वर्ष 2027 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा: अमित शाह

No One Can Stop Indian Economy From Holding the 3rd Rank in the World by 2027:  Amit Shah

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में देश के विकास और अर्थतंत्र को मज़बूत करने की दिशा में बहुत अच्छा काम किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था अवश्य बन जाएगा क्योंकि 8 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया में 11वें स्थान से 5वें स्थान पर आ गई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आई मॉर्गन-स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2027 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत ज़रूरी है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज तमिलनाडु के चेन्नई में इंडिया सीमेंट लिमिटेड के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बाते कहीं. 

 श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार कई क्षेत्रों में पारदर्शी नीतियां लाकर अनेक संभावनाओं के द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा क्षेत्र में निवेश लाने की सबसे अधिक संभावना तमिलनाडु को दी है और इसका एक बेहतरीन उदाहरण तमिलनाडु डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर है जिसमें चेन्नई, तिरूचिरापल्ली, कोयम्बटूर, सलेम और होसुर शामिल हैं। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में पिछले 8 सालों में पारदर्शी नीतियों के कारण कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज भारत राजनीतिक स्थिरता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के कारण द्रुत गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और हमारी उपलब्धियों को पूरी दुनिया स्वीकार रही है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डार्क जोन में एक ब्राईट स्पॉट बताया है।

 श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने व्यय (एक्सपेंडीचर) पर फोकस किया जिसके चलते 2022-23 का पूंजीगत व्यय (केपिटल एक्सपेंडीचर) पिछले साल की तुलना में 46.8 फीसदी ज्यादा हुआ और जीएसटी कलेक्शन भी 2022 में 1,51,718 करोड़ रुपये था जो अब तक का दूसरा अधिकतम आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2022 में यूपीआई ट्रांजेक्शन की वैल्यू 12.11 लाख करोड़ रुपये रही और अक्टूबर में ही वाहनों की बिक्री 21 लाख यूनिट रही जो पिछले साल की तुलना में 7 लाख अधिक है।

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