प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 124 वें संस्करण मे कुल 12 किलों का चर्चा किया है जिसे UNESCO ने World Heritage Sites के रूप में मान्यता दिया है। UNESCO ने जिन 12 मराठा किलों को World Heritage Sites के रूप में मान्यता दिया है, उनमे शामिल है सलहेर या साल्हेर किला (Salher Fort) का किला। आइए जानते हैं कि सलहेर के का क्या है विशेषता जिसके कारण UNESCO ने इसे World Heritage Sites के रूप में मान्यता दिया है।
साल्हेर किला (Salher Fort) महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल है। सलहेर किला" नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह महाराष्ट्र के नासिक जिले की सतना तहसील के सलहेर गाँव के पास स्थित है।
किला सह्याद्री पर्वतमाला में स्थित है और समुद्र तल से लगभग 5,141 फीट (1,567 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है, जो इसे महाराष्ट्र का सबसे ऊँचा किला बनाता है।
साल्हेर किला महाराष्ट्र के नासिक जिले के बगलान तालुका में साल्हेर गाँव के पास स्थित एक ऐतिहासिक किला है । यह किला समुद्र तल से 1,567 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। साल्हेर किला साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए एक लोकप्रिय स्थल है।
1671 में यह किला महाराजा शिवाजी के नेतृत्व में था। 1672 में मुगलों ने इस किले पर हमला किया और यह लड़ाई मराठों ने जीत ली।
प्राचीन समय में यह किला शिलाहार वंश के अधीन था लेकिन 17वीं शताब्दी में यह किला शिवाजी महाराज के अधीन आया। साल्हेर किला खास तौर पर ऐतिहासिक रूप से मराठा साम्राज्य और मुग़ल साम्राज्य के बीच संघर्ष का प्रमुख केंद्र रहा है।
1672 ई. में इस किले पर मराठों और मुगलों के बीच एक ऐतिहासिक युद्ध हुआ जिसे "साल्हेर का युद्ध" कहा जाता है। यह युद्ध मराठों की पहली बड़ी विजय थी जिसमें उन्होंने मुगलों को हराया।
किला न केवल एक ऐतिहासिक गाथा का प्रतीक है, बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और साहसिक अनुभव का संगम भी है। यह स्थान इतिहास, ट्रेकिंग और प्राकृतिक दृश्यों में रुचि रखने वालों के लिए एक आदर्श स्थल है।
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