International Friendship Day 2025: सच्चा दोस्त-मिलना मुश्किल है और मिला जाना सौभाग्य की बात


फ्रेंडशिप डे 2025  या  मित्रता दिवस हमारे दोस्तों के साथ हमारे संबंधों का जश्न मनाने के लिए समर्पित एक विशेष दिन है। भारत में  फ्रेंडशिप डे 2025  हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। हालाँकि  फ्रेंडशिप डे 2025 पूरी दुनिया में मनाई जाती है , लेकिन हर देश में इसकी तिथि अलग-अलग हो सकती है। यह दिन दोस्तों के महत्व और हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान और पहचान भी करता है।

फ्रेंडशिप डे का यह दिन खास तौर पर दोस्तों के लिए होता है और इसके लिए हम उनके प्रति आभार व्यक्त करने, रिश्तों को मज़बूत करने और दोस्ती से मिलने वाली खुशियों का जश्न मनाने का अवसर मनाते हैं।

सच्ची मित्रता के रिश्ते का वर्णन करने के लिए, हमें प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के उद्धरणों से परिचित होना चाहिए, जो इस प्रकार हैं - "विचारों में समानता ही व्यक्तियों के बीच मित्रता का आधार है।" मित्रता दिवस के अवसर पर मित्रता को परिभाषित करने वाला यह सर्वोत्तम उद्धरण है। 

विचार और हमारी प्रतिबद्धता ही मानवीय रिश्तों की नींव हैं, यह प्रेम के बंधन, साथ रहने के आनंद और सीमाओं, देशों और पृष्ठभूमियों से परे समर्थन और साथ के प्रति कृतज्ञता का जश्न मनाने के लिए एक विशेष श्रद्धांजलि है। आपसी सम्मान, विश्वास, समर्थन और साझा अनुभव इस रिश्ते की आधारशिला हैं।

इस दिन, लोग आमतौर पर उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, संदेश भेजते हैं और साथ में समय बिताते हैं, ये सभी मज़बूत और सहयोगी दोस्ती के महत्व को और मज़बूत करते हैं।

फ्रेंडशिप डे 2025: तिथि

ध्यान दें कि भारत में फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है और इस साल यानी 2025 में साल का पहला रविवार 3 अगस्त को पड़ रहा है, इसलिए फ्रेंडशिप डे 5 अगस्त, 2025 को मनाया जाएगा।

फ्रेंडशिप डे का महत्व

दोस्ती का जश्न: यह उन दोस्तों का सम्मान और सराहना करने का दिन है जो हमारे जीवन में खुशी और अर्थ जोड़ते हैं।

रिश्तों को मज़बूत करना: मित्रता दिवस कृतज्ञता और स्नेह व्यक्त करके मौजूदा दोस्ती को मज़बूत करने का अवसर प्रदान करता है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान: विभिन्न संस्कृतियाँ मित्रता दिवस को अनूठी परंपराओं के साथ मनाती हैं, जिससे वैश्विक समुदाय और समझ की भावना को बढ़ावा मिलता है।

मानसिक स्वास्थ्य: मित्रता को पहचानना और उसका जश्न मनाना सामाजिक सहयोग नेटवर्क को मज़बूत करके मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

मित्रता के बारे में महत्वपूर्ण Quotes

  • अरस्तू: "मित्र क्या है? दो शरीरों में एक ही आत्मा निवास करती है।"
  • राल्फ वाल्डो इमर्सन: "मित्र होने का एकमात्र तरीका स्वयं मित्र होना है।"
  • अल्बर्ट कैमस: "मेरे आगे मत चलो... हो सकता है मैं पीछे न आऊँ। मेरे पीछे मत चलो... हो सकता है मैं नेतृत्व न करूँ। मेरे साथ चलो... बस मेरे मित्र बनो।"
  • हेलेन केलर: "मैं उजाले में अकेले चलने की बजाय अंधेरे में एक मित्र के साथ चलना पसंद करूँगी।"
  • ऑस्कर वाइल्ड: "अंततः, सभी संगति का बंधन, चाहे वह विवाह में हो या मित्रता में, बातचीत ही है।"
  • एल्बर्ट हबर्ड: "एक दोस्त वह होता है जो आपके बारे में सब कुछ जानता है और फिर भी आपसे प्यार करता है।"
  • सी.एस. लुईस: "दोस्ती उस पल पैदा होती है जब एक व्यक्ति दूसरे से कहता है, 'क्या! तुम भी? मुझे तो लगा था कि मैं ही अकेला हूँ।'"
  • महात्मा गांधी: "खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों की सेवा में खुद को खो देना।"
  • मार्क ट्वेन: "अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक सुप्त अंतःकरण: यही आदर्श जीवन है।"
  • हेनरी डेविड थोरो: "दोस्ती की भाषा शब्द नहीं, बल्कि अर्थ हैं।"
  • वाल्टर विंचेल: एक सच्चा दोस्त वह होता है जो तब भी आपके साथ रहता है जब बाकी दुनिया चली जाती है।
  • वुडरो विल्सन: दोस्ती ही एकमात्र सीमेंट है जो दुनिया को एक साथ जोड़े रखेगी।
  • मैंडी हेल: दो चीजें जिनके पीछे आपको कभी नहीं भागना पड़ेगा: सच्चे दोस्त और सच्चा प्यार।
  • आयरिश कहावत: एक अच्छा दोस्त चार पत्ती वाले तिपतिया घास की तरह होता है; मिलना मुश्किल है और मिलना सौभाग्य की बात है।
  • एड कनिंघम: दोस्त वो दुर्लभ लोग होते हैं जो पूछते हैं कि हम कैसे हैं और फिर जवाब सुनने का इंतज़ार करते हैं।
  • जॉर्ज हर्बर्ट: सबसे अच्छा आईना एक पुराना दोस्त होता है।

ढाबा स्टाइल राजमा: परफेक्ट रेसिपी, मार्केट का स्वाद पाएं घर पर


ढाबा स्टाइल राजमा एक ऐसी रेसिपी है जो आपके खाने में ढाबे जैसा स्वाद लाती है। यहाँ बताए गए तरीके से आप ढाबा के राजमा वाले टेस्ट को घर पर ही तैयार कर सकते हैं। इसे बनाना आसान है और इसे आप आधा घंटे में तैयार कर सकते हैं। इसे बनाना जितना आसान है, खाने मे यह उतना ही जबरदस्त है। 


विश्वास  करें, आप इसके टेस्ट मे बाजार या ढाबा मे बजे राजमा का टेस्ट पाएंगे। इसे सही मसालों और धीमी आंच पर पकाकर बनाया जाता है। आइए जानते हैं इसकी परफेक्ट रेसिपी:



सामग्री:

राजमा: 1 कप (रातभर पानी में भिगोए हुए)

प्याज: 2 मध्यम (बारीक कटे हुए)

टमाटर: 3 बड़े (प्यूरी बना लें)

हरी मिर्च: 2 (बारीक कटी हुई)

अदरक-लहसुन पेस्ट: 1 बड़ा चम्मच

घी या मक्खन: 3 बड़े चम्मच

तेल: 1 बड़ा चम्मच

जीरा: 1 छोटा चम्मच

हल्दी पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच

धनिया पाउडर: 1 छोटा चम्मच

लाल मिर्च पाउडर: 1 छोटा चम्मच

गरम मसाला: 1 छोटा चम्मच

कसूरी मेथी: 1 बड़ा चम्मच (भुनी और मसलकर)

नमक: स्वादानुसार

धनिया पत्ती: गार्निश के लिए

राजमा मसाला बनाने की विधि

1. राजमा उबालना:

भिगोए हुए राजमा को धोकर प्रेशर कुकर में डालें।

उसमें 4 कप पानी, 1/2 छोटा चम्मच नमक और एक चुटकी हल्दी डालें।

मध्यम आंच पर 4-5 सीटी आने तक पकाएं। (राजमा नरम होना चाहिए।)

2. मसाला बनाना:

एक कढ़ाई में तेल और घी गर्म करें।

इसमें जीरा डालें और चटकने दें।

बारीक कटी हुई प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।

अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालें। भूनें जब तक खुशबू न आ जाए।

अब टमाटर की प्यूरी डालें और मसाले (हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर) डालकर अच्छे से भूनें।

मसाला तब तक पकाएं जब तक तेल अलग न होने लगे।

3. राजमा और मसाला मिलाना:

उबले हुए राजमा को मसाले में डालें।

साथ में राजमा का पानी (जिसमें उबाला था) डालें।

इसे धीमी आंच पर 15-20 मिनट तक पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें।

4. तड़का और गार्निश:

गरम मसाला और कसूरी मेथी डालें। अच्छे से मिलाएं।

2 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।

ऊपर से धनिया पत्ती से गार्निश करें।

सर्विंग टिप्स:

इसे चावल, तंदूरी रोटी या पराठे के साथ गरमा-गरम परोसें।

ऊपर से एक चम्मच मक्खन डालकर इसे और स्वादिष्ट बनाएं।


व्रत के लिए जरुरी मखाना मिठाई: स्वाद में लाजवाब और सेहत के लिहाज़ से फायदेमंद


जैसा कि हम सभी जानते हैं  कि व्रत के दिनों में कुछ हल्का, सात्विक और ऊर्जा देने वाला भोजन ज़रूरी होता है। मखाना मिठाई न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि उपवास के दौरान आपकी सेहत का भी ध्यान रखती है। ऐसे में मखाना से बनी मिठाई न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि सेहत के लिहाज़ से भी बेहद फायदेमंद होती है। 

आज हम आपके साथ मखाना मिठाई (लड्डू या बर्फी) की व्रत विशेष रेसिपी बता  रहे हैं जो आप व्रत के दौरान अपने थाली में इसे शामिल कर सकते हैं। इसके सबसे बड़ा लाभ यह  होता है कि इसमें फाइबर की मात्रा होती है, जो पेट साफ रखने और कब्ज से राहत देने में मदद करता है।

 सामग्री (Ingredients): 

  • मखाने (फॉक्स नट्स) 2 कप
  • देसी घी 2-3 बड़े चम्मच
  • गुड़ (या शुद्ध मिश्री) 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • सूखा नारियल (वैकल्पिक) ¼ कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • इलायची पाउडर ½ चम्मच
  • काजू/बादाम (कटा हुआ) 2-3 बड़े चम्मच
  • दूध (वैकल्पिक) 2 बड़े चम्मच



बनाने की विधि (Step-by-Step Recipe):

मखाने भूनना:

सबसे पहले एक कढ़ाही में 1 बड़ा चम्मच घी गर्म करें। उसमें मखाने डालकर धीमी आंच पर 7-8 मिनट तक कुरकुरे होने तक भूनें। भूनने के बाद ठंडा करके मिक्सी में दरदरा पीस लें। चाहें तो आधे मखाने दरदरे रखें और आधे पाउडर बना लें, इससे टेक्सचर अच्छा आएगा।


मखाना मिठाई गुड़ की चाशनी कैसे तैयार करें?

एक पैन में थोड़ा सा पानी डालकर गुड़ गर्म करें जब तक वह पूरी तरह पिघलकर चाशनी जैसा बन जाए। ध्यान रहे – चाशनी को ज़्यादा गाढ़ा न करें।

मखाना मिठाई मिश्रण कैसे तैयार करें?

अब कढ़ाही में थोड़ा घी गर्म करें और उसमें कटा हुआ नारियल, काजू-बादाम हल्का भूनें। फिर उसमें मखाना पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अब इसमें गुड़ की चाशनी डालें और इलायची पाउडर मिलाएं।

सेट करना या लड्डू बनाना:

अगर आप बर्फी बनाना चाहते हैं: मिश्रण को एक घी लगी थाली में फैलाएं, ठंडा होने दें और मनचाहे आकार में काट लें।

अगर आप लड्डू बनाना चाहते हैं: मिश्रण हल्का गुनगुना रहते ही हाथों से लड्डू का आकार दें।

तमिलनाडु का चित्रांगुडी अभ्यारण्य: पक्षीप्रेमियों के लिए एक छिपा खज़ाना- Facts In Brief

Chitrangudi Bird Sanctuary Facts in Brief

चित्रांगुडी पक्षी अभ्‍यारण्य, जिसे स्थानीय रूप से "चित्रांगुडी कनमोली" के नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह रामेश्वरम और मन्नार की खाड़ी के करीब स्थित है, जो इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार स्थल बनाता है। यह अभ्यारण्य पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है जो पक्षियों और प्रकृति की तस्वीरें लेने वालों के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यह अभ्यारण्य जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थल है।

 यह आर्द्रभूमि 1989 से एक संरक्षित क्षेत्र है और इसे पक्षी अभ्‍यारण्य के रूप में घोषित किया गया है, जो तमिलनाडु वन विभाग, रामनाथपुरम डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है। 

चित्रांगुडी पक्षी अभ्‍यारण्य शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास है। स्‍थल से 30 परिवारों के लगभग 50 पक्षियों के उपस्थित होने की जानकारी मिली है। इनमें से 47 जल पक्षी और 3 स्थलीय पक्षी हैं। 

इस स्‍थल क्षेत्र से स्पॉट-बिल्ड पेलिकन, लिटिल एग्रेट, ग्रे हेरॉन, लार्ज एग्रेट, ओपन बिल स्टॉर्क, पर्पल और पोंड हेरॉन जैसे उल्लेखनीय जलपक्षी देखे गए।

पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियाँ

  • जलपक्षी: ग्रे पेलिकन, लिटिल कॉर्मोरेंट, स्पूनबिल, एग्रेट, पेंटेड स्टॉर्क।
  • प्रवासी पक्षी: फ्लेमिंगो, ग्रे हेरॉन, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट, सैंडपाइपर।
  • स्थानीय पक्षी: भारतीय बगुला, किंगफिशर, टर्न आदि।

 चित्रांगुडी कृषि क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जहां साल भर विभिन्न फसलें उगाई जाती हैं। आर्द्रभूमि कई मछलियों, उभयचरों, मोलस्क, जलीय कीड़ों और उनके लार्वा का भी पालन करती है यह प्रवासी जलपक्षियों के लिए अच्छे भोजन स्रोत बनाते हैं। कृषि उद्देश्यों के लिए आर्द्रभूमि के आसपास और भीतर सिंचाई के लिए भूजल निकाला जाता है।

श्रावण में शिव महिमा: भगवान शिव ने क्यों लिए ये प्रमुख अवतार?

Lord Shankar Avtaar Shivpuran
हिन्दू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है जो देवों के देव महादेव की पूजा के लिए पूरी तरह से समर्पित होता है।  भगवान शंकर को सभी हिन्दू देवताओं में सर्वोच्च भगवान माना जाता है भगवान सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से भी एक है. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार यह मान्यता है कि सावन के पावन महीने में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने और उनके निमित्त व्रत रखने से वे अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का भी भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। हिंदू पौराणिक कहानियों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने कई अवतार लिया था. आइए जानते हैं भगवान शंकर के प्रमुख अवतारों के बारे में.
शिव के 19 अवतार
शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है निम्नलिखित में कुछ महत्वपूर्ण शिव अवतारों के बारे में जानकारी दी गई है.  हिंदू पंचांग के अनुसार, शिव पुराण एक प्रमुख हिंदू पुराण है, जो भगवान शिव के महत्वपूर्ण कथाओं, अवतारों और उपास्य रूपों के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है। शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है निम्नलिखित में कुछ महत्वपूर्ण शिव अवतारों के बारे में जानकारी दी गई है :शिव के इन 19 अवतारों ने सभी प्राणियों को कष्टों से मुक्त किया है और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान की है. वे सभी भक्तों के लिए पूजनीय हैं और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करते हैं.

 हिन्दू पञ्चाङ्गे और अन्य स्रोतों के अनुसार भगवान शिव के प्रमुख अवतार हैं-वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि । 



शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है. इनमें से कुछ प्रमुख अवतार हैं:

विश्वरूप अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विष और अमृत पीने वाले देवता-असुरों के सामने अपनी विश्वरूप दिखाई थी। इससे उन्होंने अपने भक्तों को प्रेरित किया और दुर्योधन के पक्ष से द्रोणाचार्य को मदद करने का भी वादा किया था।

भैरव अवतार: भगवान शिव के इस अवतार में उन्होंने अश्वत्थामा के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भैरव रूप धारण किया था। उन्होंने अश्वत्थामा को प्रतिज्ञा की थी कि उन्हें उसके श्राप से मुक्ति मिलेगी।

दक्षिणामूर्ति अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने गुरुपूर्वक ज्ञान को प्रदान किया था। उन्होंने चारों दिशाओं के देवताओं को ज्ञान दिया था और संसार की माया और अविद्या का नाश करने की महत्वपूर्ण उपदेश दिया था।

महाकाल: महाकाल भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध अवतार है. वे काल का देवता हैं और मृत्यु के अधिपति हैं. वे सभी प्राणियों के अंत के जिम्मेदार हैं.

अर्धनारीश्वर अवतार: इस अवतार में भगवान शिव और पार्वती के सम्मिलित रूप में व्यक्त होते हैं, जो प्रकृति और पुरुष के सम्मिलन को प्रतिष्ठित करता है। इस रूप में उन्हें सृष्टि, स्थिति और संहार का सार्वभौमिक अधिकार होता है।



जानें चार धामों के बारे में: बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम और द्वारका

तारक: तारा भगवान शिव का एक अन्य प्रसिद्ध अवतार है. वे तारा देवी के अवतार हैं, जो एक शक्तिशाली देवी हैं जो सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति देती हैं.

भुवनेश: भुवनेश भगवान शिव का एक अवतार है जो समस्त ब्रह्मांड का स्वामी है. वे सभी प्राणियों के संरक्षक हैं और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से बचाते हैं.



षोडश: षोडश भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के ज्ञान और शक्ति का भंडार है. वे सभी भक्तों को ज्ञान और शक्ति प्रदान करते हैं.

गौरीशंकर अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने भक्ता पार्वती के साथ गौरीशंकर के रूप में जन्म लिया था। यह अवतार पर्वतीश्वरी देवी के श्रद्धावान भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धारण किया गया था।

कालभैरव अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने कालभैरव रूप धारण किया था और दक्ष यज्ञ का विनाश किया था। उन्होंने देवी सती के दुख को दूर करने के लिए अपना शक्तिशाली रूप प्रदर्शित किया था।

धूम्रवान: धूम्रवान भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के रोगों और बीमारियों को दूर करने वाला है. वे सभी भक्तों को रोगों और बीमारियों से मुक्त करते हैं.

बगलामुख: बगलामुख भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के शत्रुओं और विरोधियों को हराने वाला है. वे सभी भक्तों को शत्रुओं और विरोधियों से मुक्त करते हैं.

मातंग: मातंग भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के सुख और समृद्धि का भंडार है. वे सभी भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं.

कमल: कमल भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के ज्ञान और मोक्ष का मार्गदर्शक है. वे सभी भक्तों को ज्ञान और मोक्ष प्रदान करते हैं.

यह केवल कुछ शिव पुराण में वर्णित अवतार हैं, लेकिन इस पुराण में भगवान शिव के अन्य अवतारों का भी वर्णन है। शिव पुराण के अलावा भी अन्य हिंदू पुराणों में भगवान शिव के विभिन्न अवतारों का वर्णन मिलता है।

शिव के अनेक अंशावतार भी हुए

शिव के अंश ऋषि दुर्वासा, महेश, वृषभ, पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनर्तक, द्विज, अश्वत्थामा, किरात, नतेश्वर आदि जन्मे. इन अंशावतार का उल्लेख ‘शिव पुराण’ में भी मिलता है.



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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने पेशेवर सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

विंबलडन : Facts in Brief



गर्मी के मौसम में आईस क्यूब से कैसे करें त्वचा की देखभाल, जानें मेकअप विशेषज्ञ से

गर्मी और मानसून के मौसम में त्वचा को ठंडक और ताजगी देने के लिए यह जरूरी है कि हम कुछ त्वचा के लिए कुछ अडिश्नल केयर करें। इसके लिए सबसे अच्छा और बेहतरीन उपाय है आइस क्यूब्स जो न सिर्फ त्वचा को तरोताज़ा करता है, बल्कि कई स्किन प्रॉब्लम्स को भी दूर करने में मदद करता है। आइस क्यूब लगाने के लिए सबसे युपयुक्त उपाय है किसी साफ कॉटन कपड़े में लपेटकर हल्के हाथों से चेहरे पर 1–2 मिनट तक रगड़ें और इसे आप  दिन में एक बार सुबह या धूप में बाहर जाने से पहले कर सकते हैं। 

सेलिब्रिटी मेकअप विशेषज्ञ, स्टार सैलून एण्ड एकेडमी, डायरेक्टर आश्मीन मुंजाल लेकर आई त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद टिप्स:
  • अक्सर इस मौसम में हमें ओपन पोर्स और टैनिंग की समस्या होता है, अगर ऐसा है तो आलू, खीरा और टमाटर का पेस्ट लेकर आईस ट्रे में जमा कर क्यूब बना लें, ये क्यूब त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद हैं.
  • क्यूब्स को अपने चेहरे पर रगड़ें, 20 मिनट के लिए छोड़ दें और इसके बाद पानी से धो लें। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल करें, यह त्वचा के लिए बेहतरीन क्लेंज़र और टोनर का काम करता है.अगर आपकी त्वचा ड्राई तो इस में 3 बादाम का पेस्ट भी मिला लें, यह बहुत फायदेमंद होगा.
  • अगर आपकी त्वचा आॅयली है तो इसमें लाईम ज्यूस ओडीकोलन मिलाएं, इससे आपको त्वचा की गंध से छुटकारा मिलेगा। खासतौर पर अगर आपको अंडआम्र्स में बहुत ज़्यादा पसीना आता है तो आप इस पसीने की गंध से भी राहत पा सकते हैं.
  • अगर आपकी त्वचा सनबर्न के कारण पैची हो गई है तो आप एलो वेरा क्यूब का इस्तेमाल करें, इसमें जैसमीन या नीम का तेल मिला लें, यह त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है. एक क्यूब लेकर त्वचा, गर्दन, कोहनी पर रगड़ें, 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। त्वचा से डार्क सैल्स और टैनिंग निकल जाएगी.
  • क्यूब बनाने के लिए आरओ का पानी इस्तेमाल करें जो हार्ड न हों, क्यों हार्ड पानी से त्वचा पर पैच आदि हो सकते हैं.
  • अगर आपकी आंखें पफी हो रही हैं तो दूध और ग्रीन टी से आईस क्यूब पैक बनाएं। ग्रीन टी बनाकर इसे आईस ट्रे में रखें। जब ज़रूरत हो आंखों पेर लगाएं. साफ़ तौलिए से त्वचा को सुखा लें.
  • आईस क्यूब एक्ने पोर्स पर भी बेहद फायदेमंद होते हैंvइनका इस्तेमाल से एक्ने की समस्या के लिए किया जा सकता हैv त्वचा की लालगी और सूजन को दूर करते हैं.आईस क्यूब लगाने से पहले चेहरे को पानी से धोकर अच्छी तरह साफ़ कर लेंvकुछ समय के लिए आईस क्यूब का लगातार इस्तेमाल करें, इसके बाद नियमित रूप से इस्तेमाल करें.
  • महिलाएं वैक्सिंग का इस्तेमाल करती हैं, आजकल पुरूष भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. यह शरीर से अवांछित बाल हटाने का अच्छा तरीका है.लेकिन वैक्सिंग के साथ त्वचा की देखभाल ज़रूरी है. खासतौर पर अगर आपकी त्वचा बहुत ज़्यादा सेंसिटिव है तो आईस क्यूब बहुत अधिक फायदेमंद हो सकते है.वैक्सिंग के बादे त्वचा पर आईस क्यूब रगड़ें, इससे त्वचा की लालगी कम होगी और आराम मिलेगाv
  • उमस भरे मौसम में मेकअप करने और फाउन्डेशन लगाने से पहले अगर आईस क्यूब का इस्तेमाल किया जाए तो मेकअप लम्बे समय तक टिकता है. अपने त्वचा को साफ करें, रूई से एस्ट्रिजेंट टोनर लगाएं. इसके बाद आईस क्यूब को एक साफ कपड़े में लपेट कर कुछ सैकण्ड्स के लिए चेहरे पर लगाएं.
  • आईस क्यूब का इस्तेमाल कभी भी 15 मिनट से ज़्यादा समय के लिए न करें.

विंबलडन 2025: विशेषताएँ, इतिहास और अन्य-Facts in Brief


विंबलडन वास्तव मे एक उपनगर अर्थात शहर है जो लंदन मे स्थित है। इसी के नाम पर टेनिस के सबसे प्रतिष्ठित विंबलडन चैंपियनशिप को जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे पुराना टेनिस टूर्नामेंट है जो लंदन के विंबलडन स्थित ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस एंड क्रोकेट क्लब में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। पहला विंबलडन चैंपियनशिप 1877 में आयोजित किया गया था। यह चार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में से एक है, जो इस मामले मे सबसे अलग है कि यह  विशिष्ट रूप से ग्रास कोर्ट पर खेला जाता है जबकि बाकी अन्य टूर्नामेंट जैसे औसट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन और यू एस ओपन आर्टफिशल कोर्ट पर खेली जाती है।  

विंबलडन: जानें विशेषताएं 

क्या होती है ग्रास कोर्ट की विशेषताएँ

लॉन टेनिस टूर्नामेंट के ग्रेंड स्लैम मे विंबलडन एकमात्र ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट है जो ग्रास कोर्ट पर खेला जाता है, जिसे क्लासिक टेनिस कोर्ट की सतह माना जाता है।घास के मैदानों पर खेलना काफी थकान वाला होता है क्योंकि आर्टफिशल के अपेक्षा घास के मैंडर पर खेलने मे तेज़ और कम उछाल होता है, जिससे खिलाड़ियों को मज़बूत सर्व, आक्रामक नेट प्ले (सर्व-और-वॉली) और गेंद को नीचे रखने के लिए प्रभावी स्लाइस बैकहैंड का फ़ायदा मिलता है।

यह काफी तेज सतह वाले मैदान होते हैं क्योंकि यहाँ पर घास होने के कारण गेंद काफी कम उछलते हैं और गेंद नीचे की ओर फिसलती है, जिससे खिलाड़ियों को नीचे रहना पड़ता है और अपने शॉट उसी के अनुसार लगाने पड़ते हैं।

ग्रास कोर्ट पर खेलने मे  खिलाड़ियों को काफी मेहनत करना होता है क्योंकि ग्रैस कोर्ट पर खेलने के दौरान सर्व और वॉली पर ज़ोर देना होता होता है। 

विम्बलडन कि अन्य विशेषताओं मे यह भी शामिल है कि यहाँ पर पूरी तरह सफ़ेद ड्रेस कोड मे खिलाड़ियों को खेलना होता है।  यह सफेद ड्रेस कोड विक्टोरियन युग (1870 के दशक) से चली आ रही परंपरा है।

विजेताओं को ट्रॉफियों की प्रतिकृतियाँ प्राप्त होती हैं, जबकि मूल ट्रॉफियाँ ऑल इंग्लैंड क्लब संग्रहालय में प्रदर्शित रहती हैं।

विंबलडन, अपने समृद्ध इतिहास, अनूठी परंपराओं और विशिष्ट खेल शैली के साथ, टेनिस की दुनिया में एक विशेष स्थान रखता है, जो अपनी भव्यता, प्रतिस्पर्धी भावना और क्लासिक अपील के मिश्रण से खिलाड़ियों और प्रशंसकों दोनों को आकर्षित करता है।

  • पहली विंबलडन चैंपियनशिप 1877 में आयोजित की गई थी।
  • महिला चैंपियनशिप 1884 में शुरू की गई थी।
  • मिश्रित युगल और महिला युगल का उद्घाटन 1913 में हुआ था।
  • विंबलडन पहली बार 1968 में पेशेवर खिलाड़ियों के लिए खुला था।
  • 2020 में, COVID-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया था, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार रद्द किया गया था।
  • 2022 में, नियमित निर्धारित खेल पहली बार "मध्य रविवार" को हुआ।
  • रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को बाहर करने के कारण ATP, ITF और WTA ने 2022 टूर्नामेंट के लिए रैंकिंग अंक नहीं दिए।
  • रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर से प्रतिबंध 31 मार्च, 2023 को हटा लिया गया।


Point Of View : सेल्फ डिसिप्लिन के महत्त्व को समझे, जानें स्व-अनुशासन को विकसित करने के टिप्स

Point Of View : सेल्फ डिसिप्लिन के महत्त्व को समझे, विकसित करने के टिप्स, महत्वपूर्ण कोट्स

Point of View: आज की तेज़ रफ़्तार और भागदौड़ वाली दुनिया में जहां जीवन की जद्दोजहद में लोगों का अधिकांश समय बीतता है, यह जरूरी है कि हम  आत्म-अनुशासन के महत्व को समझें और खुद पर अनुशासन को लागू करें। आत्म-अनुशासन या स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो हमें अपनेआप पर को नियंत्रित करने और गलतियों को चेक करने के लिए बाध्य करता है। स्व-अनुशासन हीं वह पद्धति और उपाय है जो हमें अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाती है.

आत्म-अनुशासन एक ऐसी व्यवस्था है जहां आप खुद के लिए नियम बनाते भी हैं, उसे इम्प्लमेन्ट भी करते हैं और आपको उसे मोनिटरिंग भी करना होता है। निश्चित हीं, यह आसान नहीं हैं लेकिन विश्वास करें, यह इतना मुश्किल भी नहीं है। वास्तव मे आत्म-अनुशासन हीं वह चीज है जो ऐसी दिनचर्या बनाता है जो समय और संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करती है और आपकी व्यस्त जीवनशैली में आराम करने के लिए खाली समय और कुछ अच्छा करने के लिए आपको तैयार भी करती है। 

सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन एक शक्तिशाली कौशल है जो आपको अपने जीवन में न केवल महत्वपूर्ण लक्ष्य  हासिल करने आपको मदद करता है बल्कि यह आपके जीवनशैली को एक परफेक्ट लाइफस्टाइल में बदल देता है. सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन ठीक वैसे ही हैं जैसे हम खुद के लिए नियमों को बनाने वाले होते हैं और उसे पालन करने में खुद को मजबूर भी करते हैं. आप कह सकते हैं यह अपने आप में ठीक वैसे ही है जैसे आप नियम निर्माता भी हैं, पालन करने वाले भी हैं और उन्हें मॉनिटरिंग करने वाले भी खुद है. यह आपको सिखाती है कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कैसे अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाता है. यदि आप स्व-अनुशासन विकसित करना चाहते हैं, तो भले हीं  शुरू में आपक्को कुछ परेशानी हो लेकिन यह असंभव भी नहीं है. आप इन टिप्स की मदद से इसे लागु कर सकते हैं.


सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन हमारे जीवन में इतना महत्वपूर्ण है जिसके माध्यम से हम बिना किसी अतिरिक्त मोटिवेशनल डोज़ लिए हम अपने जीवन की सार्थकता को साबित कर सकते हैं. सेल्फ डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन का महत्त्व हमारे जीवन में ठीक ऐसा ही है जैसे कि हमारे शरीर के लिए हवा की जरुरत होती है वैसे ही हमें इस अपने जीवन का अभिन्न अंग की तरह बनाकर अपने साथ रखना होगा. 

आत्म-अनुशासन जीवन का अभ्यास आपको वह करने की क्षमता प्रदान करता है जो आपके जीवन की सार्थकता और सम्पूर्णता को प्राप्त करने में सहायता करती है. क्योंकि आप जानते हैं कि आप अपने मन में किसी भी सपने को प्राप्त करना सीख सकते हैं ... इसलिए जीवन में आत्म अनुशासन के लिए जरुरी पांच स्तंभों को हमेशा याद रखें जो आपको जीवन के किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने और जीवन की सम्पूर्णता की और ले जाती है -स्वीकृति, इच्छाशक्ति, कठोर परिश्रम, मेहनती और दृढ़ता।

स्व-अनुशासन को  विकसित करने के टिप्स 

  • अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं.
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और समर्पण रखें.
  • अपने आप को नियमित रूप से प्रेरित करें और प्रोत्साहित करें.
  • अपने आप को छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत करें.
  • स्व-अनुशासन एक जीवन भर की यात्रा है, लेकिन यह एक यात्रा है जो आपको अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करने में मदद कर सकती है. इसलिए, आज ही स्व-अनुशासन विकसित करना शुरू करें और अपने सपनों को पूरा करें.


सेल्फq डिसिप्लिन लाइफ या स्व-अनुशासन: महत्वपूर्ण कोट्स 
  • "सफलता का रहस्य स्व-अनुशासन है." - एलेन वार्क
  • "स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है." - लाओ त्ज़ू
  • "स्व-अनुशासन ही वह कौशल है जो आपको अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है." - ब्रूस ली
  • "स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो आपको अपने जीवन को नियंत्रित करने और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाती है." - नेपोलियन हिल
  • "स्व-अनुशासन ही वह नींव है जिस पर आप अपने जीवन का निर्माण कर सकते हैं." - विलियम जेम्स

आत्म-अनुशासन आपके जीवन के हर प्रयास में बनने वाला अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण कारक है..जो न केवल आपके जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है..बल्कि यह भ्रम की स्थिति में भी आपके जीवन को हमेशा सही रास्ते पर लाता है और यह हमारे जीवन में क्या करना है और क्या नहीं करना है के बीच की रेखा का सीमांकन करता है।



 दैनिक जीवन में आत्म-अनुशासन वह फैक्टर  है जो आपको अपने आवेगों, भावनाओं, प्रतिक्रियाओं और व्यवहारों को नियंत्रित करने के लिए बाध्य  करता है। अपने जीवन में आत्म-अनुशासन के महत्व को नियंत्रित करें और समझें. यह आपको अल्पकालिक संतुष्टि के बदले दीर्घकालिक संतुष्टि और लाभ के बारे में सोचने के लिए परिपूर्ण बनाएगा।




मानसून में इन चीज़ों का सेवन पड़ सकता है भारी – सेहत के लिए अलर्ट!


बरसात के मौसम में, भले हीं हमें गर्मी से राहत और सुकून दिलाने वाला होता ही क्योंकि झुलसाने वाले गर्मी से हमें यह निजात दिलाती है। लेकिन इसके साथ हीं यह भी सच है कि मानसून के मौसम में हमें अपने स्वास्थ्य के लिए भी खास सावधानी बरतने के अवसर भी होता है क्योंकि हमारी थोड़ी से लापरवाही स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। सच्चाई तो यह ही कि बरसात के समय मे हमारा वातावरण बैक्टीरिया, फंगस और अन्य सूक्ष्म जीवों के लिए खास अवसर होता है क्योंकि ये वातावरण मे ऐक्टिव हो जाती है जो कि हमारे स्वास्थ्य कि परेशानियों का कारण बन सकती है। अगर हम सावधान नहीं हैं तो यह हमारे भोजन या अन्य किसी भी माध्यम  से हमारे शरीर मे प्रवेश कर सकती है और हमारे लिए परेशनियों का कारण बन सकती है। तो आइए हम जानते हैं कि आखिर बरसात के समय मे हमें खाने के लिए किस प्रकार कि सावधानियों को बरतने कि जरूरत है और खासतौर पर  कटे हुए फल, तले हुए स्नैक्स और सड़क किनारे मिलने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों को सावधानी से क्यों खाना चाहिए.

पत्तेदार सब्जियां और स्प्राउट्स (अंकुरित अनाज) 

मानसून मे मानसून में पत्तेदार सब्जियां और स्प्राउट्स (अंकुरित अनाज) मे बैक्टीरिया और फंगस का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस मौसम मे हवा में नमी अधिक होती है, जिससे स्प्राउट्स पर जल्दी बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं। इससे फूड पॉइज़निंग की संभावना बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त पत्तेदार सब्जियां और स्प्राउट्स (अंकुरित अनाज) अक्सर कच्चे खाए जाते हैं, जिससे उसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया (जैसे E. coli, Salmonella) शरीर में सीधे प्रवेश कर सकते हैं।

कटे हुए फल

मानसून के समय मे वातावरण मे  बैक्टीरिया, फंगस और अन्य सूक्ष्म जीव खासतौर पर ऐक्टिव हो जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खासतौर पर हानिकारक और जानलेवा हैं। मानसून मे खासतौर पर खुले में बेचे जाने वाले पहले से कटे हुए फल अक्सर नम हवा, मक्खियों और गंदी सतहों के संपर्क में आते हैं। हालांकि की सरकारी एजेंसियां और फूड डिपार्ट्मन्ट इन खुले फलों कि बिक्री पर सचेत रहती है और रोक लगाते हैं लेकिन सच यह है कि यह अभी भी खुलेआम बिकती है। यह बैक्टीरिया के लिए एक आदर्श प्रजनन भूमि बनाता है, जिससे पेट में संक्रमण और भोजन विषाक्तता जैसी खाद्य जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

तले हुए स्ट्रीट फूड

बहलें हीं हम बरसात के समय मे खासतौर पर पकौड़े, समोसे और चाट जैसे स्नैक्स के दीवाने हो जाते हैं और अक्सर इस मौसम मे इनकी बिक्री बढ़ भी जाती है। लेकिन इनके इस्तेमान मे हमें खास तौर पर सचेत रहने कि जरूरत है क्योंकि इनके निर्माण मे दोबारा इस्तेमाल किए गए तेल में तला जा सकता है या घंटों तक बाहर रखा जा सकता है। इसके साथ ही बरसात के मौसम मे नम मानसून की हवा में, तेल जल्दी खराब हो सकता है और इन्हे बनाने वाले सैफ्टी और स्वस्थ टेक्नीक का इस्तेमाल नहीं करते हैं और नतीजा यह होता है कि ये चीजें खराब हो सकती है, जिससे अपच, एसिडिटी या इससे भी बदतर हो सकता है।

खतरनाक स्ट्रीट फूड्स 

स्ट्रीट फूड्स न केवल बच्चों बल्कि बड़ों के लिए खास पसंद बन चुकी है और हकीकत तो यह है कि शाम को बगैर इन दुकानों पर विजिट के बिना हमारी दिन पूरी हीं नहीं होती है। पानी पूरी से लेकर नूडल्स तक, कई स्ट्रीट फूड हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं लेकिन मानसून के समय मे इनके इस्तेमाल मे खास सुरक्षा बरतने कि जरूरत है। पानी पूरी से लेकर नूडल्स, स्प्रिग रोल 5 तथा अन्य इसप्रकार कि चीजें  कच्चे या आधे पके हुए पदार्थों और पानी से बनाए जाते हैं जो बिल्कुल सुरक्षित नहीं होते हैं।  मानसून के दौरान, पानी का दूषित होना आम बात है, जिससे ये खाद्य पदार्थ आपके पेट के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं।

कमज़ोर पाचन तंत्र

मानसून का मौसम खास तौर पर हमारे शरीर के लिए भी संदेड़नशील होता है जो कि बाहरी के अलावा आंतरिक परिवर्तन भी होते हिन। बरसात का मौसम स्वाभाविक रूप से हमारे पाचन तंत्र को धीमा कर देता है जो खाने पीने मे खास प्रकार कि सावधानी बरतने का संकेत होता है। ऐसे मे इस मौसम मे भारी, तैलीय या कच्चे खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे पाचन तंत्र के लिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि इन भोजन को पचाना मुश्किल हो जाता है, जिससे हम पेट फूलने, गैस और संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

तंपारा झील ओडिशा: पक्षियों की 60, मछलियों की 46 और फाइटोप्लांकटन की 48 प्रजातियों से पूर्ण, जाने खासियत

Tampara Lake freshwater lakes Odisha Facts In Brief

तंपारा झील, ओडिशा  राज्य के गंजाम जिले में स्थित एक खूबसूरत और शांत जलाशय है जो वहाँ के  प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। तंपारा झील एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप मे विख्यात है और अपनी सुंदरता के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। पर्यटक यहाँ बोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि झील के आसपास कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जो इसे बर्ड वॉचिंग के लिए एक बेहतरीन स्थान बनाते हैं।तम्पारा झील पक्षी प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है क्योंकि यहां प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।

यह झील पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफरों और उन सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है जो शांति और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं। यहां का शांत वातावरण और सुंदर परिदृश्य मन को शांति और सुकून प्रदान करते हैं।
तंपारा झील एक मीठे पानी की झील है जो लगभग 300 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है. यह ओडिशा राज्य की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है जो राज्य की खूबसूरत झीलों मे से एक है। यह आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है।

 यह रुशिकुल्या नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है जो एक प्राकृतिक स्थल होने के साथ ही यह महत्वपूर्ण पक्षी विहार और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैतंपारा झील एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार है और यहां पर कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं. यह झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है और यहां पर लोग तैराकी, बोटिंग और मछली पकड़ने का आनंद लेते हैं. झील के किनारे पर कई होटल और रेस्तरां हैं, जहां पर लोग भोजन और आराम कर सकते हैं.

तंपारा झील: 
भारत में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश में 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं। रामसर स्थलों के रूप में नामित 11 आर्द्रभूमियों में से  ओडिशा स्थित तंपारा झील भी शामिल है. 

तंपारा झील: Facts in Brief 

तंपारा झील गंजम जिले में स्थित ओडिशा राज्य की सबसे प्रमुख मीठे पानी की झीलों में से एक है। यहां की भूमि का क्षेत्र धीरे-धीरे वर्षा जल के प्रवाह से भर गया और इसे अंग्रेजों द्वारा "टैम्प" कहा गया और बाद में स्थानीय लोगों द्वारा इसे "तंपारा" कहा गया।

आर्द्रभूमि पक्षियों की कम से कम 60 प्रजातियों, मछलियों की 46 प्रजातियों, फाइटोप्लांकटन की कम से कम 48 प्रजातियों और स्थलीय पौधों और मैक्रोफाइट्स की सात से अधिक प्रजातियों का पालन करती है। 

तंपारा झील एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार है. यहां पर कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सारस
  • बगुला
  • हंस
  • कबूतर
  • तोता
  • मैना
  • कोयल
  • मोर
  • चकवा
  • बतख

आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है। प्रति वर्ष 12 टन की अनुमानित औसत मछली उपज के साथ, आर्द्रभूमि स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

 यह आर्द्रभूमि मछलियों के साथ-साथ कृषि और घरेलू उपयोग के लिए पानी जैसे प्रावधान की सेवाएं भी उपलब्‍ध कराती है और यह एक प्रसिद्ध पर्यटन और मनोरंजन स्थल भी है।

तम्पारा  झील: जाने क्या है खासियत? 

तम्पारा  एक मीठे पानी की झील है जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  5 के निकट (छत्रपुर से) सुंदर में स्थित है. तंपारा झील की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके  किनारे पर हल्की लहरें उठती हैं और या वाटर सम्बंधित गतिविधियों के लिए शानदार डेस्टिनेशन है,तट के किनारे स्थित काजू के बागानों से होकर बंगाल की खाड़ी के अविर्जिन समुद्र तट तक जाने वाली रोमांचक यात्रा का आनंद भी आप उठा सकते हैं.

चित्रांगुडी अभ्यारण्य 

FAQ

पर्यटकों के लिए तम्पारा पहुँचने के लिए किस प्रकार के मार्ग उपलब्ध है?

हवाई जहाज

अगर आप हवाईजहाज से जाना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है.

 ट्रेन से

अगर आप ट्रेन से तम्पारा पहुंचना चाहते हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन छत्रपुर है. 

सड़क द्वारा 

यह झील ओडिशा के छत्रपुर शहर के पास स्थित है और राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-16) से आसानी से पहुँचा जा सकता है। अगर आप सड़क द्वारा जाना चाहते हैं तो सड़क मार्ग से यह छत्रपुर से 4 किमी दूर है. 

भगवान राम से सीखें: परिवार में संबंधों की मर्यादा और आदर्श

Teaching of Lord Rama Ramnavmi Maryadapurushotam

Point Of View: भगवान् राम ने जीवन और परिवार में सम्बन्धो के बीच समन्यव स्थापित करते हुए यह बताया है कि निष्ठा, त्याग, बंधुत्व, शालीन स्नेहभाव,उदारता और वत्सलता जैसे जैसे भावों को किस प्रकार से कुशलता से पालन किया जा सकता है. उन्होंने हर सम्बन्धो में उच्च आदर्शों को स्थापित करते हुए किस प्रकार से अपने सभी कर्तव्यों का  पालन किया जा सकता हैं इसकी व्यापक झलक भगवान् राम के चरित्र में पाई जा सकती है. 

भगवान् राम के व्यापक चरित्र जिसमें उन्होंने परिवार के सभी सम्बन्धो को विनम्रता और गंभीरता के साथ निभाया है. भगवान्र राम ने बताया है कि जीवन में कितना भी बड़ा विपत्ति सामने क्यों नहीं आये, संबधो की गरिमा को बनाये हुए श्रेष्ठतम जीवनशैली प्रदर्शित किया जा सकता है. 

यह भगवान् राम के जीवन का उच्चतम आदर्श ही है जिसके लिए हम प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहकर पुकारते हैं. भगवन राम के चरित्र की व्यापकता की हम मानव मात्र सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं जहाँ उन्होंने गुरु, माता-पिता, भाई, पत्नी, सेवक की कौन कहें, यहाँ तक कि  प्रभु राम ने अपने शत्रुओं के साथ भी समरनीति की व्यवहारिकता और आदर्श को स्थापित किया है जो सम्पूर्ण जगत में अनूठा उदहारण है. 

गुरु के प्रति निष्ठा और समर्पण

भगवान राम ने अपने गुरु को हमेशा ही सर्वोपरि रखा जिसकी झलक विश्वामित्र,वशिष्ठ और वाल्मीकि जैसे गुरुजनों की सीख  और आदर्शों को हमेशा से जीवन का सर्वोच्च स्थान दिया. 

माता पिता के आदेश निर्देश का अनुसरण: 

भगवान राम ने हमेशा माता-पिता की बातों को सर्वोच्च स्थान दिया. माता पिता के आदेश और निर्देश को उन्होंने हमेशा से पालन किया और इसकी सबसे सुन्दर झलक मिलती है वनवास के आज्ञा के पालन के दौरान. राज-पाट  को त्याग कर वनवास में एक वनवासी के जीवन जीना इतिहास में एक अनूठा आदर्श है. 

भाई के साथ बंधुत्व की कोमलता: 

भगवान राम ने अपने भाइयों के साथ भी हमेशा से कोमलता और प्रेम को स्थान दिया. वह चाहे भरत-मिलाप हो या फिर अन्य कई ऐसे घटनाएं राम चरितमानस में उल्लेखित हैं जो यह साबित करती है कि  भगवान राम ने बंधुत्व के साथ सम्बन्धो को हमेशा से कोमलता और गंभीरता के साथ निभाया. 

पत्नी के साथ दाम्पत्य का शालीन स्नेहभाव: 

राम चरित मानस में आप पाएंगे की भगवन राम ने पत्नी के साथ शालीन स्नेहभाव का परिचय दिया है. 

सेवक के लिए उदारता और वत्सलता: 

भगवन राम ने अपने सेवकों के साथ किस प्रकार का सम्बन्ध निभाया है, वह अपने आप में अनुकरणीय है. हनुमान भगवान् जो प्रभु राम की भक्ति और अपने सेवक वाली छवि के लिए ही पूजनीय है, रामायण में केवट और शबरी जैसे कितने सेवक हैं जिनके साथ प्रभु राम ने उदारता और वत्सलता का परिचय देकर प्रभु और सेवक के साथ सम्बन्धो को नया आयाम दिया है. 

मित्र के लिए सर्वस्व अर्पण की तत्परता: 

प्रभु राम ने मित्रों के साथ हमेशा दोस्ती के धर्म को निभाया है जिसके लिए प्रभु हमेशा से पूजनीय है. लंका के राजा रावण के भाई विभीषण के साथ मित्रता हो या फिर सुग्रीव के साथ, प्रभु राम ने हमेशा से मित्र धर्म को प्रमुखता के साथ सर्वस्व अर्पण करते हुए तत्परता के साथ निभाया है. 


इस दिन पैदा हुए लोगों पर होती है भगवान सूर्य की विशेष कृपा


रविवार को जन्मे लोगों कि सबसे बड़ी खासियत होती है कि वे अत्यंत महत्वाकांक्षी और भीड़ का हिस्सा नहीं बनने वाले होते हैं। Sunday को जन्मे लोगों का यह विश्वास होता है कि वे भगवान ने उन्हे भीड़ का हिस्सा बन कर जीने के लिए पैदा नहीं किया है और ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि रविवार जिसे सप्ताह का पहला दिन माना जाता है, और रविवार के दिन जन्में लोगों का स्वामी अस्ट्रालजी के अनुसार हमेशा भगवान सूर्य को माना जाता है। स्ट्रालजी और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार को जन्में लोगों पर भगवान सूर्य की कृपा बनी रहती है क्योंकि  भगवान सूर्य को इनका इष्ट देव कहा जाता है। आइये जानते हैं विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा कि रविवार को जन्म लेने वाले लोगों की क्या होती है खासियत और उनके विशेषताएं-

नेतृत्व क्षमता से पूर्ण 

रविवार के दिन जन्में लोगों का स्वामी अस्ट्रालजी के अनुसार हमेशा भगवान सूर्य को माना जाता है और यही कारण है कि ऐसे जातकों कि जीवन पर भगवान सूर्य का गहरा प्रभाव होता है। सूर्य हमारे सौरमंडल के केंद्र होता है जिसके चारों ओर सभी गृह चक्कर लगते हैं और यही सोच रविवार के दिन जन्मे लोगों कि होती है जिनका मानना होता है कि वे नेतृत्व करने के लिए पैदा हुए हैं और यही सोच उन्हे जीवन में मुश्किलों के बावजूद  वे नेतृत्व के गुणों से संपन्न होते हैं और भीड़ का हिस्सा नहीं बनकर बल्कि उनके नेतृत्वकर्ता और हमेशा आगे रहने वाले होते हैं। 

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व्यक्तित्व और आदतें 

रविवार को जन्में लोगों का व्यक्तित्व और आदतें अन्य दिनों में जन्मे लोगों से बिल्कुल अलग होती हैं और ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि आप जानते हैं कि रविवार को सप्ताह का पहला दिन माना जाता है और दूसरा सूर्य, जिनके इर्द-गिर्द हमारे सौरमंडल के सभी ग्रह चक्कर लगाते हैं, वह  रविवार को जन्मे लोगों के स्वामी होता हैं। ऐसे लोगों पर हमेशा भगवान सूर्य की कृपा बनी रहती और इसकी कारण से  ऐसे लोग मेहनती, महत्वाकांक्षी, दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। सूर्य कि तरह चमकना इनका स्वभाव होता है और ये हमेशा नेतृत्व करने वाले होते हैं। इसके साथ हीं ऐसे लोगों का मन बहुत साफ होता है और ये बिना किसी शर्त के प्यार करते हैं।

आकर्षक व्यक्तित्व  के मालिक 

सूर्य जो कि सौरमंडल के केंद्र होता है उसी के समान रविवार को जन्में लोगों आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं और हमेशा पार्टियों और महफिलों कि जान होते हैं। इनके चेहरे का तेज और चमक हमेशा दूसरों को आकर्षित करता है। आकर्षक कद, लंबा और चौड़ी छाती होने के साथ ये अक्सर सुंदर चेहरे वाले होते हैं। कुल मिलकर कहा जाए तो इनका व्यक्तित्व नेतृत्व करने वाला तो होता हीं है,  ये दूसरों को बहुत शीघ्र अपनी ओर आकर्षित भी कर लेते हैं। 

आत्मसम्मान कि गहरी ललक 

 रविवार को जन्में लोगआत्म सम्मान को हमेशा सर्वोपरि रखते हैं और इसकी खातिर वे बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं। बोलने मे जल्दबाजी नहीं करने वाले और खासतौर पर रविवार को जन्मे लोग  कम बोलने में विश्वास रखते हैं। बोलने के लिए  शब्दों का चयन और भाषा पर इनकी बहुत पकड़ होती है  और वे जो भी बोलते हैं, सोच-समझकर बोलते हैं। पहले ही कहा जा चुका है कि ऐसे लोग नेतृत्व करने वाले होते हैं और इसलिए इनकी बातों का सामने वाले पर अलग और गहरा असर होता है। 

संवेदनशील लेकिन दृढ़ संकल्प शक्ति वाले 

रविवार जो जन्मे लोगों कि सबसे बड़ी खासियत होती है कि वे बहुत संवेदनशील होते हैं लेकिन इसके साथ हीं मजबूत मनोबल, दृढ़ संकल्प शक्ति और इच्छाशक्ति होते हैं। अगर कोई बात बुरी लग गई तो वे जल्दी उन्हे भुला नहीं पाते लेकिन निर्णय लेने मे कोई जल्दबाजी भी नहीं करते। संदेड़नशीलता के साथ ही ये बहुत रचनात्मक प्रवृति के होते हैं और साथ हीं बहुत महत्वाकांक्षा रखने वाले और मजबूत इरादे वाले होते हैं। 


राष्ट्रपति भवन संग्रहालय: इतिहास को कहानी के रूप में दर्शाने वाला संग्रहालय-जानें खास बातें

President Museum to open from January 05

राष्ट्रपति भवन में अमृत उद्यान (Amrit Udyan Opening Date)  एक बहुत ही अच्छा और खास डेस्टिनेशन हैं जहां आप पूर्ण रूप से एंजॉय कर सकते हैं. अगर आप फूलों को देखने में रोमांस अनुभव करते हैं तो आप यहां पर कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों को देख सकते हैं. आपको बता दें कि अमृत उद्यान में ट्यूलिप और गुलाब के फूलों की कई वैरायटी हैं. अमृत उद्यान को पहले मुगल गार्डन (Mughal Garden) के नाम से जाना जाता था. जिसका नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है. आप भी यहां पर घूमने का प्लान बना सकते हैं. अमृत उद्यान (Amrit Udyan) जाने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं.

राष्ट्रपति भवन संग्रहालय: खास बातें 

लगभग 10,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर (आरबीएमसी)  मुख्य तौर पर राष्ट्रपति भवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए बेहतर तकनीक के साथ तैयार किया गया है जो अद्वितीय है. 


राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर (आरबीएमसी) भारतीय स्वतंत्रता, लोकतंत्र और एकता का प्रतीक है।वास्तव में आप  राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में उन सभी उपहारों की झलक प्राप्त कर सकते हैं जो  भारत के राष्ट्रपतियों को वर्षों से मिले हैं तथा सभी इस संग्रहालय में संरक्षित है.  इन खूबसूरत  कलाकृतियों के अलावा अन्य भी कई महत्वपूर्ण वस्तुओं को इसमें संभालकर संगृहीत किया गया है जैसे हथियार, फर्नीचर, मूर्तियां, वस्त्र, तस्वीरें, अभिलेखीय सामग्री और भी बहुत कुछ.


मुगल गार्डन भी एक बहुत हीं सुन्दर स्थल है जो पर्यटकों को अपनी खूबसूरती के कारण आकर्षित करता रहा है. 15 एकड़ के विशाल विस्तार में फैले, मुगल गार्डन को अक्सर राष्ट्रपति के महल की आत्मा के रूप में चित्रित किया जाता है. 

मुगल गार्डन अब तक जनता के लिए फरवरी-मार्च के महीनों में आयोजित होने वाले वार्षिक उत्सव उद्यानोत्सव के दौरान ही खोला जाता था, लेकिन मुगल गार्डन, जो राष्ट्रपति भवन के दौरे का तीसरा सर्किट है, अब जनता के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर इतिहास को कहानी के रूप में दर्शाने वाला एक संग्रहालय है जिसमें कला, संस्कृति, विरासत और इतिहास के उत्तम प्रतीकों और अमूल्य कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।

प्रत्येक साल फरवरी मार्च में राष्ट्रपति भवन में अमृत उद्यान (Amrit Udyan Opening Date) खुल जाता है. अमृत उद्यान में पर्यटक कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों को देख सकते हैं. अमत उद्यान में ट्यूलिप और गुलाब के फूलों की कई वैरायटी हैं. अमृत उद्यान को पहले मुगल गार्डन (Mughal Garden) के नाम से जाना जाता था. जिसका नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है. आप भी यहां पर घूमने का प्लान बना सकते हैं. अमृत उद्यान (Amrit Udyan) जाने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं. यह सभी दिन खुला रहेगा (सोमवार और सरकारी अवकाश को छोड़कर)। आगंतुक भ्रमण के लिए वेबसाइट्स- https://presidentofindia.nic.inया https://rashtrapatisachivalaya.gov.in/या https://rbmuseum.gov.in/पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।
राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर इतिहास को कहानी के रूप में दर्शाने वाला एक संग्रहालय है जिसमें कला, संस्कृति, विरासत और इतिहास के उत्तम प्रतीकों और अमूल्य कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।

Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें..

Inspiring  Thoughts: आपकी प्रसन्ता में छिपा  है जीवन की सफलता का रहस्य....