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वेलेंटाइन वीक 2023: प्यार और भावनाओं के इजहार के बहाने @रोज डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे


Valentine Week: Rose Day, Chocolate Day, Propose Day, Promise Day, teddy day, Hug Day and Kiss Day
वेलेंटाइन वीक 2023:
 अभिव्यक्ति के लिए प्यार और भावनाओं के अपने अलग-अलग पहलू हैं जिन्हें केवल लव बर्ड्स द्वारा ही समझा जा सकता है ... फरवरी के महीने की शुरुआत में एक तरह का उत्साह होता है हवा में प्यार की भावना और विशेष रूप से लव बर्ड्स के दिलों में....
फरवरी के महीने की शुरुआत के साथ, अपने प्रिय और साथी के लिए भावनाओं और भावनाओं को व्यक्त करने का समय आ गया है। वेलेंटाइन वीक 2023 का यह खास अवसर है जो आपको  हर पल के साथ प्यार और रूमानियत के उत्साह को महसूस करता है और  इसके लिए यह जरुरी है कि  वेलेंटाइन डे  के साथ ही आप अपनों के साथ अपने प्यार और स्नेह का इजहार करने के मोमेंट का एन्जॉय करें. वेलेंटाइन वीक मनाने का यही कारण है और इस प्रकार वेलेंटाइन वीक की पूरी डेट शीट को जानें जिसमें रोज़ डे, चॉकलेट डे, प्रपोज़ डे, प्रॉमिस डे, टेडी डे, हग डे और किस डे जैसे दिन शामिल हैं।

नजरिया जीने का: जाने किस दिन पैदा लोग होते हैं ज्यादा रोमांटिक और केयरिंग


 वेलेंटाइन डे 2023  डेट शीट के अनुसार, ये दिन 7 फरवरी से शुरू होते हैं और प्यार के दिन के साथ समाप्त होते हैं, जिसका बहुप्रतीक्षित... वेलेंटाइन डे 14 फरवरी को है। वेलेंटाइन डे 2023 की शुरुआत रोज डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे से होती है और अंत में वैलेंटाइन वीक लिस्ट 2022  का समापन अर्थात . 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे।

क्या आप जानते हैं, वैलेंटाइन वीक के हर दिन का अपना महत्व है...हर युवा के जीवन का सबसे रोमांचक और बहुप्रतीक्षित दिन...एक दूसरे के प्रति प्यार, भावनाओं, सम्मान और समग्र देखभाल की भावना वैलेंटाइन डे की सबसे बड़ी खासियत है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि वैलेंटाइन डे से पहले पूरा वैलेंटाइन वीक होता है जो हम सभी के लिए बेहद अहम होता है।

कहने की जरूरत नहीं है कि फरवरी प्यार का महीना है और इसलिए पूरा सप्ताह जो बहुप्रतीक्षित वेलेंटाइन वीक के रूप में समर्पित है।

वेलेंटाइन वीक की शुरुआत संत वेलेंटाइन के सम्मान में भव्य समारोहों के साथ होती है, लेकिन अब इन दिनों उत्सवों ने एक नया अर्थ ले लिया है। यहां वेलेंटाइन वीक के बारे में बताया गया है जिसे रोज, प्रपोज, चॉकलेट, प्रॉमिस, टेडी, हग और किस डे के रूप में मनाया जाता है।

जो लोग प्यार में हैं, उनके पास इस सप्ताह भर चलने वाले उत्सवों को मनाने  कारण है .... हाँ, वे विशेष संदेशों और उपहारों के साथ चिह्नित करने के लिए वालवंटाइन सप्ताह के प्रत्येक दिन को मनाते हैं। क्या आपके पास वैलेंटाइन वीक 2019 की तारीखों की सूची है? यदि नहीं, तो चिंता न करें, हम आपके और आपके प्रिय के लिए पूरी तिथि सूची के साथ यहां मौजूद हैं...

वैलेंटाइन डे डेट शीट

  1. रोज डे - 7 फरवरी
  2. प्रपोज डे - 8 फरवरी
  3. चॉकलेट डे - 9 फरवरी
  4. टेडी डे - 10 फरवरी
  5. प्रॉमिस डे - 11 फरवरी
  6. हग डे - 12 फरवरी
  7. किस डे - 13 फरवरी
  8. वेलेंटाइन डे - 14 फरवरी


MCD कमिश्नर को सिसोदिया की चिट्ठी: 10 व्यक्तियों के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की सलाह

Aldermen Nominations Sisodia writes to MCD Commissioner

ताजा घटना क्रम में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आज एमसीडी के आयुक्त ज्ञानेश भारती को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने निर्वाचित दिल्ली सरकार को दरकिनार कर एमसीडी में नामित किए गए 10 व्यक्तियों के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की सलाह दी है। उन्होंने लिखा है कि यह नामांकन भारत के संविधान के अनुच्छेद 239एए के साथ ही राज्य (एनसीटी दिल्ली) बनाम भारत संघ और अन्य मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा की गई व्याख्या के विपरीत भी है।

 डिप्टी सीएम ने चिट्ठी में कहा है कि नामांकन की फाइलों को शहरी विकास विभाग एवं उसके प्रभारी मंत्री के कार्यालय को भेजे और वहां से स्वीकृत हुए बिना 10 सदस्यों को एमसीडी में नामित किया गया है, जबकि मैं विभाग का सक्षम प्राधिकारी हूं। यह नामांकन संविधान के अनुच्छेद 239एए के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा की गई व्याख्या के विपरीत भी है। डिप्टी सीएम ने पत्र में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर इस तरह के कदम का सहारा लिया गया है। इस तरह के नामांकन से संबंधित फाइलें हमेशा नगर निगम द्वारा शहरी विकास विभाग के माध्यम से भेजी जाती हैं, जो इस मामले में नहीं किया गया है। 

पत्र में डिप्टी सीएम ने एलजी द्वारा निर्वाचित दिल्ली सरकार को दरकिनार कर एमसीडी में नामित किए गए 10 व्यक्तियों के शपथ ग्रहण को लेकर की जा रही कार्यवाही को रोकने की सलाह दी   है। डिप्टी सीएम ने पत्र में कहा है, ‘‘मैं आपका ध्यान उक्त अधिसूचना की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसमें नामांकन की उक्त प्रक्रिया से संबंधित फाइलों को शहरी विकास विभाग एवं उक्त विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में मेरे कार्यालय के माध्यम से भेजे बिना 10 व्यक्तियों को नगर निगम में नामित किया गया है। आप जानते हैं कि प्रशासनिक कार्य नियमावली-1993 की धारा-4 के अनुसार, मैं शहरी विकास विभाग से संबंधित मामलों को लेकर निर्णय, नीतियों, कार्रवाइयों और अनुमोदित करने की जिम्मेदारी के लिए सक्षम प्राधिकारी हूं। निर्विवाद तौर पर नगर निगम प्रशासनिक प्राधिकरण और शहरी विकास विभाग के मेरे अधिकार क्षेत्र में आता है।’’

उन्होंने पत्र में आगे कहा है, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर इस तरह की कार्यवाही का सहारा लिया गया है। यह कहने के लिए पर्याप्त है कि यह अतीत में ऐतिहासिक रूप से इस तरह के नामांकन के तरीके के संबंध में स्थापित नियम व प्रक्रिया के विपरीत है। इस तरह के नामांकन से संबंधित फाइलें हमेशा नगर निगम द्वारा प्रशासनिक विभाग, अर्थात शहरी विकास विभाग के माध्यम से भेजी जाती हैं, जो दुर्भाग्य से वर्तमान मामले में नहीं किया गया है।

उन्होंने लिखा है कि यह नामांकन भारत के संविधान के अनुच्छेद 239एए के साथ ही राज्य (एनसीटी दिल्ली) बनाम भारत संघ और अन्य मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा की गई व्याख्या के विपरीत भी है। इसके अलावा आप जानते हैं कि प्रविष्टि 5 सूची प्प् संविधान की सातवीं अनुसूची के संदर्भ में, ‘स्थानीय सरकार’ एक राज्य का विषय है, जिस पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की निर्वाचित सरकार के पास पूर्ण विधायी और कार्यकारी निर्णय लेने का अधिकार व शक्ति प्राप्त है।

डिप्टी सीएम ने पत्र के आखिर में कहा है, ‘‘इस मामले को ध्यान में रखते हुए मैं आपको सलाह देता हूं कि आप उपरोक्त अवैध और गैर सलाह वाली अधिसूचना और विशेष रूप से इसके तहत 10 सदस्यों के शपथ ग्रहण के संबंध में और कोई भी कार्यवाही करने से बचें और कानून की स्थापित परंपरा का सम्मान करें, जिसे आप बेहतर जानते हैं।


Indian Women Unsung Heroes : वो 15 गुमनाम नायिकाएं जो मातृभूमि के लिए बलिदान करके भी गुमनाम रहीं

Indian Women Unsung  Heroes Pictorial Book on Indian History
कर्नाटक के उल्लाल की रानी, रानी अब्बक्का, मातंगिनी हाजरा बंगाल,चकली इलम्मा,सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू,बिश्नी देवी शाह, सुभद्रा कुमारी चौहान,दुर्गावती देवी,अक्कम्मा चेरियन-'त्रावणकोर की झांसी की रानी,दुर्गाबाई देशमुख,रानी गाइदिन्ल्यू,पार्वती गिरी-पश्चिमी ओडिशा की मदर टेरेसा सहित अन्य कई विभूतियाँ हैं जिन्होंने पूरे देश में विरोध एवं विद्रोह की मशाल जलाई। भारतीय इतिहास के गौरवशाली अतीत को अगर हम देखें  तो हम पाते हैं कि भारतीय संस्कृति ऐसी थी जिसने महिलाओं का सम्मान किया और लैंगिक रूप से भेदभाव के  लिए कोई जगह नहीं थी। 

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने साम्राज्यवादी शासन के विरोध में जीवन के हर क्षेत्र से लाखों लोगों को एकजुट किया। हम सभी स्वतंत्रता संग्राम के कुछ ही महान, प्रतिष्ठित नेताओं को जानते हैं। इसे देखते हुए, भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के एक हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के भूले-बिसरे नायकों को याद करने और उनका स्मरण करने का फैसला किया है, जिनमें से कइयों के प्रसिद्ध होने के बावजूद नई पीढ़ी उन्हें नहीं जानती हैं।

केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी ने आज नई दिल्ली में आजादी का महोत्सव के हिस्से के रूप में स्वतंत्रता संग्राम की भारत की गुमनाम नायिकाओं पर एक सचित्र पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक को अमर चित्र कथा के साथ मिलकर जारी किया गया है, जो कि भारत का एक लोकप्रिय प्रकाशन है।

इस अवसर पर सुश्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह पुस्तक उन कुछ महिलाओं के साहसपूर्ण जीवन का वर्णन करती है, जिन्होंने इस अभियान का नेतृत्व किया तथा पूरे देश में विरोध एवं विद्रोह की मशाल जलाई। उन्होंने कहा कि इसमें उन रानियों की कहानियां हैं, जिन्होंने साम्राज्यवादी शासन के खिलाफ संघर्ष में साम्राज्यवादी शक्तियों से संघर्ष किया और जिन महिलाओं ने मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया और यहां तक कि बलिदान भी दिया।

कर्नाटक के उल्लाल की रानी, रानी अब्बक्का ने 16वीं शताब्दी में शक्तिशाली पुर्तगालियों से लड़ाई लड़ी और उन्हें पराजित किया। शिवगंगा की रानी वेलु नचियार ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाली पहली भारतीय रानी थीं। झलकारी बाई एक महिला सैनिक थीं, जो झांसी की रानी की प्रमुख सलाहकारों में से एक बन गईं और भारतीय स्वतंत्रता की पहली लड़ाई, 1857 में एक प्रमुख हस्ती बन गईं।

मातंगिनी हाजरा:  बंगाल

मातंगिनी हाजरा बंगाल की एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। गुलाब कौर एक स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने भारतीय लोगों को ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ने और संगठित करने के लिए अपने जीवन की आशाओं और आकांक्षाओं का त्याग किया। 

चकली इलम्मा

चकली इलम्मा एक क्रांतिकारी महिला थीं, जिन्होंने 1940 के दशक के मध्य में तेलंगाना विद्रोह के दौरान जमींदारों के अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 

पद्मजा नायडू

सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू और अपने आप में एक स्वतंत्रता सेनानी, जो स्वतंत्रता के बाद पश्चिम बंगाल की राज्यपाल और बाद में एक मानवतावादी बनीं।

बिश्नी देवी शाह

पुस्तक में बिश्नी देवी शाह की कहानी है, जो एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने उत्तराखंड में बड़ी संख्या में लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

 सुभद्रा कुमारी चौहान

 सुभद्रा कुमारी चौहान सबसे महान हिंदी कवियों में से एक थीं, जो स्वतंत्रता आंदोलन में भी एक प्रमुख हस्ती थीं। 

दुर्गावती देवी

दुर्गावती देवी वह बहादुर महिला थीं, जिन्होंने जॉन सॉन्डर्स की हत्या के बाद भगत सिंह को सुरक्षित निकलने में मदद की और उनके क्रांतिकारी दिनों के दौरान भी अनेक रूप में सहायता की। 

सुचेता कृपलानी

एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, सुचेता कृपलानी ने स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार का नेतृत्व किया।

अक्कम्मा चेरियन-'त्रावणकोर की झांसी की रानी

पुस्तक में केरल के त्रावणकोर में स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रेरणादायक नेता अक्कम्मा चेरियन की कहानी है, उन्हें महात्मा गांधी द्वारा 'त्रावणकोर की झांसी की रानी' नाम दिया गया था। 

अरुणा आसफ अली

अरुणा आसफ अली एक प्रेरणादायक स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्हें शायद 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मुंबई में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। 

दुर्गाबाई देशमुख

आंध्र प्रदेश में महिलाओं की मुक्ति के लिए एक अथक संघर्ष करने वाली कार्यकर्ता दुर्गाबाई देशमुख एक प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा की सदस्य भी थीं। 

रानी गाइदिन्ल्यू

नागा आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता रानी गाइदिन्ल्यू ने मणिपुर, नागालैंड और असम में अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया।

उषा मेहता 

 उषा मेहता बहुत कम उम्र से एक स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्हें 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान एक भूमिगत रेडियो स्टेशन के संचालन के लिए याद किया जाता है।

पार्वती गिरी-पश्चिमी ओडिशा की मदर टेरेसा

ओडिशा की सबसे प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानियों में से एक, पार्वती गिरी को लोगों के उत्थान में उनके काम को लेकर पश्चिमी ओडिशा की मदर टेरेसा कहा जाता था। 

तारकेश्वरी सिन्हा

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी तारकेश्वरी सिन्हा स्वतंत्र भारत के शुरुआती दशकों में एक प्रख्यात राजनेता बन गईं।

स्नेहलता वर्मा

 एक स्वतंत्रता सेनानी स्नेहलता वर्मा ने मेवाड़, राजस्थान में महिलाओं की शिक्षा और उत्थान के लिए निरंतर कार्य किए।

तिलेश्वरी बरुआ

 भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान, तिलेश्वरी बरुआ भारत की सबसे कम उम्र की शहीदों में शामिल थीं। उन्हें 12 साल की उम्र में गोली मार दी गई थी, जब उन्होंने और कुछ स्वतंत्रता सेनानियों ने एक पुलिस स्टेशन पर तिरंगा फहराने की कोशिश की थी।




शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल दिल्ली: जाने क्या है खासियत

Bhagat Singh Armed Forces Preparatory School

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के झरोदा कलां में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल जो दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है, का उद्घाटन किया।  यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी। बच्चों की शिक्षा पूरी तरह फ्री है, ताकि यहां गरीब और अमीर के बीच कोई भेद न हो सके। यहां 80-90 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं। 

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यहां पर सारे ऑफिसर के गुण सिखाए जाएंगे, जो आर्मी में होती है। साइकोमेट्रिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, मॉक इंटरव्यू करावाए जाएंगे और व्यक्तित्व विकास किया जाएगा। साथ ही वर्कशॉप कराई जाएंगी, जो बड़े-बड़े स्कूलों में नहीं होता है। 

एनडीए, नेवल अकेडमी, यूनिफार्म सर्विसेज के जितने इंट्रेंस एग्जाम है, उन सबके लिए बच्चों को तैयार किया जाएगा। मैंने क्लास रूम में टीचर से पूछा कि क्या पढ़ा रहे हैं? टीचर ने बताया कि टिग्नोमेट्री पढ़ा रहे हैं। टिग्नोमेट्री पर अधिक ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि एनडीए की परीक्षा में 10 प्रश्न टिग्नोमेट्री के आते हैं। मुझे जानकर बहुत अच्छा लगा कि पेपर के हिसाब से पढ़ा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे क्वालीफाई करें और एनडीए के अंदर जाएं। यहां पर फौज के रिटायर्ड अफिसर्स, विशेषज्ञ को बुलाएंगे और उनसे कोचिंग करवाएंगे। 

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ अब ग़रीब से ग़रीब परिवार के बच्चे भी सेना में ऑफ़िसर बनकर देश की सेवा कर सकेंगे। आज से दिल्ली सरकार का आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल शुरू हो रहा है। इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी।’

आधुनिक सुविधाओं से लैस 14 एकड़ में फैला है यह स्कूल

  1. यह स्कूल 14 एकड़ में फैला है। 
  2. सभी सुविधाओं से लैस मॉडर्न स्कूल बनाया जा रहा है।
  3.  यह स्कूल दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का हिस्सा और दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त है।
  4. यह स्कूल पूरी तरह से निःशुल्क होगा। 
  5. स्कूल में छात्रों के लिए आवासीय सुविधा भी मिलेगी। स्कूल में जितने भी बच्चे दाखिला लेंगे, वे वहीं पर हॉस्टल में रहेंगे। 
  6. लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग हॉस्टल होगा।
  7. 9वीं व 11वीं में एडमिशन के लिए 18541 छात्रों ने किया था आवेदन

आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल में 9वीं और 11वीं कक्षा में एडमिशन लेने के लिए करीब 18541 बच्चों ने आवेदन किया था। इन 18541 छात्रों में 9वीें के लिए 7265 और 11वीं के लिए 11275 छात्रों ने आवेदन किया था। इन में से 9वीें कक्षा में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने वोल 400 छात्रों को और 11वीं में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने वाले 405 छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। 9वीं और 11वीं के लिए 100-100 छात्रों को मेडिकल के लिए बुलाया गया। वर्तमान में 9वीं में 89 और 11वीं 91 छात्रों का एडमिशन लिया गया है।

केजरीवाल सरकार की पहल: मोटिवेशनल स्पीकर सीरीज में यूपीएसई टॉपर आयुषी डबास और पूजा झा ने दिया तैयार का टिप्स


दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई अनूठी पहल मोटिवेशनल स्पीकर सीरीज के छठे सत्र में गुरुवार को दिल्ली सरकार के स्कूल से निकले यूपीएसई 2021 के टॉपर आयुषी डबास व पूजा झा ने स्टूडेंट के साथ तैयारी संबंधी अपने अनुभव शेयर किए। सर्वोदय कन्या विद्यालय, नंबर-2 जनकपुरी में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के लगभग 200 बच्चों के साथ प्रत्यक्ष संवाद के अलावा इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में बच्चे यूट्यूब लाइव के माध्यम से भी जुड़े।

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार यूपीएससी का सपना देखने वाले बच्चों को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जहाँ युवा आई.ए.एस/ आई.पी.एस अधिकारी सीधे संवाद के जरिए बच्चों के साथ पढ़ाई और तैयारी से जुड़े अपने अनुभव शेयर करते है। इससे विद्यार्थियों में इन परीक्षाओं को लेकर समझ पैदा होती है तथा स्टडी प्लान बनाने में मदद मिलती है ।

आयुषी डबास ने कहा -

  1. यूपीएसई की तैयारी के लिए हमेशा आप जोश से भरे होने चाहिए| 
  2. आप जितना बड़ा सपना देखेंगे आपके समक्ष उतनी बड़ी चुनौतियाँ आएँगी लेकिन शिक्षा एकमात्र ऐसा टूल है जिससे आप हर मुश्किलों से लड़ते हुए अपना जीवन बदल सकते है| 
  3. कई बार फेलिअर  का सामना किया और पाँचवी बार में यह परीक्षा पास की लेकिन कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपने लक्ष्य को लेकर मोटिवेटड रही|
  4. स्टूडेंट्स अपने दिमाग में किसी नकारात्मक विचार को न आने दे और हमेशा सकारात्मक रहे| 
  5. कई बार लोग आपको डी-मोटिवेट करने का प्रयास करेंगे लेकिन हमेशा आप उन्हें अपने शब्दों के बजाय अपने काम से जबाव दे| 
  6. स्टूडेंट्स अपने अंदर का डर खत्म करें और गलतियाँ करने से न डरे क्योंकि गलतियाँ सीखने का हिस्सा है बशर्ते उसे दोहराया न जाए|
  7. स्टूडेंट्स हमेशा खुद पर विश्वास रखे, पॉजिटिव रहे तथा पढाई को लेकर अपना टाइम-टेबल तैयार करें 
  8. अपनी प्राथमिकताए तय करें कि, किताबों से पढने के साथ-साथ अपने आस-पास के वातावरण से भी सीखे
  9.  हमेशा अपने दिल व दिमाग खुले रखे| 
  10. सफलता के 3 मूलमंत्र दिए;  कम्पटीशन, कारपोरेशन, कॉन्ट्रिब्यूशन|
  11.  उन्होंने कहा कि अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए स्टूडेंट्स हमेशा कम्पटीशन करें लेकिन यह कम्पटीशन हेल्थी हो तथा सभी को साथ लेकर चले| इससे जिन्दगी में पक्का सफलता मिलेगी|


यूपीएसई टॉपर पूजा झा ने कहा कि उन्हें वापस उस स्कूल में आकर बेहद अच्छा महसूस हो रहा है जहाँ वो आठवीं तक पढ़ी थी| उन्होंने कहा कि जब वो स्कूल में पढ़ती थी उस दौरान स्कूल में कोई ऑफिसर आते थे तो सोचते थे कि क्या हम भी कभी उधर होंगे और अब ये सपना पूरा हो गया है| उन्होंने कहा कि स्कूल ने मुझे लगातार मेहनत करना, फोकस करना और अनुशासन सिखाया|

उन्होंने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि -

  1. स्टूडेंट्स अपने जिन्दगी में आने वाले हर चैलेंज को स्वीकार करें उससे भागे नहीं|  पढ़ाई से ही जिन्दगी बदलेगी इसलिए स्टूडेंट्स पढ़ाई को ही अपनी प्राथमिकता बनाए
  2.  जिस दिन बच्चों ने पढ़ाई को अपनी प्राथमिकता बना ली उस दिन से उनकी जिन्दगी में सकारात्मक बदलाव आने शुरू हो गए| 
  3. उन्होंने कहा कि आप अपने स्किल्स को जितना बढ़ाएंगे आपका कॉन्फिडेंस भी उतना ही बढ़ेगा|
  4. स्टूडेंट्स अपनी एनसीईआरटी की किताबों को बहुत अच्छे से पढ़े ये तैयारी के लिए बेहद मददगार होता है| 
  5.  स्टूडेंट्स कड़ी मेहनत करे और पढ़ाई को लेकर फोकस्ड रहे और खुद पर विश्वास रखे| 
  6.  यूपीएसई की तैयारी के लिए गाइडेंस और मेंटरशिप की बहुत ज्यादा ज़रूरत होती है क्योंकि तैयारी के लिए मेंटर आपको दिशा दिखाने का काम करते है|

ठाणे क्रीक महाराष्ट्र : Facts in Brief

Thane Creek Facts in Brief

 Thane Creek: ठाणे क्रीक भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। इस क्रीक में ताजे पानी के कई स्रोत हैं, जिनमें उल्हास नदी सबसे बड़ी है, इसके बाद मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे के विभिन्न उपनगरीय क्षेत्रों से कई जल निकासी साधन हैं। इसे ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य घोषित किया गया है। 

ठाणे क्रीक दोनों किनारों पर मैंग्रोव से घिरा हुआ है और इसमें कुल भारतीय मैंग्रोव प्रजातियों का लगभग 20 प्रतिशत शामिल है। मैंग्रोव वन एक प्राकृतिक आश्रय क्षेत्र के रूप में कार्य करता है और भूमि को चक्रवातों, ज्वार-भाटा, समुद्री जल के रिसाव और बाढ़ से बचाता है। 

मैंग्रोव कई मछलियों के लिए नर्सरी का काम करता है और स्थानीय मत्स्य पालन को बनाए रखता है। यह क्षेत्र पक्षियों के मध्य एशियाई फ्लाईवे के आर्द्रभूमि परिसर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (आईबीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

202 पक्षी प्रजातियों के अलावा, क्रीक में मछलियों की 18 प्रजातियां, क्रस्टेशियंस और मोलस्क, तितलियों की 59 प्रजातियां, कीटों की 67 प्रजातियां, और फाइटोप्लांकटन की 35 प्रजातियां, और ज़ोप्लांकटन की 24 प्रजातियां और बेंथोस की 23 प्रजातियां भी हैं।

वडुवूर पक्षी अभयारण्य: Facts in Brief

Vaduvur

Vaduvur Bird Sanctuar:
वडुवूर पक्षी अभयारण्य 112.638 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है, यह एक बड़ा मानव निर्मित सिंचाई जलाशय और प्रवासी पक्षियों के लिए आश्रय है क्योंकि यह भोजन, आश्रय और प्रजनन के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। जबकि इन सिंचाई जलाशयों का सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है, उनके पारिस्थितिक महत्व के बारे में बहुत कम जानकारी है। 

इन जलाशयों में निवासी और सर्दियों के पानी के पक्षियों की अच्छी आबादी को शरण देने की क्षमता है लेकिन इसकी पुष्टि के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है। 

सर्वेक्षण किए गए अधिकांश जलाशयों में भारतीय जलाशय बगुला अर्देओला ग्रेई पाया गया। यूरेशियन विजोन अनस पेनेलोप, नॉर्दर्न पिंटेल अनस एक्यूटा, गार्गनी अनस क्वेरक्वेडुला जैसे सर्दियों के जलपक्षी की बड़ी उपस्थिति जलाशयों में दर्ज की गई थी। 

वडुवूर पक्षी अभ्यारण्य में विविध निवास स्थान हैं जिनमें कई इनलेट और आसपास के सिंचित कृषि क्षेत्र शामिल हैं जो पक्षियों के लिए अच्छा घोंसला बनाने और चारागाह प्रदान करते हैं। इस प्रकार, यह स्‍थल उपर्युक्‍त सूचीबद्ध प्रजातियों को उनके जीवन-चक्र के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान सहायता प्रदान करती है।

सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स: Facts In Brief

Suchindram Theroor Wetland Facts In Brief

Suchindram Theroor Wetland:
सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, सुचिन्द्रम-थेरूर मनाकुडी कंजर्वेशन रिजर्व का हिस्सा है। इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया गया है और यह प्रवासी पक्षियों के मध्य एशियाई फ्लाईवे के दक्षिणी सिरे पर स्थित है।

 इसे पक्षियों के घोंसले के लिए बनाया गया था और यह हर साल हजारों पक्षियों को आकर्षित करता है। थेरूर पर निर्भर कुल जनसंख्या लगभग 10,500 है और इस जनसंख्या की 75 प्रतिशत आजीविका कृषि पर टिकी है जो बदले में थेरूर जलाशय से निकलने वाले पानी पर निर्भर है।

यह एक मानव निर्मित, अंतर्देशीय जलाशय है और बारहमासी है। 9वीं शताब्दी के तांबे की प्लेट के शिलालेखों में पसुमकुलम, वेंचिकुलम, नेदुमर्थुकुलम, पेरुमकुलम, एलेमचिकुलम और कोनाडुनकुलम का उल्लेख है। 

इस क्षेत्र में पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियां दर्ज की गई हैं, जिनमें से 53 प्रवासी, 12 स्थानिक और 4 विलुप्‍त होने की कगार पर हैं।

चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्य तमिलनाडु: Facts In Brief

Chitrangudi Bird Sanctuary Facts in Brief

चित्रांगुडी पक्षी अभ्‍यारण्य, जिसे स्थानीय रूप से "चित्रांगुडी कनमोली" के नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह आर्द्रभूमि 1989 से एक संरक्षित क्षेत्र है और इसे पक्षी अभ्‍यारण्य के रूप में घोषित किया गया है, जो तमिलनाडु वन विभाग, रामनाथपुरम डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है। 

चित्रांगुडी पक्षी अभ्‍यारण्य शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास है। स्‍थल से 30 परिवारों के लगभग 50 पक्षियों के उपस्थित होने की जानकारी मिली है। इनमें से 47 जल पक्षी और 3 स्थलीय पक्षी हैं। 

इस स्‍थल क्षेत्र से स्पॉट-बिल्ड पेलिकन, लिटिल एग्रेट, ग्रे हेरॉन, लार्ज एग्रेट, ओपन बिल स्टॉर्क, पर्पल और पोंड हेरॉन जैसे उल्लेखनीय जलपक्षी देखे गए।

 चित्रांगुडी कृषि क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जहां साल भर विभिन्न फसलें उगाई जाती हैं। आर्द्रभूमि कई मछलियों, उभयचरों, मोलस्क, जलीय कीड़ों और उनके लार्वा का भी पालन करती है यह प्रवासी जलपक्षियों के लिए अच्छे भोजन स्रोत बनाते हैं। कृषि उद्देश्यों के लिए आर्द्रभूमि के आसपास और भीतर सिंचाई के लिए भूजल निकाला जाता है।

यशवंत सागर पक्षी स्थल-शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग: Facts In Brief

Yashwant Sagar Bird Areas MP Facts In Brief

यशवंत सागर पक्षी स्थल अपने विशाल उथले ईख क्षेत्रों के कारण, आर्द्रभूमि को बड़ी संख्या में शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। यशवंत सागर इंदौर क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (आईबीए) में से एक है और साथ ही मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण पक्षी स्थलों में से एक है। 

वर्तमान में इसका उपयोग मुख्य रूप से इंदौर शहर में पानी की आपूर्ति के लिए किया जाता है और व्यावसायिक स्तर पर मछली पालन के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहा है। 

यशवंत सागर जलाशय इंदौर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है। भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक का खिताब हासिल करने वाले इंदौर को अक्सर मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। 

इस आर्द्रभूमि का जलग्रहण क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि है। यशवंत सागर को मध्य भारत में दुर्लभ सारस क्रेन का गढ़ माना जाता है। झील के बैकवाटर में बहुत सारे उथले क्षेत्र हैं, जो कि वैडर्स और अन्य जलपक्षी के लिए अनुकूल हैं। 

जैसे ही जल स्तर घटता है, कई द्वीप जलपक्षी के लिए आश्रय स्थल के रूप में काम करते हैं। अपने विशाल उथले ईख क्षेत्रों के कारण, आर्द्रभूमि को बड़ी संख्या में शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग माना जाता है।

अंशुपा झील ओडिशा: महानदी द्वारा निर्मित ताजे पानी की झील : Facts in Brief

Ansupa Lake Wetland Facts in Brief

Ansupa Lake Wetland: 
अंशुपा झील कटक जिले के बांकी उप-मंडल में स्थित ओडिशा की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्राचीन काल से इसकी प्रसिद्धि है। 

यह आर्द्रभूमि महानदी नदी द्वारा बनाई गई एक ऑक्सबो झील है और 231 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। आर्द्रभूमि पक्षियों की कम से कम 194 प्रजातियों, मछलियों की 61 प्रजातियों और स्तनधारियों की 26 प्रजातियों के अलावा मैक्रोफाइट्स की 244 प्रजातियों का घर है।

 अंशुपा झील: Facts in Brief 

  1. महानदी नदी द्वारा निर्मित एक ऑक्सबो झील है.
  2. क्षेत्रफल  231 हेक्टेयर है। 
  3. पक्षियों की कम से कम 194 प्रजातियां, 
  4. मछलियों की 61 प्रजातियां, 
  5. स्तनधारियों की 26 प्रजातियां, 
  6. मैक्रोफाइट्स की 244 प्रजातियां, 
  7. तीन संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों का सुरक्षित आवास है-

  • रिनचोप्स एल्बिकोलिस (ईएन)
  • स्टर्ना एक्यूटिकौडा (ईएन) और 
  • स्टर्ना ऑरेंटिया (वीयू) 

8. तीन संकटग्रस्त मछलियों की प्रजातियों का सुरक्षित आवास है-

  •  क्लारियस मगर (क्लेरिडे) 
  • (ईएन), साइप्रिनस कार्पियो (साइप्रिनिडे) (वीयू) और
  • वालगो एटू (वीयू) 

9. प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख शीतकालीन क्षेत्र है 

 यह आर्द्रभूमि कम से कम तीन संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों- रिनचोप्स एल्बिकोलिस (ईएन), स्टर्ना एक्यूटिकौडा (ईएन) और स्टर्ना ऑरेंटिया (वीयू) और तीन संकटग्रस्त मछलियों की प्रजातियों- क्लारियस मगर (क्लेरिडे) (ईएन), साइप्रिनस कार्पियो (साइप्रिनिडे) (वीयू) और वालगो एटू (वीयू) को एक सुरक्षित आवास प्रदान करती है। 

अंशुपा झील आसपास के क्षेत्रों की मीठे पानी की मांग को पूरा करती है और मत्स्य पालन और कृषि के माध्यम से स्थानीय समुदायों की आजीविका में भी मदद करती है। 

आर्द्रभूमि में मनोरंजन और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि यह प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख शीतकालीन क्षेत्र है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है।

हीराकुंड जलाशयओडिशा : 130 से अधिक पक्षी प्रजातियां और भी बहुत कुछ-Facts in Brief


ओडिशा में सबसे बड़ा मिट्टी के बांध हीराकुंड जलाशय ने कई उच्च संरक्षण महत्व सहित पुष्प और जीव प्रजातियों की एक श्रृंखला का समर्थन करने के लिए 1957 में काम करना शुरू कर दिया था।

 जलाशय से ज्ञात 54 प्रजातियों की मछलियों में से एक को लुप्तप्राय, छह को निकट संकटग्रस्त और 21 मछली प्रजातियों को आर्थिक महत्व के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

हीराकुंड जलाशय: Facts in Brief

  1. 130 से अधिक पक्षी प्रजातियां  जिनमें से  20 प्रजातियां उच्च संरक्षण महत्व की हैं 
  2. 300 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन
  3. 4,36,000 हेक्टेयर सांस्कृतिक क्षेत्र की सिंचाई 
  4. 480 मीट्रिक टन मछली का उत्‍पादन 
  5.  महानदी डेल्टा में बाढ़ को नियंत्रित करके महत्वपूर्ण जल विज्ञान सेवाएं भी प्रदान करती है।
  6. प्रचुर मात्रा में पर्यटन को बढ़ावा
  7. प्रतिवर्ष 30,000 से अधिक पर्यटक


मत्स्य पालन के अंतर्गत यहां वर्तमान में सालाना लगभग 480 मीट्रिक टन मछली का उत्‍पादन होता है और यह 7000 मछुआरे परिवारों की आजीविका का मुख्य आधार है। इसी तरह, इस स्थल पर 130 से अधिक पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया गया है, जिनमें से 20 प्रजातियां उच्च संरक्षण महत्व की हैं। 

जलाशय लगभग 300 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन और 4,36,000 हेक्टेयर सांस्कृतिक क्षेत्र की सिंचाई के लिए पानी का एक स्रोत है। यह आर्द्रभूमि भारत के पूर्वी तट के पारिस्थितिक और सामाजिक-आर्थिक केंद्र महानदी डेल्टा में बाढ़ को नियंत्रित करके महत्वपूर्ण जल विज्ञान सेवाएं भी प्रदान करती है। 

हीराकुंड जलाशय प्रचुर मात्रा में पर्यटन को भी बढ़ावा देता है और इसे संबलपुर के आसपास स्थित उच्च पर्यटन मूल्य स्थलों का एक अभिन्न अंग बनाता है, जिसमें प्रतिवर्ष 30,000 से अधिक पर्यटक आते हैं।

दिल्ली को 'झीलों का शहर' बनाएगी केजरीवाल सरकार

Delhi to become city of lakes by Kejriwal Govt

डीजेबी उपाध्यक्ष  सौरभ भारद्वाज ने आज यमुना नदी की सफाई को लेकर की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक  किया. इसके अंतर्गत  अधिकारियों को दिल्ली को 'झीलों का शहर' बनाने के लिए जल निकायों के कायाकल्प के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष  सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई, चौबीस घंटे जलापूर्ति, झीलों का कायाकल्प, विभिन्न तंत्रों से जल उत्पादन में वृद्धि, नलकूपों की स्थापना, सीवर कनेक्शन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में दिल्ली में आरओ सिस्टम की स्थापना, जल प्रदूषण करने वाले उद्योगों पर कार्रवाई, जल उपचार क्षमता में वृद्धि, सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों की स्थिति, एसटीपी का निर्माण कार्य पूरा करना, सीवर की सफाई और सीवर नेटवर्क का निर्माण और पुनः विकास पर चर्चा हुई।

केजरीवाल सरकार ने ओखला में 16 एमजीडी सीवर ट्रीटमेंटप्लांट में केमिकल के जरिए पानी को ट्रीट करने की पहल की है। इस अनोखी तकनीक की मदद से ओखला एसटीपी में सीवर के पानी का बेहतर तरीके से ट्रीटमेंट किया जा रहा है। यही वजह है कि ओखला एसटीपी में पानी की गुणवत्ता में 82 फीसदी सुधार हुआ है। अपशिष्ट जल के उपचार की वर्तमान क्षमता 632 एमजीडी है, जिसका उपचार 35 सीवेज उपचार संयंत्रों में किया जा रहा है।

यमुना नदी में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने का काम कर रही है, ताकि यहां से निकालने वाले पूरे सीवेज को एकत्रित कर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाकर ट्रीट किया जा सके। दिल्ली की सभी 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में डीजेबी द्वारा सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इनमें से 725 कॉलोनियों में पहले ही सीवर लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। बाकी में विकास का कार्य विभिन्न चरणों में हो रहा है। 

इसके अलावा 18 नालें जो यमुना में गिरते हैं, उसमें से 16 को एसटीपी के लिए डायवर्ट किया गया है। जहां पर गंदे पानी को शोधित किया जा रहा है। यहां से निकालने वाले पूरे सीवेज को एसटीपी तक पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से जगह-जगह 116 सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) बनाए गए है। एसपीएस में लगे मोटर पंप के माध्यम से सीवेज को एसटीपी तक भेजा जाता है, जहां इसे ट्रीट कर आगे नालों में डाला जाता है।

पी एम का स्वतंत्रता सेनानियों को डिजिटल ज्योत पर श्रद्धांजलि देने का आग्रह


डिजिटल ज्योत पर अपनी श्रद्धांजलि साझा करने और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को मजबूत करने का आग्रह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से किया है। 

डिजिटल ज्योत क्या है
दिल्ली के सेंट्रल पार्क में एक स्काई बीम लाइट लगाई गई है जिसे डिजिटल जोत कहा गया है। दी गयी प्रत्येक श्रद्धांजलि डिजिटल ज्योत की रोशनी को और तेज करेगी। 

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा;

"हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को एक विशेष श्रद्धांजलि!

डिजिटल ज्योत प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है और आपको स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आभार का हार्दिक संदेश साझा करने में सक्षम बनाता है।"

"दिल्ली के सेंट्रल पार्क में एक स्काई बीम लाइट लगाई गई है। दी गयी प्रत्येक श्रद्धांजलि डिजिटल ज्योत की रोशनी को और तेज करेगी। इस विशिष्ट प्रयास में भाग लें और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को मजबूत करें।"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकों से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को डिजिटल ज्योत पर अपनी श्रद्धांजलि साझा करने और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को मजबूत करने का आग्रह किया है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश: Facts in Brief

Bundelkhand Express way Facts you Need to Know

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जालौन की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। यह एक्सप्रेस-वे न केवल यहां वाहनों को गति देगा, बल्कि पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को भी गति प्रदान करेगा। 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: Facts in Brief 

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सात जिलों- चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है 
  • प्रधानमंत्री ने  29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण का आधारशिला रखा था। 
  • एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है, जो न्यू इंडिया की कार्य संस्कृति का एक संकेत है, जहां परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाता है।
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद चित्रकूट से दिल्ली की दूरी में 3 से 4 घंटों की कमी होगी। 
  • उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से 296 किलोमीटर, चार-लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है.
  • बाद में इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है।
  • यह चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिल जाता है। यह सात जिलों - चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है।
  • क्षेत्र में संपर्क सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा। 
  • एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने के कार्य का भी शुभारंभ हो चुका है।

मुफ्तखोरी की संस्कृति देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक: नरेन्द्र मोदी

Freebies Culture is Dangerous for Country- says Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मुफ्तखोरी की संस्कृति देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक है व देश के लोगों को बहुत सावधान रहना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के जालौन की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और राज्यमंत्री  एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने देश में मुफ्त उपहार बांटकर वोट मांगने की संस्कृति के मुद्दे पर भी लोगों का ध्यान आकृष्‍ट किया और उन्होंने चेतावनी दी कि यह मुफ्तखोरी की संस्कृति देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक है। इस मुफ्तखोरी की संस्कृति ('रेवड़ी' संस्कृति) से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना होगा। फ्रीबीज कल्चर वाले लोग कभी भी आपके लिए नए एक्सप्रेस-वे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। फ्रीबीज कल्चर के लोगों को लगता है कि वे आम आदमी को नि:शुल्‍क रेवडि़यां बांटकर वोट खरीद सकते हैं। 

उन्होंने इस सोच को सामूहिक रूप से हराने और देश की राजनीति से मुफ्त की संस्कृति को हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अब सरकार इस 'रेवड़ी' संस्कृति से हटकर पक्के मकान, रेलवे लाइन, सड़क व अवसंरचना, सिंचाई, बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसी परियोजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दोहरे इंजन वाली सरकारें मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं की कमी को नहीं अपना रही हैं और कड़ी मेहनत से सुविधाओं की आपूर्ति कर रही हैं।

संतुलित विकास पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए  प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे विकास की पहुंच उपेक्षित और छोटे शहरों तक होती है, यह हमें सामाजिक न्याय दिलाता है। पूर्वी भारत और बुंदेलखंड के लिए वर्तमान में उपलब्‍ध आधुनिक बुनियादी ढांचे इन क्षेत्रों के लिए सामाजिक न्याय के समान है जबकि पहले इनकी उपेक्षा की गई थी। 

प्रधानमंत्री ने  कहा कि उपेक्षित पिछड़े जिले अब विकास के साक्षी बन रहे हैं, यह भी उनके लिए सामाजिक न्याय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए शौचालय, गांवों को सड़कों और नल के पानी से जोड़ना भी सामाजिक न्याय है। उन्‍होंने कहा कि सरकार बुंदेलखंड की एक और चुनौती को दूर करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सरकार हर घर में पाइपलाइन के माध्‍यम पानी उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन पर काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने रतौली बांध, भवानी बांध, मझगांव-चिली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना को बुंदेलखंड नदियों के पानी को अधिक से अधिक स्थानीय लोगों तक पहुंचाने के प्रयास के रूप में सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना इस क्षेत्र के लोगों की जिंदगी बदल देगी।

प्रधानमंत्री ने हर जिले में 75 अमृत सरोवर के अभियान में बुंदेलखंड के लोगों के योगदान के लिए अपना अनुरोध दोहराया।

लघु और कुटीर उद्योग को मजबूत करने में मेक इन इंडिया अभियान की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने खिलौना उद्योग की सफलता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार कारीगरों, उद्योग जगत और नागरिकों के प्रयासों से खिलौनों के आयात में भारी कटौती हुई है। उन्होंने कहा कि इससे गरीब, वंचित, पिछड़े, जनजातियों, दलितों और महिलाओं को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने खेल के क्षेत्र में बुंदेलखंड के योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च खेल सम्मान स्थानीय पुत्र मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है। उन्होंने इस क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय एथलीट शैली सिंह का भी उल्लेख किया, जिन्होंने अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ख्याति अर्जित की।

बाबा धाम आकर हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता है: पी एम मोदी


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बाबा धाम आकर हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता है। प्रधान मंत्री मोदी आज विभिन्न परियोजनाओं और देवघर हवाई अड्डे के उद्घाटन के लिए झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में आम सभा को संबोधित करब्रहे थे। 

प्रधान मंत्री ने कहा कि आज हम सभी  को देवघर से झारखंड के विकास को गति देने का सौभाग्य मिला है। बाबा वैद्यनाथ के आशीर्वाद से आज 16 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का  लो कार्पण  और शिलान्यास हुआ है। इनसे झारखंड के आधुनिक कनेक्टिविटी, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आस्था और पर्यटन को बहुत अधिक बल मिलने वाला है। हम सभी ने देवघर एयरपोर्ट को और देवघर एम्स, इसका सपना लंबे समय से देखा है। ये सपना भी अब साकार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स से झारखंड के लाखों लोगों का जीवन तो आसान होगा ही, व्यापार-कारोबार के लिए,  टूरिज्म के लिए, रोज़गार-स्वरोज़गार के लिए भी अनेक नए अवसर बनेंगे

राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास, देश पिछले 8 वर्षों से इसी सोच के साथ काम कर रहा है। पिछले 8 वर्षों में highways, railways, airways, waterways, हर प्रकार से झारखंड को कनेक्ट करने के प्रयास में भी यही सोच, यही भावना सर्वोपरि रही है। आज जिन 13 हाईवे प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उनसे झारखंड की बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बाकी देश के साथ भी कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

प्रधान मंत्री ने कहा कि आज सरकार के प्रयासों का लाभ पूरे देश में दिख रहा है। उड़ान योजना के तहत पिछले 5-6 सालों में लगभग 70 से ज्यादा नए स्थानों को एयरपोर्ट्स, हेलीपोर्ट्स और वॉटर एयरोडोम्स के साथ उसके माध्यम से जोड़ा गया है। 400 से ज्यादा नए रूट्स पर आज सामान्य से सामान्य नागरिक को हवाई यात्रा की सुविधा मिल रही है। उड़ान योजना के तहत अभी तक 1 करोड़ यात्रियों ने बहुत कम मूल्य पर हवाई यात्रा की है। इनमें से लाखों ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार एयरपोर्ट देखा, पहली बार हवाई जहाज पर चढ़े। कहीं आने-जाने के लिए कभी बस और रेलवे पर निर्भर रहने वाले मेरे गरीब और मध्यम वर्ग के भाई-बहन, अब कुर्सी की पेटी बांधना, ये भी उन्होंने सीख लिया है। मुझे खुशी है कि आज देवघर से कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरु हो चुकी है। 

बाबा धाम स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर में प्रधान मंत्री मोदी ने किया दर्शन

Baidyanath Dham Temple Deoghar
प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने देवघर में नवनिर्मित एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के साथ ही 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा वैद्यनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना किया। 

बाबा धाम आकर हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता है। आज हम सभी  को देवघर से झारखंड के विकास को गति देने का सौभाग्य मिला है। बाबा वैद्यनाथ के आशीर्वाद से आज 16 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का  लो कार्पण  और शिलान्यास हुआ है। इनसे झारखंड के आधुनिक कनेक्टिविटी, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आस्था और पर्यटन को बहुत अधिक बल मिलने वाला है।

 इसे अनुमानित रूप से लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन की क्षमता सालाना लगभग पांच लाख यात्रियों की है।

देवघर में एम्स पूरे इलाके में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक वरदान है। एम्स, देवघर की सेवाओं में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री एम्स, देवघर रोगी (इन-पेशेंट) विभाग (आईपीडी) और ऑपरेशन थिएटर संबंधी सेवाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह प्रधानमंत्री के देश के सभी हिस्सों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के विजन के अनुरूप है।

मिर्ज़ाचौकी से फरक्का के बीच जो फोरलेन हाईवे बन रहा है, उससे पूरा संथाल परगना को आधुनिक सुविधा मिलने वाली ह

मुझे चार साल पहले देवघर एयरपोर्ट का शिलान्यास करने का अवसर मिला था। कोरोना की मुश्किलों के बावजूद इस पर तेज़ी से काम हुआ और आज झारखंड को दूसरा एयरपोर्ट मिल रहा है। देवघर एयरपोर्ट से हर साल लगभग 5 लाख यात्रियों की आवाजाही हो पाएगी। इससे कितने ही लोगों को बाबा के दर्शन में आसानी होगी।

प्रधानमंत्री की देश भर के धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास और ऐसे सभी स्थानों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं में सुधार की प्रतिबद्धता को पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत स्वीकृत “वैद्यनाथ धाम, देवघर विकास” परियोजना के घटकों के रूप में और बढ़ावा मिलेगा। 


प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में 2,000 तीर्थयात्रियों की क्षमता वाले दो बड़े तीर्थ मंडली भवनों का विकास, जलसर झील के फ्रंट का विकास, शिवगंगा तालाब विकास आदि शामिल हैं। नई सुविधाओं से हर साल बाबा बैद्यनाथ धाम आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव में सुधार होगा।

राजस्थान के मानगढ़ पहाड़ी का इतिहास बताएगी सरकार: Facts in Brief


सरकार ने गुमनाम नायकों के अंतर्गत राजस्थान के मानगढ़ पहाड़ी के इतिहास को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने संबंधी रिपोर्ट को प्राप्त किया है। संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि हमारी युवा पीढ़ी उनके बलिदान और मानगढ़ पहाड़ी से अनजान है, यह हमारी जिम्मेदारी होगी कि हम मानगढ़ पहाड़ी के महत्व को उजागर करें और इसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं।

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री तरुण विजय के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण की एक टीम ने राजस्थान में मानगढ़ पहाड़ी को आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने पर एक रिपोर्ट आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), नई दिल्ली में संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल को सौंपी।

संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि गुमनाम नायकों और मानगढ़ पहाड़ी को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। उन्होंने यह भी बताया कि 17 नवंबर 1913 को ब्रिटिश सेना ने 1500 भील आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मार डाला था। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हम एनएमए अध्यक्ष श्री तरुण विजय की दी गई रिपोर्ट को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हमारी युवा पीढ़ी उनके बलिदान और मानगढ़ पहाड़ी से अनजान है, यह हमारी जिम्मेदारी होगी कि हम मानगढ़ पहाड़ी के महत्व को उजागर करें और इसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्रतटीय सफाई दिवस के अवसर पर शुरू होगी "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान": Facts in Brief

International Coastal Cleanup Day Facts in Brief

भारत का एक समृद्ध समुद्री इतिहास रहा है। समुद्री गतिविधियों का सबसे पहले ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था और महासागर, समुद्र एवं नदियों के अंतर्संबंधों के संदर्भ भारतीय पुराणों में पाए जा सकते हैं।  7,500 किमी से अधिक की भारत की समुद्री तटरेखा हमारे विशाल महासागर संसाधनों को दर्शाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंद महासागर एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश, अर्थात भारत के नाम पर रखा गया है। 

विश्व स्तर पर, "अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तटीय सफाई दिवस" ​​हर वर्ष सितंबर के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है।  इस वर्ष 17 सितंबर, 2022 को भारत सरकार अन्य स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय समाज के साथ मिलकर भारत के पूरे समुद्र तट पर "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" पर स्वच्छता अभियान चलाएगी। 

 इसमें आम आदमी की भागीदारी न केवल तटीय क्षेत्रों बल्कि देश के अन्य हिस्सों की समृद्धि के लिए "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" का संदेश देगी। इस अभियान के माध्यम से जन साधारण के बीच बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन करने  का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि कैसे प्लास्टिक का उपयोग हमारे समुद्री जीवन को नष्ट कर रहा है।

इस अभियान में मुख्य रूप से समुद्री अपशिष्ट को कम करने, प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग, स्रोत पर ही  पृथक्करण और अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भौतिक और आभासी (वर्चुअल) दोनों तरह से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी देखी जाएगी।

स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान

  • इस वर्ष का आयोजन देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के साथ भी मेल खाता है; इसके द्वारा देश भर में 75 समुद्र तटों पर तटीय सफाई अभियान चलाया जाएगा। 
  • यह दुनिया में अपनी तरह का पहला और सबसे लंबे समय तक चलने वाला समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान होगा, जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेंगे। 
  • 17 सितंबर, 2022 को "अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस" ​​​​पर समाप्त होने वाले "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कल 03 जुलाई, 2022 से 75 दिनों का लंबा अभियान शुरू किया जाएगा।
  • अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एवं 17 सितंबर, 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधियों हेतु स्वैच्छिक पंजीकरण के उद्देश्य से आम लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप "इको मित्रम" भी शुरू किया गया है।