कार्तिक स्नान का महत्व निम्नलिखित है:
- कार्तिक स्नान से मनुष्य के शरीर से सभी प्रकार के पाप धुल जाते हैं।
- कार्तिक स्नान से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- कार्तिक स्नान से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है और उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- कार्तिक स्नान से मनुष्य की बुद्धि बढ़ती है और उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- कार्तिक स्नान से मनुष्य के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
कार्तिक स्नान कब मनाते हैं
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। 2023 में कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 को सोमवार को मनाई जाएगी।
कार्तिक स्नान कैसे मनाते हैं
हिन्दू पंचांग और मान्यताओं के अनुसार कार्तिक स्नान का विशेष स्थान है. ऐसा कहा गया है कि स्नान करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। स्नान करने से पहले घर के मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर, किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करें। स्नान करते समय "आपस्त्वमसि देवेश ज्योतिषां पतिरेव च।" मंत्र का जाप करें। स्नान करने के बाद, स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु को प्रसाद अर्पित करें।
कार्तिक स्नान करने के कुछ नियम निम्नलिखित हैं:
- कार्तिक स्नान करने से पहले किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए।
- कार्तिक स्नान करते समय किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं करना चाहिए।
- कार्तिक स्नान करने के बाद, किसी भी प्रकार का झूठ बोलना नहीं चाहिए।
- कार्तिक स्नान एक पवित्र पर्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।