नजरिया जीने का : बुद्ध दर्शन-सत्य के मार्ग पर चलने वाले को किन दो भूलों से बचना चाहिए

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नजरिया जीने का : गौतम बुद्ध, जिन्हें "शांत" और "ज्ञानोदय" के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, जीवन जीने का एक अनूठा और गहन नजरिया प्रदान करते हैं।गौतम बुद्ध  कहते हैं, अगर आप जीवन में शांति और खुशी चाहते हैं तो कभी भी भूतकाल और भविष्य काल में न उलझें। वह कहते हाँ कि सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य जीवन में दो ही गलतियां कर सकता है- पहला या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता और दूसरा कि वह शुरुआत ही नहीं करता।



बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने जीवन में हमेशा लोगों को अहिंसा और करुणा की शिक्षा दी और आज भी यह सच है कि साथ ही गौतम बुद्ध के विचार और उपदेश हमें जीवन की हकीकत से रूबरू कराते हैं,उनकी शिक्षाएं, जिन्हें "धर्म" कहा जाता है, आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि 2500 साल पहले थीं।

बुद्ध से सीखने के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:

वर्तमान पर ध्यान दें: बुद्ध हमें वर्तमान क्षण में जीने का महत्व सिखाते हैं। अतीत के पछतावे या भविष्य की चिंता में फंसने के बजाय, हमें वर्तमान क्षण की सुंदरता और संभावनाओं को स्वीकार करना चाहिए। भूतकाल पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो। 

अपने विचारों को संभालें: "आपके सबसे बड़े दुश्मन को भी उतना नुकसान नहीं पहुँचा सकता जितना कि आपके अपने असुरक्षित विचार।

करुणा और दया: बुद्ध की शिक्षाओं का केंद्र करुणा और दया है। हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों। घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है जो की एक प्राकृतिक सत्य है.

क्रोध से बचें: गौतम बुद्ध का कहना है कि क्रोध एक दण्ड है साथ  हीं क्रोध एक जहर  और आग है जो तुम्हें जला देगी। उनका कहना है कि क्रोध को हर प्रकार शमन किया जाना जरूरी है अगर जीवन मे शांति कि तलाश है। "किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं."

मन को वश में करें: गौतम बुद्ध  ने कहा है कि जिसने अपने मन को वश में कर लिया उसने शांति को प्राप्त कर लिया। इसके लिए सबसे जरूरी इस बात की  हैं कि  हम अपने मन को अपने वश मे करें जो कि संतोष के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है। 

अपने कार्यों के प्रति जागरूक रहें:  "हम वही हैं जो बार-बार करते हैं। उत्कृष्टता तब एक क्रिया नहीं बल्कि एक आदत बन जाती है।"

खुद को जानो: बुद्ध ने हमें अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के बारे में जागरूक होने का महत्व सिखाया। उनका कहना है ki आत्म-जागरूकता से ही हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं। स्वयं की विजय सबसे बड़ी विजय है। आप चाहें जितनी किताबें पढ़ लें, कितने भी अच्छे प्रवचन सुन लें, उनका कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते.

सीखने की यात्रा पर रहें:  सीखने की कभी समाप्ति नहीं होती और यह जीवन का सतत प्रक्रिया है। उनका  कहना है कि  अज्ञानी व्यक्ति एक बैल के समान है वह ज्ञान में नहीं बल्कि आकार में बढ़ता है।

शांति का मार्ग अपनाएं: शांति अपने आप में नहीं आती है; यह उपलब्धि है जिसे बुद्धि, करुणा और साहस से प्राप्त किया जाना चाहिए। नफरत से नफरत कभी खत्म नहीं हो सकती. नफरत को केवल प्यार द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है. यह एक प्राकृतिक सत्य है.

बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे लागू करें:

  • ध्यान: ध्यान एकाग्रता और आत्म-जागरूकता विकसित करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
  • सचेतता: अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के प्रति सचेत रहने का प्रयास करें।
  • करुणा: दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनें।
  • मध्यम मार्ग: चरम सीमाओं से बचें और संतुलित जीवन जीने का प्रयास करें।
  • नैतिकता: सदाचारी जीवन जीने का प्रयास करें।
  • गौतम बुद्ध की शिक्षाएं हमें एक अधिक शांतिपूर्ण, खुशहाल और सार्थक जीवन जीने में मदद कर सकती हैं।
गौतम बुद्ध Quotes 
  • भविष्य के सपनों में मत खोओ और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो। -गौतम बुद्ध
  • "इस दुनिया में कभी भी घृणा से घृणा शांत नहीं होती, बल्कि प्रेम (अहिंसा) से ही घृणा शांत होती है। यही शाश्वत नियम है।" । - गौतम बुद्ध
  • क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है।
  • अपने विचारों का मालिक बनो, न कि अपने विचारों के गुलाम। - गौतम बुद्ध
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।गौतम बुद्ध
  • घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है। गौतम बुद्ध
  • विवेकी पुरुष विचारों के परिणामों के आधार पर अपने कार्य को निर्णय करता है, और फिर कार्य करता है।-गौतम बुद्ध
  • बुद्धिमान व्यक्ति अपने मन को शांत करता है, जैसे एक झील में पानी को शांत किया जा सकता है, ताकि अन्यत्र मछलियाँ तस्वीरें देख सकें।" - गौतम बुद्ध
  • वहीं जीत है, जो दूसरों को जीतता है।- 
  • किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। -गौतम बुद्ध


Daily GK Update 18 November; इसरो स्पेस सम्मेलन और अन्य


प्रस्तुत हैं नवम्बर 18, 2025 को घटित सामान्य ज्ञान की एक झलक-
भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए बहुविषयक अनुसंधान, तकनीकी विकास और संस्थागत सहयोग को एकसाथ लाने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने संयुक्त रूप से बेंगलुरु में सीएआईआर–इसरो स्पेस सम्मेलन 2025 का आयोजन किया।

  • इस अवसर पर ईएसए अंतरिक्ष यात्री (नासा एसटीएस-66, एसटीएस-84, एसटीएस-103) श्री जीन-फ्रैंकोइस क्लेरवॉय का विशेष वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान में वैश्विक सहयोग एवं साझा वैज्ञानिक सीख की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  • इसरो अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बी. नायर ने अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण सिमुलेशन, परिचालन तत्परता पर अपने अनुभव साझा किए। 
  • भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 के सोयुज मिशन की यादें साझा करते हुए एनएएल के दीर्घकालिक योगदान को सराहा।
  •  दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने कहा कि भारत का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम शांतिपूर्ण अन्वेषण और मानव-केन्द्रित अनुसंधान पर आधारित है।

भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता 

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रस्तावित भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के संदर्भ में में न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस अवसर पर  मंत्रियों ने वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार से संबंधित प्रमुख विषयों के बारे में सहमति कायम करने की दिशा में बढ़ने पर ध्यान केंद्रित किया
  • वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 49 प्रतिशत की मज़बूत वृद्धि दर्शाते हुए 1.3 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया। 
  • मुक्त व्यापार समझौते में सेवाओं, नवाचार और प्रौद्योगिकी सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संभावनाओं का पता लगाने की क्षमता है। 
  • न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले हैं।

Daily Current Affairs Quiz Nov 15, 2025: Complete GK Dose


हमारे आस-पास घटना वाली यह घटनााओं का किसी भी क्षेत्र से हो सकता हैं जैसे-जेनरल साइंस, इतिहास, राजनीति, खेल, इतिहास, कला, एस्ट्रोलॉजी, अध्यात्म, धर्म, साहित्य, सामान्य विज्ञान, भूगोल,  चिकित्सा, बायोलॉजी, खेल, फिल्म, फैशन, वित्त, टेक्नोलॉजी आदि वह विषय है जिन पर हमारी नजर का होना जरुरी है क्योंकि विषयों से सम्बंधित जानकारी की अपेक्षा हर बुद्धिमान व्यक्ति से किया जाता है. 
प्रस्तुत हैं नवम्बर 15 को घटित सामान्य ज्ञान की एक झलक-

अभ्यास गरुड़ 25

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) तथा फ्रांस के के वायु एवं अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के साथ द्विपक्षीय वायु अभ्यास 'गरुड़ 25' के आठवें संस्करण का आयोजन । 

  • तिथि-16 से 27 नवंबर, 2025 
  • स्थान-फ्रांस के मोंट-डे-मार्सन में 

 ऋषभ पंत 

  • भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत टेस्ट में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। 
  • ऐसा करते हुए उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को पीछा छोड़ दिया है जिन्होंने 103 टेस्ट मुकाबलों में 90 छक्के लगाये थे. 
  • ऋषभ पंत ने टेस्ट करियर के 48 मुकाबलों में अब तक 92 छक्के लगाए हैं। 
  • 1. ऋषभ पंत-92 छक्के
  • 2. वीरेंद्र सहवाग-90 छक्के
  • 3.  रोहित शर्मा-88 छक्के
  • 4. रवींद्र जडेजा-80 छक्के
  • 5. महेंद्र सिंह धोनी -78 छक्के

नागालैंड

  • नागालैंड टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (एनटीटीसी) में कौशल विकास के लिए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। 
  • नागालैंड को एसएएससीआई आवंटन 3 सेक्टर से बढ़कर 2024-25 में 9 सेक्टर तक हो गया है।

दुबई एयर शो 2025: Facts in Brief


संयुक्त अरब अमीरात में 17–18 नवंबर, 2025 को आयोजित किया जायेगा। रक्षा राज्य मंत्री (आरआरएम) श्री संजय सेठ संयुक्त अरब अमीरात में 17–18 नवंबर, 2025 को आयोजित होने वाले दुबई एयर शो 2025 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

  • दुबई एयर शो एक द्विवार्षिक वैश्विक आयोजन है.
  • जिसमें 150 देशों के 1,500 से अधिक प्रदर्शक और 1,48,000 से अधिक औद्योगिक पेशेवर भाग लेते हैं।
  • इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में बॉम्बार्डियर, डसॉल्ट एविएशन, एम्ब्रेयर, थेल्स, एयरबस, लॉकहीड मार्टिन और कैलिडस जैसी अग्रणी अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस कंपनियाँ अपने उत्पादों एवं तकनीकों का प्रदर्शन करती हैं।

मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर: Facts in Brief


यह भारत की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है और देश के हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के युग में प्रवेश का प्रतीक है। बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने पर, मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा के समय को लगभग दो घंटे तक कम कर देगी.

  • एमएएचएसआर लगभग 508 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 352 किलोमीटर गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में शामिल है। 
  • यह कॉरिडोर साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोईसर, विरार, ठाणे और मुंबई सहित प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।
  • इस परियोजना में 465 किलोमीटर (मार्ग का लगभग 85 प्रतिशत) पुलों पर बना है, 
  • अब तक 326 किलोमीटर पुल निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और 25 में से 17 नदी पुलों का निर्माण हो चुका है।
  • सूरत-बिलिमोरा खंड, लगभग 47 किलोमीटर लंबा है और यह निर्माण कार्य के अंतिम चरण में है
  • सूरत स्टेशन का डिज़ाइन शहर के विश्व प्रसिद्ध हीरा उद्योग से प्रेरित है

तंपारा झील ओडिशा: पक्षियों की 60, मछलियों की 46 और फाइटोप्लांकटन की 48 प्रजातियों से पूर्ण, जाने खासियत

Tampara Lake freshwater lakes Odisha Facts In Brief

तंपारा झील, ओडिशा  राज्य के गंजाम जिले में स्थित एक खूबसूरत और शांत जलाशय है जो वहाँ के  प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। तंपारा झील एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप मे विख्यात है और अपनी सुंदरता के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। पर्यटक यहाँ बोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि झील के आसपास कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जो इसे बर्ड वॉचिंग के लिए एक बेहतरीन स्थान बनाते हैं।तम्पारा झील पक्षी प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है क्योंकि यहां प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।

यह झील पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफरों और उन सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है जो शांति और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं। यहां का शांत वातावरण और सुंदर परिदृश्य मन को शांति और सुकून प्रदान करते हैं।
तंपारा झील एक मीठे पानी की झील है जो लगभग 300 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है. यह ओडिशा राज्य की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है जो राज्य की खूबसूरत झीलों मे से एक है। यह आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है।

 यह रुशिकुल्या नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है जो एक प्राकृतिक स्थल होने के साथ ही यह महत्वपूर्ण पक्षी विहार और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैतंपारा झील एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार है और यहां पर कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं. यह झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है और यहां पर लोग तैराकी, बोटिंग और मछली पकड़ने का आनंद लेते हैं. झील के किनारे पर कई होटल और रेस्तरां हैं, जहां पर लोग भोजन और आराम कर सकते हैं.

तंपारा झील: 
भारत में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश में 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं। रामसर स्थलों के रूप में नामित 11 आर्द्रभूमियों में से  ओडिशा स्थित तंपारा झील भी शामिल है. 

तंपारा झील: Facts in Brief 

तंपारा झील गंजम जिले में स्थित ओडिशा राज्य की सबसे प्रमुख मीठे पानी की झीलों में से एक है। यहां की भूमि का क्षेत्र धीरे-धीरे वर्षा जल के प्रवाह से भर गया और इसे अंग्रेजों द्वारा "टैम्प" कहा गया और बाद में स्थानीय लोगों द्वारा इसे "तंपारा" कहा गया।

आर्द्रभूमि पक्षियों की कम से कम 60 प्रजातियों, मछलियों की 46 प्रजातियों, फाइटोप्लांकटन की कम से कम 48 प्रजातियों और स्थलीय पौधों और मैक्रोफाइट्स की सात से अधिक प्रजातियों का पालन करती है। 

तंपारा झील एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार है. यहां पर कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सारस
  • बगुला
  • हंस
  • कबूतर
  • तोता
  • मैना
  • कोयल
  • मोर
  • चकवा
  • बतख

आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है। प्रति वर्ष 12 टन की अनुमानित औसत मछली उपज के साथ, आर्द्रभूमि स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

 यह आर्द्रभूमि मछलियों के साथ-साथ कृषि और घरेलू उपयोग के लिए पानी जैसे प्रावधान की सेवाएं भी उपलब्‍ध कराती है और यह एक प्रसिद्ध पर्यटन और मनोरंजन स्थल भी है।

तम्पारा  झील: जाने क्या है खासियत? 

तम्पारा  एक मीठे पानी की झील है जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  5 के निकट (छत्रपुर से) सुंदर में स्थित है. तंपारा झील की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके  किनारे पर हल्की लहरें उठती हैं और या वाटर सम्बंधित गतिविधियों के लिए शानदार डेस्टिनेशन है,तट के किनारे स्थित काजू के बागानों से होकर बंगाल की खाड़ी के अविर्जिन समुद्र तट तक जाने वाली रोमांचक यात्रा का आनंद भी आप उठा सकते हैं.

चित्रांगुडी अभ्यारण्य 

FAQ

पर्यटकों के लिए तम्पारा पहुँचने के लिए किस प्रकार के मार्ग उपलब्ध है?

हवाई जहाज

अगर आप हवाईजहाज से जाना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है.

 ट्रेन से

अगर आप ट्रेन से तम्पारा पहुंचना चाहते हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन छत्रपुर है. 

सड़क द्वारा 

यह झील ओडिशा के छत्रपुर शहर के पास स्थित है और राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-16) से आसानी से पहुँचा जा सकता है। अगर आप सड़क द्वारा जाना चाहते हैं तो सड़क मार्ग से यह छत्रपुर से 4 किमी दूर है. 

नजरिया जीने का : सोशल मीडिया के सैलाब में अपनी रिश्तों की नाव न डुबोएं

Point of View : सोशल मीडिया के दौर मे दुनिया जुड़ें, लेकिन अपनी जड़ों से कटकर नहीं

नजरिया जीने का : आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया के बगैर हमारे रोज के जिंदगी कि कल्पना भी मुश्किल हो चुकी है। सच तो यह है कि आज सोशल मीडिया हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, यह बात और है कि सकारात्मक प्रभाव के तुलना मे नकारात्मक दुष्प्रभावों से हमें दो चार होना मजबूरी हो चुका है। आज भले हीं हम सोशल मीडिया के माध्यम से खुद को कान्टैक्ट मे रखने और रहने मे हम खुद को सफल मानने की खुशफहमी पाल बैठे हों, लेकिन सच यह है कि हम इसके दुष्प्रभाव जैसे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, नींद में व्यवधान,ध्यान की कमी और पढ़ाई में बाधा के साथ सामाजिक अलगाव और शारीरिक गतिविधियों में कमी जैसे परेशानियों ने हमारी रोज के जीवन को नरक जैसा बना रहा है। 


कहने की जरूरत नहीं है कि आज के समय मे सोशल मीडिया कई मायनों में एक शक्तिशाली उपकरण है और इसके बगैर हमारी दुनिया की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सोशल मीडिया ने दुनिया को नया आयाम दिया है और सच्चाई तो यह है कि  ऐसी दुनिया की कल्पना करना भी कठिन है जहाँ इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर मौजूद न हों और हमारे फैन और फालोअर की संख्या पर भी हमारी प्रसिद्धि और स्टैटस जानी जाती है। 


याद रखें कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन और लाइफस्टाइल ब्लॉगर्स को दिखाने और दोस्तों से जुड़ने के लिए ही नहीं है बल्कि आज हमारी युवा पीढ़ी का पूरा करियर भी इन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित है और और अपडेट रखने का माध्यम भी। 

सच्चाई तो यह है कि सोशल मीडिया के इस युग मे हम चाहे दुनिया से भले हीं कनेक्ट हो गए हैं, लेकिन अपने माता-पिता और भाई बहन से काफी दूर हो गए हैं जो की प्रसन्नता और खुशी के लिए सबसे प्रभावी  और सस्ता श्रोत हैं। 
आज के दौड़ मे जहां लोगों को अपने जीवन मे भागदौड़ और जीने की जद्दोजहद मे तनाव और मानसिक थकान आम बात हो चुकी है, खुशी और प्रसन्नता को निश्चय ही व्यापक और विश्व स्तर पर मनाए जाने की जरूरत है। यह दिन जीवन में खुशी के महत्व को पहचानने और दुनिया भर के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने का एक अवसर है जिसका इस्तेमाल हमें अपने बीते हुए कल से अच्छा और आने वाले कल को बेहतर मनाने का मौका जरूर मिलता है। 

देखें विडिओ: सोशल मीडिया का सकारात्मक तरीके से उपयोग कैसे करें

हालाँकि, हाल ही में लोगों ने सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध भी स्थापित किए हैं, खासकर युवा लोगों में। ऐसे समय में, जब स्क्रीन और  सोशल मीडिया पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है और व्यतीत किया हुआ समय बढ़ रहा है,  यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम सोशल मीडिया का उपयोग सकारात्मक और जिम्मेदारी से करें और अपनों से कटकर नहीं रहने क्योंकि उनके बगैर हमारी आज  और कल की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। 

दुनिया  से जुड़े पर अपनों से दूर 

आज के दौर मे जहां हम सोशल मीडिया और मोबाईल फोन जैसे अत्याधुनिक संसाधनों के साथ रहते हुए भी खुशी और अपने लोगों के प्रेम को भूल चुके हैं, अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस हमें याद दिलाता है कि खुशी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें हर दिन खुशी के क्षणों को खोजने और उन्हें संजोने का प्रयास करना चाहिए। सच्चाई तो यह है कि सोशल मीडिया के इस युग मे हम चाहे दुनिया से भले हीं कनेक्ट हो गए हैं, लेकिन अपने माता-पिता और भाई बहन से काफी दूर हो गए हैं जो की प्रसन्नता और खुशी के लिए सबसे प्रभावी  और सस्ता श्रोत हैं। 

हेनरी डेविड थोरो ने जीवन के लिए खुशी को लेकर  व्याख्या करते हुए क्या खूब कहा है कि  "खुशी एक तितली की तरह है, जिसे आप जितना अधिक पीछा करते हैं, वह उतनी ही दूर रहेगी, लेकिन अगर आप अपना ध्यान दूसरी चीजों पर केंद्रित करते हैं, तो यह आएगी और धीरे से आपके कंधे पर बैठ जाएगी।" 

अक्सर हम कहते हैं की "संतोषम परम सुखम" लेकिन खुद पर जब इसका प्रयोग करना होता है तो हम भूल सा जाते हैं।  इस संदर्भ मे अज्ञात के इस कथन को हमेशा याद रखें-"खुशी का रहस्य यह नहीं है कि हमेशा अधिक पाने की कोशिश करें, बल्कि जो आपके पास है उसका आनंद लेना है।" 

नकारात्मक पहलुओं ने हमेशा से लोगों के खुशी को उनसे छीना है और इसके लिए यह जरूरी था की लोगों के बीच सकरात्मकता फैलाई जाए। यह दिन सकारात्मकता और आशावाद को बढ़ावा देता है, जो व्यक्तियों और समुदायों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

वैश्विक कल्याण को बढ़ावा देना भी प्रमुख उदेश्य है ताकि इसके माध्यम से दुनिया भर के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डालकर उनके जीवन में अच्छाई और उजाले को शामिल किया जाए। 

खुशी के संदर्भ मे राल्फ वाल्डो इमर्सन की उस उक्ति को अवश्य याद रखें जिसमें उन्होंने कहा है कि -"खुशी कोई मंजिल नहीं है, यह एक यात्रा है।" जीवन मे प्रसन्नता और खुशी को लेकर महात्मा  गांधी का यह कथन लाजवाब और सटीक है कि -"खुशी वह है जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, वह सामंजस्य में होता है" 

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What Are Google Doodles?: जानिए इसका इतिहास, उद्देश्य और चुनने के पीछे की दिलचस्प सोच

गूगल डूडल वास्तव में  गूगल द्वारा किये गए अपने लोगो में सहज और मनमोहक बदलाव का स्वरुप है जो छुट्टियों और वर्षगाँठों से लेकर संस्कृति को प्रभावित करने वाले अग्रणी व्यक्तियों तक, कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों का जश्न को मनाने के एक रूप है. 

गूगल डूडल का उद्देश्य, गूगल लोगो को रचनात्मक, प्रायः इंटरैक्टिव या शैक्षणिक डिजाइनों के साथ अस्थायी रूप से परिवर्तित करके छुट्टियों, घटनाओं और उपलब्धियों का जश्न मनाना है.

प्रकाश संश्लेषण:  14 November, 2025

यह डूडल प्रकाश संश्लेषण का जश्न मनाता है, वह प्रक्रिया जिसमें पौधे प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज जैसे कार्बनिक अणुओं में बदलते हैं। फिर ऑक्सीजन एक उपोत्पाद के रूप में मुक्त होती है। यह प्राकृतिक घटना पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, जिससे कई जीवित जीव सांस ले पाते हैं।

द्विघात समीकरण सीखना : 12 November, 2025

इस बैक टू स्कूल डूडल में द्विघात समीकरण को दर्शाया गया है, जो एक गणितीय वस्तु है और भौतिकी, इंजीनियरिंग, व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में इसके कई उपयोगी अनुप्रयोग हैं। द्विघात समीकरण का उपयोग भौतिकी में वास्तविक दुनिया की गति की गणना के लिए किया जाता है। अगर आपने कभी बास्केटबॉल को हूप की ओर झुकते हुए देखा है, तो आपने द्विघात समीकरण को क्रियान्वित होते देखा होगा।

इडली का जश्न: 11 अक्टूबर, 2025

11 अक्टूबर, 2025 को, गूगल ने इडली का जश्न मनाते हुए इडली डूडल लॉन्च किया है, जिसे 11 अक्टूबर, 2025 को गूगल के प्रभावशाली डूडल के रूप में प्रदर्शित किया गया है। इडली निस्संदेह इस दक्षिणी राज्य के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और स्वादिष्ट व्यंजनों का एक विशेष हिस्सा है।इस खास मौके पर गूगल ने इडली का जश्न मनाते हुए एक खास प्रभावशाली डूडल बनाया है।


गूगल डूडल: इडली का जश्न




गौरतलब है कि दक्षिणी खाद्य एवं पेय संग्रहालय हर साल 11 अक्टूबर को दक्षिणी खाद्य विरासत दिवस मनाता है!



इडली निस्संदेह इस दक्षिणी राज्य के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और स्वादिष्ट व्यंजनों का एक विशेष हिस्सा है। यह दुनिया भर के विविध लोगों का संगम और एकीकरण है, जिनमें से प्रत्येक अपनी सामग्री और विशेषज्ञता का योगदान देकर एक अनूठा व्यंजन तैयार करता है।




गूगल के 27वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में, गूगल ने अपने पुराने डूडल को अपने अतीत को याद करने और सम्मान देने के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया।
गूगल डूडल, होमपेज पर दिखाई देने वाले मूल लोगो का एक अस्थायी कलात्मक संशोधन होता है। गूगल हमेशा अपने डूडल के माध्यम से विशेष अवसरों का सम्मान करने की कोशिश करता है, जो स्पष्ट रूप से दुनिया भर के लोगों तक पहुँचने और उनके साथ खुशियाँ बाँटने के तरीके खोजने की गूगल की क्षमता को दर्शाता है। डूडल सांस्कृतिक महत्व के आयोजनों, जैसे त्योहारों, छुट्टियों, प्रसिद्ध हस्तियों या वर्षगाँठों का जश्न मनाने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।

गूगल डूडल की आखिर जरुरत क्या है?

गूगल डूडल का उद्देश्य, गूगल लोगो को रचनात्मक, प्रायः इंटरैक्टिव या शैक्षणिक डिजाइनों के साथ अस्थायी रूप से परिवर्तित करके छुट्टियों, घटनाओं और उपलब्धियों का जश्न मनाना है. डूडल के माध्यम से गूगल अपने साइट पर विजिट करने वाले लोगों और विजिटर को  प्रसन्नता के क्षण प्रदान करके जिज्ञासा, सांस्कृतिक प्रशंसा और उपयोगकर्ता सहभागिता को बढ़ावा देता है.  इसके अतिरिक्त इसका प्रमुख उद्देश्य दुनिये के लोगों को अन्य देशों  की कहानियों, छुट्टियों, घटनाओं और उपलब्धियों को महत्वपूर्ण हस्तियों से जोड़ना है।

गूगल के अनुसार, जब संस्थापक लैरी और सर्गेई छुट्टियों पर गए थे, तब पहला डूडल एक तरह के "आउट ऑफ ऑफिस" संदेश के रूप में लॉन्च किया गया था।

पहला डूडल 1998 में लोगों को यह बताने के लिए प्रकाशित किया गया था कि वे छुट्टियों पर जा रहे हैं। पहला अंतर्राष्ट्रीय डूडल 2000 में फ्रांस में बैस्टिल दिवस मनाने के लिए लॉन्च किया गया था।

गूगल डूडल क्या है?

गूगल डूडल, गूगल लोगो में किए गए सहज और मनमोहक बदलाव हैं। ये छुट्टियों और वर्षगाँठों से लेकर संस्कृति को प्रभावित करने वाले अग्रणी व्यक्तियों तक, कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों का जश्न मनाते हैं। डूडल कई तरह के फ़ॉर्मैट में उपलब्ध हैं, जिनमें स्थिर चित्र, एनिमेशन, स्लाइडशो, वीडियो और इंटरैक्टिव गेम शामिल हैं। अपने 25 सालों के इतिहास में, डूडल Google Search का एक पसंदीदा हिस्सा बन गए हैं।

AI-संचालित डूडल

डूडल टीम ने Google Magenta और Google PAIR टीमों के साथ मिलकर जोहान सेबेस्टियन बाख को समर्पित पहला AI-संचालित डूडल बनाया। खिलाड़ियों को सबसे पहले अपनी पसंद का एक दो-मात्रा वाला राग बनाने के लिए कहा जाता है। एक बटन दबाने पर, डूडल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके उनके कस्टम राग को बाख की विशिष्ट संगीत शैली में ढाल देता है।














डूडल का विचार कैसे आया?

1998 में, Google के सह-संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन नेवादा में होने वाले वार्षिक बर्निंग मैन उत्सव में शामिल होने के लिए कुछ दिनों के लिए ऑफिस से छुट्टी लेने की योजना बना रहे थे। हालाँकि, उन्हें Google उपयोगकर्ताओं को यह बताने का एक सरल और स्पष्ट तरीका चाहिए था कि अगर उनके अनुपस्थित रहने के दौरान कोई पूछताछ आती है, तो वे मौजूद नहीं होंगे।

उन्होंने "आउट ऑफ़ ऑफिस" संदेश के लिए एक अपरंपरागत तरीका अपनाने का फैसला किया और गूगल होमपेज लोगो के दूसरे "O" को बर्निंग मैन लोगो से बदल दिया—और इस तरह पहला गूगल डूडल तैयार हुआ! यह पहला डूडल गूगल के आधिकारिक रूप से एक कंपनी के रूप में शामिल होने से एक हफ्ते से भी कम समय पहले लॉन्च किया गया था। इसलिए हम कहते हैं कि गूगल डूडल, गूगल इंक. से भी पुराने हैं!


डूडल के विषय कैसे चुने जाते हैं?

डूडल टीम को हर साल आंतरिक गूगलर्स और आम जनता, दोनों से हज़ारों वैश्विक विचार प्राप्त होते हैं। डूडल के कुछ सिद्धांतों के अनुसार, गूगलर्स की एक समिति कई महीनों तक हर साल यह तय करने के लिए एकत्रित होती है कि अगले कैलेंडर वर्ष में हम किन विषयों पर डूडल करेंगे। सावधानीपूर्वक शोध, सांस्कृतिक सलाहकारों, स्थानीय विशेषज्ञों और अन्य लोगों के साथ चर्चा के माध्यम से, समिति दुनिया भर के कई दिलचस्प विषयों का जश्न मनाने वाले सैकड़ों डूडल की एक वार्षिक सूची तैयार करती है।

(स्रोत: सभी चित्र/सामग्री क्रेडिट: गूगल)

तमिलनाडु का चित्रांगुडी अभ्यारण्य: पक्षीप्रेमियों के लिए एक छिपा खज़ाना- Facts In Brief

Chitrangudi Bird Sanctuary Facts in Brief

चित्रांगुडी पक्षी अभ्‍यारण्य, जिसे स्थानीय रूप से "चित्रांगुडी कनमोली" के नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह रामेश्वरम और मन्नार की खाड़ी के करीब स्थित है, जो इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार स्थल बनाता है। यह अभ्यारण्य पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है जो पक्षियों और प्रकृति की तस्वीरें लेने वालों के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यह अभ्यारण्य जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थल है।

 यह आर्द्रभूमि 1989 से एक संरक्षित क्षेत्र है और इसे पक्षी अभ्‍यारण्य के रूप में घोषित किया गया है, जो तमिलनाडु वन विभाग, रामनाथपुरम डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है। 

चित्रांगुडी पक्षी अभ्‍यारण्य शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास है। स्‍थल से 30 परिवारों के लगभग 50 पक्षियों के उपस्थित होने की जानकारी मिली है। इनमें से 47 जल पक्षी और 3 स्थलीय पक्षी हैं। 

इस स्‍थल क्षेत्र से स्पॉट-बिल्ड पेलिकन, लिटिल एग्रेट, ग्रे हेरॉन, लार्ज एग्रेट, ओपन बिल स्टॉर्क, पर्पल और पोंड हेरॉन जैसे उल्लेखनीय जलपक्षी देखे गए।

पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियाँ

  • जलपक्षी: ग्रे पेलिकन, लिटिल कॉर्मोरेंट, स्पूनबिल, एग्रेट, पेंटेड स्टॉर्क।
  • प्रवासी पक्षी: फ्लेमिंगो, ग्रे हेरॉन, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट, सैंडपाइपर।
  • स्थानीय पक्षी: भारतीय बगुला, किंगफिशर, टर्न आदि।

 चित्रांगुडी कृषि क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जहां साल भर विभिन्न फसलें उगाई जाती हैं। आर्द्रभूमि कई मछलियों, उभयचरों, मोलस्क, जलीय कीड़ों और उनके लार्वा का भी पालन करती है यह प्रवासी जलपक्षियों के लिए अच्छे भोजन स्रोत बनाते हैं। कृषि उद्देश्यों के लिए आर्द्रभूमि के आसपास और भीतर सिंचाई के लिए भूजल निकाला जाता है।

लखनऊ को मिला यूनेस्को की 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का ख़िताब: मुस्कराइए की आप लखनऊ में हैं


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जो खास तौर पर अपने ऐतिहासिक भव्यता या मुशायरे-शायरी के लिए जाना जाता है, अब इसके साथ  एक और भी खास नाम  जुड़ गया है.  जी हाँ, यूनेस्को (UNESCO) ने लखनऊ को “क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” के तौर पर मान्यता दी है।  

 लखनऊ के साथ वैसे जो कई  टैग जुड़े हुए हैं मसलन  "मुस्कराइए की आप लखनऊ में हैं, " इसके साथ हीं यह ऐसा शहर है  जिसकी गली-मोहल्लों में महफूज़-नवाबी तहज़ीब के साथ स्वादों की दुनिया पलती आई है। अपने नवाबों की शानों शौकत के साथ हीं नवाबी   उसके व्यंजन-कलाओं और खान-पान-संस्कृति के लिए भी विश्वस्तर पर पहचान बना चूका  है।

UNESCO की Creative Cities Network के तहत 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' में मिलने वाले ख़िताब से न केवल भोजन-संस्कृति को और उसके  स्वाद-साधना से हैं, सच्चाई  यह है कि इस ख़िताब  मिलने के बाद अब  इस ऐतिहासिक शहर के  सामाजिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास के भी नए माध्यम बनेंगे और  अध्याय जुड़ेंगे। यूनेस्को  द्वारा  लखनऊ का मिले इस ख़िताब से न केवल खाने एवं पिने के  व्यंजनों को नया आयाम देगा बल्कि स्थानीय खान-पान उद्यमियों, स्ट्रीट-वेंडर्स, पारंपरिक व्यंजन-करने वालों को भी सहयोग मिलेगा और अब  विश्व स्तर पर इसे ले जाने में सहायता प्राप्त होगा ।

43वीं  जनरल कॉन्फ्रेंस समरकंद में हुई घोषणा 

इससे सम्बंधित उक्त घोषणा उज्बेकिस्तान के समरकंद में 43वीं यूनेस्को की एंब्राचमेंट जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस का 43वां सत्र प्राचीन शहर समरकंद में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुआ था.   

यह 40 वर्षों में पहली बार है कि सम्मेलन पेरिस में संगठन के मुख्यालय के बाहर आयोजित किया जा रहा है।


जानें क्या होता है कबाब व खानदान-खाना

लखनऊ में वैसे तो नवाबी कबाब और शानो शौकत वाले कबाब प्रसिद्ध है, लेकिन गलौटी कबाब, तुंदे कबाब आदि इतनी प्रसिद्ध हैं कि इनका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। 

जानें क्या होता है बिरयानी व धीमी आग-विधि

औध बिरयानी में चावल-मांस की सुगंध, मसालों का संतुलन और धीमी आंच पर “दम” पकाने की कला है।

जानें क्या होता है मिठाइयाँ व स्ट्रीट-फूड

मलाई मालाई, कुल्फी-फालूदा के साथ-साथ तोकरी चाट जैसे स्ट्रीट-वेंडर्स का स्वाद शहर की जान हैं।

जानें क्या होता है विविधता और समावेशिता सामंजस्य 

नवाबों के शहर लखनऊ सिर्फ मांसाहारी व्यंजनों के लिए नहीं बल्कि शाकाहारी-मिठाई-स्ट्रीट-खाना के लिए भी प्रसिद्ध है और अपने खास पकवान के लिए जाना  जाता है. 

अवार्ड मिलने के क्या हैं मायने 

लखनऊ को मिले इस सम्मान से आगे के  रास्ते खुले  हैं,लेकिन चुनौतियाँ भी सामने होंगी.  अब शहर और उसे  मुकाम तक लाने वाले  लोगों और उद्योगों को अलग तरह की जिम्मेदारियों से दो-चार होना पड़ेगा.  परंपरागत व्यंजनों को आधुनिकता के बीच मिलने वाले चैलेंज  और पुरानी  खाद्य-पर्यटन , पर्यावरण-सतर्कता, स्थानीय उत्पादन, खाद्य-अपव्यय की समस्या आदि को भी विश्व के दूसरे स्थानों पर ले जाना होगा. UNESCO द्वारा दिए गए इस ख़िताब से अब शहर को यह जिम्मेदारी भी निभाना  कि  जन-पोषण, स्थिरता और पारंपरिक ज्ञान को भी बढ़ावा मिले और इस सम्मान को मेन्टेन रखा  जा सके. . 

Idiom Hot Potato: जाने क्या होता है अर्थ, कैसे बनाएं वाक्य

Idioms Hot Potato meaning use

"हॉट पोटैटो" एक इडियम है, जिसका इस्तेमाल किसी ऐसी चीज़ के लिए किया जाता है, जिसे कोई नहीं चाहता है. यह अक्सर ऐसे मुद्दों या स्थितियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है,  "हॉट पोटैटो" एक बहुत ही आम इडियम है, जिसका इस्तेमाल कई तरह के संदर्भों में किया जा सकता है. यह एक ऐसा इडियम है, जिसे हर कोई समझता है और इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है.

The phrase' a hot potato' can be understand as a delicate subject which people have different opinions and feel very emotional about. 

Example of use:  We should never ask about anyone's marital status. it can be a hot potato.

जानें Enquiry और Inquiry शब्द के प्रयोग में अंतर

एक मुद्दा या प्रश्न जिसके बारे में लोगों की अलग-अलग राय है और बहुत दृढ़ता से महसूस करते हैं.   आप कह सकते हैं कि  विवादास्पद या जोखिम भरे होते हैं.एक समस्या या स्थिति जिससे निपटना कठिन है और बहुत अधिक असहमति का कारण बनती है

उदाहरण के लिए, अगर कोई पार्टी में किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बातचीत करना नहीं चाहता है, जिससे वह सहज नहीं महसूस करता है, तो वह कह सकता है कि वह "हॉट पोटैटो" से बच रहा है. या, अगर कोई कंपनी किसी ऐसे प्रोजेक्ट को नहीं लेना चाहती है, जो बहुत जोखिम भरा है, तो वह कह सकती है कि वह "हॉट पोटैटो" को नहीं पकड़ना चाहती है.

"हॉट पोटैटो" का इस्तेमाल अक्सर बच्चों के खेल में भी किया जाता है, जिसमें बच्चे एक-दूसरे को एक गर्म आलू पास करते हैं. जो बच्चा आलू पास करने से बचता है, वह खेल से बाहर हो जाता है. यह खेल लोगों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

Here are some examples of how to use the idiom "hot potato":

  • The abortion issue is a hot potato in American politics.
  • The company is trying to avoid taking on any more hot potatoes.
  • The teacher dropped the hot potato of discipline to the principal.
  • The two friends passed the hot potato of who would pay the bill back and forth.



Idiom Catch 22: जाने क्या होता है अर्थ, कैसे बनाएं वाक्य


"Catch-22" अंग्रेजी का एक प्रसिद्ध मुहावरा है जिसका मतलब किसी ऐसी जटिल परिस्थिति से होता है जिसमें इंसान के लिए विपरित हालत से होता है. अक्सर ऐसा होता है जहां इंसान इस प्रकार के परिस्थितियों से घिर जाता है, जहां से निकलना मुश्किल होता है.

जहां तक इस शब्द के उत्पति का सवाल है, यह शब्द अमेरिकी लेखक Joseph Heller के प्रसिद्ध उपन्यास Catch-22 (1961) से आया है। ऐसा कहा जाता है कि इस किताब में सैनिकों की ऐसी हालत और परिस्थितियों का वर्णन किया गया है जिसमें वे युद्ध के हालात से ऊब चुके हैं और विराम चाहते हैं लेकिन उनके लिए छुटी का मिलना संभव नहीं हो पाता. जाहिर है, युद्ध की विभीषिका से थक कर वो घर तो जाना चाहते हैं लेकिन हालात उन्होंने इजाजत नहीं देतें है.

Example 

The present scenario is nothing but a Catch 22 situation for both ruling and opposition parties.

Gen Z कौन हैं? जानें इतिहास, भविष्य और कैसे अलग हैं Gen Alpha, Gen Y से

Gen Z कौन हैं? जानें इतिहास, भविष्य और कैसे अलग हैं और Gen Alpha, Gen Y के बारे में

पिछले दिनों नेपाल में जिस प्रकार से रातों रात सत्ता का परिवर्तन हुआ और देखते हीं देखते प्रधान मंत्री और अन्य मंत्रियों को अपनी जान के लाले पड़ गए, पूरी दुनिया ने देखा। कहने की जरूरत नहीं कि इस पुरे आंदोलन में एक नाम जिसका चर्चा हुआ वह है Gen Z. नेपाल में राजनीतिक हालात इतने भी बुरे नहीं थे कि देश को इतना बड़ा परिवर्तन देखना पड़ता. हालाँकि Gen Z कोई नया शब्द नहीं है जिससे हम सभी अननोन हैं, हाँ, इतना तो तय है कि नेपाल के सस्ता परिवर्तन के बाद Gen Z  के प्रति लोगों में खास आकर्षण बढ़ गई. तो आइये जानते हैं कि Gen Z कौन हैं जिन्होंने रातों रात एक शांतिप्रिय देश में क्रांति का सूत्रपात कर सत्ता परिवर्तन का माध्यम बन गए. 

 Gen Z   यानी Generation Z वे लोग हैं जो युवा हैं और अत्याधुनिक और इन्नोवेटिव आइडिया से युक्त हैं. हालाँकि इस सम्बन्ध के कोई ठोस नियम और पीरियड कहीं लिखित नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसी  मान्यता है कि  Gen Z वह युवा हैं जिनका जन्म लगभग 1997 से 2012 के बीच हुआ है। यह पीढ़ी Millennials (1981-1996) के बाद आती है और Gen Alpha (2013 के बाद जन्मे बच्चे) से पहले की है। 

आप कह सकते हैं कि आज Gen Z वह पीढ़ी है जो कॉलेज, करियर और टेक्नोलॉजी की दौड़ में अत्याधुनिक इन्नोवेटिव आइडिया से युक्त हैं और न केवल अपने करियर बल्कि देश और समाज में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। Gen Z केवल एक पीढ़ी नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा है। इनकी सोच तेज़, इनकी लाइफस्टाइल डिजिटल और इनकी दुनिया ग्लोबल है। यही कारण है कि आने वाले समय में Gen Z समाज, टेक्नोलॉजी और इकॉनमी की असली ड्राइविंग फोर्स होगी।

Gen Z की सोच और जीवनशैली

जाहिर है कि आज का युवा वर्ग अपनी विशिष्ठ सोच और दिशा निर्धारण में ज्यादा एक्टिव है और इसके लिए इनके पास अत्याधुनिक संसाधन और टेक्नोलॉजी भी है. आखिर इन अत्याधुनिक जीवन शैली को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स के बगैर अलग जनरेशन की कल्पना की भी कैसे जा सकती है.

टेक-सेवी (Tech-Savvy)

आज का जो Gen Z   यानी Generation Z है वह अत्याधुनिक मोबाइल फ़ोन, इंटरनेट,  टेबलेट और सबसे फ़ास्ट हथियार से लैश है. ये हर जानकारी Google, YouTube, Instagram, TikTok या ChatGPT से पाना पसंद करते हैं।  Gen Z इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के दौर में पैदा हुई है और आप अगर याद करें  नेपाल में आंदोलन का शुरुआत भी यहीं से  हुआ कि सरकार ने सोशल मीडिया चैनलों पर प्रतिबन्ध क्यों लगाईं?

फास्ट और अपडेटेड आइडिया से लैश 

नई चीजें जल्दी सीखना और ट्रेंड को  पकड़ना इनकी पहचान है और इनके पास इंतजार  के लिए वक्त नहीं है. यहाँ तक कि करियर सेटलमेंट के लिए भी Gen Z के पास जल्दी है और अभिव्यक्ति  की आजादी के लिए ये लोग फैशन, मीम्स, और डिजिटल इनोवेशन में सबसे आगे रहते हैं।

स्वतंत्र  और अलग सोच

Gen Z युवाओं को पुराणी और परंपरागत सोच और मान्यताओं से परहेज है और सच तो यह कि Gen Z पुराने ढर्रों को नहीं मानती और अपनी अलग और लीक से हटकर सोच के लिए जाने जाते हैं ।ये लोग फ्रीडम, फ्लेक्सिबल वर्क, और सेल्फ-एक्सप्रेशन को ज्यादा महत्व देते हैं।

हालाँकि यह भी सच  किऐसे लोग पर्यावरण, जेंडर इक्वालिटी, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर सजग रहते हैं। और अक्सर इनकी सोच प्रैक्टिकल से ज्यादा वैचारिक और प्रगतिशील होती है।

पीढ़ियों की तुलना 

पीढ़ी जन्म वर्ष 2025 में उम्रपहचान 
Millennials (Gen Y)1981 – 199629 – 44 सालइंटरनेट की शुरुआत देखने वाली
Gen Z1997 – 201213 – 28 सालडिजिटल नेटिव्स
Gen Alpha2013 – आगे0 – 12 सालस्मार्ट डिवाइस के साथ जन्मे