मनीष सिसोदिया ने काॅफी टेबुल बुक ”बापू - द अनफाॅरगेटेबल” का लोकार्पण किया

बापू अपने जीवन में कुल 80 बार दिल्ली आए थे और यहां उन्होंने अपने जीवन के 720 महत्वपूर्ण दिन गुजारे। इसलिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली से जुड़ी बापू की महत्वपूर्ण स्मृतियों को संकलित किया है। उपमुख्यमंत्री   मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली से जुड़ी महात्मा गांधी की स्मृतियों पर एक महत्वपूर्ण संकलन का लोकार्पण किया। ”बापू - द अनफाॅरगेटेबल” शीर्षक इस काॅफी टेबुल बुक में बापू के जीवन के कई अनछुए पहलुओं की सचित्र प्रस्तुति की गई है। महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती पर इसका लोकार्पण करते हुए श्री सिसोदिया ने एक वेबिनार को भी संबोधित किया। 

लोकार्पण करते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि आज सामाजिक पतन की इतनी घटनाएं देखकर हम महात्मा गांधी की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस कर रहे हैं। आज बापू होते तो किस तरह हम सब पर दबाव डालकर हमारे सामाजिक उत्थान की कोशिश कर रहे होते, यह समझने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जी के बाद उनके जैसा कोई मजबूत व्यक्तित्व नहीं मिल सका, जो समाज का पतन रोक सके। 

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श्री सिसोदिया ने कहा कि स्वच्छता, शांति और आत्मनिर्भरता जैसी चीजें महज कोई नारा नहीं बल्कि हमारा जीवन दर्शन हैं। ऐसी बातें करने वाला व्यक्तित्व जब खुद मजबूत हो और इन चीजों को अपने जीवन में उतारता हो, तभी समाज में चेतना जग पाती है।

श्री सिसोदिया ने कहा कि राजनीतिक सामाजिक पतन को देखते हुए बापू की कमी काफी महसूस हो रही है। हम उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेकर जीवन में बदलाव लाने की गंभीर कोशिश करें, तभी सामाजिक उत्थान होगा। श्री सिसोदिया ने दिल्ली अभिलेखागार और कला संस्कृति विभाग को इस संकलन के लिए बधाई दी। साथ ही, इसके प्रकाशन से जुड़े एचटी मीडिया हाउस को भी बापू के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण चित्रों और स्मृतियों के संकलन के लिए आभार प्रकट किया।

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श्री सिसोदिया ने कहा कि पिछले साल गांधीजी की 150 वीं जयंती के दौरान ही ऐसे प्रकाशन का विचार सामने आया था। बापू की सक्रियता दुनिया और देश के विभिन्न हिस्सों में रही, इसलिए उन्हें किसी एक जगह से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। लेकिन दिल्ली भी बापू की कर्मभूमि रही और उनकी गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्रबिंदु रही है दिल्ली।

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 बापू अपने जीवन में कुल 80 बार दिल्ली आए थे और यहां उन्होंने अपने जीवन के 720 महत्वपूर्ण दिन गुजारे। इसलिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली से जुड़ी बापू की महत्वपूर्ण स्मृतियों को संकलित किया है। श्री सिसोदिया ने कहा कि इस संकलन से गांधी के होने का मतलब समझना आसान होगा तथा उनके जीवन दर्शन को जानने का मौका मिलेगा। श्री सिसोदिया ने कहा कि बापू ने दिल्ली में जिन संस्थाओं की स्थापना की, उनके बारे में भी इस संकलन में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।


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