Daily GK Current Affairs: मन की बात के कार्यक्रम पर आधारित MCQ Quiz, व्याख्या के साथ


संकलन: शिवम द्वारा 

Mann Ki Baat:  मन की बात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक भारतीय रेडियो कार्यक्रम है जिसमें वे ऑल इंडिया रेडियो, डीडी नेशनल और डीडी न्यूज़ पर भारतीयों को संबोधित करते हैं। 3 अक्टूबर 2014 को कार्यक्रम का पहला शो प्रसारित हुआ जो आज दुनिया मे अपना इतिहास बना चुका है। इस कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी हैं जिसके माध्यम से वह  देश के नागरिकों के साथ बातचीत करते हैं और उनकी सोच, दृष्टिकोण और राष्ट्र के मुद्दों पर विचारों को साझा करते हैं।यह कार्यक्रम हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित किया जाता है, जिसमें प्रधानमंत्री विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हैं. हम यहाँ पर लाएं हैं आपके लिए मन की बात में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेखित विभिन्न पर्सनलिटी और स्थान पर आधारित GK Quiz जो प्रतियोगिता परीक्षा कि तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए खास रूप से तैयार किया गया है। 


  • सऊदी अरब में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर गीता की प्रस्तुति की गई है। 
  • यूरोप के लातविया में भी एक यादगार गीता महोत्सव आयोजित किया गया। 
  • इस महोत्सव में लातविया, एस्टोनिया, लिथुआनिया और अल्जीरिया के कलाकारों ने बढ़-चढ़ करके हिस्सा लिया।  
  • Natural Farming के एक विशाल सम्मेलन का आयोजन  कोयंबटूर में हुआ था।
चौथा काशी-तमिल संगमम 

  • 2 दिसंबर से काशी के नमो घाट पर चौथा काशी-तमिल संगमम शुरू हो रहा है। 
  • काशी-तमिल संगमम की थीम बहुत ही रोचक है – Learn Tamil – तमिल करकलम्। 
  •  पिछले हफ्ते मुंबई में INS ‘माहे’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
  • इसका ‘माहे’ नाम उस स्थान माहे के नाम पर रखा गया है, जिसकी एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत रही है। केरला और तमिलनाडु के कई लोगों ने इस बात पर गौर किया कि इस युद्धपोत का crest उरुमी  और कलारिपयट्टू की पारंपरिक लचीली तलवार की तरह दिखाई पड़ता है।

Navy से जुड़े tourism 

  • देश के पश्चिमी तट पर गुजरात के सोमनाथ के पास एक जिला है-दीव। दीव में ‘INS खुखरी’ को समर्पित ‘Khukhri  Memorial and Museum’ है।
  •  Goa में ‘naval aviation museum’ है, जो Asia में अपनी तरह का अनूठा संग्रहालय है।
  • Fort Kochi के INS द्रोणाचार्य में ‘Indian Naval Maritime Museum’ है। यहाँ हमारे देश की Maritime history और Indian Navy के evolution को देखा जा सकता है।
  • श्रीविजयापुरम जिसे पहले Port Blair कहा जाता था, वहाँ ‘समुद्रिका- Naval Marine Museum’ उस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को सामने लाने के लिए जाना जाता है। 
  • कारवार के रवीन्द्रनाथ टैगोर beach पर Warship Museum में मिसाइलों और हथियारों की replica रखी गई हैं।
  •  विशाखापत्तनम में भी एक submarine, helicopter और aircraft museum है, जो Indian Navy से जुड़ा है। 

भगवान बुद्ध के पावन अवशेष

  • पिछले महीने ही National Museum से भगवान बुद्ध के पावन अवशेषों को को रूस के कलमीकिया ले जाया गया था। यहां बौद्ध धर्म का विशेष महत्व है। 
  • इन पवित्र अवशेषों को मंगोलिया, वियतनाम और थाइलैंड भी ले जाया जा चुका है। 

गडग जिला का संबंधी किस राज्य से है? 

  • कर्नाटका के गडग जिले के लोगों ने भी मिसाल कायम की है। कुछ साल पहले यहाँ के दो गाँव की झीलें पूरी तरह सूख गईं। एक समय ऐसा भी आया जब वहाँ पशुओं के पीने के लिए भी पानी नहीं बचा। 
  • धीरे-धीरे झील घास-फूस और झाड़ियों से भर गई। लेकिन गाँव के कुछ लोगों ने झील को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और काम में जुट गए। 


Fit India Carnival

दिल्ली में एक और भव्य आयोजन ने लोगों को बहुत प्रेरणा दी है, जोश से भर दिया है। एक Innovative Idea के रूप में पहली बार Fit India Carnival का आयोजन किया गया। 

Rapper Hanumankind (हनुमान काइन्ड) 

 मशहूर Rapper Hanumankind (हनुमान काइन्ड) का नया Song “Run It Up” काफी Famous हो रहा है। इसमें कलारिपयट्टू, गतका और थांग-ता जैसी हमारी पारंपरिक Martial Arts को शामिल किया गया है। 

फगवा चौताल का संबंध किस राज्य से है?

यह फ़िजी का बहुत ही लोकप्रिय ‘फगवा चौताल’ है।  ये गीत और संगीत हर किसी में जोश भर देता है। यह फ़िजी का बहुत ही लोकप्रिय ‘फगवा चौताल’ है। 

Singapore Indian Fine Arts Society

यह एक संगठन है जो वर्षों से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है। भारतीय नृत्य, संगीत और संस्कृति को संरक्षित करने में जुटे इस संगठन ने अपने गौरवशाली 75 साल पूरे किए हैं।

Textile waste

Textile waste से निपटने में कुछ शहर भी अपनी नई पहचान बना रहे हैं। हरियाणा का पानीपत textile recycling के global hub के रूप में उभर रहा है।

  • बेंगलुरू भी Innovative Tech Solutions से अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। यहाँ आधे से ज्यादा Textile waste को जमा किया जाता है, जो हमारे दूसरे शहरों के लिए भी एक मिसाल है। 
  • इसी प्रकार तमिलनाडु का Tirupur Waste Water Treatment  और renewable energy के माध्यम से textile waste management में जुटा हुआ है।


2025 के योग दिवस का थीम क्या है?

साल 2025 के योग दिवस की theme रखी गई है, ‘Yoga for One Earth One Health’. यानि हम योग के जरिए पूरे विश्व को स्वस्थ बनाने की कामना करते हैं।

Somos India 

 Somos India नाम की team जिसके बारे मे प्रधान मंत्री ने चर्चा किया।  Spanish में इसका अर्थ है - We are India. यह टीम करीब एक दशक से योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने में जुटी है। उनका focus treatment के साथ-साथ educational programmes पर भी है। वे आयुर्वेद और योग से संबंधित जानकारियों को Spanish language में translate भी करवा रहे हैं। 

महुआ के फूल

  • मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में महुआ के फूल से cookies बनाए जा रहे हैं। 
  • राजाखोह गांव की चार बहनों के प्रयास से ये cookies बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। इन महिलाओं का जज्बा देखकर एक बड़ी company ने इन्हें factory में काम करने की training दी।
  •  तेलंगना के आदिलाबाद जिले में भी दो बहनों ने महुआ के फूलों से नया experiment किया है। वो इनसे तरह-तरह के पकवान बनाती हैं, जिन्हें लोग बहुत पसंद करते हैं। 

कृष्ण कमल

  • कृष्ण कमल एक शानदार फूल है जो गुजरात मे पाया जाता है। 
  •  गुजरात के एकता नगर में Statue of Unity के आसपास आपको ये कृष्ण कमल बड़ी संख्या में दिखेंगें।
  •  ये कृष्ण कमल एकता नगर के आरोग्य वन, एकता नर्सरी, विश्व वन और Miyawaki forest में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। 


  •  श्री अब्दुल्ला अल-बारुन ने रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद किया है का संबंध किस देश से है- कुवैत
  • एरलिंदा गार्सिआ (Erlinda Garcia) जो  युवाओं को भरतनाट्यम सिखा रही हैं और मारिया वालदेस (Maria Valdez) ओडिसी नृत्य का प्रशिक्षण दे रही हैं, उनका संबंधी किस देश से है- पेरू 

Deer Women के नाम से किसे बुलाया जाता है?

  • अनुराधा राव, अंडमान निकोबार-अनुराधा राव, अंडमान निकोबार का नाता अंडमान निकोबार आइलैंड से रहा है। अनुराधा जी ने कम उम्र में ही Animal Welfare के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। तीन दशकों से उन्होंने हिरण और मोर की रक्षा को अपना mission बनाया। यहां के लोग तो उन्हें ‘Deer Woman’ के नाम से बुलाते हैं। 

कार्थुम्बी छाता का संबंधी किस राज्य से है-केरल 

  • कार्थुम्बी छाते’ को  तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में  इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है।

किस देश सरकार ने अपने National Radio पर हिन्दी मे एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया?-कुवैत 


किस देश ने  गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी  को सम्मान  दिया है? 

  • तुर्कमेनिस्तान

तुर्कमेनिस्तान में इस साल मई में वहाँ के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जन्म-जयंती मनाई गई। इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की भी है। ये गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है।

Araku coffee का संबंध किस राज्य से है?

  • आंध्र प्रदेश 
  •  ये अपने rich flavor और aroma के लिए जानी जाती है।

कब्बन पार्क का संबंधी किस शहर से है- बेंगलुरू 

बेंगलुरू में एक पार्क है- कब्बन पार्क ! इस पार्क में यहाँ के लोगों ने एक नई परंपरा शुरू की है। यहाँ हफ्ते में एक दिन, हर रविवार बच्चे, युवा और बुजुर्ग आपस में संस्कृत में बात करते हैं। इतना ही नहीं, यहाँ वाद- विवाद के कई session भी संस्कृत में ही आयोजित किए जाते हैं। इनकी इस पहल का नाम है – संस्कृत weekend ! इसकी शुरुआत एक website के जरिए समष्टि गुब्बी जी ने की है। 

  • 30 जून को आकाशवाणी का संस्कृत बुलेटिन अपने प्रसारण के 50 साल पूरे कर रहा है। 

Firefly
  •  एक भारतीय space-tech start-up बेंगलुरू के Pixxel (पिक्सेल) ने भारत का पहला निजी satellite constellation – ‘Firefly’ (फायर-फ्लाई), सफलतापूर्वक launch किया है।

‘चिटे लुई’-मिज़ोरम 

  • मिज़ोरम की राजधानी आइजवाल में एक खूबसूरत नदी है ‘चिटे लुई’, जो बरसों की उपेक्षा के चलते, गंदगी और कचरे के ढेर में बदल गई |
  •  पिछले कुछ वर्षों में इस नदी को बचाने के लिए प्रयास शुरू हुए हैं |
  •  इसके लिए स्थानीय एजेंसियां, स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग, मिलकर, save चिटे लुई action plan भी चला रहे हैं | 

Spacde Docking  करने वाला चौथा देश बना भारत 
  • जब अंतरिक्ष में दो spacecraft connect किए जाते हैं, तो, इस प्रक्रिया को Space Docking कहते हैं।
  • यह तकनीक अंतरिक्ष में space station तक supply भेजने और crew mission के लिए अहम है।
  •  भारत ऐसा चौथा देश बना है, जिसने ये सफलता हासिल की है।

English is Easy: जानें Continuous और Continual शब्द के प्रयोग में अंतर और सामान्य गलतियां


बैंकिंग, एसएससी, रेलवे जैसे विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले एस्पिरेंट्स को अक्स अंग्रेजी में कामन एरर के अंतर्गत कन्फ्यूजिंग अंग्रेजी के वर्ड से आमना सामना होता हैं। ऐसे हीं दो वर्ड है 
Continuous और Continual।

कंटीन्यूअस का मतलब है बिना रुके, लगातार जारी रहने वाला (जैसे लगातार बारिश), जबकि कंटीन्यूअस कंटीन्यूअस अक्सर और बार-बार होता है, लेकिन रुक-रुक कर।

कंटीन्यूअस और कंटीन्यूअल के बीच अंतर

Continuous  – इस शब्द का इस्तेमाल हम सामान्यत: किसी ऐसी चीज़ के लिए किया जाता है जो बिना किसी ब्रेक या रुकावट के होती है।

Continual  – इस शब्द का इस्तेमाल किसी ऐसी चीज़ के लिए किया जाता है जो रुक-रुक के अर्थात किसी समय में बार-बार होती है।

कंटीन्यूअस और कंटीन्यूअल के बीच मुख्य अंतर यह है कि "कंटीन्यूअस" का मतलब है कुछ ऐसा होना जो बिना रुके, बिना किसी रुकावट के हो रहा हो। "कंटीन्यूअल" का मतलब है कि कुछ बार-बार होता है, लेकिन बीच-बीच में ब्रेक के साथ। 

दोनों शब्दों के बीच के अंतर  को समझने के लिए उनके प्रयोग और वाक्य संरचना के  साथ स्पष्ट हो जायेगा. 

Continuous शब्द एक विशेषण है जिसका शाब्दिक मतलब होता है लगातार समय या बिना रुके या किसी ब्रेक के.

Continual शब्द भी एक विशेषण है जिसका अर्थ होता है निरंतर या बार-बार होने वाला परंतु रुकावटों के साथ।


English is Easy: जानें Enquiry और Inquiry शब्द के प्रयोग में अंतर और सामान्य गलतियां


Enquiry और lnquiry इंग्लिश में प्रयोग होने वाले बहुत हीं महत्वपूर्ण शब्द हैं यह और बात है कि हम इनको एक हीं शब्द समझने की गलती कर बैठते हैं. अगर आप डिस्टिंक्शन ऑफ वर्ड के पॉइंट ऑफ व्यू से देखेंगे तो आप समझ सकते हैं कि दोनों शब्दों की अपनी है और इससे आप अंग्रेजी के कॉमन एरर पर कमांड कर सकते हैं. तो आइए जानते है Enquiry और lnquiry में क्या है बेसिक डिफरेंस.


इन्क्वायरी (Enquiry) और इनक्वायरी (lnquiry) में अंतर

इन्क्वायरी (Enquiry) एक नाउन है, जिसका मतलब है जानकारी मांगना या ऑफिशियल इन्वेस्टिगेशन करना। यह 'इनक्वायरी (lnquiry) ' वर्ब से जुड़ा है, जिसका मतलब है जानकारी मांगना या किसी की इन्वेस्टिगेशन करना।
मैंने अपने ब्लड टेस्ट के रिज़ल्ट के बारे में पूछने के लिए डॉक्टर को फ़ोन किया।

कांग्रेस ने बड़े बैंकों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की इन्वेस्टिगेशन शुरू की।
डिटेक्टिव ने वादा किया कि वह डकैतियों के बारे में कुछ पूछताछ करेगा।

Enquiry" और "Inquiry" शब्द वैसे तो अक्सर एक-दूसरे की जगह इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन इनके बीच थोड़ा अंतर और उपयोग का फर्क अमेरिकन और ब्रिटिश अंग्रेजी भाषाओं में पाई जाने वाली अंतर के कारण भी पाया जाता है. 


Enquiry का सामान्य मतलब होता है पूछना या कोई जानकारी लेना. आप रेलवे काउंटर पर किसी संस्थान के कस्टमर केयर से कुछ पूछताछ करने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं. वही Inquiry का तात्पर्य ऑफिशियल जांच से संबंधित होता है.
British English
अगर आप ब्रिटिश इंग्लिश पर गौर करेंगे तो वहां Enquiry का मतलब सामान्य पूछताछ के लिए किया जाता है. वहीं Inquiry का प्रयोग किसी ऑफिशियल एवं आधिकारिक जांच के लिए किया जाता है. 
American English 
वहीं अमेरिकन इंग्लिश पर आप गौर करेंगे तो वहां अधिकांशतः Inquiry ही इस्तेमाल होता है. भले ही वह सामान्य जांच हो या ऑफिसियल, Inquiry शब्द कभीन प्रयोग होता है. दूसरे शब्दों में,  "Enquiry" बहुत कम प्रयोग होता है।

Common Mistakes in Use 
दोनों शब्दों के प्रयोग और Distinction of words की जानकारी के अभाव में हम सामान्यतः रिपोर्ट, कोर्ट केस, या सरकारी दस्तावेज़ में लोग कभी-कभी “Enquiry” लिख देते हैं जबकि ऑफिशियल इन्वेस्टिगेशन में हम Inquiry का प्रयोग करते हैं. 

नजरिया जीने का: हर झगड़े में जीतने से ज्यादा जरूरी है रिश्ते को बचाना


आज के दौड़ में जहाँ मोबाइल फ़ोन और सोशल साइट्स ने हमें छदम रूप से पास किया है, सच्चाई यह है कि हम चिठियों वाले युग से भी अपनों से दूर हो चुके है. आजकल के भागदौड़ वाले जीवन में कंफ्लिक्ट्स या विचारों में अंतर का होना भले हीं  बात है, लेकिन सच्चाई यह है कि झगड़े से दूरी और प्यार से नजदीकी बनती है लेकिन हम इस वास्तविकता को समझने के लिए तैयार नहीं हैं. रिश्तों की बागडोर को बनाए रखने के लिए हम अपने बीच के मतभेदों की दीवारों को अपने कद से काफी ऊंचा रखने लगे हैं. 

हम यह भूल से गए हैं की कुछ रिश्ते माफी मांगने से नहीं, समझने से सुलझते हैं और हमारे अहंकार और ईगो का कद इतना बड़ा  हो चूका है कि हमें माफ़ी मांगने में संकोच होने लगा है. 

झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है

जुबान के तीखे शब्द सबसे बड़े झगड़े की जड़ बन सकते हैं और इसलिए यह जरुरी है कि आप रिश्तों की जीवंतता के लिए जुबान  लगाम रखें. याद रखें, झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है  और इसलिए समझौतों की अहमियत  को समझें.  लेकिन यह भी सच है कि भावनात्मक रूप से परेशान करने वाला या कठोर नहीं होना चाहिए क्योंकि यह कहा गया है कि "अगर हम हर लड़ाई जीतना चाहें, तो शायद रिश्ते हार जाएंगे।"और आप विश्वास करें कि यही जीवन का एकमात्र सच्चाई है। 

लड़ाई जितने के लिए रिश्तों को नहीं हराएँ  

आज के इस दौर मे जहां हमें अपने हेक्टिक जीवनशैली  और भागती जिंदगी मे रिश्तों को बचाने कि जदोजहद से दो चार होना हमारी लाचारी बन चुकी है, ऐसे मे अगर हम झगड़ों कि कीमत पर सह-अस्तित्व की भावना को तिलांजलि देंगे तो बहाल जीवन का क्या हश्र होगा? जब रिश्तों की बात आती है तो मनमुटाव का होना अपरिहार्य है और इसे अवॉइड करना कुछ हद तक मुश्किल होता है। 

अहंकार का कद छोटा होना आवश्यक 

क्या यह सच नहीं है कि जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है और इसके लिए यह जरूरी है कि हम  झगड़ों को छोड़कर सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा दें ताकि हमारा जीवन सँवर सके। जीवन में सह-अस्तित्व का मतलब हीं यही है कि  मिल-जुलकर रहना और  दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना और संघर्षों से ऊपर उठना। हर झगड़े में जीतने से ज्यादा जरूरी है रिश्ते को बचाना और इसके लिए जरुरी है कि  जब आप झगड़ों से बचकर एक-दूसरे को समझने और अपनाने का प्रयास करते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और संतोष बढ़ता है।

समझौता रिश्तों को जोड़ता है

अगर आप जीवन मे झगड़े और समझौते के महत्व को समझेंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक तरफ जहां झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है। समझौते कि कीमत को समझें और झगड़े कि नकारात्मक प्रभाव को कभी भी जीवन मे तवज्जो नहीं दें। 

अक्सर हम जीवन मे खुद के कद से अधिक अपने अहंकार को बना लेते हैं जो एक प्रमुख वजह होता है आपस के रिश्तों को खत्म कर अहंकार के बीजारोपन का। याद रखें, जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।


नजरिया जीने का : खुद को वश में करना सीखें, फिर आपकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते

नजरिया जीने का खुद को वश में करना एक स्वाभाविक और आत्मिक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत आप अपनी भावनाओं, विचारों, और क्रियाओं को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। 
बिहार बोर्ड के परीक्षा में एक सब्जी बेचने वाले के लड़के द्वारा राज्य में टॉपर बनने की कहानी को आप क्या कहेंगे. गौतम बुद्ध के उस कथन को  सन्दर्भ में उल्लेख करना अत्यधिक उपयुक्त होगी-"जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते "
 विपरीत परिस्थितियों का जीवन में आना और जाना तो प्रकृति का नियम है जिसे बदलना हमारे वश में नहीं है. कहा भी गया है "परिस्थितियां हमेशा तुम्हारे अनुकूल रहे ऐसी आशा न करो आखिर संसार सिर्फ तुम्हारे लिए थोड़े ही बना है?" लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों से निकलना आपके हाथ में हैं और ऐसा करने के लिए सबसे पहले आपको खुद के अंदर आत्मविश्वास पैदा करना सीखना होगा. संसार का कोई भी मोटिवेटर कुछ नहीं कर सकता जबतक आप खुद के अंदर सकारात्मक सोच डेवलप नहीं करेंगे. अपने सकारात्मक सोच और खुद में विश्वास पैदा कर जरूर हीं हम इन आपदाओं से निकलने का मार्ग प्रशस्त कर सकते है. आपने सुनी होगी. "
 सफल होने के लिए सफलता की इच्छा,  असफलता के भय से अधिक होनी चाहिए " भगवान् भी आपके लिए कुछ नहीं कर सकते जबतक कि  आप खुद पर विश्वास करना नहीं सीख  लेते.जी हाँ, आप किसी और यहाँ तक कि  भगवान् पर भरोसा करने से पहले खुद पर  यकीन करने सीख  लें, भगवान खुद भी आपके प्रयासों के आगे नतमस्तक हो जायेंगे। यहां कुछ टिप्स हैं जो आपको खुद को वश में करने में मदद कर सकते हैं:

अपनी भावनाओं को पहचानें: 
सबसे पहले, अपनी भावनाओं को पहचानना सीखें क्योंकि खुद की भावनाओं को सबसे अधिक आप पहचान सकते हैं । जब आप गुस्सा, चिंता, या निराशा महसूस करते हैं, तो इसे स्वीकार करें और इसे दबाने की कोशिश न करें बल्कि खुद हीं इनपर नियंत्रण करने सीखे ।
 अपनी भावनाओं को समझें और स्वीकार करें:
 अपनी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। वे क्यों उत्पन्न हो रही हैं? क्या कोई विशेष कारण है? साथ ही अपनी भावनाओं को स्वीकार करें, चाहे वे सकारात्मक हों या नकारात्मक। उन्हें दबाने या नकारने की कोशिश न करें।

अपने विचारों को नियंत्रित करें:
 अपने विचारों को नियंत्रित करना सीखना बहुत जरुरी है क्योंकि हमारे अंदर आने वाले विचार ही हमारे कार्यों को नियंत्रित करते हैं. नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग में प्रवेश न करने दें क्योंकि यह आपके मानसिक स्थिति को कमजोर  करेगा और फिर आप खुद को नकारात्मक विचारों के अधीन पा सकते हैं ।

अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करें:
 अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करें क्योंकि आपकी मजबूत इच्छाशक्ति हीं आपके ठोस विचारों को गाइड करता है । जब आप किसी लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, तो हार न मानें और मजबूत इच्छाशक्ति से उन्हें हासिल करने का प्रयास करें. ।

 धैर्य रखें: 
धैर्य रखें क्योंकि आज की दौड़ में जहाँ चारो तरफ कठोर प्रतिस्पर्धा है वहां धैर्य का होना बहुत जरुरी है। खुद को वश में करना एक सतत प्रक्रिया है। हार न मानें।

अनुशासन में रहें: 
अनुशासन को अपना सर्वस्व माने क्योंकि यही वह शक्ति है जो आपको खुद पर नियंत्रण करने में आपकी मदद करता है. खुद के लिए आप नियम बनाएं लेकिन उनके पालन करने में आप खुद हीं मॉनिटरिंग भी करें. नियमित रूप से अभ्यास करें और अपनी दिनचर्या में अनुशासन बनाए रखें।


सच्चाई तो यह है कि जीवन में मिलने वाली सफलता और असफलता के बीच जो सबसे बड़ा फैक्टर- इंटेलीजेंस और मिलने वाले सीमित  संसाधन कभी नहीं होते क्योंकि अगर सिर्फ इंटेलीजेंस और संसाधन हीं जीवन में सफलता की गारंटी होते  तो फिर औसत दर्जे और सीमित  संसाधनों वाले छात्र जीवन में सफलता प्राप्त कर हीं नहीं  पाते.




अगर खुद पर यकींन काफी नहीं होता तो फिर उस 13 वर्षीय लड़की ज्योति के बारे में आप क्यां कहेंगे जिसने अपने घायल और लाचार पिता को गुड़गांव(दिल्ली ) से बिहार के दरभंगा तक के हजारों किलोमीटर की दूरी को साइकिल से तय कर मुश्किल से लक्ष्य को हकीकत में बदल डाला. क्या वह खुद में भरोसा और यकीन  की जीत  नहीं है? 

असफलता के भय को समाप्त करने के लिए करें खुद के अंदर साहस का संचार 
याद रखें... अपने शक्तियो पर भरोसा करने वाला कभी असफल नही होता... 

 इसमें कोई संदेह नहीं है संसार में ऐसा कोई सफल व्यक्ति नहीं है जो किसी दूसरे की मदद से सफलता प्राप्त किया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया हो... सफल होने के लिए सबसे जरूरी यह है- पॉजिटिव माइंड सेट के साथ अपने भविष्य के लिए बनाये गए आपके पास एक पॉजिटिव इमेज का होना ....  

दोस्तों खुद में यकीन करना इतना कठिन नहीं है, पर  इतना आसान भी नहीं है. आप इसके बगैर दुनिया की तमाम संसाध्नों और मोटिवेशल बातों से भी कुछ हासिल नहीं कर सकते, जबतक   कि  आप खुद पर यकीन  करना नहीं सीख  लेते.

याद रखें,अपने ऊपर विजय प्राप्त करना, सबसे बड़ी विजय है और एक बार आपने खुद के ऊपर विजय प्राप्त करना सीख लिया,संसार में आप को कोई ताकत लक्ष्य हासिल करने से रोक नहीं सकती.

खुद को वश में करना कैसे सीखें - कुछ प्रेरणादायक उद्धरण:
1. "अपने विचारों पर नियंत्रण रखो, वरना तुम्हारे विचार तुम्हें नियंत्रित करेंगे।"
2. "क्रोध एक क्षणिक पागलपन है। यदि तुम उस क्षण में खुद को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो तुम पछताओगे।" -
3. "मन एक जंगली घोड़े की तरह है। इसे वश में करना आसान नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं।" -
4. "इच्छाक्ति ही वह शक्ति है जो तुम्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकती है।" -
5. "धैर्य एक गुण है। जो धैर्य रख सकता है, वह जीत सकता है।" -
6. "अपनी कमजोरियों को पहचानो और उन पर काम करो।" -
7. "अपनी गलतियों से सीखो और आगे बढ़ो।" -
8. "नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग में प्रवेश न करने दो।" -




Born on Monday : सोमवार को जन्में लोग होते हैं भावुक, आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी, इनकी खासियत आपको भी कर देगी हैरान

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Born on Monday: ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के जन्म की तिथि और समय उसके व्यक्तित्व और स्वाभाव को निर्धारित करता है. ठीक वैसे हीं सोमवार  को जन्मे लोगों पर चन्द्रमा खास प्रभाव होता होता है और यही वजह कि ऐसे लोगों की पर्सनालिटी बेहद खास और आकर्षक होती  है. ये लोग खुशमिजाज होने के साथ ही भावुक स्वभाव के होते हैं और इनका दिल बहुत ही कोमल होता है. शांत स्वभाव और मिलनसार होने के साथ ये दूसरों की परेशानियों को समझने में माहिर होते हैं और यही खूबियां इन्हें लोगों की नजर में अट्रैक्टिव बनाती हैं. सोमवार जन्म लेने वाले लोगों के बारे में विस्तार से जाने विख्यात मोटिवेटर, ज्योतिष और कुंडली विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर से. 



सोमवार को जन्में लोगों की व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण होता है और अक्सर लोगों के बीच खास लोकप्रिय होते हैं। स्वभाव मे शालीनता और मीठी वाणी इनकी सबसे बड़ी खासियत होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार को जन्मे जातकों पर चन्द्र ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है और यही वजह है कि सोमवार को जन्में लोगों के जीवन पर चंद्रमा का उच्च प्रभाव रहता है। 

सोमवार को जन्में लड़के का नाम लिस्ट 

  • शिवांश  - एक नाम जिसका अर्थ है "शिव का अंश"
  • शिवेन - एक नाम जिसका अर्थ है "जो पवित्र और दयालु है"
  • चंद्र - एक नाम जिसका अर्थ है "चाँद"
  • सोमन - एक नाम जिसका अर्थ है "चाँद जैसा"
  • नवनीत - एक नाम जिसका अर्थ है "नया और मनमोहक"
  • शिवेश - एक नाम जिसका अर्थ है "सफलता का स्वामी"
  • शिवाया - एक नाम जिसका अर्थ है "आशीर्वादों से भरा हुआ"
  • शुभम - एक नाम जिसका अर्थ है "सौभाग्य"
  • शुक्ल - एक नाम जिसका अर्थ है "उज्ज्वल और शुद्ध"
  • तुषार - एक नाम जिसका अर्थ है "बर्फ का टुकड़ा"
  • उदय - एक नाम जिसका अर्थ है "उठो, सुबह"
  • शिवानंद - एक नाम जिसका अर्थ है "अनंत सुख"
  • शिवेंद्र - एक नाम जिसका अर्थ है "देवताओं का राजा"
सोमवार वाले जन्में लोगों पर भगवान शंकर की विशेष कृपदृष्टि होती हैं क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार सोमवार को भगवान शंकर की दिवस माना जाता है।  एस्ट्रोलॉजी के अनुसार सोमवार को जन्म लेने वाले लोग काफी भोलेभाले होते हैं और आप जानते हैं कि भगवान शंकर को भोले शंकर भी कहा जाता है। इनका मन हमेशा शांत रहता है और इन्हें बेवजह किसी से लड़ाई-झगड़ा करना पसंद नहीं होता है। इसके अलावा न ही ये किसी की लाइफ में इंटरफेयर करते हैं और न ही किसी को दखल देने देते हैं। 

सोमवार को जन्में लड़कियों के नाम 

  • रोहिणी - एक नाम जिसका अर्थ है "जो समृद्ध और चमकीला है"
  • शिवांगी - एक नाम जिसका अर्थ है "सुंदर शरीर वाली"
  • शिवाली - एक नाम जिसका अर्थ है "एक जो शिव की पूजा करती है"
  • सोम्या - एक नाम जिसका अर्थ है "शांत और शांतिपूर्ण"
  • शिवानी - एक नाम जिसका अर्थ है "सौभाग्य लाने वाली"
  • अमृता - एक नाम जिसका अर्थ है "शाश्वत, अमर और दिव्य अमृत"
  • शिवंशी - एक नाम जिसका अर्थ है "दिव्य चेतना का अंश"

सोमवार को जन्मे लोग सहज, विनम्र और दयालु होते हैं तथा वे  पारिवारिक संबंधों और मित्रता को महत्व देते हैं। वे  स्थितियों का व्यवस्थित रूप से विश्लेषण करने के बजाय अपने मन की भावनाओं के अनुसार चलने की प्रवृत्ति रखते हैं।विपरीत और विरोधावासी प्रवृति को जीना पसंद करते हैं. जैसे विषय वासना और भोग को वे गलत नहीं समझते लेकिन फिर भी उच्च चरित्र उनके लिए हमेशा महत्वपूर्ण होता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा  एक अद्भुत ग्रह है जो पृथ्वी के बहुत करीब है इसलिए इसका प्रभाव पृथ्वी पर बहुत प्रमुख है। ऐस्टरोलोजी के अनुसार चंद्रमा मन का स्वामी है. यह ग्रह घरेलू जीवन, पारिवारिक संबंधों और आनुवंशिकी को नियंत्रित करता है। चंद्रमा को सोम देवता के रूप में पूजा जाता है और इसे जीवन के सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.
गंभीर प्रकृति के स्वामी 
सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी खासियत होती है कि वे गंभीर प्रकृति के होते हैं. सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियो का व्यक्तित्व चन्द्रमा के गुणों  से प्रभावित  होता है इसलिए वे धार्मिक स्वाभाव के होते हैं. काफी परिश्रमी होने के साथ ही  ऐसे लोग सुख और दुःख दोनों हीं परिस्थितियों में एक सामान होते हैं और जल्दी विचलित होना पसंद नहीं करते.

क्या रखें सोमवार को जन्मे बच्चे का नाम?
सोमवार को हम भगवन शंकर अर्थान शिव दिन मान कर पूजा करते हैं और इसलिए सोमवार को जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व भगवन शंकर के समान माना जाता है. सोमवार को जन्मे बच्चे का नाम क्या रखें सोमवार को जन्मे बच्चे का नामकरण और उनको उपयुक्त नाम रखने के लिए अक्सर माता पिता उत्सुक और परेशान रहते हैं। 
हालाँकि नामकरण के पीछे भी सामान्यत:कुंडली और जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और घर के अनुसार रखने की परंपरा होती है और सच तो यह है कि बच्चे का नाम रखने में ज्योतिष और परंपरागत फैक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. हालांकि सोमवार को जन्म लेने वाले बच्चों के नाम के लिए आप निचे दिए गए कुछ नामों पर विचार कर सकते हैं। 

  • शिवेश
  • शिव
  • नवनीत
  • सोम्या
  • शिवानी
  • शुभम्
  • शिक्षा
  • शिवंशी
  •  उदय 
  • शाइनी

परिश्रमी: सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी  परिश्रमी और मेहनती होते हैं. ऐसे व्यक्ति कभी भी शांति से बैठना पसंद नहीं करते हैं और हमेशा खुद को व्यस्त रखना चाहते हैं. समय का सदुपयोग करने में ऐसे लोग काफी सक्रिय रहते हैं और अगर अच्छे और क्रियाशील प्रवृति के स्वामी होने पर ऐसे जातक जीवन में कई सारे कार्यों को अपने हाथ में एक साथ लेकर सफलतापूर्वक उसे अंजाम तक पहुंचाते हैं. 

चरित्रवान: सोमवार को जन्म लेने वाले  व्यक्तियों की यह खासियत होती है कि  वे उच्च चरित्र वाले होते हैं और खुद की चरित्र की उन्हें काफी परवाह रहती हैं. हालाँकि जातक विपरीत और विरोधावासी प्रवृति को जीना पसंद करे हैं. जैसे विषय वासना और भोग को वे गलत नहीं समझते लेकिन फिर भी उच्च चरित्र उनके लिए हमेशा महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए वे सामान्यत: कोई समझौता पसंद नहीं करते हैं. 

धार्मिक/सामाजिक कार्यों में भाग लेने वाले: सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सामान्यत: धार्मिक प्रवृति के होते हैं  धार्मिक  कार्यों और पूजा पाठ में उनकी विशेष रूचि होती है. भले है वे अधिक देर  तक पूजा करने  विश्वाश नहीं करें लेकिन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में वे विशेष रूचि दिखाते  हैं. 

रविवार को हुआ है जन्म तो आप होंगे: दृढ इच्छा शक्ति के मालिक

सुख दुःख में समान रहेगा: ऐसे व्यक्ति सुख और दुःख दोनों हीं परिस्थितियों में एक सामान होते हैं और जल्दी विचलित होना पसंद नहीं करते. सुख की स्थिति में भी ये सामान्यत: अपने आपको दिखावे और आडंवर से बचाए रखते हैं. वहीँ दुःख की स्थिति में भी ये अपने सम्मान को नहीं छोड़ते हैं और जल्दी किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं करते हैं. 

स्वास्थय और व्यक्तित्व : ऐसे  व्यक्तियों  का चेहरा सामान्यत: गोल होता  ऐसे लोगों को स्वास्थ्य को लेकर कोल्ड या ठंडी से विशेष सावधान रहने की जरुरत होगी. ऐसे लोग सर्दी या जुकाम से काफी संवेदनशील होते हैं और उन्हें इससे विशेष परहेज लेने की जरुरत होती है. हल्का कोल्ड भी इन्हे परेशान करती है और इन्हे सर्दी या जुकाम अपने चपेट में ले सकती है. इसके साथ ही सोमवार को जन्म लेने वाले जातको का शरीर  वात  और कफ से युक्त होता है इसलिए इन्हे विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

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विंबलडन : Facts in Brief

रविवार को जन्मे लोगों की विशेषता

किन लोगों पर होती है भगवान सूर्य की विशेष कृपा

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।


Watch Video-सुनहरी चिकन बॉल्स की रेसिपी – हर बाइट में स्वाद का धमाका!

how to make chiken balls method and ingredients

शादी और पार्टियों में चिकन मंचूरियन, चिकन कबाब और तंदूरी चिकन जैसी स्वादिष्ट स्नैक्स का लुत्फ तो आपने कई बार उठाया होगा, लेकिन हम यहाँ ऐसे डिश के बारे मे बता रहा हूँ जो आपके चॉइस को और भी खास बना देगा। अगर आप चिकन लवर्स हैं तो चिकन बॉल्स एक खास डिश है जो सिर्फ आपके लिए है। चिकन बॉल्स एक बेहद लाजवाब स्नैक्स हैंजो क्विक एंड इजी स्नैक है। इसको बनाना इतना आसान है कि आप इसे कभी भी बना सकते हैं खास तौर पर यह आपके यहाँ होने वाले  पार्टी, पिकनिक और बच्चों के टिफिन के लिए खास आइटम हो सकता है। 

फ्राई, स्टीम्ड, स्पाइसी एवं  अन्य फैक्टर्स के अनुसार अगर आप देखेंगे तो चिकन बॉल्स के कई प्रकार होते हैं. इनमे शामिल है फ्राइड चिकन बॉल्स, स्टीम्ड चिकन बॉल्स, चिकन चीज़ बॉल्स, स्पाइसी चिकन बॉल्स, ग्रेवी चिकन बॉल्स, चिकन मंचूरियन बॉल्स एवं अन्य. 

गर्म, कुरकुरी, सुनहरी चिकन बॉल्स एक स्वादिष्ट स्नैक है जो किसी भी  पार्टी, टी टाइम पार्टी की जान होती है। आप इस स्वादिष्ट नॉन-वेजिटेरियन ऐपेटाइज़र को  घर पर बने मेयोनेज़ में साइट्रस का स्वाद के साथ या  ताज़ी पिसी हुई काली मिर्च की गर्माहट के साथ भी  सर्व कर सकते हैं। खासतौर पर बच्चे इस अधिक लाइक करते हैं क्योंकि उन्हे चिकेन ग्रेवी से अलग एक स्नॅकस लुक मिलती है और आप इसे उनके टिफिन मे डाल सकते हैं। 

चिकन बॉल्स  बाहर से कुरकुरे और अंदर से नरम, रसीले होते हैं और सही सामग्री और विधि अपनाकर आप घर पर ही रेस्टोरेंट जैसा टेस्ट पा सकते हैं। 

आइए जानें इसकी पूरी रेसिपी:

गर्म, कुरकुरी, सुनहरी चिकन बॉल्स बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप इसे समय देकर बनाएं ताकि यह स्वादिष्ट और खास प्रकार का रेसिपी बन जाए। इसके लिए जरूरी सामग्री निम्न है-

 ज़रूरी सामग्री (Ingredients)

चिकन कीमा – 500 ग्राम

प्याज़ – 1 (बारीक कटा हुआ)

अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 टेबलस्पून

हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)

हरा धनिया – 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)

काली मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून

गरम मसाला – ½ टीस्पून

नमक – स्वादानुसार

ब्रेड क्रम्ब्स – ½ कप

अंडा – 1 (फेंट लें)

कॉर्नफ्लोर – 2 टेबलस्पून

तेल – तलने के लिए


बनाने की विधि (Step-by-step Recipe)

1. तैयारी करें

इस  को बनाने के लिए चिकन को ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें और एक बड़े कटोरे में रख दें। दूसरी तरफ, ओवन को गरम करें और अब एक बड़े बर्तन में चिकन कीमा, बारीक कटा प्याज़, हरी मिर्च, हरा धनिया, अदरक-लहसुन पेस्ट, काली मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें।

2. मिश्रण बनाएं

अब इस मिश्रण में ब्रेड क्रम्ब्स, अंडा और कॉर्नफ्लोर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब प्याज़ को चॉपिंग बोर्ड पर रखें और अच्छे से काट लें। फिर पनीर लें और उसे अच्छे से काट लें और चिकन को पीस लें। पनीर और चिकन को अलग-अलग कटोरी में रखें। इसके बाद लहसुन लें और उसे अच्छे से काट लें। मिश्रण को 15-20 मिनट के लिए फ्रिज में रखें ताकि वह सेट हो जाए।

3. बॉल्स बनाएं

अब इस मिश्रण से छोटे-छोटे गोल बॉल्स बनाएं। अगर मिश्रण चिपक रहा हो तो हाथों पर हल्का तेल लगाएं। चिकन बिल्कुल बारीक कीमा होना चाहिए, तब ही बॉल्स अच्छे बनेंगे। आप चाहें तो ब्रेड क्रम्ब्स की जगह सूजी (रवा) भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. तलना (Frying)

एक कड़ाही में तेल गरम करें और गरम तेल में मध्यम आंच पर चिकन बॉल्स को गोल्डन ब्राउन और क्रिस्पी होने तक तलें। इसमें कटा हुआ प्याज डालें और पारदर्शी होने तक भूनें। अब एक बड़ा कटोरा लें और उसमें तले हुए प्याज, पिसा हुआ चिकन, बिस्किट मिक्स, कसा हुआ पनीर, कटा हुआ लहसुन और मिर्च के गुच्छे को एक साथ मिलाएँ। इन चिकन बॉल्स को तब तक बेक करें जब तक कि वे भूरे रंग के न हो जाएँ। तेल से निकालकर पेपर नैपकिन पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।

इन चिकन बॉल्स को आप ग्रीन चटनी, मयोनीज़ या टमैटो सॉस के साथ गरमा गरम परोस सकते हैं। चाहें तो इन्हें नूडल्स या फ्राइड राइस के साथ भी परोसा जा सकता है।

मन की बात: जानें कहाँ प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर मिलता है भरपेट खाना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अर्थात 26 अक्टूबर 2025 को लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात के 127वीं कड़ी का सम्बोधन किया. कार्यक्रम के दौरान प्रधान मंन्त्री ने छठ के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए इसे  श्रद्धा, अपनापन और परंपरा का पर्व बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं जिस समर्पण और निष्ठा से इस पर्व की तैयारी करती हैं वो अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है।

इस दौरान नरेंद्र मोदी ने एक ऐसे स्थल का चर्चा भी किया जहाँ  प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। 

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता और स्वच्छता के प्रयास   चर्चा करते हुए कहा की  छतीसगढ़ के अम्बिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। अम्बिकापुर में Garbage Cafe चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे cafe हैं, जहाँ प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये cafe अम्बिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चलाता है।

मेरा जीवन मेरा सबसे बड़ा शिक्षक-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

उल्लेखनीय है कि लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात ने हाल हीं में अपना 125 वे संस्करण  का प्रसारण हुआ था. आधिकारिक तौर पर मन की बात कार्यक्रम का आरम्भ 3 अक्टूबर 2014को हुआ था. शुरू होने  के बाद, कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधान मंत्री की आवाज और विचारों को भारत के आम लोगों तक पहुंचाना है। 'मन की बात' कार्यक्रम में वह विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्र निर्माण से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हैं और नागरिकों से जुड़े विचारों को शामिल करते हैं।आज सफलता और लोकप्रियता की नए कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। 

Daily Current Affairs Quiz Nov 24, 2025: Complete GK Dose

 



सामान्य ज्ञान या कर्रेंट अफेयर्स किसी भी कॉम्पिटिशन एग्जाम की महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट होती है। हमारे आस-पास घटना वाली यह घटनााओं का किसी भी क्षेत्र से हो सकता हैं जैसे-जेनरल साइंस, इतिहास, राजनीति, खेल, इतिहास, कला, एस्ट्रोलॉजी, अध्यात्म, धर्म, साहित्य, सामान्य विज्ञान, भूगोल, चिकित्सा, बायोलॉजी, खेल, फिल्म, फैशन, वित्त, टेक्नोलॉजी आदि वह विषय है जिन पर हमारी नजर का होना जरुरी है क्योंकि विषयों से सम्बंधित जानकारी की अपेक्षा हर बुद्धिमान व्यक्ति से किया जाता है. प्रस्तुत हैं नवम्बर  24 को घटित सामान्य ज्ञान की एक झलक-

न्यायमूर्ति सूर्यकांत: सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
  • राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित समारोह में आज  अर्थात 24 नवंबर, 2025 को न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने राष्ट्रपति के समक्ष भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
  • न्यायमूर्ति सूर्यकान्त का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हिसार (हरियाणा) में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। 
पहले दृष्टिबाधित महिला टी20 विश्व कप भारत ने जीता
  •  पूरे विश्व कप की खास विशेषता यह रही कि भारतीय टीम पूरी सीरीज़ में अजेय रही। 
वरिष्ठ अभिनेता धर्मेंद्र का निधन 
  • धर्मेंद्र जिन्हें बॉलीवुड के हीमेन के नाम से जाना जाता है, उनका जन्म 8 दिसंबर 1935 को लुधियाना में हुआ था।
  • धर्मेंद्र ने 2004 से 2009 तक राजस्थान के बीकानेर का प्रतिनिधित्व संसदीय क्षेत्र का किया था। 
  •  1997 का फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
  • 1990 में बनी फिल्‍म घायल के लिए सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ।
  • 2007 में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी से लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  • 2005 में ज़ी सिने अवार्ड्स से भी सम्‍मानित किया गया था।
Places in News:  IIT Bombay 
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के अन्‍तर्गत 720 करोड़ रुपये की लागत वाले फैब्रिकेशन और केंद्रीय सुविधाओं का लोकार्पण किया। 

Places in News कुरुक्षेत्र में 10वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 

History Quiz in MCQs with Answers: Boost Your GK-जानें भारत के बारे में यूनिक जानकारी

 


अगर आप विभिन्न कॉम्पटीटिव एग्जाम जैसे रेलवे, SSC, State PSC, बैंकिंग,UPSC के लिए आवेदन किया है तो आपके लिए हम लाएं है इतिहास के लिय प्रश्नों का कलेक्शन.ए वैसे कलेक्शन हैं जो विभिन्न कॉम्पटीटिव एग्जाम में पूछे गए हैं. 




भारत का राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) पिंगली वेंकैया

c) बाल गंगाधर तिलक

d) लाला लाजपत राय

उत्तर: b) पिंगली वेंकैया

भारत का स्वतंत्रता दिवस किस दिन मनाया जाता है?

a) 26 जनवरी

b) 2 अक्टूबर

c) 15 अगस्त

d) 14 नवंबर

उत्तर: c) 15 अगस्त

 भारत को स्वतंत्रता किस वर्ष मिली थी?

a) 1945

b) 1947

c) 1950

d) 1952

उत्तर: b) 1947

‘वंदे मातरम्’ गीत किसकी रचना है?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

c) महात्मा गांधी

d) पिंगली वेंकैया

उत्तर: b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

स्वतंत्र भारत में पहली डाक सेवा की शुरुआत कब हुई?

a) 1947

b) 1948

c) 1950

d) 1952

उत्तर: a) 1947

भारतीय ध्वज में हरे रंग का क्या अर्थ है?

a) साहस

b) शांति

c) विकास और उर्वरता

d) न्याय

उत्तर: c) विकास और उर्वरता

स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार लाल किले पर भाषण देने वाले प्रधानमंत्री कौन थे?

a) पंडित नेहरू

b) लाल बहादुर शास्त्री

c) इंदिरा गांधी

d) मोरारजी देसाई

उत्तर: a) पंडित नेहरू

 किस देश ने 15 अगस्त 1947 को भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की?

a) श्रीलंका

b) पाकिस्तान

c) बांग्लादेश

d) म्यांमार

उत्तर: b) पाकिस्तान

स्वतंत्रता दिवस पर कौन सा राष्ट्रीय प्रतीक फहराया जाता है?

a) अशोक स्तंभ

b) राष्ट्रीय ध्वज

c) राष्ट्रीय पक्षी

d) राष्ट्रीय चिन्ह

उत्तर: b) राष्ट्रीय ध्वज

15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन बने?

a) महात्मा गांधी

b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

c) जवाहरलाल नेहरू

d) सरदार पटेल

उत्तर: c) जवाहरलाल नेहरू

 भारत का राष्ट्रीय ध्वज किसने डिजाइन किया था?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) पिंगली वेंकैया

c) बाल गंगाधर तिलक

d) लाला लाजपत राय

उत्तर: b) पिंगली वेंकैया

 ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ था?

a) 1940

b) 1941

c) 1942

d) 1943

उत्तर: c) 1942

भारतीय राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के रचयिता कौन हैं?

a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

c) पंडित नेहरू

d) महात्मा गांधी

उत्तर: b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कहाँ से भाषण देते हैं?

a) संसद भवन

b) इंडिया गेट

c) लाल किला

d) राष्ट्रपति भवन

उत्तर: c) लाल किला

15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन बने?

a) महात्मा गांधी

b) जवाहरलाल नेहरू

c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

d) सरदार पटेल

उत्तर: b) जवाहरलाल नेहरू

भारतीय राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के रचयिता कौन हैं?

a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

c) पंडित नेहरू

d) महात्मा गांधी

उत्तर: b) रवीन्द्रनाथ टैगोर

‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ था?

a) 1940

b) 1941

c) 1942

d) 1943

उत्तर: c) 1942

स्वतंत्र भारत में पहले राष्ट्रपति के रूप में किसने शपथ ली?

a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

b) पंडित नेहरू

c) सी. राजगोपालाचारी

d) मौलाना आज़ाद

उत्तर: a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

स्वतंत्रता के समय भारत का राष्ट्रगान आधिकारिक रूप से कब अपनाया गया?

a) 15 अगस्त 1947

b) 26 जनवरी 1950

c) 24 जनवरी 1950

d) 2 अक्टूबर 1947

उत्तर: c) 24 जनवरी 1950

15 अगस्त 1947 को भारत का पहला डाक टिकट किस विषय पर था?

a) राष्ट्रीय ध्वज

b) अशोक स्तंभ

c) महात्मा गांधी

d) इंडिया पोस्ट

उत्तर: a) राष्ट्रीय ध्वज


15 अगस्त 1947 को पहली बार राष्ट्रीय ध्वज किसने फहराया था?

a) महात्मा गांधी

b) पंडित नेहरू

c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

उत्तर: b) पंडित नेहरू

स्वतंत्रता के समय भारत का विभाजन किस अधिनियम के तहत हुआ था?

a) भारत शासन अधिनियम 1935

b) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

c) भारतीय परिषद अधिनियम 1909

d) मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919

उत्तर: b) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

स्वतंत्र भारत के पहले रक्षा मंत्री कौन थे?

a) बलदेव सिंह

b) सरदार पटेल

c) बी. आर. अंबेडकर

d) मौलाना आज़ाद

उत्तर: a) बलदेव सिंह

15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री का पहला भाषण किस नाम से प्रसिद्ध है?

a) “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी”

b) “भारत के नाम संदेश”

c) “सपनों का भारत”

d) “आजादी का संकल्प”

उत्तर: a) “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी”

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री कहाँ से भाषण देते हैं?

a) संसद भवन

b) इंडिया गेट

c) लाल किला

d) राष्ट्रपति भवन

उत्तर: c) लाल किला

‘वंदे मातरम्’ गीत किसकी रचना है?

a) रवीन्द्रनाथ टैगोर

b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

c) महात्मा गांधी

d) पिंगली वेंकैया

उत्तर: b) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

किस देश ने 15 अगस्त 1947 को भारत के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की?

a) श्रीलंका

b) पाकिस्तान

c) बांग्लादेश

d) म्यांमार

उत्तर: b) पाकिस्तान

राष्ट्रीय ध्वज में सफेद रंग का क्या अर्थ है?

a) शांति और सत्य

b) साहस और बलिदान

c) समृद्धि और विकास

d) दृढ़ संकल्प

उत्तर: a) शांति और सत्य

स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?

a) लॉर्ड माउंटबैटन

b) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

c) सी. राजगोपालाचारी

d) सरदार पटेल

उत्तर: a) लॉर्ड माउंटबैटन

‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव कब पारित हुआ था?

a) 1928

b) 1929

c) 1930

d) 1931

उत्तर: b) 1929

‘करो या मरो’ का नारा किस आंदोलन में दिया गया था?

a) असहयोग आंदोलन

b) स्वदेशी आंदोलन

c) भारत छोड़ो आंदोलन

d) नमक सत्याग्रह

उत्तर: c) भारत छोड़ो आंदोलन

15 अगस्त 1947 को राष्ट्रीय ध्वज पहली बार कहाँ फहराया गया था?

a) संसद भवन

b) लाल किला

c) किंग्सवे कैंप, दिल्ली

d) राष्ट्रपति भवन

उत्तर: b) लाल किला

स्वतंत्रता दिवस का पहला मुख्य समारोह किसने आयोजित किया था?

a) राष्ट्रपति

b) प्रधानमंत्री

c) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

d) संविधान सभा

उत्तर: b) प्रधानमंत्री

अशोक चक्र में कितनी तीलियां होती हैं?

a) 22

b) 24

c) 26

d) 28

उत्तर: b) 24

भारत के अंतिम वायसराय कौन थे?

a) लॉर्ड वेवेल

b) लॉर्ड माउंटबैटन

c) सी. राजगोपालाचारी

d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: b) लॉर्ड माउंटबैटन

भारत की स्वतंत्रता के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था?

a) विंस्टन चर्चिल

b) क्लेमेंट एटली

c) नेविल चेम्बरलिन

d) हेरॉल्ड मैकमिलन

उत्तर: b) क्लेमेंट एटली

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति का मुख्य कार्य क्या होता है?

a) ध्वजारोहण

b) राष्ट्र को संबोधित करना

c) भाषण देना

d) परेड निरीक्षण

उत्तर: b) राष्ट्र को संबोधित करना

स्वतंत्रता दिवस 2025 कौन सा होगा?

a) 77वां

b) 78वां

c) 79वां

d) 80वां

उत्तर: b) 78वां

15 अगस्त 1947 को भारत का पहला ध्वजारोहण किस समय हुआ था?

a) 12:00 मध्य रात्रि

b) सुबह 8:00 बजे

c) सुबह 9:00 बजे

d) 12:00 दोपहर

उत्तर: a) 12:00 मध्य रात्रि

स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल कौन बने?

a) सी. राजगोपालाचारी

b) लॉर्ड माउंटबैटन

c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

d) पंडित नेहरू

उत्तर: a) सी. राजगोपालाचारी

15 अगस्त को किस देश का स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाता है?

a) सिंगापुर

b) कोरिया

c) बहरीन

d) उपरोक्त सभी

उत्तर: d) उपरोक्त सभी

स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली गार्ड ऑफ ऑनर में कितनी बंदूकें सलामी देती हैं?

a) 17

b) 21

c) 24

d) 31

उत्तर: b) 21

भारत में पहली बार “स्वतंत्रता दिवस” (ब्रिटिश शासन के खिलाफ) कब मनाया गया था?

a) 1929

b) 1930

c) 1931

d) 1932

उत्तर: b) 1930

स्वतंत्रता दिवस के दौरान लाल किले पर होने वाली परेड में कौन-सा दस्ते की अगुवाई करता है?

a) सेना

b) नौसेना

c) वायुसेना

d) तीनों सेनाओं का संयुक्त दस्ता

उत्तर: d) तीनों सेनाओं का संयुक्त दस्ता

स्वतंत्र भारत में पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री कौन थे?

a) बी.वी. केसकर

b) पंडित नेहरू

c) सरदार पटेल

d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

उत्तर: d) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

स्वतंत्रता के समय भारत में कुल कितने प्रांत थे?

a) 11

b) 14

c) 17

d) 21

उत्तर: c) 17

स्वतंत्र भारत का पहला गणतंत्र दिवस किस तारीख को मनाया गया?

a) 15 अगस्त 1947

b) 26 जनवरी 1950

c) 26 नवंबर 1949

d) 2 अक्टूबर 1950

उत्तर: b) 26 जनवरी 1950

स्वतंत्रता के समय भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन थे?

a) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

b) डॉ. भीमराव अंबेडकर

c) पंडित नेहरू

d) के.एम. मुंशी

उत्तर: b) डॉ. भीमराव अंबेडकर

स्वतंत्र भारत के पहले विदेश मंत्री कौन थे?

a) पंडित नेहरू

b) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

c) वी.के. कृष्ण मेनन

d) सरदार पटेल

उत्तर: a) पंडित नेहरू

भारत की आज़ादी का निर्णय लेने वाला ब्रिटिश प्रधानमंत्री कौन था?

a) विंस्टन चर्चिल

b) क्लेमेंट एटली

c) स्टेनली बॉल्डविन

d) नेविल चेम्बरलिन

उत्तर: b) क्लेमेंट एटली

15 अगस्त 1947 को रेडियो पर पहला आधिकारिक संदेश किसने दिया था?

a) महात्मा गांधी

b) पंडित नेहरू

c) लॉर्ड माउंटबैटन

d) डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: b) पंडित नेहरू

स्वतंत्रता दिवस पर अशोक चक्र का रंग कौन सा होता है?

a) लाल

b) नीला

c) हरा

d) काला

उत्तर: b) नीला

स्वतंत्र भारत के पहले रेल मंत्री कौन थे?

a) जॉन मथाई

b) लाल बहादुर शास्त्री

c) सी. राजगोपालाचारी

d) के.एम. मुंशी

उत्तर: a) जॉन मथाई

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

a) 1875

b) 1885

c) 1890

d) 1901

उत्तर: b) 1885

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा फहराए जाने वाला ध्वज किस आकार का होता है?

a) 3:2

b) 2:3

c) 4:3

d) 5:3

उत्तर: a) 3:2

भारत छोड़ो आंदोलन के समय भारत के वायसराय कौन थे?

a) लॉर्ड लिनलिथगो

b) लॉर्ड माउंटबैटन

c) लॉर्ड वेवेल

d) लॉर्ड इरविन

उत्तर: a) लॉर्ड लिनलिथगो

स्वतंत्र भारत का पहला बजट किसने प्रस्तुत किया था?

a) आर.के. शनमुखम चेट्टी

b) सी.डी. देशमुख

c) मोरारजी देसाई

d) पंडित नेहरू

उत्तर: a) आर.के. शनमुखम चेट्टी

“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” नारा किसने दिया?

a) महात्मा गांधी

b) बाल गंगाधर तिलक

c) भगत सिंह

d) सुभाष चंद्र बोस

उत्तर: b) बाल गंगाधर तिलक


‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना किसने की?

a) भगत सिंह

b) सुभाष चंद्र बोस

c) चंद्रशेखर आज़ाद

d) रास बिहारी बोस

उत्तर: d) रास बिहारी बोस

भारतीय ध्वज में केसरिया रंग का क्या अर्थ है?

a) त्याग और साहस

b) शांति और एकता

c) बलिदान और वीरता

d) विकास और समृद्धि

उत्तर: a) त्याग और साहस

स्वतंत्रता दिवस 1947 के अवसर पर किस शहर में सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था?


a) दिल्ली

b) कोलकाता

c) मुंबई

d) इलाहाबाद

उत्तर: b) कोलकाता

स्वतंत्रता दिवस पर गार्ड ऑफ ऑनर में शामिल जवान किस यूनिफॉर्म में होते हैं?

a) खाकी

b) सफेद

c) नीली

d) कैमोफ्लाज

उत्तर: b) सफेद


धन और संपत्ति अर्जित करने के लिए अपनाएँ वॉरेन बफेट के मनी मैनेजमेंट मंत्र


धन अर्थात वेल्थ की प्राप्ति के लिए वॉरेन एडवर्ड बफेट  के दर्शन और उद्धरण दुनिया भर के सभी युवाओं और निवेशकों के लिए एक मार्गदर्शक और सफलता के सूत्र बन गए हैं। आज सभी निवेशक और व्यवसायी बनने का सपना देखने वाले युवा उनकी सलाह का पालन करते हैं।  आइये जानते हैं कि आखिर आपको अपने जीवन में धन और संपत्ति अर्जित करने के लिए वॉरेन बफेट के विचारों और उद्धरणों को अवश्य पालन करना  क्यों जरुरी है?


वॉरेन बफेट कौन हैं? 

वॉरेन बफेट एक अमेरिकी व्यवसायी, निवेशक और परोपकारी व्यक्ति हैं। अपने अनूठे दृष्टिकोण के कारण, वे आज ऑनलाइन धन प्रबंधन उद्योग में सबसे अधिक खोजे जाने वाले व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं।

वॉरेन एडवर्ड बफेट का जन्म 30 अगस्त, 1930 को हुआ था। वे वर्तमान में बर्कशायर हैथवे के अध्यक्ष और सीईओ हैं।

 ऐसा कहा जाता है कि व्यवसायी वॉरेन बफेट को हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अस्वीकार कर दिया गया था, फिर भी वे दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और धनी मूल्य निवेशकों में से एक हैं। 

बफेट के दर्शन

आज बफेट के दर्शन और उद्धरण दुनिया भर के सभी युवाओं और निवेशकों के लिए एक मार्गदर्शक और सफलता के सूत्र बन गए हैं। आज सभी निवेशक और व्यवसायी बनने का सपना देखने वाले युवा उनकी सलाह का पालन करते हैं। आज बफेट को "ओमाहा का ओरेकल" उपनाम दिया गया है, जो उनके गृह राज्य नेब्रास्का का संदर्भ है।

वॉरेन एडवर्ड बफेट विशेष रूप से निवेशकों और युवा व्यवसायियों के लिए अपने अनूठे दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। बफेट के सबसे प्रासंगिक उद्धरणों में से एक है- "कीमत वह है जो आप चुकाते हैं, मूल्य वह है जो आपको मिलता है।" यह प्रसिद्ध उद्धरण "मूल्य निवेशक" के दृष्टिकोण पर प्रहार करता है और बफेट ने अपनी दौलत कैसे बनाई, इसका रहस्य उजागर करता है।

अपने अनूठे विचारों और दृष्टिकोण से, आज उन्होंने अपनी सोच और जीवन के प्रति दृष्टिकोण से लाखों युवाओं को प्रभावित किया है। यहाँ हम आपको बफेट के प्रसिद्ध उद्धरण प्रदान करेंगे, जो "मूल्य निवेशकों" और अन्य लोगों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • कीमत वह है जो आप चुकाते हैं, मूल्य वह है जो आपको मिलता है। वॉरेन बफेट
  • आज कोई छाया में बैठा है क्योंकि किसी ने बहुत पहले एक पेड़ लगाया था। - वॉरेन बफेट
  • प्रतिभा या प्रयास चाहे कितने भी महान क्यों न हों, कुछ चीज़ों में समय लगता है। आप नौ महिलाओं को गर्भवती करके एक महीने में बच्चा पैदा नहीं कर सकते। - वॉरेन बफेट
  • सफल लोगों और सचमुच सफल लोगों के बीच का अंतर यह है कि सचमुच सफल लोग लगभग हर चीज़ के लिए 'नहीं' कह देते हैं। - वॉरेन बफेट
  • जब दूसरे लालची हों तो डरो और जब दूसरे डरे हुए हों तो लालची बनो। - वॉरेन बफेट
  • जोखिम तब आता है जब आपको पता ही नहीं होता कि आप क्या कर रहे हैं। - वॉरेन बफेट
  • अगर आप खुद को गड्ढे में पाते हैं तो सबसे ज़रूरी काम है खुदाई बंद कर देना। - वॉरेन बफेट
  • नियम संख्या 1: कभी पैसा मत गँवाओ। नियम संख्या 2: नियम संख्या 1 को कभी मत भूलना।- वॉरेन बफेट
  • ऐसा लगता है कि कोई विकृत मानवीय विशेषता है जो आसान चीज़ों को मुश्किल बना देती है। - वॉरेन बफेट

नजरिया जीने का: सकारात्मक और उत्साही लोगों के साथ समय बिताएं, जीवन का हर मुश्किल होगा आसान

Inspiring Thoughts Positive Attitude and its Importance in Life

नजरिया जीने का  :  सकारात्मक सोच हीं जीवन मे सफलता का एकमात्र मूलमंत्र है और इसमे हमें तनिक भी संदेह नहीं होना चाहिए। पहले के मुहावरों मे कहा जाता था कि अकेला चना भांड नहीं फोड़ता लेकिन आज अगर आप इतिहास उठा कर देखेंगे तो अकेले लोगों ने अपने बूते न केवल अपने संगठन बल्कि देश और समाज को भी अग्रणी पहुंचाने मे आगे रहे हैं। यह ठीक है कि कारवां का बनना सफलता कि गारंटी को बढ़ा देता है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि उस कारवां के बनने का विचार या आइडिया किसी एक व्यक्ति का हीं होता है। यह याद रखें कि लोगों को अगर अपनी क्षमताओं पर भरोसा होता है, तो उनके सफल होने और सफल होने की संभावना अधिक होती है। 



जो लोग जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, वे तनाव से बेहतर तरीके से निपटते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और समय से पहले मृत्यु का जोखिम कम होता है।


इस सच्चाई से भला किसे इनकार हो सकता है कि जीवन में मुश्किलें आती रहती हैं और जीवन कभी भी फूलों का सेज नहीं रहा। आप इतिहास उठाकर देख लें, जिसकों जीवन मे जितना ऊपर जाना होता है, उसके रास्ते मे प्रकृति ने उतने ही बाधाओं एयर काँटों को बिछाकर उनका परीक्षा लेती है। कहते हैं न,
" वही पथ क्या  पथिक परीक्षा क्या,  जिस पथ मे बिखरे शुल न हो। 
नाविक कि धैर्य परीक्षा क्या,  यदि धाराएं प्रतिकूल न हो। 
सकारात्मक दृष्टिकोण हमें सकारात्मक सोचने में आसान बनाता है और यह हमें चिंताओं और नकारात्मक सोच से बचने की कला भी सिखाता है.

लेकिन याद रखें, जीवन मे इन बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए हमें सकारात्मक सोच रखना बहुत ज़रूरी है। सकारात्मक सोच एक विकल्प है।  यह हमेशा आसान नहीं होता है, लेकिन यह अभ्यास के साथ बेहतर होता जाता है। आपको हमेशा इसका ध्यान रखना होगा कि जिन लोगों के साथ आप समय बिताते हैं, उनका आपके मूड पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए हमेशा हीं सकारात्मक और उत्साही लोगों के साथ समय बिताने कि कोशिश करें।  

जीवन में सफलता के लिए यह जरुरी है कि हम नकारात्मक सोच और ऐसी प्रवृति वाले लोगों से एक खास दुरी बनाकर अपने प्रयासों पर फोकस करें। यह सकारात्मक दृष्टिकोण का अभ्यास हीं है जो आपके जीवन में आशावाद और आशावादी दृष्टिकोण लाता है। 

बेशक अगर सकारात्मक और आशा के अनुरूप घटने वाली घटनाओं का हम स्वागत  करते हैं लेकिन थोड़ी से कुछ अप्रिय घटनाएं  हमारे  जीवन में दस्तक  देती  हैं कि हम अपने जीवन और परिस्थितियों को कोसना आरम्भ कर देते हैं.


 लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि केवल सकारात्मक दृष्टिकोण ही हमें जीवन के दैनिक जटिल और अप्रिय मामलों से अधिक आसानी से निपटने में मदद करता है।

यह सकारात्मक दृष्टिकोण का अभ्यास है जो आपके जीवन में आशावाद और आशावादी दृष्टिकोण लाता है। सकारात्मक दृष्टिकोण हमें सकारात्मक सोचने में आसान बनाता है और यह हमें चिंताओं और नकारात्मक सोच से बचने की कला भी सिखाता है...


 अपने जीवन में सफल होने के लिए, यदि कोई आपके जीवन में कुछ रचनात्मक परिवर्तन की उम्मीद कर रहा है, तो सकारात्मक दृष्टिकोण को जीवन के तरीके के रूप में अपनाने की आवश्यकता है।
Attitude  भले एक छोटी से चीज सही लेकिन सच यह है कि जीवन के इसी बड़े और महत्वपूर्ण फर्क लाने के लिए यह बहुत प्रभावी भूमिका निभाती है.


सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण  की मदद से कई लोगों यहाँ तक की कई प्रसिद्ध हस्तियों ने कई बड़ी बीमारियों या संघर्षों के साथ अपनी लड़ाई जीत ली है. वावजूद इस तथ्य के कि जीतना मुश्किल था.
वास्तव में केवल एटीट्यूड ही काफी नहीं है..लेकिन जीवन में हमारी सफलता के लिए सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण की आवश्यकता है.
मनोवृत्ति मूल रूप से वह तरीका है जिसमें हम किसी चीज़ के प्रति व्यवहार करते हैं या सोचते हैं या महसूस करते हैं .आम तौर पर हम अपनी सोच, भावनाओं तथा  अन्य पहलुओं के संदर्भ में अपना दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हैं। वास्तव में आपकी सोच गठन के पीछे मूल कारण है किसी चीज के प्रति आपका नजरिया.
यदि आप सकारात्मक सोचने के आदि  हैं और किसी भी घटना का केवल सकारात्मक पक्ष देखते हैं तो आप अपने जीवन के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. आप जिस मुद्दे से निपट रहे हैं, उसके बारे में बात करें और इसके लिए नेगेटिव विचारों को अपने मन में घर नहीं करने दें...

याद रखें, प्रकृति भी   आपके अंदर उत्पन्न विचारों को हीं सशक्त करने और उसे पूरा करने की लिए बल देती है, और इसलिए हैं हमें बचपन से यह पढ़ाया जाता है कि -" हमें अपने मन में बुरे विचारों को  लाने से बचना चाहिए"

आपका Attitude  आपके आस-पास हो रही घटनाओं के बारे में आपकी राय बनाने में आपकी मदद करता है... सोचने के तरीके ने आपके विचारों को तय किया और निश्चित रूप से यह आपके कार्यों में दिखाई देता है। जिस वातावरण में आप रह रहे हैं, वह भी आपके दृष्टिकोण के प्रभाव  प्रदर्शित करता है.

दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपनी मामूली चोटों और जीवन की कठिनाइयों के कारण जीवन के निराशावादी और नकारात्मक रवैये के कारण दम तोड़ दिया है.

अपने जीवन में हर असफलता के लिए अपने आस-पास की परिस्थितियों को दोष न दें. आपके जीवन में कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी मानसिकता और दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है.।

आपके सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण में आपके जीवन में आपकी हर सफलता/असफलता का कारण प्रदान करने की शक्ति है और इसलिए अपने सोचने के तरीके को नज़रअंदाज़ न करें.निश्चित रूप से यह आपके जीवन में कठिन परिस्थितियों से निपटने का मूल तरीका है,

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आपको अपने जीवन में आने वाली हर घटना के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत। यह एक भावनात्मक स्थिति हो सकती है जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है… सभी घटनाओं से निपटने के लिए आपको सकारात्मक और आशावादी रवैया रखना होगा। मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक सहित .


विश्वास करें, आपमें परिस्थितियों को बदलने के लिए एटीट्यूड की शक्ति है क्योंकि आप अपनी खुद की परिस्थितियों के निर्माता हैं अपने सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण के साथ।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।