवेकानंद (1863-1902) विवेकानंद का चरित्र उनके गुरु से बिलकुल अलग था।हालाँकि, वे केवल आध्यात्मिकता से संतुष्ट नहीं थे। जिस सवाल ने उन्हें लगातार परेशान किया, वह था उनकी मातृभूमि की पतित स्थिति। अखिल भारतीय दौरे के बाद उन्होंने पाया कि "गरीबी, गंदगी, मानसिक शक्ति की कमी और भविष्य के लिए कोई उम्मीद नहीं थी। 



अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए ब्रह्म समाज और साधु संतों के पास भटकने के बाद, नरेन्द्रनाथ रामकृष्ण परमहंस के शरण में पहुंचे। उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर 1881 में उन्होंने रामकृष्ण को गुरु माना और संन्यास जीवन की शुरुआत की। 

उनका उद्देश्य था भारतीय संस्कृति, वेदांत और योग के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाना।आत्मनिर्भरता, आत्मबल और मानव सेवा के वे प्रबल समर्थक थे और इसलिए उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "हम ही अपने सभी दुखों और अपने सभी पतन के लिए जिम्मेदार हैं"।



 उन्होंने अपने देशवासियों से अपने उद्धार के लिए काम करने का आग्रह किया। इसलिए उन्होंने अपने देशवासियों को जगाने और उनकी कमजोरियों को याद दिलाने का काम अपने ऊपर ले लिया। उन्होंने उन्हें "गरीबों के लिए सहानुभूति, उनके भूखे मुँह को रोटी और बड़े पैमाने पर लोगों को ज्ञान देने के लिए जीवन और मृत्यु तक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।" 



1893 में विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में अखिल विश्व धर्म सम्मेलन (धर्म संसद) में भाग लिया। वहाँ उनके भाषण ने अन्य देशों के लोगों पर गहरी छाप छोड़ी और इस तरह दुनिया की नज़र में भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद की।



 रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद के दर्शन धर्मों के सामंजस्य के इर्द-गिर्द घूमते थे। और यह सामंजस्य व्यक्ति की ईश्वर चेतना को गहन करने से इसकी अनुभूति होती है।

स्वामी विवेकानंद का शिक्षा में योगदान

स्वामी विवेकानंद का शिक्षा में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने शिक्षा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न मानकर, व्यक्तित्व विकास, नैतिक मूल्यों और समाज सेवा से जोड़ने का प्रयास किया। उनका मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य "व्यक्ति में पहले से निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना" होना चाहिए।स्वामी विवेकानंद की नजरों में  शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र निर्माण होना चाहिए क्योंकि उनका मानना था कि चरित्र निर्माण के मजबूती के बगैर जीवन व्यर्थ है. 


स्वामी विवेकानंद शिक्षा को केवल मानसिक रूप से मजबूती नहीं नहीं बल्कि युवाओं के लिए शारीरिक रूप से स्ट्रांग होने भी उनके लिए काफी जरुरी था. उन्होंने कहा था की युवाओं को गीता पढ़ने से अच्छा है कि वो जाकर फूटबाल खेलें क्योंकि उनका मानना था की मजबूत  कन्धों और भुजाओं से वो गीता कीशिक्षा को अच्छे से ग्रहण कर सकेंगे. 

 दूसरों पर निर्भर रहने को वो हमेशा गलत मानते थे क्योंकि उनका मानना था कि इंसान  स्वावलम्बी होना चाहिए. 


Born On Tuesday: मंगलवार को जन्म लेने वाले होते हैं साहसी, जुझारू और जल्दी हार नही मानने वाले


Born on Tuesday: अगर आप हिंदू धर्म और उनको विस्तार से अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. इस प्रकार से गणना से मंगलवार का दिन बजरंगबली का माना जाता है. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, ग्रहों का व्यक्ति के जीवन और व्यवहार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है और उस जातक के व्यवहार, नेचर, मानसिक और शारीरिक शक्ति, करियर आदि जैसे कारकों पर ग्रहों का खास प्रभाव पड़ता है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि  सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी विशेष ग्रह द्वारा शासित होता है, और मंगलवार को जन्म लेने का अर्थ है मंगल ग्रह जैसी विशेषताओं वाले दिन जन्म लेना, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को बहुत प्रभावित कर सकता है।

मंगलवार को जन्मे लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वे दृढ इच्छाशक्ति के मालिक होते हैं और अपने सपनों को वास्तविकता के धरातल पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ऐसे लोग सफलता के लिए तब तक प्रयास करते रहते हैं जब तक कि वे उसे प्राप्त नहीं कर लेते। अच्छे दिनों में, मंगलवार को जन्मे लोग बुद्धिमान, प्रेरित और निडर होते हैं, लेकिन बुरे दिनों में, वे जिद्दी और असुरक्षित हो सकते हैं।  आइये जानते हैं  मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में मोटिवेटर और एस्ट्रोलॉजर हिमांशु रंजन शेखर से.

आसानी से नहीं मानते हार: 
मंगल गृह के स्वाभाव के अनुसार मंगलवार के दिन जन्मे लोग स्वभाव से गुस्सैल और बहादुर होते हैं और वे किसी भी खराब परिस्थिति में आसानी से हार नहीं मानते हैं.  ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं.  ये लोग कोई भी गलत बात स्वीकार नहीं कर पाते हैं. स्वभाव से ये लोग बहुत खर्चीले होते हैं. गुस्सैल स्वभाव के होने की वजह से यह लोग छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत गुस्सा करते हैं.इन लोगों के आसानी से दोस्त नहीं बनते हैं लेकिन अगर एक बार दोस्ती हो गई तो ये लोग दिल से निभाते हैं.

स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता: 

मंगल को मंगलवार के साथ जोड़ा जाता है, और इसलिए इस दिन जन्मे लोग नेतृत्व की क्षमता और अग्रसरता रखते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है और वे लोगों को प्रेरित करने में माहिर होते हैं। वे समाज में अच्छी गाइडेंस कर सकते हैं और सामरिक परिस्थितियों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से, मंगलवार को जन्मे लोग अक्सर साहसी, ऊर्जावान और शक्तिशाली होते हैं।

उच्च ऊर्जा स्तर:

 मंगल का प्रतीक्षित ज्वालामुखी तत्व होने के कारण, जो उच्च ऊर्जा स्तर को संकेत करता है, मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग उच्च ऊर्जा स्तर वाले हो सकते हैं। वे सक्रिय और उत्साही हो सकते हैं और अपने काम में प्रभावी हो सकते हैं। मंगलवार को जन्मे लोग जीवन के प्रति उत्साही होते हैं और नए अनुभवों के लिए तैयार रहते हैं।

क्रोधप्रवृत्ति: 

मंगलवार को जन्मे लोगों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होती और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। मंगल ग्रह आपातकालीन स्थितियों का प्रतीक होता है और इसलिए मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के पास अधिक क्रोधप्रवृत्ति हो सकती है। वे छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा हो सकते हैं और उन्हें अपने क्रोध को नियंत्रित करना सीखना चाहिए। 

जानें चार धामों के बारे में: बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम और द्वारका

रिस्क और साहस करने की क्षमता

ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं. ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को शौर्य, साहस, निर्णायक और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. 

मंगल वार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की यह सामान्य लक्षण हैं जिसे समान्यता: ज्योतिष और कुंडली की जानकारी पर दी गई है. हालाँकि यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति अद्वितीय होता है, इसलिए यह सुनिश्चित नहीं है कि सभी मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग इन लक्षणों से पूरी तरह से मेल खाते होंगे। 

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नोट: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

वडुवूर पक्षी अभयारण्य: साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल जैसे पक्षियों का स्थल

Vaduvur

Vaduvur Bird Sanctuar: वडुवूर पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में स्थित है, जो एक बड़ा मानव निर्मित सिंचाई तालाब है, जो कावेरी डेल्टा के हिस्से के साथ नीदमंगलम तालुक में स्थित है. यह तंजावुर से लगभग 25 किमी और तिरुवरूर से 30 किमी दूर स्थित है। यह अभयारण्य हरे-भरे जलाशयों, दलदली भूमि और घास के मैदानों से घिरा हुआ है जो पक्षियों के लिए अनुकूल पर्यावास प्रदान करते हैं। यहाँ कई  प्रकार कि प्रवासी पक्षी जैसे  साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल, फ्लेमिंगो, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट आदि आते हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय पक्षी जैसे  भारतीय बगुला, किंगफिशर, कॉर्मोरेंट, डार्टर्स, एग्रेट आदि का भी स्थल है। 

वडुवूर पक्षी अभयारण्य 112.638 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है, यह एक बड़ा मानव निर्मित सिंचाई जलाशय और प्रवासी पक्षियों के लिए आश्रय है क्योंकि यह भोजन, आश्रय और प्रजनन के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। 

इन जलाशयों में निवासी और सर्दियों के पानी के पक्षियों की अच्छी आबादी को शरण देने की क्षमता है लेकिन इसकी पुष्टि के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है। 

सर्वेक्षण किए गए अधिकांश जलाशयों में भारतीय जलाशय बगुला अर्देओला ग्रेई पाया गया। यूरेशियन विजोन अनस पेनेलोप, नॉर्दर्न पिंटेल अनस एक्यूटा, गार्गनी अनस क्वेरक्वेडुला जैसे सर्दियों के जलपक्षी की बड़ी उपस्थिति जलाशयों में दर्ज की गई थी। 

कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु

वडुवूर पक्षी अभ्यारण्य में विविध निवास स्थान हैं जिनमें कई इनलेट और आसपास के सिंचित कृषि क्षेत्र शामिल हैं जो पक्षियों के लिए अच्छा घोंसला बनाने और चारागाह प्रदान करते हैं। इस प्रकार, यह स्‍थल उपर्युक्‍त सूचीबद्ध प्रजातियों को उनके जीवन-चक्र के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान सहायता प्रदान करती है।

पक्षी प्रजातियाँ

प्रवासी पक्षी: साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल, फ्लेमिंगो, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट।

शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व-जम्‍मू और कश्‍मीर

स्थानीय पक्षी: भारतीय बगुला, किंगफिशर, कॉर्मोरेंट, डार्टर्स, एग्रेट आदि।

History Quiz with Answers: जानें भारत के बारे में यूनिक जानकारी

 


भारत का राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) पिंगली वेंकैया

c) बाल गंगाधर तिलक

d) लाला लाजपत राय

उत्तर: b) पिंगली वेंकैया

भारत का स्वतंत्रता दिवस किस दिन मनाया जाता है?

a) 26 जनवरी

b) 2 अक्टूबर

c) 15 अगस्त

d) 14 नवंबर

उत्तर: c) 15 अगस्त

 भारत को स्वतंत्रता किस वर्ष मिली थी?

a) 1945

b) 1947

c) 1950

d) 1952

उत्तर: b) 1947

‘वंदे मातरम्’ गीत किसकी रचना है?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

c) महात्मा गांधी

d) पिंगली वेंकैया

उत्तर: b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

स्वतंत्र भारत में पहली डाक सेवा की शुरुआत कब हुई?

a) 1947

b) 1948

c) 1950

d) 1952

उत्तर: a) 1947

भारतीय ध्वज में हरे रंग का क्या अर्थ है?

a) साहस

b) शांति

c) विकास और उर्वरता

d) न्याय

उत्तर: c) विकास और उर्वरता

स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार लाल किले पर भाषण देने वाले प्रधानमंत्री कौन थे?

a) पंडित नेहरू

b) लाल बहादुर शास्त्री

c) इंदिरा गांधी

d) मोरारजी देसाई

उत्तर: a) पंडित नेहरू

 किस देश ने 15 अगस्त 1947 को भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की?

a) श्रीलंका

b) पाकिस्तान

c) बांग्लादेश

d) म्यांमार

उत्तर: b) पाकिस्तान

स्वतंत्रता दिवस पर कौन सा राष्ट्रीय प्रतीक फहराया जाता है?

a) अशोक स्तंभ

b) राष्ट्रीय ध्वज

c) राष्ट्रीय पक्षी

d) राष्ट्रीय चिन्ह

उत्तर: b) राष्ट्रीय ध्वज

15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन बने?

a) महात्मा गांधी

b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

c) जवाहरलाल नेहरू

d) सरदार पटेल

उत्तर: c) जवाहरलाल नेहरू

 भारत का राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) पिंगली वेंकैया

c) बाल गंगाधर तिलक

d) लाला लाजपत राय

उत्तर: b) पिंगली वेंकैया

 ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ था?

a) 1940

b) 1941

c) 1942

d) 1943

उत्तर: c) 1942

भारतीय राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के रचयिता कौन हैं?

a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

c) पंडित नेहरू

d) महात्मा गांधी

उत्तर: b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कहाँ से भाषण देते हैं?

a) संसद भवन

b) इंडिया गेट

c) लाल किला

d) राष्ट्रपति भवन

उत्तर: c) लाल किला

15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन बने?

a) महात्मा गांधी

b) जवाहरलाल नेहरू

c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

d) सरदार पटेल

उत्तर: b) जवाहरलाल नेहरू

भारतीय राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के रचयिता कौन हैं?

a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

c) पंडित नेहरू

d) महात्मा गांधी

उत्तर: b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ था?

a) 1940

b) 1941

c) 1942

d) 1943

उत्तर: c) 1942

स्वतंत्र भारत में पहले राष्ट्रपति के रूप में किसने शपथ ली?

a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

b) पंडित नेहरू

c) सी. राजगोपालाचारी

d) मौलाना आज़ाद

उत्तर: a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

स्वतंत्रता के समय भारत का राष्ट्रगान आधिकारिक रूप से कब अपनाया गया?

a) 15 अगस्त 1947

b) 26 जनवरी 1950

c) 24 जनवरी 1950

d) 2 अक्टूबर 1947

उत्तर: c) 24 जनवरी 1950

15 अगस्त 1947 को भारत का पहला डाक टिकट किस विषय पर था?

a) राष्ट्रीय ध्वज

b) अशोक स्तंभ

c) महात्मा गांधी

d) इंडिया पोस्ट

उत्तर: a) राष्ट्रीय ध्वज


15 अगस्त 1947 को पहली बार राष्ट्रीय ध्वज किसने फहराया था?

a) महात्मा गांधी

b) पंडित नेहरू

c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

उत्तर: b) पंडित नेहरू

स्वतंत्रता के समय भारत का विभाजन किस अधिनियम के तहत हुआ था?

a) भारत शासन अधिनियम 1935

b) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

c) भारतीय परिषद अधिनियम 1909

d) मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919

उत्तर: b) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

स्वतंत्र भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे?

a) बलदेव सिंह

b) सरदार पटेल

c) बी. आर. अंबेडकर

d) मौलाना आज़ाद

उत्तर: a) बलदेव सिंह

15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री का पहला भाषण किस नाम से प्रसिद्ध है?

a) “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी”

b) “भारत के नाम संदेश”

c) “सपनों का भारत”

d) “आजादी का संकल्प”

उत्तर: a) “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी”

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री कहाँ से भाषण देते हैं?

a) संसद भवन

b) इंडिया गेट

c) लाल किला

d) राष्ट्रपति भवन

उत्तर: c) लाल किला

‘वंदे मातरम्’ गीत किसकी रचना है?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

c) महात्मा गांधी

d) पिंगली वेंकैया

उत्तर: b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

किस देश ने 15 अगस्त 1947 को भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की?

a) श्रीलंका

b) पाकिस्तान

c) बांग्लादेश

d) म्यांमार

उत्तर: b) पाकिस्तान

राष्ट्रीय ध्वज में सफेद रंग का क्या अर्थ है?

a) शांति और सत्य

b) साहस और बलिदान

c) समृद्धि और विकास

d) दृढ़ संकल्प

उत्तर: a) शांति और सत्य

स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?

a) लॉर्ड माउंटबैटन

b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

c) सी. राजगोपालाचारी

d) सरदार पटेल

उत्तर: a) लॉर्ड माउंटबैटन

‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव कब पारित हुआ था?

a) 1928

b) 1929

c) 1930

d) 1931

उत्तर: b) 1929

‘करो या मरो’ का नारा किस आंदोलन में दिया गया था?

a) असहयोग आंदोलन

b) स्वदेशी आंदोलन

c) भारत छोड़ो आंदोलन

d) नमक सत्याग्रह

उत्तर: c) भारत छोड़ो आंदोलन

15 अगस्त 1947 को राष्ट्रीय ध्वज पहली बार कहाँ फहराया गया था?

a) संसद भवन

b) लाल किला

c) किंग्सवे कैंप, दिल्ली

d) राष्ट्रपति भवन

उत्तर: b) लाल किला

स्वतंत्रता दिवस का पहला मुख्य समारोह किसने आयोजित किया था?

a) राष्ट्रपति

b) प्रधानमंत्री

c) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

d) संविधान सभा

उत्तर: b) प्रधानमंत्री

अशोक चक्र में कितनी तीलियां होती हैं?

a) 22

b) 24

c) 26

d) 28

उत्तर: b) 24

भारत के अंतिम वायसराय कौन थे?

a) लॉर्ड वेवेल

b) लॉर्ड माउंटबैटन

c) सी. राजगोपालाचारी

d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: b) लॉर्ड माउंटबैटन

भारत की स्वतंत्रता के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था?

a) विंस्टन चर्चिल

b) क्लेमेंट एटली

c) नेविल चेम्बरलिन

d) हेरॉल्ड मैकमिलन

उत्तर: b) क्लेमेंट एटली

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति का मुख्य कार्य क्या होता है?

a) ध्वजारोहण

b) राष्ट्र को संबोधित करना

c) भाषण देना

d) परेड निरीक्षण

उत्तर: b) राष्ट्र को संबोधित करना

स्वतंत्रता दिवस 2025 कौन सा होगा?

a) 77वां

b) 78वां

c) 79वां

d) 80वां

उत्तर: b) 78वां

15 अगस्त 1947 को भारत का पहला ध्वजारोहण किस समय हुआ था?

a) 12:00 मध्य रात्रि

b) सुबह 8:00 बजे

c) सुबह 9:00 बजे

d) 12:00 दोपहर

उत्तर: a) 12:00 मध्य रात्रि

स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल कौन बने?

a) सी. राजगोपालाचारी

b) लॉर्ड माउंटबैटन

c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

d) पंडित नेहरू

उत्तर: a) सी. राजगोपालाचारी

15 अगस्त को किस देश का स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाता है?

a) सिंगापुर

b) कोरिया

c) बहरीन

d) उपरोक्त सभी

उत्तर: d) उपरोक्त सभी

स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली गार्ड ऑफ ऑनर में कितनी बंदूकें सलामी देती हैं?

a) 17

b) 21

c) 24

d) 31

उत्तर: b) 21

भारत में पहली बार “स्वतंत्रता दिवस” (ब्रिटिश शासन के खिलाफ) कब मनाया गया था?

a) 1929

b) 1930

c) 1931

d) 1932

उत्तर: b) 1930

स्वतंत्रता दिवस के दौरान लाल किले पर होने वाली परेड में कौन-सा दस्ते की अगुवाई करता है?

a) सेना

b) नौसेना

c) वायुसेना

d) तीनों सेनाओं का संयुक्त दस्ता

उत्तर: d) तीनों सेनाओं का संयुक्त दस्ता

स्वतंत्र भारत में पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री कौन थे?

a) बी.वी. केसकर

b) पंडित नेहरू

c) सरदार पटेल

d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

उत्तर: d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

स्वतंत्रता के समय भारत में कुल कितने प्रांत थे?

a) 11

b) 14

c) 17

d) 21

उत्तर: c) 17

स्वतंत्र भारत का पहला गणतंत्र दिवस किस तारीख को मनाया गया?

a) 15 अगस्त 1947

b) 26 जनवरी 1950

c) 26 नवंबर 1949

d) 2 अक्टूबर 1950

उत्तर: b) 26 जनवरी 1950

स्वतंत्रता के समय भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन थे?

a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

b) डॉ. भीमराव अंबेडकर

c) पंडित नेहरू

d) के.एम. मुंशी

उत्तर: b) डॉ. भीमराव अंबेडकर

स्वतंत्र भारत के पहले विदेश मंत्री कौन थे?

a) पंडित नेहरू

b) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

c) वी.के. कृष्ण मेनन

d) सरदार पटेल

उत्तर: a) पंडित नेहरू

भारत की आज़ादी का निर्णय लेने वाला ब्रिटिश प्रधानमंत्री कौन था?

a) विंस्टन चर्चिल

b) क्लेमेंट एटली

c) स्टेनली बॉल्डविन

d) नेविल चेम्बरलिन

उत्तर: b) क्लेमेंट एटली

15 अगस्त 1947 को रेडियो पर पहला आधिकारिक संदेश किसने दिया था?

a) महात्मा गांधी

b) पंडित नेहरू

c) लॉर्ड माउंटबैटन

d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: b) पंडित नेहरू

स्वतंत्रता दिवस पर अशोक चक्र का रंग कौन सा होता है?

a) लाल

b) नीला

c) हरा

d) काला

उत्तर: b) नीला

स्वतंत्र भारत के पहले रेल मंत्री कौन थे?

a) जॉन मथाई

b) लाल बहादुर शास्त्री

c) सी. राजगोपालाचारी

d) के.एम. मुंशी

उत्तर: a) जॉन मथाई

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

a) 1875

b) 1885

c) 1890

d) 1901

उत्तर: b) 1885

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा फहराए जाने वाला ध्वज किस आकार का होता है?

a) 3:2

b) 2:3

c) 4:3

d) 5:3

उत्तर: a) 3:2

भारत छोड़ो आंदोलन के समय भारत के वायसराय कौन थे?

a) लॉर्ड लिनलिथगो

b) लॉर्ड माउंटबैटन

c) लॉर्ड वेवेल

d) लॉर्ड इरविन

उत्तर: a) लॉर्ड लिनलिथगो

स्वतंत्र भारत का पहला बजट किसने प्रस्तुत किया था?

a) आर.के. शनमुखम चेट्टी

b) सी.डी. देशमुख

c) मोरारजी देसाई

d) पंडित नेहरू

उत्तर: a) आर.के. शनमुखम चेट्टी

“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” नारा किसने दिया?

a) महात्मा गांधी

b) बाल गंगाधर तिलक

c) भगत सिंह

d) सुभाष चंद्र बोस

उत्तर: b) बाल गंगाधर तिलक


‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना किसने की?

a) भगत सिंह

b) सुभाष चंद्र बोस

c) चंद्रशेखर आज़ाद

d) रास बिहारी बोस

उत्तर: d) रास बिहारी बोस

भारतीय ध्वज में केसरिया रंग का क्या अर्थ है?

a) त्याग और साहस

b) शांति और एकता

c) बलिदान और वीरता

d) विकास और समृद्धि

उत्तर: a) त्याग और साहस

स्वतंत्रता दिवस 1947 के अवसर पर किस शहर में सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था?


a) दिल्ली

b) कोलकाता

c) मुंबई

d) इलाहाबाद

उत्तर: b) कोलकाता

स्वतंत्रता दिवस पर गार्ड ऑफ ऑनर में शामिल जवान किस यूनिफॉर्म में होते हैं?

a) खाकी

b) सफेद

c) नीली

d) कैमोफ्लाज

उत्तर: b) सफेद


कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु: साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल पक्षियों का स्थल


Kanjirankulam Bird Sanctuary: कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण पक्षी संरक्षण क्षेत्र है जो प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और जैव विविधता के संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है। यह स्थान पक्षी प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक शानदार गंतव्य है।

कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु में सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है जो रामनाथपुरम जिले के कांजीरनकुलम गांव के भीतर स्थित है। केबीएस का अनुमानित क्षेत्र कीला (निचला) कांजीरनकुलम (66.66 हेक्टेयर) और मेला (ऊपरी) कांजीरनकुलम (30.231 हेक्टेयर) के बीच विभाजित है।  तमिलनाडु में  कुल सत्रह घोषित पक्षी अभयारण्य हैं हालांकि कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य सर्दियों के दौरान करीब 40 प्रजातियों के पक्षियों को आकर्षित करता है।
 
यह मछलियों के भोजन, अंडे देने की जगह, नर्सरी और/या प्रवास पथ का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिस पर आर्द्रभूमि के भीतर या अन्य जगहों पर मछली का भंडार निर्भर करता है।

 बरसात के मौसम में बांधों के भीतर जमा होने वाला अतिरिक्त पानी बाद में कृषि कार्यों में उपयोग किया जाता है। अभयारण्य एक कुशल बाढ़ नियंत्रण, बाढ़ भंडारण तंत्र के लिए भंडार स्थान के रूप में कार्य करता है। 
भारत के तमिलनाडु के मुदुकुलथुर रामनाथपुरम जिले के पास कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य 1989 में घोषित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह कई प्रवासी बगुले प्रजातियों के लिए घोंसले बनाने के स्‍थल के रूप में प्रसिद्ध है यहां बगुले बबूल के पेड़ों पर प्रवास करते हैं। 

ये स्‍थल पक्षियों के प्रजनन, घोंसले के शिकार, आश्रय, चारागाह और ठहरने के स्‍थलों के रूप में कार्य करते हैं। यह आर्द्रभूमि आईयूसीएन रेडलिस्ट विलुप्‍त होने की कगार पर एवियन प्रजातियों जैसे स्टर्ना ऑरेंटिया (रिवर टर्न) का पालन करती है।

प्रवासी जलपक्षियों की प्रजनन आबादी अक्टूबर और फरवरी के बीच यहां आती है और इसमें चित्रित सारस, सफेद आइबिस, ब्लैक आइबिस, लिटिल एग्रेट, ग्रेट एग्रेट शामिल हैं। यह स्‍थल आईबीए के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां स्पॉट-बिल पेलिकन पेलेकैनस फिलिपेन्सिस नस्लों उपस्थिति दर्ज की गई है। 

कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु

जैव विविधता और पक्षी प्रजातियाँ

प्रवासी पक्षी:

साइबेरियन सारस, ग्रे पेलिकन, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल, फ्लेमिंगो, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट

स्थानीय पक्षी:

 भारतीय बगुला, किंगफिशर, कॉर्मोरेंट, डार्टर्स, एग्रेट

आर्द्रभूमि समृद्ध जैव विविधता प्रदर्शित करती है जिसमें स्पॉट-बिल पेलिकन, ओरिएंटल डार्टर, ओरिएंटल व्हाइट आईबिस और पेंटेड स्टॉर्क जैसी कई विश्व स्तर पर निकट-खतरे वाली प्रजातियां शामिल हैं और आमतौर पर किनारे और पानी के भीतर रहने वाले पक्षी जैसे ग्रीनशंक, प्लोवर, स्टिल्ट और मधुमक्खी खाने वाली बुलबुल, कोयल, स्टारलिंग, बारबेट्स जैसे वन पक्षी भी शामिल हैं। 

सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स-तमिलनाडु


Watch Video-सुनहरी चिकन बॉल्स की रेसिपी – हर बाइट में स्वाद का धमाका!

how to make chiken balls method and ingredients

शादी और पार्टियों में चिकन मंचूरियन, चिकन कबाब और तंदूरी चिकन जैसी स्वादिष्ट स्नैक्स का लुत्फ तो आपने कई बार उठाया होगा, लेकिन हम यहाँ ऐसे डिश के बारे मे बता रहा हूँ जो आपके चॉइस को और भी खास बना देगा। अगर आप चिकन लवर्स हैं तो चिकन बॉल्स एक खास डिश है जो सिर्फ आपके लिए है। चिकन बॉल्स एक बेहद लाजवाब स्नैक्स हैंजो क्विक एंड इजी स्नैक है। इसको बनाना इतना आसान है कि आप इसे कभी भी बना सकते हैं खास तौर पर यह आपके यहाँ होने वाले  पार्टी, पिकनिक और बच्चों के टिफिन के लिए खास आइटम हो सकता है। 

फ्राई, स्टीम्ड, स्पाइसी एवं  अन्य फैक्टर्स के अनुसार अगर आप देखेंगे तो चिकन बॉल्स के कई प्रकार होते हैं. इनमे शामिल है फ्राइड चिकन बॉल्स, स्टीम्ड चिकन बॉल्स, चिकन चीज़ बॉल्स, स्पाइसी चिकन बॉल्स, ग्रेवी चिकन बॉल्स, चिकन मंचूरियन बॉल्स एवं अन्य. 

गर्म, कुरकुरी, सुनहरी चिकन बॉल्स एक स्वादिष्ट स्नैक है जो किसी भी  पार्टी, टी टाइम पार्टी की जान होती है। आप इस स्वादिष्ट नॉन-वेजिटेरियन ऐपेटाइज़र को  घर पर बने मेयोनेज़ में साइट्रस का स्वाद के साथ या  ताज़ी पिसी हुई काली मिर्च की गर्माहट के साथ भी  सर्व कर सकते हैं। खासतौर पर बच्चे इस अधिक लाइक करते हैं क्योंकि उन्हे चिकेन ग्रेवी से अलग एक स्नॅकस लुक मिलती है और आप इसे उनके टिफिन मे डाल सकते हैं। 

चिकन बॉल्स  बाहर से कुरकुरे और अंदर से नरम, रसीले होते हैं और सही सामग्री और विधि अपनाकर आप घर पर ही रेस्टोरेंट जैसा टेस्ट पा सकते हैं। 

आइए जानें इसकी पूरी रेसिपी:

गर्म, कुरकुरी, सुनहरी चिकन बॉल्स बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप इसे समय देकर बनाएं ताकि यह स्वादिष्ट और खास प्रकार का रेसिपी बन जाए। इसके लिए जरूरी सामग्री निम्न है-

 ज़रूरी सामग्री (Ingredients)

चिकन कीमा – 500 ग्राम

प्याज़ – 1 (बारीक कटा हुआ)

अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 टेबलस्पून

हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)

हरा धनिया – 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)

काली मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून

गरम मसाला – ½ टीस्पून

नमक – स्वादानुसार

ब्रेड क्रम्ब्स – ½ कप

अंडा – 1 (फेंट लें)

कॉर्नफ्लोर – 2 टेबलस्पून

तेल – तलने के लिए



बनाने की विधि (Step-by-step Recipe)

1. तैयारी करें

इस  को बनाने के लिए चिकन को ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें और एक बड़े कटोरे में रख दें। दूसरी तरफ, ओवन को गरम करें और अब एक बड़े बर्तन में चिकन कीमा, बारीक कटा प्याज़, हरी मिर्च, हरा धनिया, अदरक-लहसुन पेस्ट, काली मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें।

2. मिश्रण बनाएं

अब इस मिश्रण में ब्रेड क्रम्ब्स, अंडा और कॉर्नफ्लोर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब प्याज़ को चॉपिंग बोर्ड पर रखें और अच्छे से काट लें। फिर पनीर लें और उसे अच्छे से काट लें और चिकन को पीस लें। पनीर और चिकन को अलग-अलग कटोरी में रखें। इसके बाद लहसुन लें और उसे अच्छे से काट लें। मिश्रण को 15-20 मिनट के लिए फ्रिज में रखें ताकि वह सेट हो जाए।

3. बॉल्स बनाएं

अब इस मिश्रण से छोटे-छोटे गोल बॉल्स बनाएं। अगर मिश्रण चिपक रहा हो तो हाथों पर हल्का तेल लगाएं। चिकन बिल्कुल बारीक कीमा होना चाहिए, तब ही बॉल्स अच्छे बनेंगे। आप चाहें तो ब्रेड क्रम्ब्स की जगह सूजी (रवा) भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. तलना (Frying)

एक कड़ाही में तेल गरम करें और गरम तेल में मध्यम आंच पर चिकन बॉल्स को गोल्डन ब्राउन और क्रिस्पी होने तक तलें। इसमें कटा हुआ प्याज डालें और पारदर्शी होने तक भूनें। अब एक बड़ा कटोरा लें और उसमें तले हुए प्याज, पिसा हुआ चिकन, बिस्किट मिक्स, कसा हुआ पनीर, कटा हुआ लहसुन और मिर्च के गुच्छे को एक साथ मिलाएँ। इन चिकन बॉल्स को तब तक बेक करें जब तक कि वे भूरे रंग के न हो जाएँ। तेल से निकालकर पेपर नैपकिन पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।

इन चिकन बॉल्स को आप ग्रीन चटनी, मयोनीज़ या टमैटो सॉस के साथ गरमा गरम परोस सकते हैं। चाहें तो इन्हें नूडल्स या फ्राइड राइस के साथ भी परोसा जा सकता है।