नकारात्मक विचारों का आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और आप इसे नकार नहीं सकते है। अगर आप सभी बड़े और सफल व्यक्तित्व वाले लोगों की जीवनी को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि उन्हें भी इससे गुजरना पड़ता है. हर इंसान के मन में कभी न कभी नकारात्मक विचार आते हैं लेकिन यह जानना जरुरी है कि इन नकारात्मक विचारों से आप कितना जल्दी निकलते हैं क्योंकि अगर आप इनके इन्फ्लुएंस में आ गए तो फिर आप पॉजिटिव विचारों से दूर हो सकते हैं. याद रखें, नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखना ज्यादा जरुरी है क्योंकि ये आते तो सबके दिमाग में हैं, लेकिन इससे निकलना सभी को नहीं आता क्योंकि हम खुद को मोटिवेट करने के टेक्निक से वाकिफ नहीं होता या नकारात्मक विचारों के गिरफ्त में बुरी तरह से फंस चुके होते हैं.
जब ये विचार बार-बार आने लगें और लंबे समय तक टिके रहें, तो यह एक मानसिक ट्रैप की तरह हमें अपने गिरफ्त में ले लेता है जो न केवल हमारे आत्मविश्वास को कमजोर करता है, बल्कि हमारे व्यवहार, निर्णय और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
खुद से सवाल करें
नकारात्मक विचारों का दौर हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि विचारों को नियंत्रित किया जा सकता है। कभी आपने सोचा है कि अचानक आखिर नकारात्मक विचार क्यों जगह बना लेते हैं. कुछ सवाल ऐसे होते हैं जो सीधे तौर पर नकारात्मक विचार हमारे अंदर हावी करते हैं जैसे कोई असफलता या निराशा का डर खासतौर पर जब चीजें हमारे मन मुताबिक नहीं होतीं या हमें किसी आशा के विपरीत निराशा मिलती है.
जीवन शार्ट नहीं लॉन्ग रेस है
दूसरों से हमें अपनी तुलना की आदत भी काफी बुरा प्रभाव डालती है और हमें आज के प्रतिस्पर्धा वाले दौर में हम किसी से मामूली रूप से भी पिछड़ना नहीं चाहते हैं. हम ये भूल जाते हैं कि जीवन शार्ट रेस नहीं बल्कि लॉन्ग रेस है और मामूली बढ़त या पीछा होना कोई मतलब है है क्योंकि इसे स्ट्रेटेजी कहते हैं और अंतिम राउंड में जीत को फाइनल कहा जाता है.
उम्मीद की एक लौ को जलाना सीखें
हर नकारात्मक विचार को चुनौती दें, क्योंकि वही आपके आत्मबल की परीक्षा है।”सकारात्मक सोच रखने वाले दोस्तों, परिवार या मार्गदर्शकों से जुड़े रहें। इसके साथ ही जब मन उदास हो, तब अपने भीतर झांकिए — वहां उम्मीद की एक लौ हमेशा जलती रहती हैऔर उस लौ को हमेशा जलाये रखिये.
अतीत की जाल से बाहर निकलें
अक्सर हम अपने अतीत या पुरानी गलतियों को बार-बार याद करके अपने वर्तमान को खराब करते हैं. यह तय है कि जो ख़तम हो चूका है या बीत गया है वह लौट नहीं सकता और उससे सिर्फ सबक लेकर हमें आगे की कर देखना हीं हमारे भविष्य का निर्माण करेगा. इसके अतिरिक्त पुराने अतीत के बारे में लगातार सोचने से तनाव, चिंता और अवसाद बढ़ता है जो न केवल हमारे वर्तमान बल्कि भविष्य को भी ख़राब करती है.
खुद को कम आंकने की गलती
अक्सर हम खुद को काम आंकना दूसरों से अपने को कम आंकने की बीमारी पाल लेते हैं जिसमे हमें यह लगने लगता है की समय हमारे साथ नहीं है या मुझमे वह योग्यता नहीं है जो किसी भी प्रकार से योग्य है और यह हमारी सफलता में सबसे बड़ी बाधा है. इसके अतिरिक्त यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और यह दीर्घकालिक भी रह सकता है.
जैसा कि आप जानते हैं, हफ़्ते में सात दिन होते हैं और हर दिन का एक रूलिंग प्लैनेट होता है। हिंदू कैलेंडर और एस्ट्रोलॉजी के अनुसार, किसी खास दिन जन्म लेने वाले व्यक्ति पर उस ग्रह के रूलिंग प्लैनेट का असर होता है। यहां हम शनिवार को जन्मे लोगों के बारे में बात करेंगे, इस दिन के देवता भगवान शनिदेव हैं। शनि के असर में लोग बहुत मेहनती होते हैं। क्योंकि शनि की स्पीड धीमी होती है, इसलिए वे अपने गोल को पाने में कामयाब होते हैं, भले ही धीरे-धीरे। मोटिवेटर और एस्ट्रोलॉजर हिमांशु रंजन शेखर से शनिवार को जन्मे लोगों की पर्सनैलिटी के दूसरे पहलुओं के बारे में जानें।
शनिवार को जन्मे लोग
दृढ़निश्चयी होने के साथ ही साथ वे मेहनती और जीवन के प्रति सख्त दृष्टिकोण अपनाते हैं। अनुशासन
प्रिय तथा बुद्धिमान और पेशेवर होते हैं जिनके लिए जीवन का खास महत्व होता है। एस्ट्रोलॉजी और विज्ञान के अनुसार शनि गृह अपने पथ पर काफी धीमी गति से घूमता है और जाहिर है कि शनिवार को जन्म लेने वाले लोगों पर शनि ग्रह का काफी इन्फ्लुएंस रहते है.
अनुशासनप्रिय होते हैं
वे धीमे होने के साथ स्थिर, मेहनती, अनुशासित और दूसरों से अलग होते हैं। शनिवार को जन्मे लोगों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वे बुद्धिमान और व्यावहारिक होते हैं साथ हीं इनके जीवन में सख्त सीमाएँ और अनुशासनप्रिय होते हैं शनिवार को जन्मे लोग शनि ग्रह के प्रभाव में पैदा होते हैं और जाहिर है कि उनका जीवन शनि ग्रह के प्रभाव के अनुसार होता है। उनका संघर्ष निरंतर रहता है जो उन्हें मजबूत बनाता है और हर चीज से उबरने के लिए दृढ़ संकल्पित होना होता है अर्थात उनके जीवन मे संघर्ष लगा रहता है । वे के साथ ही वे अत्यधिक अनुशासित हैं।
मेहनती और धुन का पक्का
शनि के प्रभाव से व्यक्ति काफी मेहनती और धुन का पक्का होता है. भले ही सफलता मिलने में कुछ देरी हो सकती है लेकिन वह व्यक्ति धीरे-धीरे ही सही, लेकिन अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल होते हैं. ये लोग थोड़े गंभीर प्रवृति के होते हैं और खुलने में काफी वक्त ले ले सकते हैं. लेकिन परिवार के लोगों के साथ इनके संबंधों में कई बार मतभेद देखने को मिलते हैं. शनिवार को जन्मे लोग हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं. वैसे इनका स्वभाव क्रोधी हो सकता है.
क्रोधी, धैर्य की काफी कमी
गुस्से पर काबू पाने में अक्सर ये लोग काफी असफल होते हैं और शायद यही वजह है कि इनके अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी काफी काम निभती है. ऐसे जातक अगर अपनी गुस्से पर नियंत्रण करना सीख लें तो जीवन में काफी आगे जा सकते हैं.
जिन जातकों का जन्म शनिवार को होता है वो सामान्यत: अंतर्मुखी प्रतिभा के धनी होते है. एकांतप्रिय होने के साथ ही वो अपनी बातों को व्यक्त करने में जल्दीबाजी कभी नहीं करते. यही वजह होता है कि प्रेम के मामलों में भी वो अपने बातों को व्यक्त नहीं कर पाते हैं. अपने प्यार का इजहार करने में काफी विलम्ब करते हैं और चाहते हैं कि उनका पार्टनर उनके फीलिंग्स को पहचान ले...
शनिवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति परिस्थितियों के स्वामी होते हैं और कभी भी उन्हें अपने ऊपर हावी नहीं होने देते.... भले ही उनके जीवन में कितने भी संघर्ष वाले दिन या संकट आये, वे उससे निकलने के लिए सही वक्त का इन्तजार करते हैं और हिम्मत नहीं हारते....
शनिवार को जन्म लेने वाले जातक दृढ इच्छा शक्ति के स्वामी होते हैं और अपने कार्यों को हर हाल में पूरा करना चाहते हैं. अपने लक्ष्य को पाने के लिए संसाधनों की कमी हो तो भी ये इन्हे जुटाने की क्षमता रखते हैं. जिस किसी क्षेत्र में इन्हे कार्य का अवसर प्रदान की जाए, उसमे हीं ये सफलता के नए सोपान प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं.
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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
भारत के चार धाम चार प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल हैं जो देश के चार दिशाओं में स्थित हैं। ये चार धाम जिन्हे प्रमुख तौर पर जाना जाता है-बद्रीनाथ (उत्तर दिशा), द्वारका (पश्चिम दिशा), पुरी (पूर्व दिशा) तथा रामेश्वरम (दक्षिण दिशा) का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है और इन्हें जीवन में एक बार अवश्य दर्शन करने योग्य माना जाता है। ये चार धाम तीर्थस्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी अत्यधिक हैं। यहां की यात्रा आत्मिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। आइए, इन चार धामों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार बद्रीनाथ (उत्तराखंड),द्वारका (गुजरात), जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा) और रामेश्वरम (तमिलनाडू) चार धाम है जो विभिन्न देवी-देवताओं और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं.आश्चर्यजनक रूप से ये चरों धार भारत के चारों दिशाओं में स्थित है. आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा परिभाषित ये चार वैष्णव तीर्थ हैं जहाँ हर हिंदू को अपने जीवन काल मे अवश्य जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इन तीर्थ स्थलों पर जाने से हिंदुओं को मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है । इसमें उत्तर दिशा मे बद्रीनाथ, पश्चिम की ओर द्वारका, पूर्व दिशा मे जगन्नाथ पुरी और दक्षिण मे रामेश्वरम धाम है। आइये जानते हैं इन प्रमुख चार धामों के बारे में विस्तृत जानकारी.
यह धाम उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है यहां बद्रीनाथ मंदिर है, जिसमें विष्णु के बद्रीनाथ रूप की मूर्ति प्रतिष्ठित है। यह मंदिर चार धामों में से एक है और चार धाम यात्रा का पूर्वी धाम है। बद्रीनाथ भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है. यह अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है.
बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की एक चरणपादुका (पैर की छाप) स्थापित है. बद्रीनाथ मंदिर को 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने बनवाया था. मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें से कुछ हैं:
तप्त कुंड: यह एक गर्म पानी का कुंड है, जिसका पानी पवित्र माना जाता है.
नारद कुंड: यह एक पवित्र कुंड है, जिसका पानी भगवान नारद को समर्पित है.
ब्रह्म कुंड: यह एक पवित्र कुंड है, जिसका पानी भगवान ब्रह्मा को समर्पित है.
गरुड़ चट्टान: यह एक चट्टान है, जिस पर भगवान गरुड़ का पदचिह्न है.
वेद व्यास गुफा: यह एक गुफा है, जहां वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी.
बद्रीनाथ एक अत्यंत लोकप्रिय तीर्थस्थल है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. मंदिर परिसर को चारों ओर से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों से घेरा हुआ है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देता है. बद्रीनाथ एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थान है, जहां लोग आकर आराम और शांति पा सकते हैं.
जगन्नाथ पुरी (Jagannath Puri):
जगन्नाथ पुरी भारत के ओडिशा राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है. यह भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक विशाल मंदिर के लिए जाना जाता है. मंदिर को 12वीं शताब्दी में ओडिशा के राजा अनंतवर्मन ने बनवाया था. मंदिर का निर्माण लाल और सफेद बलुआ पत्थर से किया गया है और यह 135 फीट ऊंचा है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं. भगवान जगन्नाथ को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है.
जगन्नाथ पुरी एक अत्यंत लोकप्रिय तीर्थस्थल है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. मंदिर परिसर को चारों ओर से दीवारों से घेरा हुआ है और केवल हिंदू ही मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं. मंदिर के परिसर में एक विशाल रथ यात्रा होती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को मंदिर से बाहर निकालकर शहर के चारों ओर घुमाया जाता है. रथ यात्रा एक अत्यंत भव्य और रंगीन उत्सव है, जो लाखों लोगों को आकर्षित करती है. यह धाम ओडिशा राज्य के पुरी जिले में स्थित है। जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बालभद्र, और सुभद्रा की मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं। यह मंदिर चार धामों में से पश्चिमी धाम है।
रामेश्वरम् (Rameswaram):
यह धाम तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम जिले में स्थित है। रामेश्वरम में श्री रामेश्वर स्वामी मंदिर है, जिसमें शिव के पृथ्वी तत्व को दर्शाने वाली ज्योतिर्लिंग की पूजा की जाती है। यह मंदिर चार धामों में से दक्षिणी धाम है।
रामेश्वरम भारत के तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित एक द्वीप शहर है. यह शहर हिंदुओं के चार धामों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित रामेश्वरम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. रामेश्वरम मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद किया था. मंदिर में भगवान शिव का एक लिंग स्थापित है, जिसे रामलिंगम कहा जाता है. रामेश्वरम मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं.
रामेश्वरम एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है. यह शहर रामायण के कई घटनाओं से जुड़ा हुआ है. रामेश्वरम में रामेश्वरम द्वीप, रामेश्वरम मंदिर, धनुषकोटि, सीतामीनार और रामेश्वरम रेलवे स्टेशन जैसे कई ऐतिहासिक स्थल हैं. रामेश्वरम एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है और यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं.
रामेश्वरम एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है. यह शहर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है.
यह धाम गुजरात राज्य के द्वारका जिले में स्थित है। द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर है, जिसमें श्री कृष्ण की मूर्ति प्रतिष्ठित है। यह मंदिर चार धामों में से एक है और चार धाम यात्रा का पश्चिमी धाम है।
द्वारका भारत के गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका ज़िले में स्थित एक प्राचीन नगर और नगरपालिका है. द्वारका गोमती नदी और अरब सागर के किनारे ओखामंडल प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर बसा हुआ है. यह हिन्दुओं के चारधाम में से एक है और सप्तपुरी (सबसे पवित्र प्राचीन नगर) में से भी एक है. यह श्रीकृष्ण के प्राचीन राज्य द्वारका का स्थल है और गुजरात की सर्वप्रथम राजधानी माना जाता है.
द्वारका का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने मथुरा से निकाले जाने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी. द्वारका नगरी सोने और चांदी से बनी थी और यह बहुत ही समृद्ध थी. द्वारका नगरी में भगवान कृष्ण ने अपने सभी भाइयों और परिवार के साथ रहकर अपना राज्य चलाया था.
द्वारका नगरी का वर्णन महाभारत के आठवें स्कंध में मिलता है. महाभारत में कहा गया है कि द्वारका नगरी एक बहुत ही सुंदर नगरी थी. द्वारका नगरी में कई मंदिर और महल थे. द्वारका नगरी में एक बहुत ही विशाल समुद्र तट भी था. द्वारका नगरी में भगवान कृष्ण ने अपने सभी भाइयों और परिवार के साथ रहकर अपना राज्य चलाया था.
द्वारका नगरी आज भी एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. द्वारका नगरी में भगवान कृष्ण के कई मंदिर हैं. द्वारका नगरी में एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, जिसका नाम द्वारकाधीश मंदिर है. द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है. द्वारकाधीश मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.
द्वारका नगरी एक बहुत ही पवित्र नगरी है. द्वारका नगरी में भगवान कृष्ण ने अपना राज्य चलाया था और उन्होंने अपने भक्तों को बहुत सारी शिक्षाएं दी थीं. द्वारका नगरी एक बहुत ही ऐतिहासिक नगरी भी है. द्वारका नगरी में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जो आज भी मौजूद हैं.
द्वारका नगरी एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है. द्वारका नगरी में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं. द्वारका नगरी में भगवान कृष्ण के मंदिरों के अलावा, कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं. द्वारका नगरी में एक बहुत ही सुंदर समुद्र तट भी है. द्वारका नगरी एक बहुत ही शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक स्थान है.
चार धाम यात्रा का क्रम क्या है?
ऐसा माना जाता है कि यमुनोत्री से यात्रा की शुरुआत करने पर बिना किसी बाधा के आपकी चारधाम यात्रा पूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही शास्त्रों में वर्णित है कि, यात्रा की शुरुआत पश्चिम से की जाती है और पूर्व में समाप्त होती है इसलिए भी सबसे पहले यमुनोत्री धाम के दर्शन किये जाते हैं। तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ पर जाती है और अंत में बद्रीनाथ में समाप्त होती है। यात्रा सड़क या हवाई मार्ग से पूरी की जा सकती है। कुछ भक्त दो धाम यात्रा या दो तीर्थस्थलों - केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा भी करते हैं।
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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
Born on Sunday:ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार रविवार को सूर्य का दिन माना जाता है और आप जानते हैं कि सूर्य सौर्यमंडल के केंद्र में स्थित होता है। रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों का सीधा संबंध सूर्य से होता है और इस दिन पैदा होने वाले लोगों में सूर्य सा तेज होने के मान्यता है।
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों के पर्सनेलिटी की सबसे बड़ी विशेषता होती है कि ऐसे लोग आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता से परिपूर्ण होते हैं. ये लोग ऊर्जावान, उत्साही और महत्वाकांक्षी होते हैं जिनमें स्वाभाविक रूप से नेतृत्व करने की क्षमता होती है. वे रचनात्मक, आशावादी और दृढ़ निश्चयी भी माने जाते हैं.
सूर्य के तरह ऐसे लोग खुद को स्टार मानते हैं और ये लोग बहुत ही क्रिएटिव प्रवृति के होते हैं चाहे वह जीवन के किसी भी प्रफेशन मे होते हैं।रविवार को जन्मे बच्चे सूर्य के समान तेजस्वी, आत्मविश्वासी और करिश्माई होते हैं.
रविवार को जन्मे बच्चे का नाम लिस्ट
हालाँकि जन्म लेने वाले बच्चों के नाम को लेकर माता-पिता ज्यादा उत्सुक होते हैं क्योंकि सभी चाहते हैं कि उनके बच्चों का नाम यूनिक और सबसे अलग हो. जहाँ तक रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों के लिस्ट की बात है, हम आपको यहाँ कुछ अनोखे हिंदू लड़कों के नाम और उनके अर्थ दिए गए हैं, जो आपको अपने बच्चों के नाम रखने में सहायक हो सकते हैं.
ये लोग आस्थावान होते हैं. इसके अलावा इनके परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों से अच्छे संबंध होते हैं. रविवार को जन्मे ऐसे शानदार व्यक्तित्व वाले लोग हैं बराक ओबामा, बिल क्लिंटन, ड्वेन जॉनसन, मेरिल स्ट्रीप, एम्मा वाटसन, केट ब्लैंचेट, एंजेलिना जोली और जूलिया रॉबर्ट्स।
रविवार को जन्मे लोगों को सबसे बड़ी विशेषता होती है कि उनमें व्यक्तित्व मे एक स्वाभाविक करिश्मा होता है जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है और शायद यही वजह होता है कि ऐसे लोग अक्सर पार्टियों और महफिलों की जान होते हैं। अपनी इसी खासियत के कारण वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं।
सूर्य की तरह चमकते सितारे
रविवार को जन्मे लोग सचमुच सूर्य की तरह चमकते सितारे होते हैं। ज्योतिष के अनुसर अलग-अलग दिन के अनुसार जन्में लोगों का व्यक्तित्व भी अलग ही होता है और इस प्रकार से तरह रविवार को जन्में लोगों की भी कुछ स्पेशल विशेषताएं होती है. ऐसे लोगों पर भगवान सूर्य की कृपा हमेशा बनी रहती है और यही कारण है कि इसलिये इनके जीवन पर सूर्यदेव काफी गहरा असर छोड़ते हैं।
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तित्व का जीवन सूर्य के समान चमकीला होता है क्योकि आप जानते हैं कि सूर्य रविवार का स्वामी होते हैं. ऐसे लोग जीवन में थोड़े से संतुष्ट कभी नहीं होना चाहते भले ही वह सफलता हीं क्यों नहीं हो.
रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण और उनको उपयुक्त नाम रखने के लिए अक्सर माता पिता उत्सुक और परेशान रहते हैं. हालाँकि नामकरण के पीछे भी सामान्यत:कुंडली और जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और घर के अनुसार रखने की परंपरा होती है और सच तो यह है कि बच्चे का नाम रखने में ज्योतिष और परंपरागत फैक्टर की भूमिका महत्पूर्ण होती है.
इसके साथ हीं परिवार की पसंद और आपकी खुद की राय भी जरुरी होत्ती है. हालाँकि जन्म के दिन के आधार पर नाम रखने की परंपरा के अनुसार बच्चे के नाम का चयन भी हो सकता है। आप चाहें तो रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों के लिए निम्न नामों को एक सुझाव के तौर पर ले सकते हैं.
याद रखें कि नाम चुनते समय व्यक्तिगत पसंद और परंपराओं का महत्वपूर्ण होता है, इसलिए यह आपके परिवार और आपके स्वयं के मूड और समर्थन के आधार पर आधारित होना चाहिए।
रविवार को जन्म लेने वाले लोग दूसरों को प्रेरित करते हैं और अपने जीवम वे बहुत सफल होते हैं तथा काफी सफलताएं हासिल करते हैं. रविवार को जन्म लेने वाले लोगों का जीवन बहुत खुशहाल और सफल होता है. वे दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं. वे अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करते हैं और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाते हैं.
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सूर्य के गुणों से युक्त होते हैं और वे भीड़ का हिस्सा शायद ही बनकर रहें. वे हमेशा नेतृत्व करने का हौसला रखते है. ऐसे जातक जातक किसी की अधीनता स्वीकार नहीं करना चाहते हैं और न हीं किसी के अंदर कार्य करना पसन्द करते हैं. ये अपना रास्ता खुद बनाना चाहते हैं और इसमें अक्सर सफल भी होते हैं. ये अच्छे व्यवस्थापक और कठोर नियम कानून में रहने के अभ्यस्त होते हैं.
रविवार को जन्मे व्यक्ति सुन्दर नेत्रों वाले तथा आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक होते हैं. अपने इष्ट देव भगवान् सूर्य के तरह गंभीर व्यक्तित्व वाले होते हैं. अपने आकर्षक छवि जिसमे इनके व्यक्तित्व और बोलने की कला और दूसरे खूबियों के कारण अन्य लोगों को शीघ्र ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते है.
रविवार को जन्मे लोगों के लिए स्वाभिमान और आत्म सम्मान की भूख अधिक होती है. यह अपने आत्म-सम्मान और अपने सम्मान के लिए हर प्रकार की कुर्बानी के लिए तैयार रहते हैं. अपने रिश्तों के साथ हीं साथ अपने वातावरण के प्रति जहाँ ये रहते हैं, बेहद संवेदनशील होते है. किसी की अप्रिय या कड़वी बातों को भूलना इनके लिए आसान नहीं होता है और ये उसे अक्सर काफी दिनों तक भूल नहीं पाते हैं.
घूमने का शौक़ीन
रविवार को जन्मे जातक घूमने-फिरने के शौक़ीन होते हैं और एक जगह शायद ही स्थिर रहना चाहें. मजबूरी के कारण उन्हें ऐसा करना पड़े तो और बात है लेकिन स्वाभाव से ये घूमने के काफी शौक़ीन होते हैं और उसे पूरा भी करते हैं.
स्पष्ट बोलने वाले और निश्चल
रविवार को जन्मे व्यक्ति सामान्यत स्पष्ट बोलने वाले होते हैं और स्टेट फॉरवर्ड संबंधों में विश्वास करते हैं. न्यायप्रिय होते हैं लेकिन बल पूर्वक न्याय हासिल करना अपना धर्म समझते हैं. हालाँकि ये स्वभाव से निश्छल होते हैं और दूसरों का अहित सोच नहीं सकते हैं.
अनुशासन युक्त जीवन
रविवार को जन्मे जातकों में अनुशासन की भावना सर्वोपरि होती है और ये लोग खुद पर भी अनुशासन लागु करने में आगे रहते हैं. सफलता कहाँ तक मिलती है ये दूसरे बातों पर भी निर्भर करती है लेकिन अपनी ओर से अनुशासन में रहने इनकी प्राथमिकता और स्वाभाव होती है.
रविवार को जन्में लोग काफी महत्वाकांक्षी होते हैं. जीवन में ये बड़े-बड़े सपने देखते हैं और उसे पूरा करने के लिए अपनी ओर से पूर्ण कोशिश भी करते हैं. इनके पास दृढ इच्छा शक्ति होती है और इसकी मदद से ऐसे जातक अपने उदेश्यों को पूरा करने में जी जान लगा देते हैं और उसे पूरा भी करते है.
आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि रविवार को जन्मे लेने वाला बच्चा आकर्षक,प्रसन्न रहने वाला और बुद्धिमान होता है। सकारात्मक गुणों से भरपूर होने क्व साथ ही रविवार को पैदा होने बच्चा भाग्यशाली और खुश माना जाता है।
अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
नजरिया जीने का: पतझड़ भले हीं खराब मौसम या जीवन में नीरसता का पर्याय बन चुका है, लेकिन इसका मतलब यह तो कदापि नहीं हैं कि जीवन में पतझड़ का आना दुखों के आरंभ से है। पतझड़ में हम उसके इस संकेत को समझने को तैयार नहीं होते हैं कि हर अंत में छिपी होती है नई शुरुआत और हमें आने वाले सुनहरे भविष्य का संकेत छिपा होता है।
जरूरत इस बात की है कि जब जीवन में आए पतझड़, तब उम्मीदों के बीज बोने के लिए आप उत्साह के साथ तैयार हो जाएं।
याद रखें पतझड़ का मौसम हमें यह सिखाता है कि बहार के मौसम को छोड़ना भी ज़रूरी है क्योंकि जीवन का रीत भीं यहीं है। सुख और दुख, धूप और छांव हीं तो जीवन तो फिर बहार के बाद पतझड़ को इतना बदनाम क्यों करना।
पतझड़ तो हमें आता हैं यह सिखाने के लिएकि गिरना भी जीवन का हिस्सा है, पर फिर से खिलना हमारी ताकत है और इसके लिए हमें तैयार रहना है।
याद रखें, पतझड़ के मौसम में हर गिरा हुआ पत्ता याद दिलाता है कि नया मौसम आने वाला है और इसके साथ हीं यह संदेश भी छिपा है कि ज़िंदगी के पतझड़ में भी उम्मीद बची है क्योंकि अब बसंत दूर नहीं और उसके लिए आप तैयार हों जाएं।
किसी कवि ने कहा भी है
"दुख जाने के बाद सुख का
मूल्य और कुछ बढ़ जाता है
रोने वाला हीं गाता है।"
जीवन का दस्तूर भी यही है कि पेड़ अगर पत्ते छोड़ सकता है, तो हम भी दर्द छोड़ सकते हैं और आने वाले बेहतर कल के लिए आज के अंधियारे से डरना मूर्खता और अधीरता है। याद रखें, हर पतझड़ के बाद हरियाली लौटती है, बस थोड़ा धैर्य रखना होता है।
गिरना कभी भी जीवन में हार नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत है और जिसे हम जीवन का बंजर समझ रहे हैं, यह बसंत से पहले का पतझड़ है। याद रखें, जीवन में हर मौसम कुछ सिखाने आता है हां हमें उसे समझने को तैयार रहना होगा।
Born on Tuesday:ज्योतिष और कुंडली शास्त्र के अनुसार मंगलवार का सम्बन्ध प्लेनेट मंगल से होता है और हम सभी जानते हैं की मंगल को लाल प्लेनेट भी कहा जाता है. और यही वजह है की मंगल को जन्म लेने वाले लोग अक्सर साहसी, ऊर्जावान और दृढ़निश्चयी माने जाते हैं, और ऐसे लोग अपने प्रयासों में जल्दी हाँ स्वीकार नहीं करते हैं. मंगल के दिन जन्म लेने वाले जातकों का स्वामी मंगल ग्रह के प्रभाव के कारण उनमें नेतृत्व करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति और प्रतिस्पर्धी भावना होती है। आमतौर पर उत्साही और भावुक होने के साथ हीं उन्हें कभी-कभी अपनी निराशा को शांत करना और अपनी ऊर्जा को रचनात्मक रूप से निर्देशित का गुण अपनाना भी जरुरी होता है. आइये जानते हैं मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में मोटिवेटर और एस्ट्रोलॉजर हिमांशु रंजन शेखर से.
Born on Tuesday Famout Personalities
मंगलवार को जन्मे लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वे दृढ इच्छाशक्ति के मालिक होते हैं और अपने सपनों को वास्तविकता के धरातल पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ऐसे लोग सफलता के लिए तब तक प्रयास करते रहते हैं जब तक कि वे उसे प्राप्त नहीं कर लेते। अच्छे दिनों में, मंगलवार को जन्मे लोग बुद्धिमान, प्रेरित और निडर होते हैं, लेकिन बुरे दिनों में, वे जिद्दी और असुरक्षित हो सकते हैं। हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद, संगीतकार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी, फिल्म निर्देशक यश चोपड़ा, फिल्म अभिनेत्री करिश्मा कपूर, फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर.
मंगल गृह के स्वाभाव के अनुसार मंगलवार के दिन जन्मे लोग स्वभाव से गुस्सैल और बहादुर होते हैं और वे किसी भी खराब परिस्थिति में आसानी से हार नहीं मानते हैं. ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं. ये लोग कोई भी गलत बात स्वीकार नहीं कर पाते हैं. स्वभाव से ये लोग बहुत खर्चीले होते हैं. गुस्सैल स्वभाव के होने की वजह से यह लोग छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत गुस्सा करते हैं.इन लोगों के आसानी से दोस्त नहीं बनते हैं लेकिन अगर एक बार दोस्ती हो गई तो ये लोग दिल से निभाते हैं.
स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता:
मंगल को मंगलवार के साथ जोड़ा जाता है, और इसलिए इस दिन जन्मे लोग नेतृत्व की क्षमता और अग्रसरता रखते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है और वे लोगों को प्रेरित करने में माहिर होते हैं। वे समाज में अच्छी गाइडेंस कर सकते हैं और सामरिक परिस्थितियों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से, मंगलवार को जन्मे लोग अक्सर साहसी, ऊर्जावान और शक्तिशाली होते हैं।
उच्च ऊर्जा स्तर:
मंगल का प्रतीक्षित ज्वालामुखी तत्व होने के कारण, जो उच्च ऊर्जा स्तर को संकेत करता है, मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग उच्च ऊर्जा स्तर वाले हो सकते हैं। वे सक्रिय और उत्साही हो सकते हैं और अपने काम में प्रभावी हो सकते हैं। मंगलवार को जन्मे लोग जीवन के प्रति उत्साही होते हैं और नए अनुभवों के लिए तैयार रहते हैं।
क्रोधप्रवृत्ति:
मंगलवार को जन्मे लोगों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होती और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। मंगल ग्रह आपातकालीन स्थितियों का प्रतीक होता है और इसलिए मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के पास अधिक क्रोधप्रवृत्ति हो सकती है। वे छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा हो सकते हैं और उन्हें अपने क्रोध को नियंत्रित करना सीखना चाहिए।
ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं. ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को शौर्य, साहस, निर्णायक और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं.
मंगल वार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की यह सामान्य लक्षण हैं जिसे समान्यता: ज्योतिष और कुंडली की जानकारी पर दी गई है. हालाँकि यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति अद्वितीय होता है, इसलिए यह सुनिश्चित नहीं है कि सभी मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग इन लक्षणों से पूरी तरह से मेल खाते होंगे।
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नोट: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।
ढाबा स्टाइल राजमा एक ऐसी रेसिपी है जो आपके खाने में ढाबे जैसा स्वाद लाती है। यहाँ बताए गए तरीके से आप ढाबा के राजमा वाले टेस्ट को घर पर ही तैयार कर सकते हैं। इसे बनाना आसान है और इसे आप आधा घंटे में तैयार कर सकते हैं। इसे बनाना जितना आसान है, खाने मे यह उतना ही जबरदस्त है।
विश्वास करें, आप इसके टेस्ट मे बाजार या ढाबा मे बजे राजमा का टेस्ट पाएंगे। इसे सही मसालों और धीमी आंच पर पकाकर बनाया जाता है। आइए जानते हैं इसकी परफेक्ट रेसिपी:
सामग्री:
राजमा: 1 कप (रातभर पानी में भिगोए हुए)
प्याज: 2 मध्यम (बारीक कटे हुए)
टमाटर: 3 बड़े (प्यूरी बना लें)
हरी मिर्च: 2 (बारीक कटी हुई)
अदरक-लहसुन पेस्ट: 1 बड़ा चम्मच
घी या मक्खन: 3 बड़े चम्मच
तेल: 1 बड़ा चम्मच
जीरा: 1 छोटा चम्मच
हल्दी पाउडर: 1/2 छोटा चम्मच
धनिया पाउडर: 1 छोटा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर: 1 छोटा चम्मच
गरम मसाला: 1 छोटा चम्मच
कसूरी मेथी: 1 बड़ा चम्मच (भुनी और मसलकर)
नमक: स्वादानुसार
धनिया पत्ती: गार्निश के लिए
राजमा मसाला बनाने की विधि
1. राजमा उबालना:
भिगोए हुए राजमा को धोकर प्रेशर कुकर में डालें।
उसमें 4 कप पानी, 1/2 छोटा चम्मच नमक और एक चुटकी हल्दी डालें।
मध्यम आंच पर 4-5 सीटी आने तक पकाएं। (राजमा नरम होना चाहिए।)
2. मसाला बनाना:
एक कढ़ाई में तेल और घी गर्म करें।
इसमें जीरा डालें और चटकने दें।
बारीक कटी हुई प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
अदरक-लहसुन पेस्ट और हरी मिर्च डालें। भूनें जब तक खुशबू न आ जाए।
अब टमाटर की प्यूरी डालें और मसाले (हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर) डालकर अच्छे से भूनें।
मसाला तब तक पकाएं जब तक तेल अलग न होने लगे।
3. राजमा और मसाला मिलाना:
उबले हुए राजमा को मसाले में डालें।
साथ में राजमा का पानी (जिसमें उबाला था) डालें।
इसे धीमी आंच पर 15-20 मिनट तक पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें।
4. तड़का और गार्निश:
गरम मसाला और कसूरी मेथी डालें। अच्छे से मिलाएं।
2 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
ऊपर से धनिया पत्ती से गार्निश करें।
सर्विंग टिप्स:
इसे चावल, तंदूरी रोटी या पराठे के साथ गरमा-गरम परोसें।
ऊपर से एक चम्मच मक्खन डालकर इसे और स्वादिष्ट बनाएं।
श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ में प्रभु श्री राम की ऐतिहासिक, 77 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण हुआ है जो दुनिया में भगवान राम की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ, गोवा में स्थित प्रभु श्री राम की कांस्य प्रतिमा का आज अनावरण किया। खास बात यह है कि इस प्रतिमा को डिजाइन, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के डिजाइनर मशहूर मूर्तिकार राम सुतार हैं।
जानें प्रभु श्रीराम की प्रतिमा की खासियत क्या है?
77 फीट ऊंची प्रतिमा दुनिया में भगवान राम की सबसे ऊंची प्रतिमा है.
'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की प्रतिमा का डिज़ाइन करने वाले मशहूर मूर्तिकार राम सुतार ने यह भव्य प्रतिमा बनाई है.
रामायण पर आधारित एक थीम पार्क का उद्घाटन भी हुआ है।
श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळी जीवोत्तम मठ अपनी स्थापना की 550वीं वर्षगांठ मना रहा है।
श्रीमद नारायणतीर्थ स्वामीजी द्वारा इस मठ को 1475 में स्थापित किया गया था.
संस्थापक आचार्य श्री नारायण तीर्थ ने उत्तर भारत की अपनी यात्राओं के दौरान काशी में भी एक केंद्र स्थापित किया था।
दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन कोयंबटूर, तमिलनाडु में हुआ।
एक खेल, एक राज्य योजना
पूर्वोत्तर में उच्च प्रदर्शन वाले खेल विकास पर बल देने की योजना के तहत केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर), श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में "एक खेल, एक राज्य" दृष्टिकोण को और मज़बूत किया गया, जिसमें प्रत्येक भाग लेने वाले राज्य ने व्यापक, संपूर्ण विकास के लिए एक मुख्य खेल का चयन किया जिसमें प्रमुख हैं
विख्यात विद्वान और महान दार्शनिक डॉ एस राधाकृष्णन की एक फेमस कथन है जिसमें वह कहते हैं कि "हम भारतीयों के साथ सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि हम जानते तो सही हैं लेकिन करते गलत हैं." आपको विश्वास नहीं होगा कि आज पूरी मानव जाति की यही हकीकत बन कर रह गईं है। हमें खूब अच्छी तरह सही और ग़लत के बीच का फर्क पता होता है, लेकिन हम इस कदर खुद से अनभिज्ञ हो चुके हैं कि गलत को करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
महान विद्वान चाणक्य ने क्या खूब कहा है कि दूसरों की गलतियों से सीखों क्योंकि खुद की गलतियों से सबक सीखने में यह उम्र हीं छोटी पद जाएगी।पद जाएगी। अब आप समझ सकते हैं कि गलतियों से सीखना हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये कितना जरूरी है। यह ठीक है कि गलतियों का होना एक सामान्य बात है और यह भी यथार्थ है कि गलतियां वही करता जो काम करता है क्योंकि जो काम हीं नहीं करेगा भला वह क्या गलती करेगा। लेकिन गलतियों का दुहराया जाना भीं सही नहीं कहा जा सकता क्योंकि इससे आपके सुधार की गुंजाइश खत्म हो जाती है।
महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने कहा भी है कि "सीखने का सबसे अच्छा तरीका अपनी गलतियों से सीखना है।"
अपनी गलती को स्वीकार करें क्योंकि इससे आपके अंदर खुद को मजबूत और अधिक स्ट्रांग बनाने में मदद मिलेगी। जीवन में कभी भी खुद की गलतियों को सही ठहराने की कोशिश उसे नकारने की कोशिश न करें।
हाँ, यह याद रखें कि अपने से हुई सभी गलतियों पर गौर करें भले हीं तत्काल नहीं लेकिन बाद में हीं सही. गलती के कारणों का विश्लेषण करें उसका आत्मचिंतन करें कि आखिर किन परिस्थितियों में आपसे यह गलती हुई है और साथ हीं क्या यह वाकई में अनजाने में हुई गलती थी या किसी लापरवाही के कारन हुई थी।
याद रखें अपनी गलतियों का मूल्याङ्कन करते समय कोशिश करें कि यह ईमानदारी से आपके द्वारा किया गया प्रयास हो जो यह सुनिश्चित भी करें कि आगे ऐसी गलती न हो।
अपनी गलतियों से सबक सीखना नहीं भूले साथ ही उसकी पुनरावृति भविष्य में नहीं हो, इसपर भी ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि बिल गेट्स ने कहा है-"गलती करना और उससे सीखना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गलतियों को करने से ज्यादा जरुरी है कि हम उससे सबक लें और खुद को मजबूत बजाएं. विश्व प्रसिद्ध लेखिका - जे.के. राउलिंग की उस कथन को हमेशा याद रखें-"गलतियाँ हमें सिखाती हैं कि हम कैसे मजबूत बन सकते हैं।"
अपने द्वारा हुई गलतियों से सबक लेकर उसे दूर करना और उस पर विजय प्राप्त करना सबसे जरुरी है और परफेक्ट होने का लक्षण भी है. प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गलतियों के सन्दर्भ में कहना बिल्कुल सटीक था कि "अपनी गलतियों से सीखना ही सबसे बड़ा शिक्षक है।"
जीवन में सफल होने के लिए खुश रहना और प्रसन्नता बहुत जरूरी है क्योंकि अधूरे मन से आप सफलता की छोड़िए, दिन भी काटना मुश्किल हो जाएगी। सफलता के लिए खुश रहना एक महत्वपूर्ण कारक है क्योंकि जब आप प्रसन्न रहते हैं, तो आपके मन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है, जो आपको कठिनाइयों का सामना करने और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करती है। अगर आप उत्साह से लबरेज हैं और प्रसन्न हैं तो फिर आपके प्रयास सफलता का मार्गअवश्य प्रशस्त करेंगे। यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको प्रसन्न रहने में मदद कर सकते हैं:
1. आभार व्यक्त करें:
जीवन में हमें दूसरों के प्रति आभार करने से परहेज नहीं करना चाहिए। अपने जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, उसके लिए आभार व्यक्त करें। रोज़ाना कुछ मिनट निकालकर उन चीजों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं। आभार का भाव आपके मन में सकारात्मकता लाता है और छोटी-छोटी खुशियों को भी महसूस करने में मदद करता है।
2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ:
जीवनशैली हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और शारीरिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इससे आप ऊर्जावान और प्रसन्न महसूस करेंगे।
3. सकारात्मक सोच रखें:
जीवन में नकारात्मकता से दूर रहें और सकारात्मक सोच को अपनाएं। हर परिस्थिति में सकारात्मक पहलू को देखने का प्रयास करें। यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा और जीवन में सफल होने में मदद करेगा।
4. स्वयं के साथ समय बिताएं:
नियमित रूप से स्वयं के साथ समय बिताएं, ध्यान करें, या अपने शौक को पूरा करें। यह आपको अपने मन को शांत रखने और अपनी खुशी को पहचानने में मदद करेगा।
5. संबंधों में संतुलन बनाएं:
अच्छे संबंध हमारे जीवन में खुशियाँ लाते हैं। अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं, उनकी भावनाओं को समझें, और अपनी भावनाओं को साझा करें। संतुलित संबंध प्रसन्नता का एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
6. लक्ष्य निर्धारित करें और उन पर काम करें:
अपने जीवन में स्पष्ट और यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। जब आप अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करते हैं, तो आपको अपने जीवन में उद्देश्य का एहसास होता है, जो आपको प्रसन्न रखता है।
7. माफ करना सीखें:
किसी के प्रति द्वेष या क्रोध रखना आपकी प्रसन्नता को कम कर सकता है। माफ करने की कला सीखें, चाहे वह खुद के लिए हो या दूसरों के लिए। माफ करना आपको मानसिक शांति देता है और आपको प्रसन्न रखता है।
8. वर्तमान में जीना सीखें:
अतीत की गलतियों और भविष्य की चिंताओं से मुक्त होकर वर्तमान में जीना सीखें। हर पल को पूरी तरह से जीने का प्रयास करें, यह आपको जीवन की खुशियों का अनुभव कराएगा।
9. जीवन में विनम्रता और सादगी अपनाएँ:
विनम्र और सरल जीवन जीने का प्रयास करें। इससे आपके जीवन में अनावश्यक तनाव और चिंताएँ कम होंगी और आप अपने आप को अधिक प्रसन्न महसूस करेंगे।
10. हंसी-मजाक और मनोरंजन:
हंसी-मजाक और हल्के-फुल्के पलों का आनंद लें। हास्य आपके जीवन में प्रसन्नता लाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
इन टिप्स को अपनाकर आप अपने जीवन में प्रसन्नता को बढ़ा सकते हैं, जो अंततः आपके जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधान मंत्री मोदी ने हमेशा से ‘Vocal for local’ के मंत्र को साथ लेकर चलने की बात किया है. इसी सिद्धांत को आगे बताते हुए भारत ने अभी कुछ दिनों पहले G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जब विश्व के कई नेताओं को उपहार देने की बात आई, भारतीय शिल्प, कला और परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश ने विदेशी मेहमानों को खास उपहार प्रदान किया था. ये उपहार न केवल भारतीय शिल्प और कला का सम्मान था बल्कि, हमारे कारीगरों की प्रतिभा को Global मंच मिले इसके लिए प्रधान मंत्री का प्रयास भी था.
मन की बात कार्यक्रम के 128 संस्करण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दिनों पहले G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के कई नेताओं को दिए गए उपहार के अंतर्गत ‘vocal for local’ का चर्चा किया. प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने देशवासियों की ओर से विश्व के नेताओं को जो उपहार भेंट किए, उसमें इस भावना का विशेष ध्यान रखा गया।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को नटराज की कांस्य प्रतिमा
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को नटराज की कांस्य प्रतिमा भेंट की गई । ये तमिलनाडु के तंजावुर की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी चोल कालीन शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है।
कनाडा के प्रधानमंत्री को चांदी के अश्व की प्रतिकृति
कनाडा के प्रधानमंत्री को चांदी के अश्व की प्रतिकृति दी गई। यह राजस्थान के उदयपुर की बेहतरीन शिल्पकला को दर्शाती है।
जापान के प्रधानमंत्री को चांदी की बुद्ध की प्रतिकृति
जापान के प्रधानमंत्री को चांदी की बुद्ध की प्रतिकृति भेंट की गई। इसमें तेलंगाना और करीमनगर की प्रसिद्ध Silver Craft की बारीकी का पता चलता है।
इटली की प्रधानमंत्री Silver mirror
इटली की प्रधानमंत्री को फूलों की आकृतियों वाला silver mirror उपहार में दिया। ये भी करीमनगर की ही पारंपरिक धातु शिल्पकला को प्रदर्शित करता है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को Brass उरली
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को Brass उरली भेंट की गई ये केरला के मन्नार का एक उत्कृष्ट शिल्प है।
उन्होंने बताया की इसके पीछे मुख्य उद्देश्य था कि दुनिया भारतीय शिल्प, कला और परंपरा के बारे में जानें। और हमारे कारीगरों की प्रतिभा को Global मंच मिले।
Mann Ki Baat: मन की बात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक भारतीय रेडियो कार्यक्रम है जिसमें वे ऑल इंडिया रेडियो, डीडी नेशनल और डीडी न्यूज़ पर भारतीयों को संबोधित करते हैं। 3 अक्टूबर 2014 को कार्यक्रम का पहला शो प्रसारित हुआ जो आज दुनिया मे अपना इतिहास बना चुका है। इस कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं जिसके माध्यम से वह देश के नागरिकों के साथ बातचीत करते हैं और उनकी सोच, दृष्टिकोण और राष्ट्र के मुद्दों पर विचारों को साझा करते हैं।यह कार्यक्रम हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित किया जाता है, जिसमें प्रधानमंत्री विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हैं. हम यहाँ पर लाएं हैं आपके लिए मन की बात में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेखित विभिन्न पर्सनलिटी और स्थान पर आधारित GK Quiz जो प्रतियोगिता परीक्षा कि तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए खास रूप से तैयार किया गया है।
सऊदी अरब में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर गीता की प्रस्तुति की गई है।
यूरोप के लातविया में भी एक यादगार गीता महोत्सव आयोजित किया गया।
इस महोत्सव में लातविया, एस्टोनिया, लिथुआनिया और अल्जीरिया के कलाकारों ने बढ़-चढ़ करके हिस्सा लिया।
Natural Farming के एक विशाल सम्मेलन का आयोजन कोयंबटूर में हुआ था।
चौथा काशी-तमिल संगमम
2 दिसंबर से काशी के नमो घाट पर चौथा काशी-तमिल संगमम शुरू हो रहा है।
काशी-तमिल संगमम की थीम बहुत ही रोचक है – Learn Tamil – तमिल करकलम्।
पिछले हफ्ते मुंबई में INS ‘माहे’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
इसका ‘माहे’ नाम उस स्थान माहे के नाम पर रखा गया है, जिसकी एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत रही है। केरला और तमिलनाडु के कई लोगों ने इस बात पर गौर किया कि इस युद्धपोत का crest उरुमी और कलारिपयट्टू की पारंपरिक लचीली तलवार की तरह दिखाई पड़ता है।
Navy से जुड़े tourism
देश के पश्चिमी तट पर गुजरात के सोमनाथ के पास एक जिला है-दीव। दीव में ‘INS खुखरी’ को समर्पित ‘Khukhri Memorial and Museum’ है।
Goa में ‘naval aviation museum’ है, जो Asia में अपनी तरह का अनूठा संग्रहालय है।
Fort Kochi के INS द्रोणाचार्य में ‘Indian Naval Maritime Museum’ है। यहाँ हमारे देश की Maritime history और Indian Navy के evolution को देखा जा सकता है।
श्रीविजयापुरम जिसे पहले Port Blair कहा जाता था, वहाँ ‘समुद्रिका- Naval Marine Museum’ उस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को सामने लाने के लिए जाना जाता है।
कारवार के रवीन्द्रनाथ टैगोर beach पर Warship Museum में मिसाइलों और हथियारों की replica रखी गई हैं।
विशाखापत्तनम में भी एक submarine, helicopter और aircraft museum है, जो Indian Navy से जुड़ा है।
भगवान बुद्ध के पावन अवशेष
पिछले महीने ही National Museum से भगवान बुद्ध के पावन अवशेषों को को रूस के कलमीकिया ले जाया गया था। यहां बौद्ध धर्म का विशेष महत्व है।
इन पवित्र अवशेषों को मंगोलिया, वियतनाम और थाइलैंड भी ले जाया जा चुका है।
गडग जिला का संबंधी किस राज्य से है?
कर्नाटका के गडग जिले के लोगों ने भी मिसाल कायम की है। कुछ साल पहले यहाँ के दो गाँव की झीलें पूरी तरह सूख गईं। एक समय ऐसा भी आया जब वहाँ पशुओं के पीने के लिए भी पानी नहीं बचा।
धीरे-धीरे झील घास-फूस और झाड़ियों से भर गई। लेकिन गाँव के कुछ लोगों ने झील को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और काम में जुट गए।
Fit India Carnival
दिल्ली में एक और भव्य आयोजन ने लोगों को बहुत प्रेरणा दी है, जोश से भर दिया है। एक Innovative Idea के रूप में पहली बार Fit India Carnival का आयोजन किया गया।
Rapper Hanumankind (हनुमान काइन्ड)
मशहूर Rapper Hanumankind (हनुमान काइन्ड) का नया Song “Run It Up” काफी Famous हो रहा है। इसमें कलारिपयट्टू, गतका और थांग-ता जैसी हमारी पारंपरिक Martial Arts को शामिल किया गया है।
फगवा चौताल का संबंध किस राज्य से है?
यह फ़िजी का बहुत ही लोकप्रिय ‘फगवा चौताल’ है। ये गीत और संगीत हर किसी में जोश भर देता है। यह फ़िजी का बहुत ही लोकप्रिय ‘फगवा चौताल’ है।
Singapore Indian Fine Arts Society
यह एक संगठन है जो वर्षों से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है। भारतीय नृत्य, संगीत और संस्कृति को संरक्षित करने में जुटे इस संगठन ने अपने गौरवशाली 75 साल पूरे किए हैं।
Textile waste
Textile waste से निपटने में कुछ शहर भी अपनी नई पहचान बना रहे हैं। हरियाणा का पानीपत textile recycling के global hub के रूप में उभर रहा है।
बेंगलुरू भी Innovative Tech Solutions से अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। यहाँ आधे से ज्यादा Textile waste को जमा किया जाता है, जो हमारे दूसरे शहरों के लिए भी एक मिसाल है।
इसी प्रकार तमिलनाडु का Tirupur Waste Water Treatment और renewable energy के माध्यम से textile waste management में जुटा हुआ है।
2025 के योग दिवस का थीम क्या है?
साल 2025 के योग दिवस की theme रखी गई है, ‘Yoga for One Earth One Health’. यानि हम योग के जरिए पूरे विश्व को स्वस्थ बनाने की कामना करते हैं।
Somos India
Somos India नाम की team जिसके बारे मे प्रधान मंत्री ने चर्चा किया। Spanish में इसका अर्थ है - We are India. यह टीम करीब एक दशक से योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने में जुटी है। उनका focus treatment के साथ-साथ educational programmes पर भी है। वे आयुर्वेद और योग से संबंधित जानकारियों को Spanish language में translate भी करवा रहे हैं।
महुआ के फूल
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में महुआ के फूल से cookies बनाए जा रहे हैं।
राजाखोह गांव की चार बहनों के प्रयास से ये cookies बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। इन महिलाओं का जज्बा देखकर एक बड़ी company ने इन्हें factory में काम करने की training दी।
तेलंगना के आदिलाबाद जिले में भी दो बहनों ने महुआ के फूलों से नया experiment किया है। वो इनसे तरह-तरह के पकवान बनाती हैं, जिन्हें लोग बहुत पसंद करते हैं।
कृष्ण कमल
कृष्ण कमल एक शानदार फूल है जो गुजरात मे पाया जाता है।
गुजरात के एकता नगर में Statue of Unity के आसपास आपको ये कृष्ण कमल बड़ी संख्या में दिखेंगें।
ये कृष्ण कमल एकता नगर के आरोग्य वन, एकता नर्सरी, विश्व वन और Miyawaki forest में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।
श्री अब्दुल्ला अल-बारुन ने रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद किया है का संबंध किस देश से है- कुवैत
एरलिंदा गार्सिआ (Erlinda Garcia) जो युवाओं को भरतनाट्यम सिखा रही हैं और मारिया वालदेस (Maria Valdez) ओडिसी नृत्य का प्रशिक्षण दे रही हैं, उनका संबंधी किस देश से है- पेरू
Deer Women के नाम से किसे बुलाया जाता है?
अनुराधा राव, अंडमान निकोबार-अनुराधा राव, अंडमान निकोबार का नाता अंडमान निकोबार आइलैंड से रहा है। अनुराधा जी ने कम उम्र में ही Animal Welfare के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। तीन दशकों से उन्होंने हिरण और मोर की रक्षा को अपना mission बनाया। यहां के लोग तो उन्हें ‘Deer Woman’ के नाम से बुलाते हैं।
कार्थुम्बी छाता का संबंधी किस राज्य से है-केरल
कार्थुम्बी छाते’ को तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है।
किस देश सरकार ने अपने National Radio पर हिन्दी मे एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया?-कुवैत
किस देश ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी को सम्मान दिया है?
तुर्कमेनिस्तान
तुर्कमेनिस्तान में इस साल मई में वहाँ के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जन्म-जयंती मनाई गई। इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की भी है। ये गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है।
Araku coffee का संबंध किस राज्य से है?
आंध्र प्रदेश
ये अपने rich flavor और aroma के लिए जानी जाती है।
कब्बन पार्क का संबंधी किस शहर से है- बेंगलुरू
बेंगलुरू में एक पार्क है- कब्बन पार्क ! इस पार्क में यहाँ के लोगों ने एक नई परंपरा शुरू की है। यहाँ हफ्ते में एक दिन, हर रविवार बच्चे, युवा और बुजुर्ग आपस में संस्कृत में बात करते हैं। इतना ही नहीं, यहाँ वाद- विवाद के कई session भी संस्कृत में ही आयोजित किए जाते हैं। इनकी इस पहल का नाम है – संस्कृत weekend ! इसकी शुरुआत एक website के जरिए समष्टि गुब्बी जी ने की है।
30 जून को आकाशवाणी का संस्कृत बुलेटिन अपने प्रसारण के 50 साल पूरे कर रहा है।
Firefly
एक भारतीय space-tech start-up बेंगलुरू के Pixxel (पिक्सेल) ने भारत का पहला निजी satellite constellation – ‘Firefly’ (फायर-फ्लाई), सफलतापूर्वक launch किया है।
‘चिटे लुई’-मिज़ोरम
मिज़ोरम की राजधानी आइजवाल में एक खूबसूरत नदी है ‘चिटे लुई’, जो बरसों की उपेक्षा के चलते, गंदगी और कचरे के ढेर में बदल गई |
पिछले कुछ वर्षों में इस नदी को बचाने के लिए प्रयास शुरू हुए हैं |
इसके लिए स्थानीय एजेंसियां, स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग, मिलकर, save चिटे लुई action plan भी चला रहे हैं |
Spacde Docking करने वाला चौथा देश बना भारत
जब अंतरिक्ष में दो spacecraft connect किए जाते हैं, तो, इस प्रक्रिया को Space Docking कहते हैं।
यह तकनीक अंतरिक्ष में space station तक supply भेजने और crew mission के लिए अहम है।
भारत ऐसा चौथा देश बना है, जिसने ये सफलता हासिल की है।