जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की आधारशिला: Facts in Brief

Noida International Greenfield Airport at Jewar UP: Facts in Brief
Noida International Greenfield Airport:
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे अंतर्राष्ट्रीय विकास प्राधिकरण (येइडा) के अधिसूचित क्षेत्र में जेवर में 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। परियोजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। रियायत समझौते के अनुसार, प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों के लिए पहला चरण पूरा किया जाएगा और निर्धारित तिथि से 29.9.2024 तक 1,095 दिनों के भीतर चालू करना होगा।


नोएडा अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा: Facts in Brief 

  1. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग- 72 किमी
  2. नोएडा से लगभग- 52 किलोमीटर
  3. आगरा से लगभग- 130 किलोमीटर
  4. दादरी स्थित मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब से लगभग- 90 किलोमीटर

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे अंतर्राष्ट्रीय विकास प्राधिकरण (येइडा) के अधिसूचित क्षेत्र में जेवर में 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 72 किमी, नोएडा से लगभग 52 किलोमीटर, आगरा से लगभग 130 किलोमीटर और दादरी स्थित मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा।

यह परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी, जो एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। कंपनी में उत्तर प्रदेश सरकार की 37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। अन्य हिस्सेदारों में नोएडा - 37.5 प्रतिशत, ग्रेटर नोएडा - 12.5 प्रतिशत और येइडा - 12.5 प्रतिशत शामिल हैं।

परियोजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। रियायत समझौते के अनुसार, प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों के लिए पहला चरण पूरा किया जाएगा और निर्धारित तिथि से 29.9.2024 तक 1,095 दिनों के भीतर चालू करना होगा।

हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से सभी दिशाओं में उत्कृष्ट पहुंच वाली सड़कों के साथ स्थित है। यहां ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाला 100 मीटर चौड़ा यमुना एक्सप्रेसवे है। 100 मीटर चौड़ा वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, फॉर्मूला-1 ट्रैक पर यमुना एक्सप्रेसवे से होकर गुजरता है और पलवल, मानेसर, गाजियाबाद, बागपत एवं मेरठ को जोड़ता है।

जेवर हवाई अड्डे के लिए सभी मंजूरी और एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) प्राप्त कर ली गई है। भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। परियोजना के लिए रियायत समझौते पर 7 अक्टूबर, 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे और 10 अगस्त, 2021 को वित्तीय समझौते से जुड़ी शर्तें पूरी कर ली गयी थीं। हवाई अड्डे के विकास के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी गई है और पुनर्वास एवं पुन: स्थापन का काम पूरा हो गया है।

इस परियोजना के क्रियान्वयन से क्षेत्र में औद्योगिक अवसंरचना का सर्वांगीण विकास होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। हवाई अड्डा, पर्यटन में तेजी से वृद्धि के साथ-साथ हवाई यातायात को भी सुगम बनाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार की अधीनस्थ इकाई येइडा परियोजना के विकास के लिए नोडल विभाग है।

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