Najariya jine ka: भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा से मिली पहचान पर अब भ्रष्टाचार के आरोप का संकट

Arvind Kejriwal AAP Crisis

अरविंद केजरीवाल तब अक्सर कहा करते थे कि वे भारत कि राजनीति मे कुछ नया करने आए हैं। और इसमे संदेह भी नहीं है कि उन्होंने भारतीय राजनीति मे एक नए प्रयोग का जन्म दिया। यह केजरीवाल के सोच और  स्ट्रैटिजी का हीं नतीजा था  जिसके कारण  यह संभव हुआ कि भारतीय राजनीति मे जहां कितनी क्षेत्रीय पार्टियां  सिर्फ एक राज्य मे शासन करते हुए रह गई, केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी को दिल्ली से बाहर पंजाब मे शासन मे लाए और राष्ट्रीय दल का तमगा भी हासिल करवाने मे सफलता पाई। 

दल के जरूरत और भविष्य को लेकर अरविन्द केजरीवाल ने तब कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार से ग्रस्त भारतीय राजनीति के खिलाफ 'हमारे' संघर्ष का परिणाम है और इसे उन्होंने साबित भी किया। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं, नवंबर 2012 में, अरविंद केजरीवाल,जो सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान सुर्खियों में रहे थे - ने एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने का फैसला किया  और आज वही आम आदमी पार्टी  राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल कर चुकी है और विपक्षी गठबंधन का एक प्रमुख घटक है। 

हालांकि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है. उल्लेखनीय है कि केजरीवाल से पहले पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है

हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिक साजिश करार दिया है। गिरफ़्तारी के बाद विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं जैसे राहुल गांधी, अखिलेश सिंह सहित अन्य नेताओं ने केजरीवाल  कि गिरफ़्तारी का विरोध करते हैं इसे सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। 

केजरीवाल की गिरफ्तारी का समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ हफ्ते पहले हो रहा है। य हालांकि इतना तो तय  है कि अरविन्द केजरीवाल कि गिरफ़्तारी  आगामी लोक सभा चुनाव मे  एक प्रमुख फैक्टर बन सकता है।

सबसे ज्यादा यह आम आदमी पार्टी के लिए काफी यहां है क्योंकि केजरीवाल के नहीं होने से पार्टी के लोक सभा चुनाव मे उसके प्रदर्शन पर बुरा असर  पड़ेगा। जाहीर है कि I.N.D.I.A. गठबंधन को भी इसका खामियाजा भुगतना पद सकता हैं क्योंकि केजरीवाल इस गठबंधन के सबसे प्रभावशाली चेहरों मे से एक हैं। 

होली 2024/25/26: तिथि, होलिका दहन, होलाष्टक और भी बहुत कुछ

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होली 2024 तिथि (25 मार्च 2024): होली 2024, वह दिन जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, 25 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। होली जो आमतौर पर हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन/चैत्र में मनाई जाती है, हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक त्योहार है। होली एक ऐसा अवसर है जो सभी लोगों के लिए अद्वितीय संदेश देता है और इसे बिना किसी बाधा के अमीर या गरीब के साथ मनाया जाता है और सभी पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। होली उत्सव पूरी तरह से होलिका दहन और होलाष्टक सहित महत्वपूर्ण भाग से जुड़ा हुआ है जो हर साल होली के उत्सव के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, हिंदी माह फाल्गुन की शुरुआत के साथ ही वातावरण में होली की खुशबू शुरू हो जाती है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। होली ज्यादातर जगहों पर दो दिन मनाई जाती है, जिसके तहत पहले दिन होलिका दहन होता है और उसके बाद होली का त्योहार विधिवत मनाया जाता है।

होली 2024:

  • होलिका दहन: 24 मार्च 2024, शनिवार
  • होलाष्टक: 17 मार्च 2024, शनिवार से शुरू होकर 24 मार्च 2024, शनिवार तक
  • धुलंडी: 25 मार्च 2024, रविवार
होली तिथि: जाने आने वाले अगले साल मे कब मनाई जाएगी 
2024 25 मार्च सोमवार होली
2025 14 मार्च शुक्रवार होली
2026 3 मार्च मंगलवार होली

होलाष्टक:

कहा जाता है कि सामान्य तौर पर होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है, यानी इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. यदि आप होलाष्टक के बंधन को तोड़ते हैं, तो यह 'होली' और 'अष्टक' के रूप में ध्वनि करेगा, जो आठ दिनों का प्रतीक है, होलाष्टक शुभ प्रयासों के लिए अशुभ मानी जाने वाली अवधि को चिह्नित करता है। इन दिनों के दौरान होली के एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान, होलिका दहन की तैयारी शुरू होती है।

पंचांग के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश या अन्य कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।

  • होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होता है और पूर्णिमा तक रहता है।
  • इस अवधि को अशुभ माना जाता है।
  • इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
  • लोग इस अवधि में धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं और दान करते हैं।

होलिका दहन-

होलिका दहन होली के उत्सव का महत्वपूर्ण घटक है जो होली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है।

होलिका दहन के दिन आमतौर पर घर की महिलाएं पूजा सामग्री लेकर परंपरा के अनुसार शाम को होने वाले होलिका दहन में अर्पित करती हैं। महिलाएं होलिका दहन स्थल की परिक्रमा करती हैं और प्रसाद चढ़ाकर पूजा करती हैं।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त:

भद्रा पूंछा: 24 मार्च 2024, 6:31 PM से 7:59 PM तक

भद्रा मुख: 24 मार्च 2024, 7:59 PM से 9:27 PM तक

होलिका दहन का समय: 9:27 PM के बाद 

होलिका दहन की विधि:

होलिका दहन के लिए एक स्थान पर लकड़ी और अन्य पदार्थों का ढेर बनाया जाता है।

ढेर के ऊपर होलिका रखी जाती है।

पूजा-अर्चना के बाद, ढेर को आग लगाई जाती है।

लोग होलिका दहन के आसपास नाचते-गाते हैं और रंगों से खेलते हैं।

होलिका दहन का महत्व:

  • होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • यह बुराई, नकारात्मकता और अंधकार को दूर करने का त्योहार है।
  • यह वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।



Mann Ki Baat: मिलिए इन छुपे रुस्तम हीरोज से जो अपने आप में एक आंदोलन हैं, जाने 8 हजार से ज्यादा कैमरों के कलेक्शन वाला म्यूज़ीअम



PM Modi Mann Ki Baat : आज अर्थात 25 फरवरी 2024 को प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो प्रोग्राम मन की बात का के 110वां एपिसोड को सम्बोधित किया. प्रधान मंत्री ने कहा है कि सम्भावना हैं कि मार्च महीने में  आचार संहिता लागु होने के कारण अब मन की बात कार्यक्रम का अगला एपिसोड अर्थात 111 वन संस्करण तीन महीने के बाद प्रसारण होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Modi ) के रेडियो प्रोग्राम मन की बात ( Mann Ki Baat ) का आज (25 फरवरी) 110वां एपिसोड सुबह 11 बजे से ब्रॉडकास्ट हुआ। ये इस साल का दूसरा मन की बात कार्यक्रम  ( Mann Ki Baat 110th episode ) था।

प्रधान मंत्री ने कहा कि आचार संहिता लागु होने के बाद अब अगले संस्करण  जो कि 111 वां संस्करण होगा उसका प्रसारण अब ठीक 3 महीने के बाद होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 111 शुभ अंक होता है और इससे अच्छा भला और क्या होगा सकता है कि इसके बाद 111 वे अंक का प्रसारण होगा।

मोहम्मद मानशाह, गान्दरबल (जम्मू-कश्मीर )
जम्मू-कश्मीर में गान्दरबल के मोहम्मद मानशाह जी पिछले तीन दशकों से गोजरी भाषा को संरक्षित करने के प्रयासों में जुटे हैं। वे गुज्जर बकरवाल समुदाय से आते हैं जो कि एक जनजातीय समुदाय है। उन्हें बचपन में पढ़ाई के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ा था, वो रोजाना 20 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते थे। इस तरह की चुनौतियों के बीच उन्होंने Masters की Degree हासिल की और ऐसे में ही उनका अपनी भाषा को संरक्षित करने का संकल्प दृढ़ हुआ।
साहित्य के क्षेत्र में मानशाह जी के कार्यों का दायरा इतना बड़ा है कि इसे करीब 50 संस्करणों में सहेजा गया है। इनमें कविताएं और लोकगीत भी शामिल हैं। उन्होंने कई किताबों का अनुवाद गोजरी भाषा में किया है।

बनवंग लोसू, अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में तिरप के बनवंग लोसू जी एक टीचर हैं। उन्होंने वांचो भाषा के प्रसार में अपना अहम योगदान दिया है। यह भाषा अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और असम के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। उन्होंने एक Language school बनवाने का काम किया है। 
इसके वांचो भाषा की एक लिपि भी तैयार की है। वो आने वाली पीढ़ियों को भी वांचो भाषा सिखा रहे हैं ताकि इसे लुप्त होने से बचाया जा सके।

 वेंकप्पा अम्बाजी सुगेतकर, कर्नाटक
कर्नाटका के वेंकप्पा अम्बाजी सुगेतकर उनका जीवन भी इस मामले में बहुत प्रेरणादायी है। यहां के बागलकोट के रहने वाले सुगेतकर जी एक लोक गायक हैं। इन्होनें 1000 से अधिक गोंधली गाने गाए हैं, साथ ही, इस भाषा में, कहानियों का भी खूब प्रचार- प्रसार किया है। उन्होंने बिना फीस लिए, सैकड़ों विद्यार्थियों, को Training भी दी है। 

‘मेरा पहला वोट - देश के लिए’
कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने एक और अभियान की शुरुआत की है – ‘मेरा पहला वोट - देश के लिए’। इसके जरिए विशेष रूप से first time voters से अधिक-से-अधिक संख्या में मतदान करने का आग्रह किया गया है। भारत को, जोश और ऊर्जा से भरी अपनी युवा शक्ति पर गर्व है। हमारे युवा-साथी चुनावी प्रक्रिया में जितनी अधिक भागीदारी करेंगे, इसके नतीजे देश के लिए उतने ही लाभकारी होंगे। 18 का होने के बाद आपको 18वीं लोकसभा के लिए सदस्य चुनने का मौका मिल रहा है। यानि ये 18वीं लोकसभा भी युवा आकांक्षा का प्रतीक होगी।

बिहार में भोजपुर के भीम सिंह भवेश जी
प्रधान मंत्री ने बताया कि अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगों के बीच भीम सिंह भवेश जी के  कार्यों की खूब चर्चा है।  बिहार में मुसहर एक अत्यंत वंचित समुदाय रहा है, बहुत गरीब समुदाय रहा है। भीम सिंह भवेश जी ने इस समुदाय के बच्चों की शिक्षा पर अपना focus किया है, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके। उन्होंने मुसहर जाति के करीब 8 हज़ार बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया है। 
उन्होंने एक बड़ी Library भी बनवाई है, जिससे बच्चों को पढाई-लिखाई की बेहतर सुविधा मिल रही है। भीम सिंह जी, अपने समुदाय के सदस्यों के जरूरी Documents बनवाने में, उनके Form भरने में भी मदद करते हैं। इससे जरुरी संसाधनों तक गाँव के लोगों की पहुँच और बेहतर हुई है। लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो, इसके लिए उन्होंने 100 से अधिक Medical Camps लगवाए हैं।
 जब कोरोना का महासंकट सिर पर था, तब, भीम सिंह जी ने अपने क्षेत्र के लोगों को Vaccine लगवाने के लिए भी बहुत प्रोत्साहित किया। देश के अलग-अलग हिस्सों में भीम सिंह भवेश जी जैसे कई लोग हैं, जो समाज में ऐसे अनेक नेक कार्यों में जुटे हैं। 

ड्रोन दीदी-उत्तर प्रदेश के सीतापुर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर की रहने वाली सुनीता देवी हैं जिन्हे ड्रोन दीदी के नाम से जाना जाता है जिनकी चर्चा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 110 वें  संस्करण में किया। सुनीता देवी   बताया की ड्रोन की कृषि सम्बंधित कार्यों के बारे में उन्होंने बताया की  जैसे अभी फसल बड़ी हो रही है। बरसात का मौसम या कुछ भी ऐसे, बरसात में दिक्कत होती खेत में फसल में हम लोग घुस नहीं पा रहे हैं तो कैसे मजदूर अन्दर जाएगा, तो इसके माध्यम से बहुत फायदा किसानों को होगा और वहाँ खेत में घुसना भी नहीं पड़ेगा। हमारा drone जो हम मजदूर लगाकर अपना काम करते हैं वो हमारा drone से मेढ़ पे खड़े होके, हम अपना वो कर सकते हैं, कोई कीड़ा-मकोड़ा अगर खेत के अन्दर है उससे हमें सावधानी भी बरतनी रहेगी, कोई दिक्कत नहीं हो सकती है और किसानों को भी बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने बताया कि  हमने 35 एकड़ spray कर चुके हैं अभी तक।  
उन्होंने बताया कि किसानों को बहुत संतुष्ट होते हैं कह रहे हैं बहुत अच्छा लग रहा। समय का भी बचत होता है,सारी सुविधा आप खुद देखती हैं, पानी, दवा सब कुछ साथ-साथ में रखती है और  लोगों को सिर्फ आकर खेत बताना पड़ता है कि कहां से कहां तक मेरा खेत है और सारा काम आधे घंटे में ही निपटा देती हूँ।

कल्याणी प्रफुल्ल पाटिल जी, महाराष्ट्र
प्राकृतिक खेती में इन्होने अपना खास योगदान दिया है. उनके अनुसार दस प्रकार के हमारी वनस्पति है उसको एकत्रित करके उससे उन्होंने  organic फवारणी(spray) बनाया जैसे कि जो हम pesticide वगैहरा spray करते तो उस से pest वगैरह जो हमारी मित्र कीट(pest) रहती है वो भी नष्ट हो रहे, और हमारी soil का pollution होता है जो तो तब chemical चीज़े जो पानी में घुल-मिल रही हैं उसकी वजह से हमारी body पर भी हानिकारक परिणाम दिख रहे हैं उस हिसाब से हमने कम से कम pesticide का use कर के।  
  
प्राकृतिक खेती में अनुभव के सम्बन्ध में कल्याणी जी ने बताया कि  हमारी महिलाएं हैं, उनको जो खर्च है, वो, कम लगा और जो product हैं, तो वो समाधान पाकर, हमने, without pest वो किया क्योंकि अब cancer के प्रमाण जो बढ़ रहे हैं जैसे शहरी भागों में तो है ही लेकिन गाँव में भी हमारी उसका प्रमाण बढ़ रहा है तो उस हिसाब से अगर आप अपने आगे के परिवार को अपने सुरक्षित करना है तो ये मार्ग अपनाना जरूरी है इस हिसाब से वो महिलाएं भी सक्रिय सहभाग इसके अन्दर दिखा रही हैं।  

मन की बात: 22 भारतीय 11 विदेशी भाषाओं में ब्रॉडकास्ट

इस खास कार्यक्रम का प्रसारण सुबह  11 बजे से ब्रॉडकास्ट  किया जायेगा जिसका प्रसारण  22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी किया जायेगा. इसके अतिरिक्त 11 विदेशी भाषाओं में भी होता है मन की बात का प्रसारण जिसमे शामिल है फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली। 

मन की बात : 101वीं कड़ी
International Museum Expo: कुछ दिन पहले ही भारत में International Museum Expo का भी आयोजन किया था। इसमें दुनिया के 1200 से अधिक Museumsकी विशेषताओं को दर्शाया गया
Museo Camera संग्रहालय, गुरुग्राम 
इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का collection मौजूद है।
Museum of Possibilities, तमिलनाडु 
इस म्यूज़ीअम  को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर,design किया गया है।
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय 
जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजेंसंरक्षित की गई हैं।
Indian Memory Project 
साल 2010 में स्थापित, एक तरह का Online museum है।
यह दुनियाभर से भेजी गयी तस्वीरों और कहानियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने में जुटा है। विभाजन की विभिषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है।

FluxGen
यह एक  Start-Up IOT enabled  है जो तकनीक के जरिए water management के विकल्प देता है। ये technology पानी के इस्तेमाल के patterns बताएगा और पानी के प्रभावी इस्तेमाल में मदद करेगा। एक और startupहैLivNSense। ये artificial intelligence और machine learning पर आधारित platform है। इसकी मदद से water distribution की प्रभावी निगरानी की जा सकेगी। इससे ये भी पता चल सकेगा कि कहाँ कितना पानी बर्बाद हो रहा है।

‘कुंभी कागज (KumbhiKagaz)’
यह कुंभी कागज (KumbhiKagaz) भी एक स्टार्ट अप  है जिसने एक विशेष काम शुरू किया है। वे जलकुंभी से कागज बनाने का काम कर रहे हैं, यानी, जो जलकुंभी, कभी, जलस्त्रोतों के लिए एक समस्या समझी जाती थी, उसी से अब कागज बनने लगा है।

शिवाजी शामराव डोले ,  महाराष्ट्र
 महाराष्ट्र के श्रीमान् शिवाजी शामराव डोले जी। शिवाजी डोले, नासिक जिले के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हैं। वो गरीब आदिवासी किसान परिवार से आते हैं, और, एक पूर्व सैनिक भी हैं। फौज में रहते हुए उन्होंने अपना जीवन देश के लिए लगाया।Retire होने के बाद उन्होंने कुछ नया सीखने का फैसला किया और Agriculture में Diploma किया, यानी,वो, जय जवान से, जय किसान की तरफ बढ़ चले। अब हर पल उनकी कोशिश यही रहती है कि कैसे कृषि क्षेत्र में अपना अधिक से अधिक योगदान दें। अपने इस अभियान में शिवाजी डोले जी ने 20 लोगों की एक छोटी-सी Team बनाई और कुछ पूर्व सैनिकों को भी इसमें जोड़ा। 
इसके बाद उनकी इस Team ने Venkateshwara Co-Operative Power & Agro Processing Limitedनाम की एक सहकारी संस्था का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया।ये सहकारी संस्था निष्क्रिय पड़ी थी, जिसे revive करने का बीड़ा उन्होंने उठाया। देखते ही देखते आज Venkateshwara Co-Operative का विस्तार कई जिलों में हो गया है। आज ये team महाराष्ट्र और कर्नाटका में काम कर रही है। 
इससे करीब 18 हजार लोग जुड़े हैं, जिनमें काफी संख्या में हमारे Ex-Servicemen भी हैं। नासिक के मालेगाँव में इस team के सदस्य 500 एकड़ से ज्यादा जमीन में Agro Farming कर रहे हैं। ये team जल संरक्षण के लिए भी कई तालाब भी बनवाने में जुटी है। खास बात यह है कि इन्होंने Organic Farming और Dairy भी शुरू की है। अब इनके उगाए अंगूरों को यूरोप में भी export किया जा रहा है। 
इस team की जो दो बड़ी विशेषतायें हैं, जिसने मेरा ध्यान आकर्षित किया है, वो ये है – जय विज्ञान और जय अनुसंधान। इसके सदस्य technology और Modern Agro Practices का अधिक से अधिक उपयोग कर रहे हैं। दूसरी विशेषता ये है कि वे export के लिए जरुरी कई तरह के certifications पर भी focus कर रहे हैं।

109वीं कड़ी: जनवरी 28, 2024 
मन की बात रेडियो कार्यक्रम का जनवरी 28, 2024 को मन की बात की 109वीं कड़ी का प्रसारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  किया। आज का यह कार्यक्रम नए साल अर्थात 2024 का पहला ‘मन की बात’का कार्यक्रम है।
मन की बात रेडियो कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसने देश की जनता को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक ओर जहां इंटरनेट और टीवी के साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म ने मनोरंजन के नए सोपान स्थापित कर रहे हैं ऐसे माहौल में आउटडेटेड हो चुके रेडियो की बदौलत मन की बात एक जन आंदोलन का रूप ले चुका हैं। निश्चित इसका पूरा श्रेय जाता है प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की चमत्कारिक व्यक्तित्व को।

मन की बात रेडियो कार्यक्रम का आज अर्थात जनवरी 28, 2024 को मन की बात की 109वीं कड़ी का प्रसारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  किया। आज का यह कार्यक्रम नए साल अर्थात 2024 का पहला ‘मन की बात’का कार्यक्रम है।

मन की बात की 109वीं कड़ी की खास बातें 

  • इस साल हमारे संविधान के भी 75 वर्ष हो रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 वर्ष हो रहे हैं।
  • 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही-Women Power  को लेकर।
  • इस बार परेड में मार्च करने वाले 20 दस्तों में से 11 दस्ते महिलाओं के थे।
  • अर्जुन अवार्ड समारोह- इस बार 13 Women Athletes को Arjun Award से सम्मानित किया गया है।
  •  इन women athletes ने अनेकों बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया। 
  • कार्यक्रम का इतिहास:

    • पहला मन की बात 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था।
    • 30 अप्रैल 2023 को इसका 100वां प्रसारण हुआ।
    • 2 जून 2017 से यह कार्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है।

सुश्री यानुंग जामोह लैगो-अरुणाचल प्रदेश 

यानुंग जामोह लैगो की भी तस्वीर आ रही हैं। सुश्री यानुंग अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली हैं और हर्बल औषधीय विशेषज्ञ हैं। इन्होंने आदि जनजाति की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए काफी काम किया है। इस योगदान के लिए उन्हें इस बार पद्म सम्मान भी दिया गया है। इसी तरह इस बार छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी उनको भी पद्म सम्मान मिला है। 

वैद्यराज हेमचंद मांझी-छत्तीसगढ़

वैद्यराज हेमचंद मांझी भी आयुष चिकित्सा पद्धति की मदद से लोगों का इलाज करते हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में गरीब मरीजों की सेवा करते हुए उन्हें 5 दशक से ज्यादा का समय हो रहा है। 

आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा- डेटा  का वर्गीकरण

आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से जुड़े डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण किया है, इसमें, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मदद की है। दोनों के प्रयासों से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में बीमारी और इलाज से जुड़ी शब्दावली की coding कर दी गयी है। इस coding की मदद से अब सभी डॉक्टर prescription या अपनी पर्ची पर एक जैसी भाषा लिखेंगे। इसका एक फायदा ये होगा कि अगर आप वो पर्ची लेकर दूसरे डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी उस पर्ची से ही मिल जाएगी। 
आपकी बीमारी, इलाज, कौन-कौन सी दवाएं चली हैं, कब से इलाज चल रहा है, आपको किन चीज़ों से allergy है, ये सब जानने में उस पर्ची से मदद मिलेगी। इसका एक और फायदा उन लोगों को होगा, जो research के काम से जुड़े हैं। दूसरे देशों के वैज्ञानिकों को भी बीमारी, दवाएं और उसके प्रभाव की पूरी जानकारी मिल जाएगी। 
Research बढ़ने और कई वैज्ञानिकों के साथ-साथ जुड़ने से ये चिकित्सा पद्धति और बेहतर परिणाम देंगे और लोगों का इनके प्रति झुकाव बढ़ेगा। मुझे विश्वास है, इन आयुष पद्धतियों से जुड़े हमारे चिकित्सक, इस coding को जल्द से जल्द अपनाएंगे।

कार्यक्रम 'हमर हाथी - हमर गोठ’: छत्तीसगढ़ 

छत्तीसगढ़ में आकाशवाणी के चार केन्द्रों अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से हर शाम इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है और आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के जंगल और उसके आसपास के इलाके में रहने वाले बड़े ध्यान से इस कार्यक्रम को सुनते हैं। ‘हमर हाथी - हमर गोठ’ कार्यक्रम में बताया जाता है कि हाथियों का झुण्ड जंगल के किस इलाके से गुजर रहा है। ये जानकारी यहाँ के लोगों के बहुत काम आती है। लोगों को जैसे ही रेडियो से हाथियों के झुण्ड के आने की जानकारी मिलती है, वो सावधान हो जाते हैं। जिन रास्तों से हाथी गुजरते हैं, उधर जाने का ख़तरा टल जाता है। इससे जहाँ एक ओर हाथियों के झुण्ड से नुकसान की संभावना कम हो रही है, वहीँ हाथियों के बारे में data जुटाने में मदद मिलती है। इस data के उपयोग से भविष्य में हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। यहाँ हाथियों से जुड़ी जानकारी social media के जरिए भी लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इससे जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को हाथियों के साथ तालमेल बिठाना आसान हो गया है। छत्तीसगढ़ की इस अनूठी पहल और इसके अनुभवों का लाभ देश के दूसरे वन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं।

Beach Games-दीव

Beach Games  का आयोजन दीव के अन्दर उसका आयोजन हुआ था।  ‘दीव’ केन्द्रशासित प्रदेश है, सोमनाथ के बिलकुल पास है। इस साल की शुरुआत में ही दीव में इन Beach Games का आयोजन किया गया। ये भारत का पहला multi-sports beach games था। इनमें  Tug of war, Sea swimming, pencaksilat, मलखंब, Beach volleyball, Beach कबड्डी, Beach soccer,और Beach Boxing जैसे competition हुए। इनमें हर प्रतियोगी को अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिला। इस Tournament  में ऐसे राज्यों से भी बहुत से खिलाड़ी आए,जिनका दूर दूर तक समंदर से कोई नाता नहीं है। इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा Medal  भी मध्य प्रदेश ने जीते, जहाँ कोई Sea Beach नहीं है। खेलों के प्रति यही Temperament  किसी भी देश को sports की दुनिया का सरताज बनाता है।

 पिछले दिनों नवंबर 26, 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 107 वे मन की बात रेडियो कार्यक्रम के संस्करण के अंतर्गत सम्बोधन किया. यूपी के रामसिंह, आंध्र प्रदेश के बेल्जिपुरम, तमिलनाडू के लोगनाथन जिनकी चर्चा पी एम ने किया है  प्रत्येक महीने आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम ने कई ऐतिहासिक ऊंचाइयों को छुआ है और इसमें  किसी को संदेह नहीं होने चाहिए। 

मन की बात: Facts in Brief 
  • शुरुआत: मन की बात रेडियो कार्यक्रम की शुरुआत 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
  • प्रसारण: यह कार्यक्रम हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होता है।
  • प्रसारण का समय: यह कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे से 11:15 बजे तक प्रसारित होता है।
  • प्रसारण के माध्यम: यह कार्यक्रम All India Radio (AIR) के सभी चैनलों पर प्रसारित होता है। इसके अलावा, इसे Doordarshan, YouTube, Twitter, Facebook और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी प्रसारित किया जाता है।
  • श्रोताओं की संख्या: इस कार्यक्रम को हर महीने करोड़ों लोग सुनते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 2023 में इस कार्यक्रम को लगभग 100 करोड़ लोग सुन चुके हैं।

राम सिंह बौद्ध जी: उत्तर प्रदेश
मुझे उत्तर प्रदेश में अमरोहा के राम सिंह बौद्ध जी  पिछले कई दशकों से रेडियो संग्रह करने के काम में जुटे हैं। उनका कहना है कि ‘मन की बात’ के बाद से, उनके Radio Museum के प्रति लोगों की उत्सुकता और बढ़ गई है। उनका कहना है कि ‘मन की बात’ के बाद से, उनके Radio Museum के प्रति लोगों की उत्सुकता और बढ़ गई है।

बेल्जिपुरम Youth club’:  काकुलम आँध्रप्रदेश 
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में है और इसका नाम ‘बेल्जिपुरम Youth club’है।Skill development पर focus कर ‘बेल्जिपुरमYouth club’ने करीब 7000 महिलाओं को सशक्त बनाया है। इनमें से अधिकांश महिलाएं आज अपने दम पर अपना कुछ काम कर रही हैं। इस संस्था ने बाल मजदूरी करने वाले बच्चों को भी कोई ना कोई हुनर सिखाकर उन्हें उस दुष्चक्र से बाहर निकालने में मदद की है।‘

बेल्जिपुरमYouth club’की टीम ने किसान उत्पाद संघ यानि FPOs से जुड़े किसानों को भी नई Skill सिखाई जिससे बड़ी संख्या में किसान सशक्त हुए हैं। स्वच्छता को लेकर भी ये Youth club गांव–गांव में जागरूकता फैला रहा है। इसने अनेक शौचालयों का निर्माण की भी मदद की है।

लोगनाथन: कोयम्बटूर,   तमिलनाडु 
तमिलनाडु के कोयम्बटूर में रहने वाले लोगानाथन जी भी बेमिसाल हैं। बचपन में गरीब बच्चों के फटे कपड़ों को देखकर वे अक्सर परेशान हो जाते थे। इसके बाद उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद का प्रण लिया और अपनी कमाई का एक हिस्सा इन्हें दान देना शुरू कर दिया। जब पैसे की कमी पड़ी तो लोगानाथन जी ने Toilets तक साफ़ किये ताकि जरूरतमंद बच्चों की मदद हो सके। वे पिछले 25 सालों से पूरी तरह समर्पित भाव से अपने इस काम में जुटे हैं और अब तक 1500 से अधिक बच्चों की मदद कर चुके हैं। 

सफाई संडे सूरत 
सूरत में स्वक्षता अभियान का आरंभ जिसमे ताप्ती नदी की सफाई की गई. लगभग 50 हजार की संख्या में युवाओं ने जमीनी स्तर पर शुरू किया गया. 

प्रधान मंत्री ने विदेशों में होने वाले शादियों पर कहा कि शादी और व्याह जैसे त्यौहार अपने देश में करना लोकल पर वोकल ध्यान देने की जरुरत. 

सऊदी अरब में संस्कृत मेले का आयोजन 
सऊदी अरब में ‘संस्कृत उत्सव’ नाम का एक आयोजन हुआ। यह अपने आप में बहुत अनूठा था, क्योंकि ये पूरा कार्यक्रम ही संस्कृत में था। संवाद, संगीत, नृत्य सब कुछ संस्कृत में, इसमें, वहाँ के स्थानीय लोगों की भागीदारी भी देखी गयी।

श्रीनगर में ‘छऊ’ पर्व का आयोजन

15  से 17 नवम्बर तक एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ श्रीनगर में ‘छऊ’ पर्व का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सबने ‘छऊ’ नृत्य का आनंद उठाया। श्रीनगर के नौजवानों को ‘छऊ’ नृत्य की training देने के लिए एक workshop का भी आयोजन हुआ। इसी प्रकार, कुछ सप्ताह पहले ही कठुआ जिले में ‘बसोहली उत्सव’ आयोजित किया गया। ये जगह जम्मू से150 किलोमीटर दूर है। इस उत्सव में स्थानीय कला, लोक नृत्य और पारंपरिक रामलीला का आयोजन हुआ।


अंबाजी:  ‘भादरवी पूनम मेले’ का आयोजन
कुछ सप्ताह पहले वहां अंबाजी में ‘भादरवी पूनम मेले’ का आयोजन किया गया था इस मेले में 50 लाख से ज्यादा लोग आए।ये मेला प्रतिवर्ष होता है। इसकी सबसे ख़ास बात ये रही कि मेले में आये लोगों ने गब्बर हिल के एक बड़े हिस्से में सफाई अभियान चलाया। मंदिरों के आसपास के पूरे क्षेत्र को स्वच्छ रखने का ये अभियान बहुत प्रेरणादायी है।

एक तरफ जहां टेलीविजन और इंटरनेट का युग नए नए मनोरंजन का आयाम प्रस्तुत कर रहा है, ऐसे समय में लगभग आउटडेटेड हो चुका रेडियो कार्यक्रम मन की बात जनांदोलन बन चुका हैं निसंदेह इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को जाता है।  उल्लेखनीय है कि मन की बात  का पहले संस्करण कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के अवसर पर प्रसारित किया गया था। प्रत्येक महीने में इसका आयोजन होता है और 30 अप्रैल 2023 को इसका सौवाँ प्रसारण हुआ था ।


हाल हीं में 29 अक्टूबर 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 106वीं कड़ी के अंतर्गत सम्बोधन किया.  जब पूरा देश  त्योहारों की उमंग में डूबा है ऐसे समय में मन की बात के 106वीं कड़ी के सम्बोधन में  मन की बात के 106वीं कड़ी के सम्बोधन में प्रधान  मंत्री ने जिन खास  मुद्दों को याद किया उनमे शामिल है-गांधी जयन्ती के अवसर पर दिल्ली में खादी की रिकॉर्ड बिक्री, मेरा युवा भारत, यानी MYBharat. MYBharat संगठन, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म-जयंती,हमारा साहित्य, literature, कन्याकुमारी के थिरु ए. के. पेरूमल जी 15 नवंबर को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस तथा और भी बहुत कुछ. 

मन की बात की 106वीं कड़ी अक्टूबर 29, 2023 Facts in Brief

मन की बात के 106वीं कड़ी के सम्बोधन में प्रधान मंत्री ने एक बार फिर से इस कार्यकर्म में उन हीरो का जिक्र किया जिन्होंने देश और समाज को एक नहीं दिशा और ऊंचाई दिया है.  जैसा कि जाहिर है, इस कार्यक्रम में प्रधान मंत्री उन लोगों का ज़िक्र करते हैं जो हमारे Heroes हैं और जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीवंत बनाया है। तो आइये  106वीं कड़ी के अंतर्गत सम्बोधन में प्रधान मंत्री ने मन की बात के जिन Heroes का चर्चा किया उन पर एक नजर डालते हैं. 
15 नवंबर-भगवान बिरसा मुंडा की जन्म-जयंती-जनजातीय गौरव दिवस 
15 नवंबर को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। यह विशेष दिन भगवान बिरसा मुंडा की जन्म-जयंती से जुड़ा है। भगवान बिरसा मुंडा हम सब के ह्रदय में बसे हैं। सच्चा साहस क्या है और अपनी संकल्प शक्ति पर अडिग रहना किसे कहते हैं, ये हम उनके जीवन से सीख सकते हैं। उन्होंने विदेशी शासन को कभी स्वीकार नहीं किया।

 उन्होंने ऐसे समाज की परिकल्पना की थी, जहाँ अन्याय के लिए कोई जगह नहीं थी। वे चाहते थे कि हर व्यक्ति को सम्मान और समानता का जीवन मिले। भगवान बिरसा मुंडा ने प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना इस पर भी हमेशा जोर दिया। आज भी हम देख सकते हैं कि हमारे आदिवासी भाई-बहन प्रकृति की देखभाल और उसके संरक्षण के लिए हर तरह से समर्पित हैं। हम सब के लिए, हमारे आदिवासी भाई-बहनों का ये काम बहुत बड़ी प्रेरणा है।

कन्याकुमारी के थिरु ए. के. पेरूमल
कन्याकुमारी के थिरु ए. के. पेरूमल जी का काम भी बहुत प्रेरित करने वाला है। उन्होंने तमिलनाडु के ये जो storytelling tradition है उसको संरक्षित करने का सराहनीय काम किया है। वे अपने इस मिशन में पिछले 40 सालों से जुटे हैं। इसके लिए वे तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में Travel करते हैं और Folk Art Forms को खोज कर उसे अपनी Book का हिस्सा बनाते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होंने अब तक ऐसी करीब 100 किताबें लिख डाली हैं। इसके अलावा पेरूमल जी का एक और भी Passion है। तमिलनाडु के Temple Culture के बारे में Research करना उन्हें बहुत पसंद है। उन्होंने Leather Puppets पर भी काफी Research की है, जिसका लाभ वहाँ के स्थानीय लोक कलाकारों को हो रहा है। शिवशंकरी जी और ए. के. पेरूमल जी के प्रयास हर किसी के लिए एक मिसाल हैं। भारत को अपनी संस्कृति को सुरक्षित करने वाले ऐसे हर प्रयास पर गर्व है, जो हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूती देने के साथ ही देश का नाम, देश का मान, सब कुछ बढ़ाये।

तमिल की प्रसिद्ध लेखिका बहन शिवशंकरी जी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल की प्रसिद्ध लेखिका बहन शिवशंकरी जी का चर्चा किया. उन्होंने बताया कि शिवशंकरी जी ने एक Project किया है – Knit India, Through Literature इसका मतलब है – साहित्य से देश को एक धागे में पिरोना और जोड़ना। वे इस Project पर बीते 16 सालों से काम कर रही है। इस Project के जरिए उन्होंने 18 भारतीय भाषाओं में लिखे साहित्य का अनुवाद किया है। 

उन्होंने कई बार कन्याकुमारी से कश्मीर तक और इंफाल से जैसलमेर तक देशभर में यात्राएँ की, ताकि अलग - अलग राज्यों के लेखकों और कवियों के Interview कर सकें। शिवशंकरी जी ने अलग - अलग जगहों पर अपनी यात्रा की, travel commentary के साथ उन्हें Publish किया है। यह तमिल और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है।
 इस Project में चार बड़े volumes हैं और हर volume भारत के अलग-अलग हिस्से को समर्पित है। 

असम स्थित Akshar Forum खास स्कूल 

प्रधान मंत्री ने बतायाकि सम के Kamrup Metropolitan District में Akshar Forum इस नाम का एक School बच्चों में, Sustainable Development की भावना भरने का, संस्कार का, एक निरंतर काम कर रहा है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी हर हफ्ते Plastic Waste जमा करते हैं, जिसका उपयोग Eco- Friendly ईटें और चाबी की Chain जैसे सामान बनाने में होता है। यहां Students को Recycling और Plastic Waste से Products बनाना भी सिखाया जाता है। कम आयु में ही पर्यावरण के प्रति ये जागरूकता, इन बच्चों को देश का एक कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाने में बहुत मदद करेगी।  

मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती

 देश इस वर्ष महान संत मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती मना रहा है। वो देशभर के लोगों के लिए कई वजहों से एक प्रेरणाशक्ति रही हैं। अगर किसी की संगीत में रूचि हो, तो वो संगीत के प्रति समर्पण का बड़ा उदाहरण ही है, अगर कोई कविताओं का प्रेमी हो, तो भक्तिरस में डूबे मीराबाई के भजन, उसे अलग ही आनंद देते हैं, अगर कोई दैवीय शक्ति में विश्वास रखता हो, तो मीराबाई का श्रीकृष्ण में लीन हो जाना उसके लिए एक बड़ी प्रेरणा बन सकता है। मीराबाई, संत रविदास को अपना गुरु मानती थी। वो कहती भी थी- 

गुरु मिलिया रैदास, दीन्ही ज्ञान की गुटकी। 

प्रधान मंन्त्री ने बताया कि देश की माताओं-बहनों और बेटियों के लिए मीराबाई आज भी प्रेरणापुंज हैं। उस कालखंड में भी उन्होंने अपने भीतर की आवाज़ को ही सुना और रुढ़िवादी धारणाओं के खिलाफ खड़ी हुई। एक संत के रूप में भी वे हम सबको प्रेरित करती हैं। वे भारतीय समाज और संस्कृति को तब सशक्त करने के लिए आगे आईं, जब देश कई प्रकार के हमले झेल रहा था। सरलता और सादगी में कितनी शक्ति होती है, ये हमें मीराबाई के जीवनकाल से पता चलता है।

अंबाजी मंदिर, गुजरात

प्रधान मंत्री ने गुजरात के तीर्थक्षेत्र अंबाजी मंदिर के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि  यह एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है, जहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां अंबे के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां गब्बर पर्वत के रास्ते में आपको विभिन्न प्रकार की योग मुद्राओं और आसनों की प्रतिमाएं दिखाई देंगी। क्या आप जानते हैं कि इन प्रतिमाओं की खास क्या बात है ? दरअसल ये Scrap से बने Sculpture हैं, एक प्रकार से कबाड़ से बने हुए और जो बेहद अद्दभुत हैं। यानि ये प्रतिमाएं इस्तेमाल हो चुकी, कबाड़ में फेक दी गयी पुरानी चीजों से बनाई गई हैं। अंबाजी शक्ति पीठ पर देवी मां के दर्शन के साथ-साथ ये प्रतिमाएं भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। 

MYBharat संगठन

प्रधान मंत्री ने घोषणा किया कि MYBharat संगठन की जो भारत के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के विभिन्न आयोजनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा। उन्होंने कहाः कि, "31 अक्टूबर को एक बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन की नींव रखी जा रही है और वो भी सरदार साहब की जन्मजयन्ती के दिन। इस संगठन का नाम है – मेरा युवा भारत, यानी MYBharat. MYBharat संगठन, भारत के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के विभिन्न आयोजनों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा। 

ये, विकसित भारत के निर्माण में भारत की युवा शक्ति को एकजुट करने का एक अनोखा प्रयास है। मेरा युवा भारत की वेबसाइट MYBharat भी शुरू होने वाली है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किय कि  MYBharat.Gov.in पर register करें और विभिन्न कार्यक्रम के लिए Sign Up करें। 

वल्लभभाई पटेल की जन्म-जयंती- 31 अक्टूबर 

हम भारतवासी सरदार पटेल को कई वजहों से याद करते हैं, और श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। सबसे बड़ी वजह है – देश की 580 से ज्यादा रियासतों को जोड़ने में उनकी अतुलनीय भूमिका।  हर साल 31 अक्टूबर को गुजरात में Statue of Unity पर एकता दिवस से जुड़ा मुख्य समारोह होता है। इस बार इसके अलावा दिल्ली में कर्तव्य पथ पर एक बहुत ही विशेष कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। आपको याद होगा, मैंने पिछले दिनों देश के हर गाँव से, हर घर से मिट्टी संग्रह करने का आग्रह किया गया था।

 हर घर से मिट्टी संग्रह करने के बाद उसे कलश में रखा गया और फिर अमृत कलश यात्राएं निकाली गईं। देश के कोने-कोने से एकत्रित की गयी ये माटी, ये हजारों अमृत कलश यात्राएं अब दिल्ली पहुँच रही हैं। यहाँ दिल्ली में उस मिट्टी को एक विशाल भारत कलश में डाला जाएगा और इसी पवित्र मिट्टी से दिल्ली में ‘अमृत वाटिका’ का निर्माण होगा।

 यह देश की राजधानी के हृदय में अमृत महोत्सव की भव्य विरासत के रूप में मौजूद रहेगी। 31 अक्टूबर को ही देशभर में पिछले ढ़ाई साल से चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव का समापन होगा। आजादी के अमृत महोत्सव में, लोगों ने अपने स्थानीय इतिहास को, एक नई पहचान दी है। इस दौरान सामुदायिक सेवा की भी अद्भुत मिसाल देखने को मिली है।

Special Olympics World Summer Games 

प्रधान मंत्री ने Special Olympics World Summer Games का चर्चा भी मन की बात के 106 थे संस्करण में किया जिसका आयोजन बर्लिन में हुआ था। ये प्रतियोगिता हमारे Intellectual Disabilities वाले एथलीटों की अद्भुत क्षमता को सामने लाती है। इस प्रतियोगिता में भारतीय दल ने 75 Gold Medals सहित 200 पदक जीते। Roller skating हो, Beach Volleyball हो, Football हो, या Tennis, भारतीय खिलाड़ियों ने Medals की झड़ी लगा दी। इन पदक विजेताओं की Life Journey काफ़ी Inspiring रही है।
 हरियाणा के रणवीर सैनी ने Golf में Gold Medal जीता है। बचपन से ही Autism से जूझ रहे रणवीर के लिए कोई भी चुनौती Golf को लेकर उनके जुनून को कम नहीं कर पाई। उनकी माँ तो यहाँ तक कहती हैं कि परिवार में आज सब Golfer बन गए हैं। पुडुचेरी के 16 साल के टी-विशाल ने चार Medal जीते। गोवा की सिया सरोदे ने Powerlifting में 2 Gold Medals सहित चार पदक अपने नाम किये। 9 साल की उम्र में अपनी माँ को खोने के बाद भी उन्होंने खुद को निराश नहीं होने दिया। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रहने वाले अनुराग प्रसाद ने Powerlifting में तीन Gold और एक Silver Medal जीता है। ऐसे ही प्रेरक गाथा झारखंड के इंदु प्रकाश की है, जिन्होंने Cycling में दो Medal जीते हैं। ब

हुत ही साधारण परिवार से आने के बावजूद, इंदु ने गरीबी को कभी अपनी सफलता के सामने दीवार नहीं बनने दिया। मुझे विश्वास है कि इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता Intellectual Disabilities का मुकाबला कर रहे अन्य बच्चों और परिवारों को भी प्रेरित करेगी। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा किआपके गाँव में, आपके गाँव के अगल-बगल में, ऐसे बच्चे, जिन्होंने इस खेलकूद में हिस्सा लिया है या विजयी हुए हैं, आप सपरिवार उनके साथ जाइए। उनको बधाई दीजिये। और कुछ पल उन बच्चों के साथ बिताइए। आपको एक नया ही अनुभव होगा। परमात्मा ने उनके अन्दर एक ऐसी शक्ति भरी है आपको भी उसके दर्शन का मौका मिलेगा।

आदिवासी योद्धाओं का समृद्ध इतिहास 

प्रधान मंत्री ने कहा कि देश आदिवासी समाज का कृतज्ञ है, जिन्होंने राष्ट्र के स्वाभिमान और उत्थान को हमेशा सर्वोपरि रखा है। भारतवर्ष में आदिवासी योद्धाओं का समृद्ध इतिहास रहा है। इसी भारत भूमि पर महान तिलका मांझी ने अन्याय के खिलाफ बिगुल फूंका था। इसी धरती से सिद्धो-कान्हू ने समानता की आवाज उठाई। हमें गर्व है कि जिन योद्धा टंट्या भील ने हमारी धरती पर जन्म लिया।
 हम शहीद वीर नारायण सिंह को पूरी श्रद्धा के साथ याद करते हैं, जो कठिन परिस्थितियों में अपने लोगों के साथ खड़े रहे। वीर रामजी गोंड हों, वीर गुंडाधुर हों, भीमा नायक हों, उनका साहस आज भी हमें प्रेरित करता है। अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासी भाई-बहनों में जो अलख जगाई, उसे देश आज भी याद करता है।

 North East में कियांग नोबांग और रानी गाइदिन्ल्यू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों से भी हमें काफी प्रेरणा मिलती है। आदिवासी समाज से ही देश को राजमोहिनी देवी और रानी कमलापति जैसी वीरांगनाएं मिलीं। देश इस समय आदिवासी समाज को प्रेरणा देने वाली रानी दुर्गावती जी की 500वीं जयंती मना रही हैं। 

मन की बात -100वीं कड़ी

मन की बात की 100वीं कड़ी में आज प्रधान मंत्री ने देश को सम्बोधन किया. 3 अक्टूबर, 2014,  विजय दशमी के दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू हुई  थी। विजय दशमी यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व। 

इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा- यकीन नहीं होता कि ‘मन की बात’ को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने आप में खास रहा। हर बार, नए उदाहरणों की नवीनता, हर बार देशवासियों की नई सफलताओं का विस्तार। ‘मन की बात’ में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु-वर्ग के लोग जुड़े। बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ की बात हो, स्वच्छ भारत आन्दोलन हो, खादी के प्रति प्रेम हो या प्रकृति की बात, आजादी का अमृत महोत्सव हो या फिर अमृत सरोवर की बात, ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा, वो, जन-आंदोलन बन गया, और इसे  लोगों ने बना दिया। 

प्रधान मंत्री के अनुसार मन की बात’ में जिन लोगों का हम ज़िक्र करते हैं वे सब हमारे Heroes हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीवंत बनाया है। आज जब यह 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं, तो फिर प्रधन मंत्री मोदी ने  इन सारे Heroes और उनकी यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा किया ।

हरियाणा के भाई सुनील जगलान जी।

सुनील जगलान जी का मेरे मन पर इतना प्रभाव इसलिए पड़ा क्योंकि हरियाणा में Gender Ratio पर काफी चर्चा होती थी. प्रधान मंत्री ने  भी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ’ का अभियान हरियाणा से ही शुरू किया था। और इसी बीच जब सुनील जी के ‘Selfie With Daughter’ Campaign पर प्रधान मंत्री की नजर पडी। 

छत्तीसगढ़ के देउर गाँव 

छत्तीसगढ़ के देउर गाँव की महिलाओं की चर्चा पहले किया जा चूका है. ये महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जरिए गाँव के चौराहों, सड़कों और मंदिरों के सफाई के लिए अभियान चलाती हैं। 

 तमिलनाडु की वो आदिवासी महिलाएं


तमिलनाडु की वो आदिवासी महिलाएं, जिन्होंने हज़ारों Eco-Friendly Terracotta Cups (टेराकोटा कप्स) निर्यात किए, उनसे भी देश ने खूब प्रेरणा ली। तमिलनाडु में ही 20 हजार महिलाओं ने साथ आकर वेल्लोर में नाग नदी को पुनर्जीवित किया था। 

मंजूर अहमद, जम्मू-कश्मीर 

मंजूर अहमद। ‘मन की बात’ में, जम्मू-कश्मीर की Pencil Slates (पेन्सिल स्लेट्स) के बारे में बताते हुए मंजूर अहमद  जी का जिक्र पहले के मन की बात  संस्करण में हुआ था।
प्रधानमंत्री  द्वारा यह पूछने पर की ये पेंसिल- स्लेट्स वाला काम कैसा चल रहा है, मंजूर जी  ने बताया कि बहुत अच्छे से चल रहा है सर बहुत अच्छे से, जब से सर  आपने हमारी बात, ‘मन की बात’ में कही सर तब से बहुत काम बढ़ गया सर और दूसरों को भी रोज़गार यहाँ बहुत बढ़ा है इस काम में।

विशाखापट्नम के वेंकट मुरली प्रसाद जी

विशाखापट्नम के वेंकट मुरली प्रसाद जी ने एक आत्मनिर्भर भारत Chart Share किया था। उन्होंने बताया था कि वो कैसे ज्यादा से ज्यादा भारतीय products ही इस्तेमाल करेंगे। जब बेतिया के प्रमोद जी ने LED बल्ब बनाने की छोटी यूनिट लगाई या गढ़मुक्तेश्वर के संतोष जी ने mats बनाने का काम किया, ‘मन की बात’ ही उनके उत्पादों को सबके सामने लाने का माध्यम बना। हमने Make in India के अनेक उदाहरणों से लेकर Space Start-ups तक की चर्चा ‘मन की बात’ में की है।
 

मणिपुर की बहन विजयशांति देवी जी

मणिपुर की बहन विजयशांति देवी जी का भी जिक्र पहले की मन की बात सेक्सकरन में किया था। विजयशांति जी कमल के रेशों से कपड़े बनाती हैं। ‘मन की बात’ में उनके इस अनोखे eco-friendly idea की बात हुई तो उनका काम और popular हो गया।

प्रदीप सांगवान जी 


‘मन की बात’ के पहले के संस्करण में प्रधान मंत्री ने  प्रदीप सांगवान जी के ‘हीलिंग हिमालयाज़’ अभियान की चर्चा की थी। प्रदीप जी ने बताया कि शुरुआत बहुत nervous हुई थी बहुत डर था इस बात को लेके कि जिंदगी भर ये कर पाएँगे कि नहीं कर पाएँगे पर थोड़ा support मिला और 2020 तक हम बहुत struggle भी कर रहे थे honestly। लोग बहुत कम जुड़ रहे थे बहुत सारे ऐसे लोग थे जो कि support नहीं कर पा रहे थे। हमारी मुहिम को इतना तवज्जो भी नहीं दे रहे थे। But 2020 के बाद जब ‘मन की बात’ में जिक्र हुआ उसके बाद बहुत सारी चीज़े बदल गई। मतलब पहले हम, साल में 6-7 cleaning drive कर पाते थे, 10 cleaning drive कर पाते थे। आज की date में हम daily bases पे पाँच टन कचरा इक्कठा करते हैं। अलग-अलग location से। 

झारखण्ड के संजय कश्यप जी


झारखण्ड के गांवों में Digital Library चलाने वाले संजय कश्यप जी हों, Covid के दौरान E-learning के जरिये कई बच्चों की मदद करने वाली हेमलता N.K. जी हों, ऐसे अनेक शिक्षकों के उदाहरण हमने ‘मन की बात’ में लिये हैं। हमने Cultural Preservation के प्रयासों को भी ‘मन की बात’ में लगातार जगह दी है।

राष्ट्रपति भवन संग्रहालय: इतिहास को कहानी के रूप में दर्शाने वाला संग्रहालय-जानें खास बातें

President Museum to open from January 05


2 फरवरी 2024 से राष्ट्रपति भवन में अमृत उद्यान (Amrit Udyan Opening Date) खुल गया है. अमृत उद्यान में पर्यटक कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों को देख सकते हैं. अमत उद्यान में ट्यूलिप और गुलाब के फूलों की कई वैरायटी हैं. अमृत उद्यान को पहले मुगल गार्डन (Mughal Garden) के नाम से जाना जाता था. जिसका नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है. आप भी यहां पर घूमने का प्लान बना सकते हैं. अमृत उद्यान (Amrit Udyan) जाने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं.

राष्ट्रपति भवन संग्रहालय: खास बातें 

लगभग 10,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर (आरबीएमसी)  मुख्य तौर पर राष्ट्रपति भवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए बेहतर तकनीक के साथ तैयार किया गया है जो अद्वितीय है. 

राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर (आरबीएमसी) भारतीय स्वतंत्रता, लोकतंत्र और एकता का प्रतीक है।वास्तव में आप  राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में उन सभी उपहारों की झलक प्राप्त कर सकते हैं जो  भारत के राष्ट्रपतियों को वर्षों से मिले हैं तथा सभी इस संग्रहालय में संरक्षित है.  इन खूबसूरत  कलाकृतियों के अलावा अन्य भी कई महत्वपूर्ण वस्तुओं को इसमें संभालकर संगृहीत किया गया है जैसे हथियार, फर्नीचर, मूर्तियां, वस्त्र, तस्वीरें, अभिलेखीय सामग्री और भी बहुत कुछ.

देखें वीडियो: नजरिया-जीने का-जीवन में स्व-अनुशासन का महत्त्व 



मुगल गार्डन भी एक बहुत हीं सुन्दर स्थल है जो पर्यटकों को अपनी खूबसूरती के कारण आकर्षित करता रहा है. 15 एकड़ के विशाल विस्तार में फैले, मुगल गार्डन को अक्सर राष्ट्रपति के महल की आत्मा के रूप में चित्रित किया जाता है. 

मुगल गार्डन अब तक जनता के लिए फरवरी-मार्च के महीनों में आयोजित होने वाले वार्षिक उत्सव उद्यानोत्सव के दौरान ही खोला जाता था, लेकिन मुगल गार्डन, जो राष्ट्रपति भवन के दौरे का तीसरा सर्किट है, अब जनता के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर इतिहास को कहानी के रूप में दर्शाने वाला एक संग्रहालय है जिसमें कला, संस्कृति, विरासत और इतिहास के उत्तम प्रतीकों और अमूल्य कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।




2 फरवरी 2024 से राष्ट्रपति भवन में अमृत उद्यान (Amrit Udyan Opening Date) खुल गया है. अमृत उद्यान में पर्यटक कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों को देख सकते हैं. अमत उद्यान में ट्यूलिप और गुलाब के फूलों की कई वैरायटी हैं. अमृत उद्यान को पहले मुगल गार्डन (Mughal Garden) के नाम से जाना जाता था. जिसका नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है. आप भी यहां पर घूमने का प्लान बना सकते हैं. अमृत उद्यान (Amrit Udyan) जाने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं. यह सभी दिन खुला रहेगा (सोमवार और सरकारी अवकाश को छोड़कर)। आगंतुक भ्रमण के लिए वेबसाइट्स- https://presidentofindia.nic.inया https://rashtrapatisachivalaya.gov.in/या https://rbmuseum.gov.in/पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।

देखें वीडियो-नजरिया जीने का: सकारात्मक सोचें, सकारात्मक देखें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें


धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता
राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर इतिहास को कहानी के रूप में दर्शाने वाला एक संग्रहालय है जिसमें कला, संस्कृति, विरासत और इतिहास के उत्तम प्रतीकों और अमूल्य कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।

Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...


Inspiring  Thoughts: आपकी प्रसन्ता में छिपा  है जीवन की सफलता का रहस्य.... 




नजरिया जीने का: जाने किस दिन पैदा लोग होते हैं ज्यादा रोमांटिक और केयरिंग



ऑनलाइन पढ़ाई: बच्चों से अधिक है पेरेंट्स की भूमिका, अपनाएँ ये टिप्स

Born On Tuesday: मंगलवार को जन्म लेने वाले होते हैं साहसी, जुझारू और जल्दी हार नही मानने वाले


Born on Tuesday: मंगलवार को जन्मे लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वे दृढ इच्छाशक्ति के मालिक होते हैं और अपने सपनों को वास्तविकता के धरातल पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ऐसे लोग सफलता के लिए तब तक प्रयास करते रहते हैं जब तक कि वे उसे प्राप्त नहीं कर लेते। अच्छे दिनों में, मंगलवार को जन्मे लोग बुद्धिमान, प्रेरित और निडर होते हैं, लेकिन बुरे दिनों में, वे जिद्दी और असुरक्षित हो सकते हैं। अगर आप हिंदू धर्म और उनको विस्तार से अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. इस प्रकार से गणना से मंगलवार का दिन बजरंगबली का माना जाता है और यही वजह है कि आप देखते होंगे कि मंगलवार को हनुमान मंदिर में बजरंग बली को लड्डू चढाने वाले की भीड़ लगी होती है जो इस बात का प्रतीक है कि मंगलवार का जन्म बजरंग बली को समर्पित है. आइये जानते हैं  मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में मोटिवेटर और एस्ट्रोलॉजर हिमांशु रंजन शेखर से.

आसानी से नहीं मानते हार: 
मंगल गृह के स्वाभाव के अनुसार मंगलवार के दिन जन्मे लोग स्वभाव से गुस्सैल और बहादुर होते हैं और वे किसी भी खराब परिस्थिति में आसानी से हार नहीं मानते हैं.  ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं.  ये लोग कोई भी गलत बात स्वीकार नहीं कर पाते हैं. स्वभाव से ये लोग बहुत खर्चीले होते हैं. गुस्सैल स्वभाव के होने की वजह से यह लोग छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत गुस्सा करते हैं.इन लोगों के आसानी से दोस्त नहीं बनते हैं लेकिन अगर एक बार दोस्ती हो गई तो ये लोग दिल से निभाते हैं.

स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता: 

मंगल को मंगलवार के साथ जोड़ा जाता है, और इसलिए इस दिन जन्मे लोग नेतृत्व की क्षमता और अग्रसरता रखते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है और वे लोगों को प्रेरित करने में माहिर होते हैं। वे समाज में अच्छी गाइडेंस कर सकते हैं और सामरिक परिस्थितियों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से, मंगलवार को जन्मे लोग अक्सर साहसी, ऊर्जावान और शक्तिशाली होते हैं।

उच्च ऊर्जा स्तर:

 मंगल का प्रतीक्षित ज्वालामुखी तत्व होने के कारण, जो उच्च ऊर्जा स्तर को संकेत करता है, मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग उच्च ऊर्जा स्तर वाले हो सकते हैं। वे सक्रिय और उत्साही हो सकते हैं और अपने काम में प्रभावी हो सकते हैं। मंगलवार को जन्मे लोग जीवन के प्रति उत्साही होते हैं और नए अनुभवों के लिए तैयार रहते हैं।

क्रोधप्रवृत्ति: 

मंगलवार को जन्मे लोगों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होती और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। मंगल ग्रह आपातकालीन स्थितियों का प्रतीक होता है और इसलिए मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के पास अधिक क्रोधप्रवृत्ति हो सकती है। वे छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा हो सकते हैं और उन्हें अपने क्रोध को नियंत्रित करना सीखना चाहिए। 

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रिस्क और साहस करने की क्षमता

ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं. ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को शौर्य, साहस, निर्णायक और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. 

मंगल वार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की यह सामान्य लक्षण हैं जिसे समान्यता: ज्योतिष और कुंडली की जानकारी पर दी गई है. हालाँकि यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति अद्वितीय होता है, इसलिए यह सुनिश्चित नहीं है कि सभी मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग इन लक्षणों से पूरी तरह से मेल खाते होंगे। 

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नोट: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

Born In March: मार्च में जन्मे लोगों की ये हैं दिलचस्प विशेषताएं -आत्मविश्वास से भरपूर, महत्वाकांक्षी, परिवार के प्रति गहरा स्नेह और आशावादी

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Born in March: मार्च महीने में जन्मे लोगों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ऐसे लोग  विश्वसनीय, उदार होने के साथ ही मोटिवेशनल होते हैं। हालांकि यह भी सच है कि जन्म महीने के अलावा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और विशेषताओं को निर्धारित करने में कई कारक भूमिका निभाते हैं, जैसे कि जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थानऔर ग्रहों कि स्थिति।
 मार्च में जन्मे जन्मे लोग काफी मिलनसार प्रवृति के होते हैं और हर काम को बेहतर और अनुठे तरह से करना पसंद करते हैं । मार्च में जन्मे लोगों के लिए उनका व्यक्तित्व बहुत खास होता है और वे हर जगह स्पेशल दिखना चाहते हैं और अपना प्रभाव भी डालते हैं.मार्च में पैदा लोगों का व्यक्तित्व ऐसा होता है  कि  वे पूरे समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ अपने भविष्य को आकार देना पसंद करते हैं । 
ऐसे व्यक्तित्व आमतौर पर उत्कृष्ट दृष्टि, कलात्मक कौशल और चिंतित और उदार स्वभाव के होते हैं। इन लोगों में कुछ खास विशेषताएं होती हैं जो इनका मार्गदर्शन करती हैं और इनके चरित्र और व्यक्तित्व को कुछ खास बनाती हैं जो इन्हें बाकी भीड़ से अलग करती हैं।

सकारात्मकता और अन्य विशेष गुण होने के कारण ऐसे लोगों में विश्वसनीयता होती है और प्रामाणिकता इनका प्लस पॉइंट होता है और ये लोग ऐसे विश्वसनीय व्यक्तित्व वाले होते हैं जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं।

यहां जानिए मार्च में जन्मे लोगों के सर्वोत्तम लक्षण...

मार्च मे जन्मे लोगों का व्यक्तित्व:

मार्च मे जन्मे लोगों के व्यक्तित्व का अगर मूल्यांकन करेंगे तो पाएंगे कि ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरपूर: होने के साथ हीं महत्वाकांक्षी और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। 
आत्मविश्वास से भरपूर: मार्च में जन्मे लोग आमतौर पर आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं  अपने जीवन के महत्व को समझते हैं। उनके लिए यह जीवन बहुत खास और विशिष्ट है और इसे सार्थक करने कि लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकते हैं। सच तो यह है कि ऐसे लोग जीवन में सफलता और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं।
महत्वाकांक्षी: इन लोगों में महत्वाकांक्षा कूट-कूट कर भरी होती है और उसे हासिल करने के लिए हर प्रकार कि जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं। जीवन मे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वो किसी से भी संधि कर सकते हैंऔर वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने से नहीं हिचकिचाते।
स्वतंत्र: मार्च में जन्मे लोग स्वतंत्रता प्रिय होते हैं  और प्रायः वे हस्तक्षेप पसंद नहीं करते हैं। लेकिन नेचर के अनुसार वे अपनी मर्जी से जीवन जीना पसंद करते हैं।
सहानुभूतिपूर्ण: इन लोगों में दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना होती है और वे दूसरों के दुखों से व्यथित होते हैं । दया और करुणा कि भावना उनके अंदर काफी होती है और यही कारण है कि दूसरों के दुखों से सहानुभूति रखने मे ये सबसे आगे रहते हैं। 
मिलनसार: मार्च में जन्मे लोग मिलनसार और सामाजिक प्राणी होते हैं  और वे परिवार के प्रति अपने जिम्मेदारियों को खूब समझते हैं । परिवार कि ऐसे लोग धुरी के  तरह होते हैं और परिवार को लेकर चलने मे विश्वास करते हैं। इसके अतिरिक्त स्वभाव के अनुआर और उन्हें नए लोगों से मिलना और उनसे बातचीत करना पसंद होता है।

स्वभाव से अत्यधिक आशावादी

मार्च महीने में जन्मे लोग अपने जीवन में अत्यधिक आशावादी रहते हैं और किसी भी इच्छा या लक्ष्य के प्रति आसानी से उम्मीद नहीं छोड़ते। यहां तक कि उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इसके लिए अपने प्रयास जारी रखे। हालाँकि, ऐसे लोग किसी विशेष लक्ष्य के प्रति आशा खो देने पर स्थायी रूप से रास्ता छोड़ सकते हैं। वे मौजूदा परिस्थितियों के खिलाफ विद्रोह करने में संकोच नहीं करते हैं यदि उन्हें लगता है कि यह बेकार है और तर्कसंगत नहीं है। लेकिन ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी लक्ष्य के प्रति आसानी से और अचानक से उम्मीद नहीं खोते।

समाज और सामाजिक मूल्यों के लिए महान सम्मान

मार्च में जन्मे लोग सामाजिक मूल्यों और संस्कृति के प्रति बहुत आदर और सम्मान प्रदर्शित करते हैं। वे अपने आसपास प्रचलित कला, संस्कृति और सभी परंपराओं का सम्मान करते हैं। वे नियम और कानून का भी सम्मान करते हैं और हमेशा सामाजिक रूप से स्वीकार्य तरीके से काम करते हैं।

अपने परिवार के प्रति गहरा स्नेह

मार्च में जन्मे व्यक्तियों का अपने परिवार के प्रति गहरा लगाव होता है और वे परिवार का केंद्र बन जाते हैं। परिवार में कई विरोधाभासों और अलग-अलग दृष्टिकोण के बावजूद, वे अपने जादुई और अद्वितीय व्यक्तित्व के साथ परिवार पर शासन करते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी अपनी बात जल्दबाज़ी या जल्दबाज़ी में नहीं रखते। वे किसी भी चर्चा में अपनी बात रखने से पहले परिवार के अन्य सदस्यों या अन्य व्यक्तियों की बात पहले सुनते हैं।

इतिहास एवं गूढ़ विषय में रुचि

मार्च माह में जन्में व्यक्ति इतिहास और ऐतिहासिक सभ्यता में गहरी रुचि दिखाते हैं। इन्हें गुप्त विद्या के बारे में पढ़ने और अध्ययन करने में रुचि होती है। ज्योतिष, अंकज्योतिष और प्राचीन इतिहास विषयों सहित गुप्त विज्ञान उन्हें आकर्षित करता है और वे ऐसे विषयों को करियर के रूप में चुन सकते हैं।

कम प्रभावी प्रयास के साथ ऊंचे सपने

ऐसे व्यक्ति बड़े सपने लेकर जीते हैं और आम तौर पर उन्हें वही हासिल भी होता है। हालाँकि, वे अपने सपनों के लिए प्रयासों में अनिच्छा की प्रकृति से पीड़ित हैं। वे किसी भी लक्ष्य को तभी हासिल कर सकते हैं जब वे अपने प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाएंगे। ऐसे व्यक्ति शारीरिक फिटनेस के बजाय मानसिक समस्याओं से अधिक पीड़ित होते हैं। वे हमेशा अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध न होने की प्रकृति प्रदर्शित करते हैं जिससे उनके प्रयासों में बाधा आती है। यदि ऐसे व्यक्ति अपने ऐसे नकारात्मक स्वभाव पर नियंत्रण पाने में सफल हो जाते हैं, तो वे अपने जीवन में हर कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

नजरिया जीने का: हम काम की अधिकता से नहीं, उसे बोझ समझने से थकते हैं, बदलें इस माइंडसेट को

नजरिया जीने का: मानव का मन भी बहुत हीं विचित्र और रहस्यपूर्ण है. जब कभी हमें कोई कार्य करने की जरुरत होती है हम पहले उस  कार्य की गंभीरता और जरुरत की अपेक्षा गैर जरुरी और अनावश्यक विचारों के आधार पर उस कार्य को तौलने की कोशिश करते हैं. 

हमारी यह सबसे बड़ी कमजोरी है कि हम काम को जीवन और कर्त्तव्य समझने से पहले हम काम को एक ऐसी चीज़ के रूप में देखना शुरू कर देते हैं जिससे हमें छुटकारा पाना है. जबकि हकीकत यह है की इसके बजाय हमें काम को ऐसे चीज़ के रूप में लेने की जरुरत है जो हमारे जीवन में मूल्य जोड़ती है साथ ही  यह हमें पैसा कमाने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, अपने कौशल और क्षमताओं को विकसित करने, और दूसरों से जुड़ने में मदद करता है। काम को बोझ समझने से बचने के लिए, हमें यह याद रखना चाहिए कि काम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  अपने काम को एक चुनौती के रूप में देखें अपने काम में से कुछ आनंद लें। जब आप काम को एक अवसर के रूप में देखते हैं, तो आप इसे बोझ नहीं समझेंगे। आप इसे अपने जीवन में एक सकारात्मक और मूल्यवान योगदान के रूप में देखेंगे।

निगेटिव माइंडसेट हमारी सफलता के लिए सबसे बड़ी बाधक है इसमें हम में से किसी को शायद हीं संदेह हो. इसके साथ ही यह भी उतना हीं बड़ा सच है कि हम सभी इस सत्य को जानने के बावजूद खुद पर शायद हीं इम्प्लीमेंट करते हों.

अगर कोई कार्य और लक्ष्य हमारी जरुरत है तो उसके लिए हर दुर्गम रास्तों को भी अपनाये जाने पर विचार किया जाना चाहिए, लेकिन अगर अगर कोई खास कार्य हमारे लिए जरुरी नहीं है तो बेहिचक उससे किनारा कर लिया जाना चाहिए.  

देखें वीडियो: नजरिया-जीने का-जीवन में स्व-अनुशासन का महत्त्व 


लेकिन हमारी विडम्बना है कि हम कार्यों की अधिकता या अमाउंट ऑफ़ वर्क से नहीं बल्कि उसे पहले ही बोझ समझ लेते हैं और यही कारण है कि हम पहले ही थक जाते हैं, ऐसे स्थिंति में कार्य पूरा होने के सम्भावना की कल्पना सहज ही की जा सकती है.

आप काम की अमाउंट और अपने नेचर के एडॉप्शन का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि अगर आप सकारात्मकता से सराबोर हैं तो जटिल से जटिल काम भी आप कर लेते हैं लेकिन एक छोटा और अत्यंत साधारण सा कार्य भी आपको पहाड़ सा प्रतीत होता है अगर आप पहले ही मान लेते हैं की बहुत भारी और उबाऊ सा काम है.

फिर क्या इसमें संदेह बचता है कि हमारा माइंडसेट यह निर्धारित करता है कि काम भारी है या आसान.
देखें वीडियो-नजरिया जीने का: सकारात्मक सोचें, सकारात्मक देखें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें



दोस्तों यह सामान्य सी प्रवृति है जिसके गिरफ्त में हम हमेशा से रहे हैं और विडम्बना यह है कि हम उससे निकलना नहीं चाहते.

जैसे  ही हमें कोई काम असाइन  किया जाता है,  हम उसे पूरा करने की बजाय उसके नकारात्मक और असंभव सा लगने वाले प्रकृति को ही पहले  देखते हैंहम यह नहीं सोचते हैं कि हममें उस कार्य को पूरा करने की क्षमता और सामर्थ्य है या नहीं. 

जब तक हम दिए गए काम पूर्ण रूप से समाप्त करने का विश्वास  खुद के अंदर नहीं लाएंगे, उस असंभव से कार्य के पूर्ण होने की तो बात ही छोड़िये,  किसी  साधारण से काम को आरम्भ नहीं करने के लिए भी हमें सैकड़ों बहाने मिल जाएंगेआश्चर्य है कि हम काम की अधिकता और उसे उबाऊ प्रकृति को दोष देते है
दोस्तों अगर, हम अपनी ऊर्जा के साथ उस काम को खत्म करने की कोशिश करेंगे तो वह काम समाप्त हो सकता है लेकिन हमारा नकारात्मकता है कि हम पहले ही उसे बोझ  समझ लेते हैं
सबसे पहले यह जरूरी है किसी भी काम को शुरू करने के लिए हम अपने अंदर सकारात्मक या पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करें.




 जब तक आपके अंदर पॉजिटिव उर्जा नहीं होगा आप किसी भी काम को उसके पूरी ईमानदारी और सफाई के साथ पूर्ण नहीं कर सकते और आपके अंदर सकारात्मकता तब आएगी जब आप खुद में भरोसा करना सीखें.

इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आसपास वैसे लोगों को हमेशा रखें जो आपके और आपके सपने में विश्वास करते हैं आप जब तक अपने ऊपर विश्वास नहीं करेंगे कोई भी काम जो आपको करना है उसे आप संपूर्ण ईमानदारी के साथ नहीं करें इसके लिए यह जरूरी है कि आप अपने अंदर स्थित ऊर्जा  को पहचाने.


विश्वास करें दोस्तों आप जितना अपने बारे में सोचते हैं उससे कहीं बहुत ज्यादा साहसी है आप. अपने अंदर के साहस को पहचाने क्योंकि आपके अंदर का यह साहस हीं है जो आपको सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर रखेगा. 

किसी भी काम को करने के लिए आपको आप अपने ऊपर कभी भी अविश्वास नहीं करें क्योंकि आपमें न टैलेंट की कमी है और न हीं योग्यता की और ना दूरदर्शिता की कमी है अगर कमी है तो सिर्फ इस प्रवृति कि जिसमे आप नकारात्मक माइंडसेट से खुद का मूल्यांकन करने का आदत बना चुके हैं.

दोस्तों विश्वास करें किसी भी काम को सफाई के साथ करने में सबसे बड़ी बाधा यह है कि हम अपनी ऊर्जा का समुचित रूप से उपयोग नहीं कर पाते.

विश्वास करें दोस्तों ऐसा कोई भी असंभव कार्य नहीं है जिससे आप पूरा नहीं कर सकते हैं क्योंकि आपके अंदर ऊर्जा का विशाल भण्डार स्थित है. ... आशा और उम्मीद नहीं छोड़े दोस्तों क्योंकि बिना उम्मीद के आप जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते और उम्मीद के लिए यह जरूरी है कि आप अपने ऊपर सबसे पहले विश्वास करना सीखें.

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में

Daily GK Facts in Brief 08 March 2024

Daily GK Facts in Brief 08 March 2024

 फ्रांस- गर्भपात को संवैधानिक अधिकार 

फ्रांस गर्भपात को संवैधानिक अधिकार की गारंटी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर फ्रांस ने अपने संविधान में गर्भपात का अधिकार शामिल कर लिया।  

नई दिल्‍ली-कृषि एकीकृत कमान और नियंत्रण केन्‍द्र का उद्घाटन

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने देशभर के किसानों को सशक्‍त बनाने के लिए कल नई दिल्‍ली में कृषि एकीकृत कमान और नियंत्रण केन्‍द्र का उद्घाटन किया।

जोरहाट-योद्धा लचित बोरफुकान की प्रतिमा 

जोरहाट, असम में होलोंगा पाथर में महान योद्धा लचित बोरफुकान की 84 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण ।

सेला सुरंग- ईटानगर 

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज ईटानगर से तवांग जिले में बहुप्रतीक्षित सेला सुरंग का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना की नींव श्री मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी। 
  • इस परियोजना में दो सुरंगें और 8.8 किलोमीटर लंबी सड़क शामिल है।
  • सेला-चारबेला रिज से होकर गुजरने वाली यह सुरंग 13,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी बाइलेन सुरंग होगी। 

नजरिया जीने का: जीवन में विशिष्ट बनें, अपनाएँ ये टिप्स

najariya jine ka how to become special in life

जीवन में विशिष्ट बनने के लिए हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए क्योंकि साधारण से असाधारण बनने का प्रयास हीं हमें जीवन में मुकमल सफलता प्रदान करने में मदद करती है. जीवन में आप किसी भी क्षेत्र में हैं, याद रखें की उस क्षेत्र में टॉप पर हमेशा स्थान मौजूद होता है और उसके लिए आपको विशिष्ट बनने की जरुरत है. जब आप अपने काम में विशिष्ट होते हैं, तो आपके सफल होने की संभावना अधिक होती है। आप अपने क्षेत्र में एक विशेषज्ञ बन जाते हैं, और लोग आपके ज्ञान और कौशल की तलाश करते हैं।

हालांकि यह सच है कि यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है। जब आप जीवन में विशिष्ट होते हैं, तो आप अधिक सफल, संतुष्ट और खुश होते हैं।  अपने काम में विशिष्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:

अपनी प्रतिभा को पहचानें: 

 जीवन का मतलब सिर्फ जीना हीं नहीं होता है बल्कि ऐसा जीवन जीना है जो कि आपको संतुष्टि दें। आप अपने प्रतिभा और रुचि  को सबसे पहले पहचाने और अपने टेस्ट के अनुसार अपना लक्ष्य का चयन करें। यह जानने के लिए कि आपको क्या पसंद है और आप किस काम में अच्छे हैं, आत्म-विश्लेषण करें। अपनी रुचि के क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करें और अपनी प्रतिभा को विकसित करें।

लक्ष्य निर्धारित करें:

सबसे पहले आप अपने लिए अच्छे से विचार कर उचित क्षेत्र का चयन करें और उसमें अच्छी प्रदर्शन  के लिए अपनी विशेषज्ञता तय करें। इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने जुनून को खोजें और ईमानदारी से उसे हासिल करने में लग जाएँ। आपको कड़ी मेहनत करने, लगातार रहने और कभी भी सीखना बंद न करने की आवश्यकता है। 

नियमित अध्ययन और अद्यतन रहें: 

सबसे पहले, अपने लिए स्पष्ट और स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। आप क्या हासिल करना चाहते हैं और आपकी सफलता कैसी दिखेगी इसपर विचार कर आप खुद का भविष्य तय करें. 

सीखने के लिए तैयार रहें:

जैसा की आप जानते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और आत्म-विकास के लिए खुद को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना हीं जीवन का सबसे बड़ा सत्य और चैलेंज है। अपने काम में बेहतर बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करें। इसमें तकनीकी कौशल, नरम कौशल और ज्ञान शामिल हो सकते हैं।

हमेशा पॉजिटिव रहें:

अपने काम में प्रेरित होना सीखिए और हमेशा पॉजिटिव रहने सीखें. पॉजिटिव रहने के लिए अच्छी पुस्तकों और लोगो पर्सनालिटी के जीवन को पढ़ें।   अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, अपनी प्रगति का जश्न मनाएं और नई चुनौतियों की तलाश करें। अपने आप को चुनौती दें। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और नई चीजें आज़माएं।

अपने आप को चुनौती दें: 

अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए खुद को चुनौती दें और खुद से बात करना सीखें। स्वामी विवेकानंद के उस कथन को हमेशन याद रखें कि- " यदि चौबीस घंटे मे एक बार आप खुद से बात नहीं करते हैं तो संसार के सबसे विशिष्ट और खास आदमी कि आप उपेक्षा कर रहे हैं। "

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन में विशिष्ट बनने के लिए समय और प्रयास लगता है। धैर्य रखें, कड़ी मेहनत करें, और कभी भी हार न मानें।आप भी अपनी रुचि और प्रतिभा के आधार पर जीवन में विशिष्ट स्थान बना सकते हैं। 

आईएनएस जटायु : भारतीय नौसेना ने लक्षद्वीप द्वीप में आईएनएस जटायु को कमीशन किया

INS Jatayu in lakshdweep facts in brief

आईएनएस जटायु को नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, लक्षद्वीप के माननीय प्रशासक श्री प्रफुल्ल के पटेल, वी एडमिरल वी श्रीनिवास, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी नौसेना की उपस्थिति में मिनिकॉय द्वीप, लक्षद्वीप में कमीशन किया गया । यह लक्षद्वीप द्वीप में भारतीय नौसेना की पकड़ को मजबूत करेगा साथ ही  यह क्षेत्र में क्षमता निर्माण, परिचालन पहुंच और जीविका का विस्तार करता है। 

मिनिकॉय में नौसेना बेस की स्थापना से द्वीपों के व्यापक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुख्य भूमि के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आईएनएस जटायु नौसेना प्रभारी अधिकारी (लक्षद्वीप), दक्षिणी नौसेना कमान के परिचालन नियंत्रण में कार्य करेगा।

एक प्रभावशाली कमीशनिंग समारोह में, नौसेना प्रमुख को 50 पुरुषों का गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यूनिट के पहले कमांडिंग ऑफिसर कमांडर व्रत बघेल ने संस्कृत में मंगलाचरण का पाठ किया और उसके बाद कमीशनिंग वारंट का वाचन किया। कमीशनिंग पट्टिका के अनावरण के बाद, राष्ट्रगान की धुन पर नौसेना ध्वज फहराया गया। राष्ट्रगान के अंतिम स्वर के साथ, मस्तूल पर कमीशनिंग पेनेंट को तोड़ दिया गया। कमीशनिंग समारोह में वाइस एडमिरल संजय जे सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान, वरिष्ठ नौसेना अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

 आईएनएस जटायु सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण को अपनाते हुए भारतीय नौसेना की परिचालन निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।