Born In March: मार्च में जन्मे लोगों की ये हैं दिलचस्प विशेषताएं -आत्मविश्वास से भरपूर, महत्वाकांक्षी, परिवार के प्रति गहरा स्नेह और आशावादी

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Born in March: मार्च महीने में जन्मे लोगों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ऐसे लोग  विश्वसनीय, उदार होने के साथ ही मोटिवेशनल होते हैं। हालांकि यह भी सच है कि जन्म महीने के अलावा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और विशेषताओं को निर्धारित करने में कई कारक भूमिका निभाते हैं, जैसे कि जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थानऔर ग्रहों कि स्थिति।
 मार्च में जन्मे जन्मे लोग काफी मिलनसार प्रवृति के होते हैं और हर काम को बेहतर और अनुठे तरह से करना पसंद करते हैं । मार्च में जन्मे लोगों के लिए उनका व्यक्तित्व बहुत खास होता है और वे हर जगह स्पेशल दिखना चाहते हैं और अपना प्रभाव भी डालते हैं.मार्च में पैदा लोगों का व्यक्तित्व ऐसा होता है  कि  वे पूरे समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ अपने भविष्य को आकार देना पसंद करते हैं । 
ऐसे व्यक्तित्व आमतौर पर उत्कृष्ट दृष्टि, कलात्मक कौशल और चिंतित और उदार स्वभाव के होते हैं। इन लोगों में कुछ खास विशेषताएं होती हैं जो इनका मार्गदर्शन करती हैं और इनके चरित्र और व्यक्तित्व को कुछ खास बनाती हैं जो इन्हें बाकी भीड़ से अलग करती हैं।

सकारात्मकता और अन्य विशेष गुण होने के कारण ऐसे लोगों में विश्वसनीयता होती है और प्रामाणिकता इनका प्लस पॉइंट होता है और ये लोग ऐसे विश्वसनीय व्यक्तित्व वाले होते हैं जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं।

यहां जानिए मार्च में जन्मे लोगों के सर्वोत्तम लक्षण...

मार्च मे जन्मे लोगों का व्यक्तित्व:

मार्च मे जन्मे लोगों के व्यक्तित्व का अगर मूल्यांकन करेंगे तो पाएंगे कि ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरपूर: होने के साथ हीं महत्वाकांक्षी और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। 
आत्मविश्वास से भरपूर: मार्च में जन्मे लोग आमतौर पर आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं  अपने जीवन के महत्व को समझते हैं। उनके लिए यह जीवन बहुत खास और विशिष्ट है और इसे सार्थक करने कि लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकते हैं। सच तो यह है कि ऐसे लोग जीवन में सफलता और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं।
महत्वाकांक्षी: इन लोगों में महत्वाकांक्षा कूट-कूट कर भरी होती है और उसे हासिल करने के लिए हर प्रकार कि जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं। जीवन मे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वो किसी से भी संधि कर सकते हैंऔर वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने से नहीं हिचकिचाते।
स्वतंत्र: मार्च में जन्मे लोग स्वतंत्रता प्रिय होते हैं  और प्रायः वे हस्तक्षेप पसंद नहीं करते हैं। लेकिन नेचर के अनुसार वे अपनी मर्जी से जीवन जीना पसंद करते हैं।
सहानुभूतिपूर्ण: इन लोगों में दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना होती है और वे दूसरों के दुखों से व्यथित होते हैं । दया और करुणा कि भावना उनके अंदर काफी होती है और यही कारण है कि दूसरों के दुखों से सहानुभूति रखने मे ये सबसे आगे रहते हैं। 
मिलनसार: मार्च में जन्मे लोग मिलनसार और सामाजिक प्राणी होते हैं  और वे परिवार के प्रति अपने जिम्मेदारियों को खूब समझते हैं । परिवार कि ऐसे लोग धुरी के  तरह होते हैं और परिवार को लेकर चलने मे विश्वास करते हैं। इसके अतिरिक्त स्वभाव के अनुआर और उन्हें नए लोगों से मिलना और उनसे बातचीत करना पसंद होता है।

स्वभाव से अत्यधिक आशावादी

मार्च महीने में जन्मे लोग अपने जीवन में अत्यधिक आशावादी रहते हैं और किसी भी इच्छा या लक्ष्य के प्रति आसानी से उम्मीद नहीं छोड़ते। यहां तक कि उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इसके लिए अपने प्रयास जारी रखे। हालाँकि, ऐसे लोग किसी विशेष लक्ष्य के प्रति आशा खो देने पर स्थायी रूप से रास्ता छोड़ सकते हैं। वे मौजूदा परिस्थितियों के खिलाफ विद्रोह करने में संकोच नहीं करते हैं यदि उन्हें लगता है कि यह बेकार है और तर्कसंगत नहीं है। लेकिन ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी लक्ष्य के प्रति आसानी से और अचानक से उम्मीद नहीं खोते।

समाज और सामाजिक मूल्यों के लिए महान सम्मान

मार्च में जन्मे लोग सामाजिक मूल्यों और संस्कृति के प्रति बहुत आदर और सम्मान प्रदर्शित करते हैं। वे अपने आसपास प्रचलित कला, संस्कृति और सभी परंपराओं का सम्मान करते हैं। वे नियम और कानून का भी सम्मान करते हैं और हमेशा सामाजिक रूप से स्वीकार्य तरीके से काम करते हैं।

अपने परिवार के प्रति गहरा स्नेह

मार्च में जन्मे व्यक्तियों का अपने परिवार के प्रति गहरा लगाव होता है और वे परिवार का केंद्र बन जाते हैं। परिवार में कई विरोधाभासों और अलग-अलग दृष्टिकोण के बावजूद, वे अपने जादुई और अद्वितीय व्यक्तित्व के साथ परिवार पर शासन करते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी अपनी बात जल्दबाज़ी या जल्दबाज़ी में नहीं रखते। वे किसी भी चर्चा में अपनी बात रखने से पहले परिवार के अन्य सदस्यों या अन्य व्यक्तियों की बात पहले सुनते हैं।

इतिहास एवं गूढ़ विषय में रुचि

मार्च माह में जन्में व्यक्ति इतिहास और ऐतिहासिक सभ्यता में गहरी रुचि दिखाते हैं। इन्हें गुप्त विद्या के बारे में पढ़ने और अध्ययन करने में रुचि होती है। ज्योतिष, अंकज्योतिष और प्राचीन इतिहास विषयों सहित गुप्त विज्ञान उन्हें आकर्षित करता है और वे ऐसे विषयों को करियर के रूप में चुन सकते हैं।

कम प्रभावी प्रयास के साथ ऊंचे सपने

ऐसे व्यक्ति बड़े सपने लेकर जीते हैं और आम तौर पर उन्हें वही हासिल भी होता है। हालाँकि, वे अपने सपनों के लिए प्रयासों में अनिच्छा की प्रकृति से पीड़ित हैं। वे किसी भी लक्ष्य को तभी हासिल कर सकते हैं जब वे अपने प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाएंगे। ऐसे व्यक्ति शारीरिक फिटनेस के बजाय मानसिक समस्याओं से अधिक पीड़ित होते हैं। वे हमेशा अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध न होने की प्रकृति प्रदर्शित करते हैं जिससे उनके प्रयासों में बाधा आती है। यदि ऐसे व्यक्ति अपने ऐसे नकारात्मक स्वभाव पर नियंत्रण पाने में सफल हो जाते हैं, तो वे अपने जीवन में हर कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

नजरिया जीने का: हम काम की अधिकता से नहीं, उसे बोझ समझने से थकते हैं, बदलें इस माइंडसेट को

नजरिया जीने का: मानव का मन भी बहुत हीं विचित्र और रहस्यपूर्ण है. जब कभी हमें कोई कार्य करने की जरुरत होती है हम पहले उस  कार्य की गंभीरता और जरुरत की अपेक्षा गैर जरुरी और अनावश्यक विचारों के आधार पर उस कार्य को तौलने की कोशिश करते हैं. 

हमारी यह सबसे बड़ी कमजोरी है कि हम काम को जीवन और कर्त्तव्य समझने से पहले हम काम को एक ऐसी चीज़ के रूप में देखना शुरू कर देते हैं जिससे हमें छुटकारा पाना है. जबकि हकीकत यह है की इसके बजाय हमें काम को ऐसे चीज़ के रूप में लेने की जरुरत है जो हमारे जीवन में मूल्य जोड़ती है साथ ही  यह हमें पैसा कमाने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, अपने कौशल और क्षमताओं को विकसित करने, और दूसरों से जुड़ने में मदद करता है। काम को बोझ समझने से बचने के लिए, हमें यह याद रखना चाहिए कि काम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  अपने काम को एक चुनौती के रूप में देखें अपने काम में से कुछ आनंद लें। जब आप काम को एक अवसर के रूप में देखते हैं, तो आप इसे बोझ नहीं समझेंगे। आप इसे अपने जीवन में एक सकारात्मक और मूल्यवान योगदान के रूप में देखेंगे।

निगेटिव माइंडसेट हमारी सफलता के लिए सबसे बड़ी बाधक है इसमें हम में से किसी को शायद हीं संदेह हो. इसके साथ ही यह भी उतना हीं बड़ा सच है कि हम सभी इस सत्य को जानने के बावजूद खुद पर शायद हीं इम्प्लीमेंट करते हों.

अगर कोई कार्य और लक्ष्य हमारी जरुरत है तो उसके लिए हर दुर्गम रास्तों को भी अपनाये जाने पर विचार किया जाना चाहिए, लेकिन अगर अगर कोई खास कार्य हमारे लिए जरुरी नहीं है तो बेहिचक उससे किनारा कर लिया जाना चाहिए.  

देखें वीडियो: नजरिया-जीने का-जीवन में स्व-अनुशासन का महत्त्व 


लेकिन हमारी विडम्बना है कि हम कार्यों की अधिकता या अमाउंट ऑफ़ वर्क से नहीं बल्कि उसे पहले ही बोझ समझ लेते हैं और यही कारण है कि हम पहले ही थक जाते हैं, ऐसे स्थिंति में कार्य पूरा होने के सम्भावना की कल्पना सहज ही की जा सकती है.

आप काम की अमाउंट और अपने नेचर के एडॉप्शन का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि अगर आप सकारात्मकता से सराबोर हैं तो जटिल से जटिल काम भी आप कर लेते हैं लेकिन एक छोटा और अत्यंत साधारण सा कार्य भी आपको पहाड़ सा प्रतीत होता है अगर आप पहले ही मान लेते हैं की बहुत भारी और उबाऊ सा काम है.

फिर क्या इसमें संदेह बचता है कि हमारा माइंडसेट यह निर्धारित करता है कि काम भारी है या आसान.
देखें वीडियो-नजरिया जीने का: सकारात्मक सोचें, सकारात्मक देखें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें



दोस्तों यह सामान्य सी प्रवृति है जिसके गिरफ्त में हम हमेशा से रहे हैं और विडम्बना यह है कि हम उससे निकलना नहीं चाहते.

जैसे  ही हमें कोई काम असाइन  किया जाता है,  हम उसे पूरा करने की बजाय उसके नकारात्मक और असंभव सा लगने वाले प्रकृति को ही पहले  देखते हैंहम यह नहीं सोचते हैं कि हममें उस कार्य को पूरा करने की क्षमता और सामर्थ्य है या नहीं. 

जब तक हम दिए गए काम पूर्ण रूप से समाप्त करने का विश्वास  खुद के अंदर नहीं लाएंगे, उस असंभव से कार्य के पूर्ण होने की तो बात ही छोड़िये,  किसी  साधारण से काम को आरम्भ नहीं करने के लिए भी हमें सैकड़ों बहाने मिल जाएंगेआश्चर्य है कि हम काम की अधिकता और उसे उबाऊ प्रकृति को दोष देते है
दोस्तों अगर, हम अपनी ऊर्जा के साथ उस काम को खत्म करने की कोशिश करेंगे तो वह काम समाप्त हो सकता है लेकिन हमारा नकारात्मकता है कि हम पहले ही उसे बोझ  समझ लेते हैं
सबसे पहले यह जरूरी है किसी भी काम को शुरू करने के लिए हम अपने अंदर सकारात्मक या पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करें.




 जब तक आपके अंदर पॉजिटिव उर्जा नहीं होगा आप किसी भी काम को उसके पूरी ईमानदारी और सफाई के साथ पूर्ण नहीं कर सकते और आपके अंदर सकारात्मकता तब आएगी जब आप खुद में भरोसा करना सीखें.

इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आसपास वैसे लोगों को हमेशा रखें जो आपके और आपके सपने में विश्वास करते हैं आप जब तक अपने ऊपर विश्वास नहीं करेंगे कोई भी काम जो आपको करना है उसे आप संपूर्ण ईमानदारी के साथ नहीं करें इसके लिए यह जरूरी है कि आप अपने अंदर स्थित ऊर्जा  को पहचाने.


विश्वास करें दोस्तों आप जितना अपने बारे में सोचते हैं उससे कहीं बहुत ज्यादा साहसी है आप. अपने अंदर के साहस को पहचाने क्योंकि आपके अंदर का यह साहस हीं है जो आपको सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर रखेगा. 

किसी भी काम को करने के लिए आपको आप अपने ऊपर कभी भी अविश्वास नहीं करें क्योंकि आपमें न टैलेंट की कमी है और न हीं योग्यता की और ना दूरदर्शिता की कमी है अगर कमी है तो सिर्फ इस प्रवृति कि जिसमे आप नकारात्मक माइंडसेट से खुद का मूल्यांकन करने का आदत बना चुके हैं.

दोस्तों विश्वास करें किसी भी काम को सफाई के साथ करने में सबसे बड़ी बाधा यह है कि हम अपनी ऊर्जा का समुचित रूप से उपयोग नहीं कर पाते.

विश्वास करें दोस्तों ऐसा कोई भी असंभव कार्य नहीं है जिससे आप पूरा नहीं कर सकते हैं क्योंकि आपके अंदर ऊर्जा का विशाल भण्डार स्थित है. ... आशा और उम्मीद नहीं छोड़े दोस्तों क्योंकि बिना उम्मीद के आप जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते और उम्मीद के लिए यह जरूरी है कि आप अपने ऊपर सबसे पहले विश्वास करना सीखें.

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में

Daily GK Facts in Brief 08 March 2024

Daily GK Facts in Brief 08 March 2024

 फ्रांस- गर्भपात को संवैधानिक अधिकार 

फ्रांस गर्भपात को संवैधानिक अधिकार की गारंटी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर फ्रांस ने अपने संविधान में गर्भपात का अधिकार शामिल कर लिया।  

नई दिल्‍ली-कृषि एकीकृत कमान और नियंत्रण केन्‍द्र का उद्घाटन

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने देशभर के किसानों को सशक्‍त बनाने के लिए कल नई दिल्‍ली में कृषि एकीकृत कमान और नियंत्रण केन्‍द्र का उद्घाटन किया।

जोरहाट-योद्धा लचित बोरफुकान की प्रतिमा 

जोरहाट, असम में होलोंगा पाथर में महान योद्धा लचित बोरफुकान की 84 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण ।

सेला सुरंग- ईटानगर 

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज ईटानगर से तवांग जिले में बहुप्रतीक्षित सेला सुरंग का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना की नींव श्री मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी। 
  • इस परियोजना में दो सुरंगें और 8.8 किलोमीटर लंबी सड़क शामिल है।
  • सेला-चारबेला रिज से होकर गुजरने वाली यह सुरंग 13,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी बाइलेन सुरंग होगी। 

नजरिया जीने का: जीवन में विशिष्ट बनें, अपनाएँ ये टिप्स

najariya jine ka how to become special in life

जीवन में विशिष्ट बनने के लिए हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए क्योंकि साधारण से असाधारण बनने का प्रयास हीं हमें जीवन में मुकमल सफलता प्रदान करने में मदद करती है. जीवन में आप किसी भी क्षेत्र में हैं, याद रखें की उस क्षेत्र में टॉप पर हमेशा स्थान मौजूद होता है और उसके लिए आपको विशिष्ट बनने की जरुरत है. जब आप अपने काम में विशिष्ट होते हैं, तो आपके सफल होने की संभावना अधिक होती है। आप अपने क्षेत्र में एक विशेषज्ञ बन जाते हैं, और लोग आपके ज्ञान और कौशल की तलाश करते हैं।

हालांकि यह सच है कि यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है। जब आप जीवन में विशिष्ट होते हैं, तो आप अधिक सफल, संतुष्ट और खुश होते हैं।  अपने काम में विशिष्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:

अपनी प्रतिभा को पहचानें: 

 जीवन का मतलब सिर्फ जीना हीं नहीं होता है बल्कि ऐसा जीवन जीना है जो कि आपको संतुष्टि दें। आप अपने प्रतिभा और रुचि  को सबसे पहले पहचाने और अपने टेस्ट के अनुसार अपना लक्ष्य का चयन करें। यह जानने के लिए कि आपको क्या पसंद है और आप किस काम में अच्छे हैं, आत्म-विश्लेषण करें। अपनी रुचि के क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करें और अपनी प्रतिभा को विकसित करें।

लक्ष्य निर्धारित करें:

सबसे पहले आप अपने लिए अच्छे से विचार कर उचित क्षेत्र का चयन करें और उसमें अच्छी प्रदर्शन  के लिए अपनी विशेषज्ञता तय करें। इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने जुनून को खोजें और ईमानदारी से उसे हासिल करने में लग जाएँ। आपको कड़ी मेहनत करने, लगातार रहने और कभी भी सीखना बंद न करने की आवश्यकता है। 

नियमित अध्ययन और अद्यतन रहें: 

सबसे पहले, अपने लिए स्पष्ट और स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। आप क्या हासिल करना चाहते हैं और आपकी सफलता कैसी दिखेगी इसपर विचार कर आप खुद का भविष्य तय करें. 

सीखने के लिए तैयार रहें:

जैसा की आप जानते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और आत्म-विकास के लिए खुद को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना हीं जीवन का सबसे बड़ा सत्य और चैलेंज है। अपने काम में बेहतर बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करें। इसमें तकनीकी कौशल, नरम कौशल और ज्ञान शामिल हो सकते हैं।

हमेशा पॉजिटिव रहें:

अपने काम में प्रेरित होना सीखिए और हमेशा पॉजिटिव रहने सीखें. पॉजिटिव रहने के लिए अच्छी पुस्तकों और लोगो पर्सनालिटी के जीवन को पढ़ें।   अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, अपनी प्रगति का जश्न मनाएं और नई चुनौतियों की तलाश करें। अपने आप को चुनौती दें। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और नई चीजें आज़माएं।

अपने आप को चुनौती दें: 

अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए खुद को चुनौती दें और खुद से बात करना सीखें। स्वामी विवेकानंद के उस कथन को हमेशन याद रखें कि- " यदि चौबीस घंटे मे एक बार आप खुद से बात नहीं करते हैं तो संसार के सबसे विशिष्ट और खास आदमी कि आप उपेक्षा कर रहे हैं। "

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन में विशिष्ट बनने के लिए समय और प्रयास लगता है। धैर्य रखें, कड़ी मेहनत करें, और कभी भी हार न मानें।आप भी अपनी रुचि और प्रतिभा के आधार पर जीवन में विशिष्ट स्थान बना सकते हैं। 

आईएनएस जटायु : भारतीय नौसेना ने लक्षद्वीप द्वीप में आईएनएस जटायु को कमीशन किया

INS Jatayu in lakshdweep facts in brief

आईएनएस जटायु को नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, लक्षद्वीप के माननीय प्रशासक श्री प्रफुल्ल के पटेल, वी एडमिरल वी श्रीनिवास, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी नौसेना की उपस्थिति में मिनिकॉय द्वीप, लक्षद्वीप में कमीशन किया गया । यह लक्षद्वीप द्वीप में भारतीय नौसेना की पकड़ को मजबूत करेगा साथ ही  यह क्षेत्र में क्षमता निर्माण, परिचालन पहुंच और जीविका का विस्तार करता है। 

मिनिकॉय में नौसेना बेस की स्थापना से द्वीपों के व्यापक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुख्य भूमि के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आईएनएस जटायु नौसेना प्रभारी अधिकारी (लक्षद्वीप), दक्षिणी नौसेना कमान के परिचालन नियंत्रण में कार्य करेगा।

एक प्रभावशाली कमीशनिंग समारोह में, नौसेना प्रमुख को 50 पुरुषों का गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यूनिट के पहले कमांडिंग ऑफिसर कमांडर व्रत बघेल ने संस्कृत में मंगलाचरण का पाठ किया और उसके बाद कमीशनिंग वारंट का वाचन किया। कमीशनिंग पट्टिका के अनावरण के बाद, राष्ट्रगान की धुन पर नौसेना ध्वज फहराया गया। राष्ट्रगान के अंतिम स्वर के साथ, मस्तूल पर कमीशनिंग पेनेंट को तोड़ दिया गया। कमीशनिंग समारोह में वाइस एडमिरल संजय जे सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान, वरिष्ठ नौसेना अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

 आईएनएस जटायु सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण को अपनाते हुए भारतीय नौसेना की परिचालन निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नजरिया जीने का: विपत्तियां यह अहसास दिलाती हैं कि आप किस मिटटी के बने हैं

Opportunity in Adversity
नजरिया जीने का:
विपत्तियां जीवन का एक हिस्सा हैं और वास्तव में विपत्तियां हमारे ज्जीवन की वह आकस्मिक घटनाएं होती हैं जो हमारे जीवन में परेशानी और दुःख लाती हैं। विपत्तियाँ अक्सर नकारात्मक मानी जाती हैं, क्योकि इसके आगमन के साथ ही हमारे जीवन में उथल पुथल आ जाती ही यही हमारा सामान्य जीवन को ब्रेक सा लग जाता है. विपत्तियाँ अक्सर नकारात्मक मानी जाती हैं, लेकिन, यदि हम उनका सामना सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ करते हैं, तो वे हमें बेहतर इंसान बनने में मदद कर सकती हैं. हालांकि, विपत्तियाँ अक्सर नकारात्मक मानी जाती हैं, लेकिन वे हमारे जीवन में सकारात्मक भूमिका भी निभा सकती हैं। 
सच तो है है कि यह हमारे जीवन में आने वाली विपत्तियां हीं होती है जो हमारे साहस और धैर्य और दूसरों की मदद करने की भावना का अहसास दिलाती है. विपत्तियां के केवल हमें यह बताती है कि हम किस मिट्टी के बने हैं बल्कि यह हमें समस्याओं को सुलझाने की क्षमता और जीवन के मूल्यों को समझने की क्षमता भी विकसित करने में मदद करता है. 

आपदा या विपरीत परिस्थितियों में माध्यम से नेचर या प्रकृति भी हमारी परीक्षा लेती है..... जीवन में जिसको जितना आगे जाना होता है उसके  रास्ते में प्रकृति उतना ही शूल और  कांटे बिछा के रखती है....... 
अगर आप उन कांटों के डर से वापस लौट जाएंगे तो आपकी यात्रा वहीँ  जायेगी....लेकिन याद रखें जिसे जीवन में जितना आगे जाना होता है उसे प्रकृति अपनी ओर से उतना ही ऊर्जा प्रदान कर उसे सकारात्मक ऊर्जाओं से पूर्ण कर भेजती है ताकि वे लोग लाइफ में मिलने वाले तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वह अपने सफलता के कीर्तिमान स्थापित करते हैं.


विपत्तियों से निकलने के लिए सबसे जरुरी 

विपत्तियों से निबटना यह सच है की आसान नहीं होता लेकिन इंसान अगर ठान ले तो यह इतना मुश्किल भी नहीं होती. विपत्तियों का आना तो अपने हाथ में नहीं होती लेकिन आपकी मानसिक स्थिति, आपकी सोच और आपकी सकारात्मक सोच अवश्य ही इससे बाहर निकलने में मदद कर सकती है. विपत्तियों से निकलने के लिए सबसे जरुरी है कि सकारात्मक रहें। मुश्किल परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहने की कोशिश करें। इससे आपको अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय से मदद मांगने से न डरें। दूसरों की मदद से आप मुश्किल समय में बेहतर तरीके से निपट पाएंगे। अपने अनुभव से सीखें। विपत्तियों से सीखने से आपको भविष्य में बेहतर तरीके से तैयार रहने में मदद मिलेगी।

आपदा में भी अवसर 

सच्चाई तो यह है कि इस आपदा में भी हमें अवसर की तलाश करनी होती है क्योंकि आपदा या विपरीत परिस्थितियां हमारे लिए एक अवश्यंभावी प्रहार  होती है जो हमारे वश में नहीं हो सकते.
क्या आपदा या बुरा समय हमसे पूछ कर आती है, नहीं ना. आपदा का आना हमारे लिए नियति है लेकिन यह हमारी सूझ- बुझ और इच्छाशक्ति होती है कि  हम  आगे टूट जाते हैं या उस आपदा में भी अवसर तलाश कर उससे निकलने का प्रयास करते हैं. 
"विपत्तियों से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम उनका सामना करें।" - अल्बर्ट आइंस्टीन

अगर आप देखेंगे तो पिछले कुछ सालों से कोविड-19 नामक एक नए आपदा ने पूरी दुनिया को अस्त-व्यस्त करने के साथ ही कई देशों के विकास दर को न जाने कई साल  पीछे कर दिया है. कितने जानों को असामायिक काल के ग्रास में जाने को मजबूर होना पड़ा और कई परिवार तो छिन्न-भिन्न हो गए.
यह कहानी काफी लम्बी हो सकती है, न केवल हिंदुस्तान बल्कि दुनिया के सभी देशों में आपदा की स्थिति बन  चुकी थी  तो क्या हमें इस आपदा के भरोसे खुद को छोड़ देनी चाहिए थी ? 

आप अगर देखेंगे तो इस दौरान कई लोगों के व्यापार को जहां बंद तक करना पड़ा, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिन्हे इस आपदा ने भी रोगजार के अवसर प्रदान किये. वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन पढ़ाई व्ययस्था, ऑनलाइन ट्यूशन  जैसे कई व्यवसाय थे जो कोरोना के कारण आज फल-फूल  रहे हैं. 
"विपत्तियां जीवन का हिस्सा हैं। उनसे बचना असंभव है। लेकिन हम उनसे कैसे निपटते हैं, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है।" - डेल कार्नेगी

 याद रखें दोस्तों वह चाहे कोई भी विपरीत परिस्थिति  या आपदा हो आपको इस से निकलना होगा इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि हमारे अंदर यह जिजीविषा पैदा करनी होगी हम इसे झेल  सकते हैं....

इस आपदा को एक अवसर  के रूप में देखकर जो इसका उपयोग कर लेगा लाइफ में आगे जाएगा इसमें कोई संदेह नहीं है. इसके लिए जरूरी है कि आप अपने एटीट्यूड और अपने माइंडसेट को बदलें क्योंकि यह आपका माइंडसेट  और एटीट्यूड ही है जो आपको इस आपदा में अवसर तलाश करने में मदद करेगा...

 याद रखें दोस्तों आपको इस आपदा से निकलने के लिए अपने अंदर साहस का संचार खुद करना होगा आपको अपने आसपास निराशावादी या नकारात्मक सोच के लोगों से खुद को दूर रखना होगा और इसके लिए यह जरूरी है कि सबसे पहले अपने अंदर सकारात्मक और पॉजिटिव ऊर्जा को कम नहीं होने दिया जाए.

"विपत्तियां हमें मजबूत बनाती हैं।" - नेल्सन मंडेला

याद रखें आपके जीवन में आपदाएं और विपत्तियां या  विपरीत परिस्थिति सभी परेशानियों के साथ ही आपके लिए एक नया सवेरा के रूप में  कई सारे अवसर भी लेकर आती है.

लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस आपदा में अवसर की तलाश कर उसे पाने के लिए होम कर देते हैं या एक निराशावादी की तरह बस इस आपदा के भरोसे खुद को छोड़ देते हैं.








Mahashivratri 2024: जाने क्या है भगवान शिव का रहस्य- त्रिपुंड, नंदी बैल, अर्धनारीश्वर, रुद्र और अन्य

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Mahashivratri 2024: भगवान शिव के रहस्य को समझना आसान नहीं है  और सच तो यह है कि यह एक निरंतर खोज है जो भक्तों को आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाती है। शिव पुराण और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव स्वयंभू है जिनका न कोई आदि है और न ही कोई अंत। उन्हीं के होने से ये समस्त संसार गतिमान है। जबकि विष्णु पुराण में भगवान शिव का जन्म भगवान विष्णु के द्वारा हुआ है। भगवान शिव के निराकार रूप की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम नर्मदेश्वर शिवलिंग (Narmadeshwar Shivling) माना जाता है। भगवान शिव का रहस्य एक जटिल और बहुआयामी विषय है, जिसमें कई पहलू हैं।

विनाश और रचना का चक्र:

भगवान शिव का रहस्य विनाश और रचना का चक्र है। यह चक्र हमें जीवन के नैसर्गिक क्रम को समझने और इसके साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है। भगवान शिव को अक्सर विनाश के देवता के रूप में देखा जाता है, लेकिन वे रचना के देवता भी हैं। वे 'सृष्टि चक्र' का प्रतीक हैं, जिसमें जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म शामिल हैं। भगवान शिव को अक्सर 'महाकाल' या 'काल' कहा जाता है, जो समय का देवता है। समय सभी चीजों को नष्ट कर देता है, और भगवान शिव इस विनाशकारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

भगवान शिव 'नाटराज' के रूप में भी जाने जाते हैं, जो 'नृत्य' के देवता हैं। उनका 'तांडव' नृत्य ब्रह्मांड के विनाश का प्रतीक है, लेकिन यह एक नए ब्रह्मांड के निर्माण का भी प्रतीक है।

 ज्ञान और ध्यान:

 ज्ञान और ध्यान जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ज्ञान हमें सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है, और ध्यान हमें शांत और एकाग्र रहने में मदद करता है। भगवान शिव को ज्ञान और ध्यान का देवता भी माना जाता है। वे योग, तपस्या और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रतीक हैं। भगवान शिव को 'ज्ञान का भंडार' माना जाता है। वे 'वेद', 'शास्त्र', और 'ज्ञान' के सभी रूपों के ज्ञाता हैं। भगवान शिव 'ध्यान' के प्रतीक हैं। वे 'समाधि' की अवस्था में रहते हैं, जो 'आत्म-ज्ञान' की प्राप्ति का मार्ग है।

त्रिपुंड:

त्रिपुंड भगवान शिव के माथे पर लगाई जाने वाली तीन क्षैतिज रेखाएं हैं। यह भस्म, चंदन या मिट्टी से बनाया जा सकता है। त्रिपुंड का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है और इसे भगवान शिव के कई पहलुओं का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव के माथे पर लगा त्रिपुंड तीन गुणों (सत्व, रज, तम) का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि वे इन तीनों गुणों से परे हैं।

त्रिपुंड के तीन अर्थ हैं:

सृष्टि, संरक्षण और विनाश: त्रिपुंड की तीन रेखाएं ब्रह्मांड के तीन गुणों का प्रतीक हैं: सृष्टि, संरक्षण और विनाश। भगवान शिव को इन तीनों गुणों का स्वामी माना जाता है।

अतीत, वर्तमान और भविष्य: त्रिपुंड की तीन रेखाएं भी समय के तीन पहलुओं का प्रतीक हैं: अतीत, वर्तमान और भविष्य। भगवान शिव को समय का देवता माना जाता है।

आत्मा, मन और शरीर: त्रिपुंड की तीन रेखाएं मनुष्य के तीन पहलुओं का प्रतीक हैं: आत्मा, मन और शरीर। भगवान शिव को इन तीनों पहलुओं का स्वामी माना जाता है।

 नंदी बैल:

नंदी बैल भगवान शिव का वाहन है। यह शक्ति, धैर्य और भक्ति का प्रतीक है। नंदी को आमतौर पर शिव मंदिरों के द्वार पर बैठा हुआ देखा जाता है। भगवान शिव का वाहन नंदी बैल, 'शक्ति' और 'धैर्य' का प्रतीक है।

गंगा नदी:

भगवान शिव अपनी जटाओं में गंगा नदी धारण करते हैं। यह दर्शाता है कि वे 'पवित्रता' और 'शुद्धि' का प्रतीक हैं।

अर्धनारीश्वर:

भगवान शिव 'अर्धनारीश्वर' रूप में भी दर्शाए जाते हैं, जिसमें वे आधे पुरुष और आधी स्त्री हैं। यह दर्शाता है कि वे 'स्त्री-पुरुष समानता' और 'संपूर्णता' का प्रतीक हैं।

 मृत्युंजय:

भगवान शिव को 'मृत्युंजय' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'मृत्यु को जीतने वाला'। यह दर्शाता है कि वे 'अमरता' और 'जीवन शक्ति' का प्रतीक हैं।

त्रिनेत्र:

भगवान शिव के तीन नेत्र हैं, जो 'अतीत, वर्तमान और भविष्य' का प्रतीक हैं। यह दर्शाता है कि वे 'सर्वज्ञ' और 'सर्वव्यापी' हैं।

 नाग:

भगवान शिव अपने गले में नाग धारण करते हैं। यह दर्शाता है कि वे 'विष' और 'बुराई' पर विजय प्राप्त करते हैं।

रुद्र:

भगवान शिव को 'रुद्र' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'विनाशकारी'। यह दर्शाता है कि वे 'अन्याय' और 'अधर्म' का नाश करते हैं।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।


Mahashivratri 2024 Date: महाशिवरात्रि कब और कैसे मनाएं, पूजन सामग्री और अभी बहुत कुछ

Mahashivratri Date fast vrat pujan vidhi  facts in brief

Mahashivratri 2024 Date:
    हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है जिस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन किया जाता है. भगवन शिव की उपासना करने वाले व्यक्तियों के लिए तो यह खास अवसर होता है, हालाँकि हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष स्थान है जिस दिन का इन्तजार सभी पुरुष और महिलायें करती है 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं साथ ही लोगों की ऐसी मान्यता है की भगवान शंकर की कृपा से उनके घरों में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन रखा जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार 08 मार्च 2024, शुक्रवार के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया  जाएगा. 

महाशिवरात्रि का इतिहास क्या है?

हिंदू पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि कई कारणों से महत्व रखती है। एक मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था, और यह त्योहार उनके दिव्य मिलन का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है। साथ ही यह शिव और शक्ति के मिलन का भी प्रतीक है।

शिवरात्रि मनाने का क्या कारण है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार फाल्गुन या माघ महीने के कृष्ण पक्ष के चौदहवें दिन मनाया जाता है। यह त्योहार शिव और पार्वती के विवाह और उस अवसर की याद दिलाता है जब शिव अपना दिव्य नृत्य करते हैं, जिसे तांडव कहा जाता है।

साल में कितनी बार शिवरात्रि आती है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल 2 बार महाशिवरात्रि मनाया जाता है। पहली महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में कृष्ण चुतर्दशी तिथि को मनाई जाती है और दूसरी सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।

महाशिवरात्रि के व्रत में शाम को क्या खाते हैं?

उपवास में ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है. महाशिवरात्रि के व्रत में काजू, किशमिश, बादाम, मखाना आदि खा सकते हैं. महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान आप साबूदाना की खिचड़ी, लड्डू, हलवा खा सकते हैं.

शिवरात्रि की पूजा में क्या क्या सामान लगता है?

महाशिवरात्रि की पूजा सामग्री (Mahashivratri Puja Samagri)

  • बेलपत्र
  • गंगाजल
  • दूध
  • शिवलिंग: पत्थर, धातु या मिट्टी का
  • गंगाजल:
  • दूध:
  • दही:
  • घी:
  • शहद:
  • फल:
  • फूल:
  • बेलपत्र:
  • धतूरा:
  • भांग:
  • चंदन:
  • दीप:
  • अगरबत्ती:
  • नारियल:
  • पान:
  • सुपारी:
  • कपूर:
  • लौंग:
  • इलायची

पूजन विधि:

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
  • शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन आदि से स्नान कराएं।
  • शिवलिंग पर दीप जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
  • ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
  • शिव चालीसा का पाठ करें।
  • भगवान शिव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
  • आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।


नजरिया जीने का: कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है-ऐसे करें सामना

najariya jine ka Hard times in life how to face

कठिन समय जीवन का अभिन्न अंग है और यह जीवन के लिए धुप-छाव के खेल की तरह है. किसी विद्वान ने क्या खूब कहा है कि "परिस्थितियां हमेशा तुम्हारे अनुकूल रहे ऐसे आशा नहीं करों क्योंकि यह संसार सिर्फ तुम्हारे लिए नहीं बनी है." हर व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन यहाँ यह समझना महत्वपूर्ण है कि कठिन समय हमेशा के लिए नहीं रहते हैं। धैर्य रखने से हमें मुश्किलों का सामना करने में मदद मिलती है।

जीवन में हार्ड टाइम या कठिन समय का आना जिंदगी का अभिन्न अंग है  और इससे घबराने के बजाये इसका सामना करें... हमारे जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है.... जीवन के किसी खास फेज में आने वाले कठिन समय या हार्ड टीम और कुछ नहीं बल्कि परिस्थितियों का  संयोग ,मात्र होता है. निश्चित रूप से तथाकथित कठिन समय या हम कहें की विपरीत परिस्थितियां जीवन का एक खास समय होता जो हमारे सोच के अपेक्षित नहीं होती है और जो जल्द ही बीत जाते हैं।

याद रखें. एक तीर को कमान से छोड़ने से पहले उसे पीछे की ओर खींचना जरुरी होता है, अतः: मारे जीवन का कठिन समय इस बात का संकेत है कि उसने एक कदम तो पीछे ले लिया है लेकिन वह आपके जीवन में एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है.

कठिन समय में विचलित होने के जगह हम इन टिप्स की मदद से खुद को मजबूत और सकारात्मक बनाये रख सकते हैं 

धैर्य रखें :

यह समझना महत्वपूर्ण है कि कठिन समय हमेशा के लिए नहीं रहते हैं। धैर्य रखने से हमें मुश्किलों का सामना करने में मदद मिलती है।

सकारात्मक रहें 

नकारात्मक विचारों में डूबने के बजाय, हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

 कमजोरियों का सामना करें :

 कठिन समय हमें अपनी कमजोरियों का पता लगाने और उन्हें दूर करने का मौका देता है।

से

कठिन समय हमें अपनी गलतियों से सीखने और भविष्य में उन्हें दोहराने से बचने का मौका देता है।

मदद लेने में नहीं हिचकें : 

कठिन समय में हमें दूसरों की मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।

तू छोड़ ये आंसू उठ हो खड़ा, 

मंजिल की ओर अब कदम बढ़ा,

हासिल कर इक मुकाम नया, 

पन्ना इतिहास में जोड़ दे,

घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,

-नरेंद्र वर्मा

सकारात्मक और आशावादी रवैया अपनाकर, इन परिस्थितियों से बिना घबराए इनका सामना करने का साहस दिखाना ही बहादुरी है.. 


ये कठिन समय आपके जीवन की दौड़ के रास्ते में कोई बाधा नहीं है... वास्तव में प्रकृति आपके धैर्य की परीक्षा लेने की प्रक्रिया में है जिसके परिणामस्वरूप आप मजबूत बनेंगे...

बाधाएँ आती हैं आएँ

घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,

पावों के नीचे अंगारे,

सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,

निज हाथों में हँसते-हँसते,

आग लगाकर जलना होगा।

क़दम मिलाकर चलना होगा।

-अटल बिहारी वाजपेयी

कठिन समय को आप कोस सकते हैं और इसके लिए आप स्वतंत्र हैं...लेकिन याद रखें.यह कठिन समय आपके भविष्य को एक ठोस आकार देने की क्षमता से परिपूर्ण होता है..



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थाईलैंड का प्राचीन शहर "अयुत्या" जो भगवान राम की जन्मस्थली "अयोध्या" पर रखा गया है: जाने खास बातें


Ayutthaya Thailand: 
1350 में स्थापित अयुत्या का ऐतिहासिक शहर है जोसुखोथाई के बाद सियामी साम्राज्य की दूसरी राजधानी थी। यह 14वीं से 18वीं शताब्दी तक फला-फूला,इस दौरान यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महानगरीय शहरी क्षेत्रों में से एक बन गया जो वैश्विक कूटनीति और वाणिज्य का केंद्र था। अयुत्या रणनीतिक रूप से शहर को समुद्र से जोड़ने वाली तीन नदियों से घिरे एक द्वीप पर स्थित था। इस स्थान को इसलिए चुना गया क्योंकि यह सियाम की खाड़ी के ज्वारीय क्षेत्र के ऊपर स्थित था,  इससे अन्य देशों के समुद्री युद्धपोतों द्वारा शहर पर हमले को रोका जा सकता था। इस स्थान ने शहर को मौसमी बाढ़ से बचाने में भी मदद की।

बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आज थाईलैंड के प्राचीन शहर अयुत्या का दौरा किया, जिसका नाम भारत में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के नाम पर रखा गया है। राज्यपाल 22 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जो थाईलैंड में 26 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष ले गया है।

Ayutthaya Thailand Named After Lord Ram in Ayodhya Facts in Brief
1767 में बर्मी सेना ने शहर पर हमला किया और उसे तहस-नहस कर दिया। बर्मी सेना ने शहर को जला दिया और निवासियों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। शहर का पुनर्निर्माण उसी स्थान पर कभी नहीं किया गया और यह आज भी एक व्यापक पुरातात्विक स्थल के रूप में जाना जाता है।


कभी वैश्विक कूटनीति और वाणिज्य का महत्वपूर्ण केंद्र रहा अयुत्या अब पुरातात्विक महत्व का केन्द्र है, जिसकी विशेषता ऊंचे प्रांग (अवशेष टावर) और विशाल अनुपात के बौद्ध मठों के अवशेष हैं, जो शहर के अतीत के आकार और इसकी वास्तुकलाभव्यता का अंदाजा देते हैं।

अयुत्या की अपनी यात्रा पर राज्यपाल श्री अर्लेकर ने कहा कि यह शहर भारतीय और थाई सभ्यता के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध को दर्शाता है जिसे थाईलैंड के लोगों और सरकार ने संरक्षित कर रखा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिहार राज्य का राज्यपाल होने के नाते, जो कई बौद्ध विरासतों और बोधगया का स्थान है,

ऐतिहासिक शहर अयुत्या का दौरा करने का अवसर मिलना उनके लिएएक सम्मान है, वह भी खासकर ऐसे समय में जब भारत के अयोध्या शहर में राम मंदिर का उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि ये प्राचीन मंदिर, महल और खंडहर न केवल थाईलैंड के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ देते हैं बल्कि हमें आधुनिक थाईलैंड की सांस्कृतिक जड़ों और विरासत की गहराई को समझने में भी मदद करते हैं।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए कि भारत में लोग इस सांस्कृतिक जुड़ाव और दुनिया भर में भारतीय संस्कृति के प्रसार के बारे में जागरूक हों।

नजरिया जीने का: खुद को वश में करना सीखें, फिरआपकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते

नजरिया जीने का: खुद को वश में करना एक स्वाभाविक और आत्मिक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत आप अपनी भावनाओं, विचारों, और क्रियाओं को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। 
बिहार बोर्ड के परीक्षा में एक सब्जी बेचने वाले के लड़के द्वारा राज्य में टॉपर बनने की कहानी को आप क्या कहेंगे. गौतम बुद्ध के उस कथन को  सन्दर्भ में उल्लेख करना अत्यधिक उपयुक्त होगी-"जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते "
 विपरीत परिस्थितियों का जीवन में आना और जाना तो प्रकृति का नियम है जिसे बदलना हमारे वश में नहीं है. कहा भी गया है "परिस्थितियां हमेशा तुम्हारे अनुकूल रहे ऐसी आशा न करो आखिर संसार सिर्फ तुम्हारे लिए थोड़े ही बना है?" लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों से निकलना आपके हाथ में हैं और ऐसा करने के लिए सबसे पहले आपको खुद के अंदर आत्मविश्वास पैदा करना सीखना होगा. संसार का कोई भी मोटिवेटर कुछ नहीं कर सकता जबतक आप खुद के अंदर सकारात्मक सोच डेवलप नहीं करेंगे. अपने सकारात्मक सोच और खुद में विश्वास पैदा कर जरूर हीं हम इन आपदाओं से निकलने का मार्ग प्रशस्त कर सकते है. आपने सुनी होगी. "
 सफल होने के लिए सफलता की इच्छा,  असफलता के भय से अधिक होनी चाहिए " भगवान् भी आपके लिए कुछ नहीं कर सकते जबतक कि  आप खुद पर विश्वास करना नहीं सीख  लेते.जी हाँ, आप किसी और यहाँ तक कि  भगवान् पर भरोसा करने से पहले खुद पर  यकीन करने सीख  लें, भगवान खुद भी आपके प्रयासों के आगे नतमस्तक हो जायेंगे। यहां कुछ टिप्स हैं जो आपको खुद को वश में करने में मदद कर सकते हैं:

अपनी भावनाओं को पहचानें: 
सबसे पहले, अपनी भावनाओं को पहचानना सीखें क्योंकि खुद की भावनाओं को सबसे अधिक आप पहचान सकते हैं । जब आप गुस्सा, चिंता, या निराशा महसूस करते हैं, तो इसे स्वीकार करें और इसे दबाने की कोशिश न करें बल्कि खुद हीं इनपर नियंत्रण करने सीखे ।
 अपनी भावनाओं को समझें और स्वीकार करें:
 अपनी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। वे क्यों उत्पन्न हो रही हैं? क्या कोई विशेष कारण है? साथ ही अपनी भावनाओं को स्वीकार करें, चाहे वे सकारात्मक हों या नकारात्मक। उन्हें दबाने या नकारने की कोशिश न करें।

अपने विचारों को नियंत्रित करें:
 अपने विचारों को नियंत्रित करना सीखना बहुत जरुरी है क्योंकि हमारे अंदर आने वाले विचार ही हमारे कार्यों को नियंत्रित करते हैं. नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग में प्रवेश न करने दें क्योंकि यह आपके मानसिक स्थिति को कमजोर  करेगा और फिर आप खुद को नकारात्मक विचारों के अधीन पा सकते हैं ।

अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करें:
 अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करें क्योंकि आपकी मजबूत इच्छाशक्ति हीं आपके ठोस विचारों को गाइड करता है । जब आप किसी लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, तो हार न मानें और मजबूत इच्छाशक्ति से उन्हें हासिल करने का प्रयास करें. ।

 धैर्य रखें: 
धैर्य रखें क्योंकि आज की दौड़ में जहाँ चारो तरफ कठोर प्रतिस्पर्धा है वहां धैर्य का होना बहुत जरुरी है। खुद को वश में करना एक सतत प्रक्रिया है। हार न मानें।

अनुशासन में रहें: 
अनुशासन को अपना सर्वस्व माने क्योंकि यही वह शक्ति है जो आपको खुद पर नियंत्रण करने में आपकी मदद करता है. खुद के लिए आप नियम बनाएं लेकिन उनके पालन करने में आप खुद हीं मॉनिटरिंग भी करें. नियमित रूप से अभ्यास करें और अपनी दिनचर्या में अनुशासन बनाए रखें।



सच्चाई तो यह है कि जीवन में मिलने वाली सफलता और असफलता के बीच ... जो सबसे बड़ा फैक्टर- इंटेलीजेंस और मिलने वाले सीमित  संसाधन कभी नहीं होते... क्योंकि अगर सिर्फ इंटेलीजेंस और संसाधन हीं  जीवन में सफलता की गारंटी होते  तो फिर औसत दर्जे और सीमित  संसाधनों वाले छात्र जीवन में सफलता प्राप्त कर हीं नहीं  पाते... 



अगर खुद पर यकींन काफी नहीं होता तो फिर उस 13 वर्षीय लड़की ज्योति के बारे में आप क्यां कहेंगे जिसने अपने घायल और लाचार पिता को गुड़गांव(दिल्ली ) से बिहार के दरभंगा तक के हजारों किलोमीटर की दूरी को साइकिल से तय कर मुश्किल से लक्ष्य को हकीकत में बदल डाला. क्या वह खुद में भरोसा और यकीन  की जीत  नहीं है? 

असफलता के भय को समाप्त करने के लिए करें खुद के अंदर साहस का संचार 
याद रखें... अपने शक्तियो पर भरोसा करने वाला कभी असफल नही होता... 

 इसमें कोई संदेह नहीं है संसार में ऐसा कोई सफल व्यक्ति नहीं है जो किसी दूसरे की मदद से सफलता प्राप्त किया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया हो... सफल होने के लिए सबसे जरूरी यह है- पॉजिटिव माइंड सेट के साथ अपने भविष्य के लिए बनाये गए आपके पास एक पॉजिटिव इमेज का होना ....  

लॉक डाउन, वर्क फ्रॉम होम और मेंटल प्रेसर: ऐसे पाएं नेगेटिव माइंडसेट से छुटकारा
 दोस्तों खुद में यकीन करना इतना कठिन नहीं है... पर  इतना आसान भी नहीं है... आप इसके बगैर दुनिया की तमाम संसाध्नों और मोटिवेशल बातों से भी कुछ हासिल नहीं कर सकते....  जबतक   कि  आप खुद पर यकीन  करना नहीं सीख  लेते... 
याद रखें... अपने ऊपर विजय प्राप्त करना, सबसे बड़ी विजय है.. और एक बार आपने खुद के ऊपर विजय प्राप्त करना सीख लिया.. संसार में आप को कोई ताकत लक्ष्य हासिल करने से रोक नहीं सकती....

खुद को वश में करना कैसे सीखें - कुछ प्रेरणादायक उद्धरण:
1. "अपने विचारों पर नियंत्रण रखो, वरना तुम्हारे विचार तुम्हें नियंत्रित करेंगे।" -
2. "क्रोध एक क्षणिक पागलपन है। यदि तुम उस क्षण में खुद को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो तुम पछताओगे।" -
3. "मन एक जंगली घोड़े की तरह है। इसे वश में करना आसान नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं।" -
4. "इच्छाक्ति ही वह शक्ति है जो तुम्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकती है।" -
5. "धैर्य एक गुण है। जो धैर्य रख सकता है, वह जीत सकता है।" -
6. "अपनी कमजोरियों को पहचानो और उन पर काम करो।" -
7. "अपनी गलतियों से सीखो और आगे बढ़ो।" -
8. "नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग में प्रवेश न करने दो।" -




प्रेम: हमेशा एक नया आरंभ और एक नया सफर शुरू होता है, पढ़ें दिल को छू लेने वाले ये कोट्स

नजरिया जीने का: प्रेम-जीवन के आयाम को पाने का माध्यम है प्रेम @वैलेंटाइन डे

Valentine Day: प्रेम एक ऐसा शब्द है जिसकी व्याख्या करना मुश्किल है। यह एक भावना है जो खुशी, दुख, उत्साह और आशा सहित कई तरह की भावनाओं को शामिल कर सकती है। प्रेम हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमें खुशी, संतुष्टि और अर्थ प्रदान करता है। यह हमें दूसरों के साथ जुड़ने और संबंध बनाने में मदद करता है। 

प्रेम: एक शक्तिशाली भावना

वास्तव प्रेम एक ऐसे शक्तिशाली भावना है जो हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और सच तो यह है कि यह हमारे जीवन की मायने बदल कर एक नया आयाम देती है। यह हमें खुशी, संतुष्टि और अर्थ प्रदान करता है। यह हमें दूसरों के साथ जुड़ने और संबंध बनाने में मदद करता है। प्रेम दुनिया में एक बेहतर जगह बनाने की शक्ति रखता है।

अक्सर यह कहा जाता है कि हर इंसान को जीवन में प्रेम का होना जरुरी है क्योंकि यही तो है जो हमें न केवल अपने दोस्तों के साथ बल्कि उससे से भी पहले अपने माता पिता, परिवार और हमें अपनी संस्कारों से बांधकर रखता है. 

यह प्रेम ही तो है जो हमें बताता है की निम्न मानवीय गुणों का हमारे लिए क्या महत्त्व है-
खुशी: प्रेम हमें खुशी और संतुष्टि प्रदान करता है। जब हम किसी से प्यार करते हैं, तो हम उस व्यक्ति के साथ रहने और समय बिताने का आनंद लेते हैं। प्रेम हमें खुशी, उत्साह और आशा की भावनाओं से भर देता है।
संबंध: प्रेम हमें दूसरों के साथ जुड़ने और संबंध बनाने में मदद करता है। प्रेम के माध्यम से, हम दूसरों को समझने और उनके साथ सहानुभूति रखने में सक्षम होते हैं। प्रेम हमें एक मजबूत और अर्थपूर्ण संबंध बनाने में मदद करता है।
अर्थ: प्रेम हमें जीवन में अर्थ और उद्देश्य प्रदान करता है। जब हम किसी से प्यार करते हैं, तो हम अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होते हैं। प्रेम हमें दूसरों की मदद करने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।

 दिल को छू लेने वाले कोट्स 

यदि आप वैलेंटाइन डे के अवसर पर कोट्स ढूंढ़ रहे हैं, तो यहाँ कुछ चुनिंदा इम्पोर्टेन्ट वैलेंटाइन डे कोट्स हैं जिन्हे आप आप अपने प्रेमी/प्रेमिका को भेज कर अपने दिल के उदगार को व्यक्त कर सकते हैं. 
  • -प्रेम वह है जो हमें एक दूसरे को स्वीकारने की क्षमता देता है, चाहे हम जैसे भी हों।
  • -तुम्हारे बिना मेरा जीवन रंगहीन है, तुम मेरी ज़िंदगी का सबसे सुंदर रंग हो।
  • -प्रेम में सब कुछ संभव है।
  • -तुम्हारी मुस्कान मेरी दुनिया को रौंगतों से भर देती है, तुम मेरे लिए विशेष हो।
  • -प्रेम वह है जो हमें एक दूसरे को सच्चे रूप से समझने की क्षमता देता है।-
  • -तुम्हारा साथ ही मेरा जीवन समृद्धि से भर जाता है, तुम मेरी सबसे बड़ी धन हो।
  • -प्रेम में हमेशा एक नया आरंभ होता है, एक नया सफर शुरू होता है।-
  • -तुम्हारे साथ होना ही मेरी खुशियों का सबसे बड़ा कारण है, तुम मेरे लिए अनमोल हो।
  • -प्रेम वह है जो दूसरों को खुशी देने में है, खुद को भूल जाने में नहीं।-
  • -तुम्हारे बिना मेरा जीवन अधूरा है, तुम्हारी मौजूदगी ही मेरी पूर्णता है।
  • प्रेम दुनिया में सबसे शक्तिशाली शक्ति है। यह वह है जो हमें एक साथ रखता है, हमें आगे बढ़ाता है और हमें बेहतर बनाता है।" - मदर टेरेसा
  • "प्रेम वह है जो हमें जीवित रखता है। यह वह है जो हमें खुशी देता है। यह वह है जो हमें दुनिया को बेहतर बनाता है।" - पॉल जे. क्रेग
  • "प्रेम वह है जो हमें एक दूसरे के लिए बेहतर बनाता है। यह वह है जो हमें एक साथ लाता है और हमें एक परिवार बनाता है।" - मार्टिन लूथर किंग जूनियर

Election 2024: मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व,स्पष्ट दृष्टि और मजबूत लोकप्रियता के आगे क्यों है विपक्ष बेबस

Najariya: Why Modi is Unbeatable Against Opposition

इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो अपने कौशल और वाकपटुता के साथ ही राजनितिक सूझबूझ के लिए भी जाने जाते हैं.और उनकी इस खूबियों का कायल उनके विरोधी भी हैं. उनके विरोधी भी मोदी को भली भांति जानते हैं कि उन्हें हराना इतना आसान नहीं है क्योंकि मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व, स्पष्ट दृष्टि और मजबूत लोकप्रियता उन्हें और भी अजेय बनाती है.
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प्रधान मंत्री मोदी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि वह अपने विरोधियों को कभी कोई मौका नहीं देते हैं और उनके वार और आक्रमण की तीर में ही उनके लिए मुद्दे छुपे होते हैं। यहां तक कि उनके आलोचक भी आसानी से विपक्ष के सामने आत्मसमर्पण नहीं करने के उनके कौशल और उनके दृढ़ निश्चय की सराहना करते हैं।

 विपक्षी दलों और नेताओं के मुद्दे और गलतियाँ आम तौर पर मोदी को एक मंच प्रदान करते हैं और वे विरोधी दलों को अपने मुद्दों से हराते हैं। नरेंद्र मोदी अपने कदमों से अपने आलोचकों को प्रभावित करने की इच्छाशक्ति और कौशल के लिए जाने जाते हैं।

 यह उसके स्वभाव की विशेषता है और आसपास की चीजों से निपटने की उसकी क्षमता भी। इसलिए उनके विरोधी भी बेशक चुपचाप और कभी-कभार उनकी तारीफ करते हैं।

मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व:

  • उत्साही और प्रेरक वक्ता: मोदी अपनी ऊर्जावान और प्रेरक भाषणों के लिए जाने जाते हैं। वे जनता से जुड़ने और उन्हें प्रेरित करने में माहिर हैं।
  • मजबूत नेतृत्व: मोदी एक मजबूत और निर्णायक नेता के रूप में देखे जाते हैं। वे अपनी नीतियों पर दृढ़ रहते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटते।
  • लोकप्रिय छवि: मोदी एक साधारण और जमीन से जुड़े नेता के रूप में लोकप्रिय हैं। वे सोशल मीडिया का सक्रिय रूप से उपयोग करते हैं और युवाओं से जुड़ने में सफल रहे हैं।

स्पष्ट दृष्टि:

  • विकास और समृद्धि: मोदी का मुख्य लक्ष्य भारत को एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना है। उन्होंने 'मेक इन इंडिया', 'डिजिटल इंडिया' और 'स्वच्छ भारत अभियान' जैसे कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किए हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी बहुत गंभीर हैं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
  • सामाजिक न्याय: मोदी सभी वर्गों के लोगों के लिए समान अवसरों की वकालत करते हैं। उन्होंने गरीबों और वंचितों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

मजबूत लोकप्रियता:

  • चुनावी सफलता: मोदी 2014 और 2019 में लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीते। यह उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
  • जन समर्थन: मोदी देश भर में, विशेष रूप से युवाओं में, बहुत लोकप्रिय हैं। उनकी नीतियों और उनके नेतृत्व में लोगों का विश्वास है।
  • विश्व नेता: मोदी को एक मजबूत और प्रभावशाली विश्व नेता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कई देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है और भारत की वैश्विक छवि को बेहतर बनाया है।

नरेंद्र मोदी अलग तरीके से काम करते हैं और शायद इसीलिए वे नरेंद्र मोदी हैं। 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान याद करें जब उन्होंने समारोह के दौरान सभी सार्क देशों के प्रमुखों को बुलाने का फैसला किया था, जिसकी विशेषज्ञों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई थी। निश्चित रूप से इन राष्ट्रों के प्रमुख को आमंत्रित करने का कदम पूरी दुनिया को स्पष्ट और प्रभावशाली संदेश दिया ।

उसके बाद तो मोदी ने देश से परे हटकर दुनिया में अपने व्यक्तित की ऐसे छाप छोड़ी की दुनिया के दिग्गज देशों की राष्ट्रपतियों को पीछा छोड़कर आज वे दुनिये के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में सर्वोच्च स्थान पर हैं. 

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में