Shree Astrology:अक्टूबर मे जन्मे लोगों की खासियत जान आप भी हो जाएंगे हैरान-गांधी, आइंस्टीन, मंडेला आदि मिलिये इन महापुरुषों से

People Born In October Prediction Traits Characteristic

Shree Astrology : अक्टूबर महीने में जन्म लेने वाले लोगों के सबसे बढ़ी खासियत होती है कि ऐसे लोग अक्सर  स्वतंत्र और जिज्ञासु प्रवृति के होते हैं। महात्मा गांधी,  अल्बर्ट आइंस्टीन,  मार्टिन लूथर किंग, जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे महान विभूतियों ने अक्तूबर महीने में जन्म लिया और अपने अपने क्षेत्रों में संसार को नई राह दिखाई।   स्वतंत्रता उनकी चाहत होती है और इनकी यह प्रवृति इनकी सोच और कार्यों में से भी जाहिर होती है. अक्टूबर में जन्म लेने वाले लोग अक्सर नई चीजें सीखने में रुचि रखते हैं साथ ही वाे रचनात्मक और कलात्मक होते हैं और अपने विचारों को व्यक्त करने के नए तरीके खोजते हैं।आइए हम देखते हैं अक्टूबर महीने में जन्म लेने वाले व्यक्तियों की क्या होती है विशेषता, करिअर, स्वभाव और अन्य एस्ट्रोलॉजर कुंडली शास्त्री हिमांशु रंजन शेखर से.

अक्टूबर के कुछ महापुरुषों में शामिल हैं:
  • अल्बर्ट आइंस्टीन, भौतिक विज्ञानी
  • माइकल एंजेलो, चित्रकार और मूर्तिकार
  • वॉल्ट डिज़नी, एनिमेटर और फिल्म निर्माता
  • मार्टिन लूथर किंग, जूनियर, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता
  • नेल्सन मंडेला, दक्षिण अफ्रीकी नेता
  • एलेना रॉबिन्सन, आयरिश लेखिका
  • अरविंदो घोष, भारतीय दार्शनिक और योगी
  • महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

 आदर्शवाद के प्रति उनके जीवन में काफी गहरी आस्था
अक्टूबर में जन्म लेने वाले व्यक्ति को नैतिक सिद्धांतों और आदर्शवाद के प्रति उनके जीवन में काफी गहरी आस्था होती है. जहां तक बात धन और संपत्ति की है उनके लिए यह बातें यह चीजें बहुत ज्यादा महत्व की नहीं होती है हां अध्ययन के मामले में वे काफी गंभीर होते हैं और अक्सर वे गूढ़ या रहस्यों से भरे  विषयों को अपनाना चाहते हैं और वे इसमें सफल होते हैं. 

जीवन के कला का विशेष स्थान 

अक्टूबर महीने में जन्म लेने वाले व्यक्ति कला यात्रा के प्रति काफी गंभीर होते हैं और किसी भी प्रकार की कला या कलात्मक चीजों को वे काफी पसंद करते हैं. संगीत हो या पेंटिंग हो या क्राफ्ट हर प्रकार की कलात्मक चीजों को जीवन में हुए काफी महत्व देते हैं.  ऐसे लोग खुद भी इस प्रकार के किसी ने किसी कला को अपने  हॉबी के रूप में अपनाते हैं.  वह वातावरण या परिवार या आसपास के प्रति हर तरफ से कला की चीजों को अपने जीवन में काफी महत्व देते हैं

शांत स्वभाव 

अक्टूबर महीने में जन्म लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता होती है कि वे अपने जीवन में काफी गंभीर स्वभाव के होते हैं. आमतौर पर वे लोग जीवन में अशांति या उपद्रव वाली स्थिति  से बचना चाहते हैं या उनसे खुद को अप्रभावित रखते हैं.  उन्हें लगता है कि जीवन में शांति ही प्रगति का एकमात्र सही रास्ता है और अंदर से और बाहर की परिस्थितियों को भी वे आमतौर पर शांति और गंभीरता के साथ पेश आते हैं या इस तरह के किसी भी चीजों से दूर करते हैं जो उनके को असंतुलित करती है या प्रभावित करती है. 

संवेदनशील और गंभीर प्रकृति 

अक्टूबर महीने में जन्म लेने वाले व्यक्ति आमतौर पर काफी संवेदनशील और गंभीर प्रकृति के होते हैं उनके लिए संवेदनशीलता या गंभीरता उनकी कमजोरी नहीं बल्कि जीवन में आगे बढ़ने का उनका हथियार होता है. ऐसा नहीं है कि वह अपने आसपास या परिवार या खुद के प्रति होने वाले उथल-पुथल या  उत्पन्न विपरीत परिस्थितयों को नजरअंदाज करते हैं बल्कि सच यह है कि वे इन परिस्थितियों से निकलने के लिए अपना विकल्प और रास्ता गंभीरता और मिस्टर कूल होकर निकालते हैं. 

प्रखर तर्क शक्ति के स्वामी 

अक्टूबर महीने में जन्म लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता होती है कि वह तर्कशक्ति के मामले में सशक्त होते हैं वह आसानी से किसी बात या किसी विचारधारा या किसी स्थान सिद्धांत को नहीं अपनाते हैं. अपने सामने आने वाले किसी भी सिद्धांत या विचारधारा क पहले वे अपने तर्कशक्ति के तराजू पर तौलते हैं और संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें अपने जीवन में अपनाते हैं. लेकिन सच यह भी है कि एक बार अगर उन्हें किसी सिद्धांत या विचारधारा ने प्रभावित कर दिया तो वह उस रास्ते पर अपना सब कुछ छोड़ कर निकल जाते हैं. 

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

दशहरा 2024: असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छे के विजय का प्रतीक है विजयादशमी

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दशहरा 2024 :
नवरात्रि जो कि माँ दुर्गा के विभिन्न 9  रूपों के पूजन के बाद  दशहरा या विजयदशमी 2024  का त्यौहार  है. नवरात्रि के दौरान हम माता दुर्गा के सभी रूपों का पूजन करते हैं।  9 दिनों से माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों के पूजन के बाद आने वाले दशहरा या विजयदशमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्यत:बुराई पर अच्छाई की जीत के  उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 

नवरात्र के 10 दिनों के लंबे उत्सव के बाद, अंतिम दिन को विजयदशमी और दशहरा के रूप में भी जाना जाता है। पूरे देश के लिए दशहरे का अपना महत्व है जो भारत के लोगों द्वारा मनाया जा जाता है जो इस वर्ष 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 

दशहरा या विजयादशमी के अवसर पर लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला जलाते हैं। कहने की जरूरत नहीं है, अगर आप रामायण के महाकाव्य के माध्यम से जाते हैं, तो रावण, मेघनाद और कुंभकरण सभी बुराई के प्रतीक थे। उन्होंने रामायण की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन गलत कारण के लिए और इसलिए लोग हमारे समाज में बुराई का संदेश देने के लिए तीनों का पुतला जलाते हैं।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, विजयादशमी या दशहरा लंबे दस दिनों के नवरात्रि उत्सव की परिणति पर मनाया जाता है। नवरात्रि त्योहार के दसवें दिन, लोग बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करने के लिए विजयदशमी या दशहरा मनाते हैं।

हालाँकि विजयदशमी या दशहरा हिंदू परंपरा के अनुसार इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि यह देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का भी प्रतीक है. लोग बुराई (महिषासुर) पर अच्छाई (देवी दुर्गा) की जीत का कारण मनाने के लिए विजयदशमी या दशहरा मनाते हैं। साथ ही लोग विजयदशमी या दशहरा के दिन को रावण पर भगवान राम की जीत के रूप में भी मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह विजयदशमी या दशहरा का दिन था जब भगवान राम को बुराई पर सफलता मिलती थी, यानी रावण जिसे बुराई का प्रतीक माना जाता है. 

नवरात्री के दौरान देश में खास तौर पर रामलीला का मंचन किया जाता है जहाँ भगवान् राम और रामायण के प्रसंगों  को भी प्रदर्शित किया जो दस दिनों के नवरात्रि उत्सव के दौरान का प्रमुख उत्सव हैं। नवरात्री के अंत में लोग असत्य पर सत्य के विजयस्वरुप परंपरागत रूप से, रावण, मेघनाद और कुंभकरण के तीन पुतलों को बुराई को चिह्नित करने के लिए दशहरे पर जलाया जाता है।

Point Of View: ख़ामोशी आपकी कमजोरी नहीं, भविष्य की सफलता वाले धमाका का बुनियाद है ये

Inspiring Thoughts How Silence Speaks

Point Of View :  आपकी चुप्पी, शांत नेचर और गंभीर व्यक्तित्व जिसे दुनिया ख़ामोशी कहती है वास्तव में यह आपकी सकारात्मक ऊर्जा है जो एक दिन सफलता का धमाका करने वाली शक्ति का काम करेगी.  आपके अंदर अगर उपरोक्त वर्णित खूबियां है तो फिर आप इसे अपनी कमजोरी नहीं समझे क्योंकि आपकी सफलता और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह सबसे सुन्दर और प्रभावी हथियार है जो एक दिन धमाका करके आपकी प्रयासों को नया आयाम देगी. हाँ,  ये सच है कि  इस भाग-दौड़ के जीवन में शांति और स्थिरता की तलाश मुश्किल है लेकिन क्या यह भी सच नहीं है कि इसी शांति अर्थात मौन और स्थिरता के आभाव में हम अपना आज और कल भी बर्बाद कर रहे हैं. 

व्यस्तता जरुरी है क्योंकि आज की जीवन में भाग दौड़ और आराम का नहीं होना प्रगति और आगे बढ़ते रहते का पैमाना बना दिया गया है. जो आज जितना व्यस्त है, उसका कल उतना हीं सुरक्षित है. लेकिन क्या, खुद से बात करने के लिए अगर हमारे पास 24 घंटे में 10 मिनट भी नहीं है, तो क्या हम इस जीवन की बदौलत ही आज और कल सुरक्षित रख सकेंगे? 

याद रखना दोस्तों... अगर 24 घंटे में 10 मिनट खुद से बात करने के लिए आपके पास नहीं हैं तो तो फिर आप संसार के सबसे सुन्दर व्यक्तित्व से रुबरु होने के मौके को गंवा रहे है.... 

आप एक बार अपने तमाम व्यस्तता से प्रति दिन 10 मिनट निकल कर खुद के लिए सोच कर तो देखिये...ये 10 मिनट की साइलेंस ये शांति और चुप्पी की महत्ता को आप तब समझेंगे जब एक बार स्थिर रह कर खुद से बात करने का वक्त निकलना शुरू करेंगे...

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…

जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…

संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…

कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…

-हरिवंश राय बच्चन


उम्र बीत जाती है खुद से बात किये और तब आप खुद से बात करके ही क्या करेंगे जब शरीर पर खुद का नियंत्रण हीं नहीं होगा... तब तो आप खुद से बात करने को मजबूर होंगे...क्योकि तब दुनिया भी आपको आउटडेटेड समझ चुकी होंगी और आप असहाय होकर खुद से बात करने को मजबूर होंगे... 

विश्वास करें,,, जिस व्यस्त जीवन में खोकर आप आज खुद के लिए 10 मिनट नहीं निकल पा रहे हैं, इस जीवन की असलियत भी यही है...आखिर हम काटेंगे तो वही न जिसे आज बो रहे है... 

आप खुद से बात करना शुरू तो कीजिये...यह आपके न केवल आज बल्कि आपके सुन्दर और सुरक्षित भविष्य के लिए भी जरुरी है... आपके परिवार के उन सदस्यों के सुरक्षित भविष्य के लिए भी जरुरी है जिनके सुख सुविधा के इंतजाम के लिए आज आप व्यस्त होने को जीवन की सफलता का पैरामीटर बना चुके हैं... 

नर हो, न निराश करो मन को

 कुछ काम करो, कुछ काम करो

 जग में रहकर कुछ नाम करो

-मैथिलीशरण गुप्त


एक बार आप खुद के अलावा अपने परिवार के उन सदस्यों के साथ..खास तौर पर बुजुर्ग माता पिता के साथ बैठकर उनके संघर्ष वाले दिनों की चर्चा को हीं  सुन लीजिये,. बस इस बारे में सोचें कि आपके जीवन में आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है... विश्वास कीजिये, उनके चेहरा पर मिलने वाले संतोष और आनंद आपके व्यस्तता के लाइफ को और भी उत्साह से भर देगा... आप अपने भविष्य के लिए और भी दुगुना लगन और उत्साह के साथ जुट जायेगें... 


शारदीय नवरात्रि मां ब्रह्मचारिणी: जानें महिमा, कैसे करें पूजन

Goddess Brahmacharini how to worshipp

नवरात्रि के दूसरे दिन हम मां दुर्गा के जिस स्वरूप को पूजा करते हैं उन्हें  मां ब्रह्मचारिणी के नाम से बुलाते हैं।

मां ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है जिनके बारे में मान्यता है कि उन्हें ब्रह्म ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसीलिए इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।

ऐसी मान्यता है कि  शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और उन्हें ब्रह्म ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसीलिए इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।

 मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में कमंडल और दूसरे हाथ में जप की माला रहती है। 

 देवी दुर्गा का यह स्वरूप हमें  संघर्ष से विचलित हुए बिना सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।कहा जाता है कि  मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने और उनका कृपा प्राप्त करने के लिए कमल और गुड़हल के पुष्प अर्पित करने चाहिए।

महात्मा गांधी विश्व नेताओं की नज़र में @अल्बर्ट आइंस्टीन, मार्टिन लूथर किंग, दलाई लामा, नेल्सन मंडेला और अन्य


मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, भारत के एक प्रमुख राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे, जिन्हें राष्ट्रपिता के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्होंने 1922 में असहयोग आंदोलन और 1930 में नमक मार्च और बाद में 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में देश का नेतृत्व किया।

महात्मा गांधी वह व्यक्तित्व थे जिन्होंने सत्य और अहिंसा के अपने दर्शन से लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया। अहिंसक प्रतिरोध के उनके दर्शन, जिसे अक्सर "सत्याग्रह" के रूप में संदर्भित किया जाता है, ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया और आज भी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रभावित करना जारी रखता है।

गांधी ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया, जिनमें महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध नागरिक अधिकार नेताओं में से एक, मार्टिन लूथर किंग जूनियर किंग ने गांधी के बारे में उनके लेखन और 1959 में भारत की यात्रा के माध्यम से जाना। किंग ने अपने नागरिक अधिकार अभियान में अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत से बहुत कुछ सीखा।

महात्मा गांधी के विचार शांति, सेवा, करुणा और अहिंसा के प्रतीक हैं और वे आज भी हमारे समाज के लिए आवश्यक हैं। महात्मा गांधी की शिक्षाएं एक सामंजस्यपूर्ण, समावेशी और समृद्ध वैश्विक भविष्य के लिए हमारे सामूहिक दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करने के लिए पर्याप्त हैं।

आने वाली पीढ़ियां, शायद ही कभी यह विश्वास करेंगी कि इस तरह का एक व्यक्ति कभी इस धरती पर चला था।अल्बर्ट आइंस्टीन

"महात्मा गांधी मेरे राजनीतिक गुरु हैं। उनकी शिक्षाओं ने मुझे स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष के सबसे अंधेरे क्षणों में एक नैतिक दिशा प्रदान की।"- नेल्सन मंडेला

"ईसा मसीह ने हमें प्रेम का लक्ष्य दिया और गांधी ने हमें विधि दी।" बराक ओबामा: "गांधी ने मुझे प्रेम और करुणा से संचालित होने वाली दुनिया के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।"- मार्टिन लूथर किंग जूनियर

"गांधी की विरासत मानवता के लिए शांति और आशा की विरासत है।"- एंजेला मर्केल

"महात्मा गांधी मानव स्वभाव की गहरी समझ रखने वाले एक महान इंसान थे और उन्होंने मानव क्षमता के सकारात्मक पहलुओं के पूर्ण विकास को प्रोत्साहित करने और नकारात्मक को कम करने या नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया।" - दलाई लामा

जस्टिन ट्रूडो: "महात्मा गांधी इतिहास में एक महान व्यक्ति थे, और उनकी शिक्षाएँ दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती रहती हैं।"

महात्मा गांधी की शिक्षाएँ और विचार आज भी लोगों को प्रकाश प्रदान कर रहे हैं और उनके उद्धरण आपको प्रज्वलित करने के लिए पर्याप्त शक्ति रखते हैं।

गांधी के उद्धरण।

"आपको वह बदलाव खुद बनना चाहिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।"

"खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों की सेवा में खुद को खो देना।"

"आँख के बदले आँख लेने से पूरी दुनिया अंधी हो जाती है।"

"आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, आप मुझे यातना दे सकते हैं, आप इस शरीर को नष्ट भी कर सकते हैं, लेकिन आप मेरे दिमाग को कभी कैद नहीं कर सकते।"

"अगर इसमें गलती करने की आज़ादी शामिल नहीं है, तो आज़ादी बेकार है।"

"किसी देश की महानता और उसकी नैतिक प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।" पहले, वे आपको अनदेखा करते हैं, फिर वे आप पर हंसते हैं, फिर वे आपसे लड़ते हैं, फिर आप जीत जाते हैं।"

"ऐसे जियो जैसे कि कल ही मरना है। ऐसे सीखो जैसे कि हमेशा के लिए जीना है।"

Point Of View : अपनों की कीमत को पहचाने, घृणा, लालच और उपेक्षा से नहीं करें संबंधों की हत्या


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Point Of View: हमें कोई अधिकार नहीं है कि हम कुछ अपने गलत आदतों या मानवीय दुष्कृतियों जैसे लोभ, लालच, द्वेष आदि के कारण उन अपनों से मुँह मोड़ लेना जिनके बगैर कभी हम जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे. आये दिन आप  यह पढ़ते हैं कि छोटे-छोटे विवादों में भाई न भाई पर आघात किया, क्या इसे प्रासंगिक कही ना सकती है. वही दोनों भाई जब छोटे होते हैं तो एक के बगैर दूसरा नहीं रह पाता लेकिन घृणा, लालच और उपेक्षा जब दोनों के बीच में आ जाती है तो एक दूसरे के वे शत्रु बन जाते हैं वह भी तब जब वे समझदार हो जाते हैं. क्या यही है हमारी शिक्षा और नैतिकता की चरम स्थिति. 

आज की इस व्यस्त जीवन शैली में मौजूद परेशानियों ओर जीवन के भागदौड़ में अक्सर हम अपनों से दूर होते जा रहे हैं। निसंदेह आज के इस दौड़ में जहां जीवन की प्रगति का माध्यम भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मापी जाती है, ऐसी स्थिति में यह स्वाभाविक भी है। 



लेकिन क्या जीवन में संबंधों की गलाघोंटने और उन्हें खत्म करने के लिए सिर्फ व्यस्त जीवनशैली ही जिम्मेदार है? क्या यह सच नहीं कि हम अपने कर्मों और अपने आचरणों से इन संबंधों की हत्या कर अपने संबंधियों से दूर नही होते जा रहे।

सच तो यह  है कि सम्बन्धों की कभी भी अपनी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती है बल्कि इनकी हत्या सदैव मनुष्य ही अपने कर्मों या असामान्य और कभी कभी कभी जान बूझकर अपने कलुषित आचरणों से इनकी हत्या करता है।

आखिर ये मानवीय भूल या आचरण ही तो हैं जिन्हे हम घृणा कहें या क्रोध या लालच, को अक्सर हमारे अपनों को हमसे दूर करते हैं।




कभी हम उपेक्षा करके या कभी भ्रम या संदेह से तो इन संबंधों का पलीता लगाते हैं जो न केवल हमें अपनों से दूर करते हैं बल्कि हमें अकेला बनाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक जहरीला परिवेश का निर्माण करते हैं।

Point Of View : पढ़ें और भी...

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Point Of View : आचार्य चाणक्य की ये महत्वपूर्ण 25 कोट्स जो बदल देंगी आपके सोचने और जीने का ढंग

Chanakya Kautilya important quotes to change life

Point Of View: चाणक्य (Chanakya), जिन्हें विशेष रूप से कौटिल्य (Kautilya) और विष्णुगुप्त (Vishnugupta) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे। वे एक ब्राह्मण विचारक, नीति शास्त्रकार, राजनीतिज्ञ, आचार्य, और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता  हैं उनका मूल्याङ्कन  करना इतना सहज और आसान नहीं है. 

चाणक्य दुनिया के सबसे बड़े समाज सुधारकों और विद्वानों में से एक हैं जिन्होंने मगध वंश पर शासन करने वाले मौर्य वंश को स्थापित किया था. वह अक्सर कहा करते थे कि  वह दुनिया का वास्तविक राजा देंगे और उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप से इसे साबित भी किया. इतिहास के मुताबिक चंद्रगप्त मौर्य को राजा बनाकर चाणक्य ने सब्से शक्तिशाली मौर्य वंश का स्थापना किया थे जिसने अशोक सहित कई प्रतापी राजा दिया था. चाणक्य के सिद्धांत उन्हें अर्थशास्त्र पुरतक में वर्णित है. 

चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चाणक्य एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और राजनेता साथ ही वे चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे. चाणक्य को भारत के सबसे महान बुद्धिजीवियों और राजनेताओं में से एक माना जाता है.

चाणक्य का जन्म 370 ईसा पूर्व में भारत के बिहार राज्य के पाटलिपुत्र में हुआ था. उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन और धर्मशास्त्र के क्षेत्रों में व्यापक ज्ञान प्राप्त किया. 

चाणक्य एक कुशल राजनेता भी थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को एक शक्तिशाली राजा बनाने में मदद की और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को दक्षिण भारत तक विस्तारित करने में मदद की.

चाणक्य एक महान बुद्धिजीवी और राजनेता थे और उन्होंने भारत के इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला. वे आज भी भारत के सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों में से एक हैं.
चाणक्य के विचार आज भी अपनी प्रासंगिकता और महत्वपूर्णता के कारण प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण चाणक्य कोट्स (quotes) हैं:

महत्वपूर्ण कोट्स

  1. अहंकार एकमात्र शत्रु है, यह व्यक्ति को स्वयं ही नष्ट कर देता है। 
  2. कोई काम शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रशन कीजिये - मै ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या मै सफल होऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन प्रशनो के संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी आगे बढ़िए | 
  3. व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए बाधाओं को विनाश करना चाहिए, न कि बाधाएं अपने उद्देश्य को। 
  4. सबसे बड़ा गुरु मंत्र - अपने राज़ किसी को भी मत बताओ ये तुम्हे ख़त्म कर देगा |
  5. यदि तुम किसी को नियंत्रित करना चाहते हो, तो उसका ख्याल रखो कि तुम स्वयं नियंत्रित नहीं हो रहे हो।" 
  6. कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिए जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हो, ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी | 
  7. स्व-अनुशासन रखो, दूसरों की बजाय अपनी गलतियों से सीखो।
  8. आपकी बुद्धि आपकी शक्ति है। यह आपकी सबसे अच्छी दोस्त और नेमिश है। 
  9. जीवन के तीन मंत्र - आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उतर मत दीजिये, दुःख में निर्णय मत लीजिए |
  10. सेवक को तब परखे जब वह काम न कर रहा हो, रिस्तेदार को किसी कठिनाइ में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में 
  11. जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे अच्छे से उपयोग करो। जो कुछ तुम्हारे पास नहीं है, उसे प्राप्त करने के लिए काम करो।
  12. जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारे जिंदगी  के फैसले कोई और लेता रहेगा 
  13. सत्य, क्षमा, सम्मान, स्वाधीनता, न्याय - ये आदर्श एक समान्य व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं। 
  14. शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखे |
  15. आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान होता है 
  16. व्यक्ति को हमेशा धीमे आदेश दो, क्योंकि वह उन्हें अच्छी तरह से पालन करेगा। 
  17. निरंतर प्रयास करो और उद्यमिता बरतो। इसे नशा कहो, नहीं तो इसमें नष्ट हो जाओगे। 
  18. मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परन्तु मन से हरा हुआ कभीजीत नहीं सकता | आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेश्ठ पूंजी है | 
  19. अगर शत्रु में भी गुण दिखे तो उन्हें अपना लेना चाहिए |
  20. मुर्ख लोगो से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है | 
  21. दुर्गुण से चाहने वाला सदैव दुर्गुणों में ही रहता है। 
  22. "एक अच्छे राजा का सबसे बड़ा गुण उसकी बुद्धि है."
  23. "एक देश की शक्ति उसकी सेना में नहीं, बल्कि उसकी जनता में होती है."
  24. "एक मजबूत अर्थव्यवस्था एक मजबूत राष्ट्र की नींव है."
  25. "शिक्षा एक राष्ट्र के विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक है."
  26. "सच्चाई और न्याय ही एक अच्छे समाज की नींव है."

ये केवल कुछ चाणक्य के प्रसिद्ध कोट्स हैं। उनके कार्य और नीति शास्त्र के विचार अनेकों विषयों पर व्यापक रूप से प्रभावशाली हैं।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

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Point Of View : जीतने की इच्छाशक्ति से भी जरुरी है कार्य को शुरू करने की हिम्मत का होना

Inspiring Thoughts Courage to Begin is More Important Than Will to Win
Point Of View : निसंदेह जीवन के किसी जंग में चाहे वह प्रोफेशनल हो/ व्यक्तिगत हो या पारिवारिक हो, हर जगह जीतने की इच्छा शक्ति  जरुरी है क्या इसमें संदेह की कोई गुंजाईश है... नहीं .. लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं कि संघर्ष में जीतने  की इच्छा शक्ति से भी जरुरी है उस जंग को शुरु करने की हिम्मत करना... विश्वास करें अगर आपने युद्ध को शुरू करने का हिम्मत आपने दिखा दिया तो एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो आपने पहले ही हासिल कर लिया....

 हम परिस्थितियों के गुलाम होते हैं इससे इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन क्या यह सच है कि "मनुष्य खुद ही अपनी परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार होते हैं."  हम यहाँ पर बात करेंगे उन परिस्थितयों पर विजय प्राप्त करने के लिए हमारी इच्छा शक्ति और साहस का.

 जीवन एक संघर्ष है और इसमें हमें कई मोर्चों पर अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है और इसके लिए जरुरी है हम संघर्ष जीतने  के लिए पर्याप्त  इच्छा शक्ति जुटाना और साथ ही विजय के लिए  स्ट्रेटेजी बनाना .

आपकी प्रसन्ता में छिपा  है जीवन की सफलता का रहस्य.... 

 लेकिन याद रखें... आपका संकल्प और इच्छा शक्ति अपनी जगह सही हो सकता है लेकिन उससे भी जरुरी है आपके द्वारा उस कार्य को शुरू करने के हिम्मत का होना क्योंकि आप आधी विजय तो उस समय भी प्राप्त कर लेते हैं जब उसे शुभारम्भ करने का हौसला जुटा लेते हैं. ..

 आप संघर्ष के पथ पर मिलने वाले मुसीबतों के बारे में शुरू में सोचना शुरू करते हैं तो फिर अपने सफलता के सबसे बड़े दुश्मन आप खुद होते हैं...

बदल सकते हैं आपदा को अवसर में…जानें कैसे 

सफर के बीच में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियौं तथा मुसीबतों के बारे में सोच कर आप अपने सफर की सफलता पर खुद संदेह करते हैं...

याद रखें आप सफर में सामान्य रूप से घटने वाले घटनाओं की तैयार तो घर पर कर सकते हैं, लेकिन सफर के दौरा पैदा होने वाले अप्रत्याशित रूप से सामने आने वाली घटनाओं से निबटने के लिए सहायक होंगी आपकी अनुभव, संकल्प शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता और उससे भी जरुरी सही और गलत के बीच  के फर्क करने वाले एनालिटिकल माइंड।

हम काम की अधिकता से नहीं, उसे बोझ समझने से थकते हैं.. बदलें इस माइंडसेट को

 किसी भी योजना के लिए प्लानिंग बनाना और उसे एक्सेक्यूट करना दोनों दो अलग-अलग चीजे हैं और जिसने इन दोनों के बीच सामंजस्य बैठा लिया वह ही सफलता प्राप्त करता है

आपने सुना तो होगा है-"A thought without action is abortion..." तो याद रखें,प्लान को एक्शन लेकर उसपर क्रियान्वयन करना जितना जरुरी है, इससे भी जरुरी है पूरी तैयारी  के साथ उस कार्य को शुरू कर देने की हिम्मत और हौसला का होना.

साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...

Point Of View : क्षमा मांगने से अच्छा है आप अनुशासन को अपनाएं, गलतियों को चेक करें


Point Of View: गलतियों के लिए क्षमा मांगना एक अच्छी आदत तो है इससे इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन अगर हम इन अक्सर होने वाली गलतियों पर नियंत्रण कर लें फिर तो जीवन हीं संवर जाएगी। हालांकि यह इतनी मुश्किल वाली कयावद भी नहीं है जिसे लाइफ में अपनाया नही जा सके। हां, इसके लिए यह जरूरी है कि हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाएं ताकि  इन गलतियों की गुंजाइश ही नहीं रहे।

याद रखे, जीवन में होने वाली गलतियों के लिए क्षमा मांग लेने से हमारा वर्तमान तो आसान होता है, लेकिन यह हमारे आने वाले कल अर्थात भविष्य को कठिन बनाती है। वहीं अगर आप जीवन में अनुशासन को अपनायेंगे तो भले हीं आज आपको कठिन लगे, लेकिन भविष्य अर्थात आपके कल को आसान और अनुकूल बनाएगा।


गौतम बुद्ध की यह कथन अनुशासन की आवश्यकता को साबित करने के लिए काफी है - "व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है; और दूसरा कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका स्वयं पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।"

अनुशासन और अभ्यास से ही हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है।
कहने की जरुरत नहीं है कि अगर हम अपने जीवन को कठोर अनुशासन में जीने की आदत देंगे तो हमारा तमाम जीवन और भविष्य भी  हर प्रकार  की परेशानियों और बीमारियों से दूर रहता है. क्योंकि अनुशासित व्यक्ति समय से अपना काम पूरा करता है साथ ही वह वर्तमान पर विजय प्राप्त करता है जो कि हमारे बेहतर भविष्य की बुनियाद होती है. सच्चाई तो यह है कि अनुशासन एक ऐसी क्रिया है जो कि व्यक्ति के मन, दिमाग और आत्मा को कंट्रोल करने का काम करता है और ऐसे स्थिति में निश्चित ही हम खुद को एक व्यस्थित  जीवन जीने के लिए तैयार होते हैं ।

महात्मा गाँधी के इस कथन को हमेशा याद रखें कि- दबाव से अनुशासन कभी नहीं सीख सकते।

जाहिर है, अगर हम अपने जीवन में कठोर अनुशासन को अपनाएंगे तो आपके जीवन पद्वति में गलती की संभावना नहीं के बराबर होगी क्योंकि आपका जीवन अनुशासित और नैतिकता से परिपूर्ण होगी।

एडगर हूवर की यह कथन आज के सन्दर्भ में कितना प्रासंगिक है- "यदि हर घर में अनुशासन का पालन किया जाये तो युवाओं द्वारा किए जाने वाले अपराधों में 95 % तक कमी आ जाएँगी।”


Point Of View : भगवान राम के व्यक्तित्व में पाएं उदारता,त्याग, निष्ठा, पितृभक्ति, वत्सलता और भी बहुत कुछ

najariya jine ka Lord Rama Life filled with Sacrifice Love

Point Of View: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का चरित्र अपने आप में अतुलनीय है जहाँ माता-पिता,गुरु,पत्नी,बंधु,सेवक,शत्रु-सभी अन्य कई सम्बन्धो की विशालता समाहित है और अनुकरणीय हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामउनके जीवन कथाएं उदाहरण स्वरूप के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। भगवान राम ने अपने जीवन और परिवार में सम्बन्धों के बीच विभिन्न आदर्शों को स्थापित करते हुए एक उदाहरण सेतु प्रस्थान किया है। इन भावनाओं को कुशलता से पालन करने के लिए, निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं:

निष्ठा (Faithfulness): भगवान राम ने अपने पत्नी सीता में निष्ठा और वचनबद्धता दिखाई। वे उनके प्रति पूर्ण समर्पण और सम्मान रखते थे।

त्याग (Sacrifice): भगवान राम ने राज्य के लिए अपनी सुखद और आरामदायक जीवनस्था को त्याग करके वनवास ग्रहण किया। इससे वे अपने परिवार के प्रति कर्तव्यपरायणता का प्रतीक बने।

बंधुत्व (Brotherhood): भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के प्रति गहरी प्रेम और बंधुत्व दिखाया। वे उन्हें सहायता और समर्थन प्रदान करते थे।

शालीन स्नेहभाव (Gentle Affection): भगवान राम ने अपने परिवार और सभी लोगों के प्रति शालीन स्नेहभाव रखा। वे मित्रता, प्यार और सम्मान के साथ सभी के साथ व्यवहार करते थे।

उदारता (Generosity): भगवान राम ने अपनी उदारता का प्रदर्शन किया और अन्य लोगों की मदद करने में आनंद लिया। वे दान और सेवा के माध्यम से समाज के प्रति अपना समर्पण दिखाते थे।

वत्सलता (Parental Love): भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ के प्रति वत्सलता और सम्मान दिखाया। वे उनकी आज्ञाओं का पालन करते थे और पितृभक्ति में प्रमुख थे।

ये उदाहरण भगवान राम के चरित्र में प्रमुख भावों की झलक दिखाते हैं और यह बताते हैं कि उन्होंने अपने सभी सम्बन्धों में उच्च आदर्शों को स्थापित करते हुए अपने सभी कर्तव्यों का पालन किया। इसके अलावा, उनका जीवन और उपदेश धार्मिक साहित्य में महत्वपूर्ण माने जाते हैं और लोगों के बीच सद्भाव, न्याय, और धार्मिक आदर्शों को प्रचारित करते हैं।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती